पनडुब्बी रोधी पोत 'अंजदीप' नौसेना को सौंपा गया
नयी दिल्ली. पनडुब्बी रोधी पोत 'अंजदीप' को सोमवार को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी (पनडुब्बी रोधी उथले पानी का जहाज) में से तीसरा पोत चेन्नई में नौसेना को सौंप दिया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी पोत को जीआरएसई और मेसर्स एल एंड टी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली के सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) के तहत इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह सहयोगी रक्षा विनिर्माण की सफलता को दर्शाता है। लगभग 77 मीटर लंबाई वाला यह जहाज भारतीय नौसेना का सबसे बड़े वाटरजेट पोत है और अत्याधुनिक हल्के टॉरपीडो, स्वदेशी रूप से निर्मित पनडुब्बी रोधी रॉकेट और सोनार से सुसज्जित हैं। यह पानी के नीचे के खतरों का प्रभावी ढंग से पता लगाने और उनसे निपटने में सक्षम है। अधिकारियों ने बताया कि ये जहाज नौसेना की पनडुब्बी रोधी, तटीय निगरानी और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमताओं को मजबूत करेंगे। जहाज का नाम कर्नाटक के कारवार तट पर स्थित अंजदीप द्वीप से लिया गया है, जो भारत के विशाल समुद्री क्षेत्र की रक्षा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। ‘अंजदीप' की आपूर्ति भारतीय नौसेना के स्वदेशी जहाज निर्माण के प्रयासों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को साकार करती है। इसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह जहाज घरेलू रक्षा विनिर्माण पारिस्थिकी तंत्र के विकास और आयात पर निर्भरता कम करने का प्रमाण है।

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