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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को मुंबई में पहले ‘विश्व दृश्य-श्रव्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन' (वेव्स) का उद्घाटन करेंगे। यह चार दिवसीय कार्यक्रम है, जिसमें मीडिया और मनोरंजन जगत के दिग्गज शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मीडिया और मनोरंजन जगत की शीर्ष हस्तियों के साथ बातचीत कर सकते हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। इसमें अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, मोहनलाल, हेमा मालिनी और चिरंजीवी जैसे शीर्ष अभिनेताओं के भाग लेने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में विषय-आधारित पूर्ण सत्र और चर्चाएं होंगी, जिनका उद्देश्य भारत और अन्य स्थानों पर दृश्य-श्रव्य जगत के भविष्य को आकार देना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘वैश्विक मीडिया वार्ता' की अध्यक्षता कर सकते हैं, जिसमें कई देशों के मंत्री, मीडिया जगत के दिग्गज और नीति निर्माता भाग लेंगे। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई को वेव्स शिखर सम्मेलन का स्थायी स्थल बनाए जाने की उम्मीद है। इसे मीडिया और मनोरंजन जगत का सबसे बड़ा सम्मेलन कहा जा रहा है, जो कि व्यापार और अर्थव्यवस्था क्षेत्र के लिए दावोस में होने वाली विश्व आर्थिक मंच की बैठक के समान है। पहले दिन की शुरुआत 'लेजेंड्स एंड लेगेसीज: द स्टोरीज दैट शेप्ड इंडियाज सोल' शीर्षक पर एक पैनल चर्चा से होगी, जिसमें अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, मिथुन चक्रवर्ती, रजनीकांत, मोहनलाल और चिरंजीवी शामिल होंगे। इस सत्र का संचालन अभिनेता अक्षय कुमार करेंगे।
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नयी दिल्ली. लद्दाख के पहाड़ों में स्थित और ‘रैंचो स्कूल' के नाम से मशहूर ड्रुक पद्मा कार्पो स्कूल को आखिरकार अपनी स्थापना के दो दशक से भी ज्यादा समय बाद सीबीएसई से मान्यता मिल गई है। कई वर्षों के विलंब और अस्वीकृतियों के बाद यह मान्यता दी गई। वर्ष 2009 में आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘3 इडियट्स' से प्रसिद्धि पाने वाला यह स्कूल अब तक जम्मू-कश्मीर राज्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड (जेकेबीओएसई) से संबद्ध था। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में पारंपरिक ‘‘रटंत शिक्षा'' से हटकर नवीन शिक्षण तरीकों से पढ़ाई पर जोर देने के लिए सुधारों का प्रस्ताव किए जाने से बहुत पहले ही अपने नवीन शिक्षण तरीकों के लिए मशहूर यह स्कूल अब कक्षा 12 तक विस्तार करने की योजना बना रहा है। स्कूल की प्रधानाचार्य मिंगुर आंगमो ने कहा, ‘‘कई वर्षों की देरी के बाद हमें आखिरकार सीबीएसई से मान्यता मिल गई है और कक्षा 10 के हमारे पहले बैच के छात्र अब अपने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास सभी आवश्यक बुनियादी ढांचा, उत्कृष्ट परिणाम रिकॉर्ड और शिक्षण एवं सीखने के अभिनव तरीके होने के बावजूद इन वर्षों में कई प्रयासों के बाद भी हमें जेकेबीओएसई से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं मिली।'' केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के संबद्धता मानदंडों के अनुसार, स्कूलों को संबंधित राज्य बोर्ड से ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र' की आवश्यकता होती है। लद्दाख को केंद्र-शासित प्रदेश का दर्जा मिलने से पहले से ही स्कूल मंजूरी पाने की कोशिश कर रहा था। आंगमो ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचे का पहले से ही विस्तार किया जा रहा है और हम 2028 तक कक्षा 11 और 12 शुरू करने की योजना बना रहे हैं। हम अपने शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित कर रहे हैं, ताकि छात्रों को सीबीएसई पाठ्यक्रम के हिसाब से पढ़ाने में सुविधा हो सके। हमारे पढ़ाने के तरीके पारंपरिक कक्षा शिक्षण से अलग थे और सीबीएसई ने एनईपी के बाद अपनी शिक्षा पद्धति में भी सुधार किया है, इसलिए हमारे लिए दोनों को मिलाना आसान होगा।
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छत्रपति संभाजीनगर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने रविवार को कहा कि कैंसर से लड़ना नीति निर्माताओं के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और पिछले आठ वर्षों में उच्च गुणवत्ता वाले इलाज के लिए 3000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। वह यहां राज्य कैंसर संस्थान में ‘ट्रूबीम' सुविधा (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में इस्तेमाल होने वाला लीनियर एक्सेलरेटर) का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कैंसर के उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हमने जांच और पहचान के लिए अपने मानक को बढ़ा दिया है। 1,75,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) में मुंह, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच की गई है। हमने जांच के लिए 30 वर्ष की आयु अनिवार्य कर दी है। नीति निर्माताओं के लिए कैंसर का उपचार एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।'' नड्डा ने कहा कि मुंह के कैंसर को लेकर 26.70 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की गई है, जिसके बाद 1.63 लाख मामले सामने आए। उन्होंने कहा, ‘‘स्तन कैंसर के लिये 14.6 करोड़ लोगों की जांच की गई, जिसके परिणामस्वरूप 57,179 मामलों का पता चला। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को लेकर नौ करोड़ से अधिक लोगों की जांच की गई और 96,973 लोगों के इससे ग्रस्त होने का पता चला।'' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘ट्रूबीम सुविधा यहां उच्च स्तरीय उपचार उपलब्ध कराने में मदद करेगी। हमारी सरकार कैंसर से आक्रामक तरीके से लड़ रही है। कैंसर शब्द लोगों को डराता है, उन्हें भावनात्मक और आर्थिक रूप से तोड़ देता है। हम कम से कम समय पर हस्तक्षेप कर सकते हैं और सक्रिय रणनीति बनाकर मरीजों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।'' केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि 20 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और इतने ही तृतीयक कैंसर देखभाल संस्थान (टीसीसीसी) स्थापित किए गए हैं, जिनमें महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर और लातूर के भी संस्थान हैं। उन्होंने कहा कि हर साल 14.50 लाख लोगों में कैंसर पाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले आठ वर्षों में हमने उच्च गुणवत्ता वाले उपचार के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कैंसर हमारी सरकार के तहत एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र बन गया है। इसे पहले नजरअंदाज किया जाता था।'' नड्डा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कैंसर के इलाज में लोगों की मदद कर रही है।प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) योजना 1960 प्रकार की शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करती है, जिनमें से 219 विशेष रूप से कैंसर से संबंधित हैं। इससे गरीबों को फायदा हो रहा है। अब तक इस योजना के जरिए 68.43 लाख मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं। सरकार ने उपरोक्त पैकेज पर 13160 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।'' इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यहां शुरू की गई ‘ट्रूबीम' सुविधा राज्य में पहली ऐसी सुविधा है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले मराठवाड़ा के लोगों को कैंसर के इलाज के लिए मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल जाना पड़ता था। ट्रूबीम मशीन सुनिश्चित करेगी कि उन्हें यहीं पर उच्च गुणवत्ता वाला उपचार मिल सके। यहां पीईटी (पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी) स्कैन को भी मंजूरी दी गई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कैंसर खान-पान और जीवनशैली की आदतों के कारण फैल रहा है। हम कैंसर से लड़ने के लिए दो तरीके अपना रहे हैं। हम मरीजों का इलाज कर रहे हैं और बड़ी संख्या में लोगों की जांच कर रहे हैं।
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नयी दिल्ली.भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद गौतम गंभीर को धमकी भरे ईमेल भेजने के आरोप में कथित मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे इंजीनियरिंग के 21 वर्षीय छात्र को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान गुजरात के जिग्नेशसिंह परमार के रूप में हुई है और उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि आरोपी परमार ने 22 अप्रैल को गंभीर को एक संदिग्ध जीमेल अकाउंट से धमकी भरे ईमेल भेजे थे। यह वही दिन था जब आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम. हर्षवर्धन ने एक बयान में कहा, आरोपी ‘‘परमार इंजीनियरिंग का छात्र है। उसके परिवार का दावा है कि वह मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहा है। आगे की जांच की जा रही है।'' पुलिस ने पहले कहा था कि उसे गौतम गंभीर से जुड़े एक ईमेल आईडी पर कथित धमकी भरा मेल मिलने की जानकारी मिली है। धमकी भरे ईमेल के स्क्रीनशॉट के साथ राजेंद्र नगर पुलिस थाना में ईमेल के जरिये शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गंभीर को दो धमकी भरे ईमेल मिले थे, जिनमें लिखा था, ‘‘मैं तुम्हें मार दूंगा'' और भेजने वाले का नाम ‘‘आईएसआईएस कश्मीर'' था। डीसीपी ने बयान में कहा, ‘‘गौतम गंभीर को पहले से ही दिल्ली पुलिस की सुरक्षा प्राप्त है। हम विशिष्ट सुरक्षा व्यवस्था पर टिप्पणी नहीं करते हैं।'' यह पहली बार नहीं है जब गंभीर को धमकी मिली हो। इससे पहले 2022 में भी उन्हें इसी तरह की धमकियां मिली थीं, जिसके बाद अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी। -
पुणे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को यहां पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे के परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों को करारा जवाब मिलेगा। नड्डा ने कहा कि पूरा देश उम्मीद कर रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 अप्रैल के हमले का कड़ा जवाब देंगे। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। केंद्रीय मंत्री ने पुणे के कर्वेनगर में जगदाले के परिवार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने शहर के कोंढवा क्षेत्र में गणबोटे के परिवार से मुलाकात की। नड्डा ने जगदाले और गणबोटे की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके परिवार के सदस्यों से बात कर संवेदना व्यक्त की। नड्डा ने बाद में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर साझा करते हुए कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दिवंगत हुए संतोष जगदाले जी और कौस्तुभ गणबोटे जी के पुणे स्थित निवास पहुंचकर शोकाकुल परिजनों से भेंट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।'' उन्होंने कहा, ‘‘ इस कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य की हम निंदा करते हैं। भारतीय जनता पार्टी इस दुख की घड़ी में समस्त पीड़ित परिजनों के साथ खड़ी है।'' नड्डा ने कहा, ‘‘मैं समस्त देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आतंकी हमले से संबंधित लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। देश में आतंकवाद का समूल विनाश हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है।'' इससे पहले पुणे के प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने के बाद नड्डा ने ‘एक्स' पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘आज पुणे के प्रसिद्ध श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपती मंदिर में बप्पा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और देशवासियों के सुख, सौभाग्य व समृद्धि के लिए प्रार्थना की।'' उन्होंने कहा, ‘‘पहलगाम में हुए आतंकियों के कायराना हमले से समूचा देश व विश्व आक्रोशित है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार इस हमले में शामिल और षड्यंत्र करने वाले देश के दुश्मनों को कठोर सजा देगी।'' नड्डा ने कहा, ‘‘विघ्नहर्ता गणेश जी से प्रार्थना करता हूं कि वे समस्त देशवासियों को शक्ति और सम्बल प्रदान करें।''
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जम्मू. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले ग्रामीण अपनी हिफाजत के लिए तैयारी में जुट गए हैं। वे भूमिगत बंकरों को साफ करने के साथ कंटीले तारों के पास स्थित खेतों में लगी फसलों की कटाई कर रहे हैं। पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी से निवासियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में हजारों भूमिगत सुरक्षित आश्रय स्थल बनाए हैं। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि 2021 के बाद से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं कम हुई हैं। वर्ष 2021 में दोनों देशों ने संघर्ष विराम समझौते को नवीनीकृत किया था, लेकिन पहलगाम आतंकी हमलों के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों के बीच सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गई हैं। आर एस पुरा सेक्टर के त्रेवा गांव की पूर्व सरपंच बलबीर कौर ने कहा, ‘‘कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा। हमने भूमिगत बंकर तैयार करने का फैसला किया है, ताकि सीमा पार से गोलीबारी की स्थिति में हम खुद को बचा सकें।'' भारत पाकिस्तान के साथ 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें से 221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा और 744 किलोमीटर नियंत्रण रेखा जम्मू-कश्मीर में आती है। भारत और पाकिस्तान ने 25 फरवरी, 2021 को जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर नए सिरे से संघर्ष विराम लागू करने की घोषणा की, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के आसपास रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आई। भारत और पाकिस्तान ने शुरू में 2003 में एक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार इस समझौते का उल्लंघन किया। वर्ष 2020 में संघर्ष विराम के 5,000 से अधिक उल्लंघन दर्ज किए गए जो एक वर्ष में सबसे अधिक मामले थे। सीमा के आसपास रहने वाले लोगों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2017 में जम्मू, कठुआ और सांबा के पांच जिलों में 14,460 निजी और सामुदायिक बंकरों के निर्माण को मंजूरी दी थी। ये बंकर अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बसे गांवों को कवर करते हैं। बाद में सरकार ने संवेदनशील आबादी के लिए 4,000 से ज़्यादा बंकर को मंजूरी दी थी। बंकर सफाई अभियान की निगरानी कर रही कौर ने कहा कि वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारी सरकार सीमा पार बैठे आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे। हम उन सभी लोगों का खात्मा चाहते हैं जिन्होंने निहत्थे और निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या की है।'' एक ग्रामीण सेवा राम ने बताया कि महिलाएं बंकरों की सफाई में व्यस्त हैं, जबकि पुरुषों ने गेहूं की खड़ी फ़सल की कटाई कुछ दिन पहले करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम निहत्थे सैनिक हैं और दुश्मन का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।'' अधिकारियों ने बताया कि सांबा, कठुआ तथा पुंछ और राजौरी जिलों के गांवों से भी ऐसी ही सूचनाएं मिली हैं। पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास स्थित सलोत्री गांव के निवासी मोहम्मद फारूक ने कहा, ‘‘स्थिति तनावपूर्ण है और हम पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हमेशा की तरह अपने सैनिकों के पीछे मजबूती से खड़े हैं।'' जम्मू क्षेत्र की सीमा पर शांति बनी हुई है, लेकिन कश्मीर घाटी में बृहस्पतिवार से दो रातों तक संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। हालांकि, सीमा पार से गोलीबारी में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। दक्षिण कश्मीर में पहलगाम के पास लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर सैलानी थे। इस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकवादियों और इसकी साजिश रचने वालों को ‘‘उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा देने'' का संकल्प जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अब आतंकियों की ‘‘बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने'' का समय आ गया है। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए।
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तानी नागरिकों की चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले के बाद चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके 77 पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालु अब यात्रा नहीं कर पाएंगे।
चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा हैचारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक कुल 21 लाख से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है। यात्रा में भाग लेने के लिए विदेशों से भी 24,729 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। खास बात यह है कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए पाकिस्तान से भी 77 श्रद्धालुओं ने अपना नाम दर्ज कराया था।पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार सख्तदरअसल, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार सख्त है। इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित फैसला लेते हुए पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया। सुरक्षा कारणों से एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया गया है। इस वर्ष 100 से अधिक देशों के लोगों ने यात्रा में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है।विदेशी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई हैपाकिस्तानी नागरिकों की वापसी को लेकर प्रशासन ने आवश्यक कदम उठा उन्हें सुरक्षित तरीके से देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, अन्य विदेशी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।30 अप्रैल से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही हैबता दें कि 30 अप्रैल से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। यात्रा को लेकर प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। हर साल की तरह इस बार भी बाबा केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं 2 मई से शुरू होंगी, जब धाम के कपाट खुलेंगे। -
चतरा. झारखंड के चतरा जिले में शनिवार को एक वाहन के सड़क किनारे पेड़ से टकरा जाने से एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत हो गई तथा छह अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना सदर पुलिस थाना क्षेत्र के गंधारिया गांव के पास हुई।
सदर थाना प्रभारी बिपिन कुमार ने बताया कि राखेड़ गांव के झामुमो नेता अमरदीप प्रसाद का परिवार चार पहिया वाहन से इटखोरी प्रखंड स्थित माता भद्रकाली मंदिर में पूजा करने जा रहा था। उन्होंने बताया, "दोपहर करीब दो बजे मंदिर से लौटते समय चालक को झपकी आ गई और वाहन गंधारिया गांव के पास एक पेड़ से टकरा गया।" पुलिस ने बताया कि घायलों का पहले चतरा के सदर अस्पताल में इलाज किया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए उन्हें रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) रेफर कर दिया गया। मृतकों की पहचान प्रसाद की नवविवाहिता बेटी आम्रपाली कुमारी (26), उनकी बहन पिंकी देवी (40) और उनकी मां बिमली देवी (75) के रूप में हुई है। -
हमीरपुर . हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिले के करनेहरा गांव में शनिवार को ‘पाकिस्तान एयरलाइंस' लिखा विमान के आकार का गुब्बारा मिला। स्थानीय लोगों ने गुब्बारे को देखकर इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने इसे जब्त कर लिया। हमीरपुर के पुलिस अधीक्षक भगत सिंह ठाकुर ने कहा कि वह मामले की जांच कर रहे हैं। शुक्रवार को हमीरपुर और चंबा जिला आयुक्तों के कार्यालयों को उड़ाने की धमकी मेल के जरिए भेजे जाने के बाद तलाश अभियान प्रारंभ किया गया था। कर्मचारियों को बाहर निकाला गया और परिसर की तलाशी ली गई, लेकिन कुछ नहीं मिला। इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें कुछ लोगों को नादौन शहर में कुछ मुस्लिमों को परेशान करते हुए दिखाया गया है। स्थानीय थाना प्रभारी अधिकारी निर्मल सिंह ने वीडियो की पुष्टि की लेकिन कहा कि इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। -
लाहौर. वाघा सीमा के रास्ते पिछले तीन दिनों में 450 से अधिक भारतीय पाकिस्तान से स्वदेश लौट चुके हैं। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर वीजा रद्द होने के कारण ये लोग अपने देश लौट गये हैं। अधिकारियों ने यहां बताया कि शनिवार को रवाना होने वालों में 23 भारतीय भी शामिल हैं, जो पीएसएल (पाकिस्तान सुपर लीग) 2025 की प्रसारण कंपनी का हिस्सा थे। शनिवार को सीमा पार करने वाले भारतीयों की वास्तविक संख्या बाद में पता चलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को लगभग 300 भारतीय और बृहस्पतिवार को लगभग 100 भारतीय इसी रास्ते से स्वदेश लौटे। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 200 पाकिस्तानी नागरिक भी भारत से स्वदेश लौट आये हैं।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास शुक्रवार दोपहर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे और कई घायल हो गए। नयी दिल्ली में केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा-चौकी को तत्काल बंद करने समेत कई कदमों की घोषणा की थी। अटारी-वाघा सीमा भारत में अमृतसर और पाकिस्तान में लाहौर के निकट स्थित है।
अधिकारियों ने बताया कि सिख परिवारों समेत भारतीय मूल के कुछ विदेशी नागरिकों को भारतीय आव्रजन और सुरक्षा अधिकारियों ने पाकिस्तान में प्रवेश करने से रोक दिया। लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब में रहने वाले भारतीय मूल के कनाडाई सिख परिवार को कथित तौर पर वाघा सीमा के जरिए भारत में प्रवेश देने से मना कर दिया गया और उन्हें दुबई के रास्ते हवाई यात्रा करने की सलाह दी गई। बृहस्पतिवार को 105 भारतीय और 28 पाकिस्तानी नागरिक अपने-अपने वतन के लिए रवाना हुए थे।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 121वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश के युवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि युवाओं ने भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल दिया है।
भारत के युवाओं ने भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल दिया हैपीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम पूरी दुनिया में भारत की प्रतिभा की तारीफ होते देखते हैं। भारत के युवाओं ने भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल दिया है। किसी भी देश के युवा की रुचि किस तरफ है, किधर है, उससे पता चलता है कि देश का भविष्य कैसा होगा।आज भारत का युवा साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की ओर बढ़ रहा हैपीएम मोदी ने कहा कि आज भारत का युवा, साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की ओर बढ़ रहा है। ऐसे इलाके, जिनकी पहचान पहले पिछड़ेपन और दूसरे कारणों से होती थी, वहां भी युवाओं ने ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए हैं जो हमें नया विश्वास देते हैं।छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का विज्ञान केंद्र आजकल सबका ध्यान खींच रहा हैउन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का विज्ञान केंद्र आजकल सबका ध्यान खींच रहा है। कुछ समय पहले तक दंतेवाड़ा का नाम केवल हिंसा और अशांति के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वहां, एक साइंस सेंटर, बच्चों और उनके माता-पिता के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है। इस साइंस सेंटर में जाना बच्चों को खूब पसंद आ रहा है। वे अब नई-नई मशीनें बनाने से लेकर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके नए प्रोडक्ट्स बनाना सीख रहे हैं। उन्हें 3डी प्रिंटर्स और रोबोटिक कारों के साथ ही दूसरी इनोवेशन चीजों के बारे में जानने का मौका मिला है।साइंस और इनोवेशन के प्रति बढ़ता आकर्षण भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएगापीएम मोदी ने आगे कहा कि अभी कुछ समय पहले मैंने गुजरात साइंस सिटी में भी साइंस गैलरी का उद्घाटन किया था। इन गैलरी से ये झलक मिलती है कि आधुनिक विज्ञान की संभावना क्या है, विज्ञान हमारे लिए कितना कुछ कर सकता है? मुझे जानकारी मिली है कि इन गैलरी को लेकर वहां बच्चों में बहुत उत्साह है। साइंस और इनोवेशन के प्रति ये बढ़ता आकर्षण, जरूर भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पीड़ादायक बतायाबता दें कि पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पीड़ादायक बताया। पीएम मोदी ने इस बात का भरोसा भी दिलाया कि साजिश रचने वालों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा।( -
नयी दिल्ली. सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सकों ने एक जटिल रोबोटिक सर्जरी के जरिए 36 वर्षीय महिला के पेट से एक विशाल ‘एड्रेनल ट्यूमर' को सफलतापूर्वक निकाला है। सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप बंसल ने दावा किया कि 18.2 गुणा 13.5 सेंटीमीटर माप वाला ‘एड्रेनल ट्यूमर' अब तक का सबसे बड़ा ट्यूमर है, जिसे रोबोटिक सर्जरी द्वारा निकाला गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जोखिम भरी थी, क्योंकि ट्यूमर का न केवल आकार बहुत बढ़ गया था, बल्कि शरीर की तीन महत्वपूर्ण संरचनाओं - पीठ की नस, यकृत और दाहिने गुर्दे- तक भी फैल चुका था और खतरनाक तरीके से उनसे चिपक गया था। ‘यूरोलॉजी एवं रीनल ट्रांसप्लांट' विभाग के प्रमुख डॉ. पवन वासुदेव ने कहा कि आसपास की महत्वपूर्ण संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना ट्यूमर को पूरी तरह से हटाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि सटीक जगह पर चीरा लगाना ऐसी सर्जरी करने की कुंजी है और दा विंची रोबोट से प्राप्त 3डी तस्वीर तथा इसकी निपुण रोबोटिक भुजाओं के कारण जटिल सर्जरी को अधिक सटीकता के साथ करना संभव हो पाता है, जो आमतौर पर लैप्रोस्कोपी से संभव नहीं होता। डॉ. वासुदेव ने बताया कि इस मामले में सर्जरी तीन घंटे से अधिक समय तक चली और ट्यूमर को बिना किसी जटिलता के पूरी तरह से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी के अनेक लाभ हैं, जिनमें छोटा चीरा लगाना, सटीक कार्य, सर्जरी के बाद कम दर्द, अपेक्षाकृत शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और शीघ्र काम पर वापसी शामिल है।
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ में ले ली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने इस मामले में औपचारिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थीपहलगाम में मंगलवार को हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एनआईए की टीम बुधवार से ही पहलगाम में घटनास्थल पर मौजूद है और साक्ष्य जुटाने में जुटी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीमें आतंकियों के हमले के तरीके और उनके भागने के रास्तों का पता लगाने के लिए इलाके की बारीकी से जांच कर रही हैं। बैसरन घाटी में हुए इस हमले को कश्मीर के सबसे भयानक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है। एनआईए की टीमें उन चश्मदीदों से पूछताछ कर रही हैं, जिन्होंने इस खौफनाक मंजर को अपनी आंखों से देखा।एनआईए के एक आईजी, एक डीआईजी और एक एसपी की निगरानी में जांच चल रही हैएनआईए के एक आईजी, एक डीआईजी और एक एसपी की निगरानी में जांच चल रही है। ये टीमें आतंकियों के प्रवेश और निकास बिंदुओं की जांच कर रही हैं ताकि यह समझा जा सके कि हमलावर कैसे आए और कहां से भागे। फोरेंसिक विशेषज्ञों और अन्य जांच एजेंसियों की मदद से घटनास्थल की गहन छानबीन की जा रही है। इसका मकसद इस आतंकी साजिश का पर्दाफाश करना है, जिसने इतनी बड़ी त्रासदी को अंजाम दिया।केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया थाइससे पहले केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया था। -
नई दिल्ली। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार को निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
22 अप्रैल को हुए इस क्रूर हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी22 अप्रैल को हुए इस क्रूर हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ ने इस हमले को अंजाम दिया था। इस हमले ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक कूटनीतिक और सार्वजनिक आक्रोश पैदा कर दिया है।एफबीआई कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हैपटेल ने एक्स पर लिखा, “एफबीआई कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती है। एफबीआई भारत सरकार को अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेगी।” उन्होंने आगे कहा, “यह आतंकवाद की बुराइयों से हमारी दुनिया को लगातार होने वाले खतरों की याद दिलाता है।”अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और आतंकवादी कृत्य की कड़ी निंदा कीअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और आतंकवादी कृत्य की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और इस जघन्य हमले के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए भारत के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।”ट्रंप ने पहलगाम हमले को लेकर भारत- पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने से किया इनकारहालांकि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी लेकिन पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए रोम जाते समय जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने उस प्रस्ताव को दोहराने से इनकार कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह स्थिति को लेकर चिंतित हैं और क्या वह भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बात करने की योजना बना रहे हैं, ट्रंप ने जवाब दिया, “उस सीमा पर 1500 वर्षों से तनाव है।” उन्होंने कहा, “लेकिन वे किसी न किसी तरह से इसका समाधान निकाल लेंगे। मुझे यकीन है कि मैं दोनों नेताओं को जानता हूं।” मध्यस्थता करने का कोई इरादा न दिखाने के बावजूद, ट्रंप और उनके अधिकारियों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और भारत को समर्थन देने का वादा किया।( -
नई दिल्ली। दिग्गज अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल द्वारा अमेरिका को भेजे जाने वाले शिपमेंट की अगले साल से भारत में मैन्युफैक्चर करने की योजना की रिपोर्ट पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि अब मेक इन इंडिया वैश्विक स्तर पर जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक न्यूजपेपर की क्लिप को शेयर करते हुए लिखा, “वैश्विक स्तर पर मेक इन इंडिया।”
एप्पल अगले साल तक अमेरिका के लिए आईफोन की पूरी असेंबली भारत में स्थानांतरित करने की योजना बना रही हैउनका यह बयान मैन्युफैक्चरिंग में देश की बढ़ती क्षमताओं को दिखाता है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी एप्पल अगले साल तक अमेरिका के लिए आईफोन की पूरी असेंबली भारत में स्थानांतरित करने की योजना बना रही है। यह एप्पल की ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रेटजी में एक बड़ा कदम होगा क्योंकि कंपनी चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी व्यापार तनाव के कारण एप्पल पर अपना उत्पादन चीन से बाहर ले जाने का दबाव बना रहे हैंहालांकि, अंतिम निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत अपनी आपूर्ति श्रृंखला को कितनी तेजी से मजबूत कर सकता है और चीन एवं अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता कैसे आगे बढ़ती है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी व्यापार तनाव के कारण एप्पल पर अपना उत्पादन चीन से बाहर ले जाने का दबाव बना रहे हैं। ट्रंप ने हाल ही में पुष्टि की कि चीन के साथ टैरिफ पर चर्चा अभी भी जारी है।
भारत में एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर पहले से ही अपने ऑपरेशंस का विस्तार कर रहे हैंभारत में एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर पहले से ही अपने ऑपरेशंस का विस्तार कर रहे हैं। बेंगलुरु में फॉक्सकॉन का नया प्लांट इसी महीने चालू होने की उम्मीद है और यह पूरी क्षमता पर 20 मिलियन आईफोन का उत्पादन कर सकता है। भारत में एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता पहले से ही मजबूत है। पिछले साल, भारत में 22 बिलियन डॉलर के आईफोन असेंबल किए गए थे। मौजूदा समय में दुनिया भर में एप्पल के कुल आईफोन उत्पादन में भारत का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है, जो देश की मजबूत मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को दिखाता है। -
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए किसी भी समय, कहीं भी और किसी भी प्रकार से मुकाबले के लिए तैयार है। अपनी यही तैयारी प्रदर्शित करते हुए नौसेना ने सफलतापूर्वक एंटी-शिप फायरिंग की है। यह परीक्षण भारतीय नौसेना के जहाजों से किया गया। नौसेना की इस एंटी-शिप फायरिंग ने लंबी दूरी के सटीक आक्रामक हमले के लिए प्लेटफार्म, सिस्टम और चालक दल की तत्परता को पुनः प्रमाणित किया है।
भारतीय नौसेना किसी भी समय युद्ध के लिए तैयाररविवार को नौसेना ने बताया कि चालक दल की तत्परता को प्रदर्शित करने के लिए उन्होंने कई सफल एंटी-शिप फायरिंग की हैं। भारतीय नौसेना किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी तरह से राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए युद्ध के लिए तैयार हैं।पर्यटकों का नाम पूछ-पूछकर आतंकियों ने उन पर गोली चलाईगौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में दो सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं, जिनमें एक नौसेना अधिकारी भी थे। ये सैन्य अधिकारी भी अन्य सैलानियों की भांति परिवार के साथ छुट्टियां बिताने जम्मू-कश्मीर गए थे। मंगलवार को आतंकवादियों ने यहां पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और पर्यटकों का नाम पूछ-पूछकर आतंकियों ने उन पर गोली चलाई।नौसेना का विध्वंसक आईएनएस सूरत, दुश्मन की मिसाइल को हवा में नष्ट करने की क्षमता से है लैसजम्मू-कश्मीर स्थित पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 48 घंटे के भीतर ही भारत ने अपने शत्रुओं को एक सख्त संदेश देते हुए गुरुवार को एक महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण किया था। यह मिसाइल परीक्षण भारतीय नौसेना ने अपने डिस्ट्रॉयर आईएनएस सूरत पर अरब सागर में किया था। नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी थी। नौसेना के मुताबिक इस दौरान भारत के स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदने में कामयाबी हासिल की। नौसेना का यह विध्वंसक दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही नष्ट करने की क्षमता से लैस है।पाकिस्तानी सेना बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही हैआतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है। यही कारण है कि पाकिस्तानी सेना बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए अपनी चौकियों से फायरिंग कर रही है। 26-27 अप्रैल की रात को भी पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर के सामने के इलाकों में नियंत्रण रेखा के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की। भारतीय सैनिकों ने भी गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया है।भारतीय सेना पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैभारतीय सेना पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार है। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में कई महत्वपूर्ण बैठकें की हैं। सेना प्रमुख ने सेना की अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा भी की है। वहीं भारतीय नौसेना ने भी अपनी तैयारियों को मजबूती से प्रदर्शित किया है।( -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में पहलगाम हिंसा, अंतरिक्ष के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों, अन्नदाताओं के कड़े परिश्रम से लेकर वैश्विक पटल पर भारत का मान बढ़ाने समेत कई अहम मुद्दों से देशवासियों को रूबरू कराया। आइए पीएम मोदी के संबोधन की 5 प्रमुख बातों पर एक नजर डालते हैं।
पीएम मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा शोक व्यक्त कियाअपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक पीड़ितों के साथ है और इस हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, “आज जब मैं आपसे ‘मन की बात’ कर रहा हूं, तो मन में गहरी पीड़ा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी वारदात ने देश के हर नागरिक को दुख पहुंचाया है। पीड़ित परिवारों के प्रति हर भारतीय के मन में गहरी संवेदना है। भले वह किसी भी राज्य का हो, वह कोई भी भाषा बोलता हो, लेकिन वह उन लोगों के दर्द को महसूस कर रहा है, जिन्होंने इस हमले में अपने परिजनों को खोया है। मुझे अहसास है कि हर भारतीय का खून आतंकी हमले की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है। पहलगाम में हुआ यह हमला आतंक के सरपरस्तों की हताशा को दिखाता है, उनकी कायरता को दिखाता है।”प्रधानमंत्री ने दिवंगत वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन के योगदान को किया यादपीएम मोदी ने देशवासियों के नाम संबोधन में दिवंगत वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि कस्तूरीरंगन ने इसरो और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य किए। इसके साथ ही उन्होंने आर्यभट्ट सैटेलाइट की लॉन्चिंग के 50 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और बताया कि कैसे भारत अब एक ग्लोबल स्पेस पावर बन चुका है। साथ ही, चंद्रयान-3 और गगनयान जैसे मिशनों का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अब भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया है। आज बहुत से युवा स्पेस स्टार्टअप में नए झंडे लहरा रहे हैं। 10 साल पहले इस क्षेत्र में सिर्फ एक कंपनी थी, लेकिन आज देश में, सवा तीन सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप काम कर रहे हैं। आने वाला समय स्पेस में बहुत सारी नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। भारत नई ऊंचाइयों को छूने वाला है।प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन ब्रह्मा में भारत की भूमिका पर प्रकाश डालाहाल ही में म्यांमार में आए भूकंप की घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन ब्रह्मा में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। ऑपरेशन ब्रह्मा की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय टीम के साहसिक कार्यों की जानकारी दी। वैश्विक मानवीय प्रयासों में भारत की भागीदारी पर भी उन्होंने बात की। पीएम ने बताया कि भारत ने अफगानिस्तान और नेपाल को बड़ी मात्रा में वैक्सीन और दवाएं भेजी हैं। साथ ही, इथियोपिया में बच्चों के इलाज के लिए प्रवासी भारतीयों के प्रयासों की भी तारीफ की।प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सफलता का भी किया जिक्रप्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सफलता का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस अभियान के तहत देश भर में 140 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं और यह अभियान पर्यावरण की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यह अभियान उस मां के नाम है, जिसने हमें जन्म दिया और यह उस धरती मां के लिए भी है, जो हमें अपनी गोद में धारण किए रहती है। भारत की इस पहल को देखते हुए, देश के बाहर भी लोगों ने अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाए हैं।पीएम ने कर्नाटक, हिमाचल, केरल और राजस्थान जैसे राज्यों में सेब, केसर और लीची की अनोखी खेती के लिए किसानों की सराहना कीइसके अलावा, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में खेती में नवाचार का भी जिक्र किया। उन्होंने कर्नाटक, हिमाचल, केरल और राजस्थान जैसे राज्यों में सेब, केसर और लीची की अनोखी खेती के उदाहरण देकर किसानों की नवोन्मेषक सोच को सराहा। पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए विज्ञान और युवा प्रतिभा की सराहना भी की। दंतेवाड़ा और गुजरात साइंस सिटी जैसे उदाहरणों से यह जताया कि विज्ञान और नवाचार की ओर देश का युवा आगे बढ़ रहा है। -
बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि इसके जीएसएलवी प्रक्षेपण यान के दूसरे चरण को हाल ही में अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष वी नारायणन ने महेंद्रगिरि स्थित ‘इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स' (आईपीआरसी)से श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण परिसर के लिए रवाना किया। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि आईपीआरसी और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशकों ने भी 24 मार्च को आयोजित इस समारोह में भाग लिया। इसरो ने एक बयान में कहा, ‘‘यह तरल चरण भू तुल्यकालिक प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एफ16) के आगामी मिशन के लिए निर्धारित है, जो नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) उपग्रह को प्रक्षेपित करेगा।'' इसमें कहा गया है, ‘‘इस मिशन के लिए प्रक्षेपण अभियान की गतिविधियां अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में श्रीहरिकोटा में शुरू हो चुकी हैं।''
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नयी दिल्ली. भारत और चीन जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करेंगे। पांच साल के अंतराल के बाद यह यात्रा होने जा रही है। इस कदम को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध से बुरी तरह प्रभावित दोनों देशों के संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यह यात्रा जून से अगस्त तक दो मार्गों - उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथू ला के जरिए होगी। चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा का हिंदुओं के साथ-साथ जैन और बौद्धों के लिए भी बड़ा धार्मिक महत्व है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त 2025 तक होने वाली है।'' प्रारंभ में कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में यात्रा को निलंबित कर दिया गया था और बाद में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। (प्रधानमंत्री नरेन्द्र)मोदी-(चीनी राष्ट्रपति) शी (चिनफिंग) वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने पिछले कुछ महीनों में कई बैठकें कीं, जिनका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाना था। जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बीजिंग का दौरा किया और अपने चीनी समकक्ष सन वेइदोंग के साथ बातचीत की। बैठक में दोनों पक्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमत हुए थे। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘इस साल लिपुलेख दर्रे से उत्तराखंड होते हुए पांच जत्थे तथा नाथू ला दर्रे से सिक्किम होते हुए 10 जत्थे (मानसरोवर) यात्रा पर जायेंगे। हर जत्थे में 50 यात्री होंगे।'' यात्रा के लिए आवेदन संबंधित वेबसाइट पर जमा किए जा सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि आवेदकों में से यात्रियों का चयन उचित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रही है कि रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में इजाफा हो। केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में चयनित 51,000 से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद रोजगार मेले के 15वें संस्करण को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह युवाओं के लिए अभूतपूर्व अवसरों का समय है। उन्होंने डिजिटल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था वाला देश बना रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मोदी ने कहा कि ऑटोमोबाइल और फुटवियर उद्योगों में उत्पादन व निर्यात ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हुए हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा किए गए बदलाव का हवाला देते हुए कहा कि अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से माल प्रबंधन की मात्रा 2014 में 1.8 करोड़ टन थी, जो बढ़कर 14.5 करोड़ टन हो गई है, जबकि राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या पांच से बढ़कर 110 हो गई है और उनकी लंबाई 2,700 किलोमीटर से बढ़कर 5,000 किलोमीटर से अधिक हो गई है। मोदी ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह रही है कि विकास समावेशी रहा है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।
मोदी ने कहा कि इस साल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में शीर्ष पांच में से तीन ‘टॉपर' महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों में 10 करोड़ से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं। मोदी ने कहा कि इस दशक में युवाओं ने प्रौद्योगिकी, डेटा और नवाचार के क्षेत्र में भारत के उत्थान को गति दी है। उन्होंने कहा कि देश ‘रियल टाइम' डिजिटल लेनदेन में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि जब युवा राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान देते हैं, तो देश का तेजी से विकास होता है और वैश्विक मंच पर देश की एक अलग पहचान बनती है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार हर कदम पर यह सुनिश्चित कर रही है कि देश के युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ते रहें। ‘स्किल इंडिया', ‘स्टार्टअप इंडिया' और ‘डिजिटल इंडिया' जैसी पहलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के साथ-साथ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक खुला मंच प्रदान कर रही हैं। मोदी ने कहा कि भारत के युवा अपनी लगन व नवाचार के जरिए दुनिया को दिखा रहे हैं कि देश में कितनी अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई में आयोजित होने वाला विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) भी युवाओं के लिए वैश्विक मंच पर अपने कौशल दिखाने का एक बड़ा अवसर होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें कृत्रिम मेधा (एआई) और ‘इमर्सिव मीडिया' को समझने का भी मौका मिलेगा तथा यह कार्यक्रम डिजिटल कंटेंट के क्षेत्र में एक नयी ऊर्जा का संचार करेगा। उन्होंने कहा कि मीडिया, गेमिंग और मनोरंजन के क्षेत्र में नवाचार करने वालों के लिए ‘वेव्स' प्रतिभा दिखाने का एक अभूतपूर्व अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में सरकार ने ‘मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने और देश के युवाओं को वैश्विक मानकों के उत्पाद बनाने का अवसर प्रदान करने के लक्ष्य के साथ ‘मैन्युफैक्चरिंग मिशन' की घोषणा की है। मोदी ने कहा, ‘‘मैन्युफैक्चरिंग मिशन न केवल देश भर में लाखों एमएसएमई और छोटे उद्यमियों की मदद करेगा, बल्कि देश भर में रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा।'' -
नयी दिल्ली. सरकार ने शनिवार को मीडिया से रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण करने से बचने को कहा। साथ ही कहा कि इस तरह की सूचना देने से जाने-अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है। आतंकवादियों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया मंचों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय पूरी जिम्मेदारी से काम लें और मौजूदा कानूनों और नियमों का कड़ाई से पालन करें।'' परामर्श में यह भी कहा गया है कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है और परिचालन प्रभावशीलता तथा कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। परामर्श में करगिल युद्ध, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी पिछली घटनाओं का हवाला दिया गया, जब ‘‘अबाधित कवरेज से राष्ट्रीय हितों को लेकर प्रतिकूल परिणाम सामने आये थे।''
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गुवाहाटी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान समर्थक रुख अपनाने के आरोप में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिससे राज्य में इस तरह के मामलों में गिरफ्तार लोगों की संख्या 11 हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। शर्मा ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं है। दोनों देश दुश्मन राष्ट्र हैं और हमें ऐसे ही रहना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि कृषक मुक्ति संग्राम समिति के एक नेता को शुक्रवार को उसकी ‘भारत विरोधी टिप्पणी' के लिए गिरफ्तार किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कोई भी ऐसा रुख अपनाएगा, उसे गिरफ्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो हम उन पर रासुका के प्रावधान लगाएंगे। हम सभी (सोशल मीडिया) पोस्ट की समीक्षा कर रहे हैं और हमें जो भी राष्ट्र विरोधी लगता है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' शर्मा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि शुक्रवार रात श्रीभूमि जिले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि आरोपी ने फेसबुक पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद' लिखा था।
सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि कछार जिले में इसी तरह के आरोपों में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘कछार पुलिस ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है।'' मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि ‘ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट' (एआईयूडीएफ) के अमीनुल इस्लाम सहित दो लोगों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया जबकि शुक्रवार को राज्यभर में छह और गिरफ्तारियां की गईं। उन्होंने शुक्रवार को ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेगा जो पहलगाम में हुए जघन्य हमले के संबंध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का समर्थन और बचाव करता है।'' शर्मा ने बताया कि पहले पकड़े गए लोगों में से दो कछार जिले के सिलचर से तथा एक-एक हैलाकांडी, मोरीगांव, नगांव, शिवसागर, बारपेटा और विश्वनाथ से है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। -
अहमदाबाद. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शनिवार को कहा कि अहमदाबाद और सूरत में तलाश अभियान के बाद महिलाओं और बच्चों सहित एक हजार से अधिक अवैध बांग्लादेशी आप्रवासी हिरासत में लिए गए हैं और उनके निर्वासन के प्रयास जारी हैं। अहमदाबाद में कम से कम 890 और सूरत में 134 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया गया है। मंत्री ने इसे गुजरात पुलिस का अब तक का अपनी तरह का सबसे बड़ा अभियान बताया। संघवी ने गुजरात में रह रहे अवैध आप्रवासियों को आगाह किया कि वे खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करें, अन्यथा उन्हें पकड़कर निर्वासित कर दिया जाएगा। उन्होंने अवैध आप्रवासियों को शरण देने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी। वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संघवी ने सूरत में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को पकड़ने में ऐतिहासिक सफलता मिली है। अहमदाबाद पुलिस ने 890 और सूरत पुलिस ने 134 अवैध आप्रवासियों को पकड़ा है। यह राज्य में अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ गुजरात पुलिस का सबसे बड़ा अभियान है।'' उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों ने गुजरात आने से पहले भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने के लिए पश्चिम बंगाल में नकली दस्तावेज बनवाए। मंत्री ने कहा, ‘‘इनमें से कई लोग मादक पदार्थ तथा मानव तस्करी से जुड़े हैं, और जैसा कि हमने देखा कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए चार बांग्लादेशियों में से दो अलकायदा के ‘स्लीपर सेल' में काम करते थे। इन बांग्लादेशियों की पृष्ठभूमि और गुजरात में उनकी गतिविधियों की जांच की जाएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘जितनी जल्दी हो सके उनके निर्वासन के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी करने की व्यवस्था की गई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम देश के विभिन्न हिस्सों और गुजरात में पहुंचने के लिए उनके नकली दस्तावेजों की भी जांच करेंगे और नकली दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' संघवी ने कहा कि पुलिस को समूचे गुजरात में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार पाकिस्तानी नागरिकों को गुजरात छोड़ने का स्पष्ट आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि दूसरे देशों के नागरिक उनके राज्य में अवैध रूप से न रहें। मंत्री ने अभियान चलाकर पूरी रात ‘‘घुसपैठियों'' को सफलतापूर्वक पकड़ने के लिए अहमदाबाद शहर और सूरत पुलिस को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को इस बात का सबूत दिया जाएगा कि हिरासत में लिए गए लोगों ने उस राज्य (बंगाल) में कैसे फर्जी दस्तावेज बनवाए। अहमदाबाद में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने संवाददाताओं से कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है और दस्तावेजी और अन्य सबूतों के आधार पर उनकी राष्ट्रीयता का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जब पुलिस यह स्थापित कर लेगी कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं, तो केंद्र सरकार और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ समन्वय कर उनके निर्वासन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाएगी।'' सहाय ने कहा कि शुक्रवार आधी रात के बाद तीन बजे के आसपास अहमदाबाद और सूरत में एक साथ अभियान चलाया गया।
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देहरादून। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) ने केदारनाथ मंदिर में पर्यावरण मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए केदारनाथ नगर पंचायत और लोक निर्माण विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यूकेपीसीबी ने कहा कि ये नोटिस राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का पालन करते हुए जारी किए गए हैं। इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने केदारनाथ में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन और मलजल निपटान तंत्र के निरीक्षण के दौरान गंभीर खामियां पाई थीं। टीम ने पाया कि कूड़ेदानों से एकत्र ठोस अपशिष्ट को अलग करके एक छोटे गड्ढे में एकत्र किया जाता था, जिसका निर्माण तकनीकी रूप से सही तरीके से नहीं किया गया था और न ही सीमेंट का फर्श बनाया गया था। यूकेपीसीबी के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने केदारनाथ नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी को भेजे नोटिस में कहा कि वहां ‘लीचेट' संग्रह की कोई सुविधा भी नहीं थी। उन्होंने बताया कि टीम को यह भी पता चला कि अनुपचारित सीवेज को मंदाकिनी और सरस्वती नदियों में बहाया जा रहा है। टीम ने पाया कि केदारनाथ में 600 केएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माणाधीन है और मलजल का निपटान गड्ढों में किया जाता है। टीम ने पाया कि कुछ स्थानों पर शौचालय के सोखने वाले गड्ढे जरूरत से ज्यादा भरे हुए थे और उनकी नियमित सफाई की आवश्यकता है। नोएडा में रहने वाले सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अमित गुप्ता की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी। उन्होंने बताया कि एसटीपी का काम पूरा करने की मूल समयसीमा दिसंबर 2024 थी, जो अब बढ़ाकर मई 2025 कर दी गई है। संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोई भी अनुपचारित सीवेज नदियों में न जाए। नोटिस में यह भी कहा गया है कि निर्माणाधीन एसटीपी की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि हर साल चार धाम यात्रा के दौरान केदारनाथ में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। नोटिस में कहा गया है कि केदारनाथ नगर पंचायत के ईओ और गुप्तकाशी में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता यदि निर्देशों का पालन नहीं करते तो पर्यावरण क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा और उन्हें अन्य कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही 30 अप्रैल को चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी। केदारनाथ मंदिर दो मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज शनिवार को बताया कि अब तक ‘उड़ान योजना’ के तहत 625 हवाई मार्गों पर सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। इन मार्गों से देश के 90 हवाई अड्डे आपस में जुड़ गए हैं और 1.49 करोड़ से ज्यादा यात्रियों ने इसका लाभ उठाया है। गौरतलब है कि ‘उड़ान योजना’ 21 अक्टूबर 2016 को शुरू हुई थी और इसकी पहली उड़ान 27 अप्रैल 2017 को शिमला से दिल्ली के बीच भरी गई थी। इसका उद्देश्य देश के छोटे शहरों को भी हवाई यात्रा से जोड़ना और लोगों को सस्ती हवाई सेवाएं उपलब्ध कराना था। सरकार ने बताया कि भारत में हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 थी, जो अब 2024 तक बढ़कर 159 हो गई है। यानी पिछले 10 साल में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।
‘उड़ान’ योजना के तहत सरकार ने अब तक 4,023 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय सहायता (वीजीएफ) दी है ताकि कंपनियां दूरदराज के इलाकों में भी उड़ानें चला सकें। इससे छोटे शहरों में पर्यटन, स्वास्थ्य सेवाओं और व्यापार को बढ़ावा मिला है और स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ा है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि ‘उड़ान’ सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक बड़ा बदलाव है। इसने छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों को भी देश के हवाई नेटवर्क से जोड़ दिया है और आम आदमी के लिए हवाई यात्रा को सस्ता और आसान बना दिया है।