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 सरकार कृत्रिम मेधा क्षेत्र में नवोन्मेष पर देगी ध्यान, जरूरत पड़ने पर बनाएगी कानून: आईटी सचिव कृष्णन

नयी दिल्ली. सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस कृष्णन ने बुधवार को कहा कि सरकार की प्राथमिकता वर्तमान में कृत्रिम मेधा (एआई) क्षेत्र में नवोन्मेष है और जरूरत पड़ने पर वह कानून लाएगी। सचिव ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एआई का लाभ उठाना चाहती है कि इससे देश के लोगों को ज्यादा-से-ज्यादा लाभ मिले। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम मानते हैं कि नवोन्मेष को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, तो आज नियमन प्राथमिकता नहीं है। एआई क्षेत्र में नवाचार की बहुत आवश्यकता है। मैं फिर यह कहता हूं कि अगर कानून या नियमन की आवश्यकता पड़ी, तो सरकार इसमें कोई कमी नहीं रखेगी।'' सचिव ने इंडिया एआई मिशन के तहत एक उप-समिति द्वारा सरकार को सौंपी गई इंडिया एआई संचालन दिशानिर्देश रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर यह बात कही। रिपोर्ट में उन सिद्धांतों और रणनीतियों की सिफारिश की गई है जिन्हें सरकार को कृत्रिम मेधा से संबंधित मामलों के संचालन के लिए अपनाना चाहिए। 
कृष्णन ने कहा कि रिपोर्ट सरकार के रुख का समर्थन करती है और अभी कानून बनाने में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मानव-केंद्रित रुख पर ध्यान दे रहे हैं और मुझे यह जानकर बेहद खुशी हो रही है कि ये महत्वपूर्ण सिद्धांत एआई संचालन दिशानिर्देशों में शामिल हैं। स्पष्ट रूप से, मुझे लगता है कि यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण योगदान होगी, जो सरकार के इस दृष्टिकोण को फिर सामने रखती है कि हमारा ध्यान मुख्य रूप से नवाचार पर है और हम प्रौद्योगिकी के इस अवसर का उपयोग करना चाहते हैं।'' कृष्णन ने कहा कि एआई में नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने पर ध्यान जारी रहेगा। साथ ही सरकार लोगों को प्रौद्योगिकी से होने वाले प्रत्यक्ष और स्पष्ट नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। उप-समिति ने एआई संचालन के लिए सात सिद्धांतों की सिफारिश की है, जिनमें विश्वास, लोगों को प्राथमिकता, नवाचार, निष्पक्षता और समानता, जवाबदेही, ऐसे खुलासे और स्पष्टीकरण प्रदान करना शामिल है जिन्हें उपयोगकर्ता और नियामक समझ सकें और सुरक्षा, मजबूती तथा स्थिरता के लिए आवश्यक तत्वों का पालन करें। आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर बी. रवींद्रन की अध्यक्षता वाली समिति ने मोटे तौर पर उन अधिकांश उपायों की सिफारिश की है जिनका सरकार पहले से ही पालन कर रही है और एआई के संदर्भ में उपायों को और बेहतर बनाया है। समिति ने अल्पकालिक उपाय के रूप में प्रमुख प्रशासनिक संस्थानों की स्थापना, देश के हिसाब से एआई ढांचे का विकास, कानूनी संशोधनों का सुझाव, बुनियादी ढांचे तक पहुंच का विस्तार और एआई सुरक्षा नियमों तक पहुंच बढ़ाने जैसे सुझाव दिए हैं।
 

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