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जुबिन गर्ग का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

गुवाहाटी. गायक जुबिन गर्ग का गुवाहाटी के बाहरी इलाके कमरकुची वन क्षेत्र में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गर्ग की बहन पाल्मे बोरठाकुर और संगीतकार राहुल गौतम ने तोपों की सलामी के बीच चिता को अग्नि दी। राहुल गौतम, जुबिन के शिष्य हैं। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान पुजारियों के मार्गदर्शन में गर्ग की बहन और उनके शिष्य ने चिता की सात बार परिक्रमा की और इस दौरान वहां मौजूद सभी लोग खड़े हो गए और नम आंखों से उन्होंने अपने प्रिय कलाकार को अंतिम श्रद्धांजलि दी तीन दशक के अपने करियर में गर्ग ने 38,000 से अधिक गीत गाए और लोगों के दिलों में जगह बनाई।
गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग अंतिम संस्कार के लिए बने चबूतरे के किनारे बैठी थीं और उनकी आखों से लगातार अश्रुधारा बह रही थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा उन्हें सांत्वना देते नजर आईं। गर्ग के 85 वर्षीय बीमार पिता मोहिनी मोहन बोरठाकुर परिवार के सदस्यों के साथ कुछ दूरी पर बैठे थे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी ज़ुबिन के प्रशंसकों में शामिल हैं और वह भी उस चबूतरे के पास खड़े देखे गए जहां पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। जैसे ही आग की लपटें आसमान की ओर उठीं, ‘ज़ुबिन, ज़ुबिन' के नारे हवा में गूंजने लगे और लोग उनका गाना ‘मायाबिनी रातिर बुकु' गाते नजर आए। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया। लोकप्रिय गायक को श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद असम पुलिस ने उन्हें तोपों की सलामी दी और बिगुल बजाया। इससे पहले गर्ग के पार्थिव शरीर को एक चबूतरे पर ले जाया गया और वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच चिता पर रखा गया। परिवार ने कुछ वैदिक अनुष्ठान किए और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, किरेन रीजीजू और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने चिता पर लकड़ियां रखीं। गर्ग की चिता पर चंदन के उस पेड़ की एक शाखा भी रखी गई जिसे उन्होंने 2017 में अपने जन्मदिन पर लगाया था। गायक का पार्थिव शरीर रविवार को लाया गया और प्रशंसकों के अंतिम दर्शन के लिए अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रखा गया। कमरकुची लाए जाने के बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए एक चबूतरे के पास एक बंद बॉक्स में रखा गया। असम पुलिस के जवानों की एक टीम ने ताबूत को कंधा दिया।
सोमवार रात से ही श्मशान स्थल के आसपास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए थे और पूरा इलाका 'ज़ुबिन अमर रहे', 'जय ज़ुबिन दा' जैसे नारों से गूंज उठा। लोग उनका गाना 'मायाबिनी रातिर बुकु' गुनगुनाते सुने गए। दरअसल गर्ग ने एक बार कहा था कि वह चाहते हैं कि उनके अंतिम संस्कार में यही गाना गाया जाए। उनकी पत्नी गरिमा सहित परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार स्थल पर गायक को श्रद्धांजलि अर्पित की। सोनोवाल, रीजीजू, मार्गेरिटा, शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दायमरी और कई कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने गायक के ताबूत पर पुष्पांजलि अर्पित की। अरुणाचल प्रदेश सरकार, असम साहित्य सभा (एएसएस), विभिन्न छात्र संघों, हातिमुरा कार्बी समाज, कलाकार मंच, जुबिन गर्ग फैन क्लब आदि के प्रतिनिधियों ने भी गर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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