हर 3 में से 2 बुजुर्ग तकनीक से भ्रमित, 51% को डिजिटल बातचीत में गलती का डर
नई दिल्ली। देश के हर तीन में दो वरिष्ठ नागरिकों (66 फीसदी) को प्रौद्योगिकी भ्रमित करती है और आधे से अधिक बुजुर्ग आबादी (51 फीसदी) को ऐसा लगता है कि डिजिटल तकनीक से बातचीत के दौरान उनसे गलतियां हो सकती हैं। हेल्पएज इंडिया के एक हालिया अध्ययन से इसका खुलासा हुआ है। ‘अंडरस्टैंडिंग इंटर-जनरेशनल डायनेमिक्स ऐंड परसेप्शन ऑन एजिंग’ शीर्षक वाला अध्ययन 15 जून को होने वाले विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस से पहले शुक्रवार को जारी किया गया है।
अंतर पीढ़ीगत संबंधों और एक-दूसरे के परस्पर नजरिये को देखना के उद्देश्य के साथ यह अध्ययन 10 महानगरों और गैर महानगरों में किया गया था। सर्वेक्षण में कुल 5,798 लोग शामिल थे, जिनमें 70 फीसदी उत्तरदाता 18 से 30 साल आयु वर्ग वाले युवा थे और 30 फीसदी 60 फीसदी से अधिक के वरिष्ठ नागरिक थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, बुजुर्ग अपनी डिजिटल साक्षरता के लिए युवाओं को देखते हैं, जिनमें 54 फीसदी उनके बच्चे और 50 फीसदी पोते-पोतियां इसके लिए उनके मार्गदर्शक बनते हैं। मगर 78 फीसदी युवाओं को लगता है कि डिजिटल कौशल सीखने में बुजुर्गों का रवैया उदासीन है और 66 फीसदी युवाओं का मानना है कि वे भूल जाते हैं। सर्वेक्षण में शामिल 44 फीसदी बुजुर्गों को डिजिटल प्रौद्योगिकी के बारे में दोबारा पूछने में शर्म महसूस होती है, जबकि 24 फीसदी बुजुर्गों को लगता है कि इससे उपकरण खराब हो सकते हैं।
हेल्पएज इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी रोहित प्रसाद ने बताया, ‘भारत में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और पारिवारिक संबंध दमदार है। लगभग 86 फीसदी बुजुर्गों ने बताया कि उन्हें ऐसा महसूस होता है। मगर इसके पीछे एक चिंताजनक वास्तविकता भी है कि बुजुर्ग भावनात्मक रूप से काफी अलग-थलग महसूस करते हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी बातों को परिवार में तवज्जो नहीं दी जाती है।’डिजिटल उपकरणों और टूल्स तक पहुंच के मामले में अधिकतर बुजुर्गों (71 फीसदी) को बेसिक फीचर वाले मोबाइल फोन उपयोग करने में आसानी होती है और केवल 41 फीसदी बुजुर्गों ने बताया कि वे स्मार्टफोन चलाते हैं।
ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने वाले सिर्फ 5 फीसदी ही बुजुर्ग हैं और 13 फीसदी बुजुर्गों ने बताया कि वे कंप्यूटर चलाते हैं और 13 फीसदी बुजुर्गों ने ही सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में बताया।
ऑनलाइन सेवाओं की अगर बात करें तो 50 फीसदी बुजुर्गों ने बताया कि उन्होंने कभी भी बिजली, पानी, मोबाइल रिचार्ज आदि यूटिलिटी बिलों का ऑनलाइन भुगतान नहीं किया है। 45 फीसदी बुजुर्गों ने बताया कि उन्होंने कभी ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग नहीं किया है।
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