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  मनरेगा के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश: शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को विपक्षी नेताओं की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वे सरकार की प्रमुख ग्रामीण रोजगार योजना को लेकर देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “मनरेगा के नाम पर गलत जानकारी फैलाकर देश को गुमराह किया जा रहा है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सच्चाई यह है कि विकसित भारत ग्राम योजना, मनरेगा से एक कदम आगे है। अब मजदूरों को केवल 100 दिन नहीं, बल्कि 125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी मिलेगी। बेरोजगारी भत्ते के प्रावधानों को और मजबूत किया गया है और यदि मजदूरी में देरी होती है, तो अतिरिक्त मुआवजा भी दिया जाएगा।”
 उन्होंने बताया कि सरकार ने ग्रामीण रोजगार योजना के लिए कुल आवंटन बढ़ाया है और विकसित गांवों के माध्यम से विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आत्मनिर्भर गांवों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। चौहान ने कहा कि यह बिल गरीबों और विकास के पक्ष में है।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हाल ही में पारित विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 का जोरदार समर्थन किया, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा।
 अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिखे गए एक लेख को साझा किया और उसका समर्थन किया, जो एक प्रमुख अखबार में प्रकाशित हुआ था। लेख का शीर्षक था- ‘नया रोजगार कानून सामाजिक सुरक्षा से पीछे हटना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सुधार करना है’।
 नागरिकों से इस लेख को पढ़ने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इस जरूर पढ़े जाने वाले लेख में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान बताते हैं कि यह बिल रोजगार गारंटी को बढ़ाकर, स्थानीय योजना को शामिल करके, मजदूरों की सुरक्षा और कृषि उत्पादकता के बीच संतुलन बनाकर, योजनाओं के एकीकरण, फ्रंटलाइन क्षमता को मजबूत करने और गवर्नेंस को आधुनिक बनाकर ग्रामीण आजीविका को कैसे रूपांतरित करने का लक्ष्य रखता है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि यह बिल सामाजिक सुरक्षा से पीछे हटना नहीं है, बल्कि उसका नया स्वरूप है।”
 संसद में इस सप्ताह हुई गरमागरम बहस और विपक्ष के विरोध के बीच पारित इस विधेयक के तहत हर ग्रामीण परिवार को सालाना मजदूरी आधारित रोजगार की कानूनी गारंटी 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दी गई है। अपने लेख में कृषि मंत्री ने विधेयक से जुड़ी प्रमुख आलोचनाओं का जवाब दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि योजना के मांग-आधारित स्वरूप को कमजोर करने की आशंकाएं निराधार हैं, क्योंकि यह कानून सरकार को न्यूनतम 125 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने का स्पष्ट निर्देश देता है।
 अप्रैल 2026 से लागू होने की तैयारी कर रही इस योजना को सरकार ‘विकसित भारत जी राम जी’ के रूप में विकसित भारत 2047 के विजन के अनुरूप एक आधुनिक सुधार मानती है, जिसका उद्देश्य लागू करने योग्य अधिकार, जवाबदेही और सतत विकास सुनिश्चित करना है। 

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