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 चेक जमा करने के कुछ ही घंटे में आ जाएगी राशि, आरबीआई चार अक्टूबर से लागू करेगा नई व्यवस्था

मुंबई.  भारतीय रिजर्व बैंक चार अक्टूबर से बैंकों में चेक जमा किए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर उसके समाशोधन के लिए एक नई व्यवस्था शुरू कर रहा है। इससे चेक जमा करने के कुछ ही घंटे में खाते में पैसा आ जाएगा। चेक को कुछ ही घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किया जाएगा और यह बैंक कार्यदिवस के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा। समाशोधन चक्र वर्तमान टी प्लस 1 यानी चेक जमा करने के बाद एक दिन से घटकर कुछ घंटे रह जाएगा। चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) वर्तमान में चेक का प्रसंस्करण दो कार्यदिवसों तक के चक्र में करता है।
 
सीटीएस चेक समाशोधन की एक इलेक्ट्रॉनिक विधि है। यह चेक को भौतिक रूप से लाने-ले जाने की व्यवस्था को समाप्त करती है। इसके बजाय, इसमें चेक से इलेक्ट्रॉनिक चित्र और आंकड़े लेकर उसे भुगतान करने वाले बैंक को भेजा जाता है। यह प्रक्रिया समाशोधन प्रक्रिया को तेज करती है और सुरक्षा बढ़ाती है। आरबीआई ने चेक समाशोधन की दक्षता में सुधार लाने और प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करने तथा ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सीटीएस को बैच में प्रसंस्करण की वर्तमान व्यवस्था को ‘ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट' यानी वास्तविक समय पर चेक को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजे जाने के साथ निरंतर समाशोधन में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। रिजर्व बैंक ने सीटीएस में निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान की शुरुआत के लिए एक परिपत्र जारी किया है। आरबीआई ने कहा, ‘‘सीटीएस को दो चरणों में निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान में बदलने का निर्णय लिया गया है। पहला चरण चार अक्टूबर, 2025 को और दूसरा चरण तीन जनवरी, 2026 को लागू किया जाएगा।'' सुबह 10:00 बजे से शाम चार बजे तक एक ही प्रस्तुति सत्र होगा।
 
बैंकों की शाखाओं द्वारा प्राप्त चेकों को स्कैन करके प्रस्तुति अवधि के दौरान तुरंत और लगातार समाशोधन के लिए भेजा जाएगा। आरबीआई के अनुसार, ‘‘प्रस्तुत किए गए प्रत्येक चेक के लिए, आहर्ता बैंक या तो सकारात्मक पुष्टि (भुगतान किये जाने वाले चेक के लिए) या नकारात्मक पुष्टि (भुगतान नहीं किये जाने चेक के लिए) करेगा।'' चरण एक (चार अक्टूबर, 2025 से दो जनवरी, 2026 तक) के दौरान, आहर्ता बैंकों को पुष्टि के लिए निर्धारित सत्र (शाम 7:00 बजे) के अंत तक, उनके पास प्रस्तुत चेकों की पुष्टि (सकारात्मक/नकारात्मक) करनी होगी, अन्यथा उन्हें स्वीकृत माना जाएगा और निपटान के लिए शामिल किया जाएगा। चरण दो (तीन जनवरी, 2026 से) में, चेकों की मद समाप्ति समय को टी प्लस 3 ‘क्लियर' घंटों में बदल दिया जाएगा। आरबीआई ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आहर्ता बैंकों द्वारा सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे के बीच प्राप्त चेकों की पुष्टि उन्हें दोपहर 2:00 बजे (सुबह 11:00 बजे से 3 घंटे) तक सकारात्मक या नकारात्मक रूप से करनी होगी। जिन चेकों की पुष्टि आहर्ता बैंक द्वारा निर्धारित तीन घंटों में नहीं की जाती है, उन्हें दोपहर दो बजे स्वीकृत माना जाएगा और निपटान के लिए शामिल किया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि निपटान पूरा होने पर, समाशोधन निगम प्रस्तुतकर्ता बैंक को सकारात्मक और नकारात्मक पुष्टि की जानकारी देगा। चेक प्रस्तुत करने वाला बैंक इसे प्रसंस्कृत करेगा और ग्राहकों को तुरंत भुगतान जारी करेगा। लेकिन यह भुगतान सफल निपटान के एक घंटे भीतर होगा। यह सामान्य सुरक्षा उपायों पर निर्भर करेगा। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों को चेक समाशोधन प्रक्रिया में बदलावों के बारे में पूरी तरह से अवगत करायें। बैंकों को निर्धारित तिथियों पर सीटीएस में निरंतर समाशोधन में भाग लेने के लिए तैयार रहने को भी कहा गया है।

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