अपनों को छोड़ स्टार पर भरोसा करना पड़ा भारी, भाजपा के बागियों ने ही बाजी मारी!
नई दिल्ली। हरियाणा में ‘अबकी बार, 75 पार’ के नारे के साथ चुनाव में उतरी भारतीय जनता पार्टी का मिशन अधूरा रह गया है. भाजपा इस बार बहुमत के आंकड़े से दूर है, मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में बीजेपी को सिर्फ 40 सीटें हासिल हुईं. यानी सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत है. अगर नतीजों को देखें तो 7 सीटें निर्दलीयों के खाते में गई हैं और यही बीजेपी के बहुमत से दूर होने का कारण भी बने हैं. क्योंकि इनमें से चार विधायक वो हैं, जिन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया था.
हरियाणा में चुनाव से पहले टिकट वितरण के दौरान भाजपा ने खट्टर सरकार के प्रति एंटी इन्कम्बेंसी हटाने के लिए टिकटों को बदला. दूसरे दल से लोग आए, कई स्टार भी मैदान में उतरे. लेकिन इसी चक्कर में अपने नाराज़ हो गए. फरीदाबाद की पृथला सीट से नयन पाल रावतरू बीजेपी से टिकट ना मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा. बड़े अंतर से चुनाव जीता.
दादरी विधानसभा सीट से सोमबीर सांगवानरू इन्हें भी बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था, उनकी जगह बीजेपी ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट को मैदान में उतारा. लेकिन निर्दलीय लड़कर सोमबीर ने उन्हें ही मात दे दी. हालत ये रहे कि बीजेपी की बबीता तीसरे नंबर पर रहीं.
महम विधानसभा सीट से बलराज कुंडूरू बीजेपी ने इसबार उन्हें टिकट ना देकर शमशेर खरकड़ा को मौका दिया लेकिन ये बलराज कुंडू को रास नहीं आया और बाद में उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव जीत लिया. यहां बागी बलराज नंबर एक रहे तो बीजेपी नंबर तीन पर रही.
पुंडरी विधानसभा सीट से रणधीर सिंह गोलनरू भाजपा से टिकट ना मिलने के कारण बागी रुख अपनाने वाले रणधीर सिंह ने इस बार जीत दर्ज की है. 2014 में वह भाजपा के टिकट पर ही लड़े थे. यहां रणधीर पहले नंबर पर और बीजेपी के उम्मीदवार वेदपाल एडवोकेट तीसरे नंबर पर रहे.
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