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- बलौदाबाजार / जिला प्रशासन एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग बलौदाबाजार द्वारा जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के योग भवन में गुरुवार क़ो मल्लखंब खेल प्रशिक्षण हेतु ट्रायल आरम्भ किया गया।प्रशिक्षण ट्रायल के प्रथम दिवस में 25 बालक एवं बालिकाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण के इच्छुक खिलाड़ी दिनांक 05-जुलाई 2025 तक उक्त ट्रायल में भाग ले सकते है। ज्ञात हो कि मल्लखम्ब भारत की एक प्राचीन खेल विधा है जिसका अभ्यास जिमनास्टिक योग एवं एक्रोबेटिक्स के आयामों के साथ किया जाता है जिसमें जिमनास्ट का एक समूह एक स्थिर ऊर्ध्वाधर पोल के साथ कुश्ती की पकड़ का उपयोग करके हवाई योग और जिमनास्टिक आसन करता है।
- -संतुलित उर्वरक के उपयोग व कृषि ड्रोन के माध्यम से उर्वरक एवं रसायनों के छिड़काव पर जोरबलौदाबाजार, /जिला स्तरीय कृषि स्थायी समिति की प्रथम बैठक जिला पंचायत के सभाकक्ष में कृषि सभापति सुश्री इंदू जांगड़े की अध्यक्षता मेें आयोजित की गई। बैठक में विभाग प्रमुखों द्वारा विभागवार योजनाओं की जानकारी के बारे में जानकारी प्रदान की गई।बैठक में कृषि स्थायी समिति के सदस्य ईशान वैष्णव एवं अंजली विमल साहू भी उपस्थित थे।कृषि सभापति सुश्री इंदु जांगडे़ एवं सदस्यों द्वारा शासन की किसान हितौषी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर संतुलित उर्वरक के उपयोग, कृषि ड्रोन के माध्यम से उर्वरक एवं रसायनों का छिड़काव, और आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग की जानकारी प्रदान करने के साथ ही डी.ए.पी उर्वरक के स्थान पर एन.पी.के. एवं सिंगल सुपर फास्फेट को बढ़ावा देने हेतु जिला स्तर पर समिति प्रबंधकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को पशुओं के गले में रेडियम कॉलर बेल्ट लगाने हेतु निर्देशित किया गया जिससे की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।उप संचालक कृषि द्वारा संचालित प्रमुख योजना जैसे बीज एवं उर्वरक भण्डारण वितरण, प्राकृतिक व जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, नेशनल मिशन ऑन ऑयल सीड्स, एग्रीस्टैक योजना, पीएम. किसान सम्मान निधि योजना, फसल चक्र परिवर्तन, किसान समृद्धि योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई । साथ ही विभाग द्वारा डी.ए.पी उर्वरक के स्थान पर एन.पी.के. एवं सिंगल सुपर फास्फेट को बढ़ावा देने कहा गया। उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन अन्तर्गत घटक पुष्प विस्तार, फल क्षेत्र विस्तार, मशाला क्षेत्र विस्तार संरक्षित खेती, राज्य पोषित योजनान्तर्गत समेकित कृषि विकास योजना, फल उद्यान, नलकूप खनन, हल्दी, अदरक की खेती, नेशनल मिशन ऑन ऑयल पॉम के बारे में जानकारी साझा किया गया एवं अन्य तकनीकी विषयों के बारे में जानकारी दी गई ।इसी तरह पशुपालन विभाग द्वारा कुक्कुट प्रदाय योजना, सांड प्रदाय योजना, सुकर तरई योजना, कृत्रिम गर्भाधान, बकरा पालन योजना, टीकाकरण एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई।बैठक में उप संचालक पशुपालन डॉ. नरेन्द्र सिंह, म सहायक संचालक मत्स्य व्ही.के.वर्मा, सहायक संचालक उद्यान आभा पाठक, नोडल अधिकारी जिला सहकारी बैंक जी. एन. साहू, जिला विपणन अधिकारी गजेन्द्र कुमार राठौर, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी सहायक अभियंता अनिल बिंझवार एवं बीज प्रबंधक सी.आर.पटेल सहित अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित रहें।
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बलौदाबाजार, / राज्य शासन द्वारा सार्वजानिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राशनकार्डधारी परिवारों क़ो जून से अगस्त 2025 तक तीन माह का एकमुश्त चावल वितरण की तिथि 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दी गई है। तीन माह का एक मुश्त चावल लेने में शेष राशनकार्डधारी अब शासकीय उचित मूल्य दुकान से 31 जुलाई 2025 तक प्राप्त कर सकते हैं। खाद्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में हितग्राहियो क़ो तीन माह का एकमुश्त चावल नहीं बंट पाया है।शेष बचे राशनकार्डधारियों क़ो एक मुश्त चावल वितरण की तिथि 31 जुलाई 2025 तक बढ़ाई गई है। जिले के कुल 376111 राशनकार्डधारियों में से अब तक 344160 हितग्राहियो क़ो तीन माह का चावल वितरण किया गया है।
- - मुख्यमंत्री श्री साय की विशेष पहल पर 20.55 करोड़ की स्वीकृतिरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत सरकार एवं राज्य शासन के सहयोग से रायपुर में जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में अत्याधुनिक बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस सेंटर की स्थापना के लिए भारत सरकार, राज्य शासन एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसायटी है।इस बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैव संसाधनों के दोहन के साथ-साथ नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना है। यहां युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता एवं बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस इंक्युबेशन सेंटर में कुल 23 आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिनमें बीएस-4 स्तर की जैव सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही दो सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं एनालिटिकल टेस्टिंग लैब की भी स्थापना की जा रही है।इंक्युबेशन सेंटर में 17 सूक्ष्म एवं लघु और 6 वृहद उद्योगों के संचालन की व्यवस्था की जाएगी। कुल 23 स्टार्टअप कंपनियों के लिए कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जो तीन वर्षों तक सेंटर में कार्यरत रह सकेंगी। कृषि और फार्मा बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित स्टार्टअप को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर के निर्माण एवं फर्निशिंग कार्य के लिए 20 करोड़ 55 लाख रुपये की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की इस पहल से छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा। इससे जहां एक ओर शोध और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित होगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार और उद्यमिता के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य को भी नई दिशा देगी।
- -छत्तीसगढ़ वन विभाग का संकल्प: परंपरागत ज्ञान और कानूनी अधिकारों के समन्वय से सतत वन प्रबंधनरायपुर / छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों प्रकार के वन संसाधन अधिकारों की मान्यता एवं वितरण में देश के अग्रणी राज्यों में रहते हुए सक्रिय, सकारात्मक और सराहनीय भूमिका निभाई है। अब तक प्रदेश में 4,78,641 व्यक्तिगत अधिकार तथा 4,349 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) पत्र वितरित किए गए हैं, जिससे कुल 20,06,224 हेक्टेयर क्षेत्र पर कानूनी अधिकार प्रदान कर लाखों वनवासी परिवारों को सशक्त बनाया गया है। यह उपलब्धि प्रदेश की प्रशासनिक प्रतिबद्धता, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रति दृढ़ निष्ठा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।वन विभाग द्वारा सीएफआरआर क्रियान्वयन के दौरान मॉड्यूल प्रबंधन योजनाओं और दिशा-निर्देशों के अभाव में फील्ड अधिकारियों को केवल एक परामर्श जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 से वैज्ञानिक रूप से समन्वित हों। इस परामर्श की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि बिना स्पष्ट ढांचे के फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन में असंगति उत्पन्न हो रही थी, जिससे भविष्य में वनों की पारिस्थितिकी के क्षतिग्रस्त होने, स्वीकृत कार्य योजनाओं से टकराव और समुदाय तथा विभागीय विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका थी। कुछ संस्थाओं एवं ग्राम सभाओं द्वारा इसे अधिकार सीमित करने के प्रयास के रूप में देखा गया, जबकि वास्तव में विभाग का उद्देश्य केवल पारदर्शी, टिकाऊ और कानूनी रूप से मजबूत प्रबंधन की पूर्व तैयारी करना था।दिनांक 15.05.2025 को कार्यालय से जारी पत्र केवल एक अंतरिम प्रक्रिया-संबंधी व्यवस्था थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मॉडल योजना जारी होने तक केवल स्वीकृत योजनाएं ही लागू की जाएं। इस पत्र में एक टंकण त्रुटि के कारण वन विभाग को ‘नोडल एजेंसी’ लिखा गया था, जबकि वास्तविक शब्द ‘समन्वयक’ था। इस त्रुटि को 23.06.2025 के परिपत्र से विधिवत सुधार दिया गया। उक्त पत्र तथा स्पष्टीकरण के कारण उत्पन्न भ्रम को दृष्टिगत रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार दोनों पत्रों को दिनांक 03.07.2025 को वापस ले लिया गया है।सीएफआरआर क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने हेतु छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को औपचारिक अनुरोध भेजे गए हैं, जिनमें अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 के अनुरूप मॉडल सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं तथा विस्तृत क्रियान्वयन दिशा-निर्देश जल्द से जल्द जारी किए जाएं एवं ग्राम सभा प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के लिए समग्र प्रशिक्षण मॉड्यूल / हैंडबुक प्रकाशित की जाए।छत्तीसगढ़ वन विभाग यह स्पष्ट करता है कि सीएफआरआर का क्रियान्वयन प्रदेश में पूरी पारदर्शिता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सहभागिता के साथ किया गया है तथा आगे भी परंपरागत ज्ञान को सम्मान देते हुए सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जाता रहेगा। file photo
- -जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से अग्रिम भण्डारण कर किया जा रहा खाद वितरण-16 हजार 500 क्विंटल बीज किसानों को वितरितरायपुर,। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप राज्य के किसानों के हितलाभ के लए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ किसानों को निर्धारित समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। रायगढ़ जिला अंतर्गत सहकारिता क्षेत्र में कृषकों को अधिक से अधिक खाद एवं बीज प्रदाय करने के संबंध में लगातार शासन तथा प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ वर्ष 2025 में खाद का अग्रिम भण्डारण करते हुए खाद वितरण का कार्य किया जा रहा है।रायगढ़ जिले में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध 18945 टन खाद का भण्डारण समितियों द्वारा किया जा चुका है तथा 14419 मैट्रिक टन खाद का वितरण लगभग 20 हजार किसानों को किया जा चुका है। वर्तमान में 5000 मैट्रिक टन खाद समितियों में शेष है, साथ ही बीज निगम के माध्यम से प्रमाणित बीज भी समितियों के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल लक्ष्य 29417 क्विंटल के विरूद्ध 25000 क्विंटल बीज का भण्डारण कराया जा चुका है तथा 16500 क्विंटल बीज का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। कृषकों के मांग के अनुरूप खाद का भण्डारण कर कृषकों को वितरण किया जा रहा है।उप संचालक कृषि श्री अनिल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार दुकानों एवं व्यापारियों के खाद के स्टॉक की जांच करने तथा कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर खाद विक्रय के संबंध में निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे खाद की काला बाजारी न हो तथा कृषकों को सही गुणवत्ता के खाद एवं बीज मिल सके। निरीक्षण के दौरान खाद का नमूना भी लिया जा रहा है, अमानक पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
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राजनांदगांव । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव, बालोद एवं दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी राजनांदगांव में आयोजित किया गया। बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव, बालोद एवं दुर्ग जिले के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा जिले की कृषि पद्धति एवं कृषि विज्ञान केन्द्र की वार्षिक प्रगति 2024-25 एवं कार्य योजना 2025-26 की प्रस्तुतीकरण किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं से डॉ. नीता खरे द्वारा आवश्यक सुझाव एवं सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों में होने वाले विभिन्न प्रसार गतिविधियों एवं नये-नये तकनीकों का प्रसार-प्रचार अधिक से अधिक करने की आवश्यकता है, जिससे समय पर इसका लाभ कृषकों को मिल सके। साथ ही फसल तैयारी के पूर्व प्रशिक्षण का आयोजन किया जाना चाहिए। बैठक में कृषकों द्वारा पशुओं में उन्नत नस्ल सुधार के विकल्प कृत्रिम गर्भाधान के बारे में परिचर्चा की गई। इसके साथ ही धान के फसलों में कीट पैनिकल माइल की समस्या के बारे में वृहद परिचर्चा की गई। बैठक में सभी केन्दों, विभागों एवं प्रगतिशील कृषकों द्वारा आवश्यक सुझाव एवं सलाह प्रस्तुत किए गए।
बैठक में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं से डॉ. नीता खरे, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दीप्ती झा व डॉ. ज्योति भट्ट, कृषि महाविद्यालय राजनांदगांव के अधिष्ठाता डॉ. विनम्रता जैन, कृषि महाविद्यालय छुईखदान के अधिष्ठाता डॉ. अविनाश गुप्ता, उपसंचालक कृषि राजनांदगांव, दुर्ग एवं बालोद से श्री एसएल देशलहरे व श्री राजेन्द्र प्रसाद, पशुपालन विभाग से डॉ. ममता मेश्राम, कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव, बालोद एवं दुर्ग के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुजंन झा, डॉ. केआर साहू एवं डॉ. विजय जैन एवं श्री बिसेसर दास साहू, अटारी बोर्ड सदस्य जबलपुर एवं अन्य जिलों के प्रतिनिधि, विषय वस्तु विशेषज्ञ तथा प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे। -
- युवाओं को अपने भविष्य को संवारने एवं लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल
- भारतीय प्रशासनिक सेवा 2024 में चयनित अभ्यर्थी देंगे युवाओं को सही मार्गदर्शन
- 4 जुलाई को कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए कार्यक्रम का होगा आयोजन
- कलेक्टर ने जिले के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं एवं विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की
राजनांदगांव । युवाओं को अपने भविष्य को संवारने एवं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मदद तथा सही मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण पहल की गई है। सही वक्त में युवाओं को बेहतर लक्ष्य प्राप्त करने में मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करता है, उनके कौशल और क्षमताओं को विकसित करने में मदद करता है तथा उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास प्रदान करता है। इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अध्ययन स्तर, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं तैयारी के लिए युवाओं को लाभान्वित करने हेतु कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए् कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए कार्यक्रम का आयोजन 4 जुलाई 2025 को सुबह 11.30 बजे से पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम राजनांदगांव में किया गया है। कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2024 में चयनित श्री आकाश गर्ग, श्री आदित्य विक्रम, सुश्री पूर्वा अग्रवाल, श्री अभिषेक अग्रवाल, श्री अंकित धवानी द्वारा जिले के युवाओं को लक्ष्य हासिल करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिले के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं एवं विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की है। - -युक्तियुक्तकरण से हुई शिक्षकों की पदस्थापनामहासमुंद / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण नीति ने उन विद्यालयों में शिक्षा का नया सवेरा हुआ है, जो वर्षों से शिक्षक संसाधनों की कमी से जूझ रहे थे। ऐसे ही दो विद्यालय महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और प्राथमिक शाला नाँदबारू, जो 1994-95 से एकल शिक्षक विद्यालय के रूप में संचालित हो रहे थे।तीन दशकों से इन विद्यालयों में एकमात्र शिक्षक के भरोसे शिक्षा व्यवस्था चल रही थी। सीमित संसाधनों और भारी जिम्मेदारियों के बावजूद शिक्षकगण पूरी निष्ठा से कार्य करते रहे, लेकिन कई शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावी ढंग से संचालित नहीं हो पा रही थीं।सत्र 2024-25 में छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इन विद्यालयों को द्वि-शिक्षकीय स्वरूप मिला। पहली बार यहाँ दूसरे शिक्षक की पदस्थापना की गई। यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि इन विद्यालयों के लिए शैक्षणिक परिवर्तन का सकारात्मक पल था। दूसरे शिक्षक के आने से बच्चों के चेहरे पर नई ऊर्जा और उत्साह देखा गया। पढ़ाई अब और व्यवस्थित हुई, समूह कार्य, खेल, गतिविधि आधारित शिक्षण और व्यक्तिगत ध्यान संभव हो सका। गाँव वासियों ने भी इस बदलाव का दिल से स्वागत किया। पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर पालकगण तक, सभी ने शासन के इस निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया और इसे सच्चे मायनों में शिक्षा का सशक्तिकरण बताया।प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और नांदबारू आज उन विद्यालयों की श्रेणी में आ चुके हैं, जहाँ गुणवत्ता आधारित शिक्षण की बुनियाद और मजबूत हो रही है। इस बदलाव को एक सफलता के रूप में महसूस किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की नीति और इच्छाशक्ति से शिक्षा के क्षेत्र में एक नया प्रतिमान गढ़ा जा सकता है।
- -किसानों को मिल रही जरूरत के अनुसार खादमहासमुंद / कृषि कार्यों के लिए आवश्यक खाद-बीज की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु महासमुंद जिले की सहकारी समिति झालखम्हारिया में खाद का पर्याप्त भंडारण किया गया है। जिले में कृषकों की मांग को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार की खाद उपलब्ध कराई गई है, जिससे किसानों को सहज रूप से खाद प्राप्त हो रही है। सोसायटी प्रबंधक श्री भोजराम साहू ने बताया कि उपलब्ध खाद में यूरिया 222.57 टन, सुपर फॉस्फेट 30 टन, पोटाश 31.95 टन, डी.ए.पी. 161.60 टन, एन.पी.के. 12.50 टन शामिल है। वर्तमान में 64.10 टन खाद विक्रय हेतु शेष है। किसानों की मांग के अनुरूप खाद का सतत वितरण जारी है।इस सोसायटी में खाद लेने आए लघु कृषक श्री संदीप विश्वकर्मा ने बताया कि शासन द्वारा खाद की समुचित व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें तत्काल खाद प्राप्त हो सका। उन्होंने आज 6 बोरी डी.ए.पी., 10 बोरी नीम लेपित यूरिया, और 2 बोरी पोटाश प्राप्त किया। संदीप विश्वकर्मा ने कहा कि खाद वितरण की इस सरल और पारदर्शी व्यवस्था से किसानों को काफी राहत मिली है। इसके लिए उन्होंने शासन एवं प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। समय पर खाद मिलने से फसल अच्छी होगी। जिससे आमदनी भी बढ़ेगी।कृषि विभाग द्वारा जिले में किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जा रही है। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार किसानों को खाद-बीज समय पर और आसानी से उपलब्ध कराने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। सहकारी समितियों में पर्याप्त भंडारण और त्वरित वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अधिकृत सहकारी समितियों से ही खाद-बीज प्राप्त करें तथा कालाबाजारी से बचें। जिले में खाद की कमी नहीं है और सभी कृषकों को समय पर खाद उपलब्ध कराई जाएगी। डीएपी के विकल्प के तौर पर भी सुपर फॉस्फेट और यूरिया का उपयोग किया जा सकता है।
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-कैशबुक अपूर्ण पर सीएमओ को नोटिस
- तहसीलदार आरंग को वर्षा पंजी पूर्ण करने के दिए निर्देशरायपुर । संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने आज आरंग के एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, जनपद कार्यालय, महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय, नगर पालिका कार्यालय एवम कृषि विभाग के कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। आयुक्त द्वारा सभी शाखाओं में जाकर कार्यों की जानकारी ली गई। तहसीलदार आरंग, एसडीएम आरंग को 6 माह से अधिक अवधि के प्रकरण को शीघ्रता से निराकरण के निर्देश दिये गए। वर्षा पंजी जल्द पूर्ण करने तहसीलदार आरंग को निर्देश दिए। नामांतरण/ बंटवारा के प्रकरण को हर सप्ताह सुनवाई कर निराकरण करने निर्देशित किया गया। नगर पालिका सीएमओ को कैशबुक अपूर्ण होने के कारण नोटिस दिया गया इसी प्रकार से 1 माह से अधिक अवधि से अनुपस्थित श्री विकास कुमार सिंह, लेखापाल को भी नोटिस दिया गया।संभागायुक्त द्वारा ग्राम रसनी में आंगनबाड़ी केंद्र, निर्माणाधीन भवन, उप स्वास्थ केन्द्र, मिडिल स्कूल, पंचायत भवन, एनआरएलएम सेंटर का भी निरीक्षण किया गया। उप स्वास्थ्य केन्द्र रसनी के प्रभारी सुश्री त्रिवेणी चंद्राकर को संस्थागत प्रसव नहीं कराने के कारण नोटिस दिया गया। - - प्रशासन के भावी कदम को लेकर ग्रामीण सशंकितरायपुर । ग्रामीण एकजुटता दिखा प्रस्तावित शराब दुकान खोलने जगह मुहैया कराने निविदा न डाल फिलहाल तो खौली वासियों ने शराब दुकान खुलने का रास्ता बंद कर दिया है पर वे प्रशासन के भावी कदम को लेकर सशंकित हैं । इसी के परिप्रेक्ष्य में आज गुरूवार को आहूत ग्रामीण सभा की बैठक में प्रशासन का रूख स्पष्ट होने तक धरना को जारी रखने का निर्णय लिया गया पर धरना के स्वरूप पर परिस्थितिनुसार बदलाव करने पर सहमति बनी । धरना गुरुवार को भी यथावत जारी रहा ।ज्ञातव्य हो कि बीते कल बुधवार को खौली में प्रस्तावित शराब दुकान के लिये निविदा डालने किसी के द्वारा फार्म खरीदे जाने की खबर के चलते सशंकित व आक्रोशित ग्रामीणों ने आबकारी कार्यालय के आसपास अपना खबरची लगा रखा था। वे ग्रामीण एकजुटता व फरमान के चलते किसी के भी द्वारा निविदा डालने की हिम्मत न जुटा पाने के प्रति आश्वस्त तो थे फिर भी कहीं न कहीं सशंकित भी थे । जब निविदा डालने का निर्धारित समय समाप्त होने के बाद किसी के भी द्वारा निविदा न डालने का समाचार ग्रामीणों को मिला तब वे राहत की सांस ले पाये और धरना में बैठे ग्रामीणों को भी यह खुशखबरी दी । इधर इसे फौरी अस्थायी राहत मानते हुये प्रशासन द्वारा पलटवार कर पुन: नये सिरे से निविदा आमंत्रित किये जाने के प्रति भी ग्रामीण सशंकित हैं और इसी के परिप्रेक्ष्य में आगामी रणनीति तय करने ग्रामीणों की बैठक आहूत की गयी थी । बैठक में समग्र परिस्थितियों पर विचार करते हए शराब दुकान नहीं खुलने के प्रति आश्वस्त होने तक धरना को जारी रखने व इसके स्वरूप पर दिन - प्रतिदिन विचार कर परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया ।
- रायपुर। मंदिर हसौद थाना में पदस्थ टी आई अविनाश सिंह का स्थानांतरण हो गया है। वे राजेन्द्र नगर थाना में पदस्थ किये हैं । उनके स्थान पर देवेन्द्र नगर थाना में पदस्थ थानेदार दीपक यादव की पोस्टिंग मंदिर हसौद थाना में की गयी है। इसी तरह खरोरा के थानेदार दीपक पासवान का स्थानांतरण तिल्दा - नेवरा किया गया है व खरोरा रक्षित आरक्षी केन्द्र से रमाकांत तिवारी को भेजा गया है।गौरतलब है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह द्वारा प्रशासनिक आधार पर रायपुर जिले के 27 टीआई का तबादला किया गया है।
- -22.50 करोड़ रु. लागत से 132 केवी उपकेंद्र एमडी श्री शुक्ला द्वारा ऊर्जीकृतरायपुर। बहरासी (जनकपुर) जिला मनेन्द्रगढ़ में आज 3 जुलाई 2025 को नवनिर्मित 1×40 एमवीए, 132/33 केवी उपकेंद्र को प्रबंध निदेशक, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी श्री आरके शुक्ला द्वारा ऊर्जीकृत किया गया। इस उपकेंद्र व संबंधित पारेषण लाइन का निर्माण 22.50 करोड़ रुपए की लागत से किया गया। सघन वनक्षेत्र होने के कारण यहां 100 किमी लंबी लाइन बिछाने पर बहुत सारे वृक्षों को काटना पड़ता इससे बचने के लिए बहरासी के पास से निकलने वाली मध्य प्रदेश पारेषण कंपनी की 132 केवी अमरकंटक राजमिलान के माध्यम से 132 केवी सप्लाई प्राप्त की गई है। इस तरह वन बचाते हुए की गई व्यवस्था से नया उपकेंद्र ऊर्जीकृत होने से जनकपुर तहसील के लगभग 142 गाँवों के 15 हज़ार विद्युत उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति मिलेगी।जनकपुर तहसील के विद्युत उपभोक्ताओं को वर्तमान में विद्युत आपूर्ति मनेंद्रगढ़ से 33 केवी लाइन से हो रही थी जो कि 100 किमी लंबी है। सघन वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण लो-वोल्टेज की व फॉल्ट की स्थिति में लंबे विद्युत व्यवधान की समस्या बनी रहती थी। इस उपकेंद्र के ऊर्जीकृत होने से विद्युत प्रदाय की स्थिति में सुधार होगा। इस उपकेंद्र के लिए 132 केवी लाइन राज्य में स्थित 132 केवी मनेंद्रगढ़ उपकेंद्र से लाने में सघन वन क्षेत्र में वृक्ष विदोहन करना पड़ता अतः पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए बहरासी के पास से निकलने वाली मध्य प्रदेश पारेषण कंपनी की 132 केवी अमरकंटक राजमिलान के माध्यम से 132 केवी सप्लाई प्राप्त की गई है। इस कार्य में एमपीपीटीसीएल व एमपी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशकों व अधिकारियों का विशेष सहयोग मिला । इस कार्यक्रम में कार्यपालक निदेशक श्री संजय पटेल, श्री वीके दीक्षित, श्रीमती कल्पना घाटे, मुख्य अभियंता श्री संजय तिवारी, श्री यशवन्त शिलेदार, अति मुख्य अभियंता श्री पी गोसाई, श्री एसके दुबे, अधीक्षण अभियंता श्री राजेश लकड़ा, श्री कंवर और वितरण तथा पारेषण कंपनी कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता उपस्थिति थे।
- -पालक, विद्यार्थी और शिक्षक शिक्षा व्यवस्था में आए सुधार से प्रसन्नरायपुर। प्रदेशभर में शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड स्थित पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला संबलपुर में शिक्षकों की वर्षों पुरानी कमी अब दूर हो गई है।शिक्षकों की पदस्थापना से अब विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था न केवल व्यवस्थित हुई है, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त हो रही है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत यहां दो नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे विद्यालय में अब कुल पांच शिक्षक कार्यरत हैं।विद्यालय में शिक्षकों की इस बहुप्रतीक्षित नियुक्ति को लेकर शाला विकास समिति, पालकगण और ग्रामीणों ने प्रसन्नता जाहिर की है। साहित्यकार एवं शिक्षाविद श्री बिरेन्द्र निरोटी तथा शाला विकास समिति के अध्यक्ष श्री गंगाराम निषाद ने राज्य शासन की इस पहल की सराहना करते हुए बताया कि विद्यालय में 150 से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं, किंतु पूर्व में केवल तीन शिक्षक कार्यरत थे। अब दो अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना से कक्षाएं नियमित और विषयवार संचालित हो रही हैं।विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री हिमांशु मिश्रा ने जानकारी दी कि युक्तियुक्तकरण के तहत विद्यालय में श्रीमती बसंती टिकेश्वर और श्री राबिन नागवंशी की नियुक्ति की गई है। वर्तमान में विद्यालय में प्रधानपाठक श्रीमती वीणा ठाकुर, श्री अनिल दिल्लीवार और श्रीमती सुनीता सहित कुल पाँच शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं।विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ने से विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर उत्साह बढ़ा है। पालकों ने बताया कि अब बच्चे घर आकर स्कूल की गतिविधियों के बारे में खुशी से चर्चा करते हैं। शासन की इस पहल से न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति (ड्रॉपआउट) पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है। ग्रामीणों ने इस सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और शिक्षा विभाग के प्रति आभार जताया है और विश्वास व्यक्त किया है कि ऐसी योजनाएं शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाएंगी।
- रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा गरियाबंद जिले के विकासखण्ड-फिंगेश्वर अंतर्गत राजिम मेले के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु महानदी के आरती स्थल, शाही स्नान और श्रद्धालुओं के स्थान, प्लेटफार्म और सीढ़ी निर्माण कार्य के लिए 20 करोड़ 23 लाख 50 हजार रूपए स्वीकृत किए है। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मेला स्थल पर निर्माण कार्य कराने के लिए मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। file photo
- -दो शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों व पालकों में दिखा उत्साहरायपुर ।राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई युक्तियुक्तकरण नीति का प्रभाव अब गांव-गांव में नजर आने लगा है। रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पतरापारा महलोई स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षकों की नई पदस्थापना से शैक्षणिक वातावरण में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। पहले यह स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था, लेकिन अब दो शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के बाद पढ़ाई में नई ऊर्जा और दिशा आई है।विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 1 से 5 तक कुल 78 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। पूर्व में एक ही शिक्षक के भरोसे सभी कक्षाओं का संचालन किया जा रहा था, जिससे न केवल शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, बल्कि विद्यार्थियों को विषय आधारित शिक्षा भी सीमित रूप से मिल पा रही थी। अब दो शिक्षकों की उपस्थिति से समयबद्ध, व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित हुआ है।विद्यालय के परिवेश में आए इस सकारात्मक बदलाव से पालकों में भी उत्साह का माहौल है। अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने आई श्रीमती प्रमिला परजा ने कहा कि अब उनके बच्चे घर लौटकर स्कूल की पढ़ाई और गतिविधियों के बारे में खुशी से बताते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि एक शिक्षक इतने सारे बच्चों को कैसे सम्हालेंगे, लेकिन अब दो शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों को ध्यानपूर्वक पढ़ाया जा रहा है और वे पढ़ाई में भी अधिक रुचि लेने लगे हैं।राज्य शासन की इस पहल से न केवल बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिला है, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता से बच्चों की पढ़ाई अब नियमित और व्यवस्थित रूप से हो रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सीधा सुधार देखा जा रहा है।युक्तियुक्तकरण योजना के तहत की गई यह पहल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है। इससे बच्चों को न केवल उनके गांव में ही बेहतर शिक्षा मिल रही है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत हो रही है।
- - युक्ति युक्तकरण से सुदूरवर्ती गाँव सांचरबहार के शिक्षकविहीन स्कूल को मिला शिक्षकरायपुर ।युक्ति युक्तकरण से सुदूरवर्ती गाँव सांचरबहार में शिक्षा की मशाल जल चुकी है...स्कूल खोलकर यहाँ के विद्यार्थियों को शिक्षा से न सिर्फ जोड़ा जा चुका है..अब वर्षों से शिक्षकविहीन इस विद्यालय में नियमित शिक्षक की नियुक्ति से विद्यार्थियों के साथ गाँव के लोगों में खुशियों का वातावरण है। शिक्षकविहीन की श्रेणी में आने वाले इस विद्यालय में राज्य शासन के फैसलों के बाद अतिशेष शिक्षको के युक्ति युक्तकरण की अपनाई गई प्रक्रिया ने यहाँ ज्ञान की नई रोशनी और उम्मीदों का दीया जला दिया है।कोरबा ब्लॉक के सुदूरवर्ती ग्राम सांचरबहार ग्राम पंचायत नकिया का आश्रित ग्राम है। इस विद्यालय में वर्षों से नियमित शिक्षक पदस्थ नहीं था। स्कूल खुलने के साथ ही गाँव के लोगों की आस थी कि उनके बच्चे भी सही ढंग से पढ़ाई कर पाएंगे, दुर्भाग्यवश उनकी आस अधूरी ही थी, क्योंकि नियमित शिक्षक नहीं होने का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता था। अब जब विद्यालय में नियमित शिक्षक की नियुक्ति हुई है, तो गांव में उत्सव जैसा माहौल है।गाँव में रहने वाली वृद्धा मैसो बाई खुश है कि स्कूल को नियमित शिक्षक मिल गया है अब उनका नाती-नतिनी ठीक से पढ़ाई कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि रिया और आशीष विद्यालय जाते हैं। गाँव की महिला राजकुमारी बाई ने बताया कि उनका बेटा प्रमेन्द्र स्कूल जाता है। पहले आसपास के विद्यालयों से किसी शिक्षक को स्कूल भेजकर काम चलाया जाता था। अब नियमित शिक्षक आ जाने से हम सभी खुश है कि हमारे गाँव के स्कूल और बच्चों की नई पहचान बनेगी और उनकी पढ़ाई भी आसान होगी। शासन की युक्ति युक्तकरण से इस विद्यालय में नियुक्त सहायक शिक्षक श्री शेखरजीत टंडन ने बताया कि विद्यालय शहर से बहुत दूर है और अभी नई नियुक्ति के साथ ही लेमरू में ठहरने की व्यवस्था कर वहाँ से नियमित विद्यालय आते हैं। उन्होंने बताया कि बारिश में आवागमन थोड़ा चुनौती है, आने वाले समय में रास्ता पक्का हो जाने के साथ ही समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि युक्ति युक्तकरण के काउंसिलिंग प्रक्रिया में उन्होंने इस विद्यालय का चयन किया है। विद्यालय में अभी 11 बच्चे दर्ज है और उन्हें खुशी है कि सुदूरवर्ती गाँव सांचरबहार के विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ने का उन्हें अवसर मिला। उन्होंने बताया कि इससे पहले दूरस्थ क्षेत्र श्यांग के स्कूल में भी पदस्थ रहकर अध्यापन कर चुके हैं, अब सांचरबहार के शासकीय प्राथमिक शाला में नियुक्त है।
- -राज्य में पूर्व पंजीकृत एवं नए फार्मासिस्टों को स्वास्थ्य विभाग ने दी बड़ी राहतरायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के द्वारा 8 मई 2025 को आयोजित आम सभा में नए पंजीयन एवं नवीनीकरण सहित अन्य फीस को बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय को 1 जून 2025 से लागू कर दिया गया था। फीस वृद्धि के बाद राज्य के विभिन्न फार्मासिस्ट संगठन तथा दवा व्यापारी संगठनों ने फीस वृद्धि पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी युवाओं और व्यापारी वर्ग के हितों का ध्यान रखते हुए फीस वृद्धि को लेकर काउंसिल के सदस्यों को सुझाव दिया था।बढ़ी हुई फीस पर पुनर्विचार के लिए बुधवार 2 जुलाई 2025 को काउंसिल का विशेष सम्मेलन नवीन विश्राम गृह रायपुर में आयोजित किया गया। इस विशेष बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने उक्त बढ़ी हुई फीस पर विभिन्न बिन्दुओं पर पुनर्विचार किया और अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि फीस में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि केवल कोविड महामारी काल में घटाए गए पंजीयन नवीनीकरण शुल्क को 300 रूपये के स्थान पर पुनः 500 रूपये किया जाए। इस तरह पूर्व में लागू फीस ही याथावत रहेगी। इसके साथ ही 1 जून 2025 से जिनसे भी बढ़ी फीस को लिया गया है उन फार्मासिस्टों को अतिरिक्त फीस को वापस किये जाने का निर्णय लिया गया है।
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*22 पीड़ितों को 26 लाख की राहत राशि का भुगतान*
बिलासपुर/ कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण नियम के तहत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। बैठक में विशेष रूप से केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, विधायक श्री धर्मजीत सिंह, श्री सुशांत शुक्ला, श्री दिलीप लहरिया, श्री अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।बैठक में बताया गया कि इस साल 1 जनवरी ऐ 20 जून तक छह महीनों में 22 पीड़ित व्यक्तियों के लिए 26 लाख रूपए की राहत राशि स्वीकृत की गई। इस राशि का भुगतान भी पीड़ित व्यक्तियों को कर दिया गया है। पीड़ित 22 लोगों में 19 अनुसूचित जाति एवं 3 अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। सहायक आयुक्त ने बताया कि अपराध पीड़ित 22 लोगों में हत्या के 2, दैहिक शोषण के 8, छेड़छाड़ के 2 तथा अपमान एवं मारपीट के 10 प्रकरण शामिल हैं। कलेक्टर ने दर्ज मामलों के अंतर्गत पीड़ितों को समय पर राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री पीसी लहरे ने अजा-जजा अत्याचारण निवारण नियम 1995 के प्रावधानों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अजा, जजा वर्ग के ऐसे जरूरत मंद व्यक्ति को तुरंत सहायता एवं राहत पहुंचाना है जो सवर्ण वर्ग के व्यक्ति अथवा समूह द्वारा प्रताड़ित हुआ हो तथा गरीबी के कारण संकटापन्न स्थिति में हो। अत्याचार पीड़ित की मौत पर 8.25 लाख, बलात्कार पर 4 लाख, छेड़छाड़ एवं मारपीट पर 2 लाख एवं अपमानित किये जाने पर 1 लाख रूपए की राहत राशि प्रदान किया जाता है। राहत राशि एकमुश्त ना दिया जाकर किश्तों में दी जाती है। बैठक में जिला पंचायत सदस्य निरंजन पैकरा, दामोदर कांत, श्रीमती रजनी पिन्टू मरकाम, उप पुलिय अधीक्षक अजाक, संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं एवं उप संचालक रोजगार उपस्थित थे। बैठक के अंत में सहायक आयुक्त पीसी लहरे ने आभार व्यक्त किया। - -एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के लक्ष्य में 4.62 लाख मैट्रिक टन की बढ़ोत्तरी-मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं-चालू खरीफ सीजन में अब 17.18 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्यरायपुर। देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के चलते चालू खरीफ सीजन में राज्य में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित होने का वैकल्पिक मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल लिया है। किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के चलते परेशान होने की जरूरत नहीं है। डीएपी के बदले किसानों को भरपूर मात्रा में इसके विकल्प के रूप में एनपीके और एसएसपी खाद की उपलब्धता सोसायटियों के माध्यम सुनिश्चित की जा रही है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20:20:013) और एनपीके (12:32:13) के वितरण लक्ष्य में 3.10 लाख मेट्रिक टन तथा एसएसपी के वितरण लक्ष्य में 1.80 लाख मैट्रिक टन की वृद्धि करने के साथ ही इसके भण्डारण एवं वितरण की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की है। एनपीके और एसएसपी के लक्ष्य में वृद्धि होने के कारण चालू खरीफ सीजन में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मैट्रिक टन से 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे-एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।यहां यह उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ सीजन में 14.62 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसमें यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.10 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.80 लाख मेट्रिक टन, एमओपी 60 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन शामिल था। डीएपी के कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने इस लक्ष्य को संशोधित किया है। डीएपी की आपूर्ति की कमी चलते इसके लक्ष्य को 3.10 लाख मेट्रिक टन से कमकर 1.03 लाख मेट्रिक टन किया गया है, जबकि एनपीके के 1.80 लाख मेट्रिक टन के लक्ष्य को बढ़ाकर 4.90 लाख मेट्रिक टन और एसएसपी के 2 लाख मेट्रिक टन को बढ़ाकर 3.53 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया और एमओपी के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को यथावत् रखा गया है। इस संशोधित लक्ष्य के चलते रासायनिक उर्वरकों के वितरण की मात्रा 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर अब 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गई है।कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि डीएपी की कमी को अन्य उर्वरकों के निर्धारित मात्रा का उपयोग कर पूरी की जा सकती है और फसल उत्पादन बेहतर किया जा सकता है। फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सहित मात्रा में मिले तो उपज में कोई कमी नहीं आती है। डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को अन्य फॉस्फेट खादों के उपयोग की सलाह दी है। डीएपी के प्रत्येक बोरी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है। इसके विकल्प के रूप में तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया का उपयोग करने से पौधों को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फोरस, कैल्सियम, नाइट्रोजन और सल्फर मिल जाता है। एसएसपी उर्वरक पौधों की वृद्धि के साथ-साथ जड़ों के विकास में भी सहायक है, इसके उपयोग से फसल की क्वालिटी और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। डीएपी की कमी को दूर करने के लिए किसान जैव उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते हैं।कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ-2025 में किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 12.13 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का भण्डारण कराया गया है, जिसमें से 7.29 लाख मेट्रिक टन का वितरण किसानों को किया जा चुका है। राज्य में वर्तमान में सहकारी और निजी क्षेत्र में 4.84 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण हेतु उपलब्ध है।
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स्टेट ऑडिट कार्यालय में विदाई समारोह
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ऑडिट क्षेत्रीय कार्यालय, घड़ी चौक रायपुर से सहायक संचालक एन.यू. खान एवं अथनास तिर्की 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर एक सादगीपूर्ण विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इसमें विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।
समारोह में विभाग के संयुक्त संचालक शैलेंद्र बंसपाल ने सेवानिवृत्त अधिकारियों को श्रीफल, शाल व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने उनके सेवाकाल की सराहना की। बंसपाल ने कहा कि खान और तिर्की ने अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ किया है।
कार्यालयीन साथियों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। समारोह का माहौल भावुक लेकिन सम्मानपूर्ण रहा, जिसमें उनके सहयोग और कार्यशैली की सराहना करते हुए विदाई दी गई। -
57.98% उर्वरक का भंडारण, 46.48% का हुआ वितरण
रायपुर/ रायपुर जिले में खरीफ 2025 सीजन के लिए रासायनिक उर्वरकों का भंडारण निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप तेजी से किया जा रहा है। जिले की सहकारी समितियों द्वारा 50,603 मीट्रिक टन के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 29,338 मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का 57.98 प्रतिशत है।
इस भंडारित उर्वरक में 6,658 मीट्रिक टन डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) शामिल है। किसानों द्वारा अपनी आवश्यकतानुसार सहकारी समितियों से नियमित रूप से उर्वरक का उठाव किया जा रहा है। अब तक 23,518 मीट्रिक टन उर्वरक का उठाव किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 46.48 प्रतिशत है।
प्रमुख उर्वरकों का भंडारण एवं वितरण इस प्रकार है -
सुपर फॉस्फेट :- भंडारण – 2,519 मीट्रिक टन, वितरण – 1,655 मीट्रिक टन, पोटाश भंडारण – 2,145 मीट्रिक टन, वितरण – 1,369 मीट्रिक टन
एनपीके :-भंडारण – 3,760 मीट्रिक टन, वितरण – 3,106 मीट्रिक टन है |
जिला प्रशासन द्वारा उर्वरक भंडारण और वितरण की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है ताकि किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जा सके। - -ग्रामीण फरमान के चलते शराब दुकान खोलने हेतु जगह मुहैया कराने किसी ने भी निविदा नहीं डाली* निविदा डालने के अंतिम दिन ग्रामीणों ने किया सद्बबुद्धि यज्ञ* शासन-प्रशासन के अगले कदम के इंतजार के बीच कल ग्रामीणों की बैठकरायपुर । ग्राम खौली में ग्रामीणों की एकजुटता के चलते प्रस्तावित शराब दुकान खोलने पर आमादा प्रशासन द्वारा जगह उपलब्ध कराने के इच्छुक ग्रामीणों से आमंत्रित निविदा भरने के अंतिम दिन आज निर्धारित समय तक एक भी ग्रामीण ने निविदा नहीं डाली। इसके चलते फिलहाल खौली में शराब दुकान खुल पाना संभव नहीं है... इसे कहते हैं एकजुटता।इस बीच आज बुधवार को खौली में निविदा डालने व खुलने के अंतिम दिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार धरनास्थल पर शासन - प्रशासन को सद्बबुद्धि देने गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। प्रस्तावित शराब दुकान के निरस्तीकरण आदेश न पहुंच पाने के बीच कल गुरुवार को पूर्वाह्न ग्रामीणों की एक बैठक भावी रणनीति पर विचार करने के लिये आहूत करने के साथ - साथ कल धरना जारी रखने का निर्णय लिया गया है ।ज्ञातव्य हो कि ग्रामीणों के विरोध के बाद भी शासन - प्रशासन ने शराब दुकान खोलने का निर्णय लेकर जगह उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीणों से निविदा आमंत्रित की थी जिससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने बीते 25 जून से धरना - प्रदर्शन शुरू कर दिया था । .इस आंदोलन को आसपास के ग्रामों के ग्रामीणों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा था । इसी दौरान ग्राम के एक प्रतिनिधि मंडल ने क्षेत्रीय विधायक गुरु खुशवंत सिंह से मुलाकात की। उस वक्त विधायक ने खौली में शराब दुकान नहीं खुलने देने का अपना पूर्ववर्ती वादा दुहराया था। श्री गुरु के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे पूर्व क्षेत्रीय जनपद सदस्य संजय शर्मा द्वारा ग्रामीणों को किये गये वादे से अवगत कराया गया पर वादे पर अविश्वास नहीं करते हुये भी बतौर ऐहतियात ग्रामीणों ने शासन द्वारा निरस्तीकरण आदेश जारी किये जाने तक धरना - प्रदर्शन को यथावत जारी रखने का निर्णय लिया था ।इधर आज निविदा डालने के अंतिम दिन पूर्वाह्न भावी रणनीति तय करने पर विचार हेतु ग्रामीणों की एक अनौपचारिक बैठक भी हुई जिसमें शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे । श्री शर्मा ने निविदा डालने व खुलने के आज अंतिम दिन बुधवार के घटनाक्रम की प्रतीक्षा करने के बाद ही स्थिति- परिस्थिति पर विचार कर भावी रणनीति तय करने का आग्रह किया । इस बीच ग्रामीणों को खबर मिली कि किसी ने निविदा डालने फार्म खरीद रखा है। इससे ग्रामीण एक बार फिर उद्वेलित हो गये थे पर निविदा भरने के अंतिम समय तक किसी भी के द्वारा निविदा नहीं डालने के समाचार मिलने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस लेते हुये इसे ग्रामीण एकजुटता व आसपास के ग्रामों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग व श्री गुरु से मिले संबल का परिणाम बतलाया । कल गुरुवार को होने वाली बैठक में शासन - प्रशासन के संभावित कदम व अभी तक शराब दुकान खोलने के आदेश के निरस्तीकरण आदेश अभी तक नहीं पहुंचने के परिप्रेक्ष्य में आगामी रणनीति पर विचार किया जोगा । ज्ञातव्य हो कि निरस्तीकरण आदेश आने पर ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक श्री गुरु का नागरिक अभिनंदन करने का निर्णय लिया है ।
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- भारतीय प्रशासनिक सेवा 2024 में चयनित अभ्यर्थी देंगे युवाओं को सही मार्गदर्शन
- 4 जुलाई को ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए कार्यक्रम का होगा आयोजन
- कलेक्टर ने जिले के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं एवं विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की
राजनांदगांव । प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से जिंदगी बदलती है। युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा, क्षमता एवं संभावनाओं को आकार देने के लिए तथा उनके कैरियर को सही दिशा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनोखी पहल की गई है। सभी वक्त पर युवाओं में निहित संभावनाओं को तरासकर उन्हें अध्ययन के लिए प्रेरित करना जरूरी है। इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशन में भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए अध्ययन के स्तर, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं तैयारी के लिए युवाओं को लाभान्वित करने हेतु ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन 4 जुलाई 2025 को सुबह 11.30 बजे से पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम राजनांदगांव में किया गया है। कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2024 में चयनित श्री आकश गर्ग, श्री आदित्य विक्रम, सुश्री पूर्वा अग्रवाल, श्री अभिषेक अग्रवाल, श्री अंकित धबानी द्वारा जिले के युवाओं को अध्ययन के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे नेजिले के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं एवं विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की है।