कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा के कारण भारत 'हिंदू-मुस्लिम समस्याओं' का सामना कर रहा:गडकरी
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के धर्मनिरपेक्षता के विचार और उसकी वोट बैंक की राजनीति के कारण देश अब भी समाज में "हिंदू-मुस्लिम समस्याओं" का सामना कर रहा है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि अंग्रेजी शब्द "सेक्युलर" का हिंदी अर्थ "सर्व धर्म भाव" या ‘सभी के लिए न्याय, किसी का भी तुष्टिकरण नहीं' है, न कि "धर्मनिरपेक्ष" जैसा कि कांग्रेस ने "अपनी सोच के आधार पर" इसका वर्णन किया है। पूर्व भाजपा अध्यक्ष गडकरी ने कहा, ‘‘1947 के बाद कांग्रेस को देश पर शासन करने का अवसर मिला। अपनी विचारधारा के आधार पर उन्होंने कुछ बीज बोए... आजादी के बाद विभिन्न प्रकार की हिंदू-मुस्लिम समस्याएं सामने आईं।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस के "सेक्युलरवाद" और उसके द्वारा दिए गए विवरण ने ही इन समस्याओं को जन्म दिया है, जिनका सामना देश आज भी कर रहा है।
गडकरी ने कहा, "सेक्युलर शब्द का अर्थ शब्दकोश में देखिए। इसका अर्थ 'धर्मनिरपेक्ष' नहीं है। सेक्युलर का अर्थ है 'सर्व धर्म समभाव'। सभी के साथ न्याय और किसी का तुष्टीकरण न करना ही इसका सच्चा अर्थ है।" भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, "दुर्भाग्यवश 1947 के बाद धर्मनिर्पक्षता की परिभाषा के रूप में राजनीति में जो समस्या उत्पन्न हुई वह अब भी हमारे लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा वोट बैंक की राजनीति के तहत अपनाई गई नीतियों ने ही इन समस्याओं को जन्म दिया है। गडकरी यहां उदय माहुरकर द्वारा लिखित पुस्तक "माई आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट: रीडिफाइनिंग अनएलॉयड नेशनलिज्म" के विमोचन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अतीत में हुई "गलतियों" से सीखने के लिए इतिहास को याद करना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में वे दोहराई न जाएं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा कही गई बात को दोहराते हुए गडकरी ने कहा, "भारत एक सेक्युलर देश है, यह सेक्युलर था और सेक्युलर रहेगा।" उन्होंने कहा, "यह भाजपा-आरएसएस की वजह से नहीं है। यह भारतीय संस्कृति, हिंदू संस्कृति और सनातन संस्कृति की वजह से है, जिसमें हम कहते हैं 'विश्व का कल्याण हो'।" गडकरी ने नेहरू-गांधी परिवार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, "हम कभी नहीं कहते 'मेरा कल्याण हो, मेरे परिवार का कल्याण हो।" गडकरी ने कहा कि पूरे इतिहास में ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि किसी हिंदू राजा ने दूसरों के धार्मिक पूजा स्थलों को नष्ट किया हो। उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि यह हमारी संस्कृति नहीं है, हमारे आनुवंशिकी में नहीं है... हम 'अधिकारवादी' या 'विस्तारवादी' नहीं हैं।"






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