दक्षिण अफ्रीका G20 घोषणा-पत्र में भारत की मजबूत छाप, ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को मिला बड़ा मंच
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में जारी ‘लीडर्स डिक्लरेशन’ में भारत की 2023 G20 अध्यक्षता की प्रमुख उपलब्धियां स्पष्ट रूप से सामने आईं। इस वर्ष के घोषणा-पत्र में भारत की प्राथमिकताओं को न केवल दोहराया गया बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज को भी और मजबूती से उठाया गया।
घोषणा-पत्र में आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की गई है। यह वही मुद्दा है जिस पर भारत लगातार एक मजबूत वैश्विक सहमति की मांग करता रहा है। डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाते हुए दस्तावेज में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया गया। इसमें भारत की इस मांग को भी शामिल किया गया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उभरती तकनीकों का उपयोग सुरक्षित, भरोसेमंद और पारदर्शी तरीके से होना चाहिए।
महिला-नेतृत्व वाले विकास, जो भारत की अध्यक्षता का एक मुख्य स्तंभ था, को भी घोषणा-पत्र में व्यापक समर्थन मिला है। इसमें महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी और सशक्तिकरण बढ़ाने पर फिर जोर दिया गया है। आपदा प्रबंधन और लचीलापन बढ़ाने पर दक्षिण अफ्रीका का फोकस भी सीधे भारत की अध्यक्षता से जुड़ा है। भारत द्वारा बनाए गए डिसास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप के परिणाम इस वर्ष भी आगे बढ़ाए गए, और भारत की प्रमुख पहल-कोएलिशन फॉर डिसास्टर रेसिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI) को विशेष मान्यता दी गई।
खाद्य सुरक्षा पर भी भारत का प्रभाव स्पष्ट दिखा, जब 2023 में भारत में अपनाए गए डेक्कन हाई-लेवल प्रिंसिपल्स को फिर से दोहराया गया। स्वास्थ्य क्षेत्र में घोषणा-पत्र ने पारंपरिक और पूरक चिकित्सा पद्धतियों के महत्व को स्वीकार किया-जो नई दिल्ली घोषणा-पत्र की एक बड़ी उपलब्धि रही थी। वहीं जलवायु वित्त (क्लाइमेट फाइनेंस) के क्षेत्र में भारत को बड़ी सफलता मिली। दस्तावेज में कहा गया कि जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विकासशील देशों को 2030 तक लगभग ‘5.8–5.9 ट्रिलियन डॉलर’ की आवश्यकता होगी। साथ ही, भारत की LiFE (Lifestyle for Sustainable Development) पहल को भी वैश्विक रूप से बढ़ावा देने का आह्वान किया गया।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में व्यापक सुधार की भारत की मांग को भी घोषणा-पत्र में जगह मिली है, जिसमें इस महत्वपूर्ण संस्था को और प्रतिनिधिक बनाने पर जोर दिया गया है। कुल मिलाकर, दक्षिण अफ्रीका के इस घोषणा-पत्र में कई हिस्से भारत की नई दिल्ली G20 घोषणा के समान हैं, जिससे यह साफ होता है कि भारत वैश्विक एजेंडा और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में निरंतर नेतृत्व कर रहा है।









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