ब्रेकिंग न्यूज़

 वाजपेयी ने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अटल प्रतिबद्धता के साथ आधुनिक भारत को गढ़ा : उपराष्ट्रपति

 इंदौर (मध्यप्रदेश)।  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके सशक्त नेतृत्व, सुशासन और सैद्धांतिक दृढ़ता के लिए याद करते हुए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने रविवार को कहा कि वाजपेयी ने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अटल प्रतिबद्धता के साथ आधुनिक भारत को आकार दिया। राधाकृष्णन ने इंदौर में अटल बिहारी वाजपेयी जन्म शताब्दी समारोह में कहा,"अटलजी एक विराट व्यक्तित्व थे जिन्होंने सत्यनिष्ठा, बौद्धिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अटल प्रतिबद्धता के साथ आधुनिक भारत को आकार दिया।" उन्होंने कहा कि वाजपेयी की महान विरासत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं और वह वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में दृढ़ता से अग्रसर हैं।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे वाजपेयी की जयंती ‘सुशासन दिवस' के रूप में मनाई जाती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वाजपेयी हमेशा संवाद, समावेशी विकास और सशक्त, लेकिन मानवीय शासन में विश्वास रखते थे। उन्होंने कहा कि वाजपेयी के आदर्श आज भी देश को प्रेरित करते हैं और वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक प्रकाशपुंज की तरह हैं। राधाकृष्णन ने कहा कि वाजपेयी ने सांसद, कवि और प्रधानमंत्री के रूप में शालीनता और गरिमा के साथ सार्वजनिक विमर्श को ऊंचाई प्रदान की। उन्होंने कहा,‘‘अटलजी ने साबित कर दिखाया कि राजनीति सिद्धांतनिष्ठ और करुणामयी हो सकती है। एक सशक्त, आत्मविश्वास से भरे और वैश्विक स्तर पर सम्मानित भारत को लेकर उनका दृष्टिकोण आज भी हमारी राष्ट्रीय विकास यात्रा का मार्गदर्शन करता है।'' राधाकृष्णन ने वाजपेयी से उनकी मुलाकातों के अलग-अलग संस्मरण सुनाते हुए कहा कि उनका राजनीतिक दर्शन पूर्व प्रधानमंत्री के सान्निध्य और उनके साथ हुए संवाद से प्रभावित रहा है। उन्होंने वर्ष 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण और 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी की दृढ़ता का उल्लेख किया और कहा कि वह अपने नाम की तरह सदैव ‘अटल' रहे और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना को रेखांकित करते हुए कहा कि वाजपेयी ने ‘राष्ट्र निर्माता' के रूप में अवसंरचना विकास के अहम कार्यों की नींव रखी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वाजपेयी का उनके गृहराज्य तमिलनाडु से गहरा संबंध था। राधाकृष्णन ने कहा कि दक्षिण भारत के इस सूबे को कारों के विनिर्माण और निर्यात का बड़ा केंद्र बनाने में उन अवसंरचना व बंदरगाह विकास कार्यों का अहम योगदान है जो वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते शुरू किए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि वाजपेयी भाषाई विविधता को 'राष्ट्रीय शक्ति' के रूप में देखते थे और देश की सभी भाषाओं का विकास चाहते थे। सामाजिक संगठन ‘अटल फाउंडेशन' द्वारा आयोजित समारोह को मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी संबोधित किया और वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।  

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english