भारत की पहली एलजीबीटीक्यू फिल्म ‘बदनाम बस्ती' मेलबर्न फिल्म महोत्सव में दिखाई जाएगी
नयी दिल्ली. मेलबर्न का भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफएम) अगले महीने अपनी विशेष ‘प्राइड सेलिब्रेटरी नाइट' में भारत की पहली एलजीबीटीक्यू (समलैंगिक) फिल्म ‘बदनाम बस्ती' प्रदर्शित करेगा। यह फिल्म 1971 में रिलीज हुई थी और इसका निर्देशन प्रेम कपूर ने किया था। नितिन सेठी, अमर कक्कड़ और नंदिता ठाकुर अभिनीत यह फिल्म सरनाम नाम के एक डाकू की कहानी है जो बांसुरी को हमले से बचाता है। बाद में वह मंदिर के कर्मचारी शिवराज को काम पर रखता है, जिससे तीनों के बीच एक गहरा रिश्ता बनता है। ऐसा माना जा रहा था कि कई फिल्म महोत्सव में कुछ समय के लिए दिखाए जाने के बाद फिल्म का प्रिंट कहीं खो गया, लेकिन बर्लिन में आर्सेनल इंस्टीट्यूट फॉर फिल्म एंड वीडियो आर्ट के अभिलेखागार में दो अमेरिकी ‘क्यूरेटर' - सिमरन भल्ला और माइकल मेट्जगर को 2019 में गलती से इसका 35 मिलीमीटर का प्रिंट मिल गया। दिसंबर 2024 में ‘द गार्डियन' के एक लेख के अनुसार, वे उसी उपनाम वाले एक अन्य निर्देशक की फिल्म तलाश रहे थे, तभी ‘बदनाम बस्ती' का प्रिंट उनके हाथ लग गया। यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, समलैंगिक-कामुक पहलुओं के हिसाब से फिल्म अपने समय के हिसाब से लिए काफी आगे थी। फिल्म को अब इस महोत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद निर्माता ओनिर की एक समलैंगिक प्रेम कहानी ‘वी आर फहीम एंड करुण' का ऑस्ट्रेलिया में प्रीमियर होगा। इस साल, आईएफएफएम में लगभग 75 फिल्में दिखाई जाएंगी।
आईएफएफएम की निदेशक मीतू भौमिक लांगे ने कहा, ‘‘आईएफएफएम में, हमारा मानना है कि सिनेमा में लोगों को जोड़ने और संवाद स्थापित करने की शक्ति है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जिस दुनिया में रहते हैं, उसकी सभी खूबसूरत विविधताओं को प्रतिबिंबित करें। यह ‘प्राइड नाइट' न केवल ‘क्वीर' पहचान का जश्न मनाने के बारे में है, बल्कि उस स्थान को पुनः प्राप्त करने के बारे में भी है जिससे भारतीय सिनेमा में ‘एलजीबीटीक्यू प्लस' समुदाय की कथाओं को लंबे समय से वंचित रखा गया है। ‘बदनाम बस्ती' और ‘वी आर फहीम एंड करुण' जैसी फिल्मों के माध्यम से हम समावेशी कहानी कहते हैं।'' महोत्सव का 16वां संस्करण 14 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाला है। ‘एलजीबीटीक्यू प्लस प्राइड नाइट' 22 अगस्त को निर्धारित है।
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