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- - 133 खातेदारों की 1.40 करोड़ राशि लौटाई गईबिलासपुर,/ वित्तीय सेवा विभाग भारत सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार "आपकी पूंजी आपका अधिकार" के अंतर्गत वित्तीय विभागों में 10 वर्षों से अधिक निष्क्रिय एवं दावा रहित डिफ खातों के सक्रिय एवं त्वरित निपटान हेतु जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा भवन में वृहत कैंप का आयोजन लीड बैंक कार्यालय भारतीय स्टेट बैंक बिलासपुर के द्वारा किया गया। शिविर में विभिन्न बैंकों द्वारा निष्क्रिय खातीदारों से संपर्क करते हुए कुल 133 निष्क्रिय खातों में राशि रु 1.40 करोड़ का निपटारा किया गया।कैम्प में विशेष रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर माननीय संदीप कुमार अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि "आपकी पूँजी आपका अधिकार" भारत सरकार के इस अभिनव पहल के तहत बैंकों के द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। उन्होंने बैंकों से इस मुहीम को सफल बनाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक खातेदार हैं, जिन्हें ज्ञात भी नहीं है कि उनकी राशि बैंकों में वर्षों से जमा है। बैंकों के लिए निसंदेह उन खातेदारों को पता लगाना कठिन अवश्य है, परन्तु ऐसे कार्य से बैंक अनेक खातेदारों को लाभान्वित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की कलेक्टोरेट शाखा ने जिला पंचायत बिलासपुर के तीन खातों में रु.31 लाख से अधिक रकम लौटाया । साथ ही निष्क्रिय खातेदार श्रीमती दुलारिन बाई को रु.7.49 लाख वापस करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा बैंक से जारी प्रमाण पत्र वितरण किया। भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय प्रबंधक क्षेत्र- एक बिलासपुर के अविनाश सोनी ने अपने उद्बोधन में इस अवसर का लाभ उठाते हुए अधिक से अधिक निष्क्रिय खातों के निपटान कर खातेदारों को लाभान्वित करते हुए इस हेतु निरंतर प्रयास करने को कहा। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर को तीन खातों के रकम वापसी का प्रमाण पत्र सुपुर्द किया। कैंप में नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक श्री अशोक साहू भी उपस्थित थे। कैम्प में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, युनियन बैंक, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीबीआई, यस बैंक, बंधन बैंक, जीवन बीमा निगम, एसबीआईलाइफ आदि विभिन्न शाखाओं के अधिकारीगण उपस्थित होकर अपने अपने सम्बंधित निष्क्रिय खातीदारों से संपर्क करते हुए कुल 133 निष्क्रिय खातों में राशि रु.140.01 लाख का निपटान किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन अग्रणी जिला प्रबंधक बिलासपुर श्री दिनेश उरांव ने किया।
- रायपुर / रायपुर संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दो दिवसीय कार्यक्रम दिनांक 31 अक्टूबर एवं 1 नवम्बर 2025 की तैयारियों की समीक्षा हेतु बैठक ली। बैठक में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।संभागायुक्त ने कार्यक्रम की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, रूट प्लान, कार्यक्रम स्थल, पार्किंग, बेरीकेटिंग, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं, सेफ हाउस आदि सभी व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री के आगमन एवं कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी विभाग समन्वयपूर्वक कार्य करें और तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न रहे।बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि अन्य जिलों से भी आवश्यकतानुसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए, ताकि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें। बैठक में कलेक्टर डॉ गौरव सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप, जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, मुख्य वन संरक्षक सुश्री सतोविशा समाजदार तथा लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य, होम गार्ड, फायर सेफ्टी, बीएसएनएल सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
- - हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में स्वास्थ्य ज्ञान यज्ञ (संगोष्ठी) का आयोजनदुर्ग / धन्वंतरि स्वास्थ्य सप्ताह के उपलक्ष्य पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा स्वास्थ्य ज्ञान यज्ञ (संगोष्ठी) का आयोजन शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के राधाकृष्णन हॉल में किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारतीय योग विज्ञान की तरह भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद स्वास्थ्य संरक्षण के अनूठे विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना हैं। साथ ही यह संगोष्ठी स्वस्थ रहने के सहज, सरल विज्ञान को विस्तार से समझने, स्वस्थ समाज निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने, विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर रोक लगाने में एक महती भूमिका निभाएगी। धन्वंतरि जयंती के अवसर पर स्वास्थ्य जागरण, आयुर्वेदिक ज्ञान का प्रसार करने के हेतु स्वास्थ्य ज्ञान (संगोष्ठी) का आयोजन एक मील का पत्थर साबित होगी।मुख्य अतिथि दुर्ग संभाग के संभागायुक्त श्री सत्यनारायण राठौर ने संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी संगोष्ठियाँ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहने के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाने पर केन्द्रित होती है। उन्होंने आगे बताया कि कोरोना काल में किस प्रकार आयुर्वेद चिकित्सा ज्ञान ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे परिवार को भी सुरक्षित रखा। प्रत्येक व्यक्ति को आयुर्वेद के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है। जिससे न केवल हमारा परिवार बल्कि समाज भी स्वस्थ एवं प्रतिस्पर्धी बनेगा और भारत के विश्व गुरू बनने का भी सपना पूरा हो सकेगा।हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग कुलपति, प्रो. (डॉ.) संजय कुमार तिवारी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद का अर्थ है आयु को बढ़ाने वाला ज्ञान। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक नया मंत्रालय, आयुष मंत्रालय के रूप में स्थापित किया। भारत सरकार ने आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देते हुए ऐलोपैथी चिकित्सा पद्धति का इसे एक उपयुक्त विकल्प मानते हुए इस हेतु बजट के आकार में वृद्धि की है। इससे न सिर्फ हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बल मिलेगा बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा।संगोष्ठी के मुख्यवक्ता डॉ. मनोहर लहेजा, प्रांताध्यक्ष, विश्व आयुर्वेद परिषद् ने आयुर्वेद के विषय में गूढ़ जानकारी दी और कहा कि ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना उचित होता है। प्रत्येक व्यक्ति को समय देखकर नहीं बल्कि भूख लगने पर उचित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। डॉ. राजेन्द्र अग्रवाल, प्रांत उपाध्यक्ष, आरोग्य भारती ने व्याख्यान में कहा कि विभिन्न जड़ी-बूटियों की जानकारी दी जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ भी रखता है। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य, डॉ. अजय कुमार सिंह ने स्वागत संबोधन दिया। सहायक कुल सचिव श्री दिग्विजय कुमार सिंह ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री भूपेन्द्र कुलदीप ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया। कार्यक्रम का संचालन, डॉ. ज्योति धारकर, प्राध्यापक, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग ने किया। इस अवसर पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के उपकुलसचिव, डॉ. राजमणि पटेल, श्री राजेन्द्र चौहान, खेल संचालक, डॉ. दिनेश नामदेव, डिजिटल सलाहकार, डॉ. बी. गोपाल कृष्ण एवं समस्त सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
- - रामायण काल से कार्तिक मास में आकाशदीप लगाने की रही है परंपरारायपुर। प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी महाराष्ट्र मंडल दिवाली पर दीयों की लड़ी के साथ आकाशदीप लगाने के लिए आमजनों को प्रेरित कर रहा है। मंडल के सभासद बड़ी संख्या में अपने घरों पर आकाशदीप लगाते हैं।मंडल अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने बताया कि घरों में आकाशदीप लगाने की परंपरा हम कई पीढियों से देखते आ रहे हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार कार्तिक मास में आकाशदीप या फिर कहें आकाश कंदील को दीपावली में की जाने वाली सजावट का अहम हिस्सा माना जाता है। उसे कोई पितरों की याद में जलाता है, तो कोई अपने घर की शोभा को बढ़ाने के लिए अपने घर पर लगता है। वहीं कुछ लोग धन की देवी मां लक्ष्मी और शुभ-लाभ के देवता भगवान श्री गणेश को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए विशेष रूप से जलाते हैं।सांस्कृतिक समिति के समन्वयक प्रेम उपवंशी ने बताया कि हिंदू मान्यता के अनुसार आकाशदीप का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद वापस अपने नगर लौटे, तो वहां के लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीये जलाए थे। प्रभु श्रीराम के वापस आने में मनाए गये दीपोत्सव को दूर तक दिखाने के लिए लोगों ने बांस में खूंटा बनाकर उसमें दीये के जरिए रोशनी की थी। तब से आज तक यह परंपरा चली आ रही है।प्रेम ने जानकारी दी कि वाराणसी में लंबे समय से अपने पितरों की स्मृति में आकाशदीप जलाने की परंपरा चली आ रही है. मान्यता यह भी है कि इस परंपरा की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। कहते हैं कि महाभारत के युद्ध के दौरान दिवंगत हुए लोगों की याद में भीष्म पितामह ने कार्तिक मास में विशेष रूप से दीये जलवाए थे।कला- संस्कृति समिति के प्रभारी अजय पोतदार के अनुसार महाराष्ट्र मंडल में इस साल कृष्ण जन्माष्टमी के बाद लगातार कार्यक्रम और कार्यशाला हो रहीं हैं। पिछले हफ्ते ही फ्री हैंड रंगोली बनाने की कार्यशाला लगाई गई थी। इसी वजह से आकाशदीप लगाने की कार्यशाला इस वर्ष नहीं लगाई जा सकी और न ही दिवाली सोहला (मेला) में अलग से आकशदीप बेचा जा सका। इसके बावजूद मंडल की कार्यकारिणी, पदाधिकारी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में आकाशदीप लगाने का अभियान चलाए हुए हैं। इसका एक बड़ा कारण इस कलात्मक और गौरवशाली परंपरा को जीवित रखा जा सके।
- -महासमुंद जिले में 16 जांच चौकियां स्थापित की जाएंगीरायपुर।, छत्तीसगढ़ शासन की खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान एवं मक्का उपार्जन नीति के तहत इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर सुचारू और पारदर्शी रूप से धान खरीदी सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। महासमुंद जिले में उड़ीसा एवं अन्य राज्यों से अवैध रूप से धान लाकर छत्तीसगढ़ के उपार्जन केंद्रों में विक्रय को रोकने के लिए कलेक्टर श्री विनय लंगेह के निर्देश पर 16 जांच चौकियों (चेक पोस्ट) की स्थापना की जा रही है।ये चौकियां जिले की सीमाओं पर आगामी 01 नवंबर 2025 से धान उपार्जन अवधि की समाप्ति तक संचालित रहेंगी। इन चौकियों पर राजस्व, कृषि उपज मंडी समिति, वन विभाग और पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी जांच चौकियों पर वाहनों की गहन जांच की जाएगी ताकि बाहरी राज्यों से आने वाले अवैध धान के परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। इसके साथ ही, सभी तहसीलों में एक-एक निरीक्षण दल भी गठित किया गया है, जो क्षेत्र में अवैध भंडारण और परिवहन गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखेगा। कलेक्टर श्री लंगेह ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे धान खरीदी प्रारंभ होने से पहले ही सतर्क रहें और आवश्यकतानुसार छापामार कार्रवाई सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन ने इस वर्ष भी किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए सुदृढ़ और पारदर्शी व्यवस्था लागू की है। शासन की नीति के अनुसार, राज्य के पंजीकृत किसानों से ही धान की खरीदी की जाएगी तथा प्रत्येक उपार्जन केंद्र में टोकन प्रणाली और बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि जिले के वास्तविक किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करें और बाहरी राज्यों से आने वाले अवैध व्यापारियों के कारण राज्य की नीति और किसानों के हितों को कोई क्षति न पहुंचे।
- -भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के गन्ना उत्पादक किसानों को 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतानरायपुर । उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के सतत प्रयासों एवं किसान हितैषी दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा द्वारा जिले के गन्ना उत्पादक किसानों को दीपावली पर्व के अवसर पर बड़ा आर्थिक लाभ प्रदान किया गया है। कारखाना प्रबंधन द्वारा पिछले पेराई सत्र में गन्ना विक्रय करने वाले किसानों को शासन की ओर से 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतान किया गया है। यह बोनस भुगतान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष पहल एवं प्रयासों से संभव हुआ है। उनके नेतृत्व में किसानों के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए समयबद्ध भुगतान और बोनस वितरण सुनिश्चित किया गया है।भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा ने पेराई सत्र 2024-25 के दौरान किसानों से खरीदे गए गन्ने का 115.44 करोड़ रुपये का संपूर्ण भुगतान कर प्रदेश की सभी शुगर मिलों में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि कारखाने की पारदर्शी कार्यप्रणाली, कुशल प्रबंधन एवं सहकारिता की सुदृढ़ भावना का परिचायक है। दीपावली से पूर्व किसानों को बोनस भुगतान प्राप्त होने से पूरे जिले के कृषक समुदाय में हर्ष एवं उत्साह का वातावरण व्याप्त है। बोनस राशि के भुगतान न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि किसानों का विश्वास को और अधिक मजबूत करेगी।
- -उपार्जन केन्द्रों में ट्रायल रन 3 से 6 नवंबर तक-किसान कर सकेंगे 9 नवंबर से ऑफलाईन एवं ऑनलाईन टोकन के लिए आवेदन-सीमावर्ती जिलों में बनाएं जाएंगे चेक पोस्ट-अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धान खरीदी,प्रक्रिया का प्रशिक्षणरायपुर । समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बायोमैट्रिक पद्धति से की जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए धान उपार्जन केन्द्रों में ऑफलाईन के अलावा मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाईन टोकन जारी किए जाएंगे। सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, प्रबंध संचालक विपणन संघ एवं संचालक खाद्य विभाग के मार्गदर्शन में आज सरगुजा एवं दुर्ग संभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से धान खरीदी सम्पन्न कराने के लिए पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। अलग-अलग संभागों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 17 अक्टूबर तक चलेगी। धान खरीदी का कार्य 15 नवंबर से प्रारंभ होगा।प्रशिक्षण में अधिकारियों ने बताया कि विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एंड कमांड सेन्टर की स्थापना की जाएगी एवं मोबाईल एप्प के माध्यम से विभिन्न प्रकार के एलर्ट आदि भेजे जाएंगे। उपार्जन केन्द्रों में धान के उचित रखरखाव, किसानों की सुविधाओं के संबंध में व्यवस्था किये जाने हेतु उपार्जन केन्द्र प्रभारियों और इससे जुड़े अधिकारियों को प्रशिक्षण में जानकारी दी गई। उपार्जन केन्द्रों को गतवर्षों में दर्ज प्रकरणों एवं संभावित अनियमितताओं के आधार पर संवेदनशील तथा सामान्य में वर्गीकृत किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों में विशेष निगरानी रखी जावेगी। इन केन्द्रों में पृथक से नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये जायेगें। जिनके द्वारा समय-समय पर उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा इन्टीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेन्टर से प्राप्त अलर्ट मैसेज के आधार पर उड़नदस्ता द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश के सीमावर्ती उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त चेक पोस्ट की स्थापना की जा रही है, जिससे अवैध धान के आवक को रोका जा सके।जिलों में धान उपार्जन वर्ष 2025-26 का प्रशिक्षण कार्य 31 अक्टूबर 2025 तक जिला एवं अनुविभाग में पूर्ण करा लिया जावे। गतवर्ष की भाँति इस वर्ष भी बायोमेट्रिक आधारित धान उपार्जन किया जाएगा। वहीं 3 नवंबर से 6 नवंबर के मध्य उपार्जन केन्द्रों में ट्रायल रन का आयोजन होगा एवं 9 नवंबर से टोकन आवेदन किया जा सकेगा। धान खरीदी के लिए सीमांत एवं लघु कृषकों को 02 टोकन एवं दीर्घ कृषकों को अधिकतम 03 टोकन प्रदाय किया जा सकेगा। अतः सभी जिलों को 30 अक्टूबर तक धान उपार्जन से संबंधित सभी तैयारी पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है।प्रशिक्षण में अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष समितियों को शार्टेज की मात्रा निरंक करने तथा शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सुचारू रूप से धान उपार्जन पूर्ण करने पर नियमानुसार इन्सेटिव का भी प्रावधान रखा गया है। भारत सरकार द्वारा उपार्जन केन्द्रों के स्वमूल्यांकन हेतु उपलब्ध पोर्टल पीसीएसएपी में उपार्जन केन्द्रों द्वारा धान खरीदी के संबंध मे आवश्यक व्यवस्था पूर्ण कर लेने के उपरांत प्रविष्टि करनी होगी। प्रविष्टि के आधार पर एल-4 ग्रेडिंग पाये जाने पर ही इन्सेटिव की पात्रता उप समिति को होगी। समितियों में डाटा एन्ट्री आपरेटरों का नियोजन 06 माह के लिए समितियों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान इस वर्ष की पॉलिसी में किया गया है। ऐसी समितियां जहां अनियमितताएं पाई गई हो, वहां के डाटा एन्ट्री आपरेटरों का नवीन नियोजन किये जाने के निर्देश दिए गये है।
- - कुपोषण नियंत्रण में दुर्ग की बड़ी उपलब्धि, पोषण ट्रैकर में प्रदेश में मिला पहला स्थान- मेधावी बेटियों व कर्मियों का सम्मान, पोषण माह में उत्कृष्ट कार्यों की सराहना- आंगनबाड़ी केंद्रों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए - कलेक्टर श्री सिंहदुर्ग / महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पोषण माह 2025 का समापन आज लोक निर्माण विभाग के सभागार में गरिमामय आयोजन के साथ किया गया। 17 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चले इस पोषण अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा ’स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के शुभारंभ के साथ हुई थी। ग्रोथ मॉनिटरिंग डेटा के अनुसार पोषण ट्रैकर एप में दुर्ग जिला प्रदेश में सबसे कम कुपोषण वाले जिलों में पहले स्थान पर रहा। पोषण माह के दौरान जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में थीम आधारित गतिविधियाँ प्रतिदिन आयोजित की गईं।समापन अवसर पर पोषण थाली, सलाद सजावट, रेडी-टू-ईट और छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रतियोगिताएं भी आयोजित हुई, जिसका निरीक्षण कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह द्वारा किया गया। कलेक्टर श्री सिंह ने मेधावी छात्राओं, किशोरी बालिकाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पोषण माह में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही महापौर श्रीमती अलका बाघमार द्वारा प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने, पांच महिलाओं को पीएमएमवीवाय का चेक, छ.ग. महिला कोष का चेक, सक्षम योजना का चेक वितरण कर पांच महिलाओं का गोदभराई व पांच बच्चों को अन्नप्राशन कराया गया।कलेक्टर श्री सिंह ने समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से की गई मॉनिटरिंग में दुर्ग जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है। यह उपलब्धि आप सभी की मेहनत और लगन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कुपोषण की स्थिति में सुधार स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। पोषण ट्रैकर के माध्यम से बच्चों के वजन, लंबाई, और आंगनबाड़ी केंद्रों की उपस्थिति की जानकारी सीधे मिल रही है। कलेक्टर ने सभी से आह्वान किया कि वे डेटा में सिर्फ वास्तविक जानकारी ही दर्ज करें, ताकि बच्चों की वास्तविक स्थिति पता चल सके। खाद्य गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए। सभी सुपरवाइज़र और सीडीपीओ जब भी केंद्र का निरीक्षण करें स्वयं भोजन चखकर उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करें। अगर केंद्रों में किसी प्रकार की संसाधन की कमी है, तो विभाग द्वारा उसकी पूर्ति की जाएगी, लेकिन खाने में गड़बड़ी जैसी शिकायतें बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्र समय पर खुलें, कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं उपस्थित रहें और बच्चों के पोषण और देखभाल में कोई कमी न रहे, यही सुपोषण का सही मार्ग है।इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री आर.के. जाम्बुलकर, डब्लूडीसीडीपीओे श्री अजय साहू सहित सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
- - बाल सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर होंगे चाइल्ड हेल्प डेस्क स्थापितदुर्ग / जिला कार्यालय स्थित सभाकक्ष में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर जिले में बाल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों की गहन समीक्षा की। बैठक में बाल देखरेख संस्थाएं, किशोर न्याय व्यवस्था, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह की स्थिति और सखी वन स्टॉप सेंटर की कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा की गई।बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 में 40 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में अब तक कोई बाल विवाह का मामला दर्ज नहीं हुआ है, जिस पर कलेक्टर ने सावधानीपूर्वक निगरानी बनाए रखने और ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। किशोर न्याय बोर्ड में 237 और बाल कल्याण समिति में 118 प्रकरण लंबित हैं। कलेक्टर ने इन मामलों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा।चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर पिछले तीन महीनों में प्राप्त 42 कॉल्स में से 13 मामलों को रजिस्टर्ड किया गया। कलेक्टर ने सभी संबंधित समितियों को निर्देशित किया कि ऐसे मामलों में त्वरित और संवेदनशील कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने किशोर न्याय बोर्ड में स्थापित वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) सेट को शीघ्र बाल सम्प्रेक्षण गृह में स्थानांतरण करने को कहा, ताकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा जल्द उपलब्ध हो सके और बालकों को कोर्ट पेशी के लिए अन्य जिलों में भेजने की जरूरत न पड़े और कार्यवाही ऑनलाइन ही पूरी की जा सके। शासन के निर्देशानुसार जिले के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर चाइल्ड हेल्प डेस्क की स्थापना की जानी है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने दोनों स्थानों पर उपयुक्त स्थल चिन्हित कर जल्द से जल्द डेस्क शुरू करने के निर्देश दिए। नाबालिग बच्चों में बढ़ती नशा प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कलेक्टर ने नशामुक्ति केंद्र की स्थापना हेतु संचालनालय को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।बैठक में महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री जाम्बुलकर ने बताया कि जिले में संचालित शासकीय और अशासकीय बालगृहों, विशेष गृहों, दत्तक ग्रहण एजेंसी एवं आश्रय गृहों में कुल 108 बालक-बालिकाएं निवासरत हैं। कलेक्टर ने इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त करते हुए 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बच्चों को मुख्यमंत्री बाल उदय योजना का लाभ दिलाने के लिए सक्रियता बढ़ाने को कहा। जिले में इस योजना के तहत शेख शहबाज अंसारी को लाभान्वित किया गया है। समीक्षा के दौरान सखी वन स्टॉप सेंटर की भी प्रगति पर चर्चा हुई। कलेक्टर ने मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें ग्राम संेदरी मानसिक चिकित्सालय भिजवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाल एवं महिला कल्याण से जुड़े कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही न हो और प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी से कार्य किया जाए। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, नगर निगम दुर्ग कमिश्नर श्री सुमित अग्रवाल, परियोजना समन्वयक श्री चंद्रप्रकाश पटेल, एएसपी श्रीमती पदमश्री तवर सहित जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उपस्थित थे।
- -फरसपाल की महिलाएं बनी स्वावलंबी की मिसालरायपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में नया उजाला भर दिया है। इस मिशन के माध्यम से गांवों की साधारण गृहणियाँ अब आत्मनिर्भर बनकर समाज में नई पहचान बना रही हैं। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत फरसपाल की महिलाओं की है, जिन्होंने मेहनत, लगन और सरकारी योजनाओं की मदद से स्वावलंबन की मिसाल पेश की है।स्व सहायता समूह स्थायी आमदनी का मिला साधनग्राम फरसपाल की गंगादेवी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मिलकर एक टाटा मैजिक वाहन खरीदा और आस-पास के गांव आलनार, कुंदेनार, दंतेवाड़ा और गीदम तक परिवहन सेवा शुरू की। इस सेवा से अब ग्रामीणों को आने-जाने में आसानी हो रही है, वहीं महिलाओं को भी स्थायी आमदनी का जरिया मिल गया है। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन की ओर से इन महिलाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया गया। समूह ने वाहन संचालन के लिए एक ड्राइवर का चयन किया और मिल-जुलकर यह सेवा सफलतापूर्वक शुरू की। आज यह टाटा मैजिक रोजाना सैकड़ों ग्रामीणों की यात्रा का भरोसेमंद साधन बन चुकी है।महिलाएं अपने परिवार की आमदनी बढ़ा रही हैंसमूह की सदस्य श्रीमती यन्ति ठाकुर इस पूरी परिवहन सेवा का हिसाब-किताब और लेखा प्रबंधन देखती हैं। वे बताती हैं कि पहले सिर्फ एक गृहणी थी, जीवन सीमित आय में गुजारती थी, पर जब गंगादेवी स्व-सहायता समूह से जुड़ी, तो बचत और प्रशिक्षण ने उसकी जीवन बदल दिया। अब हम महिलाएं भी अपने परिवार की आमदनी बढ़ा रही हैं।आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में भागीदारआज समूह की मासिक आय लगभग 26 हजार रुपए तक पहुँच गई है। महिलाओं ने इस कमाई से अपने घरों की आर्थिक स्थिति सुधारी है और बच्चों की शिक्षा, घर की जरूरतों तथा बचत तीनों में संतुलन बना लिया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत शुरू हुई यह पहल दिखाती है कि जब महिलाओं को अवसर और सहयोग मिलता है, तो वे न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे गांव की प्रगति में भागीदार बन जाती हैं।आत्मविश्वास से मिली सफलताफरसपाल की गंगादेवी स्व सहायता समूह की कहानी, ग्रामीण महिलाओं की मेहनत, आत्मविश्वास और शासन की योजनाओं के सफल संगम की प्रेरक मिसाल है। अब फरसपाल की सड़कों पर चल रहे वाहन सिर्फ वाहन नहीं, बल्कि महिलाओं के सपनों की सवारी बन चुकी है।
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-मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की ली जानकारी
बिलासपुर, /चिकित्सा शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर डॉ. यू.एस. पैकरा ने छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स), बिलासपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डॉ. पैकरा ने विभिन्न विभागों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मरीजों को दी जा रही सुविधाओं, अस्पताल की स्वच्छता और निर्माण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निःशुल्क दवा वितरण कक्ष, मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही दवाओं की व्यवस्था और वितरण प्रक्रिया की जानकारी ली। आपातकालीन विभाग के सामने मरीजों को दी जा रही सहूलियतों का निरीक्षण किया। भर्ती मरीजों से उपचार व सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और लगने वाले समय की समीक्षा की। आयुष्मान कार्डधारी भर्ती मरीजों की संख्या और सुविधा प्रबंधन का जायजा लिया। उन्होंने निर्माणाधीन वार्ड का निरीक्षण कर एजेंसी को तय समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मेडिकल वार्ड, डायलिसिस यूनिट एवं परिजन शेड, स्वच्छता और उपकरणों की स्थिति की जांच की गई। उपकरणों की कार्यस्थिति और अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति, अन्य अधिकारी एवं विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे। -
बिलासपुर /नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन और कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देशानुसार बिलासपुर जिले की समस्त मिठाई दुकानों का सघन निरीक्षण किया जा रहा है। मिलावट की आशंका के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अविषा मरावी एवं अंकित गुप्ता खाद्य एवं औषधि प्रशासन टीम के साथ मेसर्स हरिओम स्वीट्स, तखतपुर से बुन्दी लड्डू एवं काजू बरफी का नमूना, मेसर्स सत्यम स्वीट्स तखतपुर से रोल बरफी का नमूना, मेसर्स रायल स्वीट्स राजेन्द्र नगर बिलासपुर से बेसन पात्रा, महेश स्वीट्स तारबाहर से काला जामुन बेकर्स फर्म तारबाहर से मथुरा पेडा, दिल्ली स्वीट्स रिंगरोड बिलासपुर से गोंद लड्डू का नमूना संकलित कर परीक्षण और विश्लेषण हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर भेजा गया है।
टीम ने इसके साथ ही मेसर्स मनोज स्वीट्स मुगेली नाका, महामाया स्वीट्स मुंगेली नाका एवं सूर्या रॉयल स्वीट्स पुराना बस स्टैण्ड बिलासपुर का मिलावट की आशंका के आधार पर टीम द्वारा औचक निरीक्षण कर जांच किया गया है। संकलित नमूनों के राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर से परीक्षण और विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त होने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम विनियम 2011 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। इसके साथ साथ विभागीय चलित खाद्य प्रयोगशाला वाहन (मोबाईल वैन) के माध्यम से अभियान चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों का मौके पर ही जांच किया जा रहा है। यह जांच अभियान निरंतर जारी रहेगा। गौरतलब है कि दीपावली त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए नकली खोवा तथा गुणवत्ताहीन मिठाई की बिक्री की संभावना हो सकती है, जिससे लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। -
-चित्रकोट वाटरफॉल को ग्लोबल डेस्टिनेशन में शामिल करने पर बनी सहमति
-पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में हुए शामिल-देश में 50 ग्लोबल डेस्टिनेशन विकसित करने का लक्ष्यरायपुर। लेकसिटी उदयपुर में पिछले दिनों आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने सम्मिलित होकर राज्य केे पर्यटन संभावनाओं और योजनाओं पर केंद्र और अन्य राज्यों के मंत्रियों-अधिकारियों संग विचार-विमर्श किया। श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों को वन स्टेट वन डेस्टिनेशन में शामिल करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफाल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस संबंध में उन्होंने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सम्मेलन में राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्री विभागीय सचिवों सहित सम्मिलित हुए। इस वर्ष सम्मेलन की थीम ‘वन स्टेट-वन ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन‘ था, जिसके अंतर्गत प्रत्येक राज्य ने अपने प्रमुख पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने हेतु प्रस्तुतिकरण दिया।इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का योगदान अब भारत की जीडीपी में लगभग 6 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो अगले कुछ वर्षों में 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य आने वाले वर्षों में विश्व के शीर्ष दस पर्यटन देशों में शामिल होना है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल इंडेक्स में भारत की रैंकिग 2014 में जहां 60 के आसपास थी, वहीं अब यह 39वें स्थान पर पहुंच गई है। यदि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें तो अगले पांच वर्षों में भारत इस रैंकिंग को 20वें स्थान तक ला सकता है, और 10 वर्षों में शीर्ष दस देशों में अपना स्थान बना सकता है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 50 ग्लोबल डेस्टिनेशन विकसित करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होेंने कहा कि दो दिन के सम्मेलन में बहुमूल्य सुझाव मिले हैं, जो पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के विजन को साकार करने में मील का पत्थर साबित होंगे।पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि वन स्टेट वन डेस्टिनेशन के लिए छत्तीसगढ़ के नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफाल व ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के सिरपुर को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरों और जनजातीय संस्कृति कीे भव्यता को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में हम कार्यरत हैं। पर्यटन के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी वहीं पर्यटकों को स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को जानने समझने का बेहतर माध्यम बनेगा। सम्मेलन के दौरान चित्रकोट वाटरफॉल एवं इसके आसपास के प्रमुख स्थलों को भी विकसित करने के लिए कार्ययोजना में जोड़ने की सहमति बनी। वर्ल्डक्लास टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए जो पैरामीटर होनी चाहिए विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश संबंधितों को दिए गए।छत्तीसगढ़ के पर्यटन विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के विजन के तहत छत्तीसगढ़ के धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों के विकास के लिए अपनाई जा रही बेहतरीन योजनाएं साझा की। उन्होंने राज्य की आदिवासी संस्कृति, जैव-विविधता, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों दंतेश्वरी मंदिर, बस्तर, रामगढ़ की गुफाएं, बारनवापारा अभ्यारण्य, मधेश्वर पर्वत आदि को केंद्र में रखते हुए प्रस्तुतिकरण दिया तथा पर्यटक सर्किट, ग्रामीण पर्यटन एवं स्थानीय हस्तशिल्प की वैश्विक ब्रांडिंग पर जोर देते हुए अपनी योजनाएं साझा की। अन्य राज्यों से आए हुए प्रतिनिधि मंडलों से पर्यटन उन्नयन, होमस्टे योजना, इको-टूरिज्म पर भी चर्चा हुई।सम्मेलन का उद्देश्य सतत, उत्तरदायी एवं नवाचार-प्रधान पर्यटन मॉडल को बढ़ावा देना, केंद्र व राज्यों के मध्य नीति निर्माण में समन्वय स्थापित करना, देश में 50 प्रमुख पर्यटन ग्लोबल डेस्टिनेशन्स का विकास व रोजगार सृजन, नए पर्यटन सर्किट का निर्माण एवं ग्लोबल डेस्टिनेशन की ओर उन्मुखता है। छत्तीसगढ़ सहित राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, पूर्वी व दक्षिणी राज्यों ने अपनी क्षेत्रीय विशेषताओं, पर्यटन सर्किट एवं नवाचार योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया। सम्मेलन में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी, विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे। - -कोरिया जिला फिर हुआ गौरवान्वितरायपुर। रजत जयंती महोत्सव 2025 के अंतर्गत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रायपुर एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी 2025 का राज्य स्तरीय प्रतियोगिता विगत दिनों शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय रायपुर में संपन्न हुआ।संगोष्ठी का विषय था ‘क्वांटम युग का आगाज- संभावनाएं एवं चुनौतियां’। इस प्रतियोगिता में सेजेस महलपारा, बैकुंठपुर (जिला कोरिया) की प्रतिभाशाली छात्रा कु. अंशिका कश्यप ने अपने उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया।क्या है क्वांटम युगइसे श्नई वैज्ञानिक-तकनीकी क्रांतिश् कहा जाता है, क्योंकि इसमें कंप्यूटिंग, संचार व सेंसरिंग जैसी प्रणालियां क्वांटम कणों के असामान्य व्यवहार का लाभ उठाकर काम करती हैं। इसे इस तरह से समझ जा सकता है, सिक्के को उछालने पर गिरते ही वह या तो हेड होगा या टेल, लेकिन हवा में घूमते समय वह दोनों स्थितियों में ‘एक साथ‘ रहता है, इसी तरह क्वांटम कण भी एक ही समय में बहुत-सी अवस्थाओं में हो सकते हैं, जिसे सुपरपोज़िशन कहते हैं।अंशिका ने यह उपलब्धि भौतिकी विषय की व्याख्याता श्रीमती शिल्पी सिंह के कुशल मार्गदर्शन में हासिल की है। राज्य स्तर पर शीर्ष स्थान प्राप्त करने के साथ ही कु. अंशिका कश्यप को अब राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त होगा। यह उपलब्धि न केवल उनके विद्यालय, बल्कि पूरे कोरिया जिले के लिए गर्व का विषय है।शिक्षाविदों और विज्ञान प्रेमियों ने अंशिका को इस शानदार सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि कोरिया की प्रतिभाओं की क्षमता और परिश्रम का प्रमाण है।
- -10 लाख से अधिक हितग्राही बने आयुष्मान कार्डधारी, 27 हजार वरिष्ठजन को मिला वय वंदन कार्ड का लाभरायपुर। रजत जयंती वर्ष 2025-26 के अवसर पर महासमुंद जिला जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल हो रहा है। शासन की मंशानुरूप आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का लक्ष्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गुणवत्तापूर्ण, कैशलेस और सुलभ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है।कलेक्टर श्री विनय लंगेह के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 257 जन आरोग्य मंदिरों के माध्यम से जन-जागरूकता और सेवा विस्तार का कार्य निरंतर जारी है। इन केंद्रों पर नागरिकों को योजना की जानकारी, पात्रता जांच, दस्तावेज सत्यापन और आयुष्मान कार्ड निर्माण की सुविधा एक ही स्थान पर प्रदान की जा रही है।अब तक जिले में 10 लाख 16 हजार 800 हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, जो निर्धारित लक्ष्य का लगभग 88.4 प्रतिशत है। इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 9 लाख 9 हजार 955 और शहरी क्षेत्र के 1 लाख 6 हजार 845 लाभार्थी शामिल हैं। विकासखण्ड स्तर पर पिथौरा, बागबाहरा, बसना, सरायपाली और महासमुंद सभी क्षेत्रों में विशेष शिविरों एवं घर-घर संपर्क अभियान के माध्यम से कार्ड निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है।वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य संरक्षण हेतु जिले में 27 हजार 816 आयुष्मान वय वंदन कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश लाभार्थी ग्रामीण अंचलों से हैं। यह कार्ड 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है।उल्लेखनीय है कि आयुष्मान कार्डधारी परिवार सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में बिना किसी अग्रिम भुगतान के कैशलेश इलाज प्राप्त कर सकते हैं। योजना से स्वास्थ्य सेवाओं में न केवल विश्वास बढ़ा है, बल्कि लोगों की चिकित्सा पहुँच भी अधिक सहज और समान हुई है।
- -महतारी वंदन योजना से मिली आर्थिक मदद से बढ़ाया उत्पादन, दोगुनी हुई कमाईरायपुर । अम्बिकापुर जिले के ग्राम कुमरता की कुम्हार महिला ललमोतिया की इस बार की दिवाली पहले से कहीं ज्यादा खास रहने वाली है। मिट्टी के दीये बनाकर लोगों के घरों को रोशन करने वाली ललमोतिया की मेहनत को अब शासन की महतारी वंदन योजना से नया सहारा मिला है। योजना से मिली आर्थिक सहायता के चलते उन्होंने इस वर्ष दीयों और कलशों की मात्रा बढ़ाई, जिससे उनकी कमाई दोगुनी हो गई है। ललमोतिया बताती हैं कि यह उनका पारंपरिक व्यवसाय है वे मिट्टी से दीये, कलश और अन्य सामग्री बनाकर जीवन-यापन करती हैं। पहले सीमित आमदनी के कारण उत्पादन बढ़ाना मुश्किल था, क्योंकि मिट्टी की व्यवस्था से लेकर भट्टी में पकाने तक हर चरण में मेहनत और खर्च दोनों अधिक लगते थे। लकड़ी, कोयला और अन्य सामग्रियों की व्यवस्था करने में भी कठिनाई होती थी।उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत हर माह मिलने वाले एक हजार रुपये को उन्होंने बचाकर दिवाली के लिए उपयोग किया। इस राशि से आवश्यक सामग्री खरीदी और उत्पादन की मात्रा बढ़ा दिया। अब वे पहले की तुलना में अधिक दीये बना रही हैं, जिससे बिक्री और आय दोनों में वृद्धि हुई है। पहले वे केवल अपने गांव के बाजार में सामग्री बेचती थीं, पर अब नवानगर, दरिमा, कर्रा और टपरकेला जैसे आसपास के बाजारों में भी अपने उत्पाद बेचने जाती हैं। ललमोतिया कहती है कि पहले लगा था कि पारंपरिक काम छोड़कर मजदूरी करनी पड़ेगी, लेकिन महतारी वंदन योजना ने हमारी उम्मीदों को फिर से जगाया। इस योजना ने न केवल हमारी आर्थिक स्थिति सुधारी है बल्कि हमारी कला और परंपरा को भी संजोने का अवसर दिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना उनके परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस बार उनकी भी दिवाली खुशियों और रोशनी से भरपूर होगी।
- -माँ और शिशु दोनों सुरक्षित, एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी डिलीवरी का छत्तीसगढ का पहला मामला, अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सकों ने कर दिखाया--विश्व मेडीकल लिटरेचर में भी पूर्व में ऐसा कोई उदाहरण नहीं जहां गर्भवती महिला जिसे इमर्जेंसी एंजियोप्लास्टी से बचाया गया हो उसके पेट में, बच्चेदानी से बाहर नौ माह के जीवित शिशु को निकालकर दिया गया हो-डॉक्टरों के अनुसार यह दुनिया के अत्यंत दुर्लभ केस में से एक-भ्रूण गर्भाशय में न पलकर पेट (एब्डोमिनल कैविटी) में बड़ा हुआरायपुर । नि:स्वार्थ सेवा, जीवन बचाने की चिकित्सा क्षमता और मानवीय करुणा के कारण डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। कई बार रोगी की जान बचाने के लिए अपने अधिकतम प्रयास की सीमा से ऊपर उठकर वे रोगी को मौत के मुँह से भी निकालकर ले आते हैं। कुछ ऐसे ही सेवा, समर्पण और करुणा की परिभाषा और मिसाल कायम करते हुए चिकित्सालय के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉक्टरों ने न केवल महिला का जीवन सुरक्षित किया बल्कि महिला के जटिलताओं से भरे गर्भ को बचाते हुए उसे मातृत्व सुख का अहसास भी दिलाया।पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल रायपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की टीम ने अत्यंत दुर्लभ और जटिल परिस्थिति में 40 वर्षीय एक गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी कर माँ और शिशु दोनों को जीवनदान दिया।यह मामला सेकेंडरी एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी का है, जिसमें भ्रूण गर्भाशय में न होकर पेट (एब्डोमिनल कैविटी) में विकसित हो रहा था। डॉक्टरों के अनुसार यह मध्य भारत का पहला और दुनिया के अत्यंत दुर्लभ मामलों में से एक है।कई जटिलताएँ और सफल उपचार , दो बार मिला जीवन दानइस गर्भावस्था के दौरान महिला इमर्जेंसी में चौथे महीने के मध्यरात्रि में अम्बेडकर अस्पताल रेफर होकर आई। स्त्री रोग विभाग ने गंभीरता समझ तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क किया और तुरंत एंजियोप्लास्टी हुई। अम्बेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में हुई इस प्रक्रिया में डॉक्टरों ने विशेष सावधानी बरती ताकि गर्भस्थ शिशु को कोई हानि न पहुँचे। महिला खून पतला करने की दवाओं पर भी थी, गर्भ सुरक्षित रहा।यह गर्भावस्था के दौरान एंजियोप्लास्टी करने का पहला मामला था।स्त्री प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जायसवाल स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रुचि किशोर गुप्ता बताती हैं कि - गर्भावस्था के 37वें हफ्ते में महिला पुन: स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग आई और उसे तुरंत भर्ती किया गया। केस की गंभीरता को देखते हुए गायनी, सर्जरी, एनेस्थीसिया और कार्डियोलॉजी विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई। ऑपरेशन के दौरान हमने पाया कि शिशु गर्भाशय में नहीं, बल्कि पेट में विकसित हो रहा था और आंवल कई अंगों से रक्त ले रही थी। टीम ने सुरक्षित रूप से शिशु को बाहर निकाला। साथ ही भारी रक्तस्राव की संभावना को रोकने के लिए सावधानीपूर्वक चिपकी प्लेसेंटा के साथ गर्भाशय को भी निकालना पड़ा। दोनों डॉक्टरों का कहना है कि इस केस पर विस्तृत अध्ययन कर इसे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में प्रकाशित करने की तैयारी की जा रही है।माँ और शिशु दोनों स्वस्थटीम के अथक प्रयासों से शिशु सकुशल पैदा हुआ और माँ भी पूरी तरह स्वस्थ है। महिला की डिलीवरी के बाद उसमें कोई जटिलता ना आए और उसका शिशु भी पूरी तरीके से स्वस्थ रहे इसके लिए हमने लगातार एक महीने तक महिला एवं शिशु को अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद अपने यहां फॉलोअप के लिए बुलाया। तब हमने इस केस के बारे में बाकी लोगों को जानकारी दी क्योंकि यह शिशु महिला के लिए “प्रेशियस चाइल्ड” है। उसकी कोई संतान नहीं थी। कई वर्ष पूर्व महिला को एक बच्चा हुआ था जो डाउन सिंड्रोम और हृदय रोग से ग्रस्त था और उसकी मृत्यु हो गई। अतः ऐसी महिला को मातृत्व सुख का एहसास कराना हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी एवं अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में मरीज जब अस्पताल आई, तब स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की टीम ने अद्भुत तत्परता और समर्पण के साथ उसका जीवन बचाया। इस कार्य में सभी टीमों ने आपसी सहयोग और समन्वय की मिसाल पेश की। यह सामूहिक प्रयास चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल परिवार की उत्कृष्ट कार्य संस्कृति को दर्शाता है। पूरी चिकित्सक टीम इस सफलता की हार्दिक बधाई की पात्र है। आशा है कि भविष्य में भी इसी एकजुटता और समर्पण के साथ संस्थान निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा।विशेषज्ञों की रायडॉ. ज्योति जायसवाल ने बताया कि सेकेंडरी एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का वह रूप है, जिसमें भ्रूण पहले गर्भाशय/ट्यूब में ठहरता है और बाद में पेट के अंगों में जाकर विकसित होने लगता है। यह माँ के लिए अत्यंत खतरनाक स्थिति होती है और अधिकांशतः भ्रूण जीवित नही रहते। ऑपरेशन ही इसका एकमात्र समाधान है। ”सेकेंडरी” इसलिए कहा जाता है क्योंकि संभवतः भ्रूण पहले गर्भाशय/फैलोपियन ट्यूब में ठहरता है और प्रारम्भिक समय में ही वहां से हट कर पेट के अंगों (जैसे- आंत, लिवर, स्प्लीन या ओमेंटम या गर्भाशय की बाहरी सतह ) पर जाकर चिपक जाता है। यह माँ के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है, क्योंकि इसमें भारी रक्तस्राव और जटिलताओं का खतरा रहता है। माँ और शिशु की जान का पूरा जोखिम रहता है।डॉक्टरों की टीमइस ऑपरेशन में स्त्री रोग विभाग से डॉ. ज्योति जायसवाल, डॉ. रुचि किशोर गुप्ता, डॉ. सुमा एक्का , डाॅ. नीलम सिंह, डाॅ. रुमी, एनेस्थीसिया विभाग से डाॅ. शशांक, डाॅ. अमृता , जनरल सर्जरी विभाग से डॉ. अमित अग्रवाल (मल्टीडिसीप्लीन टीम) थी। ऑपरेशन के बाद भी मरीज के स्वास्थ्यलाभ के लिये स्त्री रोग विभाग, कार्डियोलॉजी विभाग और मेडिसिन विभाग से विशेषज्ञ शामिल रहे। मरीज एवं उनके परिवार ने भी डॉक्टर्स की टीम के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
- -दीदियों की दुकान 18 अक्टूबर तक, पहले दिन हजारों में हुई बिक्रीबिलासपुर /राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई राह पर चल पड़ी है योजना के तहत विभिन्न कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी ये दीदियां समूह के माध्यम से अपने हाथों से विभिन्न सामाग्री का निर्माण कर रही हैं और बाजार में बेचकर आय अर्जित कर रही हैं। समूह की इन्हीं दीदियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिला कार्यालय परिसर में बिहान दीदियों ने जिला कार्यालय परिसर में स्टॉल लगाया है यहां दिवाली पूजा के लिए जरूरी समानों की बिक्री की जा रही है। 18 अक्टूबर तक चलने वाले स्टॉल के पहले दिन दीदियों ने अच्छी आय अर्जित की, समूह की दीदियों ने सभी से स्टॉल विजिट कर समूह द्वारा निर्मित उत्पादों की खरीदारी की अपील की है।यहां दीपावली त्यौहार से जुड़ी आवश्यक सामग्री अच्छी गुणवत्ता में उपलब्ध है, जिसकी कीमत भी काफी कम है। कलेक्ट्रेट परिसर में स्व सहायता की दीदियों द्वारा सजाए गए दुकानों में किफायती दर पर गुणवत्ता पूर्ण सामग्री बेची जा रही है। यहां रंगीन दीए, मोमबत्ती, अगरबत्ती, रंगोली, धूपबत्ती,बाती सहित अन्य सजावटी सामग्री उपलब्ध है।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह की दीदी रानी शर्मा ने बताया कि जिले में विभिन्न समूहों द्वारा आजीविका गतिविधि चलाई जा रही है जिससे होने वाली आय से वे अपने परिवार को आर्थिक सहयोग देते हैं उन्होंने बताया कि यहां स्व सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित सामग्री कम दाम में उपलब्ध है यही कारण है कि आज पहले ही दिन उन्हें सामग्री बिक्री पर अच्छी आमदनी हुई है, और उम्मीद है आने वाले दिनों में उनकी बिक्री में और अधिक बढ़ोतरी होगी। उन्होंने शहर वासियों से अपील की कि वे स्व सहायता समूह की दीदियों द्वारा बनाई सामग्री खरीदकर मोदी जी के स्वदेशी अपनाने के आह्वान में शामिल हों और दीदियों का मनोबल बढ़ाएं।
- -बालोद जिले के वेटलिफ्टिंग खिलाड़ियों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीबालोद। कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने बुधवार 15 अक्टूबर को संयुक्त जिला कार्यालय स्थित अपने कक्ष में राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में शामिल होने वाले राजहरा वेटलिफ्टिंग एसोशिएशन के प्रतिभागी खिलाड़ियों से मुलाकात कर उन्हें मेडल पहनाकर सम्मानित किया। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने जिले के वेटलिफ्टिंग खिलाड़ियों के उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने वेटलिफ्टिंग खिलाड़ियों के मांग पर दल्लीराजहरा में खिलाड़ियों के जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
- भिलाईनगर। प्रधानमंत्री ने सबके लिए आवास के संकल्प को साकार करने की दिशा में नगर निगम भिलाई द्वारा एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। निगम आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 अंतर्गत स्वीकृत आवास के हितग्राहियों को दिपावली पर्व के उपलक्ष्य में 250 लाभार्थियों को आवासीय सहायता का पहला किस्त के रूप में लगभग 1 करोड़ 57 लाख रूपये एवं द्वितीय किस्त 25 लाभार्थियों को लगभग 21 लाख 75 हजार रूपये का लाभ प्रदान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि हस्तांतरित कर दिया गया है। निगम आयुक्त द्वारा दिपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पात्र हर परिवार को उसके सपनों का घर मिले और सभी को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना किए है।
- -बिरबिरा गांव में जल जीवन मिशन से लौटी जीवनधारा-अब महिलाएं घर के बाहर लाइन में नहीं, घर के नल से भरती हैं शुद्ध जलरायपुर / रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड का ग्राम बिरबिरा, जो कभी प्यास और पानी की समस्या से जूझता था, आज “हर घर नल से जल” की मिसाल बन चुका है। पथरीली भूमि और सीमित जलस्रोतों के कारण यहां वर्षों तक ग्रामीणों को रोजाना कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता था। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। जल जीवन मिशन की बदौलत बिरबिरा गांव के घरों में शुद्ध पेयजल की धारा बह रही है।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में यह परिवर्तन संभव हुआ है। नल से बहते जल ने न केवल ग्रामीणों की प्यास बुझाई है, बल्कि उनके चेहरों पर उम्मीद और खुशी की मुस्कान भी लौटाई है।मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देशन तथा कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के मार्गदर्शन में जल जीवन मिशन के अंतर्गत रायपुर जिला ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। जिले में 1,89,755 के लक्ष्य के विरुद्ध 1,81,301 घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं, जो 95.54 प्रतिशत उपलब्धि है। वहीं हर घर जल ग्राम प्रमाणीकृत कार्य में 477 ग्रामों में से 248 ग्रामों में योजनाएं हस्तांतरित की जा चुकी हैं। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते रायपुर जिला प्रदेश में द्वितीय स्थान पर रहा है।आरंग विकासखण्ड में 158 ग्रामों में योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनसे 2,67,344 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें से 59,162 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन मिल चुका है। अब तक 138 ग्रामों में कार्य पूर्ण और 83 ग्रामों में योजनाएं हस्तांतरित की जा चुकी हैं।गांव के 62 वर्षीय किसान श्री रामआसरा साहू कहते हैं कि “पहले हमें दूसरे गांवों से पानी लाना पड़ता था। पानी की कमी से घरों में तनाव का माहौल रहता था। अब हमारे घर में नल से शुद्ध पानी आ रहा है। यह हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है। मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने हमारे जैसे गांवों तक यह योजना पहुंचाई।”वहीं 43 वर्षीय किसान श्री देवेंद्र साहू बताते हैं कि “कभी हमारे गांव में पानी की कमी इतनी थी कि लोग यहां बेटी की शादी करने से भी हिचकिचाते थे। अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। घर में नल से स्वच्छ पानी आ रहा है, बच्चे और महिलाएं खुश हैं। जल जीवन मिशन ने हमारे गांव का जीवन बदल दिया है।”ग्राम सरपंच श्री छम्मन साहू ने कहा कि “पथरीली जमीन में जलस्रोत ढूंढना बहुत कठिन था, लेकिन प्रशासन ने हार नहीं मानी। निरंतर प्रयासों से गांव में जलापूर्ति संभव हुई। आज 90 प्रतिशत घरों में नल से जल उपलब्ध है। पहले महिलाएं रातभर बोरिंग के पास लाइन में खड़ी रहती थीं, अब घर पर ही नल से पानी भर रही हैं। यह हमारे गांव के लिए ऐतिहासिक बदलाव है।”लोक सेवा यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री अनिल कुमार बच्चन ने बताया कि योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को उनके घर में शुद्ध पेय जल प्रदान किया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य को जल्द से जल्द प्राप्त कर लिया जाए। इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।बिरबिरा गांव की यह कहानी सिर्फ एक योजना की सफलता नहीं, बल्कि उस बदलाव की गवाही है जिसने ग्रामीण जीवन में सहजता, स्वच्छता और मुस्कान वापस लौटा दी है। अब हर घर में नल से नहीं, उम्मीदों से भी बह रहा है पानी।
- भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई जोन क्रमांक-4 खुर्सीपार अंतर्गत साफ-सफाई व्यवस्था, उद्यान, दुकान, शौचालय सहित केनाल रोड का आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय द्वारा निरीक्षण किया गया।निगम आयुक्त एवं जोन आयुक्त अमरनाथ दुबे ने वार्ड 48 के शिव मंदिर के समीप उद्यान का निरीक्षण करते हुए झूला, मंच एवं प्रकाश व्यवस्था संधारण कराने सहायक अभियंता प्रिया करसे को निर्देशित किए है। वार्ड के मोहल्लों एवं बैंक लाईन के साफ-सफाई व्यवस्था का अवलोकन किया गया और प्रतिदिन कचरा उठवाने जोन स्वास्थ्य अधिकारी हेमंत मांझी को निर्देशित किए हैं। मोहल्ले के सड़क किनारे पूर्व में पेवर ब्लाक लगाया गया है, जिसमें से कुछ पेवर ब्लाक बीच-बीच में उखड़ गया है, जिसका संधारण कराने निर्देशित किया गया है। स्थानीय निवासी द्वारा नाली पानी के बहाव को लेकर विवाद होने से नाली को बाधित कर दिया गया था, नाली के उपर का अतिक्रमण हटाने निर्देशित किया गया है। जिससे पानी का बहाव निरंतर हो सके। वार्ड में दुकान संचालकों को दुकान के सामने डस्टबिन रखने को कहा गया है। कुछ दुकानदारों द्वारा अपने दुकान के सामने डस्टबिन रखा गया है। केनाल रोड में दोसा सेंटर चलाया जा रहा है, जिसके पार्किंग एवं भीड़ से रोड एवं आवागमन बाधित हो रही है। सुगम व्यवस्था के लिए जोन आयुक्त को निर्देशित किया गया है। केनाल रोड साइड घर में कोचिंग सेंटर चलाया जाता है, जिसमें लगभग 40 बच्चे पड़ने आते है। पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है, मकान व्यवसायिक गतिविधि संचालित करने हेतु उचित नहीं है। उचित व्यवस्था बनाने हेतु कोचिंग संचालक को निर्देशित किया गया है।आयुक्त द्वारा केनाल रोड के समीप सुलभ शौचालय का अवलोकन किया गया। शौचालय में लगाए गए नल की टोटी का चोरी कर लिया गया था। चोरी के समान खरीदने वाले कबाड़ संचालको के उपर कार्यवाही करने निर्देशित किया गया है। इसके लिए जोन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा चोरी का समान खरीदने वाले कबाड़ संचालको का पता लगाया जा रहा है। मौके पर शौचालय संचालित करने वाले समूह नहीं पाए गये, जिसको हटाने की कार्यवाही हेतु स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली को निर्देशित किए है। केनाल रोड से लगा हुआ जोन 04 से निर्माणाधीन उद्यान का निरीक्षण किया गया। उद्यान के भीतर लगाए गए जिम सामग्रियो को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा चोरी के उददेश्य से उखाड़ कर जमीन पर रख दिया गया था। जिसका संधारण कर शीध्र लगाए जाने सहायक अभियंता को निर्देशित किया गया है। केनाल रोड के किनारे भारी वाहन चालकों द्वारा अपना वाहन खड़ा कर दिया गया है, जिसके कारण आवागमन में परेशानी आ रही थी। वाहन चालकों के उपर चालानी कार्यवाही करने सहायक राजस्व अधिकारी बालकृष्ण नायडू को निर्देशित किया गया है।
- बिलासपुर, /कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर खनिज विभाग द्वारा कल और आज दो दिनों में 8 वाहनों के विरुद्ध अवैध खनिज परिवहन का मामला दर्ज कर कार्रवाई किया गया। उप संचालक खनिज प्रशासन किशोर गोलघाटे के मार्गदर्शन मे जिला बिलासपुर में खनिज विभाग द्वारा खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एंव भण्डारण पर लगातार कार्रवाई जारी है। श्री गोलघाटे ने बताया कि 15 अक्टूबर को खनिज अमला बिलासपुर द्वारा कुदुदंड,मंगला,पाटबाबा एंव लोखड़ी क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। जहाँ मंगला पाटबाबा क्षेत्र अंतर्गत बिना वैध अभिवहन पास के परिवहन कर रहे खनिज रेत लोड 03 ट्रैक्टर व मिट्टी ईट लोड 01 ट्रेक्टर कुल 04वाहनो को जप्त किया गया।उक्त वाहनों को पुलिस थाना सकरी की अभिरक्षा मे रखा गया है। इसी प्रकार 16 अक्टूबर को कोनी,निरतु, सकरी रतनपुर एंव गढ़वट क्षेत्र का निरीक्षण किया गया, जहाँ गढ़वट क्षेत्र से खनिज रेत का अवैध परिवहन करते 04 ट्रेक्टर ट्राली वाहन को जप्त कर पुलिस थाना रतनपुर की अभिरक्षा मे रखा गया है। खनिजों के अवैध खनन,परिवहन,भण्डारण पर खनिज विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई जारी है।
- -बिर्रा गांव की रश्मि अब 20 हजार महीने की कमाई से बनी आत्मनिर्भर महिला उद्यमी-प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सहित अन्य निर्माण कार्यों में सेंटरिंग प्लेट लगाकर रश्मि के हौसले बुलंदरायपुर / जांजगीर चांपा जिले के जनपद पंचायत बम्हनीडीह के बिर्रा गांव की महिला श्रीमती रश्मि कहरा ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर हौसला बुलंद हो और अवसर मिले, तो गांव की मिट्टी से भी सफलता की कहानी लिखी जा सकती है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सहित गांव के अन्य निर्माण कार्यों में सेंटरिंग प्लेट की आपूर्ति कर आज वह हर महीने 20 हजार रुपये की आमदनी अर्जित कर रही हैं। यह सफलता उन्हें बिहान योजना और स्व-सहायता समूह के माध्यम से मिली जिसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।श्रीमती रश्मि कहरा ने बताया कि पहले परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। बच्चों की पढ़ाई और घर खर्च दोनों ही मुश्किल में थे। तब उन्होंने हिम्मत जुटाकर रानी लक्ष्मीबाई स्व सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया। समूह के सहयोग और बिहान के मार्गदर्शन से उन्हें आत्मनिर्भरता की राह मिली। उन्होंने ग्राम संगठन की सहायता से समुदायिक निवेश कोष से 25 हजार रुपये का ऋण लिया। इस राशि से उन्होंने 1000 वर्गफीट का सेटरिंग प्लेट तैयार कराया, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य निर्माण कार्यों में किराये पर दिया जा रहा है। इसी से आज उनकी नियमित आय 20,000 रुपये मासिक हो गई है। वे कहती हैं पहले जीवन बहुत कठिन था, लेकिन बिहान समूह से जुड़ने के बाद आत्मविश्वास बढ़ा। अब मैं खुद कमा रही हूँ, बच्चों की पढ़ाई कराती हूँ और दूसरों को भी प्रेरित कर रही हूँ। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया।गांव की साथी महिलाओं के अनुसार, रश्मि की सफलता से अब कई अन्य महिलाएं भी समूहों से जुड़कर प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य आजीविका गतिविधियों में सक्रिय हो रही हैं। बिहान के जिला अधिकारी का कहना है कि रश्मि की उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि अगर महिला को अवसर, प्रशिक्षण और सहयोग मिले तो वह न केवल अपने परिवार, बल्कि समाज की भी आर्थिक रीढ़ बन सकती है। आज बिर्रा गांव में रश्मि का नाम गर्व से लिया जाता है कभी जो परिवार आर्थिक तंगी में था, वही अब दूसरों की प्रेरणा बन चुका है। सच में, यह है बिहान से निकली उड़ान की मिसाल है जिसने गांव की एक साधारण महिला को आत्मनिर्भरता की पहचान दिलाई।
- महासमुन्द / आयुक्त खाद्य सुरक्षा तथा कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते हुए जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच का विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है।निरीक्षण में 14 से 16 अक्टूबर 2025 तक खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री शंखनाद भोई द्वारा त्यौहारी सीजन में अत्यधिक उपयोग होने वाली मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों जैसे पेड़ा, खोवा, कलाकंद, पनीर, सलोनी, बेसन लड्डू आदि के कुल 07 सर्विलेंस एवं आटा, चावल के विधिक नमूने संकलित कर राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, कालीबाड़ी, रायपुर को जांच हेतु प्रेषित किए गए हैं।दीपावली पर्व के मद्देनजर 25 सितम्बर 2025 से अब तक महासमुन्द जिले से कुल 27 सर्विलेंस एवं 09 विधिक नमूने संकलित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा विभिन्न होटलों का निरीक्षण कर 50 नमूनों का मौके पर प्रारंभिक परीक्षण किया गया, जिनमें से 03 खाद्य पदार्थ अवमानक पाए गए हैं। निरीक्षण के दौरान होटल संचालकों को स्वच्छता बनाए रखने एवं गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थों के विक्रय के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अवमानक खाद्य पदार्थों का विक्रय पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते हुए जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच एवं निरीक्षण की कार्यवाही सतत रूप से जारी रहेगी।





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