चिनाब नदी पर बने सलाल बांध के सभी गेट बंद, स्थानीय लोग बोले- ‘हम सरकार के साथ’
नई दिल्ली। चिनाब नदी पर बने सलाल बांध के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं जिससे सोमवार को रियासी जिले में जलस्तर में उल्लेखनीय गिरावट आई है। वहीं रामबन में चिनाब नदी पर बगलिहार जलविद्युत परियोजना बांध के जल प्रवाह को भी रोका गया।
अब झेलम नदी के किशनगंगा बांध पर भी इसी प्रकार के कदम उठाने की योजना बना रहा भारत
वहीं भारत अब झेलम नदी के किशनगंगा बांध पर भी इसी प्रकार के कदम उठाने की योजना बना रहा है। उत्तर कश्मीर के किशनगंगा बांध और जम्मू संभाग के रामबन जिले में जल विद्युत बांध बगलीहार भारत को जल प्रवाह के समय को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करते हैं।
‘यह पीएम मोदी का सशक्त सिद्धांत’
एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत के हित में कठोर निर्णय लेने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यों से यह प्रदर्शित किया है। यह पीएम मोदी का सशक्त सिद्धांत है, जो आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ और अडिग है। पानी और हमारे नागरिकों का खून एक साथ नहीं बह सकता।
पाकिस्तान की तरफ पानी का प्रवाह रोका गया
वहीं दिनेश नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि हमें खुशी है कि सरकार ने पाकिस्तान की तरफ पानी का प्रवाह रोक दिया है। जिस तरह से पहलगाम में हमारे पर्यटकों को मारा गया, पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए। वह जो भी निर्णय लेंगे हम सरकार के साथ हैं।
पाकिस्तान को कई तरह से मुंहतोड़ जवाब दे रही है सरकार
एक अन्य स्थानीय व्यक्ति राधे शाम ने कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। सरकार का यह कदम बहुत अच्छा है। हमारी सरकार पाकिस्तान को कई तरह से मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हम सब सरकार के साथ हैं। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में भारी बारिश के बाद 2 मई को चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ गया था। बताना चाहेंगे कि पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों और नागरिकों के मारे जाने के बाद भारत ने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को रद्द करने का निर्णय लिया।
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