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बलौदाबाजार-भाटापारा को मिली बड़ी सौगात:नवेरी–गाडाभाठा मार्ग का निर्माण 4.32 करोड़ रुपए,भंवरगढ़ से जांगडा निर्माण 1.08 करोड़ रुपए तथा मानपुर से परसदा मार्ग के निर्माण हेतु 1.64 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति
रायपुर/ छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा जिले के विकास को नई गति देते हुए बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में नवेरी से गाडाभाठा तक 3.50 किलोमीटर लंबी सड़क (पुल सहित) के निर्माण कार्य को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। यह कार्य वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में शामिल है, जिसके लिए कुल 432.54 लाख रुपये,भंवरगढ़ से जांगडा के लिए 1.08 करोड़ रुपए तथा मानपुर से परसदा मार्ग के निर्माण के लिए 1.68 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि विष्णुदेव साय सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए संकल्पित है। नवेरी–गाडाभाठा और भंवरगढ़ से जांगडा मार्ग का निर्माण ग्रामीण अंचलों को मुख्य मार्गों से जोड़ेगा, जिससे विकास के नए अवसर सृजित होंगे और आम जनता को सुरक्षित व सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस सड़क निर्माण से क्षेत्र के ग्रामीणों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी, साथ ही कृषि, व्यापार और आपातकालीन सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी। स्वीकृति के पश्चात तकनीकी अनुमोदन लेकर निविदा प्रक्रिया के माध्यम से शीघ्र कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार सड़क, पुल और अधोसंरचना विकास को प्राथमिकता दे रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले और नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर हो।
उल्लेखनीय है कि इस स्वीकृति के साथ ही निर्माण कार्य से संबंधित सभी प्रक्रियाएं समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण हो सके और जनता को शीघ्र लाभ मिल सके। -
सुकमा में आत्मसमर्पित माओवादियों को मिला सम्मानजनक नया जीवन
75 को 5G स्मार्टफोन, 25 को मेसन किट का वितरण
रायपुर/छत्तीसगढ़ शासन की संवेदनशील और दूरदर्शी नक्सल पुनर्वास नीति ज़मीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव का सशक्त उदाहरण बन रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के स्पष्ट निर्देशों एवं उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन में सुकमा जिले के नक्सल पुनर्वास केंद्र में आत्मसमर्पित माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई।
आत्मसमर्पण करने वाल 25 युवाओं को रोजगारोन्मुख मेसन (राजमिस्त्री) किट
इस क्रम में 75 आत्मसमर्पित नक्सलियों को अत्याधुनिक 5G स्मार्टफोन तथा 25 युवाओं को रोजगारोन्मुख मेसन (राजमिस्त्री) किट वितरित की गई। यह कार्यक्रम कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव एवं पुलिस अधीक्षक श्री किरण चव्हाण के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।
75 आत्मसमर्पित नक्सलियों को अत्याधुनिक 5G स्मार्टफोन
कार्यक्रम के दौरान 75 पुनर्वासित युवाओं को सैमसंग गैलेक्सी M06 5G स्मार्टफोन प्रदान किए गए, जिनमें 50 मेगापिक्सल डुअल कैमरा तथा 5000 mAh फास्ट-चार्जिंग बैटरी जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इन स्मार्टफोनों के माध्यम से युवा अब डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास कार्यक्रमों, सरकारी योजनाओं तथा देश-दुनिया की जानकारी से सहजता से जुड़ सकेंगे।
इसके साथ ही 25 पुनर्वासित युवाओं को मेसन किट प्रदान कर निर्माण क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह पहल प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण सहित अन्य विकास कार्यों के लिए कुशल श्रमशक्ति तैयार करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आत्मसमर्पण करने वाले लोगों स्वरोजगार के नए अवसरों उपलब्ध कराने संकल्पित
जिला प्रशासन ने बताया कि नक्सल पुनर्वास को केवल आर्थिक सहायता तक सीमित न रखते हुए इसे आत्मनिर्भरता, सम्मान और सामाजिक समावेशन से जोड़ा जा रहा है। 5G स्मार्टफोन के माध्यम से पुनर्वासित युवा अब ऑनलाइन प्रशिक्षण, आधुनिक कृषि तकनीकों, छोटे व्यवसायों और स्वरोजगार के नए अवसरों को समझने और अपनाने में सक्षम होंगे।आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी लोगों स्वरोजगार के नए अवसरों उपलब्ध कराने सरकार संकल्पित है l
पुनर्वासित युवाओं ने साझा किए अनुभव
पोलमपल्ली निवासी पुनर्वासित पोड़ियम भीमा ने बताया कि वे लगभग 30 वर्षों तक डीवीसी सदस्य के रूप में संगठन से जुड़े रहे। पुनर्वास के बाद उन्हें बेहतर आवास, भोजन और प्रशिक्षण की सुविधा मिल रही है। उन्होंने बताया कि वे राजमिस्त्री के साथ-साथ इलेक्ट्रीशियन और मैकेनिक का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर चुके हैं।
पुवर्ती निवासी मुचाकी रनवती ने बताया कि वे 24 वर्षों तक एसीएम सदस्य के रूप में नक्सल संगठन से जुड़ी रहीं। पुनर्वास के बाद उन्होंने सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त किया और वर्तमान में राजमिस्त्री प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने परिजनों से मिलने का अवसर मिला तथा बस्तर ओलंपिक की संभागस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया।
डब्बमरका, सुकमा निवासी गंगा वेट्टी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा मोबाइल और मेसन किट मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जंगल के जीवन की तुलना में वर्तमान जीवन सुरक्षित और सम्मानजनक है। शिविर लगाकर उनका आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड एवं जॉब कार्ड बनाया गया तथा शासन की सभी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है।
सुकमा में की गई यह पहल इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ शासन की नीति केवल नक्सलवाद से मुकाबले तक सीमित नहीं है, बल्कि भटके हुए युवाओं को विश्वास, अवसर और सम्मान के साथ नया जीवन देने की ठोस कोशिश भी है। यह मॉडल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और सामाजिक समरसता की मजबूत नींव रख रहा है। इस अवसर पर जिले के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। -
“मनखे-मनखे एक समान” का संदेश बाबा गुरु घासीदास जी की अमर विरासत: सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध चेतना के अग्रदूत थे बाबा गुरु घासीदास जी - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
रायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महान समाज सुधारक और आध्यात्मिक चेतना के प्रतीक बाबा गुरु घासीदास जी की 18 दिसम्बर को जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी ने अपने दिव्य उपदेशों और आचरण से समाज को सत्य, अहिंसा, समानता और सामाजिक सद्भाव के मार्ग पर अग्रसर किया। उनका अमर संदेश “मनखे-मनखे एक समान” केवल एक विचार नहीं, बल्कि मानवता को जोड़ने वाला ऐसा जीवन-दर्शन है, जो भेदभाव रहित, न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज की मजबूत नींव रखता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी ने छत्तीसगढ़ की धरती पर सामाजिक एवं आध्यात्मिक जागरण की सुदृढ़ आधारशिला रखी। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों, असमानताओं और अंधविश्वासों के विरुद्ध चेतना जगाते हुए नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की और जनमानस को आत्मसम्मान एवं मानवीय गरिमा का बोध कराया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा जी का जीवन-दर्शन करुणा, सहिष्णुता, प्रेम, सत्यनिष्ठा और परस्पर सम्मान जैसे मानवीय गुणों के विकास का मार्गदर्शक है। उनके विचार और आदर्श समय की कसौटी पर खरे उतरते हुए आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और वर्तमान समाज के लिए प्रेरणा का सशक्त स्रोत बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे बाबा गुरु घासीदास जी के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें तथा सामाजिक समरसता, शांति और सौहार्द के साथ एक समृद्ध एवं समावेशी छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ। -
रायपुर/राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित विशेष चर्चा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वंदेमातरम के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वंदे मातरम् देशप्रेम का वह जज्बा था जिसकी गूंज से ब्रिटिश हुकूमत तक कांप उठती थी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह उद्घोष करोड़ों भारतीयों के हृदय में साहस, त्याग और बलिदान की अग्नि प्रज्वलित करता रहा। उन्होंने कहा कि यह वही स्वर था जिसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने की शक्ति प्रदान की।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानियों को स्मरण करते हुए कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, खुदीराम बोस सहित असंख्य क्रांतिकारी वंदे मातरम् का जयघोष करते हुए मां भारती के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए। उनका बलिदान आज भी हर भारतीय को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का स्मरण कराता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वंदे मातरम् की गौरव गाथा का स्मरण करना हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। यह गीत हमें उस संघर्ष, उस पीड़ा और उस अदम्य साहस की याद दिलाता है, जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाई। यह हमारी राष्ट्रीय चेतना का आधार स्तंभ है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की पहचान केवल उसकी भौगोलिक सीमाओं से नहीं होती, जो मानचित्र पर अंकित होती हैं। किसी राष्ट्र की वास्तविक पहचान उसकी सभ्यता, संस्कृति, परंपराओं और उन मूल्यों से होती है, जो सदियों से उसके आचार-विचार और जीवन पद्धति का हिस्सा रहे हैं। भारत की यह सांस्कृतिक निरंतरता विश्व में अद्वितीय है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा आयोजित करने का उद्देश्य यह भी है कि हम इतिहास की उन गलतियों को कभी न भूलें, जिन्होंने देश को गहरे घाव दिए, जिनकी पीड़ा आज भी हमारे समाज में कहीं-न-कहीं महसूस की जाती है। इतिहास से सीख लेकर ही हम एक सशक्त और समरस भारत का निर्माण कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के उन सभी वीर सपूतों को नमन किया, जिन्होंने वंदे मातरम् के भाव को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर भारत माता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् हमें हमारी विरासत, हमारी सांस्कृतिक चेतना और हजारों वर्षों की सभ्यता से जोड़ता है। यह उन आदर्शों की सामूहिक अभिव्यक्ति है, जिन्हें हमने युगों-युगों में आत्मसात किया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में धरती को माता के रूप में पूजने की भावना रही है, जिसे हम मातृभूमि कहते हैं। वंदे मातरम् इसी भाव का सशक्त और पवित्र स्वरूप है, जो हमें प्रकृति, भूमि और राष्ट्र के प्रति सम्मान और कर्तव्यबोध सिखाता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस विशेष चर्चा के आयोजन के लिए विधानसभा अध्यक्ष तथा सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे विमर्श नई पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक गौरव और ऐतिहासिक चेतना से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। - लॉन्च के मात्र 15 दिनों में 23 परियोजनाओं को मिली पर्याप्त बुकिंग31 दिसंबर 2025 तक टेंडर जारी करने के निर्देशरायपुर/छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा हाल ही में लॉन्च की गई 56 आवासीय परियोजनाओं को आमजन से अभूतपूर्व प्रतिसाद प्राप्त हुआ है। इन योजनाओं के अंतर्गत कुल 1477 आवासों के विरुद्ध लगभग 3500 ऑफर प्राप्त हुए हैं, जिनका कुल अनुमानित मूल्य करीब 305 करोड़ रुपये है। यह स्पष्ट करता है कि हाउसिंग बोर्ड की नई आवासीय योजनाओं पर नागरिकों का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है।छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह देव ने बताया कि राज्य के 26 जिलों में लगभग 2060 करोड़ रुपये की लागत वाली नई आवासीय परियोजनाओं का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के करकमलों से, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी एवं अन्य मंत्रिगण एवं जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।उन्होंने बताया कि मंडल की नीति के अनुसार किसी भी परियोजना में तीन माह की अवधि में न्यूनतम 10 प्रतिशत निरंतर बुकिंग अथवा एकमुश्त 60 प्रतिशत बुकिंग प्राप्त होने पर ही निविदा (टेंडर) प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है। आमजन द्वारा दिखाए गए विश्वास का परिणाम यह है कि लॉन्चिंग के मात्र 15 दिनों के भीतर ही 15 जिलों की 23 परियोजनाओं में पर्याप्त बुकिंग प्राप्त हो चुकी है। इन परियोजनाओं में नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।इन 23 परियोजनाओं में रायपुर, नवा रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, खैरागढ़, कवर्धा, बेमेतरा, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, कांकेर, भानुप्रतापपुर, बिलासपुर, रायगढ़, सारंगढ़, अंबिकापुर एवं सूरजपुर जिलों की प्रमुख योजनाएं शामिल हैं। इन सभी परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 2526 आवासीय भवनों का निर्माण प्रस्तावित है, जिनका कुल अनुमानित टेंडर अमाउंट 406.81 करोड़ रुपये है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आगामी दिनों में निविदा कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी।इस संबंध में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री अवनीश कुमार शरण ने आज आयोजित समय-सीमा समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन परियोजनाओं की लॉन्चिंग हो चुकी है, उनकी टेंडर प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 से पूर्व अनिवार्य रूप से पूर्ण की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन तय समय-सीमा में, उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुरूप किया जाए तथा निर्माण पूर्ण होने के पश्चात हितग्राहियों को शीघ्र आधिपत्य प्रदान किया जाए।इस अवसर पर श्री अनुराग सिंह देव ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड अपने सामाजिक दायित्वों का भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ निर्वहन कर रहा है। इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। आयुक्त श्री अवनीश कुमार शरण की उपस्थिति में स्व. श्री परमानंद साहू के पुत्र श्री पंकज साहू तथा स्व. श्री संतोष सागर की पुत्री श्रीमती पूजा सोनी को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि पिछले एक वर्ष में हाउसिंग बोर्ड द्वारा दिवंगत 10 कर्मचारियों के आश्रित परिवारजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जा चुकी है।आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को आम नागरिकों का जो अभूतपूर्व विश्वास प्राप्त हो रहा है, वह राज्य सरकार की नीतिगत स्पष्टता और पारदर्शी कार्यप्रणाली का परिणाम है। उन्होंने कहा कि लॉन्चिंग के मात्र 15 दिनों में 23 परियोजनाओं में पर्याप्त बुकिंग मिलना एक बड़ी उपलब्धि है और आगामी निविदा प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन के लिए मंडल के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं।कुल मिलाकर, नई आवासीय परियोजनाओं को मिली रिकॉर्ड बुकिंग ने यह साबित कर दिया है कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल राज्य में किफायती, गुणवत्तापूर्ण और भरोसेमंद आवास उपलब्ध कराने की दिशा में सशक्त भूमिका निभा रहा है।
- - ग्रीष्मकालीन धान की तुलना में सरसों फसल कम पानी, कम परिश्रम और कम लागत में फायदे की फसल - किसान भेषकुमारराजनांदगांव/ राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम पारीखुर्द के किसान श्री भेषकुमार साहू ने पीएम आशा योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान अंतर्गत दलहन-तिलहन फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी से प्रेरित होकर 15 एकड़ खेत में सरसों फसल की बुआई की है। किसान श्री भेषकुमार साहू ने बताया कि पीछे वर्ष उन्होंने धान की खेती की थी। पीएम आशा योजनांतर्गत रबी वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन किया जाएगा।किसान श्री भेषकुमार साहू ने बताया कि जानकारी के अभाव में लगातार धान के बाद धान फसल ले रहे थे, जिससे ना केवल ज्यादा पानी का दोहन होता था बल्कि बार-बार खाद और कीटनाशी दवाईयां खेत में डालने से फसलों की उपज भी कम होने लगी थी। उन्होंने इस वर्ष फसल चक्र परिवर्तन के लिए कृषि विभाग द्वारा नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑइल योजनांतर्गत प्रदाय किये गये सरसों बीज किस्म पीएम-32 के बुआई किए हैं। जिससे उन्हें प्राप्त होने वाली उपज को एमएसपी दर पर विक्रय करेंगे। उन्होंने बताया कि सरसों फसल में मात्र 10 रूपए से 11 हजार रूपए लागत आता है साथ ही औसत उपज 6 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ आसानी से प्राप्त हो जाता है। इस तरह सरसों की फसल 35 से 37 हजार रूपए सीधे आमदनी हो जाती है। जो ग्रीष्मकालीन धान की तुलना में कम परिश्रम और कम लागत में फायदे की फसल है। शासन द्वारा भी सरसों फसल के लिए 6 हजार रूपए से अधिक एमएसपी दिया जा रहा है जो किसानों के लिए बड़ी राशि है। किसान श्री भेषकुमार ने बताया कि सरसों फसल को मवेशी खराब नहीं करते है। ग्रीष्मकालीन धान की तुलना में 4 गुना कम पानी में इसकी खेती हो जाती है व लागत भी कम रहता है। शासन की पीएम आशा योजना एवं रबी मौसम में फसल चक्र परिवर्तन से दलहन-तिलहन के रकबा में वृद्धि होगी।
- - ग्राम पंचायत मुगलानी के ग्रामवासी क्यूआर कोड स्कैन कर यूपीआई के माध्यम से टैक्स कर रहे जमाराजनांदगांव/ग्रामीण क्षेत्रों में अब डिजिटल लेनदेन लोकप्रिय हो रहा है। जनपद पंचायत डोंगरगढ़ के सभी ग्राम पंचायतों में अनिवार्य टैक्स जमा कराने के लिए क्यूआर कोड जारी किया गया है। ग्राम पंचायत मुगलानी के ग्रामवासी क्यूआर कोड स्कैन करके यूपीआई के माध्यम से अपना अनिवार्य टैक्स जमा कर रहे है। ऑनलाइन टैक्स जमा करने की सुविधा से ग्रामवासियों में उत्साह है। डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया से टैक्स वसूली सरल हुआ है। जिससे टैक्स कलेक्शन में इजाफा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों तक ऑनलाईन टैक्स जमा करने की सुविधा का लाभ जनसामान्य ले रहे है। ग्राम पंचायतों द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रकार के कर जिसमें संपत्ति कर, प्रकाश कर, वृत्तिकर, बाजार शुल्क, पशु पंजीयन शुल्क सहित जल कर, निकास कर, तालाब लीज, कांजी हाऊस, खनिज रायल्टी एवं अन्य करों के अंतर्गत निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, नामांतरण, उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र, विद्युत एवं आय प्रयोजन, आनापत्ति प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञा प्रमाण पत्र, भूमि क्रय विक्रय, नामांतरण, फौती बटवारा, होटल, ढाबा, मोटर गाड़ी मरम्मत, मोबाईल टावर शुल्क सहित अन्य कर ग्राम पंचायतों में ऑनलाईन भुगतान किए जा रहे हैं।
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*कलेक्टर ने टीएल बैठक में की तैयारी की समीक्षा*
बिलासपुर/भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत मंत्रालय के तत्वावधान में 19 से 25 दिसम्बर 2025 तक प्रशासन गांव की ओर अभियान का आयोजन किया जायेगा। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने अधिकारियों की साप्ताहिक टीएल बैठक में आयोजन की रूपरेखा बताते हुए इसकी तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। अभियान का उद्देश्य जिले के विभागों की सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग से सुशासन को बढ़ावा देना है। जनपद एवं पंचायत स्तर पर इस दौरान विशेष शिविरों का आयोजन कर जनता की शिकायतों का समाधान किया जायेगा। कलेक्टर ने बैठक में विभिन्न विभागों की लंबित मामलों और राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए। नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, डीएफओ नीरज सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।प्रशासन गांव की ओर अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जनसुविधाओं का विस्तार करना और सरकार और जनता के बीच बेहतर संवाद स्थापित करना है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में बहुउद्देश्यीय शिविरों के माध्यम से जनसमस्याओं का निवारण, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और हितग्राहियों को योजनाओं का सीधा लाभ दिलाने की व्यवस्था की जायेगी। फील्ड स्तर के अधिकारी गांवों में जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे। पीएम पोर्टल, मुख्यमंत्री जनदर्शन सहित विभिन्न माध्यमों से मिले जनशिकायतों का शतप्रतिशत निराकरण भी इस दौरान किया जायेगा। 23 दिसम्बर को गुड गवर्नेस प्रेक्टिसेज पर जिला स्तरीय कार्यशाला भी आयोजित होगी। इसमंे प्रशासन के अभिनव कार्यों, पीडीएस, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनहित से जुड़े अन्य विषयों पर चर्चा की जायेगी। यह अभियान प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाते हुए जनता को सुगम सेवाएं प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अभियान के माध्यम से प्रशासन ग्रामीण जनता तक पहुंचकर उनकी समस्याओं का समाधान करेगा और योजनाओं का लाभ सभी को पहुंचाने का प्रयास करेगा।कलेक्टर ने बंद हो चुकी योजनाओं के बैंक खातों को बंद करने में ढिलाई पर शिक्षा विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर की। शिक्षा विभाग के 77 आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा यदि तीन दिनों में कार्रवाई पूर्ण नहीं की गई तो उनका वेतन रोकने की कार्रवाई की जायेगी। मालूम हो कि लगभग 18 करोड़ की राशि इन बंद पड़े खातों में जमा है, जिसे शासन के खाते में जमा करना है। उन्होंने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। खाताधारी की मौत हो जाने पर उन्हें दो लाख रूपए की मदद की जाती है। शर्त ये है कि मौत के एक महीने के भीतर बैंक को सूचना देनी होती है। समीक्षा के दौरान पीएचई विभाग ने बताया कि बैगा-बिरहोर बहुल इलाकों में इस माह के अंत तक घर-घर पानी पहुंचाने का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने बैठक में कर्मचारी कल्याण से जुड़े योजनाओं की भी समीक्षा की और संवेदनशीलता के साथ इनका निराकरण करने के निर्देश दिए। कोपरा जलाशय को रामशर साईट की सूची में शामिल होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इनका भ्रमण करने का सुझाव अधिकारियों को दिया। -
भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई के SNA स्पर्श के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के हितग्राहियों को किस्त की राशि का भुगतान किया गया। आने वाले नववर्ष के अवसर पर निगम आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय के निर्देश पर प्रधानमंत्री आवास योजना टीम के अथक प्रयास से 250 हितग्राहियों को पहली किस्त के रूप में 1.57 करोड़ रूपये और 110 हितग्राहियों को दूसरी किस्त 95.70 लाख रूपये एवं 44 हितग्राहियों को तीसरा किस्त 28.60 लाख रूपये भुगतान किया गया है। राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में हस्तांरित की गई, जो SNA SPARSH प्लेटफार्म की पादर्शिता और त्वरित फंड ट्रांसफर को दर्शाता है। यह पहल प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत हर पात्र परिवार को घर उपलब्ध कराने के संकल्प को मजबूत करती है तथा SNA SPARSH के माध्यम से अभी तक 404 हितग्राहियों को ’’जस्ट इन टाइम’’ फंड रिलीज सुनिश्चित कर डिजिटल प्रक्रिया को सरल बनाता है। जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ती है। नगर निगम भिलाई प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के हितग्राहियों को बधाई देते हुए उनकी उज्जवल भविष्य की कामना करती है।
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भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई जोन-2 वैशाली नगर अंतर्गत निर्माणाधीन डामरीकरण सड़क, नाला, साफ-सफाई सहित पेवर ब्लाक का निरीक्षण आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया।
निगम आयुक्त द्वारा सुपेला कर्मा चौक से परदेशी चौक बघवा मंदिर तक निर्माणाधीन डामरीकरण सड़क का निरीक्षण किया गया। सड़क निर्माण गुणवत्ता के साथ शीध्र पूर्ण कराने निर्देशित किये हैं। शकुंतला स्कूल से होते हुए वार्डो के साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लेते हुए रामनगर क्षेत्र पहुंचे। रामनगर में पूर्व से नाला निर्मित है, बारिश के समय डूबान क्षेत्र होने के कारण पानी भर जाता है। उक्त नाला के दोनो किनारे बारिश से पूर्व दिवाल का निर्माण कराने निर्देशित किये है। आयुक्त ने मुक्तिधाम स्कूल परिसर में पूर्व से लगे पेवर ब्लाक का अवलोकन किये। स्कूल के मैदान में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते रहते है, जिसके कारण पेवर ब्लाक बीच-बीच से उखड़ गया है। उक्त पेवर ब्लाक को व्यवस्थित कराने अभियंता को निर्देशित किये है। कार्यपालन अभियंता अरविंद शर्मा, सहायक अभियंता अर्पित बंजारे, सहायक राजस्व अधिकारी शरद दुबे, जोन स्वास्थ्य अधिकारी साहनी उपस्थित रहे। -
रायपुर । छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी को अमृतसर स्थित पवित्र स्वर्ण मंदिर परिसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) द्वारा सम्मानित किया गया।यह सम्मान उन्हें सिख इतिहास के महान बलिदानों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए चलाए गए अभियान के लिए प्रदान किया गया।
डॉ. कुलदीप सोलंकी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने मुगलों के अत्याचारों के विरुद्ध धर्म की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों की वीरता, त्याग और बलिदान को सम्मान देने हेतु *“वीर बाल दिवस”* को शासकीय आयोजन के रूप में मनाने की मांग को एक सशक्त जनआंदोलन का रूप दिया। इस मुहिम के अंतर्गत उन्होंने शासन की स्वीकृति मिलने तक निरंतर प्रयास जारी रखे।
विदित हो कि वर्ष 2020 में डॉ. कुलदीप सोलंकी ने छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के तत्वावधान में भारत सरकार से चार साहिबजादों के सम्मान में *“वीर बाल दिवस”* मनाए जाने की मांग की शुरुआत की थी।
इस उद्देश्य से उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया तथा भारत सरकार के समक्ष आधिकारिक रूप से भी अपने तर्क और प्रस्ताव प्रस्तुत किए.उल्लेखनीय है कि इस कार्य के लिए सैकड़ो लोगों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भी डॉ सोलंकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह को प्रेषित किये.
उनके सतत प्रयासों और जनसमर्थन का सकारात्मक परिणाम यह रहा कि भारत सरकार ने इस मांग को स्वीकार करते हुए 9 जनवरी 2022 को प्रत्येक वर्ष *26 दिसंबर* को *“वीर बाल दिवस”* के रूप में मनाए जाने की घोषणा की तथा भारत सरकार ने इसे अपने गजट में भी प्रकाशित कर इसे आधिकारिक मान्यता दी। -
रायपुर/ प्रेस क्लब रायपुर के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष , छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के संस्थापक सदस्य एवं प्रथम महासचिव , माना कैम्प में छत्तीसगढ़ के प्रथम वृद्धाश्रम की स्थापना करने वाले पत्रकार एवं समाजसेवी स्व. कुलदीप निगम जी की 23 वीं पुण्य तिथि पर 16 दिसम्बर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए माना कैम्प स्थित कुलदीप निगम वृद्धाश्रम में निवासरत बुजुर्गों को चरण पादुका के साथ फल, एवं खाद्य सामग्री वितरण किया गया । साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित मानसिक दिव्यांग बालगृह ( बालक ) , बाल जीवन ज्योति बालिका गृह माना कैम्प में निवासरत बच्चों को भी फल के साथ चिप्स , कुरकुरे और चॉकलेट वितरण किया गया । वृद्धाश्रम परिसर में स्व. निगम की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई साथ ही बालगृह में भी फोटो पर माल्यार्पण कर स्व. निगम के द्वारा किए गए कार्य का स्मरण करते हुए उन्हे श्रद्धांजलि दी गई। इसी कड़ी में स्व. निगम के पैतृक गांव नर्रा स्थित शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। पुष्पांजलि के अवसर पर कृष्ण कुमार निगम , बिमल घोषाल राजेन्द्र निगम , प्रीति निगम, आशीष निगम , अभिषेक सिंह, श्वेता सिंह , पारुल चक्रवर्ती, काजल दास के साथ सभी संस्थान के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
- -फसल विविधीकरण की प्रेरक कहानी — कम पानी, कम लागत और अधिक लाभ का सफल मॉडलरायपुर । जिला बेमेतरा के ग्राम जेवरा के प्रगतिशील कृषक श्री दिलीप सिन्हा ने ग्रीष्मकालीन धान की परंपरागत खेती को छोड़कर दलहन-तिलहन फसलों को अपनाकर कृषि क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। वैज्ञानिक खेती, सही फसल चयन और बाजार की समझ के बल पर उन्होंने लगभग 25 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।क्षेत्र में वर्षों से ग्रीष्मकालीन धान की खेती प्रचलित रही है, जिसमें अधिक पानी, बिजली, उर्वरक और श्रम की आवश्यकता होती है। बढ़ती लागत और घटते मुनाफे को देखते हुए श्री सिन्हा ने खेती के स्वरूप में बदलाव का साहसिक निर्णय लिया।दलहन-तिलहन की ओर कदमकृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में उन्होंने ग्रीष्म ऋतु में धान के स्थान पर मूंग और उड़द (दलहन) तथा सरसों और तिल (तिलहन) की खेती शुरू की। इन फसलों की विशेषता रही — कम पानी में अच्छी पैदावार, कम लागत, रोग-कीट प्रकोप कम और बाजार में बेहतर मूल्य। साथ ही दलहनी फसलों से मिट्टी की उर्वरता में भी सुधार हुआ।वैज्ञानिक तकनीकों का प्रभावउन्नत किस्मों का चयन, बीज उपचार, संतुलित उर्वरक प्रबंधन, ड्रिप व स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीक, समय पर निराई-गुड़ाई, फसल सुरक्षा तथा उत्पादन के बाद उचित भंडारण और विपणन ने उनकी सफलता को और मजबूत किया। इन उपायों से जहां लागत में उल्लेखनीय कमी आई, वहीं उत्पादन और आय में भी बड़ा इजाफा हुआ। श्री दिलीप सिन्हा की यह सफलता कहानी दर्शाती है कि फसल विविधीकरण और वैज्ञानिक खेती अपनाकर किसान कम संसाधनों में भी अधिक लाभ कमा सकते हैं। धान के विकल्प के रूप में दलहन-तिलहन की खेती न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि जल संरक्षण, मिट्टी सुधार और टिकाऊ कृषि की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
- रायपुर,। लगभग दो दशकों तक बैंकिंग क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर सेवाएँ देने के बाद विवेक धर दीवान ने जीवन का ऐसा मोड़ लिया, जो आज जल संरक्षण और टिकाऊ खेती की मिसाल बन गया है। रायपुर में उपाध्यक्ष (वाइस प्रेसिडेंट) जैसे वरिष्ठ पद पर रहते हुए उन्होंने नवंबर 2024 में स्वैच्छिक रूप से नौकरी छोड़कर अपने पैतृक गाँव ताला (विकासखंड बेमेतरा) लौटने का निर्णय लिया और कृषि को अपना नया लक्ष्य बनाया।गाँव लौटकर उन्होंने देखा कि क्षेत्र में खरीफ और रबी—दोनों मौसमों में धान की खेती की जा रही है, जबकि धान अधिक जल मांगने वाली फसल है और रबी मौसम के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती। लगातार जल संकट और राज्य में न्यूनतम वर्षा की स्थिति को समझते हुए विवेक धर दीवान ने न केवल स्वयं बदलाव की पहल की, बल्कि पंचायत के तीनों गांवों को नॉन-धान क्षेत्र (नॉन पेड्डी जोन) घोषित कराने में भी अहम भूमिका निभाई।इस पहल के तहत रबी मौसम में दलहन एवं तिलहन फसलों को प्राथमिकता दी गई। गेहूं, चना, रागी, सूरजमुखी और मूंग जैसी कम पानी वाली फसलों को बढ़ावा दिया गया। स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करते हुए विवेक धर दीवान ने अपनी कृषि भूमि में गेहूं, सरसों, रागी और सूरजमुखी की बुवाई की। खेती में आधुनिक जीरो सीड ड्रिल तकनीक अपनाई गई तथा फसल अवशेष प्रबंधन का सख्ती से पालन किया गया, जिससे मृदा की उर्वरता बनी रहती है और प्राकृतिक खाद का लाभ मिलता है।उन्होंने बताया कि जब जिले में एक वर्ष से अधिक समय से जल संकट बना हुआ है, तब ऐसी रबी फसलों को अपनाना आवश्यक है जिनके पूरे फसल चक्र में कम पानी की आवश्यकता होती है। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में न्यूनतम समर्थन मूल्य भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में सरकार द्वारा गेहूं 2500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक, रागी 7000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक तथा सरसों 6200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है, जिससे किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिल रही है।विवेक धर दीवान की यह पहल जल संरक्षण, फसल विविधीकरण और लाभकारी कृषि का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनकी सोच, तकनीक और नेतृत्व ने यह साबित कर दिया है कि खेती को न केवल टिकाऊ, बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया जा सकता है। आज उनकी यह प्रेरक कहानी बेमेतरा जिले के किसानों के लिए नई दिशा और आत्मविश्वास का स्रोत बन रही है।
- -मुख्य बजट और अनुपूरक को मिलाकर दो लाख करोड़ पहुंचा छत्तीसगढ़ सरकार का बजट- सदन में विस्तृत चर्चा, सत्ता व विपक्ष के सदस्यों ने रखे विचाररायपुर। दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ की जनता जनार्दन द्वारा दिए गए अभूतपूर्व जनादेश के साथ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल, दूरदर्शी एवं संवेदनशील नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन, पारदर्शिता और जनकल्याण के संकल्प से परिपूर्ण दो वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण किए हैं। हमारी सरकार पूर्व की भांति संकल्प, समर्पण और संवेदनशीलता के साथ जनसेवा में निरंतर जुटी रहेगी और जनता की अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती रहेगी।छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आज वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने उक्त उद्गार के साथ 35,000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया, जो राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट है। इसमें 1,937 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय तथा 33,063 करोड़ रुपये राजस्व व्यय शामिल है। सदन में चर्चा उपरांत अनुपूरक बजट को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस अनुपूरक बजट को मिलाकर छत्तीसगढ़ सरकार का वर्ष 2025-26 का कुल बजट 2 लाख करोड़ रूपए का हो गया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप राज्य सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ अंजोर 2047 विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह प्रथम अनुपूरक बजट उसी विजन को साकार करने की दिशा में एक मजबूत और निर्णायक कदम है, जो छत्तीसगढ़ को विकास, विश्वास और समृद्धि के पथ पर आगे ले जाएगा।बजट पर सदन में विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के अनेक सदस्यों ने भाग लेकर अपने विचार रखे। चर्चा में सर्व श्री अजय चंद्राकर, श्री राघवेन्द्र सिंह, श्री उमेश पटेल, श्री धर्म जीत सिंह, श्री रामकुमार यादव, श्रीमती भावना बोहरा, श्रीमती लता उसेंडी, श्री धरमलाल कौशिक, श्रीमती संगीता सिंहा, श्री कुंवर निषाद, श्री नीलकंठ टेकाम तथा श्री द्वारिका यादव ने भाग लिया।अनुपूरक बजट में कृषि विकास एवं किसान कल्याण को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई है। कृषक उन्नति योजना के लिए अनुपूरक में 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों के पांच एचपी तक के पंपों के लिए मुफ्त बिजली बिल हेतु 1700 करोड़ रूपए तथा बिना ब्याज के अल्पकालीन कृषि ऋण योजना के लिए अनुपूरक बजट में 187 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए 122 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 35 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में पिछली सरकार द्वारा बकाया भुगतान के निपटान के लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत 6800 करोड़ तथा मार्कफेड को धान खरीदी में हुई हानि के निपटान के लिए 12424 करोड़ इस प्रकार कुल 19,224 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महतारी वंदन योजना के लिए मुख्य बजट में 5,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त अनुपूरक बजट में 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। इस योजना से प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों के समन्वित विकास हेतु 452 करोड़ रुपये, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 117 करोड़ तथा फॉरेंसिक अधोसंरचना के लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण विकास के लिए एक हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान, औद्योगिक विकास के लिए 360 करोड़ के साथ ही नगरीय विकास, खेल, परिवहन, अग्निशमन सेवाएं तथा हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से जुड़े प्रावधानों को भी अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है।
- रायपुर /छत्तीसगढ़ राज्य में जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सुगम बनाते हुए इसे पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। राज्य में अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जारी किए जा रहे हैं। भारत सरकार के महापंजीयक कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2023 में संशोधित ऑनलाइन पोर्टल के सफल क्रियान्वयन से यह व्यवस्था प्रभावी हुई है।संशोधित जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार अक्टूबर 2023 के बाद जन्म लेने वाले सभी बच्चों के लिए जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में जन्म प्रमाण पत्र ही एकमात्र वैध दस्तावेज होगा। इससे पहचान से जुड़ी प्रक्रियाओं में स्पष्टता और एकरूपता आई है। अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे बच्चों के मामलों में पूर्व की तरह अन्य वैकल्पिक दस्तावेज भी मान्य रहेंगे। साथ ही, पहले जारी किए गए ऑफलाइन प्रमाण पत्रों को भी अब पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप में सुरक्षित किया जा सकता है।राज्य में अक्टूबर 2023 के बाद से सभी जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। प्रारंभिक चरण में आई तकनीकी चुनौतियों का समाधान समयबद्ध तरीके से किया गया, जिससे वर्तमान में पोर्टल पूरी तरह सुचारु और तकनीकी रूप से सक्षम हो गया है। भारत सरकार के महापंजीयक कार्यालय द्वारा समय-समय पर आवश्यक तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।इस व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए राज्य के सभी रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को पोर्टल संचालन संबंधी आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आवश्यकता अनुसार जिला स्तर पर भी नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि आम नागरिकों को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की असुविधा न हो।राज्य सरकार ने आधार कार्ड निर्माण से संबंधित प्रक्रियाओं में भी एकरूपता लाने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है। इससे नागरिकों को समय पर और सही दस्तावेज उपलब्ध हो सकेंगे।यह पहल राज्य में डिजिटल सेवाओं के विस्तार, प्रशासनिक दक्षता और नागरिक सुविधा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आमजन को तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएं मिल रही हैं।
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बिलासपुर/जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र कोनी द्वारा 22 दिसंबर को प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह प्लेसमेंट कैम्प सवेरे 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र कोनी में आयोजित होगा। प्लेसमेंट कैम्प में 3 निजी नियोजक कंपनियों द्वारा विभिन्न पदों पर भर्ती की जाएगी। इनमें फील्ड स्टाफ, टेली कॉलर, एकाउंटेंट, मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर, सेल्स एग्जीक्यूटिव सहित कुल 39 पदों के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। कैम्प में 10वीं, 12वीं, स्नातक (किसी भी विषय) उत्तीर्ण एवं रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। इच्छुक उम्मीदवारों को अपने साथ दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, समस्त शैक्षणिक योग्यता संबंधी अंकसूची एवं प्रमाण पत्रों की मूल प्रति एवं छायाप्रति अनिवार्य रूप से लानी होगी। साथ ही अभ्यर्थियों को रोजगार पंजीयन प्रमाण पत्र लाना आवश्यक है।
अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी ई-रोजगार पोर्टल (erojgar.cg.gov.in) अथवा छत्तीसगढ़ रोजगार ऐप के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अधिक जानकारी जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र कोनी, बिलासपुर से प्राप्त कर सकते है। -
दुर्ग/ मिशन शक्ति अंतर्गत महिला सशक्तिकरण केन्द्र हब, सखी निवास एवं शक्ति सदन में संविदा स्वीकृत रिक्त पदों की भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। मिशन शक्ति अंतर्गत सखी निवास एवं शक्ति सदन के रिक्त पदों के लिए पहले 15 दिसंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसकी तिथि भी बढ़ाकर 22 दिसंबर 2025 कर दी गई है। जारी विज्ञापन में आवश्यक शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, भर्ती प्रक्रिया से संबंधित संपूर्ण जानकारी तथा आवेदन पत्र का प्रारूप पूर्ववत है। इच्छुक एवं पात्र अभ्यर्थी दुर्ग जिले की आधिकारिक वेबसाइट www.durg.gov.in पर जाकर विस्तृत विज्ञापन डाउनलोड कर सकते हैं।
- -रिकॉर्ड वृक्षारोपण से मनमोहक हुआ सफरसुरक्षित और निर्बाध सफर के लिए एनएचएआई द्वारा किए जा रहे कई कामरायपुर। राजधानी रायपुर को न्यायधानी बिलासपुर से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त राजमार्गों में से एक है। यह राजमार्ग राज्य की वाणिज्यिक, औद्योगिक एवं सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों की प्रमुख धुरी है। यात्रियों की सुविधा, सुगमता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा इसके रखरखाव के लिए नियमित और योजनाबद्ध कार्य किए जा रहे हैं।एनएचएआई द्वारा बीते वर्षों में रायपुर-बिलासपुर हाइवे पर लगातार रखरखाव एवं सुधार के कार्य किए गए हैं। भारी यातायात के बावजूद सड़क की गुणवत्ता बनाए रखने नियमित रूप से पैचवर्क, ड्रेनेज की सफाई तथा रोड मार्किंग का कार्य कराया जा रहा है। इन कार्यों से सड़क की सतह बेहतर बनी रहती है और यात्री सुरक्षित व सुगम यात्रा का अनुभव करते हैं। एनएचएआई द्वारा समय-समय पर स्वयं की कंसल्टेंट जांच टीम के माध्यम से सड़कों का तकनीकी सर्वे भी कराया जाता है। जांच टीम के सुझावों के आधार पर आवश्यक रखरखाव के कार्य किए जाते हैं। वर्ष 2024-25 में कंसल्टेंट टीम द्वारा 2136 जगहों पर पैनल रिप्लेसमेंट का सुझाव दिया गया था, जिसे समय पर पूरा कर लिया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी 3616 जगहों पर लगभग 1520 पैनल का रिप्लेसमेंट किया गया है। अन्य पैनल के रिप्लेसमेंट का कार्य भी प्रगति पर है। सड़क के बेहतर रखरखाव के लिए ‘रिस्क एंड कॉस्ट’ शर्तों पर नया टेंडर भी जारी किया गया है।रायपुर-बिलासपुर हाइवे पर यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप कार्य किए जा रहे हैं। मवेशियों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने 20 स्थानों को चिन्हित कर सुधार के कार्य किए जा रहे हैं। सड़क पर मवेशियों के प्रवेश को रोकने चिन्हांकित स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं। इनके साथ ही हाइवे पर सोलर लाइटिंग, सोलर ब्लिंकर, ट्रांसफर बार मार्किंग और चेतावनी संकेतक बोर्ड लगाए जा रहे हैं। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को सुरक्षित बनाने की दिशा में एनएचएआई निरंतर कार्यरत है।रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे में 11 ब्लैक स्पॉट्स (अत्यधिक दुर्घटना संभावित क्षेत्र) चिन्हित किए गए हैं। इन जगहों पर सुरक्षित यातायात और निर्बाध सफर के लिए अंडरपास और सर्विस रोड का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।रायपुर-बिलासपुर हाइवे को ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के रूप में विकसित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस सड़क पर इस साल अब तक 19 हजार 286 पौधे रोपित किए जा चुके हैं। मीडियन प्लांटेशन के अंतर्गत तिकोमा, बोगनवेलिया और गुलमोहर जैसे पौधे लगाए गए हैं, जो राजमार्ग की सुंदरता को बढ़ाते हैं। वहीं सड़क किनारे नीम, कचनार, अमलताश, पीपल और बरगद जैसे छायादार वृक्ष लगाए गए हैं।सड़क उपयोगकर्ताओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एनएचएआई द्वारा समय-समय पर जन-केंद्रित गतिविधियों का आयोजन भी किया जाता है। टोल प्लाजा पर ड्राइवरों और यात्रियों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं, जहां निःशुल्क नेत्र जांच और रक्तचाप जांच के साथ ही सामान्य स्वास्थ्य परामर्श जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।
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- आवासीय क्वार्टरों का वर्चुअल भूमिपूजन, पुस्तक विमोचन एवं न्याय मित्र ऐप का शुभारंभ
दुर्ग/ जिला दुर्ग में न्यायिक अवसंरचना एवं वैकल्पिक विवाद समाधान को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत आज वर्चुअल भूमिपूजन एवं शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग तथा प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, दुर्ग के आवासीय क्वार्टर के निर्माण हेतु वर्चुअल माध्यम से भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया गया। साथ ही, इस गरिमामय कार्यक्रम में समाधान और सद्भाव की यात्रा (90 दिवसीय मीडिएशन ड्राइव - मीडिएशन फार द नेशन) विषयक पुस्तक का विमोचन तथा न्यायिक सेवाओं को आम नागरिकों तक सरल एवं सुलभ रूप से पहुँचाने हेतु न्याय मित्र मोबाइल एप्लिकेशन का वर्चुअल शुभारंभ भी किया गया।उक्त कार्यक्रम माननीय श्री न्यायाधिपति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर द्वारा वर्चुअल माध्यम से संपन्न किया गया। कार्यक्रम की गरिमा माननीय श्री न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर तथा माननीय श्री न्यायाधिपति पार्थ प्रतीम साहू, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर एवं पोर्टफोलियो जज, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ की गरिमामयी वर्चुअल उपस्थिति से और अधिक बढ़ी।माननीय श्री न्यायाधिपति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि न्यायिक अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण किसी भी प्रभावी एवं उत्तरदायी न्याय प्रणाली की आधारशिला है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, दुर्ग के लिए आवासीय क्वार्टरों का निर्माण न्यायिक अधिकारियों को आवश्यक सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वे अपने दायित्वों का निर्वहन और अधिक समर्पण एवं दक्षता के साथ कर सकेंगे। वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली, विशेषकर मीडिएशन, भारत के मुख्य न्यायाधिपति का विजन एवं आज के समय की आवश्यकता है। मीडिएशन फार द नेशन के अंतर्गत संचालित 90 दिवसीय मेडिएशन ड्राइव समाज में संवाद, समाधान एवं सद्भाव को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। इस अभियान पर आधारित पुस्तक समाधान और सद्भाव की यात्रा न केवल इस प्रयासों का दस्तावेज है, बल्कि भविष्य में मीडिएशन के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए एक प्रेरक मार्गदर्शक भी सिद्ध होगी। उन्होंने न्याय मित्र मोबाइल एप्लिकेशन के शुभारंभ को आम नागरिकों के लिए न्याय तक सरल, त्वरित एवं सुलभ पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। यह एप्लिकेशन विधिक जानकारी, सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान कर डिजिटल माध्यम से न्यायिक सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाने में सहायक होगा।अंत में माननीय मुख्य न्यायाधिपति ने सभी संबंधित विभागों, न्यायिक अधिकारियों, विधिक सेवा प्राधिकरण एवं आयोजन से जुड़े सभी सहयोगियों को इस सफल एवं बहुआयामी कार्यक्रम के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि इस प्रकार की पहलें छत्तीसगढ़ की न्याय प्रणाली को और अधिक सशक्त, संवेदनशील एवं जनोन्मुखी बनाएंगी। कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारीगण, सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारीगण, जिला प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारीगण, जिला अधिवक्ता संघ के अधिवक्तागण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण, संबंधित विभागों के प्रतिनिधि एवं मीडिया के प्रतिनिधिगण से उपस्थित रहे। संपूर्ण समारोह गरिमामय वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। -
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों में वर्ष 2026 में संचालित किये जाने वाले कार्यक्रमों, गतिविधियों एवं कृषक प्रक्षेत्र प्रदर्शनों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने हेतु निदेशालय विस्तार सेवाएं के सभा कक्ष में आज दो दिवसीय कार्यशाला का शुभांरभ किया गया। इस कार्यशाला में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित सभी 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा कामधेनु पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग के एकमात्र कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा विषयवस्तु विशेषज्ञ शामिल हुए। शुभांरभ सत्र के मुख्य अतिथि संचालक अनुसांन सेवाएं डॉ. वी.के. त्रिपाठी थे एवं अध्यक्षता निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एस. टुटेजा ने की। कार्यशाला के प्रथम दिवस विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा आगामी वर्ष में संबंधित कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा कृषकों के खेतों पर आयोजित होने वाले प्रक्षेत्र प्रदर्शनों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष तथा वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन दिया। कार्यशाला में आईसीएआर-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के वैज्ञानिक भी शामिल हुए।
- लापरवाही नहीं, जागरूकता और समय पर इलाज ही जीवन की गारंटीशासन की प्रतिबद्धता है कि रेबीज़ से होने वाली हर एक मृत्यु को रोका जाए- श्याम बिहारी जायसवालरायपुर। रेबीज़ कोई सामान्य रोग नहीं, बल्कि लापरवाही की स्थिति में निश्चित मृत्यु का कारण बनने वाली गंभीर बीमारी है। पशु काटने या खरोंचने जैसी घटनाओं को प्रायः मामूली समझ लिया जाता है, जबकि यही चूक कई बार जानलेवा साबित होती है। यह तथ्य जितना डराने वाला है, उतना ही आश्वस्त करने वाला यह भी है कि समय पर उपचार और टीकाकरण से रेबीज़ को पूरी तरह रोका जा सकता है। इसी बुनियादी सच्चाई को आधार बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने रेबीज़ नियंत्रण को सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता बनाया है।प्रदेश के शासकीय स्वास्थ्य तंत्र ने इस दिशा में ठोस तैयारी की है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी-रेबीज़ वैक्सीन की निःशुल्क एवं सतत उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, ताकि किसी भी नागरिक को उपचार के लिए भटकना न पड़े। इसका परिणाम यह है कि पशु काटने की घटनाओं के बाद बड़ी संख्या में लोग समय पर स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुँच रहे हैं और गंभीर एवं जानलेवा स्थिति से बचाए जा रहे हैं। यह स्पष्ट करता है कि जब व्यवस्था सजग और सक्रिय होती है, तो जनहानि को रोका जा सकता है।रेबीज़ नियंत्रण को और प्रभावी बनाने के लिए सभी जिलों में आवारा पशुओं एवं कुत्तों के परिवेक्षण हेतु नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जनवरी से नवंबर 2025 के बीच प्रदेश में 1 लाख 60 हजार 540 डॉग/एनिमल बाइट प्रकरणों का उपचार किया गया। इनमें 86 हजार 849 लोगों को इंट्रा-मस्कुलर (IM) तथा 73 हजार 691 को इंट्रा-डर्मल (ID) पद्धति से एंटी-रेबीज़ वैक्सीन लगाया गया। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप से रेबीज़ जैसी घातक बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।बिना देरी नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुँचना ही एकमात्र वैज्ञानिक और सुरक्षित उपायफिर भी, केवल सरकारी व्यवस्था ही पर्याप्त नहीं है। समाज की जागरूकता इस लड़ाई की सबसे अहम कड़ी है। आज भी कई मामलों में लोग झाड़-फूँक, घरेलू नुस्खों या अप्रमाणित उपायों पर भरोसा कर लेते हैं, जो जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है। किसी भी पशु के काटने या खरोंचने पर घाव को तुरंत साबुन और बहते पानी से कम से कम 10–15 मिनट तक धोना और बिना देरी नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुँचना ही एकमात्र वैज्ञानिक और सुरक्षित उपाय है। यह संदेश हर घर तक पहुँचना आवश्यक है।स्वास्थ्य मंत्री ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि रेबीज़ को कभी भी हल्के में न लें। यदि किसी व्यक्ति को किसी भी जानवर द्वारा काटा या खरोंचा जाए, तो तुरंत घाव को बहते साफ पानी और साबुन से कम से कम 10 से 15 मिनट तक अच्छी तरह धोएँ और बिना देरी के नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक की सलाह अनुसार एंटी-रेबीज़ टीकाकरण अवश्य कराएँ। झाड़-फूँक, घरेलू नुस्खों, मिट्टी, मिर्च, तेल, हल्दी अथवा अन्य अप्रमाणित उपायों से पूर्णतः बचें।सभी नागरिक अपने पालतू जानवरों—विशेषकर कुत्तों एवं बिल्लियों—का नियमित रूप से रेबीज़ टीकाकरण कराएँ, जिससे न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि शासन की प्रतिबद्धता है कि रेबीज़ से होने वाली हर एक मृत्यु को रोका जाए और इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अंततः, रेबीज़ से एक भी मृत्यु स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसका समाधान हमारे पास है। सतर्कता, सही जानकारी और समय पर उपचार—यही तीन सूत्र रेबीज़ के विरुद्ध हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं।
- -उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जल जीवन मिशन और सड़कों की मरम्मत से जुड़े सवालों के दिए जवाब-प्रदेशभर में सड़कों की मरम्मत का काम द्रुत गति से जारी, अधिकारियों को सभी काम दिसम्बर तक पूर्ण करने के दिए गए हैं निर्देशरायपुर,। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जल जीवन मिशन और सड़कों की मरम्मत से जुड़े सवालों के जवाब दिए। उन्होंने विधायक श्री धरमलाल कौशिक द्वारा बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत कराए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि 25 नवम्बर 2025 की स्थिति में बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 199 ग्रामों में कुल 211 कार्य जल जीवन मिशन के तहत लक्षित हैं। इनमें से 92 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 119 कार्य अभी अपूर्ण हैं। क्षेत्र में कोई भी कार्य अप्रारंभ नहीं है। उन्होंने बताया कि इन कार्यों के लिए अब तक कुल 113 करोड़ 15 लाख 34 हजार रुपए का भुगतान किया जा चुका है, जबकि तीन करोड़ 16 लाख 94 हजार रुपए का भुगतान शेष है।उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री साव ने श्री कौशिक द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि ठेकेदारों द्वारा जितना काम किया गया है और अधिकारियों द्वारा जितने काम का मूल्यांकन किया गया है, उतनी ही राशि का भुगतान किया जाता है। किसी भी अपूर्ण काम के लिए संपूर्ण भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने सदन में बताया कि विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि जब तक काम पूर्ण न हो, किसी को भी 70 प्रतिशत से अधिक भुगतान नहीं करना है।श्री साव ने श्री कौशिक के एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य में 70 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं। इनमें से 12 समूह जल प्रदाय योजनाओं के काम ज्वाइंट वेंचर बनाकर आबंटित किए गए हैं। फर्म मेसर्स विजय वी. सालुंखे के अनुभव प्रमाण पत्र के फर्जी होने की शिकायत प्राप्त होते ही विभाग द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने वाले महाराष्ट्र के कराड नगर पालिका से सत्यापन कराया गया। सत्यापन में पाया गया है अनुभव प्रमाण पत्र वहां से जारी नहीं हुआ है जिसके बाद आगे की कार्यवाहियां प्रारंभ की गईं। श्री साव ने बताया कि इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली अपेक्स कमेटी की अनुशंसा पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामला अभी विवेचनाधीन है। जांच के बाद जिनकी-जिनकी संलिप्तता पाई जाएगी पुलिस सब कर कार्यवाही कर सकती है।उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने विधायक श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल द्वारा डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि क्षेत्र में 48 सड़कें मरम्मत के योग्य हैं। इसके लिए सात करोड़ 75 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि चार सड़कों की मरम्मत का काम पूर्ण हो गया है तथा 39 सड़कों की मरम्मत का काम प्रगतिरत है। निविदा प्रक्रियाधीन होने के कारण पांच सड़कों के काम अप्रारंभ हैं। विभागीय अधिकारियों को दिसम्बर तक मरम्मत के सभी कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेशभर में सड़कों की मरम्मत का काम द्रुत गति से जारी है। श्री साव ने श्रीमती बघेल द्वारा भू-अर्जन के लंबित मुआवजे के संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्न के उत्तर में श्री साव ने कहा कि मुआवजा का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी के यहां प्रक्रियाधीन है।
- -छत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प - मुख्यमंत्री श्री सायरायपुर। बस्तर अंचल में शांति, विश्वास और विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली है। बीजापुर जिले में ₹84 लाख के इनामी 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागते हुए भारतीय संविधान में आस्था जताई है और समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की दृढ़ इच्छाशक्ति के अनुरूप छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में चल रहे सतत और ठोस प्रयासों का परिणाम है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की ‘पूना मारगेम’ नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि संवाद, संवेदनशीलता और विकास, हिंसा से कहीं अधिक प्रभावी समाधान हैं। यह आत्मसमर्पण केवल हथियार छोड़ने की घटना नहीं है, बल्कि भय और भ्रम से मुक्त होकर सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने का निर्णय है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वाले सभी व्यक्तियों के पुनर्वास, सुरक्षा, आजीविका, कौशल विकास और सामाजिक पुनर्समावेशन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि वे समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।मुख्यमंत्री ने आज भी भटके हुए युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे हिंसा का मार्ग त्यागें, लोकतंत्र और विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें तथा प्रदेश और देश के निर्माण में सहभागी बनें। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास जारी रहेंगे।
- रायपुर/ रायपुर नगर पालिक निगम में प्राप्त नाला में गोबर डाले जाने से सम्बंधित जनशिकायत को तत्काल संज्ञान में लेते हुए नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप द्वारा दिए गए आदेशानुसार और नगर निगम जोन 9 जोन कमिश्नर श्री अंशुल शर्मा सीनियर के निर्देशानुसार जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री उमेश नामदेव और श्री बारोन बंजारे, स्वछता निरीक्षक श्री भोला तिवारी की उपस्थिति में किये गए औचक निरीक्षण में स्थल पर जोन 9 क्षेत्र अंतर्गत दलदल सिवनी मुख्य मार्ग में नाला में गौपालक श्री गौरी शंकर यादव द्वारा गोबर डाले जाने की प्राप्त जनशिकायत सही मिली, जिस पर जोन कमिश्नर के निर्देश पर जोन स्वास्थ्य अधिकारी ने भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए गौपालक श्री गौरीशंकर यादव पर स्थल पर 2000 रूपये का जुर्माना किया और प्राप्त जन शिकायत का जोन के स्तर पर त्वरित निदान किया.











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