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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधों और विशेष रूप से “डिजिटल अरेस्ट” (Digital Arrest) जैसे ठगी के मामलों पर गंभीर चिंता जताई है। अदालत ने कहा कि इन अपराधों के कारण अब तक 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लोगों से ठगी जा चुकी है, जिनमें कई वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। अदालत ने स्पष्ट कहा कि यदि समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
यह टिप्पणी जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुयान और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने एक स्वतः संज्ञान (suo motu) मामले की सुनवाई के दौरान की। यह मामला उन धोखाधड़ी गिरोहों से जुड़ा है जो पुलिस या न्यायिक अधिकारी बनकर नकली कोर्ट आदेश दिखाते हैं और लोगों को डिजिटल तरीके से “गिरफ्तार” करने की धमकी देकर पैसे वसूलते हैं।सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि यह गिरोह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि म्यांमार और थाईलैंड जैसे देशों से भी संचालित किए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम डिविजन और CBI ने अपनी सीलबंद रिपोर्ट में बताया कि इन अंतरराष्ट्रीय नेटवर्कों पर जांच जारी है।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को जानकारी दी कि CBI ने कई मामलों की जांच शुरू कर दी है, जिसमें गृह मंत्रालय की तकनीकी सहायता ली जा रही है। अदालत ने इस मामले में एक अमिकस क्यूरी (न्यायालय सहायक) भी नियुक्त किया है और अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। पहले की सुनवाई में अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसे मामलों से संबंधित FIR की जानकारी देने को कहा था। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो पूरे मामले की जांच CBI को सौंपी जा सकती है, क्योंकि यह अपराध देशभर में या सीमा पार तक फैला हुआ प्रतीत होता है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को बीमा कंपनियों और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि फसल बीमा दावों में हो रही सभी गड़बड़ियों को तुरंत दूर किया जाए और किसानों को उनका पूरा पैसा समय पर मिले। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों को प्रक्रिया की कमी या लापरवाही के कारण परेशानी नहीं होनी चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की समीक्षा की और उन मामलों पर नाराजगी जताई, जहां किसानों को बहुत कम मुआवजा राशि मिली है। उन्होंने कहा कि किसानों को 1 रुपये, 3 रुपये या 5 रुपये जैसे दावे देना किसानों का मजाक उड़ाने जैसा है, और ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे सभी मामलों की जांच के आदेश दिए और बीमा कंपनियों तथा राज्य सरकारों के अधिकारियों से जवाबदेही तय करने को कहा। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि फसल नुकसान का मूल्यांकन वैज्ञानिक और विश्वसनीय तरीकों से किया जाना चाहिए।बैठक के दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों से वर्चुअल बातचीत की, जिन्हें भारी नुकसान के बावजूद बहुत कम मुआवजा मिला था। मंत्री ने राज्य और केंद्र के अधिकारियों से इन मामलों में हुई गड़बड़ियों पर सवाल पूछे और तुरंत सुधार करने को कहा।उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में भी कुछ किसानों को केवल 1 रुपये का मुआवजा मिला, जबकि उनका नुकसान दर्ज किया गया था। उन्होंने इसे सीधा अन्याय बताया और चेतावनी दी कि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी।समस्या के समाधान के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ को निर्देश दिया कि जहां भी 1 से 5 रुपये तक के दावे किए गए हैं, उन सभी मामलों की मौके पर जांच की जाए। साथ ही आदेश दिया कि फसल सर्वे के दौरान बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों की मौजूदगी अनिवार्य हो, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ राज्य सरकारें अपनी हिस्सेदारी का बीमा प्रीमियम समय पर नहीं दे रही हैं, जिसकी वजह से किसानों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा। उन्होंने साफ कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों की इस लापरवाही के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता और अब अगर राज्य देरी करेंगे, तो उनसे 12 प्रतिशत ब्याज वसूला जाएगा।उन्होंने अधिकारियों को तकनीक का अधिक उपयोग करने, पारदर्शिता बढ़ाने और किसानों को दावा प्रक्रिया की पूरी जानकारी देने के निर्देश भी दिए। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैंने किसानों के हित में सख्त आदेश दिए हैं — दावों का भुगतान जल्दी और एक साथ हो, और सारी गड़बड़ियों को ठीक किया जाए।” -
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को इंडो-फ्रेंच नॉर्थ-ईस्ट इन्वेस्टमेंट फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत तेजी से भारत और फ्रांस के सहयोग का नया केंद्र बन रहा है। उन्होंने इस फोरम को दृष्टि और निवेश को जोड़ने वाला एक “पुल” बताया और कहा कि भारत और फ्रांस का रिश्ता सिर्फ समझौतों नहीं, बल्कि आपसी विश्वास पर आधारित है।
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और फ्रांस के रिश्ते दुनिया की सबसे मजबूत रणनीतिक साझेदारियों में शामिल हो चुके हैं, जहां रणनीति के साथ भावनाएं और नवाचार के साथ सबको साथ लेने का दृष्टिकोण दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और टिकाऊ शहरों के निर्माण जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग लगातार आगे बढ़ रहा है।उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में हुई कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख किया। इनमें 2015 में पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा शुरू किया गया इंटरनेशनल सोलर अलायंस, स्मार्ट सिटी और शहरी विकास में सहयोग, राफेल विमान सौदा जो आत्मनिर्भर भारत की सोच से जुड़ा है, और 2024 में पेरिस के आइफिल टॉवर पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की शुरुआत शामिल हैं, जिसने भारत की फिनटेक क्रांति को यूरोप तक पहुंचाया।सिंधिया ने कहा कि अब वही रोशनी पूर्वोत्तर भारत की ओर बढ़ रही है, जिसे पहले ‘लैंड-लॉक्ड’ कहा जाता था, लेकिन अब वह ‘लैंड-लिंक्ड और फ्यूचर रेडी’ बन गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की 10 प्रतिशत GBS फंडिंग के तहत अब तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में 6.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा चुका है। इसके तहत लगभग 6,500 किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई हैं, 900 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण हुआ है, 17 हवाई अड्डे शुरू किए गए हैं और भारतनेट परियोजना के माध्यम से लगभग 96 प्रतिशत गांवों को इंटरनेट से जोड़ा गया है।सिंधिया ने यह भी बताया कि कई बड़ी फ्रेंच कंपनियां पहले से ही पूर्वोत्तर के विकास में भूमिका निभा रही हैं। इनमें टोटल एनर्जीज, एयरबस, डसॉल्ट सिस्टम्स, डेकाथलॉन और पोमा जैसी कंपनियां शामिल हैं, जो हरित ऊर्जा, विमानन, डिजाइन नवाचार, रिटेल और सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट जैसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं। -
जयपुर. जयपुर के हरमाड़ा इलाके में तेज रफ्तार डंपर ने सोमवार दोपहर तबाही मचा दी। डंपर ने अपने सामने आए कई वाहनों को टक्कर मारी जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई व 10 घायल हो गए। जयपुर के जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह डंपर रोड नंबर 14 से लोहा मंडी पेट्रोल पंप की ओर तेज गति से जा रहा था और रास्ते में आने वाले वाहनों को टक्कर मारता चला गया। सोनी ने बताया, "13 लोगों की मौत हो गई और 10 घायल हो गए। घायलों का एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में इलाज किया जा रहा है और कई की हालत गंभीर है।" मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा तथा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। शर्मा ने 'एक्स' पर लिखा, “जयपुर के हरमाड़ा स्थित लोहामंडी क्षेत्र में हुई सड़क दुर्घटना में जनहानि अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है। संबंधित अधिकारियों को घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।” पुलिस के अनुसार, यह भीषण टक्कर लोहा मंडी के पास हुई जब कथित तौर पर शराब के नशे में धुत डंपर चालक ने कम से कम 17 वाहनों को टक्कर मारी और फिर एक अन्य ट्रेलर से टकराकर रुक गया। हादसा इतना भयावह था कि डंपर की चपेट में आने वाले लोगों के शव सड़क पर ईधर-उधर पड़े थे। कई मोटरसाइकिल डंपर के पहियों के नीचे आकर कुचल गईं। अनेक कारें भी चकनाचूर हुईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने इस दृश्य को 'नरसंहार' से कम नहीं बताया।
स्थानीय दुकानदार महेश शर्मा ने कहा, "हमने लोगों को क्षतिग्रस्त कारों से एक के बाद एक शव निकालते देखा। कुछ अंदर फंसे हुए थे, कुछ सड़क पर पड़े थे। चारों ओर अफरा-तफरी, चीख-पुकार और खून ही खून था।" घटनास्थल पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजीव पचार ने बताया कि डम्पर चालक लापरवाही से गाड़ी चला रहा था और उसने एक कार को टक्कर मार दी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसका पीछा किया। उनके मुताबिक, उसने डंपर को और तेज रफ्तार से चलाया और सड़क पर पैदल चल रहे लोगों और बाइक सवारों को टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद, दिल्ली-अजमेर राजमार्ग पर एक ट्रेलर ट्रक और एक कार से टकराने के बाद वह रुक गया। चालक के शराब के नशे में होने पर उन्होंने कहा, “चूंकि आरोपी चालक खुद घायल है। मेडिकल जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। लेकिन जिस तरह की दुर्घटना है वह निश्चित रूप से किसी नशे में हो सकता है या कोई मेडिकल कारण हो सकता है।” सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में डंपर को 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ़्तार से दौड़ते हुए वाहनों को टक्कर मारते और मोटरसाइकिल सवारों को कुचलते हुए देखा जा सकता है। स्थानीय लोगों ने चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पीड़ितों में आगरा के एक परिवार के सदस्य - नानजी भाई, उनके भाई, दो महिलाएं और एक बच्चा - शामिल हैं, जो खाटूश्यामजी से पूजा-अर्चना करके लौट रहे थे। नानजी भाई ने कहा, "हमारी कार सड़क किनारे खड़ी थी तभी डंपर ने उसे पीछे से टक्कर मार दी। परिवार के पांच लोग घायल हो गए हैं।" मृतक महेंद्र (38) के रिश्तेदार राकेश ने बताया कि उनके बड़े भाई की दो बेटियां वर्षा (19) और भानु (5) अपने चाचा के साथ दिवाली मनाने जयपुर आई थीं और छुट्टियों के बाद महेंद्र दोनों बच्चियों को बस स्टैंड पर बस में चढ़ाने गया था, तभी यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि वर्षा ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है जबकि महेंद्र और भानु की मौत हो गई है।
इस दुर्घटना के बाद इलाके के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और निवासियों ने सड़क सुरक्षा कानूनों को सख्ती से लागू करने की मांग की। राजस्थान में दो दिन में यह दूसरी बड़ी सड़क दुर्घटना है। रविवार को फलोदी इलाके में टेम्पो ट्रैवलर के खड़े ट्रेलर से टकरा जाने से 10 महिलाओं और चार बच्चों समेत कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। -
नयी दिल्ली. निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों को अद्यतन करने की कवायद ‘विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) मंगलवार को नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगी। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ समाप्त होगी। इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 51 करोड़ मतदाता हैं। बिहार के बाद एसआईआर का यह दूसरा चरण है। बिहार में अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। बिहार में करीब 7.42 करोड़ नामों को मतदाता सूची में शामिल किया गया था। दूसरे चरण में, जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की कवायद होगी, उनमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। असम में भी 2026 में चुनाव होने हैं, लेकिन वहां मतदाता सूची के पुनरीक्षण की घोषणा अलग से की जाएगी, क्योंकि राज्य में नागरिकता सत्यापित करने के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में प्रक्रिया चल रही है। साथ ही नागरिकता कानून का एक अलग प्रावधान असम में लागू होता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को एसआईआर के नये चरण की घोषणा करते हुए कहा था, ‘‘नागरिकता अधिनियम के तहत, असम में नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं। उच्चतम न्यायालय की निगरानी में नागरिकता की जांच का काम पूरा होने वाला है। 24 जून का एसआईआर आदेश पूरे देश के लिए था। ऐसी परिस्थितियों में, यह असम पर लागू नहीं होता।'' एसआईआर की प्रक्रिया चार नवंबर को शुरू होगी और चार दिसंबर तक जारी रहेगी। निर्वाचन आयोग नौ दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। इससे पहले 2002-04 में एसआईआर किया गया था।
आयोग का मानना है कि एसआईआर से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और किसी भी अपात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में नहीं रहे। एसआईआर का प्राथमिक उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें सूची से बाहर निकालना है। बांग्लादेश और म्यांमा सहित अवैध प्रवासियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है। जून में बिहार में एसआईआर शुरू किया गया था, तो कई राजनीतिक दलों ने दावा किया था कि दस्तावेजों के अभाव में करोड़ों पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। जब मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा, तो आयोग ने मतदाता सूची को अद्यतन करने के अपने फैसले का बचाव किया और आश्वासन दिया कि भारत का कोई भी पात्र नागरिक नहीं छूटेगा। अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद, एसआईआर और आयोग पर विपक्ष का हमला शांत हो गया है। -
हैदराबाद. तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में बजरी से लदे एक ट्रक और एक बस की सोमवार को आमने-सामने की टक्कर होने से 13 महिलाओं एवं एक बच्ची समेत कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 22 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। ट्रक हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर चेवेल्ला के पास तेलंगाना सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) की बस से टकरा गया जिसके बाद बजरी बस पर गिर गई। एक जिला अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना में 22 लोग घायल हो गए।
उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने सोमवार को तेलंगाना में सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत होने पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दुर्घटना में लोगों की मौत होने पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये एवं घायलों को 50-50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की। साइबराबाद पुलिस आयुक्त अविनाश मोहंती ने बताया कि दुर्घटना में दोनों वाहनों के चालकों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि आमने-सामने की टक्कर तब होती है जब कोई वाहन गलत दिशा में होता है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना का कारण जांच के बाद पता चलेगा। बस पर बजरी गिरने से कई यात्री वाहन के अंदर फंस गए और अधिकारियों ने मशीनों की मदद से बचाव एवं राहत अभियान चलाया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बस में सवार यात्रियों को वाहन से बाहर निकाल लिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में हुई दुर्घटना में लोगों की मौत होना बेहद दुखद है। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।'' बयान में कहा गया है, ‘‘प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।'' तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने चेवेल्ला स्थित उस सरकारी अस्पताल का दौरा किया, जहां दुर्घटना के पीड़ितों को भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटना में 19 लोग मारे गए हैं।'' प्रभाकर ने बताया कि राज्य सरकार मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देगी। उन्होंने बताया कि टीजीएसआरटीसी की ओर से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जाएगी। बस कंडक्टर के अनुसार, दुर्घटना के समय बस में 72 यात्री सवार थे। बस तांडूर से हैदराबाद जा रही थी।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने दुर्घटना को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों के साथ टेली-कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार घायलों को उन्नत चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगी और मृतकों के परिवारों को शवों के अंतिम संस्कार में भी सहायता प्रदान करेगी। सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों को राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए जिसमें आरटीसी द्वारा प्रदान किए गए बीमा के अलावा, मृतकों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करना भी शामिल है। तेलंगाना में हुए एक भीषण हादसे में जीवित बचे लोगों में से एक ने बताया कि बस चालक के पीछे की सीटों पर बैठे अधिकतर यात्रियों की दुर्घटना में मौत हो गई जबकि कंडक्टर के पीछे वाली सीटों पर बैठे लोग बच गए। जीवित बचे व्यक्ति ने इस भयावह घटना के बारे में बताया कि वह बस में सो रहा था तभी एक जोरदार धमाके से उसकी आंख खुली और उसने स्वयं को बजरी में आधा दबा पाया। उसने मीडिया से कहा, ‘‘कई लोग बजरी के नीचे दब गए। ट्रक विपरीत दिशा से आ रहा था। मैं बस के बाईं ओर बैठा था। हम तो किसी तरह बाहर निकल गए लेकिन बस चालक के पीछे बैठे लोग नहीं निकल पाए और उनमें से कुछ की मौत हो गई। मैं कंडक्टर से तीन पंक्तियां पीछे बैठा था।'' व्यक्ति ने बताया कि वह एक खिड़की खोलकर बाहर आ गया तथा उसके पीछे छह और लोग भी थे।
उसने बताया कि बाद में एक अन्य व्यक्ति ने और यात्रियों को बाहर निकलने में मदद करने के लिए खिड़की के शीशे तोड़े। चेवेल्ला के सरकारी अस्पताल में एक चिकित्सक ने बताया कि दुर्घटना के शिकार कई लोगों की हड्डियां टूट गई हैं और उनके चेहरे, पेट एवं पैरों में चोटें आई हैं। घायलों का इलाज जारी है और उन्हें हैदराबाद के बड़े सरकारी अस्पतालों में रेफर किया गया है।
टेलीविजन पर प्रसारित तस्वीरों में दिख रहा है कि बस का आधा हिस्सा बजरी से भर गया जिसके कारण यात्री अंदर ही फंस गए। अधिकारियों ने बस का मलबा हटाने के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बचाव अभियान के दौरान चेवेल्ला के निरीक्षक श्रीधर के पैर पर एक खुदाई मशीन चढ़ जाने से उन्हें मामूली चोटें आईं। चेवेल्ला के विधायक काले यादैया ने सोमवार को चेवेल्ला के पास हुई दुर्घटना के लिए सड़क के संकरे होने को जिम्मेदार ठहराया। तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा, केंद्रीय मंत्रियों जी किशन रेड्डी एवं बंदी संजय कुमार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष एन रामचंदर राव, भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव और कई अन्य नेताओं ने दुर्घटना में लोगों की मौत होने पर दुख व्यक्त किया। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाली अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का समर्थन कर रहा है और इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दे रहा है ताकि देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में उभर सके। नीति निर्माताओं, नवप्रवर्तकों और वैश्विक दूरदृष्टि वाले लोगों के वार्षिक प्रमुख आयोजन के तहत पहले ‘उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी) का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने देश में नवाचार के आधुनिक परिवेशी तंत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुधार पेश किए हैं। सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान, विकास एवं नवाचार कोष का भी आरंभ किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण निवेश का उद्देश्य जनता को लाभ पहुंचाना और अवसरों के नए रास्ते खोलना है।
मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य निजी क्षेत्र में भी अनुसंधान और विकास की संस्कृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार उच्च-जोखिम और उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाओं के वास्ते विशेष रूप से पूंजी आवंटित की जा रही है जिससे अभूतपूर्व प्रयासों के लिए समर्थन सुनिश्चित हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि सरकार ‘अनुसंधान में सुगमता' पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि भारत में नवाचार का एक आधुनिक परिवेशी तंत्र विकसित हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारी सरकार ने वित्तीय नियमों और खरीद नीतियों में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इसके अलावा हमने प्रयोगशाला से बाजार तक प्रारूप के परिवर्तन को तेज करने के लिए प्रोत्साहन और आपूर्ति श्रृंखला ढांचे को सुव्यवस्थित किया है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत का अनुसंधान एवं विकास व्यय दोगुना हो गया है जो नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘पंजीकृत पेटेंट की संख्या में 17 गुना की प्रभावशाली वृद्धि हुई है। स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत वैश्विक स्तर पर तीसरे सबसे बड़े परिवेशी तंत्र के रूप में उभरा है।
मोदी ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने और विकास एवं उन्नति के नए अवसर पैदा करने के लिए ‘अनुसंधान रिसर्च फाउंडेशन' की स्थापना की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब नवाचार समावेशी होता है तो उसके नेता सबसे बड़े लाभार्थी बनकर उभरते हैं और भारतीय महिलाएं इसका एक प्रमुख उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनके योगदान को, विशेष रूप से अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रगति पर चर्चाओं में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। एक दशक पहले भारत में महिलाओं द्वारा दायर पेटेंट की संख्या सालाना 100 से भी कम थी। आज, यह संख्या प्रति वर्ष बढ़कर 5,000 से अधिक हो गई है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) की शिक्षा प्राप्त करने वालों में 43 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से काफी ऊपर है। मोदी ने कहा कि महान उपलब्धियों की नींव तब पड़ती है जब विज्ञान का पैमाना व्यापक होता है, नवाचार समावेशी होता है और तकनीक परिवर्तन को गति देती है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 से 11 वर्षों में भारत ने इस दृष्टिकोण को व्यवहार में साकार किया है। भारत अब केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं रह गया है। यह तकनीक के माध्यम से परिवर्तन का अग्रणी बन गया है। -
कानपुर (उप्र). मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) को दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी मुहिम करार देते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र के लिये मील का पत्थर बताया है। कुमार ने रविवार को आईआईटी-कानपुर के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार की मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान को 'दुनिया का सबसे बड़ा अभियान' बताया और कहा कि जब यह प्रक्रिया 12 राज्यों के सभी 51 करोड़ मतदाताओं तक पहुंच जाएगी तो यह निर्वाचन आयोग और देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। कुमार ने कहा, "जब देश में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो लोगों को न केवल निर्वाचन आयोग पर बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक की ताकत पर भी गर्व होगा। यह प्रक्रिया भारतीय लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी।" आईआईटी-कानपुर के छात्र रहे कुमार को इस मौके पर ‘डिस्टिंग्विश्ड एलुमिनस अवार्ड' भी दिया गया।
उन्होंने कहा, आईआईटी-कानपुर में बिताए मेरे चार साल मेरे जीवन के सबसे जीवंत और अविस्मरणीय वर्ष हैं।" कुमार ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पदों का जिक्र करते हुए कहा, "आज देश के नोट और वोट दोनों ही आईआईटियंस के हाथों में हैं।" उन्होंने आगे कहा, "यहाँ (आईआईटी-कानपुर) मैंने जो मूल्य ग्रहण किए हैं उन्होंने मेरे पूरे प्रशासनिक जीवन में मेरा मार्गदर्शन किया है।" कुमार ने विश्वास व्यक्त किया कि बिहार विधानसभा चुनाव पारदर्शिता, दक्षता और सरलता के नए पैमाने स्थापित करेंगे। कुमार ने अपने शुरुआती दिनों में काशी के घाटों पर गंगा में तैरना सीखने, वाराणसी के क्वींस इंटर कॉलेज में पढ़ाई करने और बाद में आईआईटी कानपुर में दाखिला लेने से पहले लखनऊ में उच्च शिक्षा प्राप्त करने समेत जीवन के तमाम पड़ावों को याद किया। वाराणसी के घाटों से लेकर देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने तक की यात्रा को याद करते हुए सीईसी ने कहा, "एक लड़का जिसने गंगा में तैरना सीखा, उसने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की कुर्सी पर बैठेगा। - श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) . इसरो के वैज्ञानिकों ने ‘एलवीएम3-एम5' रॉकेट के स्वदेश निर्मित सी25 क्रायोजेनिक चरण पर एक नया प्रयोग किया है, जिसने रविवार को संचार उपग्रह ‘सीएमएस-03' को इच्छित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष वी. नारायणन ने सफल प्रक्षेपण के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र से अपने संबोधन में कहा कि वैज्ञानिकों ने यान के इच्छित कक्षा में पहुंचने के बाद 43.5 मीटर लंबे रॉकेट के सी25 क्रायोजेनिक चरण में ‘थ्रस्ट चैंबर' को फिर से प्रज्वलित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक महत्वपूर्ण प्रयोग की भी घोषणा करना चाहूंगा जो हमने किया है। पहली बार, स्वदेशी रूप से विकसित सी25 क्रायोजेनिक चरण को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने के बाद, हमने ‘थ्रस्ट चैंबर' को सफलतापूर्वक पुनः प्रज्वलित कर दिया है।'' भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ने कहा कि ‘थ्रस्ट चैंबर' के पुनः प्रज्वलन से वैज्ञानिकों को भविष्य के अभियानों में विभिन्न कक्षाओं में अनेक उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक महान प्रयोग होने जा रहा है, जो भविष्य में क्रायोजेनिक चरण को पुनः शुरू करने के लिए डेटा उपलब्ध कराएगा, जिससे ‘बाहुबली' रॉकेट एलवीएम3 का उपयोग कर विभिन्न कक्षाओं में अनेक उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की दिशा में मिशन का लचीलापन बढ़ेगा।'' एलवीएम3 के मिशन निदेशक टी. विक्टर जोसेफ ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने क्रायोजेनिक इंजन को पुनः प्रज्वलित करने का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को बधाई, एलवीएम3 के लगातार आठवें सफल मिशन के लिए। और इस बार इस यान ने भारतीय धरती से सबसे भारी संचार उपग्रह ‘सीएमएस-03' को आवश्यक कक्षा में स्थापित कर दिया है।'' जोसेफ ने कहा, ‘‘इस त्रुटिरहित मिशन में (यान की) प्रत्येक प्रणाली की सावधानीपूर्वक जांच करने के लिए सभी टीम सदस्यों की विशेष सराहना। प्रणाली विकास एजेंसियों, सभी जमीनी वाहन केंद्रों, उद्योग भागीदारों, कलपुर्जों को जोड़ने वाली और एकीकरण टीमों, तकनीकी सुविधा समूहों को मेरा हार्दिक धन्यवाद।'' इस बीच, मिशन नियंत्रण केंद्र में मिशन की सफलता की आधिकारिक पुष्टि के तुरंत बाद वैज्ञानिकों द्वारा जश्न न मनाए जाने से कुछ संदेह पैदा हो गए। बाद में, प्रेस वार्ता के दौरान नारायणन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सफलता का तुरंत जश्न नहीं मनाया, क्योंकि वे ‘महत्वपूर्ण प्रयोग' करने की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीएमएस-05 उपग्रह को एलवीएम3 ‘बाहुबली' रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग करने के बाद, वैज्ञानिक योजना के अनुसार वैज्ञानिक प्रयोग करने की प्रतीक्षा कर रहे थे। नारायणन ने कहा, ‘‘हम उपग्रह सीएमएस-05 के अलग होने का धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहे थे। इसके अलग होने के बाद, हमने क्रायोजेनिक चरण में प्रयोग किया। इसके लिए हमने धैर्यपूर्वक इंतजार किया और बाद में प्रयोग किया।'' इससे पहले, 4,410 किलोग्राम वजनी सबसे भारी संचार उपग्रह ‘सीएमएस-03' को ‘एलवीएम3-एम5' रॉकेट द्वारा सफलतापूर्वक इच्छित कक्षा में स्थापित कर दिया गया।
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नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति के तहत ई-कॉमर्स के इन्वेंट्री-आधारित मॉडल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से राय मांगी है।
वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से ई-कॉमर्स संस्थाओं के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने की अपार संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए चीन का उदाहरण दिया गया है। भारत की एफडीआई नीति ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस मॉडल में ऑटोमेटिक रूट के तहत 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति देती है, जहां अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करती हैं, लेकिन इन्वेंट्री की मालिक नहीं होती हैं। हालांकि, इन्वेंट्री-आधारित मॉडल में एफडीआई प्रतिबंधित है, जहां ई-कॉमर्स संस्था सीधे उपभोक्ताओं को अपनी इन्वेंट्री बेचती है। हालांकि कुछ विशिष्ट अपवाद निर्माताओं को अपने उत्पाद बेचने और एकल-ब्रांड खुदरा विक्रेताओं को ई-कॉमर्स के माध्यम से काम करने की अनुमति देते हैं।वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी संकेत दिया है कि सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल निर्यात के लिए इन्वेंट्री रखने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। भारत का ई-कॉमर्स निर्यात बढ़ रहा है और वर्तमान में लगभग 4-5 बिलियन डॉलर है और सरकार का लक्ष्य इसे 2030 तक 200-300 बिलियन डॉलर ले जाने का है। लोकप्रिय निर्यात उत्पादों में कपड़े, होम डेकोर, हैंडीक्राफ्ट, ऑर्गेनिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स, खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं।विदेश व्यापार नीति 2023 में डिजिटल अर्थव्यवस्था में सीमा पार व्यापार के रोडमैप को रेखांकित करने के लिए ई-कॉमर्स पर एक समर्पित अध्याय शामिल है, जो ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की पहल को दर्शाता है।सरकार विदेश व्यापार नीति के तहत निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है। इसके अलावा, डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों ने ऑनलाइन भुगतान को आसान बनाकर और ग्राहक वेरिफिकेशन को सरल बनाकर मदद की है।( -
नयी दिल्ली. अभिनेता पंकज त्रिपाठी की मां हेमवंती देवी का निधन हो गया। वह 89 साल की थीं। अभिनेता के परिवार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, त्रिपाठी की मां का निधन शुक्रवार को बिहार के गोपालगंज के बेलसंड में उनके पैतृक गांव में हुआ। त्रिपाठी उनके आखिरी पलों में उनके साथ थे। बयान में कहा गया है, "हमें आपको यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि पंकज त्रिपाठी की मां हेमवंती देवी का निधन हो गया है।" अंतिम संस्कार शनिवार को त्रिपाठी के परिवार की मौजूदगी में बिहार के गोपालगंज में उनके पैतृक गांव बेलसंड में किया गया।
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आरा/नवादा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ‘विकसित भारत' की बुनियाद बिहार है और ‘विकसित बिहार' का अर्थ है राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना। उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार की जनता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को रिकॉर्ड संख्या में सीट दिलाने जा रही है और ‘जंगलराज' को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने आरा में आयोजित एक चुनावी सभा में कहा, ‘‘राजग का घोषणापत्र बिहार के तेज विकास के लिए समर्पित एक दूरदर्शी दस्तावेज है। यह ईमानदार और स्पष्ट सोच वाला घोषणापत्र है, जबकि जंगलराज वाले झूठे वादों का पुलिंदा लेकर आए हैं। लेकिन, ये जनता है, सब जानती है।'' उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, किसानों के हित में कदम और महिलाओं के सशक्तीकरण के उपाय-ये सभी राजग के घोषणापत्र के प्रमुख बिंदु हैं। मोदी ने कहा, ‘‘1.30 करोड़ महिलाओं को उनके खातों में 10,000 रुपये मिले हैं। बिहार में देश की सबसे अधिक युवा आबादी है, इसलिए हमारा घोषणापत्र युवाओं के कौशल विकास और रोजगार सृजन पर केंद्रित है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) और कुटीर उद्योगों के नेटवर्क का और अधिक विस्तार किया जाएगा तथा बिहार जल्द ही पूर्वी भारत का प्रमुख वस्त्र और पर्यटन केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए राजग प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत छोटे किसानों को 6,000 रुपये दिए हैं, अब राज्य सरकार अपनी ओर से 3,000 रुपये और जोड़ेगी।'' मोदी ने कहा, ‘‘जो वादा करते हैं, उसे निभाते हैं — यही राजग का ट्रैक रिकॉर्ड है। मैंने गारंटी दी थी, अब लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। पहले यहां ‘अरवा (कच्चा) चावल' मिलता था, अब उसना (पक्का) चावल दिया जा रहा है। गरीबों को पक्का घर देने की गारंटी भी हमने पूरी की।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश की सुरक्षा और सम्मान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की गारंटी मैंने दी थी, और हमने उसे पूरा किया। बिहार के हजारों लोग सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा दे रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अनुच्छेद-370 हटाने की गारंटी दी थी, जो 70 साल बाद पूरी हुई। अब जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान लागू हो चुका है। मोदी ने कहा था कि आतंकवादियों को उनके ठिकानों में घुसकर मारेंगे, हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर' किया और यह गारंटी निभाई। इससे हर भारतीय गर्वित हुआ।'' मोदी ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में धमाके हो रहे थे, लेकिन कांग्रेस का पहला परिवार यहां बेचैन था।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि नामांकन वापसी से एक दिन पहले कांग्रेस और राजद में जबरदस्त झगड़ा हुआ तथा कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि राजद का नेता मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बने। लेकिन, राजद ने बंदूक की नोक पर यह पद अपने लिए तय करवाया। उन्होंने कहा, ‘‘राजद ने बिहार को ‘कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और भ्रष्टाचार' की भूमि बना दिया। जंगलराज के दौर में बिहार में 37 हजार अपहरण हुए थे।'' मोदी ने कहा, ‘‘चाहे कांग्रेस हो या राजद, दोनों बिहार की पहचान मिटाना चाहते हैं। ये घुसपैठियों की रक्षा करना चाहते हैं। बिहार की जनता को तय करना है कि राज्य के संसाधनों पर हक बिहार के लोगों का होगा या घुसपैठियों का। जो घुसपैठियों का समर्थन करते हैं, वे पापी हैं।'' प्रधानमंत्री ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस और राजद की पाठशाला जंगलराज की पाठशाला है। रोहतास का डालमियानगर कभी एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र था, लेकिन कांग्रेस और राजद ने उसे बर्बाद कर दिया।'' उन्होंने कहा कि राजग के लिए विकास और विरासत दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं और वीर कुंवर सिंह की जन्मभूमि का विकास किया जाएगा। मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद ने छठ पूजा और महाकुंभ जैसे आयोजनों को नाटक बताया, यह त्योहारों का अपमान है और जनता को इसका जवाब देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, ‘‘बिहार के लोग सुशासन बनाम जंगलराज की लड़ाई में राजग के साथ हैं। इस बार जनता का नारा है — ‘फिर एक बार, राजग सरकार!''' नवादा में आयोजित एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘‘मगही पान की धरती'' बिहार की पहचान है और ‘‘मगध व बिहार की खोई हुई गौरवगाथा को लौटाना हमारी जिम्मेदारी है''। उन्होंने जनता से अपील की कि ‘‘फिर एक बार, राजग सरकार'' और ‘‘बिहार में फिर से सुशासन सरकार'' बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘नवादा ‘मगही पान' की धरती है, और मैं वाराणसी का सांसद हूं—मुझसे बेहतर इसे कौन समझ सकता है। हमें मगध और बिहार की पुरानी गौरवगाथा को फिर से स्थापित करना है। हमें ‘विकसित बिहार' बनाना है।'' उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने छोटे किसानों की भलाई के बारे में कभी नहीं सोचा।
मोदी ने कहा, ‘‘जिसे किसी ने नहीं पूछा, मोदी उसे पूजता है। हमने छोटे किसानों के बैंक खाते खुलवाए, पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बिना किसी कमीशन या बिचौलिये के सीधे उनके खातों में भेजी।'' उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार से भेजे गए एक रुपये में से जनता तक केवल 15 पैसे पहुंचते हैं—यह कौन-सा पंजा था जो गरीब का हक खा जाता था?'' प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘यह धरती आर्यभट्ट जैसे महान विद्वानों की है। बिहार की जनता राजद नेताओं की हकीकत जानती है। एक परिवार राज्य का सबसे भ्रष्ट है और दूसरा देश का सबसे भ्रष्ट परिवार है।'' उन्होंने कहा कि ‘‘राजद और कांग्रेस के बीच अंदरूनी कलह चल रही है। कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ ही उम्मीदवार उतार दिया। परिणाम का इंतजार कीजिए, नतीजे आने के बाद ये एक-दूसरे से लड़ेंगे।'' मोदी ने कहा, ‘‘राजग के पास नीतीश जी, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा जैसे अनुभवी नेता हैं। दूसरी ओर, जंगलराज की पहचान रही है—कट्टा, क्रूरता, कुशासन और भ्रष्टाचार।'' उन्होंने कहा, ‘‘राजद के शासन में जब लोगों का वेतन बढ़ता था, तो वे खुश नहीं बल्कि डरे हुए रहते थे, क्योंकि रंगदारी देनी पड़ती थी। उस दौर में नक्सली हिंसा आम बात थी। आज शहरी नक्सलियों की नींद उड़ी हुई है।'' प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘राजद के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में धमकियां दे रहे हैं। वर्ष 2005 से पहले बिजली की स्थिति बदतर थी, लेकिन राजग सरकार ने इसे बदल दिया। अब बिहार में लालटेन की जरूरत नहीं है।'' मोदी ने राजद और कांग्रेस पर धार्मिक आस्था का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हम सूर्यदेव की उपासना करते हैं, छठ पूजा करते हैं, लेकिन राजद और कांग्रेस ‘छठी मइया' का अपमान करते हैं। वे सूर्यदेव का अपमान करते हैं, जबकि हम सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सहायता प्रदान कर रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में बड़ी संख्या में स्कूल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। आने वाले दिनों में बिहार में भारी निवेश होगा—यह मोदी की गारंटी है कि बिहार के युवा अब यहीं रोजगार पाएंगे।'' बिहार की सांस्कृतिक धरोहर पर बल देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की सांस्कृतिक विरासत गौरवशाली है। हमारा प्रयास है कि देश और दुनिया से पर्यटक यहां आएं तथा बिहार की इस समृद्ध परंपरा से परिचित हों।'' प्रधानमंत्री ने सभा के अंत में कहा, ‘‘जनता का नारा स्पष्ट है—फिर एक बार, राजग सरकार... बिहार में फिर से सुशासन सरकार।'' -
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पंजाब के फिरोजपुर के बीच चलने वाली नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का शेड्यूल जारी हो गया है। यह वंदे भारत फिरोजपुर कैंट से बठिंडा-पटियाला होते हुए दिल्ली के बीच संचालित की जाएगी, जिससे समय की बचत होगी और यात्रियों का सफर आरामदायक होगा।
इस अवसर पर केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देना चाहता हूं। दिल्ली से फिरोजपुर के बीच 7 नवंबर से वंदे भारत ट्रेन शुरू होगी। इसके लिए पंजाब की जनता को भी बधाई देना चाहता हूं।फिरोजपुर कैंट से दिल्ली जाने वाली ट्रेन सुबह 7:55 बजे फिरोजपुर कैंट से चलेगी और दोपहर 2:35 बजे दिल्ली पहुंचेगी। प्रमुख स्टेशनों में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन फरीदकोट पर 8:23 बजे पहुंचेगी और 8:25 बजे प्रस्थान करेगी, ये ट्रेन बठिंडा पर 9:10 बजे आगमन और 9:15 बजे प्रस्थान, धुरी स्टेशन पर 10:26 बजे आगमन और 10:28 बजे प्रस्थान, पटियाला पर 11:05 बजे आगमन और 11:07 बजे प्रस्थान, अंबाला कैंट पर 11:58 बजे आगमन और 12:00 बजे प्रस्थान, कुरुक्षेत्र पर 12:28 बजे आगमन और 12:30 बजे प्रस्थान व पानीपत पर 13:05 बजे आगमन और 13:07 बजे प्रस्थान करेगी।दूसरी ओर, दिल्ली से फिरोजपुर कैंट जाने वाली ट्रेन शाम 4 बजे रवाना होकर रात 10:35 बजे फिरोजपुर कैंट पहुंचेगी। पानीपत पर 5:00 बजे आगमन और 5:02 बजे प्रस्थान, कुरुक्षेत्र पर 5:17 बजे आगमन और 5:42 बजे प्रस्थान, अंबाला कैंट पर 6:30 बजे आगमन और 6:32 बजे प्रस्थान, पटियाला पर 7:13 बजे आगमन, धुरी पर 7:56 बजे आगमन, बठिंडा पर 9:15 बजे आगमन और 9:20 बजे प्रस्थान व फरीदकोट पर 10:03 बजे आगमन और 10:05 बजे आखिरी स्टेशन फिरोजपुर कैंट के लिए प्रस्थान करेगी। दिल्ली-फिरोजपुर के बीच बुधवार के दिन को छोड़कर हफ्ते में 6 दिन वंदे भारत ट्रेन चलेगी। दिल्ली-फिरोजपुर के बीच 486 किलोमीटर का यह सफर मात्र 6 घंटे 40 मिनट में पूरा होगा।( -
पटना। बिहार के आरा और नवादा में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राजधानी पटना पहुंचे, जहां उन्होंने रोड शो किया। पीएम नरेंद्र मोदी सबसे पहले दिनकर गोलंबर पहुंचे और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके बाद उन्होंने रोड शो प्रारंभ किया। उनके साथ सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और सांसद रविशंकर प्रसाद भी साथ हैं। उनके हाथ में भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का निशान है।
पीएम मोदी के रोड शो के दौरान उनकी एक झलक देखने के लिए पूरा शहर सड़कों पर उमड़ पड़ा। पीएम मोदी का यह रोड शो दिनकर गोलंबर से प्रारंभ हुआ है, जो गांधी मैदान के निकट उद्योग भवन तक जाएगा। इस दौरान वे नाला रोड, ठाकुरबाड़ी, बारी पथ और बाकरगंज होकर गुजरेंगे। इस दौरान वे पटना के सभी एनडीए प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगेंगे।पीएम मोदी के रोड शो प्रारंभ होने के पहले से ही बड़ी संख्या में लोग सड़कों के किनारे अपने नेता का इंतजार करते दिखे। पटना की सड़कों पर सुरक्षा घेरे के दोनों तरफ अपार जनसमूह नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री का रोड शो शुरू हुआ तो पूरा पटना ‘मोदी जिंदाबाद’ और ‘जय श्रीराम’ जैसे नारों से गुंजायमान हो गया।पीएम मोदी ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिनंदन स्वीकार किया। वे अपने वाहन से आगे बढ़ रहे हैं और हर कोई प्रधानमंत्री की एक तस्वीर कैमरे में कैप्चर करने के लिए लालायित नजर आ रहा है। इस रोड शो को देखने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे सड़कों के किनारे खड़े हैं और उनका अभिनंदन कर रहे हैं।लोगों के हाथों में भाजपा के झंडे और पीएम मोदी के कटआउट हैं। जिन रास्तों से पीएम गुजरेंगे, उनमें कई स्थानों पर सड़कों के किनारे स्वागत स्टॉल बनाए गए हैं, जहां मंच तैयार किया गया है, जहां से लोग प्रधानमंत्री का अभिवादन कर रहे हैं। रोड शो को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सड़क के किनारे बैरिकेडिंग की गई है, फिर भी लोग सड़कों पर उत्साहित हैं। -
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गौरवान्वित करता है।
भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की बदौलत हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र उत्कृष्टता और नवाचार का पर्याय बन गया है, यह सराहनीय है। उनकी सफलताओं ने राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाया है और अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है।इससे पहले इसरो के एवीए3-एम-5 द्वारा सीएमएस-03 संचार उपग्रह के प्रक्षेपण पर इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि इस जीएसएलवी लांचर की क्षमता लगभग 4000 किलोग्राम जीटीओ तक ले जाने की है और पहली बार हमने 4410 किलोग्राम भार को दीर्घवृत्तीय कक्षा में पहुंचाया है। इसने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और यह एलबीएम-3 यान का आठवां प्रक्षेपण है। एलबीएम-3 यान के सभी प्रक्षेपण इसरो द्वारा सफलतापूर्वक किए गए हैं और यह 100 प्रतिशत विश्वसनीय यान है। यही यान हमारे गगनयात्री-2 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए भी निर्धारित है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को भारतीय नौसेना के जीएसएटी-7आर (सीएमएस-03) संचार उपग्रह का पृथक्करण और प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, जिससे नौसेना की अंतरिक्ष-आधारित संचार और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमताओं को बल मिलेगा। यह उपग्रह, जो भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे उन्नत संचार उपग्रह है और एलवीएम3-ए5 रॉकेट पर प्रक्षेपित किया गया, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित समय शाम 5.26 बजे प्रक्षेपित किया गया।इसरो ने अपने मिशन के बारे में एक अपडेट में कहा कि सीएमएस-03 सफलतापूर्वक पृथक हुआ। उत्तम प्रक्षेपण। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो की इस नवीनतम उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि इसरो टीम को बधाई। भारत का बाहुबली एलवीएम3एम5 मिशन के सफल प्रक्षेपण के साथ आसमान छू रहा है। ‘बाहुबली,’ जैसा कि इसे लोकप्रिय रूप से कहा जाता है, एलवीएम3-एम5 रॉकेट सीएमएस-03 संचार उपग्रह को ले जा रहा है, जो भारतीय धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित किया जाने वाला अब तक का सबसे भारी उपग्रह है। इसरो एक के बाद एक सफलता की इबारत लिख रहा है। सरकार के अटूट समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। -
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-7आर (सीएमएस-03) सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह उपग्रह भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे उन्नत संचार प्लेटफॉर्म है, जो इसकी अंतरिक्ष-आधारित संचार प्रणाली और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमताओं को अधिक दक्षता प्रदान करेगा।
यह उपग्रह स्वदेशी रूप से डिजाइन एवं विकसित किया गया है और इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। लगभग 4,400 किलोग्राम भार वाला यह उपग्रह अब तक का भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह है। इसमें कई उन्नत स्वदेशी तकनीकी घटक शामिल हैं, जिन्हें विशेष रूप से भारतीय नौसेना की परिचालन और सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।जीसैट-7आर उपग्रह हिंद महासागर क्षेत्र में व्यापक और बेहतर दूरसंचार कवरेज प्रदान करेगा। इसके पेलोड में ऐसे उन्नत ट्रांसपोंडर लगाए गए हैं, जो विभिन्न संचार बैंडों पर ध्वनि, डेटा और वीडियो लिंक को सपोर्ट करने में सक्षम हैं। उच्च क्षमता वाली बैंडविड्थ के साथ यह उपग्रह भारतीय नौसेना के जहाजों, विमानों, पनडुब्बियों और समुद्री संचालन केंद्रों के बीच सुरक्षित, निर्बाध तथा वास्तविक समय संचार को सुनिश्चित करेगा, जिससे नौसेना की सैन्य क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।जटिल होती सुरक्षा चुनौतियों के इस युग में जीसैट-7आर आत्मनिर्भरता के मार्ग पर चलते हुए उन्नत प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग कर राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने के भारतीय नौसेना के अटूट संकल्प का प्रतीक है।इसरो ने अपने मिशन के बारे में एक अपडेट में कहा, “सीएमएस-03 सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ।”केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो की इस नवीनतम उपलब्धि की सराहना की।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “इसरो टीम को बधाई। भारत का बाहुबली एलवीएम3-एम5 मिशन के सफल प्रक्षेपण के साथ आसमान में उड़ान भर रहा है। ‘बाहुबली,’ जैसा कि इसे लोकप्रिय रूप से जाना जाता है, एलवीएम3-एम5 रॉकेट सीएमए-03 संचार उपग्रह को ले जा रहा है, जो भारतीय धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित किया गया अब तक का सबसे भारी उपग्रह है। इसरो एक के बाद एक सफलताएं लिख रहा है। सरकार के अटूट समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद।” - लखनऊ। कई दशकों तक अपने लजीज जायके और मेहमानवाजी से घरेलू तथा विदेशी मेहमानों के दिलों पर छाप छोड़ने वाले नवाबों के शहर लखनऊ को यूनेस्को के ‘‘रचनात्मक शहरों'' की सूची में शामिल किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक ऑड्रे अजोले 31 अक्टूबर को लखनऊ सहित 58 नए शहरों को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क' (यूसीसीएन) में शामिल करने की घोषणा की। यूसीसीएन में अब 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हैं। अजोले ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को ‘‘पाक कला'' श्रेणी में मान्यता दी गई है।लखनऊ को मिला यह सम्मान उसकी पाककला विरासत की वैश्विक स्वीकृति को चिह्नित करता है। यह सम्मान उस शहर को मिलता है जो अपनी खानपान परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और नवाचार से विश्व को प्रेरित करता है। यह घोषणा उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित यूनेस्को के 43वें महासम्मेलन में ‘विश्व नगर दिवस' के अवसर पर की गई। भारत में संयुक्त राष्ट्र की इकाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुंह में पानी लाने वाले गलावटी कबाब से लेकर अवधी बिरयानी, स्वादिष्ट चाट और गोलगप्पे, मक्खन मलाई जैसी मिठाइयां तथा और भी बहुत कुछ... उत्तर प्रदेश का लखनऊ लजीज खाने के लिए एक जन्नत है, जो सदियों पुरानी परंपराओं से भरपूर है।'' यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट' में कहा, ‘‘भारत के लिए गर्व का क्षण। लखनऊ की समृद्ध पाककला विरासत को अब वैश्विक मंच पर पहचान मिली है!'' प्रतिनिधिमंडल ने कहा, ‘‘विश्व नगर दिवस 2025 के अवसर पर लखनऊ को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' नामित किया गया है। लखनऊ के साथ 58 नए शहरों को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क' (यूसीसीएन) में स्थान मिला है। यूसीसीएन में अब 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हैं।''लखनऊ को मिले इस सम्मान पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज देश का गौरव बन चुका है। लखनऊ की यह उपलब्धि उसके समृद्ध खानपान और संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति है।'' उन्होंने कहा कि लखनऊ के जायके को मिली यह पहचान पर्यटन क्षेत्र की बढ़ती शक्ति और ‘विकसित उत्तर प्रदेश' के दृष्टिकोण को साकार करने का प्रमाण है। उन्होंने बताया, ‘‘उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने लखनऊ के लिए नामांकन 31 जनवरी 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा था। विस्तृत समीक्षा के बाद भारत सरकार ने तीन मार्च 2025 को यूनेस्को को अंतिम डोजियर प्रस्तुत किया। 31 अक्टूबर को आयोजित सम्मेलन में लखनऊ को औपचारिक रूप से ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' नेटवर्क में शामिल किया गया।'' उत्तर प्रदेश सरकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह सम्मान शहर की समृद्ध पाक परंपराओं, अवधी विरासत और स्थायी एवं अभिनव पाककला को बढ़ावा देने में इसकी बढ़ती भूमिका का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का क्षण है, जहां हर स्वाद सदियों पुरानी संस्कृति और रचनात्मकता को दर्शाता है।'' पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने एक बयान में कहा कि लखनऊ का चयन इसकी व्यंजन परंपरा और पाक कला धरोहर तथा आतिथ्य परंपराओं को एक नयी अंतरराष्ट्रीय पहचान देगा। अभिजात ने बताया, ‘‘यूनेस्को की इस सूची में अब दुनियाभर के 70 शहर शामिल हैं। इस वर्ष आठ नए शहरों को इस नेटवर्क में स्थान मिला है।'' उन्होंने बताया, ‘‘वर्ष 2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए, जबकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 70.20 लाख पर्यटक पहुंच चुके हैं। यह रुझान बताता है कि खानपान और संस्कृति, उत्तर प्रदेश में पर्यटन वृद्धि के प्रमुख आधार बन चुके हैं।'' विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा, ‘‘लखनऊ अब दुनिया के उन चुनिंदा शहरों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो खानपान को सांस्कृतिक संवाद और सतत विकास का माध्यम बना रहे हैं। आने वाले समय में पर्यटन विभाग इस वैश्विक पहचान को और सशक्त करने के लिए कई नयी पहल करेगा।'' लखनऊ की यह उपलब्धि उसके अवधी व्यंजनों, नवाबी परंपरा और खानपान की विविधता का जीवंत प्रमाण है। अब तुंदे कबाबी से लेकर कुलचा-निहारी तक, लखनऊ के स्वाद विश्व मानचित्र पर प्रदेश की पहचान को और ऊंचा उठाएंगे।
- नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच शनिवार को कहा कि भारत का मानना है कि यह क्षेत्र खुला, समावेशी और किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त रहना चाहिए। कुआलालंपुर में आसियान सदस्य देशों और समूह के वार्ता साझेदारों के रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने क्षेत्र के प्रत्येक राष्ट्र की संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘सामूहिक सुरक्षा'' के दृष्टिकोण पर जोर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) के पालन पर जोर और नौवहन तथा उड़ान की स्वतंत्रता का समर्थन किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रीय हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए है। उन्होंने ऐसे समय में यह टिप्पणी की है जब आसियान के कई सदस्य और लोकतांत्रिक देश विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (यूएनसीएलओएस) के निरंतर पालन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत आसियान के नेतृत्व वाले समावेशी क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने के पक्ष में है। रक्षा मंत्री ने कहा, “भविष्य की सुरक्षा केवल सैन्य क्षमताओं पर निर्भर नहीं करेगी, बल्कि साझा संसाधनों के प्रबंधन, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, और मानवीय संकटों के प्रति सामूहिक प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी।” सिंह ने कहा कि एडीएमएम-प्लस रणनीतिक संवाद को व्यावहारिक परिणामों से जोड़ने और क्षेत्र को शांति एवं साझा समृद्धि की ओर ले जाने वाला सेतु बन सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत इस ढांचे में अपनी भूमिका को साझेदारी और सहयोग की भावना के नजरिए से देखता है। हमारा दृष्टिकोण लेन-देन वाला नहीं, बल्कि दीर्घकालिक और सिद्धांत-आधारित है।''
- जम्मू। जम्मू कश्मीर के राजौरी में 25 साल से बंद पड़ी सरकारी प्राथमिक विद्यालय, केवल की इमारत को फिर से खोल दिया गया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। भूमि विवाद के कारण 2000 में इस इमारत को बंद कर दिया गया था।भवन पर भूस्वामी ने ताला लगा दिया था और स्कूल सीमित स्थान पर किराए के भवन में संचालित किया जा रहा था। मामले को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) मोहम्मद हफीज को मौके पर जाकर काफी समय से लंबित इस विवाद को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने के निर्देश दिए। अधिकारी ने बताया कि निर्देशों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सीईओ ने मौके का दौरा किया, हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया और मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा दिया। उन्होंने बताया कि मामला सुलझने के बाद छात्रों को स्कूल परिसर में वापस भेज दिया गया है और तीन कमरों वाली इमारत में अब स्कूल का संचालन पूरी तरह चालू हो गया है। अधिकारी ने बताया कि स्कूल के फिर से खुलने से स्थानीय समुदाय को काफी राहत और खुशी मिली है, जिन्होंने केवल के बच्चों को उनके घरों के नजदीक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन के सक्रिय प्रयासों की सराहना की है।
- रीवा (मप्र)। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सिद्धांतों और तकनीक की मिली-जुली ताकत से लड़ाई लड़ी और पाकिस्तान में नागरिक या सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया। मध्यप्रदेश के रीवा जिले में जनरल द्विवेदी ने पत्रकारों से कहा कि भारत ने पड़ोसी देश में सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने छह और सात मई की दरम्यानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों के कारण चार दिनों तक जबरदस्त झड़पें हुईं जो 10 मई को सैनिक कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ खत्म हुईं। थल सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा क्योंकि हमने अपने सिद्धांतों और तकनीक की मिली-जुली ताकत से लड़ाई लड़ी। हमने यह पक्का किया कि पाकिस्तान में किसी भी बेगुनाह नागरिक को नुकसान न हो। हमने सिर्फ आतंकवादियों और उनके आकाओं को निशाना बनाया।'' उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए। जनरल द्विवेदी ने अपने पुराने स्कूल, रीवा सैनिक स्कूल में एक सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेनाओं ने यह सुनिश्चित किया कि जब प्रार्थना या नमाज अदा की जा रही हो तो कोई कार्रवाई न की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन जगहों पर हमला किया जहां आतंकवादी मौजूद थे। हमने बेगुनाह नागरिकों या रक्षा ठिकानों को निशाना नहीं बनाया। हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर' में अपना लक्ष्य हासिल किया और पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि हम उनके जैसे नहीं हैं।''
- तिरुवनंतपुरम,। प्रख्यात कवि केजी शंकर पिल्लई को मलयालम भाषा और साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए केरल सरकार के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ‘एझुथचन पुरस्कारम' के लिए चुना गया है। राज्य के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने शनिवार को यहां पुरस्कार की घोषणा की और मलयालम कविता पर पिल्लई के उल्लेखनीय प्रभाव की प्रशंसा की। मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले पांच दशकों में उनकी काव्य रचनाओं ने प्रत्येक मलयाली को गौरव के क्षण का आभास कराया है।'' पिल्लई को इस पुरस्कार के लिए लेखक एन.एस. माधवन की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने चुना है। साहित्यकार के.आर. मीरा, डॉ. के.एम. अनी निर्णायक मंडल के सदस्य हैं तथा केरल साहित्य अकादमी के सदस्य सचिव सी.पी. अबूबकर निर्णायक मंडल सचिव थे। मलयालम कविता के क्षेत्र में एक उच्च स्थान रखने वाले पिल्लई को इससे पहले 1998 और 2002 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल चुका है। उनके बहुप्रशंसित संग्रहों में ‘केजीएस कविताकल' और ‘केजी शंकर पिल्लैयुडे कविताकल' शामिल हैं जिनका कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।
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जयपुर। राजस्थान में शादी-विवाह का सीजन शुरू होते हुए साइबर ठगों ने नकली न्योते (ई-निमंत्रण लिंक) भेजने शुरू कर दिए जबकि पुलिस ने लोगों को किसी भी प्रकार के लिंक पर क्लिक न करने को लेकर आगाह किया। पुलिस ने बताया कि लिंक पर क्लिक करने से निजी जानकारी व बैंकिंग ब्यौरा चोरी हो सकता है।
उपमहानिरीक्षक (साइबर अपराध) विकास शर्मा ने बताया कि अपराधी मोबाइल पर एक फर्जी एपीके फाइल साझा कर रहे हैं, जिसका नाम अक्सर आमंत्रण.एपीके होता है। उन्होंने बताया कि जैसे ही यूजर शादी के आमंत्रण या लोकेशन लिंक समझकर इस पर क्लिक करते हैं, यह एप्लिकेशन मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता है। अधिकारी ने बताया कि यह कोई साधारण ऐप नहीं बल्कि एक ‘बैकडोर मैलवेयर' है, जो आपके फोन को हैक कर लेता है। उन्होंने बताया कि इंस्टॉल होने के बाद यह मैलवेयर चुपके से एसएमएस, संपर्क सूची, कैमरा और फाइल एक्सेस जैसी संवेदनशील अनुमतियां ले लेता है और इसके बाद यह गुप्त रूप से यूजर की व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग डिटेल, ओटीपी और पासवर्ड एकत्रित करना शुरू कर देता है। अधिकारी ने बताया कि साइबर अपराधी इसी चोरी किए गए डेटा का उपयोग करके बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। साइबर अपराध शाखा ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी ई-निमंत्रण या गिफ्ट लिंक पर क्लिक करने से पहले भेजने वाले की पहचान सुनिश्चित करें , साथ ही ऐप हमेशा केवल गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर जैसे अधिकृत ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें। -
नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने बिहार के पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट पर एक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या और चुनावी हिंसा के संदर्भ में बराह के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट-एसडीएम चंदन कुमार और दो सब-डिविजनल पुलिस अधिकारियों-एसडीपीओ राकेश कुमार और अभिषेक सिंह को हटा दिया है।
आयोग ने बिहार राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य पुलिस सेवा से तीनों अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए है। इसके अतिरिक्त आयोग ने बराह-2 के एसडीपीओ अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने को कहा है।निर्वाचन आयोग ने पटना-ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक विक्रम सिहाग को स्थानांतरित करने के आदेश दिए है। मोकामा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को जनता दल-यूनाइटेड के उम्मीदवार अनंत सिंह और जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थकों के बीच संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।निर्वाचन आयोग ने बिहार में चुनावी हिंसा को देखते हुए कड़े कदम उठाए है।पटना नगर निगम के अपर आयुक्त आशीष कुमार को बराह का नया एसडीएम नियुक्त किया गया है।इसी तरह, सीआईडी में तैनात पुलिस उपाधीक्षक आनंद कुमार सिंह को एसडीपीओ-बराह-1 और एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक आयुष श्रीवास्तव को एसडीपीओ बराह-2 बनाया गया है। -
नई दिल्ली। प्रख्यात वैज्ञानिक अंकथी राजू को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला हैदराबाद का निदेशक नियुक्त किया गया है। उन्होंने भारतीय प्रक्षेपास्त्र विकास प्रयोगशाला के निदेशक का भी पदभार ग्रहण किया है। श्री अंकथी राजू ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, हैदराबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई और आई.आई.टी. बंबई से वैमानिकी इंजीनियरिंग में एम.टेक किया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले तीन दशक में, श्री राजू ने ठोस ईंधन डक्टेड रैमजेट प्रोपल्जन प्रणाली के सफल प्रदर्शन, मिसाइलों के लिए लिक्विड प्रोपल्जन प्रणालियों के डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिसमें पृथ्वी, अग्नि, पी.ए.डी., पी.डी.वी., मिशन शक्ति, प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली, वायु रक्षा के इंटरसेप्टर और एक्सियल फ्लो कंप्रेसर का डिजाइन और विकास शामिल है।आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान प्रयोगशाला के निदेशक के रूप में श्री राजू ने उन्नत रॉकेट प्रणाली, गाइडेड पिनाका और उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम के डिज़ाइन और विकास का नेतृत्व किया। श्री राजू को डी.आर.डी.ओ. अग्नि उत्कृष्टता पुरस्कार और तेलंगाना सरकार की ओर से सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया है। - देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि पिछले चार साल में प्रदेश में 26 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं और अगले एक साल में यह आंकड़ा 36 से 38 हजार तक पहुंच जाएगा। उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह की शुरूआत पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले चार साल में 26 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, ''कुछ परीक्षाएं हो चुकी हैं, जिनका परीक्षाफल घोषित होना है। यह सब मिलाकर अगले एक साल के अंदर 10—12 हजार भर्तियां और की जाएंगी।'' धामी ने कहा कि नौ नवंबर को उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है और राज्य की उपलब्धियों के बारे में बताने का यह सबसे सही समय है। उन्होंने इस संबंध में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने, सशक्त भूमि कानून, जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून, नकल विरोधी कानून, राज्य के लिए आंदोलन करने वालों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत तथा महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 2023 में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद से अब तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश धरातल पर उतर चुका है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड बनाया गया है । उन्होंने कहा कि राज्य के गठन के बाद से अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुंना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति आय में 17 गुना वृद्धि हुई है। इसके साथ ही 2025—26 में राज्य के इतिहास में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अंत्योदय योजना के तहत 1.85 लाख परिवारों को साल में तीन रसोई गैस सिलेंडर दिए जा रहे हैं, जबकि 1.65 लाख महिलाएं लखपति दीदी योजना से आत्मनिर्भर बनी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ भव्य और दिव्य रूप ले रहा है और एक साल के अंदर वहां सभी निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बदरीनाथ में 300 करोड़ रुपये की धनराशि से मास्टर प्लान का काम हो रहा है, जबकि केदारनाथ और हेमकुंड जाने के लिए रोपवे का निर्माण भी शुरू होने वाला है। उन्होंने कहा कि कुमांऊ के 48 पौराणिक मंदिरों और गुरूद्वारों को एक सर्किट के रूप में जोड़कर उनके निर्माण को आगे बढ़ाया जा रहा है और दिल्ली—देहरादून एलीवेटेड रोड का काम भी अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसके पूरा होने के बाद दोनों शहरों के बीच का सफर दो—ढाई घंटे का रह जाएगा। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम भी 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है।


















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