कोटद्वार में डिग्री कॉलेज की प्रोफेसर हुई 1.11 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की शिकार
कोटद्वार. उत्तराखंड में पौड़ी जिले के कोटद्वार स्थित राजकीय महाविद्यालय की एक वरिष्ठ प्रोफेसर को कथित रूप से 'डिजिटल अरेस्ट' कर साइबर ठगों ने उससे 1.11 करोड़ रुपये ठग लिए। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी । पौड़ी के अपर पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि पौड़ी जिले की अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी की घटना रविवार शाम सामने आयी जब प्रोफेसर डॉ बसंतिका कश्यप ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करायी । तहरीर के मुताबिक, व्हाट्सएप कॉल पर खुद को एक जांच एजेंसी का उच्चाधिकारी बताकर साइबर ठगों ने प्राणि विज्ञान की प्रोफेसर कश्यप को अपने झांसे में लिया और फिर उनके मन में इतनी दहशत पैदा कर दी कि वह लगातार 11 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रहीं । इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अपनी जमा-पूंजी गंवाई, बल्कि रिश्तेदारों से भी रकम उधार लेकर ठगों के हवाले कर दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइबर ठगों ने प्रोफेसर को व्हाटसएप कॉल कर उनके खिलाफ एक झूठी प्राथमिकी दिखाई और बताया कि कार्गो से आने वाले अवैध सामान में उनका नाम है और इसमें उनके आधार कार्ड का भी नंबर दिया हुआ है । पुलिस अधकारी के अनुसार ठगों ने उन्हें बताया कि उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है और इससे बचने के लिए उन्हें कुछ पैसे देने होंगे । पुलिस का कहना है कि मुकदमे के डर से कश्यप ने आठ दिसंबर से 19 दिसंबर तक अलग-अलग बैंक खातों में कुल एक करोड़ 11 लाख रुपये डाल दिए । साइबर ठगों ने प्रोफेसर को फिर डराया तथा 64 लाख रुपये की और मांग की । पुलिस के मुताबिक सारी जमा-पूंजी खत्म होने के बाद प्रोफेसर ने अपनी परेशानी अपने साथियों और कॉलेज के प्राचार्य से साझा की जिसके बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी । पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष अभी तक जिले के साइबर प्रकोष्ठ ने ठगी के एक करोड़ 45 लाख से अधिक की धनराशि लोगों को वापस दिलायी है। इस साल साइबर ठगी के सिलसिले में 60 मुकदमे दर्ज किए गए जिनमें से 44 आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई के तहत सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है ।

.jpg)




.jpg)

.jpeg)

Leave A Comment