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- - शिविर में मरीजों नि:शुल्क जांच एवं दवाईयों का किया गया वितरणराजनांदगांव । छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर मंगल भवन शासकीय प्राथमिक शाला मैदान मोतीपुर में एक दिवसीय जिला स्तरीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला एवं व्यंजन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। संचालनालय आयुष छत्तीसगढ़ रायपुर के निर्देशानुसार डॉ. शिल्पा मिश्रा जिला आयुष अधिकारी के मार्गदर्शन में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी एवं योग चिकित्सा पद्धति से स्वास्थ्य जांच एवं दवाईयों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में महावीर कॉलेज ऑफ आयुर्वेद सांईस सुंदरा, राजनांदगांव के छात्रों द्वारा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने से संबंधित नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन तथा योगा वेलनेस सेन्टर राजनांदगांव एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष), पदुमतरा प्रभारी के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं द्वारा योग नृत्य का प्रतियोगिता प्रदर्शन किया गया।महापौर श्री मधुसूदन यादव एक दिवसीय जिला स्तरीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला एवं व्यंजन प्रदर्शनी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। महापौर श्री मधुसूदन यादव ने कहा कि आज पूरी दुनिया में एलोपैथी से हटकर आयुर्वेद और योगा की बड़ी मान्यता है। पहले बडी संख्या में लोग इलाज के लिये केरल, बैंगलोर एवं हैदराबाद में पंचकर्म कराने के लिए जाते थे, किन्तु आज पंचकर्म की सर्वसुविधा इस शिविर में उसी पद्धति से चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। पंचकर्म के माध्यम से सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल इलाज प्रक्रिया नहीं है, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति बीमार न पड़े, इसकी एक व्यवस्था है। जिसमें दिनचर्या, ऋतुचर्या व प्राणायाम भी शामिल है। आयुर्वेद के तहत शतप्रतिशत गारंटी के साथ बिना किसी साइड इफेक्ट एवं एलर्जी के इलाज की व्यवस्था होती है। महापौर श्री मधुसूदन यादव ने एक दिवसीय जिला स्तरीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला एवं व्यंजन प्रदर्शनी का अवलोकन किया।जिला आयुष अधिकारी राजनांदगांव डॉ. शिल्पा मिश्रा ने बताया कि आयुष विभाग द्वारा स्वास्थ्य एवं जागरूकता के प्रति जनहित में किये जा रहे कार्यों तथा शासकीय योजनाओं सहित लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। शिविर में आयुर्वेद पद्धति के 1559 रोगी, होम्योपैथी पद्धति के 638 रोगी, यूनानी पद्धति के 306 रोगी, योग चिकित्सा द्वारा 164 व्यक्तियों को योगाभ्यास द्वारा एवं शून्य से 16 वर्ष तक के 95 बच्चों को स्वर्णप्राशन औषधियां पिलाई गई। शिविर में कुल 2762 मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कर नि:शुल्क औषधियों का वितरण किया गया। शिविर में 96 पुरूष व 128 महिला रोगियों को पृथक-पृथक पंचकर्म अंतर्गत स्नेहन व स्वेदन की सुविधा भी शिविर में उपलब्ध कराई गई तथा शिविर में उपस्थित सभी नागरिको को आयुष काढ़ा का वितरण किया गया। शिविर में लगभग 700 रोगियों का रक्त परीक्षण अंतर्गत शुगर एवं एचबी जांच की सुविधा भी प्रदान की गई। इस अवसर पर पार्षद श्री कमलेश बंधे, डॉ. हर्षा दुबे, डॉ. सुरेन्द्र कुमार मेश्राम, डॉ. वर्षा नागवंशी, डॉ. योगेश्वरी ठाकुर, डॉ. हर्ष कुमार साहू, डॉ. सुनीता कोचेन्द्र, डॉ. अनिरूद्ध कुमार पटेल, डॉ. मो. इकबाल हुसैन, डॉ. सुनील कुमार भोई, डॉ. अनमोल गुप्ता, डॉ. नम्रता कोसले, डॉ. सृष्टि अग्रवाल होम्योपैथी चिकित्सा व्यवस्था में डॉ. हर्षा बरैया एवं डॉ. प्रीति बोरकर, यूनानी चिकित्सा व्यवस्था में डॉ. रूबिना शाहिन अंसारी तथा योगा चिकित्सा व्यवस्था में डॉ. भारती यादव एवं डॉ. स्नेहा देशमुख, श्रीमती छाया प्यासी एवं श्रीमती टीनू दीवान उपस्थित थे।
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- रजत जयंती वर्ष के तहत आयुष विभाग ने कराया योगाभ्यास
मोहला । संचालनालय आयुष रायपुर के निर्देशानुसार जिला आयुष अधिकारी डॉ. शिल्पा मिश्रा के मार्गदर्शन में रजत जयंती वर्ष के विशेष सप्ताह अंतर्गत एक दिवसीय जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन स्वामी आत्मानंद विद्यालय स्टेडियम मोहला में किया गया।
योग प्रशिक्षक श्री उमाशंकर दिल्लीवार एवं श्री वेदप्रकाश भुआर्य ने प्रतिभागियों को योग के विभिन्न आसन कराए तथा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर योग के लाभों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री जीआर मरकाम ने भी योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिदिन योग करने की सलाह दी। उन्होंने हर दिन, हर घर आयुर्वेद की थीम पर प्रकाश डालते हुए लोगों से आयुर्वेद अपनाने की अपील की। विभागीय अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम अंतर्गत विगत दिवस विद्यार्थियों को आयुष औषधालय का भ्रमण कराया गया। जहां उन्हें औषधीय पौधों की पहचान एवं उनके औषधीय गुणों की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्री डीआर ध्रुव, विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री राजेंद्र देवांगन, नोडल अधिकारी आयुष विभाग डॉ. दिनेश कुमार सोनी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। - -वीसी के माध्यम से संवाद में हुए शामिलमहासमुंद / नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में छात्रों की सृजनशीलता को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार द्वारा आयोजित विकसित भारत बिल्डथॉन 2025 कार्यक्रम में महासमुंद जिले के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बेलसोंडा की दो छात्राओं का चयन जिले से संवाद के लिए हुआ। यह कार्यक्रम देशभर में युवाओं में नवाचार, तार्किक सोच और उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करने हेतु आयोजित किया गया था।इस अवसर पर सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय शिक्षा विभाग द्वारा देशभर के विद्यार्थियों से वर्चुअल संवाद किया गया। इस संवाद में महासमुंद जिले की दो छात्राएं कक्षा 10वीं की कुमारी मेघना चंद्राकर तथा कक्षा 12वीं विज्ञान संकाय की कु. अहिल्या साहू ने सहभागिता की। वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान समग्र शिक्षा राज्य कार्यालय से श्री कौशिक जी, उप संचालक श्रीमती मुक्ति बैस, रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी श्री हिमांशु भारतीय, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय लहरे, डीएमसी श्री रेखराज शर्मा, विद्यालय के शिक्षक गण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।इन छात्राओं द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट ऐ आई सेंसर कैमरा और लेबर स्मार्ट बैंड पर आधारित है, जो श्रमिकों के कार्यस्थलों पर सुरक्षा, निगरानी और सुविधा बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा। यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी नवाचार, लोकल फॉर वोकल और समृद्ध भारत की थीम पर आधारित है।इस ‘बिल्डथॉन को एक तरह की इनोवेशन मैराथन कहा जा सकता है, जिसमें देशभर के विद्यार्थी और नवप्रवर्तक किसी सामाजिक या तकनीकी समस्या के समाधान हेतु अपने विचारों को प्रोटोटाइप के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इस प्रतियोगिता की शुरुआत 23 सितंबर 2025 को हुई थी। 6 से 11 अक्टूबर तक पंजीयन की प्रक्रिया चली और 13 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रोजेक्ट जमा किए जाएंगे। नवंबर माह में इन प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन किया जाएगा तथा दिसंबर में परिणाम घोषित होंगे। देशभर से चयनित 10 हजार प्रतिभागियों को कुल एक करोड़ रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।इस अवसर पर अधिकारियों ने छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के नवाचार कार्यक्रम विद्यार्थियों में अनुसंधान, तकनीकी ज्ञान और आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं तथा उन्हें राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान देने हेतु प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में एपीसी संपा बोस, श्रीमती शोभा सिंहदेव, प्राचार्य, जगदीश सिन्हा, नोडल अधिकारी, सुबोध तिवारी, मिथलेश सिंह सहित शाला विकास समिति के सदस्य उपस्थित थे।
- -महासमुंद जिले में 14 हजार 788 श्रमिकों को 4 करोड़ 68 लाख से अधिक की राशि वितरित-श्रमिकों के कल्याण हेतु छत्तीसगढ सरकार प्रतिबद्धरायपुर । छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जिले के श्रमिकों तक निरंतर पहुँचाया जा रहा है। पंजीकृत मज़दूरों को शिक्षा, स्वास्थ्य, औजार सहायता, मातृत्व लाभ, मृत्यु सहायता एवं आवास जैसी अनेक योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाता है। इन योजनाओं ने हजारों निर्माण मज़दूरों के जीवन में नया उजाला फैलाया है। शासन की मंशानुरूप प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक परिवार को सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से श्रम विभाग द्वारा निरंतर शिविर, पंजीयन एवं जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से योजनाओं का अधिकतम लाभ पात्रों तक पहुँचाया जा रहा है।जिले के श्रमिकों को 4 करोड़ 68 लाख से अधिक की राशि वितरितकलेक्टर महासमुंद के मार्गदर्शन में श्रम कल्याण मंडल महासमुंद द्वारा डीबीटी के माध्यम से श्रमिकों के खातों में सीधे सहायता राशि प्रदान की गई है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और लाभ समय पर मिले। श्रम पदाधिकारी ने बताया कि विगत 17 सितम्बर एवं 3 अक्टूबर 2025 को डीबीटी के माध्यम से 14 हजार 788 श्रमिकों के खाते में 4 करोड़ 68 लाख 690 रुपए की राशि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा अंतरित की गई।सुरक्षा उपकरण सहायता योजना अंतर्गत 3 हजार 443 श्रमिकों को मिला लाभमहासमुंद जिले में श्रम विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री निर्माण मज़दूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना अंतर्गत 3 हजार 443 श्रमिकों को 51 लाख 64 हजार 500 रुपए की सहायता दी गई है। इसी तरह निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना अंतर्गत 3005 श्रमिकों को 40 लाख 72 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई।मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना अंतर्गत 2 हजार 724 श्रमिको को एक करोड़ 89 हजार 6 रुपए, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना अंतर्गत 2 हजार 629 श्रमिकों को 91 लाख 41 हजार 584 रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई। इसी प्रकार मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत 2 हजार 323 श्रमिकों को 44 लाख 10 हजार 500 रुपए, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना अंतर्गत 287 श्रमिकों को 57 लाख 40 हजार रुपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना अंतर्गत 150 श्रमिकों को 30 लाख रुपए, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत 108 श्रमिकों को 5 लाख 82 हजार रुपए, मिनीमाता महतारी जतन योजना अंतर्गत 79 श्रमिकों को 15 लाख 80 हजार रुपए सहायता राशि प्रदान की गई।महासमुंद जिले में मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना अंतर्गत 27 श्रमिकों को 27 लाख रुपए, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 9 श्रमिकों 71 हजार 100 रुपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 3 श्रमिकों एक लाख 50 हजार रुपए, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना अंतर्गत एक श्रमिक को एक लाख रुपए का की सहायता राशि प्रदान किया गया है।
- -तीन किलोवाट तक की सौर प्रणाली पर एक लाख 8 हजार रुपये तक की सब्सिडीरायपुर । सूर्यघर मुफ़्त बिजली योजना एक सरकारी पहल है जो घरों में सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी देती है। इसका उद्देश्य प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने से गौरेला नगर के सुनीत लाल और दिलीप कुमार गोयल का बिजली बिल पूरी तरह से शून्य हो गया है।अग्रसेन चौक गौरेला के दिलीप कुमार गोयल ने अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित कराया है। श्री गोयल बताया कि पहले उनके घर में बिजली की खपत अधिक होने के कारण बिल भी ज्यादा आता था, लेकिन योजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने इसका लाभ उठाने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार रूपये तक की सब्सिडी प्राप्त हुई। इसी तरह सुंदर नगर गौरेला के सुनीत लाल ने भी 78 हजार रूपये की सब्सिडी से जनवरी माह में अपने घर पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगवाया है। संयंत्र चालू होते ही उनके घर में बिजली उत्पादन शुरू हो गया और पहले ही महीने उनका बिजली बिल पूरी तरह से शून्य हो गया।बता दें कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई “प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त योजना“ का उद्देश्य हर घर को सौर ऊर्जा से जोड़कर स्वच्छ, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा को बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत तीन किलोवाट तक की सौर प्रणाली पर 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी दे रही है, जिससे आमजन के लिए सोलर पैनल लगवाना अब अधिक सुलभ हो गया है। इस योजना से बिजली बिलों में उल्लेखनीय कमी आ रही है, वहीं उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर आय भी अर्जित कर रहे हैं। इससे न केवल परिवार आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि पारंपरिक बिजली पर निर्भरता घटने से राष्ट्रीय ग्रिड पर भी भार कम हुआ है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह योजना छत्तीसगढ़ में प्रभावी ढंग से लागू की जा रही है। इस योजना का अधिक से अधिक लोग लाभ ले सकें इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जागरूकता अभियान, ऑनलाइन पोर्टल, हेल्पडेस्क और विशेष शिविरों के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। “प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना“ न केवल घरों को रोशन कर रही है, बल्कि छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण के क्षेत्र में सशक्त बना रही है।
- -श्रीमती जयवती ने टमाटर की खेती से परिवार को बनाया आत्मनिर्भररायपुर ।टमाटर की खेती से कई किसान परिवारों ने आत्मनिर्भरता हासिल की है, जिनमें से कुछ ने इसे सफलतापूर्वक एक लाभदायक व्यवसाय बना लिया है। यह खेती, खासकर जब उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों और आधुनिक तकनीकों को अपनाया जाता है, अच्छी आय प्रदान कर सकती है और परिवार के लिए वित्तीय स्थिरता ला सकती है। कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड के ग्राम बसवाही की श्रीमती जयवती आज क्षेत्र की उन प्रेरक महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर अपनी पहचान बनाई है। जयवती ने बताया ‘मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि कोरिया की धरती पर उगाई गई टमाटर महाराष्ट्र तक पहुंचेंगी, लेकिन यह सच है।जयवती ‘चमेली स्व सहायता समूह’ से जुड़ी हैं और अपने पति श्री गोपाल चेरवा के साथ मिलकर तीन एकड़ भूमि में टमाटर की खेती करती हैं। उनके पति धान की खेती के साथ-साथ अन्य कृषि कार्यों में भी उनका सहयोग करते हैं। जयवती बताती हैं कि टमाटर की पैदावार अच्छी होने से अब उनकी उपज बिलासपुर, रायपुर से लेकर महाराष्ट्र तक पहुंच रही है। सालभर में करीब तीन लाख रुपये की आमदनी से परिवार की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आया है।श्रीमती जयवती ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं बेटी कक्षा छठवीं में और बेटा कक्षा बारहवीं में अध्ययनरत है। अब वे बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पूरी निष्ठा से सहयोग करने का संकल्प रखती हैं।निश्चित ही श्रीमती जयवती जैसी महिलाएं स्व-सहायता समूहों के माध्यम से न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बन रही हैं।
- रायपुर । छत्तीसगढ़ रजत जयंती के अवसर पर जिले के सभी विकासखण्डों के 734 मत्स्य कृषकों को विभागीय 50 प्रतिशत फिंगरलिंग वितरण योजना अनर्गत गौड़ खनिज न्यास मद् एवं मछली पालन विभाग के अभिसरण से शत् प्रतिशत अनुदान में फिंगरलिंग मत्स्य कृषकों को वितरण किया गया है।विभागीय 50 प्रतिशत फिंगरलिंग योजना अन्तर्गत प्रति मत्स्य कृषक प्रति हेक्टेयर जलक्षेत्र में 4000 रुपये का फिंगरलिंग दिये जाने का प्रावधान है जिसमें 2 हजार रुपये हितग्राही अंश एवं 2 हजार रुपये विभाग से अनुदान स्वरूप फिंगरलिंग प्रदाय किया जाता है। जिले के चयनित मत्स्य कृषकों जिन्हे नियमानुसार जलक्षेत्र (तालाब/जलाशय) 10 वर्षीय पट्टे पर विभाग द्वारा प्रदाय किया गया है, ऐसे मत्स्य कृषकों का हितग्राही अंश गौड़ खनिज न्यास मद् से स्वीकृत किया गया है।जिले के मत्स्य कृषकों को शत् प्रतिशत अनुदान में फिंगरलिंग प्रदाय करने का मुख्य उद्देश्य है कि स्थानीय स्तर पर मत्स्य कृषकों को रोजगार, आर्थिक स्थिति सुदृढ़ एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना है। साथ ही साथ समस्त जलक्षेत्रों का उपयोग कर मछली पालन किया जाना है तथा मत्स्य कृषकों को शत् प्रतिशत अनुदान में मत्स्य बीज प्रदाय करने का उद्वेश्य जिले के मत्स्योत्पादन में वृद्धि करना है।
- -ग्राम पंचायत पहरी के आश्रित बरपानी गांव में पहुंची पहली बार बिजली-6 पहाड़ी कोरवा परिवार हुए लाभान्वितरायपुर। किसी भी क्षेत्र के विकास को मापने के अनेक पैमाने हो सकते हैं जैसे सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा या पेयजल की व्यवस्था, परंतु इनमें सबसे बुनियादी जरूरत है बिजली की उपलब्धता। रोशनी केवल घरों को नहीं, बल्कि भविष्य को भी जगमगाती है। बिजली से ही विकास के पहिए गति पाते हैं, शिक्षा में सुधार होता है, रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। रात के सन्नाटे में अब पहाड़ी कोरवा परिवार को मिली रौशनी से जीवन में बदलाव आ गया है।बुनियादी जरूरत है बिजलीबलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कई क्षेत्र दूरस्थ और पहाड़ी अंचल में पहाड़ी कोरवा परिवार बसे हुए हैं। घने जंगल, कठिन रास्ते, ऊँची पहाड़ियाँ और आवागमन की समस्या यहाँ के विकास की राह में अकसर बाधा बाधा बनी रहीं है। ऐसे क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सेवाओं तक पहुँच भी सीमित रहती है। इन चुनौतियों के बावजूद शासन प्रशासन ने पहाड़ी कोरवा आदिवासी बस्तियों तक शासन की योजनाओं को पहुँचाने का बीड़ा उठाया।घर-घर जल रहा है बल्बविकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम बरपानी में बसे पहाड़ी कोरवा परिवारों के लिए बिजली कभी एक सपना था। पहले इन ग्रामीण इलाकों में सूरज ढलते ही अंधेरा छा जाता था, वहां अब शाम ढलते ही घरों, गलियों और खेतों में रोशनी जगमगाने लगी है कभी लालटेन या मिट्टी के दीए की मद्धिम रोशनी में अपना रात बिताने को मजबूर और असुविधाओं से भरी बरपानी गांव की कहानी अब बदल रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी बस्ती अंधेरे में न रहे। इसी दिशा में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में तेजी से विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। ऐसे दूरस्थ गांव, जहां कभी बिजली के खंभे देखना भी सपना था, आज वहां घर-घर बल्ब जल रहे हैं।पहाड़ी कोरवाओं के घर पहुॅची बिजलीशंकरगढ़ विकासखंड की ग्राम पंचायत पहरी के आश्रित ग्राम बरपानी के कोरवापारा तक आखिरकार बिजली पहुंच गई। यह वह बस्ती है जहाँ वर्षों से 06 पहाड़ी कोरवा परिवार बिना बिजली के जीवन व्यतीत कर रहे थे। जब पहली बार उनके घरों में बल्ब जले तो बच्चों की आँखों में चमक, बुजुर्गों के चेहरों पर संतोष और महिलाओं के मन में रही नई उम्मीदें। ग्रामीणों का कहना है कि पहले उन्हें शाम ढलने तक सारे काम निपटाने पड़ते थे, क्योंकि रात होते ही पूरा क्षेत्र घने अंधेरे में डूब जाता था। अब हालात बिल्कुल बदल गए हैं। रात का सन्नाटा अब रौशनी से जीवन की चहल-पहल में बदल गया है।उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन की सतत निगरानी और प्रतिबद्धता से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल बलरामपुर द्वारा वनांचल पहाड़ी कोरवा निवास क्षेत्रों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर प्रयास किया जा रहा है और हर घर तक बिजली पहुंचाने की मुहिम जारी है।
- -पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से सुनीता पटेल को बिजली बिल के तनाव से मिली मुक्तिरायपुऱ ।सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का पूरे जिले के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग अपने घर में सोलर सिस्टम लगाकर अब खुद ही बिजली निर्माता बन गए हैं और इसे वापस बिजली वितरण कंपनी को दे रहे हैं। जिससे उनके घर का बिजली का बिल न के बराबर या फिर बहुत कम आ रहा है। राज्य में घरेलू सोलर पावर प्लांट लगाने के मामले में रायगढ़ जिला लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी और स्थानीय बैंकों के सहयोग से लोग आसानी से सोलर सिस्टम अपने घरों में लगवा रहे हैं।सोलर सिस्टम लगाने से पैसे की बचतरायगढ़ शहर की लाभार्थी सुनीता पटेल बताती हैं कि पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत उन्होंने आसानी से आवेदन किया। आवेदन के बाद बैंक से तुरंत लोन मिला और अगले दिन उनके घर में 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम लग गया। बीते दो महीने से उनके घर का बिजली बिल नहीं के बराबर आ रहा है, जो पहले 3 हजार रुपये से अधिक का आता था अब वह ऋणात्मक में आ रहा है। इसका फायदा देखते हुए उन्होंने अपने घर में एक और सोलर सिस्टम लगवा लिया। सुनीता पटेल कहती है कि सोलर सिस्टम लगाने से पैसे की बचत हो रही है, इस बार उनका दीवाली अच्छे से मनेगा।एक लाख से अधिक की सब्सिडीकेंद्र और राज्य द्वारा लोगों को 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम में 1 लाख 08 हजार रूपये की सब्सिडी मिल रही है। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से 78 हजार और राज्य सरकार की ओर से 30 हजार रूपये मिल रहे हैं। 3 किलोवाट के सिस्टम को लगाने में प्रति सिस्टम 1 लाख 90 हजार रूपये का खर्च आता है सब्सिडी काटने के बाद यह रकम महज 72 हजार रूपये हो जाती है जिसे सभी बैंक 6 प्रतिशत की दर से 10 साल के लिए ऋण दे रहे हैं। हजार रूपये से कम के मासिक किश्तों में यह सिस्टम पड़ जाता है।
- -बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई में सुधार के साथ विद्यालय में लौटी रौनकरायपुऱ ।शासन की युक्तियुक्तकरण नीति के तहत अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना होने से विद्यालय में शिक्षण स्तर, अनुशासन और बच्चों की उपस्थिति तीनों में उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है। विकासखंड बिलाईगढ़ के शासकीय प्राथमिक शाला धौराभाठा (ब) में शिक्षा व्यवस्था अब पूरी तरह बदल चुकी है। कभी केवल एक शिक्षक के भरोसे संचालित यह विद्यालय आज 03 शिक्षकों की मौजूदगी से नई ऊर्जा और उत्साह से भर गया है।विद्यालय में वर्तमान में अध्ययनरत बचचे नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं और पढ़ाई में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। पहले शिक्षकों की कमी के कारण कक्षाओं का संचालन बाधित होता था, लेकिन अब शिक्षक बच्चों को व्यक्तिगत ध्यान देकर पढ़ा रहे हैं, इससे विद्यार्थियों की समझने की क्षमता, प्रदर्शन और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है।विद्यार्थी पढाई के साथ खेल गतिविधियों में उत्साहपूर्वक ले रहे हैं भागसारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम धौराभाठा (ब) में के वरिष्ठ नागरिक सुरेश कंवर ने बताया कि पहले स्कूल में केवल एक शिक्षक होने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती थी और पालक भी स्कूल भेजने में रुचि नहीं लेते थे। अब तीन शिक्षकों की मौजूदगी से विद्यालय में अनुशासन और शिक्षण का माहौल पूरी तरह बदल गया है। वहीं ग्रामवासी दिलीप साहू ने कहा कि अब शिक्षक नियमित रूप से सभी विषयों की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। बच्चे न केवल पढ़ाई में बल्कि खेलकूद और अन्य गतिविधियों में भी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय का वातावरण अब सकारात्मक और प्रेरणादायक बन गया है, जिससे गांव में शिक्षा के प्रति नई जागरूकता आई है। युक्तियुक्तकरण नीति का यह असर धौराभाठा (ब) जैसे ग्रामीण विद्यालयों के लिए एक मिसाल बन गया है, जहां अब हर दिन बच्चों की हंसी और सीखने की चाह गूंज रही है।
- - घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठान दोनों में उजाला और बचत का संगमरायपुऱ ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” आम नागरिकों के जीवन में ऊर्जा, बचत और आत्मनिर्भरता की नई रोशनी लेकर आई है। इस योजना का लाभ उठाकर बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा के व्यवसायी लखन लाल देवांगन ने न केवल अपने बिजली खर्च को कम किया है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है।लखन लाल देवांगन शक्ति हार्डवेयर नामक दुकान संचालित करते हैं। उन्होंने बताया कि मोबाइल के माध्यम से जब उन्होंने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी प्राप्त की तो यह योजना उन्हें अत्यंत उपयोगी और लाभदायक लगी। एक व्यवसायी होने के नाते उन्होंने सबसे पहले अपनी हार्डवेयर की दुकान में 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया। कुछ ही समय में उन्हें इसका सीधा लाभ दिखाई देने लगा और बिजली बिल में उल्लेखनीय कमी आई जिससे उनका मासिक खर्च लगभग शून्य के बराबर हो गया। लखन लाल देवांगन ने आगे बताया कि दुकान में सकारात्मक परिणाम देखने के बाद उन्होंने अपने घर पर भी 4 किलोवाट का सोलर पैनल इंस्टॉल करवाया। अब उनके घर और दुकान दोनों स्थानों का बिजली बिल लगभग नगण्य हो गया है। इस योजना के तहत उन्हें शासन से सब्सिडी भी प्राप्त हुई जिससे स्थापना की लागत में कमी आई और सौर ऊर्जा को अपनाना और भी आसान बन गया। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक दूरदर्शी और जनहितकारी पहल है जिसने आम जनजीवन को सशक्त बनाया है।उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने न केवल आमजन को आर्थिक रूप से राहत दी है बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को भी नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वे इस पहल का हिस्सा हैं और वे सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे भी आगे बढ़कर इस योजना का लाभ लें ताकि हर घर आत्मनिर्भर बने और हर छत से स्वच्छ ऊर्जा का प्रसार हो सके। यह योजना छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लोग इसे अपनाकर न केवल बिजली बिल में बचत कर रहे हैं बल्कि हरित ऊर्जा के प्रसार में भी योगदान दे रहे हैं। वास्तव में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज आमजन के जीवन में उजाला ही नहीं बल्कि राहत और गर्व की नई किरण बन चुकी है। न केवल बिजली बिल में बचत कर रहे हैं बल्कि हरित ऊर्जा के प्रसार में भी योगदान दे रहे हैं। वास्तव में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज आमजन के जीवन में उजाला ही नहीं बल्कि राहत और गर्व की नई किरण बन चुकी है।
- -पीएम श्री नटवर स्कूल, रायगढ में जिला स्तरीय विज्ञान सेमिनार चमके नवाचार के सितारेरायपुर ।“विज्ञान हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इसके प्रयोग से जीवन स्तर सुधरता है और समाज की अनेक समस्याओं का समाधान भी संभव है।” पीएम श्री नटवर स्कूल, रायगढ़ में जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी एवं विज्ञान सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के सात विकासखंडों से चयनित प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपने उत्कृष्ट वैज्ञानिक प्रयोगों तथा तार्किक प्रस्तुतियों से सभी को प्रभावित किया। इस वर्ष विज्ञान सेमिनार का विषय “प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना” रखा गया। विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी नवीन तकनीकों, पुनर्चक्रण के उपायों और प्लास्टिक के विकल्पों पर अपने नवाचारपूर्ण विचार एवं वैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत किए।विज्ञान के नवाचार वैज्ञानिक समझ और जागरूकता बढेगीजिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “विज्ञान हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इसके प्रयोग से जीवन स्तर सुधरता है और समाज की अनेक समस्याओं का समाधान भी संभव है।” उन्होंने विद्यार्थियों को नई सोच, नई दिशा और प्रयोगधर्मी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही कहा कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन विज्ञान से संबंधित समाचार, टीवी कार्यक्रम और समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालनी चाहिए, जिससे उनकी वैज्ञानिक समझ और जागरूकता बढ़ेगी। नोडल अधिकारी ने कहा कि सभी विकासखंडों से आए विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। जिला स्तर पर चयनित विद्यार्थी आगामी जोन स्तरीय प्रतियोगिता में रायगढ़ जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे और आगे राज्य स्तर तक पहुँचेंगे।निर्णायक मंडलविद्यार्थियों की प्रस्तुतियाँ अत्यंत प्रभावशाली रहीं। उन्होंने राज्य स्तर पर प्रदर्शन को और बेहतर बनाने हेतु उपयोगी सुझाव दिए। निर्णायक मंडल में दिनेश वर्मा (शा. उ. विद्यालय, गोरखा), अनुपम तिवारी (शा. उ. मा. विद्यालय, गेरवानी) तथा किरण कुमार पटेल (शा. उ. मा. विद्यालय, तारापुर) शामिल थे।जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में प्रथम स्थान पर सान्वी पटेलविज्ञान हमारे दैनिक जीवन का आधार है। विद्यार्थियों को अपने नवाचारों के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण जैसी वैश्विक समस्या के समाधान में योगदान देना चाहिए। इस आयोजन में जिले के सातों विकासखंडों के विद्यार्थी शामिल हुए। परिणामस्वरूप प्रथम स्थान सान्वी पटेल (विकासखंड धरमजयगढ़), द्वितीय स्थान आकांक्षा चौधरी (पुसौर) तथा तृतीय स्थान निधि प्रधान (घरघोड़ा) ने प्राप्त किया। चयनित विद्यार्थी अब जोन स्तरीय विज्ञान सेमिनार में रायगढ़ जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- -उप मुख्यमंत्री ने अंतिम दौर के कार्यों का किया निरीक्षण, लोकार्पण की तैयारियों का लिया जायजा-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्योत्सव पर करेंगे लोकार्पण-आधुनिक व सर्वसुविधायुक्त विधानसभा के नए भवन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक-सदन की सीलिंग पर उकेरी गई हैं धान की बालियां, ज्यादातर फर्नीचर बस्तर के शिल्पियों द्वारा निर्मितरायपुर ।उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने सोमवार को नवा रायपुर में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन के अंतिम दौर के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान इसके लोकार्पण की तैयारियों का भी जायजा लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आगामी 1 नवम्बर को राज्योत्सव के मौके पर विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण करेंगे। आधुनिक व सर्वसुविधायुक्त इस भवन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा की झलक दिखाई देगी। विधानसभा के सदन की सीलिंग में धान की बालियां उकेरी गई हैं। सदन के भीतर के ज्यादातर फर्नीचर बस्तर के शिल्पियों द्वारा बनाए गए हैं।उप मुख्यमंत्री श्री साव ने विधानसभा के नवनिर्मित संपूर्ण परिसर का भ्रमण कर अंतिम चरण के कार्यों को देखा और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने यहां स्थापित एयर कंडीशनिंग चीलर प्लांट का भी अवलोकन किया। श्री साव ने कहा कि नवीन विधानसभा भवन सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसे तीन सेक्टरों में विभाजित कर बनाया गया है। भवन के सिविल कार्य पूर्ण हो चुके हैं। फिनिशिंग कार्य भी अंतिम चरण में हैं। दीपावली के बाद शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा।श्री साव ने कहा कि आगामी 1 नवम्बर को छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। राज्योत्सव के अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ नित नवीन आयाम तय कर रहा है। विधानसभा का यह नवनिर्मित भवन छत्तीसगढ़ के इतिहास में बहुमूल्य उपलब्धि होगी।उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि 25 साल पहले वर्ष 2000 में रायपुर के राजकुमार कॉलेज में टेंट से शुरू हुए छत्तीसगढ़ के विधानसभा को खुद का भव्य भवन मिलने जा रहा है। नवीन विधानसभा भवन सर्वसुविधायुक्त, सुसज्जित तथा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसे अगले 50 वर्षों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। भविष्य में पेपरलेस विधानसभा संचालित हो सके, इसका भी ध्यान रखा गया है। सदन के भीतर के ज्यादातर फर्नीचर बस्तर के शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए हैं। सीलिंग पर धान की बालियां उकेरी गई हैं। इस नए भवन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा की झलक दिखेगी, जहां छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरूप फैसलों को आकार मिलेगा। श्री साव द्वारा विधानसभा परिसर के निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह और प्रमुख अभियंता श्री वी.के. भतपहरी सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।राज्योत्सव की तैयारियों का भी किया निरीक्षणउप मुख्यमंत्री श्री साव ने नए विधानसभा परिसर का अवलोकन करने के बाद नवा रायपुर स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर पहुंचकर राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह की तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
- -प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नवा रायपुर में करेंगे शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का लोकार्पण-केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय के अधिकारियों ने की संग्रहालय की भव्यता और जीवंत प्रस्तुति की सराहनारायपुर ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नवा रायपुर अटल नगर में छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में तैयार किए गए भव्य संग्रहालय सह-स्मारक का लोकार्पण राज्योत्सव के अवसर पर करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर बनाए जा रहा यह संग्रहालय देश का पहला डिजिटल संग्रहालय होगा। इस संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए 16 आदिवासी विद्रोहों की झलक देखने और सुनने को मिलेगी। संग्रहालय के लोकार्पण के लिए साज-सज्जा का काम अंतिम चरण में है। भारत सरकार के केन्द्रीय जनजाति मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को इस संग्रहालय का अवलोकन कर इसकी भव्यता और जीवंत प्रस्तुति की सराहना की।प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय की ओएसडी श्रीमती रंजना चोपड़ा और संचालक श्रीमती दीपाली मासिरकर को संग्रहालय का भ्रमण कराते हुए बताया कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक गौरव गाथा, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। नई पीढ़ियों को आदिवासियों का स्वतंत्रता विद्रोह की याद दिलाता रहेगा। यह न सिर्फ आदिवासी वर्गों के लिए बल्कि देश-विदेश के लोगों के लिए भी प्रेरणास्पद होगा। उन्होंने बताया कि संग्रहालय में डिजिटल माध्यम से आदिवासी समाज के विद्रोहों और उनके नायकों की गाथा की प्रस्तुति संग्रहालय का विशेष आकर्षण रहेगी। पूरे संग्रहालय परिसर को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है।प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर सरगुजा के कलाकारों द्वारा बनाए गए बेहद खूबसूरत नक्काशीदार पैनल लगाए जाऐंगे। वहीं मुख्य द्वार पर अंदर प्रवेश करते ही लगभग 1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति बनाई जा गई है, इसकी पत्तियों पर सभी 14 विद्रोहों का जीवंत वर्णन किया गया है। केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय की ओएसडी श्रीमती रंजना चोपड़ा ने संग्रहालय परिसर में तैयार हो रहे तालाब के चारों ओर सुन्दर पाथवे बनाने एवं लाईट की व्यवस्था और अंदर की गैलरी में ट्राईबल आर्ट का प्रयोग करने कहा। संग्रहालय के ओरिएंटेशन रूम की बाहरी दीवारों पर शहीद वीर नारायण सिंह जी की शहादत संबंधी जानकारी जैसे जेल रिकॉर्ड, सुनाई गई सजा के आदेश की कॉपी इत्यादि सभी मूल अभिलेख संरक्षित कर डिस्प्ले करने के सुझाव दिए।श्रीमती चोपड़ा ने शहीद वीर नारायण सिंह जी के संघर्ष से संबंधित समाज द्वारा उपलब्ध कराई गई तलवार को भी संग्रहालय में संरक्षित कर प्रदर्शित करने और सोनाखान विद्रोह को प्रदर्शित करने के लिए ऑडियो-वीडियो व डिजिटल स्क्रीन की व्यवस्था, संग्रहालय में ट्राईबल रिलेटेड डॉक्यूमेंट फिल्म का भी प्रदर्शन, प्रत्येक गैलेरी में ऑडियो विजुअल की व्यवस्था कहा, ताकि आगंतुकों को मोबाइल में स्कैन करने पर पूरी जानकारी उपलब्ध हो और म्यूजिक को भी सुना जा सके। उन्होंने संग्रहालय में सेल्फी प्वाइंट भी बनाने भी कहा।शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे- हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रेाह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन 14 गैलेरियों में किया जा रहा है। वहीं जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर एक-एक गैलेरियों का भी निर्माण किया जा रहा है।इस मौके पर आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सरांश मित्तर, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी विकास निगम के संचालक डॉ. जगदीश सोनकर, छत्तीसगढ़ आदिवासी अनुसंसाधन एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।
- रायपुर ।इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलसचिव श्री कपिलदेव दीपक ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया. ।उन्होंने प्रभारी कुलसचिव डॉ सी पी खरे से कुलसचिव पद का प्रभार लिया. । पदभार ग्रहण करने के उपरांत श्री दीपक ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल से सौजन्य मुलाकात की. । डॉ चंदेल ने श्री दीपक को उनके सफल कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं दी ।. श्री कपिल देव दीपक ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संवाद कर विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली एवं गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की. । इस अवसर पर उप कुलसचिव डॉ यमन देवांगन, डॉ श्रीकांत चितले, डॉ विजय सोनी सहित विश्वविद्यालय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. । उल्लेखनीय है कि श्री कपिल देव दीपक मूलतः कृषि विभाग में संयुक्त संचालक के पद पर पदस्थ है. ।
- -अजगरबहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में है कार्यरतरायपुऱ ।छत्तीसगढ़ के घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे कोरबा जिले से एक प्रेरक कहानी सामने आई है- यह कहानी है पहाड़ी कोरवा जनजाति समाज की श्रीमती मंझनीन बाई की, जिन्हें लोग ‘राष्ट्रपति के दत्तक पुत्री समाज‘ की प्रतिनिधि के रूप में जानते हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन कोरबा ने डीएमएफ फंड के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित परिवारों को रोजगार से जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया, जिसका परिणाम परिलक्षित हो रहा है।मंझनीन बाई अज़गरबहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरतमंझनीन बाई को ग्राम अज़गरबहार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में मानदेय आधार पर नियुक्ति दी गई। उनके पति श्री किनारे लाल, जो स्वयं दसवीं पास हैं, को भी इसी योजना के तहत पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के हाई स्कूल एतमानगर में भृत्य के पद पर नियुक्ति मिली। अब दोनों पति-पत्नी आत्मनिर्भर हैं और अपने बच्चों व परिवार के लिए एक बेहतर भविष्य गढ़ रहे हैं। वह अब नियमित अस्पताल आती है। यहाँ नौकरी ने उनकी जिंदगी में खुशहाली ला दी है।मंझनीन बाई पहाड़ी कोरवाओं के लिए प्रेरणा बनी स्रोतकोरबा ब्लॉक के ग्राम टोकाभांटा की मंझनीन बाई का जीवन संघर्षों से भरा रहा। वे एक ऐसे परिवार में पली-बढ़ीं जहाँ जंगल ही जीवन का सहारा था। वन उपज एकत्र कर ही उनका परिवार गुज़ारा करता था। शिक्षा के लिए संसाधनों की कमी थी, फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कक्षा दसवीं तक अध्ययन पूरा किया। यही पढ़ाई आगे चलकर उनके जीवन में परिवर्तन की कुंजी बनी। मंझनीन बाई बताती हैं -‘पहले हमारा जीवन बहुत कठिन था। जंगलों में वनोपज पर निर्भर रहना पड़ता था। रोज़ी-रोटी की चिंता हमेशा बनी रहती थी। लेकिन अब जब हमें नौकरी मिली है, तो जीवन में स्थिरता और सम्मान दोनों आए हैं। दो साल से काम कर रही हूँ और अब भविष्य के प्रति विश्वास बढ़ गया है।‘ उनके परिवार में माता-पिता, पाँच बहनें और दो भाई हैं। मंझनीन बाई अब अपने समाज के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि परिस्थितियाँ चाहे जितनी भी कठिन क्यों न हों, शिक्षा और दृढ़ निश्चय से हर बाधा को पार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उन्हें हर माह 9000 रूपए मानदेय के रूप में मिलता है।विशेष पिछडी जनजाति के 43 परिवार के जीवन में प्रशासन ने भरा उजालाप्रशासन के इस प्रयास ने न केवल एक परिवार के जीवन में उजाला भरा है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि विकास की असली रोशनी तब तक पूर्ण नहीं होती, जब तक वह समाज के अंतिम व्यक्ति तक न पहुँचे। स्थानीय पहाड़ी कोरवाओं को रोजगार का अवसर मिलने के बाद समाज में उन परिवारों को भी प्रेरणा मिली है जो स्कूली शिक्षा से दूर हो जाते थे, अब वे परिवार भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे हैं। जिले में कलेक्टर कोरबा के मार्गदर्शन में पीवीटीजी के 43 लोगों को स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी में मानदेय पर डीएमएफ से नियुक्ति की गई है।
- -डबरी निर्माण से बढ़ी सिंचाई सुविधा, फसल उत्पादन में हुआ सुधार-किसान तिरन एवं रूपधर ने डबरी निर्माण से बदली अपनी आर्थिक स्थितिरायपुऱ। डबरी निर्माण से सिंचाई सुविधा में वृद्धि हुई है क्योंकि ये वर्षा जल के संचयन का स्थायी साधन प्रदान करती हैं, जिससे किसानों को बारहों महीने खेतों की सिंचाई करने में मदद मिलती है। इससे फसल उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होती है, साथ ही यह मछली पालन जैसे अतिरिक्त आय के स्रोतों का अवसर भी देता है। मनरेगा के तहत डबरी निर्माण कार्य से कई ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सफलता मिली है। डबरी निर्माण से न केवल रोजगार सृजित हुआ है, बल्कि सिंचाई की सुविधा भी बढ़ी है, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार हुआ है।गरियाबंद जिले से 67 किलोमीटर दूरी पर ग्राम पंचायत मुड़ागांव स्थित है। यहां मनरेगा जॉब कार्डधारियों की संख्या 360 है। यहां के एक कृषक श्री तिरन जो कि बारिश के पानी से ही अपनी खेती-बाड़ी का कार्य करते थे। उन्हें प्रत्येक वर्ष बेमौसम बारिश और पानी की कमी के कारण खेती करने में मुश्किल हो रही थी। जैसे-जैसे फसलें अफसल हो रही थी। आत्मविश्वास टूटता जा रहा था। पानी की कमी के कारण उनके जैसे कई अन्य किसान भी पर्याप्त फसल नहीं ले पाते थे। ग्राम सभा के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत व्यक्तिगत व हितग्राही मूलक कार्य जैसे डबरी निर्माण कार्य के संबंध में जानकारी ग्रामीणों को दी गई। जिसमें बताया गया कि मनरेगा योजना से हितग्राही मूलक कई कार्य किए जा सकते हैं। डबरी निर्माण होने से फसल उत्पादन ज्यादा किया जा सकता है।गरियाबंद जिले से ग्राम पंचायत मुड़ागांव के तिरन-रूपधर ने डबरी निर्माण कराने का मन बनाया और उत्सुकतापूर्वक मनरेगा योजना के जनकल्याण कारी कार्य का लाभ लेने हेतु आवेदन ग्राम पंचायत में ग्रामसभा में जमा कराया। इसके बाद पंचायत द्वारा प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत में प्रेषित किया गया। स्वीकृति होने के पश्चात् कार्य को प्रारम्भ किया गया। डबरी निर्माण से हितग्राही मछलीपालन एवं आस-पास के खेतों में सिंचाई कर, फसल लगाकर अपनी एवं परिवार की आजीविका अच्छे से कर रहे है।मछली पालन से अतिरिक्त आयहितग्राही श्री तिरन एवं रूपधर ने बताया कि डबरी निर्माण से आय के साधन में वृद्धि हुई जिससे ग्रामीण किसान आत्मनिर्भर बनते जा रहे है। कार्य से किसानों को फसल की उत्पादन क्षमता भी बढ़ती जा रही है, मछली पालन, खेती बाड़ी में अच्छी गुणवत्ता के साथ पैदावार हो रही है, जिसे बेचकर आय अर्जित करना एवं दैनिक रूप से जो भी खर्च है वह पूर्ति हो रही है। स्थल का सदुपयोग हुआ, खेतों में सिंचाई की सुविधा बढ़ी, आजीविका के साधन में वृद्धि हुआ।कृषि ऊपज में वृद्धिहितग्राही श्री तिरन पूर्व में मेरी जमीन में कुछ भी फसल नहीं हो रही थी जिसके कारण पूरे खेत में सिंचाई सही तरीके से नहीं हो पा रही थी। जिससे फसल के उत्पादन में कमी हो रही थी। मुझे ग्राम सभा के माध्यम से पता चला की शासन द्वारा मनरेगा योजना से किसानों के कृषि ऊपज में वृद्धि हेतु बहुत सारे कार्यों की स्वीकृति दी जा रही है। मैने भी ग्राम पंचायत में डबरी निर्माण हेतु आवेदन दिया जो शासन द्वारा स्वीकृत किया गया, डबरी होने से मेरी आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार आया है एवं वर्तमान में मैं अधिक मात्रा में फसल उत्पादन कर बेहतर कृषि करते हुए अपने आर्थिक स्थिति में सुधार महसूस कर रहा हूं। हमारा परिवार डबरी निर्माण कार्य से बहुत खुश है, और शासन के जन कल्याणकारी योजना के प्रति आभारी है एवं मै गांव के अन्य लोगों को भी डबरी निर्माण के महत्व को बताते हुए डबरी निर्माण कराने हेतु प्रोत्साहित करता हूं। मैं शासन को इस जन कल्याणकारी योजना के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
- रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने लाखों परिवारों के जीवन में स्थायित्व और सम्मान का नया अध्याय जोड़ा है। इस योजना के अंतर्गत मुंगेली जिले के ग्राम पदमपुर निवासी श्री सौखीराम नट को पक्का घर प्राप्त हुआ, जिससे उनका वर्षों पुराना सपना पूरा हुआ।सौखीराम का परिवार पहले कच्चे और जर्जर मकान में कठिन परिस्थितियों में रह रहा था। बरसात के मौसम में टपकती छत और मिट्टी की दीवारों को संभालना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। दिहाड़ी मजदूरी से परिवार का खर्च चलाना ही मुश्किल था, ऐसे में पक्का मकान बनाना असंभव प्रतीत होता था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत उन्हें स्वीकृत आवास मिलने से उनकी जिंदगी में खुशियों का नया सवेरा आया।उन्होंने बताया कि नया घर मिलने से अब परिवार सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में रह रहा है। यह आवास केवल छत नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का प्रतीक बन गया है। श्री सौखीराम ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना आमजन के लिए जीवन बदलने वाला उपहार साबित हुई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 67 हजार 300 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है।
- रायपुर। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना देश के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक बन गई है। यह योजना नागरिकों को सौर ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर कर रही है। योजना के अंतर्गत नागरिक अपने घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित कर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं, जिससे न केवल घरेलू आवश्यकताएँ पूर्ण होती हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड में जमा होने से अतिरिक्त आय का सृजन हुआ है। कोरबा जिले में यह योजना नागरिकों के जीवन में स्थायी परिवर्तन ला रही है। यहाँ के श्री आयुष अग्रवाल और श्री अजय राज बेन इस योजना की सफलता के उदाहरण हैं। श्री अग्रवाल ने अपने घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित कर बिजली बिल में उल्लेखनीय कमी की है और बचत से परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। वहीं, भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त श्री अजय राज बेन ने 3 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम लगाकर अपने घर को पूर्णतः स्वच्छ ऊर्जा से संचालित किया है। यह योजना केवल बिजली की व्यवस्था नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन चुकी है, जो नागरिकों को उपभोक्ता से उत्पादक की भूमिका में ला रही है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना हर घर में उजाला और हर परिवार में आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन रही है।
- -प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मदन राम बने आत्मनिर्भर किसान-बायोफ्लॉक तकनीक से कर रहे हैं मछली पालन, हर साल कमा रहे हैं दो लाख से अधिक शुद्ध मुनाफारायपुर। ग्रामीण अंचलों में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से आजीविका के नए अवसर खुल रहे हैं, जिससे ग्रामीण परिवार आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसी योजना के तहत अम्बिकापुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कुल्हाड़ी के निवासी श्री मदन राम ने अपने खेत की 30 डिसमिल भूमि का सदुपयोग करते हुए बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण कराया है। यह तालाब पूर्णतः वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है, जिसमें जल की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बायोफ्लॉक शीट, ऑक्सीजन मशीन, सबमर्सिबल पंप और जनरेटर जैसी आधुनिक सुविधाएँ लगाई गई हैं।मछली पालन को एक व्यवसाय के रूप में शासन द्वारा ऋण पर सब्सिडीश्री मदन राम ने बताया कि बायोफ्लॉक तालाब निर्माण पर कुल 14 लाख रुपए की लागत आई, जिसमें से उन्हें 60 प्रतिशत अर्थात 8 लाख 40 हजार रुपए की सब्सिडी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से मछलियों का विकास तेज़ी से होता है और उत्पादन अधिक मिलता है। तालाब को पूरी तरह बायोफ्लॉक शीट से ढंक दिया गया है, जिससे जल की गुणवत्ता एवं तापमान नियंत्रित रहता है और मछलियों की वृद्धि में अनुकूल वातावरण मिलता है। उन्होंने बताया कि योजना की जानकारी प्राप्त करने के लिए उन्होंने मत्स्य पालन विभाग से संपर्क किया, जहाँ से उन्हें सभी आवश्यक मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता मिली। पहले जहाँ खेती से सीमित आमदनी होती थी, वहीं अब मछली पालन से वे हर वर्ष लगभग दो लाख रुपए की शुद्ध आमदनी की है।श्री मदन राम ने बताया कि पहले मैंने एक बार मछली का बीज डाला था, अब तालाब में मछलियाँ खुद ही बीज तैयार कर रही हैं। इससे मछली पालन की लागत भी कम हो गई है और मुनाफा और बढ़ गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि खेती के मुकाबले मछली पालन में अधिक मुनाफा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा अवसर दिया है।मत्स्य पालन स्व-रोजगार के साथ नुकसान की भरपाई बीमा सेप्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना- मत्स्य पालन क्षेत्र में नीली क्रांति लाने के लिए शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य उत्पादन बढ़ाना, निर्यात को दोगुना करना और रोजगार पैदा करना है। यह योजना मछुआरों और मछली पालकों को बुनियादी ढांचे, उपकरणों और वित्तीय सहायता के माध्यम से मदद करती है, जिसमें आकस्मिक मृत्यु, विकलांगता या अस्पताल में भर्ती होने पर बीमा कवरेज भी शामिल है। मछली पालन को एक व्यवसाय के रूप में शुरू करने के लिए ऋण पर सब्सिडी प्रदान करना है। शासन की यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में कृषकों, युवाओं और स्व-सहायता समूहों के लिए नई संभावनाएँ खोल रही है। बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन कर अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में किसान सार्थक योगदान दे रहे हैं।
- रायपुर ।अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम नागरिकों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना ने लोगों को न केवल बिजली बिल के बोझ से मुक्त किया है, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से आय का अवसर भी प्रदान किया है।राजनांदगांव निवासी श्री सक्षम जैन ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल स्थापित किया है। पहले उनका मासिक बिजली बिल लगभग 1500 रुपये तक आता था, जो अब पूर्णतः समाप्त हो गया है। अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होने से यह विद्युत विभाग के ग्रिड में जमा हो रही है, जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ भी मिल रहा है।इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन है। इच्छुक उपभोक्ता चउेनतलंहींतण्हवअण्पद या पीएम सूर्यघर मोबाइल एप के माध्यम से पंजीयन कर सकते हैं। यह योजना ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए संचालित महतारी वंदन योजना लाखों महिलाओं के जीवन में खुशहाली और आत्मनिर्भरता लाने में मददगार साबित हो रही है। दीपावली पर्व से पूर्व योजना की 20वीं किश्त जारी होने से पूरे प्रदेश की महिलाओं के चेहरों पर प्रसन्नता और आत्मविश्वास झलक उठा है।इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र महिला को प्रति माह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे महिलाएं अपने परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में सक्ती जिले की ग्राम पंचायत टेमर निवासी श्रीमती रजनी कुम्हार भी महतारी वंदन योजना से लाभान्वित होकर अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हुई हैं।श्रीमती रजनी ने बताया कि पहले परिवार की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई होती थी, लेकिन अब योजना से मिलने वाली राशि से उन्हें आर्थिक संबल और परिवार की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने इस राशि का सदुपयोग करते हुए अपने पति श्री पीताम्बर कुम्हार के सहयोग से मिट्टी के दीये, मटके, घड़े, कलश और सुराही जैसे पारंपरिक मिट्टी के उत्पादों के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया है। दीपावली के अवसर पर वे प्रतिदिन लगभग 2,000 से 2,500 दीये तैयार कर रही हैं, जिससे अच्छी आमदनी की उम्मीद है। श्रीमती रजनी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना महिलाओं के सम्मान, स्वावलंबन और समृद्धि की दिशा में एक सशक्त और प्रेरणादायक पहल है। जिसने उनके जीवन में उजाला और आत्मनिर्भरता की नई रोशनी फैलाई है।
- -14 अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री साव सहयोग केंद्र पहुँचेंगेरायपुर। भारतीय जनता पार्टी के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रदेश के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने सोमवार को कार्यकर्ताओं आमजनों से मुलाकात कर उनकी समस्याएँ सुनीं। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए लोगों के आवेदनों एवं शिकायतों के निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।सोमवार को सहयोग केंद्र में कार्यकर्ताओं की ओर से 100 से आवेदन आए। इस अवसर पर सहयोग केंद्र प्रभारी सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश कार्यालय मंत्री अशोक बजाज सहित पदाधिकारीगण व कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। कल मंगलवार 14 अक्टूबर को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव सहयोग केंद्र में उपस्थित रहकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर प्राप्त आवेदनों पर कार्रवाई कर उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण करेंगे।
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रायपुर/संयुक्त राष्ट्र सतत विकास कार्यालय (UNOSD), जो संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UNDESA) के सतत विकास लक्ष्यों (DSDG) प्रभाग के अंतर्गत है, 2025 अंतर्राष्ट्रीय मेयर फोरम का आयोजन 14-16 अक्टूबर 2025 को टोयोटा सिटी, जापान में कर रहा है। यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय विकास केंद्र (UNCRD), UN-Habitat और टोयोटा सिटी, जापान के सहयोग से किया जा रहा है।
इस फोरम में राष्ट्रीय सरकारों, स्थानीय निकाय प्रमुखों, संघों, के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये आमंत्रित प्रतिनिधि ऐसी सफलता के उदाहरण प्रस्तुत करेंगे, जिनसे 2030 एजेंडा और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को शेष पाँच वर्षों में स्थानीय स्तर पर लागू करने की गति बढ़ाई जा सके।
इस फोरम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय और क्षेत्रीय सरकारों को नीति संवाद और ज्ञान साझा करने के लिए वार्षिक मंच प्रदान करना है, ताकि 2030 एजेंडा और एसडीजी के कार्यान्वयन से जुड़े मुख्य पहलुओं पर चर्चा की जा सके।
2025 का यह फोरम स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सरकारों के लिए एक रणनीतिक अवसर भी होगा, जहाँ वे भविष्य के लिए Financing for Development 2025 जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक एजेंडों को आगे बढ़ाने के तरीकों की खोज करेगा, जिससे 2030 एजेंडा और उसके एसडीजी का कार्यान्वयन तेज़ी से हो सके।
इस संदर्भ में रायपुर नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे को इस फोरम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। कृपया अवगत रहें कि इस सम्मेलन में कोई पंजीकरण शुल्क नहीं है। इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र सम्मिलित होने वाले प्रतिनिधियों की राउंडट्रिप हवाई टिकट, दैनिक भत्ता (DSA) और अन्य यात्रा संबंधी खर्चों की व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र के नियमों और विनियमों के अनुसार करेगा।
चुन क्युओ पार्क प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास कार्यालय (UNOSD),
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक मामले विभाग (UNDESA) के आमत्रंण पर रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे दिनांक 14 से 16 अक्टूबर 2025 तक आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में सम्मिलित होने जापान की टोयोटा सिटी पहुंच चुकी हैँ. -
पाईप लाईन लीकेज, हैंड पम्प / पावर पम्प की मरम्मत तत्काल करने सहित दिए अनेक निर्देश0
रायपुर/ रायपुर नगर पालिक निगम जल कार्य विभाग के अध्यक्ष श्री संतोष सीमा साहू द्वारा जल विभाग के कार्यों की रावणभाठा फिल्टरप्लांट में पहुंचकर बैठक लेकर समीक्षा की गयी।
समीक्षा बैठक में नगर निगम जल कार्य विभाग अध्यक्ष श्री संतोष सीमा साहू ने नगर निगम रायपुर के सभी 10 जोनों में जल विभाग में चल रहे कार्यों की गुणवत्ता एवं समय पर सभी कार्यों को पूर्ण करने, पाइप लाइन लीकेज, पावर पंप/हैंड पंप की मरम्मत का कार्य तत्काल करने के निर्देश दिये गये एवं नल कनेक्शन की जानकारी ली गयी। ग्रीष्मकाल में जलसंकट से ग्रस्त क्षेत्रों में किराए से चलाए गए टैंकरों की जानकारी ली जाकर आगामी वर्ष 2026 में ग्रीष्मकाल के पूर्व योजना बनाकर समस्या का समाधान करने के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश सभी जोनों के जल विभाग अभियंताओं को दिये गये।
बैठक में कार्यपालन अभियंता जल श्री नर सिंह फरेंद सहित सहायक अभियंता/ उप अभियंता फिल्टर प्लांट तथा सभी जोन के जल विभाग के सहायक अभियंता एवं उपअभियंतागण उपस्थित थे।



























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