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 एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में ‘रूसी घुसपैठ’, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रूसी लड़ाकू विमानों के एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में कथित घुसपैठ पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन बैठक आयोजित की। यूरोप, मध्य एशिया और अमेरिका के लिए संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेंका ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि विश्व निकाय इस घटना से संबंधित किसी भी दावे की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं है और उसके पास घटनाओं के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं है। उन्होंने अपनी ब्रीफिंग पूरी तरह से सार्वजनिक स्रोतों से उपलब्ध जानकारी पर आधारित की।
 जेंका ने बताया कि सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को संबोधित शनिवार को लिखे एक पत्र में, एस्टोनिया ने दावा किया है कि तीन रूसी मिग-31 लड़ाकू विमान शुक्रवार को एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में 10 किलोमीटर तक घुस आए और 12 मिनट तक वहां रहे। उन्होंने बताया कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को दावा किया कि उसके विमानों ने फिनलैंड की सीमा पर स्थित करेलिया से कैलिनिनग्राद के एक हवाई अड्डे तक अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के नियमों का सख्ती से पालन करते हुए, तय उड़ान पथ से भटके बिना और एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किए बिना, अपनी निर्धारित उड़ान भरी।
 उन्होंने कहा, “हम सभी संबंधित पक्षों से जिम्मेदारी से काम करने, उपलब्ध माध्यमों का इस्तेमाल करने, तनाव कम करने और क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक जोखिम से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करते हैं। दुनिया इस तरह के खतरे को नियंत्रण से बाहर होते, यूक्रेन में विनाशकारी युद्ध के बढ़ने और विस्तार को बर्दाश्त नहीं कर सकती।”
 समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्टोनिया, सोमवार की बैठक में भाग लेने वाले अन्य यूरोपीय देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस पर एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने और तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रथम उप-स्थायी प्रतिनिधि, दिमित्री पोल्यांस्की ने इस बात से इनकार किया कि रूसी जेट विमानों ने एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है।
 उन्होंने यूरोपीय देशों पर ‘रूसो फोबिया’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “उनके (यूरोपीय नेताओं के) प्रयासों से, हमारे देश के प्रति मध्ययुगीन जैसी नफरत और रूस को अखिल यूरोपीय सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरे के रूप में चित्रित करने की आकांक्षा, हमारी आंखों के सामने, यूरोपीय देशों की व्यापक विचारधारा बनती जा रही है।”
 उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोसियों ने अब यह मान लिया है कि एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ के लिए रूस जिम्मेदार है। हमेशा की तरह रूस विरोध के अलावा कोई सबूत नहीं है।” संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज ने सुरक्षा परिषद में अपने पहले भाषण में कहा कि उनका देश और उसके सहयोगी ‘नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे।’
 एस्टोनिया नाटो का सदस्य है। वहीं, सुरक्षा परिषद के गैर यूरोपीय सदस्यों ने संयम और तनाव कम करने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप-स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने कहा कि चीन संबंधित पक्षों से शांत रहने और संयम बरतने, तथ्यों को स्पष्ट करने, बातचीत और संचार से संदेह दूर करने, गलतफहमी से बचने और स्थिति को बढ़ाने या बिगड़ने से रोकने का आग्रह करता है।इस बैठक का अनुरोध एस्टोनिया ने किया था, जिसे परिषद के पांच यूरोपीय सदस्यों, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस और स्लोवेनिया, ने समर्थन दिया।

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