शिवराज सिंह चौहान का ऐलान- मिलावटी उर्वरक-बीज पर लगेगी रोक, किसानों के हित सर्वोपरि
नई दिल्ली। किसानों के हितों की रक्षा और कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025 आज मंगलवार को नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इस दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। इसमें विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और आगामी रबी सीजन के लिए रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया।
अपने संबोधन में कृषि मंत्री ने कहा कि मिलावटी और खराब क्वालिटी के उर्वरक, बीज व कीटनाशकों की बिक्री किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जा रहे हैं और सभी राज्यों से सहयोग की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों का शोषण रोकना सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। केंद्रीय मंत्री ने किसानों की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि किसान कॉल सेंटर को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है और राज्यों को भी मजबूत शिकायत निवारण तंत्र विकसित करना होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को पूर्ण न्याय दिलाने के लिए उनकी शिकायतों का त्वरित और व्यापक समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का दायरा बढ़ाने का आग्रह किया ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और राज्य स्तरीय कृषि विस्तार तंत्र को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र किसानों तक आधुनिक कृषि ज्ञान और तकनीक पहुंचाने के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने सभी राज्यों और कृषि मंत्रियों से 3 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले विकसित कृषि संकल्प अभियान में सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। इसे उन्होंने “लैब से लैंड” विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी के लिए सभी राज्य कृषि मंत्रियों और अधिकारियों को बधाई दी और विश्वास जताया कि इन चर्चाओं के परिणाम आगामी रबी सीजन में ठोस लाभ देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों के कल्याण के लिए उनका अटूट समर्पण प्रेरणादायक है। साथ ही उन्होंने अपील की कि किसान और सभी हितधारक स्वदेशी को अपनाएं और यह सुनिश्चित करें कि ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों का लाभ गांव-गांव तक पहुंचे।


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