आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष और पारदर्शी होने चाहिए: वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत
नयी दिल्ली। अमेरिकी टैरिफ (शुल्क) को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि विश्व, व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पहले से अनुमान लगाये जाने योग्य वातावरण चाहता है तथा आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के लाभ के लिए होने चाहिए। विदेश मंत्री ने वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण जैसे मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा की जानी चाहिए।
जयशंकर ने शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रतिनिधित्व किया। इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिक्स समूह के कई अन्य नेताओं ने भाग लिया। यह शिखर सम्मेलन ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा व्यापार और टैरिफ पर वाशिंगटन की नीतियों के कारण उत्पन्न व्यापार व्यवधानों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया। जयशंकर ने कहा, सामूहिक रूप से दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पहले से अनुमान लगाये जाने योग्य वातावरण की तलाश कर रही है। साथ ही, यह भी जरूरी है कि आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के हित में हों।'' उन्होंने कहा, जब कई व्यवधान हों, तो हमारा उद्देश्य ऐसे झटकों से सुरक्षा प्रदान करना होना चाहिए। इसका अर्थ है अधिक लचीली, विश्वसनीय छोटी आपूर्ति शृंखलाएं बनाना।'' जयशंकर ने कहा कि दुनिया को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ‘रचनात्मक और सहयोगात्मक'' दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘बाधाएं बढ़ाने और लेन-देन को जटिल बनाने से कोई मदद नहीं मिलेगी। न ही व्यापार उपायों को गैर-व्यापारिक मामलों से जोड़ने से कोई मदद मिलेगी।'' विदेश मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स स्वयं अपने सदस्य देशों के बीच व्यापार प्रवाह की समीक्षा करके एक मिसाल कायम कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत का सवाल है, हमारे कुछ सबसे बड़े (व्यापार) घाटे ब्रिक्स भागीदारों के साथ हैं और हम शीघ्र समाधान के लिए दबाव बना रहे हैं।
हमें उम्मीद है कि यह अहसास आज की बैठक के निष्कर्षों का हिस्सा होगा।'' जयशंकर की टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह चीन के साथ भारत के बढ़ते व्यापार घाटे के बीच आई है। जयशंकर ने कहा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, समावेशी, न्यायसंगत और नियम-आधारित दृष्टिकोण के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें विकासशील देशों के लिए विशेष और विशिष्ट व्यवहार शामिल है। उन्होंने कहा, भारत का दृढ़ विश्वास है कि इसे संरक्षित और पोषित किया जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि आज दुनिया की स्थिति वास्तविक चिंता का विषय है।
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