रेलवे में 'कैंसर ट्रेन' नाम की कोई ट्रेन नहीं चल रही: केंद्र सरकार
नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को बताया कि भारतीय रेलवे में 'कैंसर ट्रेन' नाम से किसी ट्रेन का परिचालन नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनके अनुसार, रेल मंत्रालय ने सूचित किया है कि ‘कैंसर ट्रेन' नाम की कोई ट्रेन भारतीय रेलवे के तहत नहीं चलाई जा रही है। मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार देशभर में कैंसर उपचार सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए ‘तृतीयक कैंसर देखभाल सुविधाओं को मजबूत करने' संबंधी योजना चला रही है। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (टीसीसीसी) की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। जाधव ने बताया कि प्रति राज्य कैंसर संस्थान के लिए अधिकतम 120 करोड़ रुपये और प्रति तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र के लिए 45 करोड़ रुपये की सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक इस योजना के तहत कुल 39 संस्थानों (19 एससीआई और 20 टीसीसीसी) को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें से पंजाब के अमृतसर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में एससीआई और फजिल्का के सिविल अस्पताल में टीसीसीसी शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर में रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी सेवाएं उपलब्ध हैं, जबकि फजिल्का के सिविल अस्पताल में कीमोथेरेपी सेवाएं दी जा रही हैं। उनके अनुसार, परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत टाटा मेमोरियल सेंटर ने पंजाब के संगरूर में सिविल अस्पताल परिसर में होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच) और न्यू चंडीगढ़ में होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (एचबीसीएच एंड आरसी) की स्थापना की है, जो कार्यरत हैं। पंजाब सरकार की मुख्यमंत्री पंजाब कैंसर राहत कोष योजना (एमएमपीसीआरकेएस) के अंतर्गत भी कैंसर उपचार सेवाएं फजिल्का, पटियाला, फरीदकोट और बठिंडा में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
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