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 सरकारी बैंकों में स्थानीय भाषा में जानने वाले अधिकारियों की भर्ती शुरू

नई दिल्ली। सरकारी बैंक अपनी ग्राहक सेवा को बेहतर करने के लिए स्थानीय भाषा में निपुण अधिकारियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया तेज कर रहे हैं। इसके अलावा कर्मचारियों को स्थानीय भाषा में प्रशिक्षित करने की भी तैयारी चल रही है। यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब शाखा कर्मचारियों में स्थानीय भाषा का ज्ञान न होने के कारण ग्राहकों को होने वाली असुविधाओं के मामले बढ़ रहे हैं।पिछले सप्ताह बैंक ऑफ बड़ौदा ने देश भर में 2,500 स्थानीय बैंक अधिकारियों की भर्ती करने के लिए विज्ञापन जारी किया था। उसमें कहा गया था कि गुजरात में 1,160, महाराष्ट्र में 485 और कर्नाटक में 450 स्थानीय बैंक अ​धिकारियों की नियु​क्ति की जाएगी। बैंकों में स्थानीय भाषा बोलने वाले कर्मचारियों की बढ़ती मांग के बीच स्थानीय भाषा में दक्षता को पात्रता मानदंड बनाया गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के भर्ती विज्ञापन में कहा गया है, ‘उम्मीदवारों को उस राज्य की स्थानीय भाषा में प्रवीण होना चाहिए जिसके लिए वे आवेदन कर रहे हैं।’ यानी उन्हें स्थानीय भाषा पढ़ने, लिखने, बोलने और समझने की काबिलियत होनी चाहिए। उम्मीदवारों को किसी खास राज्य के लिए ही आवेदन करने की अनुमति दी गई है।इनकी नियु​क्ति स्केल-1 अधिकारी अथवा कनिष्ठ प्रबंधन श्रेणी के कर्मचारी के तौर पर की जाएगी। उन्हें केवल उसी राज्य में अपनी सेवाएं देनी होंगी जिसके लिए उनकी नियुक्ति की जाएगी। उन्हें 12 साल अथवा स्केल-4 (मुख्य प्रबंधक ग्रेड) में से जो भी पहले हो, तक भर्ती किया जाएगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  कहा, ‘हम स्थानीय भाषा में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि हम अपने ग्राहकों को दूसरे बैंकों की ओर जाने नहीं देना चाहते हैं। विजया बैंक के साथ विलय के बाद हम स्थानीय भाषा में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी मई 2025 में एक विज्ञापन जारी कर स्थानीय भाषा में दक्षता रखने वाले 2,600 सर्किल बैंक अधिकारियों की भर्ती करने की घोषणा की है।
एसबीआई ने विज्ञापन में कहा था, ‘किसी विशेष सर्कल की रिक्तियों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को उस सर्कल की किसी भी निर्दिष्ट स्थानीय भाषा में कुशल होना चाहिए यानी उसे पढ़ने, लिखने और समझने का ज्ञान होना चाहिए।’ एसबीआई की कुल रिक्तियों में से 250 बेंगलूरु सर्कल के लिए, 240 अहमदाबाद के लिए और 200 भोपाल के लिए थीं।
बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सरकारी बैंक अपने कर्मचारियों को स्थानीय भाषा में प्रशिक्षित करने की भी योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा खास तौर पर ग्रामीण शाखाओं के लिए किया जा रहा है ताकि ग्राहक सेवा को बेहतर किया जा सके।
सरकारी बैंकों द्वारा यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब बैंक कर्मियों के स्थानीय भाषा में बातचीत करने में असमर्थता के कई मामले सामने आए हैं। उनकी इस असमर्थता से ग्राहक निराश हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, भारतीय स्टेट बैंक और केनरा बैंक जैसे बड़े सरकारी बैंक अपने मौजूदा कर्मचारियों को स्थानीय भाषा में प्रशिक्षण देने योजना बना रहे हैं।
एसबीआई के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने  कहा, ‘अखिल भारतीय स्तर पर भर्ती किए जाने वाले प्रोबेशनरी ऑफिसर, जूनियर ऑफिसर एवं अन्य स्तर के अधिकारियों को उस राज्य की स्थानीय भाषा में प्रशिक्षित किया जाएगा जहां उनकी नियुक्ति की गई है।’वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से ऐसे लोगों को तैनात करने के लिए कहा था जो ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए क्षेत्रीय भाषा में बोल और समझ सकें।
 

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