87 साल के हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पीएम मोदी ने दी बधाई
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज 87 साल के हो गए. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत (अब पाकिस्तान) के एक गांव में हुआ था. साल 2004 में वे पहली बार प्रधानमंत्री पद पर बैठे. वे 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उनके जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है.पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ”हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं. मैं उनके लंबे और स्वस्थ्य जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं |मौजूदा समय में मनमोहन सिंह राजस्थान से राज्यसभा के सांसद हैं. मनमोहन सिंह 1991 में असम से राज्यसभा सदस्य चुने गए. इसके बाद 1995, 2001, 2007 और 2013 में वो फिर राज्यसभा से संसद पहुंचे. 1998 से 2004 तक जब बीजेपी सत्ता में थी वो राज्यसभा में विपक्षी नेता भी थे. 1999 में उन्होंने साउथ दिल्ली से चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाए.1991 से 1996 तक मनमोहन सिंह ने भारत के वित्तमंत्री के रूप में काम किया. इसे भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक समय के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने आर्थिक सुधारों को लागू करने की उनकी भूमिका की सभी ने सराहना की थी. मनमोहन सिंह ने राष्ट्रमंडल प्रमुखों की बैठक और वियना में मानवाधिकार पर हुए विश्व सम्मेलन में 1993 में साइप्रस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का आपने नेतृत्व किया था. 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया. इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे.मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मेट्रिक की शिक्षा पास की और आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से हासिल की. 1957 में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री अर्जित की. इसके बाद 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल किया. उन्हें जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. 1971 में डॉ. सिंह वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार व 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे. पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में डॉ. सिंह ने शिक्षक के रूप में कार्य किया, जो उनकी अकादमिक श्रेष्ठता को दिखाता है
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