भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र का बड़ा कदम, 3 हजार एकड़ में बनाएगा रिसर्च एंड डेवलपमेंट कैंपस
नई दिल्ली। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र यानी बार्क (बीएआरसी) आंध्र प्रदेश में एक बड़ा रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) कैंपस बनाने की योजना बना रहा है। यह परियोजना भारत के न्यूक्लियर साइंस और एडवांस रिएक्टर टेक्नोलॉजी को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
कहां बनेगा कैंपस ?
यह प्रस्तावित कैंपस आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में बनेगा और इसका क्षेत्रफल तकरीबन 3,000 एकड़ होगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, बार्क ने इस परियोजना के लिए आंध्र प्रदेश सरकार से 148.15 हेक्टेयर जंगल की जमीन को उपयोग में लाने की अनुमति मांगी है।
किसने की प्रस्ताव की समीक्षा ?
मंत्रालय के एक्सपर्ट एप्रेजल कमेटी ने इस प्रस्ताव की समीक्षा की और इसको “सैद्धांतिक मंजूरी” देने की सिफारिश की, ताकि नई जमीन के पहले हिस्से को परियोजना के लिए दिया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि बार्क ने पहले ही 1,200 हेक्टेयर यानी लगभग 3,000 एकड़ राजस्व जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए प्राप्त कर ली है। प्रस्तावित जंगल की जमीन उस क्षेत्र के पास स्थित है, जो पहले से ही प्राप्त की गई जमीन से जुड़ी हुई है और यह कैंपस के पूरे लेआउट के लिए महत्वपूर्ण है।
स्वदेशी न्यूक्लियर इनोवेशन और क्लीन एनर्जी समाधानों पर जोर
यह नया कैंपस बार्क की न्यूक्लियर रिसर्च, रिएक्टर डेवलपमेंट और एडवांस एनर्जी टेक्नोलॉजीज में बढ़ती भूमिका को सपोर्ट करेगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब सरकार स्वदेशी न्यूक्लियर इनोवेशन और क्लीन एनर्जी समाधानों पर जोर दे रही है।
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स का डिजाइन और विकास शुरू
इस महीने की शुरुआत में सरकार ने संसद को बताया था कि बार्क ने पहले ही स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स का डिजाइन और विकास शुरू कर दिया है। इसमें 200 मेगावाट भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर, 55 मेगावाट स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर और हाइड्रोजन जनरेशन के लिए हाई-टेम्परेचर गैस-कूल्ड रिएक्टर शामिल हैं। इन रिएक्टर्स को आधिकारिक परमाणु ऊर्जा विभाग के साइट्स पर टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन के लिए बनाया जाएगा और परियोजना की मंजूरी के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने परमाणु क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है। भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग और रूस की रोसाटॉम के बीच बड़े और छोटे परमाणु पावर प्रोजेक्ट्स पर सहयोग की संभावनाओं पर बातचीत हुई है, जिसमें रूस द्वारा डिजाइन किए गए स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स को भारत में स्थापित करने और उपकरण निर्माण को स्थानीय स्तर पर बनाना शामिल है।






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