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नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय आज शनिवार को सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सावधानी बरतने और मौजूदा कानूनों तथा नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की गतिविधियों से संबंधित किसी भी प्रकार की “रियल टाइम कवरेज”, दृश्य प्रसारण या “स्रोत आधारित” जानकारी का प्रसारण नहीं किया जाना चाहिए। समय से पहले संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने से शत्रुतापूर्ण तत्वों को लाभ मिल सकता है और हमारे सुरक्षा बलों की कार्यकुशलता तथा उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
मंत्रालय ने अतीत के उदाहरण भी याद दिलाए हैं, जैसे करगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमला (26/11) और कंधार अपहरण की घटनाएं, जहां अनियंत्रित कवरेज ने राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था। इसलिए मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और आम नागरिकों से यह अपेक्षा की गई है कि वे न केवल कानूनी दायित्वों का पालन करें बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति नैतिक जिम्मेदारी भी निभाएं।एडवाइजरी में यह भी उल्लेख किया गया है कि पहले भी सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(p) का पालन करने का निर्देश दिया गया था। इस नियम के तहत “किसी भी आतंकवाद-रोधी अभियान की लाइव कवरेज को प्रतिबंधित किया गया है और मीडिया को केवल सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी की समय-समय पर ब्रीफिंग तक सीमित रहना होगा, जब तक कि अभियान समाप्त न हो जाए।” यदि किसी चैनल द्वारा इस नियम का उल्लंघन किया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।मंत्रालय ने दोहराया है कि सभी टीवी चैनल, मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता देश की सुरक्षा के लिए सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का पालन करें, और राष्ट्र सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें। यह एडवाइजरी सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के साथ जारी की गई है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को 15वें रोजगार मेला कार्यक्रम में 51,236 नव-नियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह कार्यक्रम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित हुआ इसमें देशभर के 47 केंद्रों से जुड़ा रहा। पीएम मोदी ने नए कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि अब वे भारत की अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, “आपकी लगन जितनी अधिक होगी, हम उतनी तेजी से विकसित भारत की ओर बढ़ेंगे।”
उन्होंने युवाओं की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि जब देश के विकास में युवा भागीदार बनते हैं, तो तेजी से तरक्की होती है। उन्होंने ‘स्किल इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी सरकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन पहलों ने नवाचार, स्वरोजगार और तकनीकी नेतृत्व को बढ़ावा दिया है।डिजिटल क्रांति में भारत की उपलब्धियों को उजागर करते हुए पीएम मोदी ने UPI, ONDC और GeM जैसी पहलों का उदाहरण दिया और इसके पीछे युवाओं की मेहनत को श्रेय दिया।प्रधानमंत्री ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित ‘मैन्युफैक्चरिंग मिशन’ की भी चर्चा की, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को गति देगा और युवा उद्यमियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा वाले उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने बताया कि ऑटोमोबाइल, फुटवियर, खादी और कुटीर उद्योग जैसे क्षेत्रों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है और खादी का कारोबार अब 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि जलमार्गों के माध्यम से माल ढुलाई 2014 में 18 मिलियन टन से बढ़कर आज 145 मिलियन टन हो गई है और राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 5 से बढ़कर 110 हो गई है, जो लगभग 5,000 किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं।पीएम मोदी ने मुंबई में 2025 में होने वाले ‘वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट’ (WAVES 2025) का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन एआई और नए मीडिया क्षेत्र में युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा और इसके तहत वर्कशॉप्स भी आयोजित की जाएंगी।महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने हालिया यूपीएससी परीक्षा परिणामों का जिक्र किया, जिसमें शीर्ष दो स्थान महिलाओं ने हासिल किए। उन्होंने कहा कि आज का युवा समावेशिता का प्रतीक बन चुका है। प्रधानमंत्री ने युवाओं से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में शामिल होकर अपनी मां के सम्मान में एक पौधा लगाने की अपील भी की।पीएम मोदी ने कहा, “हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे जो ‘विकसित’ भी होगा और ‘समृद्ध’ भी।” ये नई नियुक्तियां गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, राजस्व विभाग और उच्च शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों और संगठनों में की गई हैं। अक्टूबर 2022 से शुरू हुए रोजगार मेला अभियान के तहत अब तक 10 लाख से अधिक स्थायी सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। पहले रोजगार मेले में 75,000 और दिसंबर 2023 में आयोजित 14वें मेले में 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। -
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बीएसएफ भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे इलाकों में सख्ती बरत रहा है। इसी कड़ी में बीएसएफ ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में नाकाबंदी करके सर्च आपरेशन चलाया है। साथ ही अपनी क्विक रिएक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया है।
स्थानीय ग्रामीणों को अलर्ट रहने की अपील कीपंजाब के अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, फाजिल्का, पठानकोट व फिरोजपुर आदि जिलों में बहुत से गांव ऐसे हैं, जहां के किसानों की आधी जमीनें पाकिस्तान में और आधी भारत के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। बीएसएफ ने इलाके में अतिरिक्त जवानों की तैनाती करने के साथ ही साथ-साथ सीमा से सटे गांवों में भी पेट्रोलिंग और तलाशी अभियानों को बढ़ाया गया है। संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट देने के लिए स्थानीय ग्रामीणों को भी अलर्ट रहने की अपील की गई है।टीमें 24 घंटे गश्त के साथ-साथ किसी भी संदिग्ध हलचल का तत्काल जवाब देने के लिए तैनातबीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर अपनी क्विक रिएक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया है। यह टीमें 24 घंटे गश्त के साथ-साथ किसी भी संदिग्ध हलचल का तत्काल जवाब देने के लिए तैनात की गई हैं। बीएसएफ के साथ पंजाब पुलिस भी अपने स्तर पर सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर रही है। संवेदनशील जगहों पर नाके, चेकिंग अभियान और संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच चुका है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। इस हादसे के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इसमें 60 साल से पुराने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करना, पाकिस्तान दूतावास के सभी अधिकारियों को वापस भेजने आदि जैसे फैसले शामिल हैं। इसके अलावा सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया है। अटारी-वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार का एकमात्र जमीनी रास्ता है। सरकार के इस फैसले ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को लगभग पूरी तरह रोक दिया है।
अटारी-वाघा बॉर्डर: व्यापार का महत्वपूर्ण रास्ताअटारी-वाघा बॉर्डर, जो भारत के पंजाब में अमृतसर से 28 किलोमीटर और पाकिस्तान के लाहौर से 24 किलोमीटर की दूरी पर है, दोनों देशों के बीच व्यापार का एकमात्र जमीनी मार्ग रहा है। यह न केवल व्यापार के लिए बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। हर शाम होने वाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी दोनों देशों के जवानों के बीच एक अनोखा प्रदर्शन है, जो हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है। लेकिन व्यापार के लिहाज से यह चेकपोस्ट दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी थी।लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023-24 में इस बॉर्डर के जरिए 3,886.53 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ, जिसमें 6,871 ट्रकों की आवाजाही और 71,563 यात्रियों का आना-जाना शामिल था। इसके अलावा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से जनवरी 2025) में भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रोक के बावजूद 447.7 मिलियन डॉलर (लगभग 3,720 करोड़ रुपये) का सामान निर्यात किया।इन निर्यातों में मुख्य रूप से जरूरी सामान शामिल थे। इसमें दवाइयां 110.1 मिलियन डॉलर (लगभग 915 करोड़ रुपये), दवाओं के कच्चे माल (एपीआई) 129.6 मिलियन डॉलर (लगभग 1,077 करोड़ रुपये), चीनी 85.2 मिलियन डॉलर (लगभग 708 करोड़ रुपये), ऑटो पार्ट्स 12.8 मिलियन डॉलर (लगभग 106 करोड़ रुपये), उर्वरक 6 मिलियन डॉलर (लगभग 50 करोड़ रुपये) आदि मुख्य रूप से शामिल थे।दूसरी ओर, पाकिस्तान से भारत का आयात बहुत कम रहा, जो मात्र 0.42 मिलियन डॉलर (लगभग 3.5 करोड़ रुपये) था। इसमें कुछ खास कृषि उत्पाद शामिल थे, जैसे अंजीर: 78,000 डॉलर (लगभग 65 लाख रुपये), जड़ी-बूटियां (तुलसी और रोजमेरी) 18,856 डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) आदि।यह आंकड़ा दर्शाता है कि भले ही 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200% शुल्क लगा दिया था और ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था, लेकिन फिर भी दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार जारी रहा।क्या-क्या सामान था व्यापार में शामिल?अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए होने वाला व्यापार मुख्य रूप से रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ा था। भारत से पाकिस्तान को कई तरह के खाद्य पदार्थ और कच्चा माल निर्यात किया जाता था। आधिकारिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से सोयाबीन, पोल्ट्री फीड, सब्जियां (जैसे आलू, प्याज, टमाटर), लाल मिर्च, प्लास्टिक दाना, और प्लास्टिक यार्न जैसी चीजें निर्यात होती थीं। इसके अलावा, पंजाब से स्ट्रॉ रीपर्स (कृषि उपकरण) भी पाकिस्तान को भेजे जाते थे, जो वहां के किसानों के लिए महत्वपूर्ण थे।पाकिस्तान से भारत को सूखे मेवे (बादाम, पिस्ता, किशमिश, अंजीर), सूखी खजूर, जिप्सम, सीमेंट, कांच, रॉक सॉल्ट, और अलग-अलग जड़ी-बूटियां आयात की जाती थीं। इस रास्ते से ही अफगानिस्तान से आने वाले सामान, खासकर सूखे मेवे, भी भारत इसी रास्ते से पहुंचते थे। इसी के चलते यह बॉर्डर अफगानिस्तान के साथ भारत के व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि अफगान सामान पाकिस्तान के रास्ते इस चेकपोस्ट से भारत आता था।व्यापार की वैल्यू: कितना था कारोबार?अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए होने वाले व्यापार की वैल्यू समय के साथ उतार-चढ़ाव से गुजरी है। लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में इस मार्ग से 4,370.78 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जो 2022-23 में घटकर 2,257.55 करोड़ रुपये रह गया। लेकिन 2023-24 में इसमें उछाल आई और व्यापार बढ़कर 3,886.53 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान 6,871 कार्गो मूवमेंट्स दर्ज किए गए, जो व्यापारिक गतिविधियों में हल्की रिकवरी का संकेत देते हैं।हालांकि, दोनों देशों के बीच सीधा व्यापार 2019 के बाद से काफी कम हो गया था। 2019 में भारत ने पाकिस्तान से व्यापार पर सख्ती की और पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में भारत के साथ व्यापार रोक दिया था। फिर भी, तीसरे देशों (जैसे दुबई) के जरिए अप्रत्यक्ष व्यापार चलता रहा। -
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले की दुनियाभर में कड़ी निंदा हो रही है। विश्व के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर न सिर्फ हमले की निंदा कर रहे हैं बल्कि भारत के लिए अपना समर्थन भी जता रहे हैं। शुक्रवार को ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने पीएम मोदी से बात की।
पीएम कीर स्टार्मर ने कहा इस दुख की घड़ी में ब्रिटेन भारत के लोगों के साथ खड़ा हैविदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, “ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारतीय धरती पर हुए जघन्य आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इस बर्बर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि ब्रिटेन इस दुखद की घड़ी में भारत के लोगों के साथ खड़ा है।”नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा की हैएक अन्य पोस्ट में विदेश मंत्रालय ने बताया, “नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए दुखद व अमानवीय सीमा पार आतंकी हमले पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के सभी रूपों व अभिव्यक्तियों को खारिज किया ।” पोस्ट में कहा गया, “प्रधानमंत्री मोदी ने समर्थन और एकजुटता के लिए पीएम स्कोफ को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए नीदरलैंड के साथ मिलकर काम करने को तत्पर है।”फ्रांस ने कहा दुख की इस घड़ी में हम भारत के साथ मजबूती से खड़ा हैंइससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को ही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और कहा कि दुख की इस घड़ी में फ्रांस भारत और उसके लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने लिखा, “मैंने मंगलवार को हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के बारे में अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी से बात की, हमले में दर्जनों निर्दोष नागरिकों की दुखद मौत हो गई। दुख की इस घड़ी में फ्रांस भारत और उसके लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। फ्रांस अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जहां भी जरूरी होगा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।”अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी इस मुद्दे पर भारत के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया हैबता दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी इस मुद्दे पर पीएम मोदी से बात कर चुके हैं। दोनों ने इस जघन्य अपराध की निंदा की और भारत के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया।आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मारे गए लोगों में एक नेपाली पर्यटक भी शामिल है। -
नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी आज शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे हैं। यहां सेना के कमांडर्स ने जनरल द्विवेदी को मौजूदा हालात और आतंकियों के खिलाफ सेना द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सेना प्रमुख को नियंत्रण रेखा के मौजूदा हालात के बारे में भी जानकारी दी गई।
गौरतलब हो, आज सुबह नियंत्रण रेखा पर कुछ जगहों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी हुई, जिसकी शुरुआत पाकिस्तान ने की थी। भारतीय सेना ने इसका प्रभावी तरीके से जवाब दिया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आर्मी चीफ का यह दौरा काफी अहम है। भारतीय सेना प्रमुख यहां सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को श्रीनगर का यह दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वह महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर जाएंगे। आर्मी चीफ की इस विजिट के दौरान उन्हें आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी जा रही है।जम्मू कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के टॉप कमांडर्स आर्मी चीफ को सैन्य संरचनाओं की भी जानकारी देंगे। आर्मी चीफ कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा बलों द्वारा किए गए आतंकवाद विरोधी उपायों की भी जानकारी ले रहे हैं। आर्मी चीफ की इस विजिट के दौरान सेना की 15 कोर के कमांडर और राष्ट्रीय राइफल्स के अन्य कमांडर मौजूद रहे।सेना प्रमुख अवंतीपोरा में विक्टर फोर्स के मुख्यालय का दौरा करेंगे। यह सेना का एक डिवीजन है जो दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन का प्रभारी है। वह फील्ड पर ऑपरेशनल कमांडरों से मिलेंगे और प्राप्त इनपुट्स की समीक्षा करेंगे। सेना प्रमुख को मौजूदा ऑपरेशन की स्थिति तथा निकट भविष्य के लिए तैयार किए जा रहे सुरक्षा तंत्र के बारे में जानकारी दी जाएगी।जनरल द्विवेदी अपने जम्मू कश्मीर दौरे के दौरान श्रीनगर में चिनार कोर के मुख्यालय का भी दौरा करेंगे। यहां वे उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुचेंद्र कुमार तथा 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव से मुलाकात करेंगे। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में व्यापक सुरक्षा समीक्षा की जाएगी तथा सैन्य योजनाओं व आवश्यक बदलावों पर चर्चा की जा सकती है।आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सेना ने इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ सघन अभियान चला रखा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने मंगलवार को पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद से सेना व सुरक्षाबलों ने संदिग्ध स्थानों की घेराबंदी कर रखी है। सेना बल हेलीकॉप्टर के जरिए भी निगरानी कर रही हैं। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन के निधन पर दुख जताया। इसरो के पूर्व प्रमुख कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन का आज शुक्रवार को बेंगलुरु में निधन हो गया। उन्होंने 84 वर्ष की आयु में अपने बेंगलुरु स्थित आवास में आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि आज सुबह करीब 10 बजे उनका निधन हो गया। कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन सबसे लंबे वक्त तक इसरो चीफ के पद पर कार्यरत रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्स पर कहाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, ”यह जानकर दुख हुआ कि डॉ. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन अब हमारे बीच नहीं रहे। इसरो के प्रमुख के रूप में उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ज्ञान के प्रति अपने जुनून के साथ, उन्होंने विविध क्षेत्रों में भी बहुत योगदान दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने में मदद की, जो पहले से ही अगली पीढ़ी के निर्माण पर गहरा प्रभाव डाल रही है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”पीएम मोदी ने कहा-एक महान व्यक्तित्व डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से बहुत दुखी हूंप्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कस्तूरीरंगन से मुलाकात की पुरानी फोटो शेयर करते हुए लिखा, ”मैं भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक यात्रा में एक महान व्यक्तित्व डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से बहुत दुखी हूं। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति उनके निस्वार्थ योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने इसरो में कड़ी लगन से काम किया और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जिसके लिए हमें वैश्विक मान्यता भी मिली। उनके नेतृत्व में महत्वाकांक्षी उपग्रह प्रक्षेपण भी हुए और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया गया।”पीएम मोदी ने एक्स पर आगे लिखा, ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रारूपण के दौरान और भारत में शिक्षा को अधिक समग्र और दूरदर्शी बनाने के लिए डॉ. कस्तूरीरंगन के प्रयासों के लिए भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा। वे कई युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक उत्कृष्ट मार्गदर्शक भी थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, छात्रों, वैज्ञानिकों और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।”कस्तूरीरंगन ने नौ साल तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को शानदार ढंग से आगे बढ़ायाउल्लेखनीय है, डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में भारत सरकार के सचिव के रूप में (1994-2003) 9 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को शानदार ढंग से आगे बढ़ाया था। डॉ. कस्तूरीरंगन ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से ऑनर्स के साथ विज्ञान स्नातक और भौतिक विज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री ली और 1971 में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद में काम करते हुए प्रायोगिक उच्च ऊर्जा खगोल विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।इसरो के अध्यक्ष के रूप में उनके नेतृत्व में, अंतरिक्ष कार्यक्रम ने भारत के प्रतिष्ठित प्रमोचन यान, ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पी.एस.एल.वी.) के सफल प्रमोचन और संचालन और भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान (जीएसएलवी) सहित कई प्रमुख मील के पत्थर के साक्षी रहे। उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है। -
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बदले का काउंटडाउन शुरू हो गया है। डीडी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पहलगाम आतंकी हमले में जिन आतंकियों की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है उनके घरों को ध्वस्त किया गया है। इस क्रम में आसिफ शेख और आदिल थोकर के घरों को विस्फोट से ध्वस्त किया गया है।
आतंकवाद पर सेना का एक्शनइससे पहले पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों की पहचान की गई थी। आतंकियों के नाम आदिल हुसैन थोकर, अली भाई और हाशिम मूसा बताए गए हैं। इनमें से अली भाई और हाशिम मूसा पाकिस्तान के निवासी हैं।इससे पहले भारतीय सेना प्रमुख पहुंचे जम्मू-कश्मीरवहीं भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इस समय जम्मू-कश्मीर में मौजूद हैं। सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए यहां पहुंचे हैं। उन्होंने बादामी बाग कैंट में कोर कमांडर के साथ एक बैठक भी की है।रक्षा मंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों को दिए हैं उचित दिशा-निर्देशइसके अलावा नॉर्दन कोर के उच्चाधिकारियों के साथ भी उन्होंने समीक्षा बैठक की है। यहां ध्यान ये भी दिया जाना जरूरी है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों से बातचीत की थी और उन्हें उचित दिशा-निर्देश दिए थे।पीएम मोदी ने खुला ऐलान कर कहा था- ‘आतंकवादी मॉड्यूल को पूरे तरीके से किया जाएगा ध्वस्त’वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह खुला ऐलान किया था कि सभी आतंकवादी मॉड्यूल को पूरे तरीके से ध्वस्त कर दिया जाएगा। उसी के तहत भारतीय सेना प्रमुख का जम्मू-कश्मीर पहुंचना व कोर कमांडर से मुलाकात करना और समीक्षा बैठक करना अहम माना जा रहा है। यही नहीं सेना प्रमुख इसी सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात करने वाले हैं और यहां की स्थितियों के बारे में विचार-विमर्श करने वाले हैं।22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ था कायराना आतंकवादी हमलाबताना चाहेंगे, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है और पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की थी, जिसमें अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना और 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी निलंबित करना शामिल हैं। -
मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा, जहां पर वाटर टैक्सी की सुविधा उपलब्ध होगी। फडणवीस ने सरकार-संचालित नियोजन प्राधिकरण सिडको की समीक्षा बैठक में कहा कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘बहु-स्तरीय परिवहन संपर्क' स्थापित किया जाना चाहिए। फडणवीस ने कहा, “इस हवाई अड्डे पर वाटर टैक्सी की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। यह देश का पहला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा, जहां ऐसी सुविधा होगी। विमान मरम्मत की सुविधा के साथ अच्छी पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए। हवाई अड्डे तक सड़क, रेल, मेट्रो और जल परिवहन संपर्क के काम समय पर पूरे किए जाने चाहिए।” उन्होंने कहा, “मेट्रो स्टेशन से हवाई अड्डे तक बहु-स्तरीय परिवहन तंत्र बनाया जाए। नागरिकों को इस संबंध में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा जाए। सिडको के माध्यम से किए जा रहे कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय एवं आवास निर्माण के क्षेत्र में काम करने वालों की गुणवत्ता उच्च होनी चाहिए।
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देहरादून. गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट तीस अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर खुलने के साथ ही शुरू होने वाली इस वर्ष की चार धाम यात्रा की तैयारियों को परखने के लिए बृहस्पतिवार को यहां ‘मॉक ड्रिल' की गयी। आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने यहां बताया कि इस ‘मॉक ड्रिल' का आयोजन उन सात जिलों में किया गया जहां से होकर श्रद्धालु चारधामों-बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक पहुंचते हैं । उन्होंने बताया कि इन जिलों में जमीनी स्तर पर तैयारियों को परखने के लिए यह अभ्यास किया गया। उन्होंने कहा कि ‘मॉक ड्रिल' से यात्रा की तैयारियों को और अधिक मजबूत और पूर्णतया सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी । ‘मॉक ड्रिल' देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग और पौड़ी में की गयी । इसका आयोजन राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निकट पर्यवेक्षण में किया। रुहेला ने कहा कि ‘मॉक ड्रिल' का उद्देश्य चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों को एक मंच पर लाना था ताकि यात्रा के दौरान किसी भी आपदा और आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस उद्देश्य में काफी हद तक सफल रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि अभ्यास के दौरान विभिन्न विभागों के बीच अच्छा समन्वय दिखाई दिया हालांकि कुछ जगह कमियां भी मिलीं जिन्हें यात्रा शुरू होने से पहले दूर कर लिया जाएगा। - नयी दिल्ली. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिजनों को एक करोड़ रुपये देने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। एनएसई के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चौहान ने पहलगाम हमले पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “इस कठिन समय में पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाते हुए एनएसई ने उन्हें एक करोड़ रुपये देने का वचन दिया है।” उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “हम 22 अप्रैल, 2025 को कश्मीर में हुए दुखद आतंकवादी हमले से बहुत दुखी हैं, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई।” अनंतनाग जिले में पहलगाम के निकट बैसरन में मंगलवार को आतंकवादियों ने 26 लोगों को मार डाला था जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
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नयी दिल्ली. भारतीय नौसेना के मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस सूरत' ने मध्यम दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 70 किलोमीटर है।
नौसेना ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस सूरत' ने समुद्र में स्थित एक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक सटीक हमला किया, जो नौसेना की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।'' इसने कहा, ‘‘यह उपलब्धि स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।'' नौसेना ने कहा कि यह ‘‘मील का पत्थर'' राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए बल की ‘‘अटूट प्रतिबद्धता'' का सबूत है।
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मधुबनी . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को बिहार के मधुबनी में 13,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया तथा देश भर के पंचायती राज संस्थानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने गांवों का विकास किए बिना विकास नहीं कर सकता। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की। बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव संभावित हैं।
मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित बिहार आवश्यक है और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रगति का लाभ राज्य के सभी कोनों तक पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी का यह विचार कि गांवों को सशक्त किए बिना भारत का विकास नहीं हो सकता, पंचायती राज व्यवस्था के पीछे की अवधारणा है। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार वह भूमि है जहां से बापू ने सत्याग्रह का मंत्र दिया था। उनका मानना था कि जब तक गांव सशक्त नहीं होंगे, भारत का विकास नहीं होगा।'' उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को शुरू की गई परियोजनाएं राज्य में विकास को बढ़ावा देंगी और रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। मोदी ने कहा, ‘‘किसान ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, यह रीढ़ जितनी मजबूत होगी, गांव उतना ही मजबूत होगा और परिणामस्वरूप राष्ट्र भी।'' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पंचायतों ने सामाजिक भागीदारी को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, दलितों, महादलितों, पिछड़ों और अति पिछड़े समुदायों की बड़ी संख्या में महिलाएं जनप्रतिनिधि के रूप में काम कर रही हैं। यह वास्तविक सामाजिक न्याय और लोकतंत्र है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पंचायतों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है... दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया है तथा गांवों में 5.5 लाख से अधिक ‘कॉमन सर्विस सेंटर' स्थापित किए गए हैं।'' उन्होंने कहा कि 30,000 से अधिक नए पंचायत भवन भी बनाए गए हैं।
मोदी ने बिहार सरकार के ‘जीविका दीदी' कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि बिहार में महिला स्वयं सहायता समूहों को लगभग 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण होगा तथा देश भर में तीन करोड़ ‘लखपति दीदी' बनाने के लक्ष्य में योगदान मिलेगा। मोदी ने कहा कि गांवों में गरीबों के लिए घर, सड़कें, गैस कनेक्शन, पानी के कनेक्शन और शौचालयों का निर्माण हुआ है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों करोड़ रुपये आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछला दशक भारत के लिए बुनियादी ढांचे के विकास का दशक रहा है।''
केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में 10,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर और 800 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, जिससे लोगों का करीब 2,000 करोड़ रुपये का चिकित्सा खर्च बच गया है। मोदी ने दरभंगा में बनाए जा रहे एम्स का भी जिक्र किया। कार्यक्रम के दौरान चार नई ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई गई।
मोदी ने कहा कि पटना में मेट्रो परियोजनाएं जारी हैं और देश भर के दो दर्जन से अधिक शहर अब मेट्रो सुविधाओं से जुड़ चुके हैं। उन्होंने पटना और जयनगर के बीच ‘नमो भारत रैपिड रेल' सेवा शुरू करने की घोषणा की, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और बेगूसराय के लाखों लोगों को लाभ होगा। मोदी ने मिथिला और कोसी क्षेत्रों में बाढ़ को ‘‘स्थायी चुनौती'' बताया और कहा कि सरकार बिहार पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इस निवेश से बागमती, धार, बूढ़ी गंडक और कोसी जैसी नदियों पर बांधों के निर्माण में मदद मिलेगी और नहरों का विकास किया जाएगा, जिससे नदी के पानी से सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित होगी। प्रधानमंत्री ने मखाना बोर्ड की बजट घोषणा पर प्रकाश डाला, जिससे मखाना किसानों को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने चार नयी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जिनमें सहरसा और मुंबई के बीच ‘अमृत भारत एक्सप्रेस', जयनगर और पटना के बीच ‘नमो भारत रैपिड रेल', पिपरा-सहरसा तथा सहरसा-समस्तीपुर के बीच चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने सुपौल-पिपरा रेल लाइन, हसनपुर-बिथन रेल लाइन तथा छपरा और बगहा में दो लेन वाले रेल ओवरब्रिज का उद्घाटन किया। उन्होंने खगड़िया-अलौली रेल लाइन को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने गोपालगंज जिले के हथुआ में लगभग 340 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला रखी। यह संयंत्र थोक एलपीजी परिवहन को अधिक कुशल और आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाएगा। प्रधानमंत्री ने बिजली क्षेत्र में पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के तहत 1,170 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और 5,030 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन' के तहत बिहार के दो लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को लगभग 930 करोड़ रुपये की सामुदायिक निवेश निधि भी वितरित की। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास योजना-ग्रामीण के 15 लाख नए लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र सौंपे और देशभर के 10 लाख लाभार्थियों को किस्त जारी की। इनके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष श्रेणी राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025 प्रदान किए, जिसमें जलवायु कार्रवाई विशेष पंचायत पुरस्कार, आत्मनिर्भर पंचायत विशेष पुरस्कार और पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार शामिल हैं। -
नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दो दिन बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंच रहे हैं। यह दौरा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। जनरल द्विवेदी शुक्रवार को श्रीनगर और अन्य संवेदनशील इलाकों का दौरा करेंगे, जहां उन्हें आतंकी घटनाओं के बाद की स्थिति और आतंकियों के खिलाफ की जा रही सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी।
इस दौरे में कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात सेना के वरिष्ठ कमांडर सेना प्रमुख को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे। खासतौर पर आतंकवाद विरोधी अभियानों, सुरक्षा व्यवस्थाओं, और स्थानीय स्तर पर की जा रही निगरानी से जुड़ी बातें साझा की जाएंगी। सेना की श्रीनगर स्थित 15 कोर के कमांडर और राष्ट्रीय राइफल्स के अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित रहेंगे।गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें दो सैन्य अधिकारी भी शामिल थे। ये दोनों अधिकारी छुट्टियां बिताने अपने परिवार के साथ कश्मीर आए थे। आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अचानक गोलीबारी कर दी थी, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए। इस घटना के बाद सेना और सुरक्षाबलों ने इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। संदिग्ध स्थानों की घेराबंदी कर दी गई है और हेलिकॉप्टर से निगरानी भी की जा रही है।हमले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख से स्थिति की पूरी जानकारी ली और दोनों के बीच एक उच्चस्तरीय बैठक भी हुई। बैठक में रक्षा मंत्री ने सुरक्षा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह भी उसी शाम दिल्ली से पहलगाम के लिए रवाना हो गए थे। इससे पहले उन्होंने आईबी प्रमुख, जम्मू-कश्मीर के डीजी और सेना व सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की थी।सेना प्रमुख के इस दौरे को सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने और आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। केंद्र सरकार और सेना की ओर से स्पष्ट संकेत दिए गए हैं कि आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक समर्थन मिल रहा है। कई देशों के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े रहने का संकल्प दोहराया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को बर्बर और अमानवीय करार देते हुए भारत के लोगों और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने हमले की क्रूरता के बारे में बताया और कहा कि भारत दोषियों और उनके मददगारों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने भी प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की और हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भी पीएम मोदी से बातचीत की और हमले में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर खतरा है और लोकतांत्रिक देशों को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पार से हुई इस आतंकी घटना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत इसका डटकर और निर्णायक जवाब देगा। प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई इन बातचीतों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का पूरा समर्थन प्राप्त है और दुनिया आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के 48 घंटे के भीतर भारत ने दुश्मनों को कड़ा संदेश देते हुए गुरुवार को जंगी जहाज आईएनएस सूरत से मिसाइल परीक्षण किया। नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी है।
नौसेना के अनुसार, इस दौरान भारत के स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक जहाज आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदने में कामयाबी हासिल की है। परीक्षण के दौरान भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेश निर्मित निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में स्थित एक लक्ष्य पर सटीक हमला किया।यह देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह उपलब्धि स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में देश की बढ़ती ताकत को दर्शाती है। इसके साथ ही यह रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित भी करती है। यह देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति समर्पण का प्रमाण है।गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले ही डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से विकसित वर्टिकल-लॉन्च्ड शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (वीएलएसआरएसएएम) का सफल परीक्षण किया था। ओडिशा तट पर चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से 26 मार्च को दोपहर लगभग 12:00 बजे यह परीक्षण पूरा हुआ था। इस दौरान मिसाइल ने भूमि-आधारित वर्टिकल लॉन्चर से एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को बहुत नजदीकी रेंज और कम ऊंचाई पर नष्ट किया था।इस उड़ान परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए आवश्यक उच्च गति का प्रदर्शन किया था। वहीं,सैन्य शक्ति में जबरदस्त इजाफा करते हुए इसी माह भारत ने लड़ाकू विमान से दागे जाने वाले लंबी दूरी के ग्लाइड बम (एलआरजीबी) ‘गौरव’ का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 8 से 10 अप्रैल के बीच ‘गौरव’ लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम के सफल रिलीज ट्रायल्स को अंजाम दिया था। परीक्षण सुखोई-30 एमके-1 विमान से किए गए, जिसमें हथियार को विभिन्न वॉरहेड कॉन्फिगरेशन के साथ कई स्टेशनों पर एकीकृत किया गया था। इस प्रणाली के विकास में ‘डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन’ पार्टनर्स अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज का भी सहयोग रहा। परीक्षणों के दौरान इस बम ने लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक अत्यंत सटीक निशाना लगाया। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को जारी बयान में कहा, “कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) द्वारा लिए गए निर्णयों के क्रम में भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी हैं।”
बयान के मुताबिक, भारत द्वारा पहले से जारी सभी वैध वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद्द माने जाएंगे। हालांकि, पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल 2025 तक वैध रहेंगे। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को अपने संशोधित वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ना होगा।इसके साथ ही भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान यात्रा से बचने की सख्त सलाह दी गई है, जबकि जो भारतीय वर्तमान में पाकिस्तान में हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत लौटने का निर्देश दिया गया है। पहलगाम के बैसरन घास के मैदान में हुए इस आतंकी हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की जान चली गई,इसे पुलवामा 2019 के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए कड़े कदम उठाए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई CCS बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) अगली सूचना तक स्थगित रहेगी, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को स्थायी और ठोस रूप से त्यागने का प्रमाण नहीं देता। इसके अतिरिक्त, अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया गया है।वहीं सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग के सभी अधिकारियों को “Persona Non Grata” घोषित करते हुए उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। साथ ही, SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत जारी किए गए सभी वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं, और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। -
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े फैसले से बिलबिलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार खत्म करने का ऐलान किया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक बुलाई।
इस बैठक में भारत सरकार के सख्त फैसलों पर करीब दो घंटे तक चर्चा की गई। बैठक में पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ व्यापारिक संबंध खत्म करने की घोषणा की। इसके साथ ही भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। भारत के सिंधु जल समझौते को निलंबित किए जाने पर पाकिस्तान ने कहा कि पानी रोकना युद्ध जैसी कार्रवाई है।पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए निराधार और मनगढ़ंत बताया है। एनएससी का कहना है कि पहलगाम हमले को लेकर नई दिल्ली की ओर से पाकिस्तान को निशाना बनाने का अभियान पूरी तरह झूठ पर आधारित है। इस सिलसिले में एनएससी ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात भारतीय रक्षा, नौसेना और वायु सेना के सलाहकारों को निष्कासित करने का फैसला किया है और उन्हें तथा उनके सहायक कर्मचारियों को 30 अप्रैल तक पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दिया गया है।इसके साथ ही निर्णय लिया गया है कि भारतीय उच्चायोग में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या 30 अधिकारियों तक सीमित रहेगी और यही नियम भारत में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग पर भी समान रूप से लागू होगा।एनएससी ने भारत के सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को एकतरफा रूप से निलंबित करने के निर्णय का कड़ा विरोध किया है और इस मुद्दे को विश्व बैंक तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की घोषणा की है। समिति का कहना है कि विश्व बैंक इस संधि का एक पक्ष है, इसीलिए भारत को इस पर कोई भी एकतरफा निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।इसके अलावा एनएससी ने भारत द्वारा सीमा बंद करने के जवाब में वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद करने का फैसला भी किया है। समिति ने पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं की तैयारियों पर संतोष जताते हुए कहा है कि यदि भारत कोई दुस्साहस करता है तो उसे सख्त जवाब दिया जाएगा।पाकिस्तान ने भारत पर पलटवार करते हुए उस पर देश में अशांति फैलाने का आरोप लगाया है और कहा है कि भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव पाकिस्तान में पकड़ा गया था। उसने भारत के निर्देश पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार की थी। एनएससी ने भारत के हालिया निर्णयों को मोदी सरकार के पाकिस्तान विरोधी एजेंडे का हिस्सा बताया है।पाक प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, एनएससी की हालिया बैठक में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की मौत पर दुख जताया गया। इसके साथ ही 23 अप्रैल को भारत द्वारा उठाए गए कदमों को एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित, गैर-जिम्मेदाराना और कानूनी आधार से रहित बताया गया। समिति ने एक बार फिर कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच एक ‘अनसुलझा अंतरराष्ट्रीय विवाद’ बताया है। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।
आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगीउन्होंने मंच से ऐलान किया, ”आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं, भारत हर आतंकवादी और उसके सरगना की पहचान करेगा, उसे खोजेगा और उसे सजा देगा। हम उन्हें धरती के कोने-कोने तक खदेड़ेंगे। आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी। आतंकवाद को सजा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पूरा देश इस संकल्प पर अडिग है। मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति हमारे साथ है। मैं विभिन्न देशों के लोगों और नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं, जो इस मुश्किल समय में हमारे साथ खड़े हैं।”दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा हैपीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है, कोटि-कोटि देशवासी दुखी हैं। सभी पीड़ित परिवारों के दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। जिन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है। इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई और किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है। उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी था, कोई ओडिशा का था, कोई गुजराती था, कोई बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर कारगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है, हमारा आक्रोश एक जैसा है।देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया हैउन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी, सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलिइससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपनी बात प्रारंभ करने से पहले मैं आप सबसे प्रार्थना करना चाहता हूं, आप जहां हैं, वहीं अपने स्थान पर बैठकर ही 22 अप्रैल को जिन परिवारजनों को हमने खोया है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हम कुछ पल का मौन रखेंगे। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हमला करने वाले संदिग्ध तीन आतंकवादियों के पोस्टर जारी किए हैं और सूचना देने वालों के लिए हर आतंकवादी पर 20-20 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है।
अनंतनाग पुलिस ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में तीन आतंकवादियों के पोस्टर जारी करते हुए कहा है कि आदिल हुसैन ठोकर, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई के बारे में जानकारी देने वाले को 20-20 लाख रुपए का इनाम मिलेगा। तीनों को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का आतंकवादी बताया गया है और सभी तीनों पर 20-20 लाख रुपए का अलग-अलग इनाम रखा गया है।पुलिस ने आतंकवादियों के बारे में सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखने का आश्वासन भी दिया है। जानकारी देने के लिए पुलिस ने संपर्क नंबर 9596777666 (एसएसपी अनंतनाग) और 9596777669 (पीसी अनंतनाग) जारी किए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को तीनों आतंकवादियों के बारे में कोई जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें।पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के एक दिन बाद बुधवार को सुरक्षा बलों ने कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए थे। आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।पहलगाम हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना विदेश दौरा बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए थे। बुधवार शाम उन्होंने सुरक्षा को लेकर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की अध्यक्षता की जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया था कि भारत ने सिंधु जल समझौते को फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर उठाया गया है। -
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के पाकिस्तान के विरुद्ध लिए गए फैसलों का असर गुरुवार को अटारी वाघा बॉर्डर पर देखने को मिला। पाकिस्तान की तरफ से वीजा लेकर भारत में भ्रमण के लिए आने वाले किसी भी नागरिक को भारत में प्रवेश नहीं दिया गया। वहीं इधर से जाने वाले 42 पाकिस्तानी नागरिकों को पूछताछ के बाद अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया।
100 से अधिक यात्री भारत में घूमने के लिए अटारी वाघा सीमा पर पहुंचे थेदोनों देशों के बॉर्डर पर अटारी सीमा भारत के अधिकार क्षेत्र में आती है, जबकि वाघा सीमा पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र में आती है। सामान्य दिनों की भांति गुरुवार की सुबह करीब 11:00 बजे पाकिस्तान की तरफ से 100 से अधिक यात्री भारत में घूमने के लिए अटारी वाघा सीमा पर पहुंचे थे। इन पाकिस्तानी नागरिकों को भारत सरकार के लिए गए फैसले के बारे में जानकारी नहीं थी। इसके बावजूद भारतीय सैन्य अधिकारियों ने उन्हें नए फैसले से अवगत कराते हुए भारत में प्रवेश देने से इनकार कर दिया।पाकिस्तान सरकार की तरफ से अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गयापाकिस्तान सरकार की तरफ से अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है, जिसके चलते यह नागरिक काफी देर तक भारत-पाक सीमा पर ही बैठे रहे। पाक रेंजरों से बात के बाद वापस लौट गए। इस बीच भारत में घूमने के लिए आए पाकिस्तानी नागरिकों को बुधवार की रात लिए गए फैसले के बारे में पता चला तो आज सुबह वह अटारी बॉर्डर पर पहुंचे।42 पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी सीमा के रास्ते भेजा पाकिस्तानबीएसएफ के अधिकारियों ने पूछताछ के बाद 42 पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया। उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक तथा कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पाकिस्तान के साथ भारत का सीधा व्यापार तो बंद है, लेकिन अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते अटारी-बाघा सीमा के माध्यम से भारत में तरबूज, ड्राई फ्रूट, जीरा व सेंधा नमक आदि भारत में आता है।अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट, तरबूज व जीरा लेकर आए ट्रक बॉर्डर पर रुकेकिसी कारोबार को लेकर भारत, अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत अफगानिस्तान से भारत आने वाला सामान जब पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश करता है तो उसे भारत की सीमा तक पहुंचाने का जिम्मा पाकिस्तान के चालकों व परिचालकों का रहता है। ऐसे में भारत ने नया फैसला लिए जाने के बाद गुरुवार को अफगानिस्तान से आए करीब दो दर्जन ट्रक अटारी-बाघा सीमा पर रोक दिए गए। बीएसएफ तथा कस्टम के अधिकारी इस संबंध में विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क बना रहे हैं ताकि अफगानिस्तान से आए सामान को भारत में प्रवेश दिया जाए अथवा उन्हें वापस भेजा जाए। इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। - नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को कहा कि गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर की जांच के लिए स्वदेशी रूप से विकसित ‘एचपीवी डायग्नोस्टिक किट' तैयार है और यह भारतीय महिलाओं में दूसरे सबसे आम कैंसर की जांच के लिए किफायती तरीका साबित होगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) परीक्षण किट के सत्यापन के निष्कर्षों को साझा करने के लिए आयोजित एक बैठक में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए व्यापक जांच कार्यक्रम शुरू करने को लेकर निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी का आह्वान किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर से पीड़ित हर पांच में से एक महिला भारतीय है। बीमारी का देर से पता लगने से बचने की संभावना कम हो जाती है। गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर के कारण होने वाली वैश्विक मृत्यु दर में से 25 प्रतिशत भारत में होती है। सिंह ने कहा, ‘‘गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर के 90 प्रतिशत से अधिक मामले एचपीवी से जुड़े हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत मामले युवतियों को प्रभावित करते हैं। किफायती टीके, जांच और देखभाल सुनिश्चित करना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।'' समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा, ‘‘इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य किफायती, सुलभ जांच और यदि संभव हो तो बड़े पैमाने पर जांच करना है, जो तभी संभव है जब बड़े पैमाने पर निजी क्षेत्र की भागीदारी हो।'' एचपीवी परीक्षण किट जैव प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाइरैक), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-नयी दिल्ली, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) साथ ही उद्योग के भागीदारों द्वारा विकसित की गई है। शुरू में, समीक्षा बैठक के प्रतिभागियों ने मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में हुई मौतों पर शोक व्यक्त करने के लिए दो मिनट का मौन रखा। जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने बाइरैक में ‘ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया' (जीसीआई) के साथ अपनी साझेदारी के माध्यम से ‘भारत में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की जांच के लिए ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के स्वदेशी परीक्षणों को सत्यापित करने' के कार्यक्रम का समर्थन किया है। इसने भारत की प्रमुख अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर की जांच के लिए स्वदेशी रूप से विकसित, त्वरित आरटी-पीसीआर-आधारित एचपीवी डायग्नोस्टिक परीक्षण किट को सत्यापित किया।
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भुवनेश्वर. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में पत्नी और नौ वर्ष के बेटे के सामने जान गंवाने वाले ओडिशा के निवासी प्रशांत सत्पथी महीनों तक पैसे बचाकर कश्मीर की यात्रा पर गए थे और इसे लेकर काफी उत्साहित थे। प्रशांत के परिवार ने बुधवार को यह जानकारी दी। पर्यटक के बड़े भाई सुशांत ने बताया कि प्रशांत की मौत की खबर सुनकर मां सदमे के कारण कुछ बोल नहीं पा रहीं। उन्होंने कहा, "प्रशांत ने इस यात्रा के लिए महीनों तक पैसे बचाए थे और वह इसके लिए बहुत उत्साहित था।"
ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) में लेखा सहायक के रूप में कार्यरत प्रशांत (40) पत्नी और बेटे के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे। प्रशांत की पत्नी प्रियदर्शनी आचार्या ने जम्मू-कश्मीर के एक ओडिया समाचार चैनल को बताया, "जब हम बैसरन में रोपवे से उतर रहे थे, तभी प्रशांत के सिर में गोली लगी... वह वहीं ही गिर पड़े। सेना एक घंटे बाद आई।" प्रियदर्शनी, उनके बेटे तनुज कुमार सत्पथी और प्रशांत के तीन रिश्तेदार हमले की खबर सुनकर श्रीनगर पहुंच गए हैं। वे प्रशांत का शव लेकर आएंगे। शव बुधवार रात तक भुवनेश्वर लाए जाने की उम्मीद है। बालासोर जिले के रेमुना ब्लॉक के इशानी गांव में गम का माहौल है। स्थानीय लोग और राजनीतिक नेता प्रशांत सत्पथी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के निर्देशानुसार, दिल्ली में ओडिशा के रेजिडेंट कमिश्नर शव की वापसी के लिए समन्वय कर रहे हैं। स्थानीय लोग प्रशांत को श्रद्धांजलि देने के लिए शव को गांव लाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रशांत के परिवार ने कहा कि वे बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था कर रहे हैं और ओडिशा सरकार के प्रतिनिधियों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है। एक बैठक में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर गईं भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी प्रशांत के परिवार से मिलीं और उनकी पत्नी व बेटे को सांत्वना दी। इस बीच, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति (ओपीसीसी) ने अपनी राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में एक मिनट का मौन रखा और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की तथा पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घटना की निंदा करते हुए हिंदू जागरण मंच ने बुधवार शाम को भुवनेश्वर में पीड़ितों के लिए एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने की योजना बनाई है। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री माझी, नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीकांत जेना और कई गणमान्य लोगों ने हमले की कड़ी निंदा की है। -
नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर लद्दाख की अपनी दो दिवसीय यात्रा रद्द कर दी है। सिंह को 25 और 26 अप्रैल को लद्दाख का दौरा करना था।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री ने लद्दाख की अपनी आगामी यात्रा रद्द कर दी है।
पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिससे भारत और विदेश में व्यापक आक्रोश फैल गया। बुधवार को सिंह ने करीब ढाई घंटे की बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह भी शामिल हुए। -
पटना. भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की सूर्य किरण एरोबेटिक टीम (एसकेएटी) ने बुधवार को बिहार की राजधानी में गंगा नदी के किनारे जे पी गंगा पथ के ऊपर आसमान में अपने एयर शो से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शौर्य दिवस के अवसर पर सूर्य किरण टीम के नौ अत्याधुनिक हॉक-132 विमानों ने पटना के आसमान में हतप्रभ कर देने वाली कलाबाजियां दिखाईं। शौर्य दिवस हर साल स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की ब्रिटिश सैनिकों पर जीत के जश्न को लेकर मनाया जाता है। कुंवर सिंह को बाबू वीर कुंवर सिंह के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 1857 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहले स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के भोजपुर क्षेत्र से आंदोलन का नेतृत्व किया था। यह पहला मौका था जब भारतीय वायुसेना की एसकेएटी टीम ने पटना के आसमान में एयरशो किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘बुधवार को पटना के सभ्यता द्वार के सामने बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और इस भव्य एयर शो को देखा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य गणमान्य लोगों ने भी इस शानदार एयर शो को देखा।'' सीएमओ के बयान में कहा गया है, ‘‘लाल और सफेद रंग के हॉक एमके-132 जेट विमानों को उड़ाते हुए इस विशिष्ट टीम ने कई हैरतअंगेज करतब दिखाए। हर प्रदर्शन पायलटों की बेजोड़ विशेषज्ञता और समन्वय का प्रमाण था।'' रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि ‘भारतीय वायु सेना के राजदूत' सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम अपनी सटीकता, कौशल और टीम भावना के लिए प्रसिद्ध है।