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रायपुरI मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया को 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' की स्थापना के लिए नवा रायपुर में 5 एकड़ जमीन देने की घोषणा की I
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रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने साइंस कॉलेज मैदान स्थित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंचे।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश हाइकोर्ट श्री रमेश सूरजमल गर्ग, आईसीएआई के वाइस प्रेसीडेंट श्री रंजीत कुमार अग्रवाल, लल्लूराम न्यूज़ के फाउंडर श्री नमित जैन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हैं। - रायपुर / नगरीय प्रशासन विकास एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया 6 अगस्त रविवार को विभिन्न विकास कार्यों के लोकर्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। जारी दौरा कार्यक्रम के अनुसार मंत्री डॉ. डहरिया सवेरे 10 बजे रायपुर से कार द्वारा प्रस्थान कर 11 बजे खरोरा में नगर पंचायत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। खरोरा से दोपहर 12 बजे प्रस्थान कर दोपहर 1 बजे ग्राम चटौद में आंतरिक मार्ग, सामुदायिक भवन में अतिरिक्त कमरा एवं रंगमंच निर्माण कार्य की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद मंत्री डॉ. डहरिया ग्राम चटौद से दोपहर 2 बजे प्रस्थान कर 2.30 बजे चंदखुरी पहुंचेंगे और वहां विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम पश्चात् मंत्री डॉ. डहरिया अपरान्ह 3.30 बजे चंदखुरी से प्रस्थान कर शाम 4 बजे आरंग में आयोजित स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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दुर्ग / स्कूल शिक्षा, सहकारिता, जलसंसाधन, पशुपालन, मछली पालन, पंचायत एवं आयकाट विभाग के केबिनेट मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के करकमलों से स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम उच्चतर विद्यालय, धमधा जिला दुर्ग के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन हुआ। मुख्य अतिथि श्री चौबे एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती की पूजा अर्चना तथा दीप प्रज्वलन के साथ उद्घाटन का कार्य संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने धमधावासियों को बधाई दी तथा क्षेत्र के विकास हेतु तथा विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए हर संभव मदद देने बाते कही। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के द्वारा निजी विद्यालयों के समान उत्कृष्ट शिक्षा, अधोसंरचना तथा सुविधाएं समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी उपलब्ध कराना छ.ग. शासन की इस योजना का उद्देश्य है। उन्हांेने अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को स्थानीय बोली तथा परंपराओं को अध्यापन एवं क्रियाकलापों में शामिल करने पर बल दिया। ताकि बच्चे हमारी संस्कृति एवं स्थानीयता पर बच्चे गर्व कर सके।
अध्यक्षता की आसंदी से बोलते हुए श्रीमती सुनीता गुप्ता अध्यक्ष नगर पंचायत धमधा ने शासन को इस भवन के लिए धन्यवाद दिया। बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत तथा लगन के साथ अध्ययन करें एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के सपनों को साकार कर धमधा नगर का नाम रोशन करने की कामना की। विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती अनिता जोसफ ने शालेय प्रतिवेदन का वाचन किया। विद्यालय के संचालन एवं अन्य गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड परीक्षा 2008 में विद्यालय के 100 प्रतिशत परिणाम जिसमें अधिकांश प्रथम श्रेणी का विशेष उल्लेख किया। विद्यालय के शिक्षकों की मेहनत व समर्पण को रेखांकित किया। विद्यालय के प्रति मंत्री श्री चौबे सभी कार्यों व लगाव के लिए धन्यवाद किया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल से मंत्री को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस अवसर पर श्री राजेन्द्र साहू अध्यक्ष दुर्ग जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, श्री राजीव गुप्ता, श्री शमशीर कुरैशी सभापति जिला पंचायत, श्री अशोक कसार उपाध्यक्ष नगर पंचायत धमधा, श्री मधुसूदन राणा, गणमान्य नागरिकण, पालकगण, प्राचार्य, शिक्षकगण तथा विद्यार्थीगण उपस्थित थे।विभागीय अधिकारी श्री बी. रघु सहायक संचालक, श्री अमित घोष सहायक संचालक, श्री विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी धमधा, श्री धरमलाल डेहरिया, श्री जगजीत सिंह धीर प्राचार्य सेजस रिसाली आदि की गरिमामय उपस्थिति थी। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय परिवार के सदस्य श्री कुमार विश्वकर्मा, श्री आदित्य साहू, श्री समकित जैन, श्रीमती पूजा सोनी, श्री विवेक भारदीय, श्रीमती भावना अग्रवाल, कुमारी आलिया, श्री शाश्वत पांडे, श्रीमती पी धालीवाल, श्री गजेन्द्र, श्रीमती सरिता, श्री पोषण, सभी स्टाफ तथा विद्यार्थियों का भरपूर सहयोग रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री राजीव गुप्ता ने किया। - -18सौ से अधिक पशुओं को रेडियम बेल्ट और लगभग डेढ़ हज़ार की टेगिंग भी हुई* सड़क पर मवेशियों को खुला छोड़ने पर एक हज़ार रुपए जुर्माना भी लगेगा*रायपुर / कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे द्वारा कल की मीटिंग में दिये गये सख़्त निर्देशों के बाद आज राजधानी रायपुर शहर ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे नगरीय निकायों मे भी खुले में घूम रहे मवेशियों की धरपकड़ पूरे दिन जारी रही। दो दिन में ही ज़िले में खुले में घूम रहे और सड़को पर बैठने वाले साढ़े आठ हज़ार से अधिक मवेशियों को पकड़ कर गौठानों- कांजी हाउसों में पहुँचाया जा चुका है । नगर निगम और पशुपालन विभाग के दल आज भी दिन भर खुले में घूमने वाले मवेशियों को रास्तों से पकड़ कर उठाने में लगे रहे। रायपुर शहर में टाटीबंध से लेकर वीआईपी रोड, बिलासपुर-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, जगदलपुर रोड, विधानसभा रोड, बीरगाँव निगम क्षेत्र तक आवारा पशुओं और खुले में सड़को पर घुम रहे मवेशियों को नगर निगम के अमले ने पकड़ पास के गौठान और कांजी हाउस पहुँचाया। रायपुर ज़िले के तिल्दा नेवरा नगर पालिका, बिलासपुर-रायपुर मार्ग पर सरोरा, उरला, पथरीडीह में भी रोका-छेका अभियान के तहत आवारा और सड़क पर घूम रहे मवेशियों को पकड़ गौठान में भेजा गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर रसनी, बैहार, आरंग, पारागाँव, जगदलपुर मार्ग पर उपरवारा मोड़ पर भी खुले में घूम रहे पशुओं की धर पकड़ की गई। इस दौरान पशुपालन विभाग के अधिकारियों, पशु चिकित्सकों और नगर निगम के मेल ने आवारा मवेशियों के गले में रेडियम बेल्ट भी डाला। ताकि रात के समय गाड़ियो की लाइट से बेल्ट चमकने से सड़क दुर्धटनाओं को रोका जा सकें। पशुपालन विभाग के कर्मचारियों ने पशुओं की टेगिंग भी की ताकि ऐसे पशुओं की पहचान की जा कर आगे उनके मालिकों के विरुद्ध करवाई की जा सके। पिछले दो दिनों में ही रायपुर ज़िले में लगभग 18 सौ से अधिक पशुओं को रेडियम बेल्ट पहनाये गए है और लगभग डेढ़ हज़ार पशुओं की टेगिंग की गई है । खुले में घूम रहे मवेशियों की धर पकड़ में स्थानीय पार्षदों, सरपंचों और जनप्रतिनिधियों की भी सहायता ली जा रही है ।पशुपालकों से वसूला जाएगा एक हजार रुपये जुर्माना, कलेक्टर ने जारी किया आदेशजिले में सड़़क पर आवारा पशुओं के विचरण पर रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों द्वारा सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, उद्यानों में विचरण करते पाए जाने पर संबधित पशुपालकों से एक हजार रूपये जुर्माना वसूला जाएगा और पशुओं को निकटतम कांजी हाउस भेजा जाएगा। पुनरावृत्ति होने पर पांच सौ रूपये जुर्माना राशि ली जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आदेश भी जारी किया है। ग्राम पंचायत के सचिव को इस कार्य के लिए अधिकृत किया गया है। साथ ही पशु अतिचार अधिनियम के तहत् पशुपालकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।रेडियम लगाने और टैगिंग करने में रायपुर का पहला स्थानबैठक में पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि रेड़ियम बेल्ट और टैगिंग लगाने की कार्रवाई की जा रही है जिसमें रायपुर जिला प्रथम स्थान पर है। जिले में अब तक 1 हजार 769 आवारा पशुओं को रेडियम बेल्ट लगाया गया है और 1 हजार 406 पशुओं में टैगिंग की गई है। साथ ही 8 हजार 687 पशुओं को गौ-शाला और गौठानों में शिफ्ट किए गए है।नगर निगम ने विभिन्न जोन में आवारा पशुओं के विचरण रोकने बनाई कार्ययोजनानगर निगम रायपुर के अधिकारियों ने बताया कि आवारा पशुओं से मुक्त कराने के निरीक्षण के लिए मॉनिटरिंग समिति गठित की गई है। साथ ही सभी जोन के चिन्हित स्थान पर आवारा पशुओं के न पाए जाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। निगम क्षेत्र के पशु पालकों को अपने पशुओं को गौशाला में रखने की समझाइस दी जाएगी। इसकें अलावा दो पालियों में काऊ कैचर गाड़ी एवं संबंधित टीम भेजकर कार्रवाई की जाएगी पशुओं को पकड़ कर गौठान और कांजी हाउस में रखा जाएगा। पशुओं को कांजी हाउस और गौठानों में शिफ्ट किया जाएगा और पशुपालक की सहमति पत्र और अर्थदंड के साथ ही पशुओं मुक्त किया जाएगा। कांजी हाउस और गौठान में पशुओं के चारा-पानी तथा अस्वस्थ्य पशुओं के ईलाज की व्यवस्था की गई है।
- -अमानक नमूने वाले खाद-बीज के लॉट के विक्रय पर प्रतिबंध-विक्रेता संस्थानों को कारण बताओ नोटिसरायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा राज्य में रासायनिक उर्वरकों, बीज एवं कीटनाशक औषधि की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने इलाकों में लगातार दबिश देकर बीज, खाद और कीटनाशक औषधियों के सेम्पल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है। खरीफ सीजन 2023 में अब तक राज्य में बीज के 89 नमूने तथा रासायनिक उर्वरक के 25 नमूने अमानक पाए गए हैं, जिनके लाट के विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के साथ ही संबंधित फर्मों को कृषि विभाग ने नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है।अपर संचालक कृषि (उर्वरक) श्री एस.सी. पदम ने बताया कि खरीफ सीजन 2023 में बीज के 5000, उर्वरक के 3500 तथा पौध संरक्षण औषधि के 556 नमूने लिए जाने का लक्ष्य है। विभागीय अधिकारियों की टीम द्वारा अब तक बीज के 3958 नमूने लिए गए हैं, जिन्हें प्रयोगशाला भेजकर परीक्षण कराया गया है। परीक्षण में 3762 नमूने मानक स्तर के तथा 89 अमानक स्तर के पाए गए हैं, जबकि 107 नमूने अभी परीक्षण की प्रक्रिया में हैं।इसी तरह रासायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच-पड़ताल के लिए कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षकों द्वारा 3006 नमूने विभिन्न संस्थानों से एकत्र कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं, अभी तक प्राप्त रिपोर्ट में 1267 नमूने मानक स्तर के तथा 25 नमूने अमानक स्तर के मिले हैं। 1566 नमूने अभी जांच की प्रक्रिया में हैं, जबकि 148 नमूने कतिपय कारणों से निरस्त कर दिए गए हैं। अमानक बीज एवं खाद के लाट के विक्रय को विभाग द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के साथ संबंधित संस्थाओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। कृषि विभाग की टीम कीटनाशक औषधियों के गुणवत्ता की भी लगातार जांच कर रही है। जांच पड़ताल टीम ने अब तक कुल 84 सेम्पल विभिन्न फर्मों से लिए हैं, जिसमें से 30 सैम्पल मानक स्तर के और 3 अमानक पाए गए हैं। 37 सैंपल अभी जांच की प्रक्रिया में हैं, जबकि 14 सैंपल कतिपय कारणों से निरस्त हुए हैं।
- -धान की 87 प्रतिशत बोनी पूरीरायपुर / राज्य में खरीफ फसलों की बुआई अंतिम चरण में पहुंच गई है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक धान, अन्य अनाज के फसलों सहित तिलहन और साग-सब्जी की बुआई 37 लाख 50 हजार 140 हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि चालू खरीफ सीजन के लिए निर्धारित बोआई के लक्ष्य का 78 प्रतिशत है। अब तक राज्य में 31 लाख 46 हजार हेक्टेयर में धान, एक लाख 89 हजार 190 हेक्टेयर में मक्का, 49 हजार हेक्टेयर में कोदो, कुटकी एवं रागी, एक लाख 52 हजार 220 हेक्टेयर में दलहन, 84 हजार 750 हेक्टेयर में तिलहन तथा एक लाख 19 हजार 180 हेक्टेयर रकबे में साग-सब्जी एवं अन्य फसले तथा 9 हजार 670 हेक्टेयर में गन्ने की बुआई पूरी कर ली गई है।राज्य में खरीफ सीजन 2023 में 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बुआई का लक्ष्य है, जिसमें 36 लाख हेक्टेयर में धान, 4 लाख एक हजार हेक्टेयर में मक्का सहित कोदो-कुटकी, रागी की फसलें, 4 लाख 48 हजार 180 हेक्टेयर में दलहन, 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर में तिलहन तथा 2 लाख 9 हजार हेक्टेयर में तिलहन तथा 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध अब तक धान की बोता-बोनी 24 लाख 70 हजार 210 हेक्टेयर में की जा चुकी है। इसी तरह राज्य में 6 लाख 75 हजार 870 हेक्टेयर में धान का रोपा लगाया गया है। धान की बोता और रोपा बोनी को मिलाकर कुल 31 लाख 46 हजार हेक्टेयर में धान की बुआई हो चुकी है, जो कि धान बोनी के लक्ष्य का 87 प्रतिशत है।दलहन फसलों के अंतर्गत अरहर की बोनी 78 हजार 610 हेक्टेयर में, मूंग की 7 हजार 820 हेक्टेयर में, उड़द की 65 हजार 500 तथा कुल्थी की बोनी 290 हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि दलहनी फसलों के लिए निर्धारित 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर बोनी के लक्ष्य का 42 प्रतिशत है।इसी तरह खरीफ सीजन 2023 में तिलहन फसलों के अंतर्गत अब तक राज्य में 40 हजार 460 हेक्टेयर में मूंगफली, 11 हजार 410 हेक्टेयर में तिल, 31 हजार 540 हेक्टेयर में सोयाबीन, 1160 हेक्टेयर में रामतिल, 180 हेक्टेयर में सूरजमुखी एवं अरण्डी की बोनी हो चुकी है, जो कि तिलहन फसलों की बोनी के लक्ष्य का 41 प्रतिशत है। साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की बोनी एक लाख 19 हजार 180 हेक्टेयर में की गई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 48 प्रतिशत है।
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-मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ट्वीट कर दी जानकारी
रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जूनियर डाक्टरों की शिष्यवृत्ति बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिसकी जानकारी उन्होने अपने ट्वीट के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि यह साझा करते हुए संतोष हो रहा कि हमने जूनियर डॉक्टर्स की शिष्यवृत्ति में वृद्धि करने का निर्णय लिया है।छत्तीसगढ़ सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की शिष्यवृत्ति में जो बढ़ोत्तरी की है। उसके नवीन दर के अनुसार पीजी प्रथम वर्ष के लिए 53 हजार 550 रूपये से बढ़ाकर 67 हजार 500 रूपये प्रति माह करने का निर्णय लिया है। इसी तरह पीजी द्वितीय वर्ष के लिए 56 हजार 700 रूपये से बढ़ाकर 71 हजार 450 रूपये प्रति माह तथा पीजी तृतीय वर्ष के लिए 59 हजार 200 रूपये से बढ़ाकर 74 हजार 600 रूपये प्रति माह करने का निर्णय लिया है। एम.बी.बी.एस. के इंटर्नशिप के छात्रों के लिए 12 हजार 600 रूपये से बढ़ाकर 15 हजार 900 रूपये प्रति माह किया गया है। इस प्रकार से राज्य सरकार के इस निर्णय से अब जूनियर डाक्टरों की शिष्यवृत्ति में साढ़े 3 हजार रूपये से लेकर 15 हजार रूपये तक की बढ़ोत्तरी होगी। - रायपुर /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए चालू बजट में अनेक प्रावधन किये है। इससे राज्य के किसानों और पशुपालकों को पशुओं के उपचार और कृत्रिम गर्भाधान सहित विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मिलेगी। ग्रामीणों को कृषि के साथ-साथ पूरक आय के स्त्रोत जैसे डेयरी, बकरी, सुकर, कुक्कुट व्यवसाय को अपनाने में सुविधा होगी। राज्य सरकार द्वारा बजट में 25 नवीन पशु औषधालय प्रारंभ करने का प्रावधान रखा गया है। इन नवीन पशु औषधालयों के प्रारंभ होने से इनकी संख्या 835 से बढ़कर 860 हो जाएगी। इसी प्रकार 17 नवीन पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना के बाद इनकी संख्या बढ़कर 33 हो जाएगी।पशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा,समयबद्व टीकाकरण,बधियाकरण की सुविधाएं बढ़ाने के लिए इस वर्ष के बजट में रायपुर जिले के ग्राम दतरेंगा में 2 करोड़ 18 लाख 50 हज़ार रुपए की लागत से राज्य पशु गृह एवं पशु रुग्णावास निर्माण का प्रावधान किया गया है। इसी तरह पशु उपचार की सुविधा बढ़ाने के लिए 2 करोड़ 85 लाख रुपए की लागत से 25 नए पशु औषधालय का प्रावधान किया गया है। इनमें बालोद जिले के ग्राम दुधली, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सुहेला और बालपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के खोडरी, राजनांदगांव जिले के दैहान, उमरवाही एवं सोनेसरार, कोरबा जिले के सिल्ली एवं नोन बिर्रा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के बगरकट्टा, जांजगीर-चांपा जिले के टेमरा, दुर्ग जिले के फुण्डा, कबीरधाम जिले के जुनवानी, बेमेतरा जिले के मौहाभाटा एवं खाती शामिल हैं। इसी प्रकार बस्तर जिले घाट लोहंगा, मधोता, लावागांव मोहलई, छोटे देवड़ा एवं सिरिसगुड़ा, सरगुजा जिले के बड़ाबदामी एवं गगोली, बीजापुर जिले के मिरतुर, सूरजपुर जिले के छतरंग तथा बलरामपुर जिले का भंवरमाल शामिल है।इसके अलावा बजट में 17 नवीन पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना का प्रावधान होने से इनकी संख्या बढ़कर 33 हो जाएगी। नए पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाएं बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, खैरागढ़़-छुईखदान-गंडई, सारंगढ़-बिलाईबढ़, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ती, गरियाबंद, बलरामपुर, सुरजपुर, कोण्डागांव, सुकमा, बीजापुर, एवं नारायणपुर में प्रारंभ की जायेगी।
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रायपुर / हाई कोर्ट के जस्टिस श्री गौतम भादुड़ी, कार्यपालक अध्यक्ष छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) बिलासपुर के द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम हेतु सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को आवश्यक निर्देश जारी किये गए हैं।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि कार्यपालक अध्यक्ष के निर्देशानुसार सालसा द्वारा इस संबंध में एक उपयुक्त प्रशिक्षण मॉडयूल एवं एसओपी तैयार कर सभी जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को इस निर्देश के साथ प्रसारित किया गया है कि वे अपने जिला मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर इस संबंध में कार्यशाला एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें जिसमें संबंधित नियमों के बारे मे आवश्यक जानकारी प्रदान की जावेगी। जिससे कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोका जा सके और महिला कर्मचारी भयमुक्त होकर एवं सम्मानपूर्वक अपना कार्य कर सके। उपरोक्त कार्यशाला एवं जागरूकता कार्यक्रम में सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं अशासकीय कार्यालय के प्रमुख एवं अन्य स्टेकहोल्डर्स को शामिल किया जावेगा।श्री वारियाल ने बताया कि कार्यपालक अध्यक्ष के निर्देशानुसार सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय एवं अन्य स्थानों पर जहां नियोक्ता एवं कर्मचारी,अधिकारी कार्यरत हों तो ऐसे स्थानों पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने एवं सख्ती से पालन किये जाने हेतु सभी कार्यालयों में एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाये, जिससे प्राप्त शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। - -व्यवस्था पर संतोष जताया मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने-छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के शासन स्तर पर लंबित विषयों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी की औपचारिक मुलाकातरायपुर, / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से पहुना गेस्ट हाउस में मिले। मुलाकात के दौरान शासन स्तर पर लंबित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के विभिन्न विषयों पर औपचारिक चर्चा हुई। बैठक के पश्चात मुख्य न्यायाधीश औचक निरीक्षण हेतु केंद्रीय जेल रायपुर पहुंचे। यहां उन्होंने पुरूष बंदीगृह के सभी बैरकों का निरीक्षण किया तथा महिला बंदीगृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जेल के अस्पताल का भी निरीक्षण किया। जेल में स्थायी रूप से चिकित्सक की नियुक्ति के बारे में जानकारी ली और इसकी पुष्टि की । चिकित्सक से उन्होंने बंदियों को दी जा रही चिकित्सा सुविधा व दवाईयों की जानकारी ली तथा बंदियों से भी इस संबंध में पूछताछ की।उन्होंने जेल में वीडियो कान्फ्रेसिंग रूम, विधिक प्रकोष्ठ का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। जेल में केन्टिन, बंदियों द्वारा संचालित प्रिंटिंग प्रेस, सिलाई-बुनाई कक्ष, शिक्षा केन्द्र इत्यादि का भी निरीक्षण किया। बंदियों से बातचीत करते हुए जानकारी प्राप्त की कि उन्हें जेल मेन्युअल के अनुरूप सुविधाएँ मिल रही है या नहीं। बच्चों के साथ रहने वाले महिला बंदियों के बारे में उन्होंने जेल अधीक्षक से महिला बंदियों के बच्चों को मिलने वाली सुविधाएँ जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास हेतु व्यवस्था की जानकारी ली। जेल अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि जेल में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई हेतु शासन से मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित है जिसमें संस्कृत की शिक्षा भी दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा स्कूल का भी निरीक्षण किया गया।जेल में शिक्षा, स्वास्थ्य व साफ-सफाई की सुविधा पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। निरीक्षण के समय वहां जेल अदालत चल रही थी। श्री भूपेन्द्र कुमार वासनीकर, मु. न्या. मजिस्ट्रेट, रायपुर द्वारा प्रकरणों में सुनवाई की जा रही थी। उन्होने जेल अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि किसी बंदी की अपील न्यायालय के समक्ष दो बार प्रस्तुत की गई है तो उस विषय की जानकारी त्वरित रूप से संबंधित न्यायालय को अवगत कराये। साथ ही उनके द्वारा यह भी जानकारी ली गयी कि कितनी बंदियों को विधिक सेवा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में जेल की क्षमता कुल 1586 बंदियों की है जबकि जेल में बंदियों की कुल संख्या 3267 है जिसमें से पुरूष बंदियों की संख्या 3117 तथा महिला बंदियों की संख्या 150 है। निरीक्षण के समय संभागायुक्त डॉ. संजय कुमार अलंग, आईजी श्री रतनलाल डांगी, डीआईजी जेल सह केन्द्रीय जेल अधीक्षक श्री एस. एस. तिग्गा, एसएसपी श्री प्रशांत अग्रवाल, जेलर श्री एमएन प्रधान मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री अरविन्द कुमार वर्मा, विधि विभाग, रायपुर के प्रमुख सचिव श्री रजनीश श्रीवास्तव एवं एडिशनल रजिस्ट्रार सह पीपीएस श्री एम. वी. एल.एन. सुब्रहमन्यम भी उपस्थित थे। ज्ञात हो कि मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा मात्र 03 माह के कार्यकाल में ही अनेक न्यायालयों व जेलों का औचक निरीक्षण करते हुए व्यवस्था में सुधार हेतु आवश्यक निर्देश जारी कर चुके हैं जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने शुरू हो गये हैं।
- -मुख्यमंत्री ‘कोड-ए-थान‘ कार्यक्रम में हुए शामिल-स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के 6 बच्चें हुए सम्मानितरायपुर, / युवाओं से भेंट-मुलाकात के दौरान युवा मुझे बताते है कि उन्हें कोडिंग आती है, एप बनाना आता है। हमारी पीढ़ी के लोगों को यह बात चकित कर सकती है, लेकिन आज की सच्चाई यही है। तकनीकी रूप से हम बहुत आगे बढ़ चुके है और इसका दायरा भी बढ़ रहा है। छोटे शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक युवा नई तकनीक के बारे में लगातार अपडेट रहते है और स्मार्टली सारे काम करते है। यह खुशी की बात है कि कोड-ए-थान के इस कार्यक्रम में आज स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के 6 बच्चों को सम्मानित किया गया है। शासकीय स्कूल के बारे में पहले ऐसी कल्पना करना कठिन था। मैं सम्मानित सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी रायपुर के निजी होटल में हिन्दुस्तान टाईम्स समूह द्वारा आयोजित ‘कोड-ए-थान‘ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद तथा स्वर्गीय डॉ. चन्दूलाल चन्द्राकर के श्री घनश्याम दास बिड़ला के साथ अच्छे संबंध रहे है। यही कारण है कि बिड़ला समूह से मेरा भावनात्मक जुड़ाव है। हमारे प्रिय स्वर्गीय डॉ. चंदूलाल चंद्राकर ने हिन्दुस्तान टाईम्स अखबार में अपनी सेवाएं दी थी। इसी तरह स्वामी आत्मानन्द जी भी बिड़ला हाउस में प्रतिवर्ष उपनिषद पर व्याख्यान देने जाते थे। श्री बघेल ने कहा कि कोड-ए-थान के माध्यम से युवाओं को नई तकनीक को जानने और समझने का अवसर मिला है। वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि युवा ऊर्जा के सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने से बड़ी से बड़ी उपलब्धि आसानी से हासिल होती है और यह उपलब्धि व्यक्तिगत नहीं बल्कि समाज, प्रदेश व देश के लिए होती है। प्रदेश के युवाओं में असीम ऊर्जा है। केवल उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार युवा ऊर्जा को सही दिशा देने के लिए लगातार काम कर रही है। हमारी सरकार शिक्षा के मंदिर अर्थात स्कूलों के जीर्णाेद्धार के लिए अलग से 1100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। अंग्रेजी में शिक्षा के लिए 350 से अधिक स्वामी आत्मानंद शासकीय स्कूल खोले गए है। मुख्यमंत्री ने तकनीक के अच्छे व बुरे प्रभावों के बारे में भी अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इसका सही उपयोग देश को आगे बढ़ने में मदद करेगा, लेकिन इसके दुष्प्रयोग से भयावह परिणाम हो सकते है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के युवाओं को केवल कक्षा 12वीं तक ही अंग्रेजी माध्यम में शिक्षित नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें अंग्रेजी में उच्च शिक्षा देने के लिए 10 अंग्रेजी महाविद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है। सम्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद स्कूल के अस्तित्व में आने की पूरी कहानी बच्चों से साझा की।मुख्यमंत्री ने बच्चों के सवालों का दिए जवाबकोड-ए-थान कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री और स्कूली छात्राओं के बीच संवाद हुआ और उन्होंने बच्चों के जिज्ञासाओं के जवाब भी दिए। स्वामी आत्मानंद स्कूल के छात्र द्वारा शिक्षा और रोजगार को लेकर सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा और रोजगार साथ साथ चलते है, शिक्षा और रोजगार सबको मिलना चाहिए। लेकिन एक बात जरूरी है कि शिक्षा लेकर रोजगार की तरफ बढ़ने से आप अधिक बेहतर परिणाम दे सकते है। यदि पसन्द के फील्ड में आगे बढ़े तो सफलता की संभावना अधिक रहती है। गांधी जी मेधावी नहीं थे, लेकिन उन्होंने सही रास्ता चुना और उनको आज दुनिया जानती है। एक छात्रा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि आईएएस बनने के लिए क्या करना होगा? जवाब में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि समय का पाबंद होने से सफलता मिलेगी। सभी कामांे को तय समय में करने पर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। आईएएस बनना सरल है लेकिन आईएएस बनकर समाज और देश के लिए समर्पित होकर कार्य करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। आप मुख्यमंत्री कैसे बने? एक बच्चे के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि लगातार आमजनों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते रहना और मुख्यधारा में रहकर उनका नेतृत्व करने से यह सफलता मिली है इसका कोई शॉर्टकट नहीं है।
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-सहयोगात्मक शोध से उत्तम परिणाम प्राप्त करने पर की गई चर्चा'
रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर, के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने 3 अगस्त 2023 को प्रोफेसर विकास ठाकुर, वाइस डीन (सस्टेनिबिलिटी), इंजीनियरिंग सदस्य, नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस और टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू), नॉर्वे के साथ एक वार्ता सत्र आयोजित किया। इसके पहले प्रोफेसर विकास ठाकुर एनटीएनयू नॉर्वे के सिविल और पर्यावरण यांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख थे। प्रोफेसर विकास ठाकुर एनआईटी रायपुर के सिविल इंजिनियरिंग के 2001 बैच के छात्र रहे हैं।
इस दौरान, प्रोफेसर विकास ठाकुर ने एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव के साथ मुलाकात की, जहाँ उन्होंने संस्थानों के बीच संभावित अनुसंधान और शैक्षिक सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. शिरीष वी. देव और विभाग के सदस्यों से भी मुलाकात की। कैरियर डेवलपमेंट सेंटर के प्रमुख डॉ. समीर बाजपेयी ने पौधा देकर उनका स्वागत किया। इस वार्ता में विभिन्न अनुसंधान विषयों, जैसे कि कचरे का प्रबंधन, भूमिगतिकी का उपयोग, शून्य कार्बन सड़क निर्माण, भूभौतिक यांत्रिकी, और सिविल इंजीनियरिंग में सस्टेनिबिलिटी, आदि के बारे में बात की गई।इस सत्र से यह निष्कर्ष निकला कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सहयोगपूर्ण अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रोफेसर ठाकुर ने यह बताया कि विविध डोमेन के विशेषज्ञों द्वारा आपसी सहयोग से किए गए अनुसंधान कार्य कुछ आकर्षक और नए परिणाम ला सकते हैं | यह सत्र महत्वपूर्ण क्षेत्रों के प्रमुख पहलुओं पर विचार करने में सफल रहा, इस दौरान शैक्षिक और अनुसंधान सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया गया।प्रोफेसर ठाकुर ने संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय की अपनी पुरानी यादों को भी ताजा किया। अंत में सिविल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर और मीटिंग समन्वयक, डॉ. एल. के. यदु ने धन्यवाद ज्ञापन दिया । -
बालोद। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास के लिए तेजी से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। यहां सैलानियों के लिए सुविधाओं सहित सुगम पहुंच का भी ध्यान रखा जा रहा है। इसी कड़ी में जल्द ही सैलानियों को ’तांदुला इको फ्रेंडली टूरिज्म पार्क’ की सौगात मिलने वाली है। बालोद जिले की प्रमुख एवं जीवनदायिनी तांदुला नदी में निर्मित तांदुला जलाशय के तट स्थित मनोरम प्राकृतिक वादियों को सैलानियों के लिए विकसित किया जा रहा है।
संयुक्त जिला कार्यालय बालोद के समीप आदमाबाद में निर्माणाधीन ’तांदुला इको फ्रेंडली टूरिज्म पार्क’ का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। उल्लेखनीय है कि आदमाबाद के समीप स्थित तांदुला जलाशय का तट जंगल एवं हरे-भरे वृक्षेों से आच्छादित होने तथा बेहतरीन प्राकृतिक परिवेश और जरूरी सुविधाओं से युक्त होने के कारण सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। इस पर्यटन स्थल के विकसित हो जाने से बड़ी संख्या में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। पार्क के सामने आकर्षक मुख्य द्वार का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर्यटकों के रूकने के लिए कार्टेज, मचान, टेंट हाउस के अतिरिक्त रेस्टोरेंट, वाटर बॉडी, बुद्धा स्टेच्यू, गार्डन आदि निर्माण कार्य किया जा रहा है। यहां चम्पा के फूलों के अलावा फलदार पौधों का रोपण भी कराया जा रहा है। तांदुला जलाशय पर्यटन स्थल को आकर्षक एवं सुसज्जित बनाया जा रहा है, जिससे कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यांे से भी पर्यटक यहां आएं। पर्यटन स्थल में विभिन्न स्टॉल भी स्थापित किया जाएंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकंेगे। -
चार वर्षों में 2763 देवगुड़ी के लिए राशि 5185.83 लाख रुपए स्वीकृत
आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने देवगुड़ी की राशि एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक
रायपुर । आदिवासी संस्कृति की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। उनकी बोली भाषा, संस्कृति, परम्परा से, रीति रिवाजों से जाना जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त 2022 से शासकीय अवकाश का लाभ देकर उनकी बरसों की मांग पूरी कर दी है। ताकि अपने रीति रिवाजों और त्योहार को हर्षाेल्लास के साथ मना सकें छत्तीसगढ़ शासन उनके विकास के लिए अनेकों काम कर रही है। आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी सांस्कृतिक का परिक्षण एवं विकास योजनान्तर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के पूजा एवं श्रद्धा स्थलों पर देवगुड़ी के निर्माण मरम्मत योजना संचालित है। विगत साढ़े चार वर्षों में देवगुड़ी ठाकुरदेव एवं सांस्कृतिक केंद्र घोटुल निर्माण, मरम्मत योजना अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली राशि में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि की गई है। प्रति देवगुड़ी की राशि 1 लाख रूपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति देवगुड़ी कर दिया गया। योजना के स्वरूप राशि में 5 गुना वृद्धि हुई है। इसके साथ ही अबुझमाड़िया जनजाति समुदायों में प्रचलित घोटुल प्रथा को संरक्षित रखने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन ने विगत चार वर्षों में 2763 देवगुड़ी के लिए राशि 5185.83 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। साथ ही अबुझमाड़िया संस्कृति के विकास और उत्थान के लिए बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में 104 घोटुल निर्माण के लिए राशि 470.00 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। आदिवासी के त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना अंतर्गत आदिवासियों में तीज,सरना,देवगुड़ी,नवाखाई,छेरछेरा, अक्ती,हरेली त्यौहारों, उत्सवों मेला,मड़ई जात्रा आदि पर्व की परम्परागत संस्कृति का विकास और उनके आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण करने के लिए योजना की शुरुआत की गई है। अनुसूचित क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि 10 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना के क्रियान्वयन के लिए राशि 5 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2023-24 में वित्तीय नियमानुसार प्रथम किस्त की राशि 5 हजार के मान से 5633 ग्राम पंचायतों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में राशि 281.85 लाख हस्तांतरित की गई। -
-टी. सहदेव
भिलाई नगर। मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तालपुरी में जश्न का माहौल है। जैसे ही टीवी चैनलों में शुक्रवार दोपहर उनकी सजा पर रोक लगने की खबर प्रसारित की गई, कांग्रेसी खेमे, कार्यकर्ताओं और कॉलोनी में खुशी की लहर दौड़ गई। कल दोपहर से ही लोगों की नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी। पार्टी कार्यकर्ता और लोगों ने इस मौके पर एक-दूसरे का मुंह मीठा किया।
जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं वार्ड अध्यक्ष अमनदीप सोढ़ी ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह असत्य पर सत्य की जीत है और इसे नफरत पर मोहब्बत की जीत के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर कांग्रेस का शुरू से ही विश्वास रहा है। श्री सोढ़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने विश्वास को और भी प्रगाढ़ किया है। जश्न में एसोसिएशन के अध्यक्ष यमलेश देवांगन, आरके दत्ता, असीम सिंह, ओमवीर सिंह, आरएस कन्नौजिया, दुर्योधन रेड्डी, आरआर शर्मा आदि शामिल हुए। -
रायपुर। मौसम विभाग ने आने वाले 72 घंटों के लिए दुर्ग समेत कई जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। आने वाले 3 दिनों तक यहां भारी बारिश होने की संभावना है। रायपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग के कुछ जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
दुर्ग जिले में गुरुवार और शुक्रवार से लगातार बारिश हो रही है। इससे जिले के सभी तालाब, डैम, नदी और नाले उफान पर हैं। बीते 24 घंटों में दुर्ग जिले में 90.7 मिमी बारिश हो चुकी है। बुधवार रात को 57.2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। गुरुवार शाम 5 बजे तक 18.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार को 15.3 एमएम बारिश दर्ज की गई। लगातार बारिश होने से सभी अंडरब्रिज में पानी भर गया है। सड़कों के ऊपर से पानी बह रहा है। निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन रही है।
भिलाई के सभी अंडरब्रिज में जल भराव होने लगा है। हालत यह है कि सुपेला और चंद्रा-मौर्या अंडर ब्रिज को पानी भरने की वजह से बंद कर दिया है। फिर भी लोग यहां से जान जोखिम में डालकर आना-जाना कर रहे हैं। यही हालात नेहरू नगर, पावर हाउस और दुर्ग ओवर ब्रिज का भी है। -
रायपुर । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में पूर्व मंत्री और लोकप्रिय नेता स्वर्गीय श्री महेंद्र कर्मा की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया । इस अवसर पर सांसद श्री दीपक बैज एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी भी उपस्थित थे । मुख्यमंत्री ने उन्हें याद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता और मंत्री के रूप में महेन्द्र कर्मा जी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली और छत्तीसगढ़ के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। वे सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक बेहद संवेदनशील, जागरूक और भावुक इंसान भी थे। कर्मा जी आदिवासियों के हक की हर लड़ाई में दमदारी से अपनी बात रखते थे, इसलिए वे बस्तर टाइगर के नाम से भी जाने जाते थे। उनके जैसे निःस्वार्थ व्यक्ति और अच्छे मित्र का साथ मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। कर्मा जी ने जीवन के अंतिम क्षण तक आदिवासियों की बेहतरी के लिए संघर्ष किया। झीरम घाटी नक्सल हमले में उनकी शहादत छत्तीसगढ़ भुला नहीं पाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि श्री कर्मा की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए राज्य सरकार ने बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया और उनके नाम पर प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा कि कर्मा जी के विचार और जीवन मूल्य हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। -
रायपुर। राज्य शासन द्वारा ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से रीपा योजना प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत राज्य के विभिन्न ब्लॉकों में व्यवसाय एवं लघु उद्योगों को प्राथमिकता के साथ बढ़ावा दिया जा रहा है। रीपा योजना किस तरह से रोजगार मूलक कार्यों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है, इसकी एक बानगी रायगढ़ जिले के बैहामुड़ा में स्थित रीपा में देखने को मिली। रीपा रोजगार मूलक कार्यों के साथ उद्यमी सृजित करने का कार्य यहां किया जा रहा है। यहां की निवासी सुश्री ऐश कुमारी राठिया, जिन्होंने स्नातक और डीसीए की शिक्षा प्राप्त की है। उसके पश्चात उन्होंने रीपा में स्वयं का सीएससी सेंटर प्रारंभ किया है। जहां ऑनलाइन फार्म, आधार से पैसा निकासी, फोटो कापी, टाइपिंग, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफी जैसे कार्य कर रही है। वर्तमान में अपने काम को विस्तार देते हुए कियोस्क शाखा प्रारंभ करने की ओर कार्य कर रही है। जिससे ग्रामीणों को गांव में ही बैंक की सुविधा मिल सके एवं खाता खुलवाने, फसल बीमा, केवाईसी की सुविधा उपलब्ध हो सकें। ऐश कुमारी गांव के बुजुर्गों को पैसे निकासी हेतु घर पहुंच सेवा भी प्रदान करती हैं। उन्होंने बताया कि यह सब रीपा के कारण संभव हो पाया हैं, जहां उन्हें वर्किंग शेड, जरूरी तकनीकी उपकरण के साथ हर कार्य में सहयोग मिल रहा हैं। जिससे वह हर माह 12 से 15 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर पा रही हैं।
इसी तरह रायगढ़ के ही विकासखंड पुसौर के ग्राम तरड़ा निवासी सुश्री ममता पाव ने रीपा तरडा में सीएससी सेंटर संचालित कर रही है। उनके द्वारा आधार कार्ड, पेन कार्ड, श्रमिक कार्ड बनाने के साथ ही पेंशन के ऑनलाईन फार्म भरने जैसे सभी कार्य किए जा रहे है। रीपा में भी सीएससी सेंटर चलाने हेतु 01 लाख का वर्किंग केपिटल दिया गया। साथ ही वर्किंग शेड भी प्रदान किया गया। जहां से ममता पाव अपना कार्य संचालित करती है। उनके द्वारा रकम निकासी की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही कालेज के ऑनलाईन फार्म भरे गये। जिससे उन्हें लगभग 20 हजार रुपये तक की आय प्राप्त हो रही है। सीएससी सेंटर प्रारंभ होने से गांव में ही ग्रामीणों को काफी सहायता मिल रही है। -
कोरिया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 जिले में मतदाताओं को जागरुक करने के उद्देश्य से स्वीप कैलेण्डर तैयार कर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। जिसके अंतर्गत मतदाताओं को मतदान करने के लिए अभिप्रेरित किया जा रहा तथा निर्वाचन प्रक्रिया से अवगत कराया जा रहा है।
माह अगस्त 2023 में स्वीप गतिविधि कैलेण्डर के अनुसार 07 अगस्त को महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राऐं स्वीप संकल्प कॉलेज एम्बेस्डर गतिविधयो का आयोजन महाविद्यालय कक्ष में संपन्न होगा जिसके नोडल अधिकारी कॉलेज प्राचार्य व ब्लॉक नोडल स्पीप समिति होगें, 11 अगस्त को समस्त उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में न्यू वोटर का चिन्हाकंन कर ईपिक के साथ तिलक लगाकर सम्मान किया जायेगा जिसके नोडल समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व समस्त प्राचार्य होगें, 17 अगस्त को महाविद्यालयों में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं न्यू वोटर का चिन्हाकंन व ईपिक के साथ न्यू वोटर का कार्यक्रम मतदान से अवगत कराना जिसके नोडल महाविद्यालय के प्राचार्य होगें, 18 अगस्त को जनपद पंचायत सोनहत और बैकुण्ठपुर के सभाकक्ष में स्वीप कार्यशाला अंतर्गत स्व.सहायता समूह के पदाधिकारी (चुनई तिहार एवं चिन्हारी लोकतंत्र के) कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसके नोडल अधिकारी जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी होगें। -
कोरिया। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिले में खुले में विचरण करने वाले घुमंतु पशुओं से सड़क हादसों से होने वाले पशु हानि एवं जनहानि से बचाव हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग 43 एवं अन्य मार्गाे के आस-पास घुमंतु पशुओ में रेडियम बेल्ट लगाने एवं टैग लगाने का अभियान चलाया जा रहा है।
पशु चिकित्सा सेवायें कोरिया के उप संचालक ने बताया कि इस अभियान के क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियोें के 06 दल गठित किये है। जिसमें पशु चिकित्सकों के साथ-साथ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, पीएआईडब्लू एवं पशुधन मित्रों को दायित्व सौपा गया है। अभियान दल के द्वारा नगर पालिका के कर्मचारियों के सहयोग से नगर के मुख्य मार्ग एवं चौक-चौराहों में घुमने वाले घुमंतु पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट एवं कानो में टैग लगाया जा रहा है। साथ ही पशुओं को घरों में बांधकर रखने की सलाह देकर लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में कुल 501 घुमंतु पशुओं का रेडियम बेल्ट एवं 109 पशुओं के कानों में टैग लगाया जा चुका है तथा जिस पशु के मालिक के पहचान नही हो रही उसे गौठान में भेजा जा रहा है।
उन्होनें बताया कि रेडियम बेल्ट लगाने से रात्रि में वाहनों की हेड लाईट की रौशनी से पशुओ को बांधे जाने वाले बेल्ट चमकते है एवं वाहन चालक सतर्क हो जाते है जिससे आमजनों के साथ-साथ पशु भी घायल होने से बचेगें। इस सार्थक प्रयास से रात्रि में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
पशु विकास विभाग के उप संचालक ने की अपील -
उन्होनें पशुपालकों से आग्रह एंव अपील कि है कि अपने-अपने पशुओं को खुले मे न छोड़े एवं टैगिगं-रेडियम बेल्ट लगाने में पशुधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के दल को सहयोग कर जनहानि एवं पशुहानि से होने वाले दुर्घटना से बचें।
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छत्तीसगढ़ के जंगलों की प्राकृतिक शुद्धता की पूरे देश में बिखरेगी छटा
स्व-सहायता समूह की महिलाओं की समृद्धि के लिए तीन सरकारी संस्थाओं का एमओयू
रायपुर। यह छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक क्षण है, जब वनवासियों के सतत् विकास, आजीविका और महिला सशक्तिकरण की दिशा में तीन सरकारी संस्थान साथ आए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वन उपज सहकारी संघ, आईआईएम रायपुर और केंद्रीय भंडार ने छत्तीसगढ़ हर्बल्स को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव के सभी केंद्रीय भंडार स्टोर्स पर अब छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद उपलब्ध होंगे। प्रदेश की स्व-सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक विकास और समृद्ध भविष्य के लिए यह तीनों संस्थाएं मिलकर काम करेंगी, इससे वनवासी ग्रामीण महिलाओं और वन संग्राहकों की मेहनत को अब देश भर में नई पहचान मिलेगी।
इस एमओयू का सबसे बड़ा लाभ वनवासी महिलाओं को मिलेगा, जो हर दिन कड़ी मेहनत, लगन और विश्वास से छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद बना रही हैं। इनके बनाए उत्पादों को राष्ट्र व्यापी बाजार सुलभता से उपलब्ध होगा। छत्तीसगढ़ हर्बल्स भारत का पहला लघु वनोपज आधारित ब्रांड बनने की दिशा में तेजी से विकसित हो रहा है। प्रदेश के जंगलों की प्राकृतिक शुद्धता अब पूरे देश में पहुंचेगी और राज्य की इन वनवासी महिलाओं को अतिरिक्त आमदनी होगी। वे स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ेगी।
आदिवासी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए आईआईएम रायपुर केंद्रीय भंडार के कर्मचारियों को रिटेल मैनेजमेंट का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। केन्द्रीय भंडार को आईआईएम रायपुर की प्रशिक्षण विशेषज्ञता से लाभ होगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ-साथ उनके प्रसंस्करण तथा विपणन आदि की सुगम व्यवस्था के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर सीजीएमएफपी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक श्री अनिल राय ने कहा कि ये छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है कि तीन बड़ी सरकारी संस्थाएं ग्रामीण महिलाओं के बनाए उत्पाद छत्तीसगढ़ हर्बल्स की बिक्री के लिए सहयोग करेंगे। जिससे स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।
आईआईएम रायपुर के निदेशक डॉ. राम कुमार काकानी ने कहा कि आईआईएम रायपुर पूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की आजीविका की समृद्धि में सहयोग करेगा। हमारे विशेषज्ञों की टीम केंद्रीय भंडार के कर्मचारियों और राज्य लघु वनोपज संघ के साथ मिलकर निरंतर बेहतर काम करने के लिए संकल्पित है।
केंद्रीय भंडार के प्रबंध निदेशक डॉ. मुकेश कुमार ने वीडियो के माध्यम से शुभकामनाएं संदेश में कहा कि हमारे और पूरे देश के लिए यह स्वर्णिम अवसर है कि अब छत्तीसगढ़ आदिवासी भाई-बहनों के बनाएं प्रोडक्ट देशभर के केंद्रीय भंडार स्टोर्स पर उपलब्ध होंगे। आईआईएम रायपुर के विशेषज्ञ दिल्ली आकर केंद्रीय भंडार के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देंगे। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद के प्रमोशन और बिक्री से हम उन लाखों वनवासियों को आर्थिक सशक्त करने के लिए सहयोग करेंगे। -
स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन देने भारत पिचाथॉन 9 अगस्त को*
*नए स्टार्टअप को लगेंगे पंख, नए निवेशक भी मिलेंगे*
रायपुर / राज्य के ग्रामीण शहरी इलाकों के युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए शार्क टैंक की तर्ज़ पर पिचाथॉन का आयोजन रायपुर में किया जाएगा। ग्रामीण औद्योगिक पार्कों से जुड़े रोजगार-आजीविका मूलक कामों के साथ स्थानीय स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में इस पिचाथॉन की बडी भूमिका होगी। स्थानीय युवा उद्यमियों को अपना व्यवसाय शुरू करने और उसे सफलता पूर्वक आगे बढ़ाने के लिए जरूरी मार्गदर्शन और सलाह भी पिचाथॉन में मिलेगी। इस आयोजन में प्रदेश के युवा उद्यमी और स्टार्टअप अपने बिज़नेस आईडिया सफल उद्यमियों और निवेशकों को बताएंगे। पसंद आने पर रूचि अनुसार निवेश इस पिचाथॉन केे स्टार्टअप और बिजनेस आईडिया में निवेश भी कर सकते हैं। रायपुर जिले के रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क (रीपा), आईआईटी और एनआईटी के साथ मिलकर हेडस्टार्ट नेटवर्क फाउंडेशन द्वारा इस पिचाथॉन का आयोजन किया जा रहा है।
जिला पंचायत के सीईओ श्री अबिनाश मिश्रा ने बताया कि इस आयोेजन में भाग लेने के लिए स्थानीय उद्यमियों एवं संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उद्यमी www.headstart.in वेबसाईट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदनों की स्क्रूटनी कर चयनित स्थानीय उद्यमियों को 09 अगस्त को रायपुर शहर के सिविल लाइन फस्टअप स्पेस कार्यालय में भारत पिचाथॉन 2.0 में शामिल किया जाएगा। चयनित स्थानीय उद्यमियों के स्टार्टअप संबंधी प्रेजेंटेशन एवं चर्चा चयन समिति द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रायोजक भी शामिल होंगेे जो उद्यमियों को उनके आवश्यकता अनुसार वित्तीय सहयोग और तकनीकी सहायता भी प्रदान करेंगे।
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*गांव-गांव रथ के माध्यम से किसानों को फसल बीमा कराने दिया जाएगा संदेश*
*कलेक्टर की अपील: 16 अगस्त तक किसान भाई करांए अपनी फसलों का बीमा*
रायपुर / प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रचार-प्रसार हेतु कलेक्टर द्वारा रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। जिले के लिए एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी को बीमा हेतु चयनित किया गया है।
योजना के माध्यम से जिला रायपुर हेतु खरीफ में मुख्य फसल-धान सिंचित एवं असिंचित के साथ अन्य फसल-मक्का, कोदों, कुटकी, रागी, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर (अरहर), मूंग एवं उड़द को अधिसूचित किया गया है तथा बीमा आवेदन की अंतिम तिथि 16 अगस्त तक निर्धारित की गई है।
कलेक्टर ने सभी किसान भाईयों से अपील की है कि किसान भाई समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए तत्काल अपनी फसलों का बीमा कराएं। बीमा करवाने के लिए क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि के माध्यम से या अपने नजदीकी बैंक शाखा को-ऑपरेटिव सोसायटी, पोस्ट ऑफिस एवं लोक सेवा केन्द्र से बीमा आवेदन कर सकते हैं। जिससे विपरीत परिस्थिति आने पर बीमा आवरण का लाभ मिल सके एवं हानि से बच सकें।
उल्लेखनीय है कि राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के कारण फसल नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा कव्हरेज और इसकी सहायता प्रदान की जाती है, ताकि कृषि में होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। खरीफ फसलों के अंतर्गत धान सिंचित एवं असिंचित, मक्का, सोयाबीन, अरहर, मूंग एवं उड़द अधिसूचित फसलें हैं, जिनका बीमा किसान करा सकते हैं। उक्त फसलों का बीमा कराने के लिए किसानों को प्रीमियम राशि का मात्र 2 प्रतिशत राशि देनी होती है, शेष राशि का वहन शासन द्वारा किया जाता है।
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दुर्ग / विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए विधानसभा क्षेत्र वार नियुक्त सेक्टर अधिकारियों का 07 अगस्त 2023 को दोपहर 12.00 बजे बी.आई. टी. ऑडिटोरियम दुर्ग में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है । जिसमें सभी सेक्टर अधिकारियों को राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर तथा जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वारा विस्तृत प्रशिक्षण दिया जायेगा। सभी सेक्टर अधिकारियों को निर्धारित स्थान एवं समय पर अनिवार्यतः उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है। अनुपस्थित सेक्टर अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।