नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद में पारित
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद में पारित हो गया है। राज्यसभा ने कल रात इस विधेयक को मंजूरी दी। विधेयक के समर्थन में 125 और विरोध में 105 सदस्यों ने मत पड़े। सदन ने विधेयक को मंजूरी देते समय विपक्षी दलों के संशोधनों को खारिज कर दिया। यह विधेयक लोक सभा में सोमवार को पारित हुआ था। लोकसभा में 311 सदस्यों ने इस के पक्ष में और 80 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया था।
विधेयक में नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन किया गया है और अफगानिस्तान, बंगलादेश तथा पाकिस्तान के छह समुदायों के अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का पात्र बनाया गया है। ये समुदाय हैं- हिन्दू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई।
राज्यसभा में विधेयक के बारे में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि यह मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को देश के नागरिक के रूप में सभी अधिकार मिलते रहेंगे।
श्री शाह ने पूर्वोत्तर राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि इस विधेयक से उनके हित प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषायी पहचान बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि यह कानून उन लोगों के जीवन में नई रोशनी लाएगा जिन पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में अत्याचार हो रहा है।
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