केदारनाथ में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को लेकर यूकेपीसीबी ने जारी किए नोटिस
देहरादून। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) ने केदारनाथ मंदिर में पर्यावरण मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए केदारनाथ नगर पंचायत और लोक निर्माण विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यूकेपीसीबी ने कहा कि ये नोटिस राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का पालन करते हुए जारी किए गए हैं। इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने केदारनाथ में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन और मलजल निपटान तंत्र के निरीक्षण के दौरान गंभीर खामियां पाई थीं। टीम ने पाया कि कूड़ेदानों से एकत्र ठोस अपशिष्ट को अलग करके एक छोटे गड्ढे में एकत्र किया जाता था, जिसका निर्माण तकनीकी रूप से सही तरीके से नहीं किया गया था और न ही सीमेंट का फर्श बनाया गया था। यूकेपीसीबी के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने केदारनाथ नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी को भेजे नोटिस में कहा कि वहां ‘लीचेट' संग्रह की कोई सुविधा भी नहीं थी। उन्होंने बताया कि टीम को यह भी पता चला कि अनुपचारित सीवेज को मंदाकिनी और सरस्वती नदियों में बहाया जा रहा है। टीम ने पाया कि केदारनाथ में 600 केएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माणाधीन है और मलजल का निपटान गड्ढों में किया जाता है। टीम ने पाया कि कुछ स्थानों पर शौचालय के सोखने वाले गड्ढे जरूरत से ज्यादा भरे हुए थे और उनकी नियमित सफाई की आवश्यकता है। नोएडा में रहने वाले सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अमित गुप्ता की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी। उन्होंने बताया कि एसटीपी का काम पूरा करने की मूल समयसीमा दिसंबर 2024 थी, जो अब बढ़ाकर मई 2025 कर दी गई है। संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोई भी अनुपचारित सीवेज नदियों में न जाए। नोटिस में यह भी कहा गया है कि निर्माणाधीन एसटीपी की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि हर साल चार धाम यात्रा के दौरान केदारनाथ में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। नोटिस में कहा गया है कि केदारनाथ नगर पंचायत के ईओ और गुप्तकाशी में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता यदि निर्देशों का पालन नहीं करते तो पर्यावरण क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा और उन्हें अन्य कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही 30 अप्रैल को चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी। केदारनाथ मंदिर दो मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा।
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