कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर चला बुलडोजर
इंदौर। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के करीबी रहे कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर प्रशासन का बुलडोजर चला है। बाबा के आश्रम के कुछ हिस्सों को अवैध निर्माण बताकर गिरा दिया गया है। रविवार को आश्रम गिराने से कुछ देर पहले ही कंप्यूटर बाबा के नाम से मशहूर नामदेव त्यागी को मप्र पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कमलनाथ की अगुवाई वाली सरकार के समय बाबा नदी संरक्षण न्यास के अध्यक्ष बनाए गए थे। इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। आश्रम तोड़े जाने को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि इंदौर में बदले की भावना से कंप्यूटर बाबा का आश्रम व मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूं।
पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी क्षेत्र) महेशचंद्र जैन ने कहा कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में कंप्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण ढहाये जाने के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिए की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत यह कदम उठाया गया। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर बाबा और उनसे जुड़े छह अन्य लोगों को एहतियातन गिरफ्तार कर एक स्थानीय जेल भेजा गया है। एसपी ने बताया कि प्रशासन की जांच के दौरान कंप्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में दो एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और निर्माण प्रमाणित पाया गया था। एसपी के अनुसार यह आश्रम 40 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैला है और इसका मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 80 करोड़ रुपए आंका जा रहा है।
एसपी श्री जैन ने बताया कि राजस्व विभाग ने इस मामले में आश्रम के कर्ता-धर्ताओं पर कुछ दिन पहले 2,000 रुपये का अर्थदंड लगाया था और उन्हें शासकीय भूमि से अवैध निर्माण हटाने को कहा गया था। अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर प्रशासन ने आश्रम का सामान बाहर निकालकर अवैध निर्माण ढहा दिये जिनमें शेड और कमरे शामिल हैं। इस दौरान वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
बाबा ने निकाली थी लोकतंत्र बचाओ यात्रा
राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को संपन्न उप चुनावों से पहले कंप्यूटर बाबा ने अन्य साधु-संतों के साथ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकाली थी। कंप्यूटर बाबा राज्य में इससे पहले भी कांग्रेस के पक्ष में चुनावी अभियान चला चुके हैं। नर्मदा नदी की कथित बदहाली के प्रमुख मुद्दे पर उन्होंने नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ संतों को राज्य भर में लामबंद करने का अभियान चलाया था। लोकसभा के पिछले चुनावों में उन्होंने भोपाल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किये थे।
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