भारत ने 10 वर्षों में 2,362 मेगावाट बायोमास और 228 मेगावाट ‘अपशिष्ट-से-ऊर्जा' उत्पादन क्षमता जोड़ी
नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को लोकसभा को सूचित किया कि पिछले 10 वर्षों में सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत देश में 2,361 मेगावाट बायोमास ऊर्जा और 228 मेगावाट ‘कचरे से ऊर्जा' उत्पादन क्षमता जोड़ी गई है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘इसके अलावा, देश भर में विभिन्न स्थानों पर 2.88 लाख बायोगैस संयंत्र स्थापित किए गए हैं।'' नवंबर 2022 में, सरकार ने जैव ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना को समर्थन देने के उद्देश्य से 2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिए 998 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम (एनबीपी) प्रथम चरण को अधिसूचित किया। मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में बायोमास परियोजनाओं की स्थापित क्षमता शून्य है। ओडिशा, असम, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपशिष्ट-से-ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित नहीं हैं। इसके अलावा, दिल्ली, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, लद्दाख, चंडीगढ़ और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में कोई बायोगैस संयंत्र नहीं हैं।






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