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- जमशेदपुर/सरायकेला (झारखंड),। झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से एक रेलवे कर्मचारी समेत दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। चक्रधरपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि देवघर के मूल निवासी रेलवे इंजीनियर मनोज दास (45) की शुक्रवार को सरायकेला-खरसावां जिले के सीनी और गम्हरिया स्टेशनों के बीच बीरबांस के पास राउरकेला-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस की चपेट में आने से मौत हो गई। चौधरी ने ' बताया, "हमने घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है और मृतक कर्मचारी के परिजनों को मुआवजा दे दिया गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वह डाउन लाइन पर काम कर रहा था और इसी दौरान वह ट्रेन की चपेट में आ गया।" सरायकेला थाना प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला सदर अस्पताल भेज गया और उसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। गम्हरिया के रहने वाले दास आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात थे।पूर्वी सिंहभूम जिले में एक अन्य घटना में चाकुलिया निवासी संतोष दास (34) बृहस्पतिवार रात चाकुलिया और कनिमोहुली रेलवे स्टेशनों के बीच हावड़ा-राउरकेला वंदे भारत एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। चाकुलिया राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने शुक्रवार सुबह शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए घाटशिला अनुमंडल अस्पताल भेज दिया। file photo
- जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कहा कि संगठन पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है। साथ ही कहा कि ऐसी मांग करने वालों को अतीत से सीखना चाहिए। आरएसएस की यहां तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी बैठक के समापन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, होसबाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान पर जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि संघ को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। होसबाले ने कहा, ‘‘पहले भी तीन बार ऐसे प्रयास किए गए हैं। तब समाज ने क्या कहा था? अदालत ने क्या कहा था? इन सबके बावजूद संघ का काम बढ़ता रहा। प्रतिबंध लगाने के लिए वैध कारण होने चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है। भारत की एकता, सुरक्षा और संस्कृति के लिए काम करने वाले संगठन को कोई नेता कहता है कि प्रतिबंधित कर देना चाहिए, तो उसे इसका कारण भी बताना चाहिए।'' संघ नेता ने कहा कि समाज ने आरएसएस को स्वीकार कर लिया है, और ‘‘सरकारी व्यवस्था'' ने भी फैसला सुनाया है कि ऐसे प्रतिबंध गलत थे। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग अब प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, उन्हें पिछले अनुभवों से सीखना चाहिए।''शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएसएस को फिर से प्रतिबंधित करने के सवाल पर, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा था, ‘‘यह मेरी निजी राय है, और मैं इसे खुले तौर पर कहूंगा, ऐसा होना चाहिए।'' उन्होंने आरोप लगाया था कि ज्यादातर कानून और व्यवस्था की समस्याएं भाजपा और आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं। इस बीच, जब पूछा गया कि क्या आरएसएस की बैठक में बिहार या पश्चिम बंगाल चुनावों पर चर्चा हुई, तो होसबाले ने कहा कि बिहार चुनावों पर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन संघ का रुख साफ है कि लोगों को बड़ी संख्या में वोट देना चाहिए। देश और समाज से जुड़े मुद्दों पर वोट देना चाहिए, न कि जाति या पैसे के आधार पर। पश्चिम बंगाल को लेकर होसबाले ने कहा कि इस बैठक में वहां की स्थिति पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन इस पर पहले चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘वहां हालात गंभीर हैं। पिछली बैठक में बंगाल पर एक प्रस्ताव पास किया गया था। राज्य में संघ का काम बढ़ रहा है, लेकिन पिछले चुनावों के बाद राजनीतिक नेतृत्व और मुख्यमंत्री की वजह से द्वेष और नफरत फैली है।'' आरएसएस नेता ने कहा कि बंगाल एक सीमावर्ती राज्य है और बांग्लादेश से आने वाले लोगों का बोझ झेल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर राजनीतिक नेतृत्व इस खतरे को खत्म करने में नाकाम रहता है, तो कभी भारत का नेतृत्व करने वाले राज्य बंगाल को अस्थिरता और हिंसा के माहौल में रखना देश के साथ अन्याय होगा।'' उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता बंगाल में सामाजिक एकता को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर होसबाले ने कहा कि इसे समय-समय पर अद्यतन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सूचियों को बेहतर बनाया जाना चाहिए। इसमें क्या दिक्कत है? अगर किसी को इसकी प्रक्रिया पर कोई आपत्ति है, तो वे निर्वाचन आयोग के सामने अपनी बात रख सकते हैं।''
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत तीन ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ खिताब हासिल करने पर पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के जन आंदोलन महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को और गति प्रदान करते हैं। इस उपलब्धि के बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को पीएम मोदी ने कहा, “इस तरह की पहल बेहद सराहनीय है। इस तरह के जन आंदोलन हमारे महिला सशक्तिकरण प्रयासों को गति प्रदान करते हैं और हमारी नारी शक्ति के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव डालते हैं।”केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ (एसएनएसपीए) के तहत तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड खिताब हासिल किए हैं, जो निवारक और महिला-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा के प्रति भारत की अद्वितीय प्रतिबद्धता को मान्यता देते हैं।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एक महीने में स्वास्थ्य देखभाल प्लेटफॉर्म पर 3.21 करोड़ से अधिक पंजीकरण से पहला ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बना। दूसरा रिकॉर्ड एक हफ्ते में स्तन कैंसर की ऑनलाइन स्क्रीनिंग के लिए 9.94 लाख से अधिक लोगों के साइन-अप के साथ बना। वहीं, राज्य स्तर पर एक सप्ताह में महत्वपूर्ण संकेतों की ऑनलाइन स्क्रीनिंग के लिए साइन अप करने वालों की संख्या सबसे अधिक (1.25 लाख से अधिक) थी, जिससे ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ का तीसरा खिताब हासिल हुआ।प्रधानमंत्री मोदी ने पोषण माह के साथ-साथ 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चले राष्ट्रव्यापी अभियान ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ का भी शुभारंभ किया था। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाना है, जिससे किसी भी कमी या बीमारी का जल्दी पता लगाया जा सके, जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित हो और एक मजबूत व स्वस्थ भारत के लिए परिवारों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए सशक्त बनाया जा सके।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, देशभर के प्रत्येक जिले तक पहुंचते हुए यह अभियान 19.7 लाख स्वास्थ्य शिविरों के साथ एक अभूतपूर्व पैमाने तक पहुंचा, जिसमें सभी स्वास्थ्य सेवा प्लेटफार्मों पर 11 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए। इस अभियान में 20 से ज्यादा मंत्रालयों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया, जिनमें केंद्र सरकार के संस्थान, मेडिकल कॉलेज और निजी संगठन शामिल थे। इस अभियान में सांसदों, विधायकों और सभी संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिससे यह एक ‘संपूर्ण सरकार’ अभियान बना।
- नई दिल्ली। नए महीने की शुरुआत के साथ ही शनिवार को भारतीय नागरिकों की पहचान से जुड़े सरकारी डॉक्यूमेंट आधार कार्ड को लेकर भी नियम बदल गए हैं। नियमों में नए बदलाव के साथ अब आधार कार्डधारक को आधार कार्ड में किसी बदलाव के लिए आधार कार्ड सेंटर जाने की जरूरत नहीं होगी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अनुसार, यूजर्स के लिए प्रक्रिया को आसान और सहज बनाने के लिए अब आधार कार्डधारक की डेमोग्राफिक जानकारियों को ऑनलाइन ही अपडेट करवाया जा सकेगा। आधार कार्डधारक अब अपने नाम, एड्रेस, डेथ ऑफ बर्थ और मोबाइल नंबर जैसी जानकारियों को ऑनलाइन ही अपडेट कर सकेंगे।इसके अलावा, आधार कार्डधारकों को 31 दिसंबर, 2025 से पहले उनका पैन कार्ड आधार से लिंक करवाना आवश्यक होगा।यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, फिंगरप्रिंट और फोटो के बायोमैट्रिक अपडेट के लिए 125 रुपए फीस के रूप में भुगतान करने होंगे। हालांकि, अगर आधार कार्डधारक की उम्र 5-7 वर्ष है और यह अपडेट पहली बार करवाया जा रहा है तो सर्विस निशुल्क रहेगी। इसी तरह, 15-17 वर्ष के कार्डधारकों को दो बार अपडेट करवाने की स्थिति में भी किसी तरह का कोई भुगतान नहीं करना होगा।इसके अलावा, अगर कार्डधारक एनरोलमेंट नंबर, जेंडर, डेट ऑफ बर्थ, एड्रेस, मोबाइल और ईमेल एड्रेस को लेकर डेमोग्रैफिक अपडेट करवाता है तो बायोमैट्रिक अपडेट के साथ यह निशुल्क होगा और अलग से करवाने पर 75 रुपए फीस के रूप में भुगतान करनी होगी।आधार कार्डधारक अपनी पहचान और एड्रेस से जुड़े प्रमाण या नाम, जेंडर और डीओबी के लिए डॉक्यूमेंट को आधार पोर्टल पर बिना किसी शुल्क के सबमिट कर सकता है। हालांकि, यह सुविधा 14 जून 2026 तक ही निशुल्क रहेगी।आधार रिप्रिंट करवाने के लिए अब 40 रुपए फी के रूप में भुगतान करने होंगे। इसके अलावा, आधार कार्ड के लिए पहले एप्लीकेंट के लिए होम एनरोलमेंट सर्विस का चार्ज 700 रुपए होगा। इसी पते पर अन्य व्यक्तियों के लिए यह चार्ज 350 रुपए प्रति व्यक्ति होगा।
- नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन तीन नवंबर से चार नवंबर, 2025 तक केरल की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। पदभार ग्रहण करने के बाद यह उपराष्ट्रपति की केरल की पहली यात्रा होगी।इस यात्रा के दौरान, उपराष्ट्रपति 3 नवंबर, 2025 को कोल्लम स्थित उपराष्ट्रपति फातिमा माता राष्ट्रीय महाविद्यालय के हीरक जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस क्षेत्र के अग्रणी उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक, फातिमा माता राष्ट्रीय महाविद्यालय अपनी शैक्षणिक सेवा के 75 वर्ष पूरे कर रहा है।श्री सी. पी. राधाकृष्णन उसी दिन कोल्लम में फेडरेशन ऑफ इंडियन कॉयर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एफआईसीईए) के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे। एफआईसीईए के अंतर्गत देश के सभी कॉयर निर्यातक संघ आते हैं।उपराष्ट्रपति चार नवंबर, 2025 को तिरुवनंतपुरम स्थित श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी का दौरा करेंगे। श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (एससीटीआईएमएसटी), भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। यह संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली रोगी देखभाल, औद्योगिक महत्व की प्रौद्योगिकी विकास और सामाजिक प्रासंगिकता वाले स्वास्थ्य अनुसंधान अध्ययनों पर केंद्रित है।
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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश). भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि 4,000 किलोग्राम से ज़्यादा वज़नी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के प्रक्षेपण के लिए 24 घंटे की उल्टी गिनती शनिवार को शुरू हो गई। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि लगभग 4,410 किलोग्राम वज़नी यह उपग्रह भारतीय धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी उपग्रह होगा। यह अंतरिक्ष यान एलवीएम3-एम5 रॉकेट के जरिये प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसे इसकी भारी भारोत्तोलन क्षमता के लिए 'बाहुबली' नाम दिया गया है। इसरो ने शनिवार को बताया कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से असेंबल और अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है और इसे प्रक्षेपण-पूर्व कार्यों के लिए यहां दूसरे लॉन्च पैड पर ले जाया गया है। बाद में एक सोशल मीडिया पोस्ट में, इसरो ने कहा, ‘‘उल्टी गिनती शुरू!! अंतिम तैयारियां पूरी हो गई हैं और एलवीएम3-एम5 (मिशन) के लिए उल्टी गिनती आधिकारिक तौर पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में शुरू हो गई है।'' अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम प्रक्षेपण के करीब पहुंच रहे हैं, सभी प्रणालियां तैयार हैं।'' इसरो ने कहा कि एलवीएम3 (प्रक्षेपण यान मार्क-3) इसरो का नया प्रक्षेपण यान है और इसका उपयोग 4,000 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को जीटीओ में स्थापित करने के लिए किया जाता है।
- नयी दिल्ली.। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता पर भारत का जोर किसी देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए है। राजनाथ की यह टिप्पणी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों को लेकर वैश्विक स्तर पर बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि में आई है। कुआलालंपुर में आसियान के सदस्य देशों और समूह के वार्ता साझेदारों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि भारत का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र खुला, समावेशी और किसी भी तरह के “दबाव” से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र के प्रत्येक राष्ट्र की संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए “सामूहिक सुरक्षा” का दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। राजनाथ ने कहा, “कानून के शासन पर भारत का जोर, खास तौर पर संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (यूएनसीएलओएस) के पालन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता की उसकी वकालत, किसी देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी क्षेत्रीय हितधारकों के सामूहिक हितों की रक्षा के लिए है।” उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब आसियान के कई सदस्य और लोकतांत्रिक देश विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच यूएनसीएलओएस के लगातार पालन की मांग कर रहे हैं। आसियान रक्षा मंत्रियों के मीटिंग प्लस (एडीएमएम-प्लस) सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के साथ भारत के रणनीतिक संबंध लेन-देन की प्रवृत्ति के नहीं हैं, बल्कि दीर्घकालिक और सिद्धांत-आधारित हैं तथा इस साझा विश्वास पर केंद्रित हैं कि क्षेत्र को खुला, समावेशी एवं “दबाव” मुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा, “भविष्य की सुरक्षा केवल सैन्य क्षमताओं पर निर्भर नहीं करेगी, बल्कि साझा संसाधनों के प्रबंधन, डिजिटल एवं भौतिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और मानवीय संकटों के प्रति सामूहिक प्रतिक्रिया पर भी निर्भर करेगी।” रक्षा मंत्री ने कहा कि एडीएमएम-प्लस सम्मेलन रणनीतिक संवाद को व्यावहारिक परिणामों से जोड़ने और क्षेत्र को शांति एवं साझा समृद्धि की ओर ले जाने वाला सेतु बन सकता है। उन्होंने कहा, “भारत इस ढांचे में अपनी भूमिका को साझेदारी और सहयोग की भावना के नजरिये से देखता है। हमारा दृष्टिकोण लेन-देन वाला नहीं, बल्कि दीर्घकालिक और सिद्धांत-आधारित है।” राजनाथ ने कहा, “हमारा मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र खुला, समावेशी और किसी भी तरह के दबाव से मुक्त होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “आइए हम सब मिलकर आसियान के नेतृत्व वाले समावेशी क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे की रक्षा और मजबूती के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें, जिसने हमारे क्षेत्र की बहुत सराहनीय सेवा की है।” एडीएमएम-प्लस एक मंच है, जिसमें आसियान के 11 सदस्य देशों-ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, तिमोर-लेस्ते और वियतनाम के अलावा समूह के आठ वार्ता साझेदार-भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस तथा अमेरिका शामिल हैं। राजनाथ ने कहा कि भारत आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने, संवाद को बढ़ावा देने और मजबूत क्षेत्रीय तंत्र के जरिये शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “पिछले 15 वर्षों का अनुभव हमें कुछ बातें स्पष्ट रूप से सिखाता है, जैसे-समावेशी सहयोग प्रभावी होता है; क्षेत्रीय नियंत्रण वैधता लाता है और सामूहिक सुरक्षा हर व्यक्ति की व्यक्तिगत संप्रभुता को मजबूत करती है।” रक्षा मंत्री ने कहा, “आने वाले वर्षों में यही सिद्धांत एडीएमएम-प्लस और आसियान के प्रति भारत के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहेंगे।” उन्होंने कहा कि भारत अपने ‘महासागर' (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक एवं समग्र उन्नति) दृष्टिकोण की भावना के अनुरूप इस प्रयास में रचनात्मक योगदान जारी रखने के लिए तैयार है। राजनाथ ने कहा, “भारत आसियान और एडीएमएम-प्लस देशों के साथ अपने रक्षा सहयोग को क्षेत्रीय शांति, स्थिरता तथा क्षमता निर्माण में योगदान के रूप में देखता है।” उन्होंने कहा कि एडीएमएम-प्लस ने पिछले 15 वर्षों में यह साबित कर दिया है कि विश्वास, समावेशिता और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित सहयोग न केवल आवश्यक है, बल्कि संभव भी है। राजनाथ ने कहा, “अब, इसके अगले चरण को इन पैमानों के अनुरूप उभरती वास्तविकताओं के हिसाब से ढलना होगा।” उन्होंने कहा, “एडीएमएम-प्लस का उदय हमारे क्षेत्र की बदलती सुरक्षा वास्तविकताओं को दर्शाता है। अब यह मंच साइबर खतरों, समुद्री क्षेत्र जागरूकता और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा जैसे नये क्षेत्रों में भी सक्रिय है।” राजनाथ ने कहा, “इस मंच ने यह साबित कर दिया है कि गैर-पारंपरिक सुरक्षा सहयोग राष्ट्रों के बीच विश्वास निर्माण का एक प्रभावी जरिया हो सकता है।” उन्होंने कहा कि भारत के लिए एडीएमएम-प्लस उसकी ‘एक्ट ईस्ट' नीति और व्यापक हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा है। एडीएमएम-प्लस, आसियान के व्यापक ढांचे के अंतर्गत एक प्रमुख मंच है। भारत 1992 में आसियान का वार्ता साझेदार बना और एडीएमएम-प्लस का पहला सम्मेलन अक्टूबर 2010 में हनोई में आयोजित किया गया। राजनाथ ने कहा, “भारत ने जलवायु लचीलेपन को रक्षा सहयोग में एकीकृत करने की आवश्यकता पर हमेशा बल दिया है। पर्यावरणीय तनाव, संसाधनों की कमी और संघर्ष के बीच संबंध इस विषय को क्षेत्रीय सुरक्षा एजेंडे का एक अनिवार्य घटक बनाता है।” उन्होंने कहा कि भारत का हिंद-प्रशांत सुरक्षा दृष्टिकोण रक्षा सहयोग को आर्थिक विकास, प्रौद्योगिकी साझाकरण और मानव संसाधन की प्रगति से जोड़ता है। रक्षा मंत्री ने कहा, “सुरक्षा, विकास और स्थिरता के बीच परस्पर संबंधों की यह मजबूत कड़ी भारत और आसियान के बीच साझेदारी की मूल भावना है।” उन्होंने कहा कि मलेशिया की अध्यक्षता में “समावेशिता और स्थिरता” पर आसियान का जोर बेहद प्रासंगिक और समयानुकूल है। राजनाथ ने कहा, “सुरक्षा के संदर्भ में समावेशिता का अर्थ है कि सभी देश, चाहे उनका आकार या क्षमता कुछ भी हो, क्षेत्रीय व्यवस्था के निर्माण में समान भागीदार बनें और इससे लाभान्वित हों।” उन्होंने कहा, “स्थायित्व का अर्थ ऐसा सुरक्षा ढांचा बनाना है, जो झटकों के प्रति लचीला हो, नयी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हो और अल्पकालिक संरेखण के बजाय दीर्घकालिक सहयोग पर आधारित हो।” राजनाथ ने सिंगापुर के रक्षा मंत्री चान चुन सिंग, न्यूजीलैंड की रक्षा मंत्री जूडिथ कोलिंस, वियतनाम के रक्षा मंत्री फान वान गियांग और दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री आह्न ग्यू-बैक के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
- नोएडा (उप्र) .जनपद गौतमबुद्ध नगर के थाना दादरी क्षेत्र में शनिवार शाम को एक ट्रक ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों की मौत हो गई। पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि शनिवार की शाम को हायर कंपनी के पास एक ट्रक चालक ने तेजी और लापरवाही से वाहन चलाते हुए मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहे तीन युवकों - मोंटू (19), श्वेत (19) तथा रोहित (20) को टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि तीनों युवक गांव शेरपुर जनपद बुलंदशहर के रहने वाले थे।मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस घटना में दो युवकों की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने ट्रक चालक मनीष को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
- मुंबई । राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी नेटवर्क को बड़ा झटका देते हुए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) पर कोलंबो (श्रीलंका) से आई एक महिला यात्री से 4.7 किलोग्राम कोकीन जब्त की है, जिसकी अवैध बाजार में कीमत लगभग 47 करोड़ रुपये है।एक विशिष्ट सूचना के आधार पर, डीआरआई अधिकारियों ने इस महिला यात्री के आते ही उसे रोक लिया और उसके सामान की गहन जांच की। जांच के दौरान, कॉफी के पैकेटों के अंदर चालाकी से छिपाए गए एक सफेद पाउडर जैसे पदार्थ के नौ पाउच मिले। एनडीपीएस फील्ड किट से प्रारंभिक जांच में इस पदार्थ के कोकीन होने की पुष्टि हुई।तत्क्षण और समन्वित कार्रवाई करते हुए डीआरआई ने सिंडिकेट के चार और लोगों को गिरफ्तार किया—एक वह जो इस कोकीन का खेप लेने हवाई अड्डे पर आया था और तीन अन्य जो तस्करी किए गए इस नशीले पदार्थों के वित्तपोषण, लॉजिस्टिक्स और वितरण नेटवर्क से जुड़े थे। सभी पांचों आरोपियों को स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।डीआरआई द्वारा हाल ही में की गई कुछ जब्तियां चिंताजनक प्रवृत्ति की ओर इशारा करती हैं, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट तेजी से भारतीय महिलाओं का कूरियर के रूप में शोषण कर रहे हैं, तथा तस्करी को छिपाने और जांच में इसका पता लग जाने से बचने के लिए खाद्य पदार्थों और रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं में मादक पदार्थ छिपा रहे हैं।तस्करी की कोशिश को अंजाम देने वाले व्यापक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश करने के लिए आगे की जांच जारी है। डीआरआई ऐसे नेटवर्क को ध्वस्त करने के अपने मिशन पर अडिग है और मादक पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को लगातार बाधित करके और भारत के युवाओं, अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करके "नशा मुक्त भारत" के दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार कोनई दिल्ली में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 73वें स्थापना दिवस समारोह में कर्मचारी नामांकन योजना-2025 का शुभारंभ किया। यह योजना स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने और सभी पात्र कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने हेतु भारत सरकार की एक विशेष पहल है।कर्मचारी नामांकन योजना-2025, नियोक्ताओं को 1 जुलाई, 2017 से 31 अक्टूबर, 2025 के बीच ईपीएफ कवरेज से छूटे हुए पात्र कर्मचारियों को स्वेच्छा से नामांकित करने और कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत उनके पिछले अनुपालन को नियमित करने के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करती है।इसका उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना, सार्वभौमिक ईपीएफ समावेशन सुनिश्चित करना और पूर्व नियमितीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाना है। यह योजना 1 नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक छह महीने के लिए खुली रहेगी।इस योजना के तहत सभी प्रतिष्ठान, मौजूदा ईपीएफ कवरेज स्थिति पर ध्यान दिए बिना, ईपीएफओ पोर्टल के माध्यम से 01.07.2017 और 31.10.2025 के बीच नियुक्त किसी भी कर्मचारी की घोषणा कर सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों के संबंध में, यदि पहले कटौती नहीं की गई है, तो घोषित अवधि के लिए कर्मचारी का हिस्सा माफ कर दिया गया है। नियोक्ता का दायित्व नियोक्ता के हिस्से, ब्याज (धारा 7Q), प्रशासनिक शुल्क और ₹100 दंडात्मक हर्जाने के भुगतान तक सीमित है। तीनों ईपीएफ योजनाओं में प्रति प्रतिष्ठान ₹100 का एकमुश्त जुर्माना अनुपालन माना जाएगा।ईपीएस-1995 की धारा 7ए, पैरा 26बी, या पैरा 8 के अंतर्गत पूछताछ का सामना कर रहे प्रतिष्ठान पात्र बने रहेंगे और क्षतिपूर्ति की सीमा ₹100 तक होगी। ईपीएफओ द्वारा कोई स्वतः अनुपालन कार्रवाई नहीं की जाएगी।इस योजना से नियोक्ताओं के लिए पिछली भूल को नियमित करने के सरलीकरण के माध्यम से व्यापक ईपीएफ कवरेज और कार्यबल के औपचारिकीकरण में सुविधा होने की उम्मीद है। यह "सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा" के लक्ष्य को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है कि प्रत्येक कर्मचारी भारत के संगठित सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क का हिस्सा बने।
- मुंबईi नवी मुंबई के खारघर में जल्द ही एक नया हज हाउस बनकर तैयार होगा। यह परियोजना अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा हज अवसंरचना के आधुनिकीकरण और हज यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में एक बड़ा कदम है।अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव, डॉ. चन्द्र शेखर कुमार ने भारतीय हज समिति (एचसीओआई) और केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के साथ खारघर में नए हज हाउस के प्रस्तावित स्थल का दौरा किया।सचिव ने अपने दौरे में आगामी सुविधा के लेआउट एवं डिज़ाइन योजना की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों के साथ परियोजना के कार्यान्वयन की समय-सीमा एवं तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की। इस दौरे में संपर्क, रसद एवं सुविधाओं पर भी चर्चा हुई जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि नए हज हाउस में हज यात्रियों की आवश्यकताओं को प्रभावी रूप से पूरा किया जा सके।इससे पहले, सचिव ने मुंबई में भारतीय हज समिति, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में अगामी हज 2026 की तैयारियों पर चर्चा हुई, जिसमें मुंबई स्थित मौजूदा हज हाउस का संरचनात्मक ऑडिट एवं सुधार शामिल था। चर्चा में यह सुनिश्चित करने पर बल दिया गया कि सभी हितधारकों के बीच सहज समन्वय स्थापित हो जिससे हज यात्रियों को सुरक्षित एवं निर्बाध तीर्थयात्रा का अनुभव प्राप्त हो सके।बैठक में कुछ अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) और प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) की समीक्षा भी की गई। सचिव ने समय पर कार्यान्वयन, संसाधन का इष्टतम उपयोग और अल्पसंख्यक समुदायों को लाभान्वित करने वाले मापनीय परिणामों के महत्व पर बल दिया।अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय हज संचालन के लिए अवसंरचना को मजबूत करने के कार्य को जारी रखते हुए पूरे देश में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए समावेशी विकास एवं सशक्तिकरण पहल को आगे बढ़ा रहा है।
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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश). भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 4,000 किलोग्राम से अधिक वजनी संचार उपग्रह सीएमएस-03 रविवार को इस अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने के लिए पूरी तरह तैयार है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि लगभग 4,410 किलोग्राम वजन वाला यह उपग्रह भारत की धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी उपग्रह होगा। यह उपग्रह एलवीएम3-एम5 रॉकेट के जरिये प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसे इसकी भारी भारोत्तोलन क्षमता के लिए ‘बाहुबली' नाम दिया गया है। बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी ने शनिवार को बताया कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है और अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है तथा इसे प्रक्षेपण-पूर्व कार्यों के लिए यहां दूसरे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया है। इसरो ने बताया कि 4,000 किलोग्राम तक भारी पेलोड ले जाने की क्षमता के कारण 'बाहुबली' नाम से जाना जाने वाला 43.5 मीटर लंबा यह यान दो नवंबर यानी रविवार को शाम पांच बजकर 26 मिनट पर प्रक्षेपित होगा। उसने बताया कि एलवीएम3 (प्रक्षेपण यान मार्क-3) इसरो का भारी वजन वहन करने वाला नया प्रक्षेपण यान है और इसका उपयोग 4,000 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को लागत प्रभावी तरीके से जीटीओ में स्थापित करने के लिए किया जाएगा। दो ठोस मोटर ‘स्ट्रैप-ऑन' (एस200), एक द्रव प्रणोदक कोर चरण (एल110) और एक क्रायोजेनिक चरण (सी25) वाला यह तीन चरणीय प्रक्षेपण यान इसरो को जीटीओ में 4,000 किलोग्राम तक वजन वाले भारी संचार उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में पूर्ण आत्मनिर्भरता प्रदान करता है। एलवीएम3- को इसरो के वैज्ञानिक भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) एमके3 भी कहते हैं। इसरो ने कहा कि एलवीएम3-एम5 पांचवीं अभियानगत उड़ान है।
इससे पहले, अंतरिक्ष एजेंसी ने पांच दिसंबर, 2018 को एरियन-5 वीए-246 रॉकेट के जरिए फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से अपने सबसे भारी संचार उपग्रह जीसैट-11 को प्रक्षेपित किया था। लगभग 5,854 किलोग्राम वजनी जीसैट-11 इसरो द्वारा निर्मित सबसे भारी उपग्रह है। इसरो ने कहा कि रविवार के मिशन का उद्देश्य यह है कि बहु-बैंड संचार उपग्रह सीएमएस-03 भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा। एलवीएम-3 रॉकेट ने इससे पहले चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया था, जिसके जरिए भारत 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बन गया। एलवीएम3 यान अपने शक्तिशाली क्रायोजेनिक चरण के साथ 4,000 किलोग्राम वजन का पेलोड जीटीओ तक तथा 8,000 किलोग्राम वजन का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा तक ले जाने में सक्षम है। -
गढ़चिरौली. महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस के समक्ष 14 अक्टूबर को आत्मसमर्पण करने वाले शीर्ष नक्सली मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने अपने सक्रिय साथियों से हथियार डालने और जनता के बीच काम करने के लिए मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह किया है। भूपति ने एक वीडियो के जरिये यह अपील की और यह वीडियो
गढ़चिरौली पुलिस द्वारा शनिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हिस्सा थी। वीडियो संदेश में, भूपति ने अपना और आत्मसमर्पण कर चुके साथी रूपेश के मोबाइल फोन नंबर दिए हैं ताकि मुख्यधारा में लौटने के इच्छुक उग्रवादी उनसे संपर्क कर सकें। भूपति, पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के सदस्य, केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो के सचिव और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के प्रवक्ता थे। भूपति ने कहा कि सत्ता और भूमि के लिए सशस्त्र संघर्ष में शामिल साथियों को यह समझना चाहिए कि उनके कृत्यों ने उन्हें जनता से दूर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सक्रिय माओवादियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करना चाहिए और मुख्यधारा में शामिल होकर लोगों के बीच काम करना चाहिए।'' उन्होंने प्रतिबंधित संगठन की केंद्रीय समिति पर ‘‘सख्त रुख'' अपनाने का भी आरोप लगाया, क्योंकि वह चारों ओर हो रहे बदलाव को महसूस करने के बावजूद सशस्त्र संघर्ष को छोड़ने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग उन्हें और आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सलियों को ‘‘गद्दार'' कह रहे हैं, वे गलत सूचना फैला रहे हैं। भूपति ने कहा कि पिछले महीने छत्तीसगढ़ में हथियार डालने वाले रूपेश ने विस्तार से बताया था कि उग्रवादियों को क्यों आत्मसमर्पण करना चाहिए। भूपति ने कहा, ‘‘इसलिए मैं इसे (आत्मसमर्पण की आवश्यकता) आगे नहीं समझाऊंगा।''
उन्होंने कहा कि स्थिति अब बदल गई है और माओवादियों को सशस्त्र संघर्ष को छोड़कर कानून के दायरे में काम करना होगा। उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैं देश के सभी बुद्धिजीवियों, जनवादी प्रेमियों और सबसे महत्वपूर्ण, आदिवासियों के हितैषियों से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे फैसले को समझें और हमारा समर्थन करें। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसिद्ध साहित्यकार एवं शिक्षाविद् रामदरश मिश्र के निधन पर शनिवार को शोक व्यक्त किया। मोदी ने कहा कि मिश्र का निधन हिंदी और भोजपुरी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मिश्र को उनके लोकप्रिय लेखन के लिए हमेशा याद किया जाएगा। पद्मश्री से सम्मानित लेखक और कवि मिश्र का शुक्रवार रात राष्ट्रीय राजधानी में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। वह 101 वर्ष के थे।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पंजाब और पुडुचेरी के स्थापना दिवस पर शनिवार को लोगों को बधाई दी। मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट के जरिए इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सफलता और इनके निवासियों की खुशहाली की कामना की। उन्होंने लिखा, ‘‘आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पंजाब और पुडुचेरी के स्थापना दिवस पर उनके निवासियों को हार्दिक बधाई! इन सभी क्षेत्रों ने भारत की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी विकास यात्रा में नए कीर्तिमान स्थापित करते रहें। मैं इनके सभी निवासियों की निरंतर समृद्धि और कल्याण के लिए शुभकामनाएं देती हूं।'' आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप 1956 में इसी दिन अस्तित्व में आए थे।
पंजाब और हरियाणा का गठन 1966 में हुआ था तथा छत्तीसगढ़ का गठन 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर हुआ था। ये सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी एक नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाते हैं। - नयी दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के लोगों को उनके राज्यों के स्थापना दिवस पर शनिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये राज्य जन कल्याण, स्वच्छता और समृद्धि की ओर अग्रसर हैं। शाह ने 15 मार्च को अलग-अलग संदेशों में राज्यों की समृद्धि और गौरव की कामना की।गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें नक्सलवाद को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं जो आदिवासी संस्कृति एवं कला से समृद्ध राज्य छत्तीसगढ़ के विकास और कल्याण में बाधा है। उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलवाद राज्य और देश में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारें 31 मार्च, 2026 तक लाल आतंक का पूरी तरह से सफाया कर देंगी और छत्तीसगढ़ में विकास के एक नए युग की शुरुआत करेंगी।'' शाह ने हरियाणा के लोगों को अपने संदेश में कहा कि यह राज्य अपने वीर सैनिकों और मेहनती किसानों के लिए जाना जाता है तथा इसने सुशासन और जन कल्याण के नए मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध हरियाणा की प्रगति और उन्नति की यह यात्रा सदैव निर्बाध रूप से जारी रहे। हरियाणा के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के सभी निवासियों को हार्दिक बधाई।'' मध्य प्रदेश के लोगों को राज्य के स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह राज्य सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण, प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त है और आज यह जन कल्याण, स्वच्छता एवं समृद्धि की ओर निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ईश्वर से राज्यवासियों की निरंतर प्रगति की प्रार्थना करता हूं।''शाह ने आंध्र प्रदेश के लोगों को भी राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी।उन्होंने कहा, ‘‘जीवंत संस्कृति, विरासत और उल्लेखनीय प्रतिभाओं की भूमि-आंध्र प्रदेश भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तहत राज्य की निरंतर समृद्धि की कामना करता हूं।'' गृह मंत्री ने कर्नाटक के भाइयों और बहनों को ‘राज्योत्सव' पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कर्नाटक के पास कला, नवोन्मेष और शिक्षा की समृद्ध विरासत है तथा राज्य के लोगों ने संस्कृति और राष्ट्र के विकास में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य समृद्धि और गौरव के साथ फलता-फूलता रहे।''शाह ने केरल के लोगों को राज्य स्थापना दिवस ‘पिरवी' के अवसर पर बधाई दी।उन्होंने कहा, ‘‘केरल अपनी कालातीत परंपराओं, प्राकृतिक सुंदरता और अपने लोगों की रचनात्मक भावना के साथ हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य में एक प्रकाशमान स्थान है। मैं राज्य की प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं।'' उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप का गठन एक नवंबर 1956 को हुआ था। पंजाब और हरियाणा का गठन 1966 में हुआ, जबकि छत्तीसगढ़ को 2000 में मध्य प्रदेश से अलग करके बनाया गया।
- पीएम ने जताया दुख, किया मुआवजे का ऐलानराज्य सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिएअमरावती/ आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में शनिवार को भगदड़ मच गई। इस घटना में 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में मची भगदड़ ने मुझे व्यथित कर दिया है। यह बहुत दुखद है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई। मैं पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर ने श्रीकाकुलम जिले के कासीबुग्गा स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।दरअसल मंदिर में एकादशी के चलते आम दिनों की तुलना में शनिवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रदालु पहुंचे। इसमें ज़्यादातर महिला श्रद्धालु थीं। इस दौरान किसी महिला श्रद्धालु के नीचे गिरने और रेलिंग टूटने के चलते भगदड़ मच गई। हादसे में अभी तक 10 लोगों की मौत की सूचना आ रही है। मंदिर में भगदड़ के बाद राज्य सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष मुआवजे का ऐलानहादसे पर पीएम मोदी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ से बहुत दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूँ कि घायल जल्द स्वस्थ हों। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
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नई दिल्ली। भारत डिजिटल इंडिया से लेकर डीप टेक, चंद्रयान से लेकर बायोइकोनॉमी और अन्य क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यह बयान प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को दिया गया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के एक आर्टिकल को रीपोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हम सभी के प्रयासों से, हमारा देश साइंस और इनोवेशन में ग्लोबल लीडरशीप को पुनर्परिभाषित कर रहा है और एक आत्मविश्वास से भरा आत्मनिर्भर भारत अब दुनिया को प्रेरित कर रहा है।”आर्टिकल में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लिखा कि वर्तमान में भारत टेक्नोलॉजी में फॉलोअर नहीं रहा है, बल्कि अन्य देशों को अपनी टेक्नोलॉजी के जरिए प्रेरित कर रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने आगे लिखा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशीप में देश ने साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में बड़ी बढ़त दर्ज की है, जिसमें डिजिटल सशक्तीकरण से लेकर स्पेस एक्सप्लोरेशन शामिल है।यूपीआई क्रांति ने डिजिटल पेमेंट्स को वैश्विक स्तर पर पुनर्परिभाषित किया है। भारत की बायोइकोनॉमी में बीते 10 वर्षों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है और यह 2024 में बढ़कर 165.7 अरब डॉलर हो गई है, जो कि 2014 में 10 अरब डॉलर थी। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, चंद्रयान और गगनयान मिशनों ने अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के बीच भारत की जगह पक्की कर दी है, जबकि 5जी की शुरुआत और डिजिटल कूटनीति ने कनेक्टिविटी और सशक्तिकरण को अंतिम छोर तक पहुंचाया है। भारत अब एआई के क्षेत्र में एक ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कृषि से लेकर स्वास्थ्य सेवा और शासन तक, हर क्षेत्र में इंटेलिजेंस और इनोवेशन पहुंचें।हाल ही में आई बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया कि इस वर्ष दीपावली से दशहरा तक के फेस्टिव सीजन में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए खर्च बढ़कर 17.8 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो कि बीते वर्ष की समान अवधि के 15.1 लाख करोड़ रुपए से 17 प्रतिशत अधिक है। यह दिखाता है कि लोग तेजी से डिजिटल की तरफ शिफ्ट हो चुके हैं। - कुशीनगर. इन-स्पेस मॉडल रॉकेटरी और कैनसैट प्रतियोगिता में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने छात्रों को अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बड़े सपने देखने और ऊंचे लक्ष्य रखने के लिए प्रेरित किया। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित चार दिवसीय मॉडल रॉकेटरी और कैनसैट राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 67 छात्र टीमों ने भाग लिया। इनमें मॉडल रॉकेटरी में 31 टीम और कैनसैट श्रेणी में 36 टीम थीं। प्रतियोगिता में 600 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।तुमकुहीराज में नारायणी नदी के तट पर हरे-भरे खेतों में स्थापित अस्थायी लॉन्चपैड से कुल 37 प्रक्षेपण सफलतापूर्वक किए गए। इनमें 13 मॉडल रॉकेटरी में और 24 कैनसैट में प्रक्षेपण किए गए। यह कैनसैट का दूसरा संस्करण है और प्रतियोगिता के पहले संस्करण में छात्रों द्वारा बनाए गए उपग्रहों को ड्रोन का इस्तेमाल करके ऊंचाई पर ले जाया गया था। आर वी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग-बेंगलुरु और एस वीकेएम तथा द्वारकादास जे सांगवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग-मुंबई ने क्रमशः मॉडल रॉकेटरी और कैनसैट प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार जीता। मॉडल रॉकेटरी में दूसरा और तीसरा पुरस्कार क्रमशः प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-कानपुर और निरमा यूनिवर्सिटी-अहमदाबाद को मिला। कैनसैट श्रेणी में दूसरा और तीसरा पुरस्कार क्रमशः दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग-बेंगलुरु और बिट्स पिलानी-हैदराबाद को मिला।हाल में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने शुक्ला ने प्रतिभागियों से कहा, "जब मैं आपकी उम्र का था, तो मुझे नहीं पता था कि इन सबका क्या मतलब है। इसलिए, यह बड़ा बदलाव है। आप अभी जो कर रहे हैं वह अद्भुत है।" शुक्ला के अलावा, इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका, देवरिया के सांसद शशांक मणि और आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क) के निदेशक ए के अनिल कुमार भी अंतिम दिन के कार्यक्रम में शामिल हुए। गोयनका ने कहा, "इन-स्पेस मॉडल रॉकेटरी और कैनसैट प्रतियोगिता प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों का निर्माण करने वाली प्रतिभाओं को प्रोत्साहित और तैयार करना है।"
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नई दिल्ली। देश के युवाओं को सशक्त बनाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने को लेकर मेरा युवा भारत (माई भारत’) केंद्र सरकार की एक ऐतिहासिक पहल बनकर उभरा है। केंद्र द्वारा शुक्रवार को दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अपनी शुरुआत के दो वर्ष से भी कम समय में ‘माई भारत’ 2 करोड़ से अधिक युवाओं और 1.20 लाख से अधिक साझेदार संगठनों को एक साथ जोड़कर देश का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफॉर्म बन गया है।
माई भारत पोर्टल एक केंद्रीय डिजिटल गेटवे के रूप में काम करता है, जो निर्बाध पंजीकरण, डिजिटल आईडी, अवसर मिलान और रीयल-टाइम प्रभाव डैशबोर्ड की सुविधा प्रदान करता है। 14.5 लाख से अधिक स्वयंसेवा के अवसरों के साथ, माई भारत अब 16,000 से अधिक युवा क्लब सदस्यों और 60,000 से ज्यादा संस्थागत भागीदारों के एक विशाल नेटवर्क को जोड़ता है। इनमें सरकारी निकाय, शैक्षणिक संस्थान और गैर-सरकारी संगठनों की भागीदारी शामिल है।युवाओं की भागीदारी को मोबाइल-फर्स्ट और अधिक सुलभ बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से इसी महीने की शुरुआत में ‘माई भारत’ मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है। यह ऐप पोर्टल के कोर फंक्शन को सुविधा और पहुंच के साथ एक साथ लाता है।यह प्लेटफॉर्म देश के युवाओं को सेवा कार्य, नेतृत्व और कौशल विकास के नए अवसर प्रदान कर रहा है। प्लेटफॉर्म की सफलता कई महत्वपूर्ण साझेदारियों और समझौता ज्ञापनों के जरिए और मजबूत हुई है।इसी कड़ी में 30 जून 2025 को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय तथा डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के बीच हुआ एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ, जो कि माई भारत 2.0 के विकास की दिशा में बड़ा कदम था।आधिकारिक जानकारी के अनुसार, भारत 2.0 एक नेक्स्ट-जेनरेशन, एआई- संचालित, मल्टीलिंग्वल प्लेटफॉर्म होगा, जो स्मार्ट टीवी बिल्डर, वॉइस-असिस्ट नेविगेशन, मेंटॉरशिप नेटवर्क और एक्सपेरिएंशियल लर्निंग मॉड्यूल जैसे फीचर्स को इंटीग्रेट करने के लिए डिजाइन किया गया है।इसके अलावा, 13 अगस्त 2025 को स्कूल ऑफ अल्टिमेट लीडरशिप फाउंडेशन (एसओयूएल) के साथ एक और बड़ी साझेदारी हुई है, जिसका उद्देश्य अगले तीन वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों के 1 लाख यूथ लीडर्स को ट्रेनिंग देना है। माई भारत 2.0 भविष्य में अपने दायरे को बढ़ाएगा। इसमें करियर काउंसलिंग, एआई-बेस्ड स्किल मैपिंग, उद्यमिता सहायता और डिजिटल सर्टिफिकेशन को जोड़कर इसे ग्लोबल साउथ का सबसे बड़ा युवा डिजिटल नेटवर्क बनाया जाएगा। -
-विभिन्न राज्यों/संघशासित प्रदेशों/CAPFs/CPOs के 1,466 कर्मियों को वर्ष 2025 के लिए 'केन्द्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक'
-केन्द्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक' विशेष अभियान, अन्वेषण, आसूचना और फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य को मान्यता एवं उच्च पेशेवर मानकों को बढ़ावा देगा-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में शुरू किया गया यह दक्षता पदक सभी पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाएगानई दिल्ली। विभिन्न राज्यों/संघशासित प्रदेशों/केन्द्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (CAPFs)/ केन्द्रीय पुलिस संगठनों (CPOs) के कुल 1,466 कर्मियों में से छत्तीसगढ़ के 222 पुलिस कर्मियों को वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित 'केन्द्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक' से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ पुलिस बल के लिए गौरव और प्रेरणा का विषय है।‘केन्द्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक’ पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को निम्नलिखित चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट कार्य, असाधारण प्रदर्शन और उच्च पेशेवर मानकों को स्थापित करने के लिए दिया जाता है:विशेष अभियान (Special Operations)अन्वेषण (Investigation)आसूचना (Intelligence)फॉरेंसिक विज्ञान (Forensic Science)प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में शुरू किया गया यह दक्षता पदक, छत्तीसगढ़ सहित देशभर के सभी पुलिस कर्मियों व अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने और उन्हें राष्ट्र सेवा में उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करने का एक सशक्त माध्यम है।केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 1 फरवरी, 2024 को 'केन्द्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक' की अधिसूचना जारी की गई थी। यह पदक पुलिस बलों, सुरक्षा संगठनों और खुफिया शाखाओं में सेवारत उन कर्मियों को सराहनीय कार्य के लिए दिया जाता है जिन्होंने परिचालन उत्कृष्टता, असाधारण जांच सेवा, अदम्य खुफिया सेवा और फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।इस प्रतिष्ठित पदक की घोषणा हर वर्ष 31 अक्टूबर को राष्ट्र निर्माता और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर की जाती है। यह दिन पुलिस बलों के समर्पण और राष्ट्र की एकता व सुरक्षा में उनके योगदान को याद करने का भी अवसर होता है।छत्तीसगढ़ के 222 सम्मानित कर्मियों की विस्तृत सूची गृह मंत्रालय की वेबसाइट - https://www.mha.gov.in पर उपलब्ध है। -
नई दिल्ली। एकता दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य ‘एकता परेड’ का समापन जैसे ही हुआ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी का दिल जीत लिया। परेड खत्म होते ही पीएम मोदी स्वयं मंच से उतरे और पूरे परेड मार्ग पर पैदल चलते हुए वहां मौजूद लोगों का उत्साहपूर्वक अभिवादन किया।प्रधानमंत्री मोदी जब आगे बढ़े तो वहां मौजूद लोगों ने ‘मोदी-मोदी, भारत माता की जय, जय श्री राम’ के नारे लगाते दिखे। परेड स्थल के दोनों ओर खड़े लोग पीएम मोदी को पास देखकर बेहद उत्साहित नजर आए। बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी ने हाथ हिलाकर और मुस्कुराकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। पीएम मोदी ने भी सभी को हाथ जोड़कर नमस्कार किया।पीएम मोदी की मौजूदगी में, देश ने भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया। इस मौके पर एक शानदार परेड हुई जिसमें भारत की अनेकता में एकता और महिला सशक्तीकरण को दिखाया गया। इस कार्यक्रम की खास बात महिला अधिकारियों की एक्टिव लीडरशिप थी।परेड में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और उसका बैंड, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) और सीआईएसएफ बैंड और आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल और त्रिपुरा की पुलिस टुकड़ियां शामिल थीं।अन्य हिस्सा लेने वाली यूनिट्स में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) बैंड, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) बैंड, दिल्ली पुलिस बैंड, एनसीसी फुट टुकड़ी, घुड़सवार और डॉग यूनिट, ऊंट टुकड़ी और ऊंट पर सवार बैंड, साथ ही नागरिक जिम्मेदारी और आधुनिकता का प्रतीक एक सफाई मशीन टुकड़ी भी शामिल थी। हर यूनिट ने अनुशासन, तालमेल और राष्ट्रीय गौरव का शानदार प्रदर्शन किया – जो एकता, शांति, सद्भाव और महिला सशक्तीकरण के विषयों को दिखाता है।प्रधानमंत्री मोदी ने सभी टुकड़ियों से सलामी ली और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दिखाने के उनके प्रयासों की तारीफ की। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास एकता नगर में हुई यह परेड सरदार पटेल की स्थायी विरासत को दिखाती है, जिन्होंने 562 रियासतों को मिलाकर एक एकीकृत भारत बनाया था।
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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शुक्रवार को तेलंगाना कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने राजभवन में हुए एक समारोह में अजहरुद्दीन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अजहरुद्दीन ने अल्लाह के नाम पर शपथ ली और शपथ के आखिर में ‘जय तेलंगाना’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाए।
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और अन्य मंत्री, स्पीकर गद्दम प्रसाद कुमार, विधान परिषद के चेयरमैन जी सुखेन्द्र रेड्डी, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।अजहरुद्दीन के बेटे मोहम्मद असदुद्दीन भी मौजूद थे, जिन्हें हाल ही में टीपीसीसी का महासचिव नियुक्त किया गया है। राज्य कैबिनेट ने अगस्त में अजहरुद्दीन को राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद सदस्य के तौर पर नॉमिनेट करने का फैसला किया था। अजहरुद्दीन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मिलने की संभावना है।पूर्व सांसद अजहरुद्दीन फिलहाल तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष और इसकी पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य हैं। 62 साल के अजहरुद्दीन को 11 नवंबर को होने वाले जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव से पहले कैबिनेट में शामिल किया गया है।पूर्व क्रिकेटर, जो 2023 में अपने गृह क्षेत्र से चुनाव हार गए थे, फिर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने नवीन यादव को मैदान में उतारने का फैसला किया और अजहरुद्दीन को कैबिनेट में जगह देने का वादा किया। अजहरुद्दीन के शपथ ग्रहण के साथ ही राज्य कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। वह रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में पहले मुस्लिम मंत्री होंगे।सत्ताधारी पार्टी को करीब दो साल पहले सत्ता में आने के बाद से ही एक भी मुस्लिम मंत्री न होने के कारण समुदाय के विभिन्न वर्गों की आलोचना झेलनी पड़ रही थी। अजहरुद्दीन समेत कांग्रेस पार्टी के सभी प्रमुख मुस्लिम उम्मीदवार 2023 के विधानसभा चुनावों में हार गए थे।अजहरुद्दीन को मंत्री बनाए जाने को कांग्रेस पार्टी का मुसलमानों तक पहुंचने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जो जुबली हिल्स में मतदाताओं का लगभग 30 प्रतिशत हैं।कैबिनेट का गठन 7 दिसंबर, 2023 को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और 11 मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ हुआ था। काफी देरी के बाद, 8 जून को तीन मंत्रियों को शामिल करके कैबिनेट का विस्तार किया गया। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने तीन पद खाली रखे। राज्य कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं।अजहरुद्दीन 2009 में कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के कुछ महीने बाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। कांग्रेस ने उन्हें 2014 में राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर से मैदान में उतारा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे।वर्ष 2018 में, उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार किया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें न तो विधानसभा और न ही लोकसभा चुनावों में टिकट दिया। - रांची,। झारखंड के रांची जिले में बृहस्पतिवार को टायर फटने के कारण एक यात्री वाहन के पलटने से उस पर सवार चार लोगों की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि राज्य की राजधानी से 45 किलोमीटर दूर बुंडू थाना क्षेत्र के गोसाईंडीह में दोपहर करीब दो बजे यह घटना हुई। पुलिस के अनुसार वाहन में 16 लोग सवार थे और ये लोग विभिन्न आदिवासी समूहों की ओर से ताऊ मैदान में आयोजित आदिवासी जन आक्रोश रैली में भाग लेने के लिए जा रहे थे। बुंडू थाना प्रभारी राम कुमार वर्मा ने बताया कि घायलों को उपमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) ओम प्रकाश ने ‘ कहा, ‘अगला टायर अचानक फट जाने के बाद चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और वाहन पलट कर खेत में जा गिरा।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई गई है।''
- नयी दिल्ली । रेल मंत्रालय ने देश की पहली 16 डिब्बों वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के संचालन की अनुमति देते हुए ट्रेन में साज-सज्जा और कारीगरी से जुड़ी समस्याओं पर चिंता जताई है। रेलवे बोर्ड ने अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के महानिदेशक और सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को संबोधित करते हुए हाल ही में एक लिखित पत्र में इन समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। बोर्ड ने कहा, “ट्रेन में कई जगहों पर साज-सज्जा और कारीगरी से जुड़ी समस्याएं हैं, जैसे सीट के आस-पास के हिस्से में नुकीले किनारे व कोने, खिड़की के पर्दे के हैंडल, बर्थ कनेक्टर के बीच पिजन पॉकेट, जिससे सफाई में समस्या आ रही है।” पत्र में बताया गया कि वर्तमान रेक में आवश्यक सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है और भविष्य में बनने वाली डिब्बों की रेकों के लिए आवश्यक डिजाइन सुधारों की भी आवश्यकता है। मंत्रालय के पत्र में जोनों को निर्देश दिया गया कि वे अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक के संचालन के लिए आरडीएसओ द्वारा निर्धारित सभी शर्तों का पालन करें। अधिकारियों ने स्वीकृति प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए जानकारी दी कि आरडीएसओ द्वारा किसी भी नई डिजाइन की गई ट्रेन के लिए मुख्य रेल सुरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद परिचालन शुरू करने की स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय के पास भेजा जाता है। अधिकारियों ने बताया, “परीक्षण के दौरान मुख्य रेल सुरक्षा आयुक्त अनुपालन के लिए आरडीएसओ को अपनी टिप्पणियां भेजता है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के मामले में आरडीएसओ ने एक सितंबर, 2025 को अपना अद्यतन अनुपालन भेजा था।”उन्होंने बताया कि मंत्रालय का 28 अक्टूबर का पत्र सभी जोन को भेज दिया गया क्योंकि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का रूट अब तक तय नहीं हुआ है। मंत्रालय ने अग्नि सुरक्षा उपायों, कवच 4.0 लगाने, लोको पायलट, ट्रेन प्रबंधक और संबंधित स्टेशन मास्टर के बीच उपयुक्त एवं विश्वसनीय संचार प्रणाली का प्रावधान, सभी प्रकार के ब्रेक सिस्टम का उचित रखरखाव आदि जैसे कुछ मुद्दों के अनुपालन की बात दोहराई है। मंत्रालय ने सभी जोन से कहा कि वे लोको पायलटों को आपात स्थिति में 15 मिनट के भीतर सेमी-परमानेंट कपलर को अलग करने का प्रशिक्षण दें और इस कार्य के लिए आवश्यक उपकरणों को चालक/गार्ड टूल किट का हिस्सा बनाया जाए। मंत्रालय ने बताया, “वातावरण की स्थिति और दरवाजों के बार-बार खुलने व बंद होने के मद्देनजर यात्रियों को आरामदायक स्थिति सुनिश्चित करने के लिए डिब्बों के अंदर तापमान का उचित स्तर बनाए रखा जाए।” मंत्रालय के मुताबिक, रास्ते में आने वाली तकनीकी समस्याओं और आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। मंत्रालय ने पत्र में कहा, “पीए सिस्टम के माध्यम से नियमित घोषणाएं की जाएंगी, जिसमें यात्रियों के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों को ट्रेन के प्रस्थान से पहले ट्रेन से उतरने की सूचना दी जाएगी। साथ ही, यात्रा के दौरान यात्रियों को व्यक्तिगत सुरक्षा मानदंडों के बारे में जागरूक करने के लिए तीन भाषाओं (क्षेत्रीय, हिंदी और अंग्रेजी) में पूर्व-रिकॉर्ड की गई यात्री सुरक्षा घोषणाएं भी की जानी चाहिए।” मंत्रालय ने सभी जोन को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के रखरखाव के लिए योग्य और समर्पित कर्मचारियों को तैनात करने के साथ-साथ इसके रखरखाव के लिए आवश्यक पुर्जों व उपभोग्य सामग्रियों की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।

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