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 भारत-अमेरिका का सुपर उपग्रह ‘निसार’ 30 जुलाई को होगा लॉन्च

 

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नासा का संयुक्त मिशन ‘निसार’ उपग्रह 30 जुलाई को श्रीहरिकोटा से अपने निर्धारित समय शाम 5 बजकर 40 मिनट पर लॉन्च होगा। 1.5 बिलियन डॉलर का यह मिशन पृथ्वी की सतह की निगरानी में मददगार होगा। निसार उपग्रह हर 12 दिन में पृथ्वी की भूमि और बर्फीली सतहों को स्कैन करेगा और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में मदद करेगा।  इस मिशन को भारत के जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसरो ने बताया- ‘निसार उपग्रह अब लॉन्चिंग के लिए तैयार’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह को 30 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। 
पीएम मोदी के भारत को ‘विश्व बंधु’ बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप इस मिशन को लेकर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है ‘‘यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के भारत को ‘विश्व बंधु’ बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।’’उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘निसार केवल एक उपग्रह नहीं है, यह दुनिया के साथ भारत का वैज्ञानिक सहयोग है।’’
इसरो और नासा का संयुक्त मिशन 
इसरो ने सोमवार को एक्स पोस्ट में बताया कि निसार उपग्रह अब लॉन्चिंग के लिए तैयार है। इसे प्रक्षेपण यान जीएसएलवी- एफ16 सिस्टम में स्थापित कर दिया गया है। इसकी जांच हो चुकी है।  जीएसएलवी -एफ16 के माध्यम से निसार उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया जाएगा जिसका लाइव प्रसारण 30 जुलाई शाम 5 बजकर 10 मिनट शुरू होगा। जीएसएलवी -एफ 16 का प्रक्षेपण पांच बजकर 40 मिनट पर होगा। निसार इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का संयुक्त मिशन है। 
क्या करेगा निसार ? 
निसार की मदद से धरती के हर क्षेत्र पर नजर रखना संभव हो सकेगा। यह सैटेलाइट 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित होगा। यह एक अत्याधुनिक रडार सैटेलाइट है, जो बादलों और बारिश के बावजूद 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है। इसका उद्देश्‍य बाढ़, ग्‍लेशियर, कोस्‍टल इरोजन (तटीय क्षेत्रों में होने वाला कटाव) जैसी प्राकृतिक घटनाओं पर नजर रखना और उसकी पूर्व जानकारी देना है। इससे दुश्‍मन देशों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखी जा सकेगी। निसार की लागत करीब 1.3 बिलियन डॉलर (करीब 11,240 करोड़ रुपये) है। यह न केवल भारत और अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।
निसार उपग्रह दुनिया में अपनी तरह का पहला उपग्रहउल्लेखनीय है कि निसार उपग्रह दुनिया में अपनी तरह का पहला उपग्रह है जो प्रत्येक 12 दिनों पर समूची पृथ्वी की भूमि और बर्फीली सतहों को स्कैन करेगा। यह एक सेंटीमीटर स्तर तक की सटीक फोटो खींचने व प्रसारित करने में सक्षम है। इसमें नासा की तरफ से तैयार एल-बैंड और इसरो की ओर से विकसित एस-बैंड रडार लगाया गया है, जिन्हें विश्व में सबसे उन्नत माना जा रहा है। यह तकनीक प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन और बाढ़ की रियल-टाइम निगरानी में मदद करेगा। इसलिए भी इसे भारत के लिए खास तौर पर उपयोगी माना जा रहा है। यह मिशन न केवल प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और प्रबंधन में सहायक होगा बल्कि कृषि, जलवायु परिवर्तन और मिट्टी की नमी का सटीक अनुमान लगाने के लिए भी डाटा भेजेगा।
 

 

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