राजनाथ ने विशाखापत्तनम में दो बहुउद्देशीय स्टील्थ फ्रिगेट का जलावतरण किया
विशाखापत्तनम . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान में दो बहुउद्देशीय स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को शामिल किया। उदयगिरि और हिमगिरि भारतीय नौसेना की नवीनतम अत्याधुनिक ‘प्रोजेक्ट 17ए' के तहत बने हैं और इनका जलावतरण ऐसा पहला अवसर है जब दो अलग-अलग शिपयार्ड में निर्मित अग्रिम पंक्ति के दो जंगी पोतों को एक साथ जलावतरण समारोह में शामिल किया गया। यह घटनाक्रम भारत के पूर्वी तट के बढ़ते समुद्री महत्व को रेखांकित करता है।
भारतीय नौसेना ने सोमवार देर रात को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दो अत्याधुनिक लड़ाकू जहाज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गए हैं, जो समुद्र में भारत की ताकत को और मजबूत करेंगे। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक उदयगिरि और हिमगिरि, परियोजना 17 (शिवालिक) श्रेणी के मध्यम आकार के अनुवर्ती पोत हैं, और दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टील्थ (रडार की पहुंच से बच निकलने की क्षमता), हथियार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जो गहन समुद्री परिस्थितियों में मिशनों की पूरी श्रृंखला को अंजाम देने में सक्षम हैं। उदयगिरि, प्रोजेक्ट 17ए युद्धपोत का दूसरा जहाज है और इसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा किया गया है। हिमगिरि, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा निर्मित पहला पी17ए जहाज है। दोनों ही युद्धपोत पहले के डिजाइनों की तुलना में बेहद अत्याधुनिक हैं। उदयगिरि को शुरुआत के बाद निर्मित होने वाला अपनी श्रेणी का सबसे तेज जहाज होने का गौरव भी प्राप्त है, जो भारतीय शिपयार्ड द्वारा अपनाई गई मॉड्यूलर निर्माण पद्धति का परिणाम है। करीब 6,700 टन वजनी पी17ए श्रेणी के फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट्स की तुलना में लगभग पांच प्रतिशत बड़े हैं। इनमें अधिक सुव्यवस्थित संरचना और कम रडार प्रतिबिंब (रडार क्रॉस सेक्शन) जैसी उन्नत विशेषताएं शामिल की गई हैं। इनमें भारतीय निर्माताओं द्वारा विकसित उन्नत हथियारों और सेंसरों को भी शामिल किया गया है।
इन पोत के हथियारों के समूह में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर तोप और 30 मिमी और 12.7 मिमी ‘क्लोज-इन' हथियार प्रणालियों का संयोजन शामिल है।
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