चीन की सेना की कार्रवाई और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा तौर पर यथास्थिति बदलने की कोशिशें, द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन- रक्षा मंत्री
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री जनरल वेई फंगह्वा ने भारत चीन सीमा की घटनाओं और दोनों देशों के संबंधों पर विस्तार से बातचीत की है। दोनों मंत्रियों ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से अलग कल मास्को में मुलाकात की।
रक्षा मंत्री के कार्यालय ने बताया है कि श्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि चीन के सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती, उनका आक्रामक व्यवहार और यथास्थिति बदलने की एक तरफा कोशिश सहित चीन की सेना की कार्रवाई द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। श्री सिंह ने पिछले कुछ महीनों में भारत चीन सीमा क्षेत्र के पश्चिमी सेक्टर में गलवान घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घटनाक्रम को लेकर भारत की स्थिति से चीन के रक्षामंत्री को अवगत कराया।
रक्षामंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि एक तरफ जहां भारतीय सेनाएं हमेशा हीं सीमा प्रबंधन के प्रति जिम्मेदार दृष्टिकोण अपना रही हैं, वहीं भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अंखडता को संरक्षण प्रदान करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता भी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को नेताओं की सम्?मति से निर्देश लेना चाहिए कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए भारत चीन सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखना आवश्यक है और दोनों पक्षों को अपने मतभेद विवाद के रूप में नहीं बनने देना चाहिए।
ाजनाथ सिंह ने सलाह दी कि चीन को द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकोल के अनुसार पेंगोंग झील और सीमा क्षेत्र में तनाव कम करने सहित सभी संघर्ष वाले क्षेत्रों को पूरी तरह तनावमुक्त करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति से जिम्मेदार तरीके से निपटना चाहिए और किसी भी पक्ष को ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे स्थिति खराब हो या सीमा क्षेत्रों में तनाव बढ़े। श्री सिंह ने चीन को इस बात से भी अवगत कराया कि दोनों पक्षों को राजनयिक और सेना चैनलों सहित बातचीत जारी रखनी चाहिए ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूरी तरह तनाव दूर हो सके और पूरी तरह शांति बहाल हो सके।
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