भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत, बेड़े में शामिल हुआ 90 फीसदी मेड इन इंडिया आईएनएस कवरत्ती
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश में विशाखापतनम के नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित समारोह में पनडुब्बी भेदी युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती को भारतीय नौसेना में शामिल किया। ये पोत किसी रडार की पकड़ में नहीं आएगा।
भारतीय नौसेना में ऐसे चार पनडुब्बी भेदी युद्धपोतों को शामिल करने के क्रम में ये चौथा युद्धपोत है। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में निर्मित कामोर्टा किस्म के पनडुब्बी भेदी युद्धपोत के डिजाइन पर ही इस युद्धपोत का निर्माण किया गया है। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने आईएनएस कवरत्ती को राष्ट्र को समर्पित किया। लक्षद्वीप समुह की राजधानी कवरत्ती के नाम पर इस युद्धपोत का नाम रखा गया है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि इस युद्धपोत के निर्माण में स्वदेशी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है जो आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय उद्देश्य का प्रतीक है। इस युद्धपोत के निर्माण में आधुनिक साजोसामान और कार्यप्रणाली का इस्तेमाल किया गया है जिससे वह परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध में भी पूरी तरह सक्षम सिद्ध होगा।
मंत्रालय के अनुसार युद्धपोत में लगे हथियार और सेंसर भी देश में ही तैयार किए गए हैं जिससे इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में राष्ट्र की क्षमता प्रदर्शित होती है। ये पोत पूर्वी नौसेना कमान के अंतर्गत पूर्वी बेड़े का एक अभिन्न अंग होगा। पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इनचीफ वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के सेवानिवृत्त अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेयर एडमिरल वी. के. सक्सैना और अऩ्य अधिकारी भी आईएऩएस कवरत्ती को नौसेना में शामिल करने के समारोह में उपस्थित थे।
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