तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन मिलने के नियमों में ढील
- माता पिता की मृत्यु के बाद भी होंगी पेंशन की हक़दार
नई दिल्ली। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन मिलने के नियमों में ढील दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी बेटी का अंतिम रूप से तलाक न भी हुआ हो, लेकिन उसने अपने पेंशनधारक माता या पिता के जीवित रहते हुये ही तलाक की याचिका दायर की हो तो भी वह पारिवारिक पेंशन लेने की हकदार होगी।
पेंशन और पेंशन धारक कल्याण विभाग के कुछ महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि पहले के नियमों से तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन तभी मिलती थी जब पेंशनधारक के जीवित रहते ही तलाक हो गया हो। उन्होंने कहा कि नये सर्कुलर से न केवल पेंशन लेने वालों का जीवन आसान होगा बल्कि समाज में तलाकशुदा बेटियों को सम्मान और समान अधिकार सुनिश्चित होगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि किसी भी दिव्यांग बालक या उसके भाई-बहन को दिव्यांग प्रमाण-पत्र पेंशन धारक माता-पिता के निधन के बाद जारी होने पर भी पारिवारिक पेंशन दिये जाने के आदेश जारी कर दिये गए हैं, लेकिन दिव्यांगता माता-पिता के निधन से पहले की होनी चाहिए। इसी तरह दिव्यांग पेंशन धारकों का जीवन आसान बनाने के लिए सहायक का परिचर भत्ता प्रति महीने साढ़े चार हजार से बढ़ाकर 6 हजार 700 रुपये कर दिया गया है।
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