ब्रेकिंग न्यूज़

 राष्ट्रपति ने  विवादों के समाधान के लिए पंचायतों को कानूनी अधिकार देने पर दिया जोर

नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विवाद समाधान तंत्र को ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित करने की जोरदार वकालत की, ताकि पंचायतों को गांवों में विवादों में मध्यस्थता करने और उन्हें सुलझाने के लिए कानूनी रूप से सशक्त बनाया जा सके। मुर्मू ने कहा कि गांवों में सामाजिक सद्भाव राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक शर्त है।
 मुर्मू ने यह भी कहा कि गांव में पारिवारिक या भूमि विवादों में मध्यस्थता करने वाले लोग सामाजिक रूप से सशक्त होते हैं, लेकिन उनमें कानूनी सशक्तीकरण का अभाव होता है, जिसके कारण ऐसे मामले ग्राम स्तर पर नहीं सुलझ पाते। राष्ट्रपति मुर्मू ने यहां मध्यस्थता पर प्रथम सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों के समाधान के दौरान, प्रभावित पक्षों को पता होता है कि मध्यस्थों के पास कानूनी शक्तियों का अभाव है, इसलिए वे निर्णयों से सहमत नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है, जहां ग्राम स्तर पर विवादों का समाधान वहीं हो जाए और माहौल खराब न हो तथा लोग सद्भावना से रहें। उन्होंने कहा कि कई बार विवाद बहुत बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई छोटे-मोटे मुद्दों को जमीनी स्तर पर ही सुलझाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना, भावी प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे। मुर्मू ने कहा कि शायद यह किसी चूक या समय की कमी के कारण हो सकता है कि गांव से लेकर उच्चतम न्यायालय तक न्यायिक व्यवस्था स्थापित नहीं हो पायी है। उन्होंने कहा कि गांवों में मध्यस्थता की व्यवस्था पहले से ही मौजूद है, लेकिन चूंकि अब लोग शिक्षित हो चुके हैं, इसलिए उन्हें पता है कि मध्यस्थों के पास कोई शक्ति नहीं है। मुर्मू ने कहा कि मध्यस्थता अधिनियम, 2023 सभ्यतागत विरासत को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘अब हमें इसमें गति लाने और इसके अभ्यास को मजबूत करने की जरूरत है।'' राष्ट्रपति ने कहा कि मध्यस्थता न्याय प्रदान करने का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो भारत के संविधान के मूल में है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता न केवल विचाराधीन विशिष्ट मामले में, बल्कि अन्य मामलों में भी बड़ी संख्या में मुकदमों के बोझ को कम करके न्याय प्रदान करने में तेजी ला सकती है। उन्होंने कहा कि इससे समग्र न्यायिक प्रणाली और अधिक कुशल बन सकती है तथा विकास के वे रास्ते खुल सकते हैं, जो अवरुद्ध हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यापार करने में सुगमता और जीवन जीने में सुगमता दोनों को बढ़ा सकती है। उन्होंने रेखांकित किया, ‘‘जब हम इसे इस तरह से देखते हैं, तो मध्यस्थता 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन जाती है।'' मुर्मू ने कहा कि भारत में न्यायिक तंत्र की एक लंबी और समृद्ध परंपरा है जिसमें अदालत के बाहर समझौता अपवाद से अधिक एक आदर्श था। उन्होंने कहा कि पंचायत की संस्था सौहार्दपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि पंचायत का प्रयास न केवल विवाद का समाधान करना था, बल्कि इसके बारे में पक्षों के बीच किसी भी कड़वाहट को दूर करना भी था। मुर्मू ने अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘यह हमारे लिए सामाजिक सद्भाव का एक स्तंभ था। दुर्भाग्य से, औपनिवेशिक शासकों ने इस अनुकरणीय विरासत को नजरअंदाज कर दिया, जब उन्होंने हम पर एक विदेशी कानूनी प्रणाली लागू की। नयी प्रणाली में मध्यस्थता और अदालत के बाहर समाधान का प्रावधान था और वैकल्पिक तंत्र की पुरानी परंपरा जारी रही, लेकिन इसके लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था।'' उन्होंने रेखांकित किया कि मध्यस्थता अधिनियम, 2023 उस खामी को दूर करता है और इसमें कई प्रावधान हैं, जो भारत में एक जीवंत और प्रभावी मध्यस्थता तंत्र का आधार रखेंगे। मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यस्थता केवल एक सुधार नहीं है, बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "अधिक मध्यस्थता, कम मुकदमेबाजी" मुख्य मंत्र होना चाहिए। मंत्री ने मौजूद लोगों को याद दिलाया कि रामायण में अंगद और महाभारत में भगवान कृष्ण ने मध्यस्थ की भूमिका निभायी थी और कहा कि मध्यस्थता भारतीय संस्कृति में अंतर्निहित है। सीजेआई खन्ना ने ‘मेडिएशन एसोसिएशन आफ इंडिया' की शुरुआत भी की, जिसके बारे में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यह मध्यस्थता अधिनियम 2023 के तहत प्रस्तावित भारतीय मध्यस्थता परिषद के निर्माण में उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english