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नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले में शामिल लोगों को ‘‘निकट भविष्य'' में मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और भारत ऐसी किसी भी आतंकवादी गतिविधि से ‘‘भयभीत'' नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत न केवल उन लोगों को ढूंढ़ेगा जिन्होंने हमला किया, बल्कि उन लोगों का भी पता लगाएगा जिन्होंने ‘‘पर्दे के पीछे बैठकर'' भारतीय धरती पर इस नापाक कृत्य को अंजाम देने की साजिश रची। आतंकवादियों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम में हमला किया जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। रक्षा मंत्री ने वार्षिक अर्जन सिंह स्मारक व्याख्यान देते हुए यह टिप्पणी की।
संबोधन से कुछ घंटे पहले सिंह ने लगभग ढाई घंटे की बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘कल पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा धर्म को निशाना बनाकर किए गए कायराना हमले में हमारे देश ने कई निर्दोष नागरिकों को खो दिया। इस अत्यंत अमानवीय कृत्य ने हम सभी को गहरे दुख और पीड़ा में डाल दिया है।'' सिंह ने कहा, ‘‘मैं इस मंच से देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस घटना के मद्देनजर भारत सरकार हर वह कदम उठाएगी जो आवश्यक और उचित होगा।'' रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत इतनी पुरानी सभ्यता और इतना बड़ा देश है कि वह किसी भी आतंकवादी गतिविधि से भयभीत नहीं हो सकता।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को निकट भविष्य में मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।''
सिंह ने पहलगाम में हुए हमले को ‘‘अत्यंत अमानवीय'' बताया, जिसने ‘‘हम सभी को अत्यंत दुखी कर दिया है''। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। दुख की इस घड़ी में मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के इस दृढ़ संकल्प को दोहराना चाहूंगा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति कतई बर्दाश्त नहीं करने (जीरो टॉलरेंस) की है।'' सिंह ने कहा कि भारत का हर नागरिक इस कायराना कृत्य के खिलाफ एकजुट है।
सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में उत्पन्न स्थिति के सभी संभावित पहलुओं पर चर्चा की गई। सूत्रों ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया।
बताया जा रहा है कि सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया है। बैठक में सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें सेना की तैनाती भी शामिल थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए मंगलवार को कहा था कि इस ‘‘घृणित कृत्य'' के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। आतंकवादी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर कई बैठकें हो चुकी हैं।
मोदी सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा बीच में ही समाप्त कर आज सुबह नयी दिल्ली लौट आए।
गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा व्यवस्था की अगुवाई करने के लिए मंगलवार शाम श्रीनगर पहुंचे थे।
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार 24 अप्रैल को एक सर्वदलीय बैठक बुलाने जा रही है। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह बैठक आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा और राजनीतिक एकजुटता पर चर्चा के लिए आयोजित की जा रही है। इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई, जो दो घंटे से अधिक चली। प्रधानमंत्री मोदी ने इस गंभीर घटना को देखते हुए अपना सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़ कर बुधवार सुबह ही दिल्ली लौटकर बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर 7, लोक कल्याण मार्ग पर CCS की बैठक की अध्यक्षता की।”
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत कई शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। गौरतलब है कि यह आतंकी हमला गत मंगलवार को अनंतनाग जिले के पाहलगाम क्षेत्र के बैसरन घास के मैदान में हुआ, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे भीषण आतंकी घटना माना जा रहा है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि सरकार आतंकियों और उनके मददगारों को “जवाब देने में देर नहीं करेगी”। उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम हैं और यह हमला एक करारा जवाब पाएगा।” इसी मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी 24 अप्रैल को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) में दोपहर 3 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक घाटी में राजनीतिक सहमति और साझा रणनीति पर विचार के लिए है।इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने आज बुधवार को अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) जाकर घायल पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने बैसारन घाटी के हमले वाले स्थल का हवाई सर्वेक्षण भी किया और वहां उतरकर जमीनी हालात की भी समीक्षा की। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क हो गया है। इस हमले में पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जिससे पर्यटन वाले राज्यों में भी विशेष निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
मुंबई जिला प्रशासन ने प्रभावित पर्यटकों को सहायता प्रदान करने के लिए आपातकालीन हेल्प डेस्क की स्थापना की हैमुंबई जिला प्रशासन ने संभावित पर्यटक प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के लिए आपातकालीन हेल्प डेस्क की स्थापना की है। जिला प्रशासन ने मुंबई शहर और जिले के नागरिकों से आग्रह किया है कि यदि उनका कोई रिश्तेदार या परिचित जम्मू-कश्मीर में है, तो वे तुरंत नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। इसके लिए जिला नियंत्रण कक्ष, मुंबई: 022-22664232, हेल्पलाइन: 8657106273, 7276446432, श्रीनगर में टूरिस्ट हेल्प डेस्क: 0194-2483651, 0194-2457543 फोन नंबर जारी किए गए हैं।उत्तराखंड के हरिद्वार में एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में पुलिस ने पूरे जिले में सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया हैवहीं, उत्तराखंड के हरिद्वार में एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में पुलिस ने पूरे जिले में सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, हर की पौड़ी, घाटों और मंदिरों जैसे प्रमुख स्थलों पर सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। एसएसपी डोबाल ने कहा, “चारधाम यात्रा से पहले सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। पुलिस हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है और हर संभव एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं।”पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैंपंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य में सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार उन नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रयासरत है, जो जम्मू-कश्मीर में इस हमले के चलते कहीं रुक गए हैं। मुख्यमंत्री मान ने कहा, “कोई भी धर्म निर्दोष और निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाने की इजाजत नहीं देता। हमें इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा करनी चाहिए।”देश की राजधानी दिल्ली में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई हैउन्होंने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले धार्मिक पर्यटन पर भी राज्य सरकार विशेष नजर बनाए हुए है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इसके अलावा देश की राजधानी दिल्ली में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। ऐतिहासिक इमारतों और धार्मिक स्थलों के बाहर सुरक्षा में जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही पेट्रोलिंग भी की जा रही है। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई, जो दो घंटे से ज्यादा चली। बैठक में देश की सुरक्षा और पाकिस्तान को जवाब देने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इस भीषण आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं।
बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि इस हमले में सीमा पार आतंकवाद की स्पष्ट भूमिका सामने आई है। उन्होंने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में सफलतापूर्वक हुए शांतिपूर्ण चुनाव और क्षेत्र में विकास की दिशा में बढ़ते कदमों के बीच किया गया है, जिसे भारत सरकार ने गंभीरता से लिया है।सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबितसरकार ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। सबसे पहले 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही अटारी एकीकृत चेकपोस्ट को भी बंद करने का फैसला लिया गया है। हालांकि, जिन लोगों ने वैध दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश किया है, उन्हें 1 मई 2025 तक वापस लौटने की अनुमति दी गई है।इसके अलावा, भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत दी गई सभी छूटों को रद्द कर दिया है और SPES वीजा भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। भारत में SPES वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘persona non grata’ घोषित कर दिया गया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा। उच्चायोग में पाकिस्तानी स्टाफ की संख्या भी घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी, जो 1 मई तक लागू होगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि दोषियों को सजा दी जाएगी। उन्होंने लिखा, “मैं पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करता हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प और मजबूत होगा।”वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में आयोजित अर्जन सिंह मेमोरियल लेक्चर के दौरान कहा कि भारत इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने कहा, “भारत एक प्राचीन और मजबूत सभ्यता है, जिसे आतंकवाद से डराया नहीं जा सकता। जल्द ही इस हमले के जिम्मेदारों को सजा दी जाएगी और भारत हर जरूरी कदम उठाएगा।” उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति में कोई ढील नहीं दी जाएगी और पूरा देश इस कायराना हमले के खिलाफ एकजुट है।- -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में सुरक्षा को लेकर उच्च स्तर पर चिंतन और कार्रवाई जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली लौटने के तुरंत बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। पीएम इस बैठक के लिए सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर लौटे। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना और आगे की रणनीति तय करना था।
बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण हमले में निर्दोष लोगों की जान गई, जिससे सरकार बेहद दुखी है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हैं। हम सिर्फ हमले को अंजाम देने वालों तक नहीं रुकेंगे, बल्कि पर्दे के पीछे बैठे साजिशकर्ताओं को भी पकड़ेंगे। जल्द ही उन्हें करारा जवाब मिलेगा।” राजनाथ सिंह ने इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ अलग से बैठक कर क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसके बाद वे अनंतनाग जिले के बैसरन घास के मैदान पहुंचे, जहां मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। शाह ने हमले के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय का आश्वासन दिया। हमले की जांच में मदद के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम भी मौके पर पहुंची और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है। इस बीच, सुरक्षा बलों ने आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह सभी कदम देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद घाटी में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ दिया है। इसी कड़ी में मंगलवार रात बारामुला के उरी सेक्टर में भारतीय सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया। 161 इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर मयंक शुक्ला के मुताबिक यह काउंटर-इन्फिल्ट्रेशन ऑपरेशन मंगलवार रात को उस समय शुरू किया गया, जब खुफिया एजेंसियों से लगातार जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तानी आतंकी उरी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। सेना ने ड्रोन, निगरानी उपकरण और एंबुश पार्टियों को स्थापित कर आतंकियों की हरकतों पर नजर रखनी शुरू की। जब करीब सुबह 3 बजे दो आतंकी नियंत्रण रेखा (LOC) पार कर भारत में दाखिल हुए, तो उन्हें घेरकर करीब दो घंटे चली मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया।
मारे गए आतंकियों से 2 एके-47 राइफलें, एक 9 एमएम की चीनी पिस्तौल, मैगजीन, भारी मात्रा में गोलाबारूद और एक 10 किलोग्राम का विस्फोटक (IED) भी बरामद किया गया है। सेना ने घटनास्थल के घने जंगलों में सर्च और सैनिटाइजेशन ऑपरेशन भी चलाया। ब्रिगेडियर शुक्ला ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अब मारे गए आतंकियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान की तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही थी और सेना पूरी तरह सतर्क थी। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक बाद हुई है। सेना और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना के बाद पूरे कश्मीर में अलर्ट पर हैं और आतंकियों के खिलाफ सख्त अभियान चला रही हैं। - -प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गत 10 वर्षों में होलिस्टिक अप्रोच के साथ देशवासियों को स्वस्थ रखने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए-सभी देशवासी अच्छा आहार, पर्याप्त पानी, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम करें बाकि आपके स्वास्थ्य की चिंता की जिम्मेदारी मोदी सरकार करेगी-एक स्वस्थ लिवर, स्वस्थ शरीर का गेटवे है-युवा शरीर की आवश्यकता के अनुसार जल, आहार, व्यायाम और नींद से अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं-ILBS द्वारा HEALED योजना की अभिनव पहल ‘लिवर’ को स्वस्थ रखने के प्रति देश में जागरूकता फैलाने में सफल होगी-हमारे वेदों में दिए गए ‘आहार ही औषधि है’ के मंत्र को स्वीकार कर आज पूरा विश्व आगे बढ़ रहा है-गृह मंत्री ने कहा कि कॉर्पोरेट क्षेत्र अपने Corporate Social Responsibility (CSR) से लिवर के महत्व और स्वस्थ लिवर के लिए काम करने वाली संस्थाओं को सहायता करेंनई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज नई दिल्ली में विश्व यकृत (Liver) दिवस के अवसर पर Institute of Liver and Biliary Sciences (ILBS) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि यकृत हमारे शरीर की रचना और इसे स्वस्थ रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे शरीर के सभी अंगों में पुनर्जीवित होने की सबसे अधिक क्षमता यकृत में है क्योंकि यकृत ही पूरे शरीर को स्वस्थ रखने का मार्ग है। उन्होंने कहा कि आज विश्व यकृत दिवस के अवसर पर पूरे देश की जनता को अपने यकृत के प्रति सजग, प्रयत्नशील और पूरी जानकारी के साथ यकृत को स्वस्थ रखने का संकल्प लेना चाहिए। गृह मंत्री ने स्वस्थ जीवनशैली के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मई 2020 से उनके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। श्री शाह ने कहा शरीर की आवश्यकता के अनुसार जल, आहार, व्यायाम और नींद से उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है।श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने आज़ादी की शताब्दी के समय 2047 में एक विकसित भारत की रचना करने का लक्ष्य रखा है जो हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो और विश्व का नेतृत्व करे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना रोगग्रस्त होकर नहीं की जा सकती और इसीलिए ये बहुत ज़रूरी है कि हर नागरिक स्वस्थ रहे।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज ILBS द्वारा HEALED योजना का शुभारंभ हुआ है और यह अभिनव पहल यकृत को स्वस्थ रखने के प्रति देश में जागरूकता फैलाने में सफल होगी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान विटामिन ई की भी जांच करवानी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि हमारे वेदों में कहा गया है कि आहार ही औषधि है और आज इस थीम को स्वीकार कर पूरा विश्व आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2025 तक 11 साल में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हॉलिस्टिक दृष्टिकोण के साथ देश के नागरिकों को स्वस्थ बनाने के अनेक कार्यक्रम चलाए हैं। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय एक ऐसी पद्धति विकसित करने का काम कर रहा है जिससे हम बीमार ही न हों। श्री शाह ने कहा कि आज बड़े-बड़े एलोपैथिक अस्पताल भी अपने यहां आयुष का विंग खोल रहे हैं। विश्व योग दिवस की कल्पना में ही व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को समाहित किया गया था। उन्होंने कहा कि आज देश के करोड़ों लोगों को 5 लाख रूपए तक के इलाज का पूरा खर्च मोदी सरकार दे रही है। 70 साल से अधिक आयु वाले नागरिको के इलाज के लिए भी 5 लाख तक का सभी खर्च सरकार उठा रही है।श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में स्वास्थ्य का इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए 65 हज़ार करोड़ रूपए खर्च कर हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) को एक कम्प्लीट यूनिट बनाने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि जेनेरिक दवाओं के लिए आज देश में 15 हज़ार से अधिक जनऔषधि केन्द्रों का नेटवर्क तैयार कर 80 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बच्चे के जन्म से 15 साल की आयु तक मिशन इंद्रधनुष के तहत उसके मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था की और 1 करोड़ 32 लाख माताओं को भी टीका लगाया। श्री शाह ने कहा कि ई-संजीवनी ऐप के तहत देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े स्वास्थ्य संस्थानों से 30 करोड़ 90 लाख से अधिक डिजिटल डॉक्टरी परामर्श देने का काम पूरा हुआ है। श्री शाह ने कहा कि 2014 में देश में 7 एम्स थे, आज 23 हैं, मेडिकल कॉलेज 387 थे, आज 780 हैं, एमबीबीएस सीटें 51 हज़ार थीं जो आज 1 लाख 18 हज़ार हो गई हैं और अब इनमें 75 हज़ार सीटें और बढ़ने जा रही हैं। इसके साथ-साथ, पीजी की सीटें 31 हज़ार थीं जो आज बढ़कर 74 हज़ार हो गई हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में देश का स्वास्थ्य का बजट 37 हज़ार करोड़ रूपए था जिसे आज प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ाकर 1 लाख 27 हज़ार करोड़ रूपए कर दिया है।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि समग्रता के साथ पिछले 10 साल में देश के 130 करोड़ नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक आवरण की रचना की है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासी अच्छा आहार, पर्याप्त पानी, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम करें बाकि आपके स्वास्थ्य की चिंता की जिम्मेदारी मोदी सरकार करेगी। गृह मंत्री ने देश के कॉर्पोरेट जगत से अपने Corporate Social Responsibility (CSR) की पहलों में स्वस्थ लिवर के प्रचार को महत्व और स्वस्थ लिवर के लिए काम करने वाली संस्थाओं को सहायता देने का अनुरोध किया। उन्होंने मीडिया से भी मनोरंजन के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की अपील की। श्री शाह ने कहा कि ILBS को अपने आप को देशभर के एम्स और प्रमुख सरकारी अस्पतालों के साथ जुड़कर लिवर के रोगियों के मार्गदर्शन की व्यवस्था और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयास करने चाहिए।
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकी हमले की जगह पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। मंगलवार को यहां हुए दुखद आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
हेलीकॉप्टर से आतंकी हमले वाली जगह पर पहुंचे अमित शाहकेंद्रीय गृह मंत्री ने पहले हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचकर इलाके का हवाई जायजा लिया। उसके पश्चात वे हेलीकॉप्टर से आतंकी हमले वाली जगह पर पहुंचे और हिंसा के निशानों से भरी घास के मैदान पर उतरे। सेना के जवानों के पहुंचने के बाद इस इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।केंद्रीय गृह मंत्री ने कड़ी सुरक्षा के बीच इलाके का दौरा किया और उन्हें शीर्ष अधिकारियों ने मौजूदा स्थिति और इलाके में चल रहे ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। यह दौरा कश्मीर घाटी में हमले के बाद बढ़े हुए अलर्ट के बीच हुआ है, जिसमें क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक में पर्यटकों को निशाना बनाया गया था।मंगलवार की घटना को 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू और कश्मीर में सबसे गंभीर हमलों में से एक माना जा रहा है। सरकार ने अभी तक हताहतों की आधिकारिक संख्या जारी नहीं की है।वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पुलिस नियंत्रण कक्ष के बाहर एक मार्मिक समारोह में पुष्पांजलि अर्पित करके हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।पीड़ित परिवारों से भी केंद्रीय गृह मंत्री ने की मुलाकातयही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की। उनके चेहरे पर गहरा दुख था और वह हमले में अपने प्रियजनों को खोने के बाद अपने दर्द की गहराई को व्यक्त करते हुए दुख से कांप रहे थे। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स के माध्यम से कहा कि देश आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम भी जांच में शामिल होने और मामले पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता करने के लिए हमले स्थल पर पहुंची। एनआईए की टीम – जिसका नेतृत्व एक उप महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी ने किया – ने बैसरन का दौरा किया। ज्ञात हो मंगलवार को आतंकवादियों ने सुरम्य घास के मैदान में पर्यटकों के एक समूह को गोली मार दी थी, जो कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम शहर से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित है। -
नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से आहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरा रद्द कर तुरंत भारत लौटे। दिल्ली पहुंचते ही एयरपोर्ट पर उन्होंने आपात बैठक बुलाई। इस अति महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और विदेश सचिव मौजूद थे।
उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा रणनीतियों पर विस्तार से किया गया मंथनप्रधानमंत्री की वापसी के तुरंत बाद इस उच्च स्तरीय बैठक में हमले की गंभीरता, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा रणनीतियों पर विस्तार से मंथन किया गया।पीएम मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल होने के बाद बाकी कार्यक्रम छोड़कर बुधवार सुबह स्वदेश लौट आए।मंगलवार को पहलगाम में निहत्थे टूरिस्ट्स पर हुए कायराना हमले की चौतरफा निंदा हो रही है। हमले के तुरंत बाद पीएम मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की। अमित शाह तुरंत श्रीनगर के लिए रवाना हो गए थे।इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव भी रहे मौजूदइससे पहले आतंकी हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने घर पर आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव भी मौजूद रहे।इसके अलावा अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। इस बैठक में सीआरपीएफ डीजी, जम्मू-कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के सदस्यों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे तथा उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देंगे।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी घटना के बारे में जानकारीउन्होंने आगे बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना के बारे में जानकारी दी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए शीघ्र ही श्रीनगर के लिए रवाना होऊंगा।”जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा, “मैं अविश्वसनीय रूप से स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला एक घृणित कार्य है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय और घृणा के पात्र हैं। निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मैंने अपनी सहकर्मी सकीना इटू से बात की है और वह घायलों के लिए व्यवस्थाओं की देखरेख करने के लिए अस्पताल चली गई हैं। मैं तुरंत श्रीनगर वापस जा रहा हूं।”पहलगाम हिल स्टेशन पर मंगलवार को आतंकियों ने किया हमलाजम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम हिल स्टेशन पर मंगलवार को आतंकियों ने हमला किया था। समूचे विश्व ने इस हमले की निंदा की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पर नजर बनाए हुए हैं। - नयी दिल्ली. सरकार की प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना अटल पेंशन योजना से बीते वित्त वर्ष 2024-25 में 1.17 करोड़ अंशधारक जुड़े। इसके साथ इस योजना से जुड़े अंशधारकों की कुल संख्या 7.60 लाख करोड़ को पार कर गयी है। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार पिछले तीन वित्त वर्ष से हर साल एक करोड़ से अधिक अंशधारक अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से जुड़े हैं। बयान के अनुसार, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 में अटल पेंशन से 1.17 करोड़ अंशधारक जुड़े। इसके साथ योजना से जुड़े अंशधारकों की संख्या 7.60 करोड़ पहुंच गयी है।'' योजना के तहत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां 44,780 करोड़ रुपये से अधिक हो गयी हैं। अबतक इस पर औसत वार्षिक रिटर्न 9.11 प्रतिशत रहा है। पीएफआरडीए के अनुसार, 2024-25 में जुड़े नये अंशधारकों में 55 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह दर्शाता है कि महिलाओं में वित्तीय जागरूकता और महिला-पुरूष के स्तर पर संतुलन बढ़ रहा है। मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए शुरू की एपीवाई के तहत, अंशधारक 60 वर्ष की आयु से अपने योगदान के आधार पर प्रति माह 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की गारंटीशुदा पेंशन प्राप्त करता है। अंशधारक की मृत्यु के बाद यह पेंशन उसके जीवनसाथी को दी जाती है और जीवनसाथी की भी मृत्यु होने पर, 60 वर्ष की आयु तक जमा पेंशन राशि नामित व्यक्ति को लौटा दी जाती है।
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों को सतर्कता बरतने और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में नेपाल से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा और सभी जिलों के बस स्टेशनों व रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए यूपी पुलिस को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम हिल स्टेशन पर मंगलवार को आतंकियों ने हमला किया था। हमले में दो विदेशियों सहित कई पर्यटकों की मौत हो गई और कुछ अन्य पर्यटक और स्थानीय लोग घायल हो गए। समूचे विश्व ने इस हमले की निंदा की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पर नजर बनाए हुए हैं।इस घटना के तुरंत भारतीय सुरक्षा बल इलाके की निगरानी कर रहे हैं। सेना की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, “संयुक्त बल स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। चिकित्सा टीमों को तुरंत तैनात किया गया और हताहतों को निकालने का काम शुरू किया गया। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा बैसरन, पहलगाम, अनंतनाग के सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया है, जो अभी भी जारी है। हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाने पर पूरा ध्यान केंद्रित किया गया है।”केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक तत्काल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए श्रीनगर पहुंचे और सुरक्षा बलों ने अपराधियों की तलाशी के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया। अधिकारियों द्वारा जारी सूची के अनुसार, मारे गए लोगों में नेपाल और यूएई के एक-एक व्यक्ति भी शामिल हैं।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली में मौजूद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ बीती रात श्रीनगर पहुंचे और उन्हें उपराज्यपाल, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकवादी घटना के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। इसके बाद गृह मंत्री उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए राजभवन गए। वह श्रीनगर के अस्पताल में घायल पर्यटकों और स्थानीय लोगों से भी मिलेंगे, जहां उनका इलाज चल रहा है, और बुधवार को आतंकी हमले वाली जगह का दौरा करेंगे। -
नई दिल्ली। मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इसा ने आज बुधवार को जेद्दा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
सामाजिक सामंजस्य और सद्भाव आगे बढ़ाने में मुस्लिम वर्ल्ड लीग की भूमिका की सराहना कीबताना चाहेंगे इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2023 में नई दिल्ली में मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने सहिष्णु मूल्यों को बढ़ावा देने, संयम की वकालत करने तथा सामाजिक सामंजस्य और सद्भाव को आगे बढ़ाने में मुस्लिम वर्ल्ड लीग की भूमिका की प्रशंसा की।पीएम मोदी ने उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ मुस्लिम वर्ल्ड लीग के दृढ़ रुख की सराहना कीभारत के सदियों पुराने दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक बहु-सांस्कृतिक, बहुभाषी, बहु-जातीय और बहु-धार्मिक समाज के रूप में विविधता में एकता का जश्न मनाता है। भारत की अविश्वसनीय विविधता एक मूल्यवान शक्ति है जिसने इसके जीवंत समाज और राजनीति को आकार दिया है। उन्होंने उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ मुस्लिम वर्ल्ड लीग के दृढ़ रुख की सराहना की।भारत सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को देता है बहुत महत्वप्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है, जो आज कई क्षेत्रों में एक स्थायी साझेदारी के रूप में विकसित हो गया है। घनिष्ठ सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध इस साझेदारी का एक महत्वपूर्ण पहलू है। - - स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के पार..-केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने वित्त वर्ष 2024-25 के अनंतिम (Provisional) आंकड़े जारी किये..- पिछले 11 वर्षों में उत्पादन में 347% के उछाल के साथ चार गुना और बिक्री में 447% की बढ़ोतरी के साथ पांच गुना की वृद्धि हुई..-11 वर्षों में कुल रोजगार सृजन के क्षेत्र में 49.23% की ऐतिहासिक बढ़ोतरी, 1.94 करोड़ लोगों को केवीआईसी दे रहा रोजगार..-अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा, ‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में, केवीआईसी की योजनाएं और उपलब्धियां ‘विकसित भारत’ की सशक्त आधारशिला बन गई हैं।नई दिल्ली। देश में आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त करने वाले खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र ने बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के मार्गदर्शन में न केवल नई ऊँचाइयों को छुआ है, बल्कि करोड़ों ग्रामीणों के जीवन में भी नयी रोशनी का संचार किया है। पूज्य बापू की विरासत खादी अब केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण का प्रतीक बन चुकी है। सोमवार को नई दिल्ली के राजघाट स्थित कार्यालय में खादी और ग्रामोद्योग के वित्त वर्ष 2024-25 के अनंतिम आंकड़े (Provisional Data) जारी करते हुए यह बातें अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कही। उन्होंने बताया कि केवीआईसी ने वित्तवर्ष 2024-25 में उत्पादन, बिक्री और नये रोजगार सृजन का नया रिकॉर्ड बनाया है। बीते 11 वर्षों में बिक्री में 447 प्रतिशत, उत्पादन में 347 प्रतिशत और रोजगार सृजन में 49.23 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69% और उत्पादन में 314.79% की वृद्धि दर्ज की गयी थी।अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी के इस शानदार प्रदर्शन ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने और भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी, एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन और देश के सुदूर गांवों में कार्यरत करोड़ों कारीगरों की अथक मेहनत को दिया है। अध्यक्ष केवीआईसी ने बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन जहां 26109.07 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह करीब चार गुना बढ़कर 347 प्रतिशत के उछाल के साथ 116599.75 करोड़ रुपये पहुंच गया। जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में बिक्री जहां 31154.19 करोड़ रुपये थी, वहीं करीब पांच गुना बढ़कर 447 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ यह वित्त वर्ष 2024-25 में 170551.37 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो कि अब तक की सर्वाधिक बिक्री है।पिछले 11 वर्षों में खादी कपड़ों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये था वहीं 366 प्रतिशत उछाल के साथ यह साढ़े चार गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में यह 3783.36 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंच गया, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। खादी कपड़ों की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल आया है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1081.04 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में 561 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह करीब साढ़े छह गुना बढ़कर 7145.61 करोड़ रुपये पहुंच गई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा बड़े मंच से खादी का प्रचार करने का व्यापक असर खादी के कपड़ों की बिक्री पर पड़ा है।खादी और ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध करना है। इस क्षेत्र में भी केवीआईसी ने पिछले 11 वर्षों में रिकॉर्ड कायम किया है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार (Cumulative Employment) 1.30 करोड़ था, वहीं यह 2024-25 में 49.23 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1.94 करोड़ तक पहुंच गया। खादी और ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2013-14 में यहां का कारोबार जहां 51.02 करोड़ रुपये था, वहीं यह करीब दो गुना बढ़कर 115 प्रतिशत के उछाल के साथ वित्त वर्ष 2024-25 में 110.01 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना जब से शुरू हुई तब से लेकर अभी तक कुल 1018185 इकाइयों की स्थापना की गयी है, जिसके लिए भारत सरकार ने 73348.39 करोड़ रुपये ऋण के एवज में 27166.07 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया है। पीएमईजीपी के माध्यम से अभी तक 90,04,541 लोगों को रोजगार मिल रहा है।ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य केवीआईसी ने वित्तवर्ष 2021-22 के 25.65 करोड़ रुपये के बजट में 134 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ इसे दो गुना से अधिक करते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में 60 करोड़ रुपये कर दिया है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत अभी तक 39244 विद्युत चालित चाक, 227049 मधुमक्खी बॉक्स और मधु कालोनी, 2344 ऑटोमैटिक और पैडल चालित अगरबत्ती निर्माण मशीन, 7735 फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग और रिपेयरिंग टूलकिट, 964 पेपर प्लेट और दोना निर्माण मशीन, 3494 एसी, मोबाइल, सिलाई, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर टूलकिट, 4555 टर्नवुड, वेस्टवुड क्रॉफ्ट, लकड़ी के खिलौने बनाने की मशीन के साथ ही 2367 पामगुड़, तेल घानी और इमली प्रसंस्करण मशीन का वितरण किया गया है। पिछले तीन वित्त वर्ष की बात करें तो वर्ष 2022-23 में कुल 22284, वित्तवर्ष 2023-24 में 29854 और वित्तवर्ष 2024-25 में सबसे अधिक 37218 मशीन और उपकरणों का वितरण किया गया है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक कुल 287752 मशीन, टूलकिट और उपकरणों का वितरण कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी केवीआईसी ने अहम योगदान दिया है। पिछले 10 वर्षों में केवीआईसी के 18 विभागीय और 17 गैर-विभागीय प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से 7,43,904 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें 57.45 प्रतिशत यानी 4,27,394 महिलाएं हैं। इसके अलावा 5 लाख खादी कारीगरों में भी 80 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। पिछले 11 वर्षों में खादी कारीगरों की पारिश्रमिक में 275 प्रतिशत जबकि पिछले तीन वर्षों में शत-प्रतिशत यानी 100 प्रतिशत तक की वृद्धि की गयी है।
- सागर .मध्यप्रदेश के सागर जिले में मंगलवार को ट्रक, स्कूटर और एक अन्य वाहन की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। नारायावली के थाना प्रभारी कपिल लक्षकार ने बताया कि यह दुर्घटना नारायावली थाना क्षेत्र के जेराई गांव में सागर-खुरई रोड पर पुल के पास हुई। उन्होंने बताया कि जिन तीन लोगों की इस हादसे में जान गयी है उनमें एक स्कूटर पर जबकि दो अन्य तीसरे वाहन पर सवार थे। लक्षकार ने बताया, ‘‘दुर्घटना में स्कूटर और (तीसरा) वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
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नई दिल्ली। पहलगाम आतंकवादी हमले से उपजे हालात के बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। डीजीसीए ने एयरलाइनों को टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी और रद्दीकरण शुल्क माफ करने के संबंध में परामर्श जारी किया है।
उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने को कहामंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार- पहलगाम में हुई घटना के बाद, अपने घर लौटने के इच्छुक पर्यटकों की ओर से अप्रत्याशित मांग की गई है। इस संबंध में, एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वे बढ़ती मांग के जवाब में उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए त्वरित कार्रवाई करें और साथ ही श्रीनगर से भारत भर के विभिन्न गंतव्यों तक बिना किसी व्यवधान के कनेक्टिविटी सुनिश्चित करें, जिससे फंसे हुए पर्यटकों को निकालने में सुविधा हो।टिकट कैंसिलेशन और रीशेड्यूलिंग फीस को लेकर गंभीरता से विचार करने को कहाइसमें आगे निवेदन किया गया है कि टिकट कैंसिलेशन और रीशेड्यूलिंग फीस को लेकर भी गंभीरता से विचार किया जाए। रिलीज में आगे लिखा है- एयरलाइंस से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण शुल्क माफ करने पर विचार करें और इस कठिन समय के दौरान अप्रत्याशित परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करने वाले पर्यटकों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करें।मंगलवार को पहलगाम की बैसारन घाटी में टूरिस्ट्स पर हुआ आतंकी हमलावहीं, इंडिगो ने भी इसे लेकर एक एडवाइजरी एक्स पर पोस्ट की है। इसमें लिखा है- श्रीनगर में उभरती स्थिति को देखते हुए, हम श्रीनगर और जम्मू से आने-जाने वाले ग्राहकों की यात्रा योजनाओं में किसी भी व्यवधान के मामले में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने यात्रा के लिए पुनर्निर्धारण या रद्दीकरण के लिए छूट 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है, जो 22 अप्रैल को या उससे पहले की गई बुकिंग पर लागू है। इसके अतिरिक्त, हम आज, 23 अप्रैल को श्रीनगर से और श्रीनगर के लिए दो उड़ानें संचालित कर रहे हैं, जिनमें से एक दिल्ली और मुंबई से है। बता दें, मंगलवार को पहलगाम की बैसारन घाटी में टूरिस्ट्स पर हमला हुआ। इस हमले में बड़ी संख्या में पर्यटक मारे गए। देश-दुनिया में इस हमले की निंदा हो रही है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के एक विंग द रजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ ने ली है। - जयपुर. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मंगलवार को भारत से गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने, अपने बाजारों तक अधिक पहुंच देने तथा अधिक अमेरिकी ऊर्जा उत्पाद और सैन्य हार्डवेयर खरीदने का आह्वान किया। उन्होंने समृद्ध और शांतिपूर्ण 21वीं सदी के लिए दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। राजस्थान की राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वेंस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बार-बार प्रशंसा की और उन्हें एक ‘‘विशेष व्यक्ति'' बताया तथा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका के एकजुट होकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "मैं सचमुच मानता हूं कि 21वीं सदी का भविष्य अमेरिका-भारत साझेदारी की मजबूती से निर्धारित होगा।" वेंस ने कहा, "मेरा मानना है कि यदि भारत और अमेरिका सफलतापूर्वक मिलकर काम करेंगे, तो हम 21वीं सदी को समृद्ध और शांतिपूर्ण देखेंगे। लेकिन मेरा यह भी मानना है कि अगर हम सफलतापूर्वक मिलकर काम करने में असफल रहे, तो 21वीं सदी पूरी मानवता के लिए बहुत अंधकारमय समय हो सकती है।" अमेरिकी उपराष्ट्रपति, भारतीय मूल की अपनी पत्नी उषा चिलुकुरी और अपने तीन बच्चों - बेटे इवान, विवेक और बेटी मीराबेल के साथ अमेरिका के शुल्क युद्ध पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच सोमवार को दिल्ली पहुंचे। वेंस और मोदी ने व्यापक मुद्दों पर बातचीत की, जिसके बाद दोनों नेताओं ने पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता में "महत्वपूर्ण प्रगति" का स्वागत किया। अपने संबोधन में वेंस ने भारत से अमेरिकी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध कराने तथा उनके देश से ज्यादा हथियार एवं साजो समान और ऊर्जा खरीदने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, "हम भारत को उसके अपतटीय प्राकृतिक गैस भंडार और महत्वपूर्ण खनिज आपूर्तियों सहित अपने स्वयं के महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों की खोज में भी मदद करना चाहते हैं।" अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, “ हमारे पास क्षमता है और हम मदद करने की इच्छा भी रखते हैं। इसके अलावा, हमें लगता है कि ऊर्जा सह-उत्पादन अन्य विदेशी बाजारों में अनुचित प्रतिस्पर्धियों को मात देने में मदद करेगा।" उन्होंने कहा कि लेकिन हमारा मानना है कि भारत हमारे देशों के बीच ऊर्जा संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है और मेरा एक सुझाव यह है कि भारतीय बाज़ार में अमेरिकी पहुंच के लिए कुछ गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने पर विचार किया जाना चाहिए। वेंस ने कहा कि वह और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ मजबूत संबंधों की आशा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अमेरिकी लोग भारतीय बाजारों तक अधिक पहुंच चाहते हैं। यह व्यापार करने के लिए एक बेहतरीन जगह है और हम अपने लोगों को इस देश और भारतीयों तक अधिक पहुंच प्रदान करना चाहते हैं।" अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, "हमारा मानना है कि अमेरिका से अधिक व्यापार यह फलेगा-फूलेगा। यह दोनों पक्षों के लिए फायदे वाली साझेदारी है और भविष्य में भी यह बनी रहेगी।" वेंस ने आगाह किया कि अगर भारत और अमेरिका "तालमेल बनाए रखने में विफल" रहे, तो इसके परिणाम पूरे विश्व के लिए होंगे और यह "काफी भयावह" होगा। उन्होंने कहा, “और यह भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां भारत और अमेरिका के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है।" अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, “एक साथ मिलकर काम करने से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। यही कारण है कि राष्ट्रपति ट्रंप और मैंने कई कूटनीतिक संगठनों में भारत के नेतृत्व का स्वागत किया है।" उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से क्वाड में, हम मानते हैं कि एक मजबूत भारत का मतलब अधिक आर्थिक समृद्धि है, लेकिन साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अधिक स्थिरता भी है, जो निश्चित रूप से इस कमरे में बैठे हम सभी लोगों के लिए एक साझा लक्ष्य है।" वेंस ने भारत के असैन्य परमाणु दायित्व कानूनों में संशोधन के लिए मोदी सरकार की बजट घोषणा का भी स्वागत किया। दायित्व कानून अमेरिकी उत्पादकों को छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों का निर्यात करने तथा भारत में बड़े अमेरिकी डिजाइन वाले रिएक्टरों के निर्माण से रोकता है। उन्होंने कहा, "हम बहुत कुछ बना सकते हैं, हम साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। हमारा मानना है कि अमेरिकी ऊर्जा भारत के परमाणु ऊर्जा उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकती है।" अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत बनाने की वकालत की और सुझाव दिया कि दिल्ली उनके देश से और अधिक सैन्य हार्डवेयर खरीदे। उन्होंने कहा, "हम निश्चित रूप से और अधिक सहयोग करना चाहते हैं, हम साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि आपका देश और अधिक हमारे सैन्य उपकरणों को खरीदे।” वेंस ने कहा, "उदाहरण के लिए, अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 (जेट) भारतीय वायु सेना को आपके हवाई क्षेत्र की रक्षा करने और आपके लोगों की रक्षा करने की ऐसी क्षमता प्रदान करेंगे, जैसी पहले कभी नहीं थी।" फरवरी में वाशिंगटन में मोदी-ट्रंप बैठक को याद करते हुए वेंस ने कहा कि इसने घनिष्ठ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की नींव रखी। उन्होंने कहा, “जैवलिन से लेकर स्ट्राइकर लड़ाकू वाहनों तक, हमारे देश अनेक ऐसे हथियारों और उपकरणों का सह-उत्पादन करेंगे जिनकी हमें विदेशी हमलावरों को रोकने के लिए आवश्यकता होगी, इसलिए नहीं कि हम युद्ध चाहते हैं, बल्कि इसलिए कि हम शांति चाहते हैं और हमारा मानना है कि शांति का सर्वोत्तम मार्ग आपसी शक्ति से होकर गुजरता है।“ उन्होंने कहा, "भारत इस साल क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद प्रशांत में हमारे हित पूरी तरह से जुड़े हैं। हम दोनों जानते हैं कि इस क्षेत्र को किसी भी शत्रुतापूर्ण शक्तियों से सुरक्षित रहना चाहिए जो हावी होना चाहती हैं।" वेंस और उनका परिवार कल रात जयपुर पहुंचा था। उनका बुधवार को आगरा जाने का कार्यक्रम है।
- श्रीनगर। सुरक्षा एजेंसियों ने दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के पास हुए आतंकी हमले में शामिल होने के संदेह में बुधवार को तीन लोगों के रेखाचित्र (स्केच) जारी किए। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।अधिकारियों ने बताया कि संदिग्धों के नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं। उन्होंने बताया कि तीनों आतंकवादियों के कोड नाम भी थे - मूसा, यूनुस और आसिफ और ये तीनों पुंछ में आतंकी घटनाओं में शामिल थे।उन्होंने बताया कि हमले में जीवित बचे लोगों की मदद से रेखाचित्र तैयार किए गए थे।पेंसिल से बनाए गए रेखाचित्रों से ऐसा प्रतीत होता है कि हमलावर युवा हैं और उन्होंने दाढ़ी रखी है।पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने मंगलवार दोपहर को अंजाम दिए गए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है।
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नई दिल्ली ।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में कई बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस दुखद घटना के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुआवजे की घोषणा की है।
निर्दोष नागरिकों के खिलाफ बर्बर और क्रूरतापूर्ण कृत्य का हमारे समाज में कोई स्थान नहींसरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। वहीं, मामूली रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी। एक्स पोस्ट में लिखा गया, “पहलगाम में कल हुए घृणित आतंकवादी हमले से मैं बहुत स्तब्ध और व्यथित हूं। निर्दोष नागरिकों के खिलाफ इस बर्बर और मूर्खतापूर्ण क्रूरतापूर्ण कृत्य का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हम मृतकों के प्रति शोक व्यक्त करते हैं।”पीड़ितों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैंपोस्ट में कहा गया कि कोई भी धनराशि प्रियजनों के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन समर्थन और एकजुटता के प्रतीक के रूप में, जम्मू-कश्मीर सरकार मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा करती है। पीड़ितों को उनके घरों तक वापस ले जाने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा प्रदान की जा रही है।”आतंकवाद हमारे संकल्प को कभी नहीं तोड़ पाएगापोस्ट में आगे लिखा गया, “हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। हम आपके दुख में शामिल हैं और इस कठिन समय में आपके साथ खड़े हैं। लेकिन आतंक हमारे संकल्प को कभी नहीं तोड़ पाएगा और हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि इस बर्बरता के पीछे के लोगों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता। - श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों के शवों पर बुधवार को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और हमले में बचे लोगों को आश्वासन दिया कि इस नृशंस कृत्य के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।शाह ने यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के ताबूतों पर पुष्पचक्र अर्पित की।अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मृतकों को श्रद्धांजलि दी।गृह मंत्री ने मारे गए लोगों के परिवारों और हमले में जीवित बचे अन्य लोगों से बाद में बात की।अधिकारियों ने बताया कि शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि सुरक्षा बल इस घातक हमले के दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।शाह हमले के कुछ ही घंटों के भीतर मंगलवार रात को यहां पहुंचे और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी दी।गृह मंत्री ने एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की, जिसमें उपराज्यपाल भी शामिल हुए।इससे पहले, कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के शव बुधवार को श्रीनगर लाए गए।एक अधिकारी ने इससे पूर्व कहा था, ‘‘हमें 26 शव मिले हैं जिन्हें (बुधवार को) तड़के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) श्रीनगर लाया गया। शवों को पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) ले जाया जाएगा।’’कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। यह पिछले कई वर्षों में कश्मीर में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए सबसे भयावह आतंकवादी हमलों में से एक था।
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जम्मू, दक्षिण कश्मीर के पहलगाम पर्यटन स्थल पर पर्यटकों को निशाना बनाकर किये गये घातक आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए विभिन्न संगठनों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है और इसके परिणामस्वरूप जम्मू में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर कश्मीर के पहलगाम शहर के एक प्रसिद्ध मैदान में गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गयी। आतंकी हमले में मारे गये लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला बताया जा रहा है।
एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने विस्तृत जानकारी साझा किये बिना बताया कि मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग शामिल हैं। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई और कई दक्षिणपंथी समूहों ने बुधवार को जम्मू शहर और अन्य जगहों पर विशाल विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। अधिकारियों ने बताया कि हालात के मद्देनजर रणनीति बनाने के लिए जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी की संयुक्त अध्यक्षता में यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक जारी है। उन्होंने बताया कि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में पहले से ही अतिरिक्त पुलिस व अर्धसैनिक बलों को तैनात किये गये हैं। कांग्रेस ने जम्मू शहरी व ग्रामीण ब्लॉक और अन्य शाखाओं के अपने सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं से बुधवार सुबह यहां पार्टी मुख्यालय में आतंकवादी हमले के विरोध में इकट्ठा होने को कहा है। शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा), डोगरा फ्रंट और राष्ट्रीय बजरंग दल के अलावा ‘चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री', वकीलों और विभिन्न बाजार संघों ने भी बुधवार को शहर में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। ‘मिशन स्टेटहुड' के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने जम्मू शहर में पाकिस्तान-विरोधी प्रदर्शन किया, जबकि डोडा, कठुआ और पुंछ सहित विभिन्न जिला मुख्यालयों से भी आंदोलन की खबरें आईं। -
श्रीनगर/ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर पहुंचे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी। शाह, पर्यटकों पर हुए हमले के कुछ घंटे बाद श्रीनगर पहुंचे और हवाई अड्डे से सीधे राजभवन पहुंचे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात ने गृह मंत्री के आगमन पर उन्हें घटना की जानकारी दी।
इस दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि शाह सुरक्षा अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री बुधवार को पहलगाम का दौरा कर सकते हैं।
आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर को कश्मीर के पहलगाम शहर के एक प्रसिद्ध मैदान में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गयी। आतंकी हमले में मारे गये लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे।
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला बताया जा रहा है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को ‘हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा' हमला बताया। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन में घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा पर्यटकों और ‘ट्रेकर्स' का पसंदीदा स्थान है। अधिकारियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले घास के मैदान में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे तथा नजारों का आनंद ले रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है कि आतंकवादी समूह जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन तक पहुंचा हो। -
पहलगाम (जम्मू-कश्मीर), कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट एक प्रसिद्ध घास के मैदान में मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को "हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा" हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत की यात्रा पर हैं और पर्यटन तथा ट्रैकिंग का सीजन जोर पकड़ रहा है। हमला अपराह्न करीब तीन बजे हुआ। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश और दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है। अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले घास के मैदान में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। कश्मीर घाटी में हुए इस हमले में कम से कम 20 लोग घायल हो गए। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है कि आतंकवादी समूह जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन तक पहुंचा हो। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सऊदी अरब की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्थिति की जानकारी दी और बताया कि वह सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक के लिए शाम को श्रीनगर पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बताया कि शाह के बुधवार को पहलगाम जाने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। मोदी ने 'एक्स' पर कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायल लोगों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।” उन्होंने कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।” प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमले के बाद मदद के लिए चीख-पुकार मच गई, जबकि शव खून से लथपथ पड़े थे।
कुछ लोगों का कहना है कि हमलावरों की संख्या पांच थी। हमले के समय घटनास्थल पर मौजूद एक महिला ने ‘ एक न्यूज़ एजेंसी' को फोन पर बताया, “मेरे पति के सिर में गोली लगी, जबकि सात अन्य लोग भी हमले में घायल हुए हैं।” महिला ने अपनी पहचान नहीं बताई, लेकिन घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई।
एक अन्य महिला पर्यटक ने बताया कि जैसे ही गोलियां चलीं, वहां अफरातफरी मच गई और पर्यटक छिपने के लिए भागे, लेकिन खुले स्थान पर छिपने के लिए कोई जगह नहीं थी। एक महिला ने बताया कि आतंकवादियों ने गोली मारने से पहले पीड़ितों का नाम पूछा।
बैसरन में एकत्र हुए पर्यटक कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों से थे। मारे गए लोगों में कर्नाटक के व्यापारी मंजूनाथ राव भी शामिल हैं, जो शिवमोगा के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उनकी मौत पर शोक जताया और अधिकारियों की बैठक बुलाई। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कर्नाटक से अधिकारियों की एक टीम कश्मीर के लिए रवाना हो गई है। बैसरन तक केवल पैदल या घोड़ों से ही पहुंचा जा सकता है, इसलिए घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों की मदद ली गई। मारे गए और घायलों के परिवारों को कड़ी सुरक्षा के बीच सरकारी स्वामित्व वाले पहलगाम क्लब ले जाया गया। सम्पूर्ण जिला प्रशासन और पुलिस बल को तैनात किया गया तथा एम्बुलेंस सेवाएं ली गईं।
कुछ घायलों को स्थानीय लोग अपने खच्चरों पर लादकर घास के मैदान से नीचे लाए। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी की आवाजें आने की शुरुआती खबर मिलने के बाद सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस बैसरन पहुंची। बैसरन 1980 के दशक में फिल्म निर्माताओं का बेहद पसंदीदा स्थान था। उन्होंने बताया कि हमलावरों की तलाश के लिए व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू कर दिया गया है तथा सुरक्षा बल सभी दिशाओं में तैनात हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अनंतनाग और श्रीनगर में 24 घंटे संचालित आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना की निंदा की।
अब्दुल्ला ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "मृतकों की संख्या का पता लगाया जा रहा है, इसलिए मैं विस्तृत विवरण नहीं दे पाउंगा। स्थिति स्पष्ट होने पर आधिकारिक रूप से सूचित किया जाएगा। यह हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा हमला है।" उन्होंने कहा, "मैं स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला घृणित है। इस हमले को अंजाम देने वाले अपराधी जानवर हैं, अमानवीय हैं और नफरत के लायक हैं। इसकी निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।" जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने कहा कि आतंकवादियों को खत्म करने के लिए आतंकवाद रोधी अभियान शुरू कर दिया गया है। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “"पूरा देश आक्रोशित है और हमारे जवानों का खून खौल रहा है। मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि पहलगाम हमले के दोषियों को उनके जघन्य कृत्य की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।" पहलगाम से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अल्ताफ अहमद वानी ने इस हमले को "कायरतापूर्ण" बताया और कहा कि निर्दोष लोगों को निशाना बनाना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “इस कायरतापूर्ण कृत्य के दोषियों से सख्ती से निपटा जाएगा।”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह हमला बहुत दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अप्रत्याशित स्थान पर हुआ जो पहलगाम (बस स्टैंड) से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। इसका इस्तेमाल ट्रैकिंग के लिए किया जाता है और लोग वहां खच्चरों पर सवार होकर जाते हैं।” हमला ऐसे समय में हुआ है जब वर्षों तक आतंकवाद से जूझने के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी, 2019 को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा इलाके में हुए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद से कई और आतंकी हमले हुए हैं, लेकिन कोई भी इतना गंभीर नहीं था। साल 2000 में पहलगाम में अमरनाथ आधार शिविर पर हुए हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। एक वर्ष बाद शेषनाग में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले में 13 लोगों की मौत हुई, जबकि पहलगाम क्षेत्र में 2002 में एक अन्य हमले में 11 लोग मारे गये। पिछले साल मई में पहलगाम के यन्नार में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में राजस्थानी पर्यटक पति-पत्नी घायल हो गए थे। मार्च 2000 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर थे, तब आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के छत्तीसिंहपुरा में 35 सिखों की हत्या कर दी थी। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में गुस्सा और दुख का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और कहा है कि आतंकवादियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पीएम मोदी इस समय सऊदी अरब के दौरे पर हैं, उन्होंने वहां इस घटना पर दुख जताया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैं पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके साथ मेरी पूरी संवेदना है। घायलों के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। सभी प्रभावितों को हर तरह की मदद दी जा रही है।” उन्होंने आगे कहा, “इस जघन्य अपराध में जो भी शामिल है, उसे सजा जरूर मिलेगी। आतंकियों का नापाक इरादा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प और भी मजबूत हो गया है।”प्रधानमंत्री ने इस हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को घटना की जांच और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए खुद घटनास्थल पर जाना चाहिए। गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक्स पर लिखा, “पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से बेहद दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। इस हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।” उन्होंने बताया कि वे जल्दी ही श्रीनगर जाएंगे और वहां सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मीटिंग करेंगे। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने लिखा, “निर्दोष नागरिकों पर हमला कायराना हरकत है।” बता दें कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में आज मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों को अपना निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में कई लोग घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आज मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद पूरे इलाके में सेना और सुरक्षाबलों ने बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सेना ने श्रीनगर में एक आपातकालीन कंट्रोल रूम (नियंत्रण कक्ष) स्थापित किया है, जिससे पीड़ितों और उनके परिजनों की मदद की जा सके।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि कंट्रोल रूम से संपर्क करने के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं: 0194-2457543 और 0194-2483651। इसके अलावा श्रीनगर के एडीसी आदिल फरीद से 7006058623 पर सीधे संपर्क किया जा सकता है।इस हमले के बाद भारतीय सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुचिन्द्र कुमार दिल्ली से तुरंत श्रीनगर रवाना हो गए हैं। वे दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आए थे, लेकिन हमला होते ही वापस लौट गए ताकि हालात का जायजा ले सकें और ऑपरेशन की निगरानी कर सकें।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले को लेकर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की और पहलगाम में स्थिति की जानकारी ली। इसके साथ ही, सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और क्विक रिएक्शन टीमों ने पहलगाम के संवेदनशील इलाकों को घेर लिया है। हेलिकॉप्टर से भी लगातार निगरानी की जा रही है ताकि आतंकी कहीं छिप न पाएं।हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल पर पहुंचकर सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया। यह ऑपरेशन सेना, सीआरपीएफ, स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से चलाया जा रहा है।इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी श्रीनगर पहुंच चुके हैं। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों, सेना, खुफिया एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई।गौरतलब है कि मंगलवार को हुए इस आतंकी हमले में पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जिससे देशभर में गुस्सा और दुख का माहौल है। सरकार ने साफ किया है कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की किसी भी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। - लखनऊ,। ब्रिटिश लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता और 2019 से ब्रिटेन के ‘स्टॉकपोर्ट' से लगातार दूसरी बार के सांसद भारतीय मूल के नवेन्दु मिश्रा (36) यहां मध्यप्रदेश की भोपाल निवासी गरिमा तिवारी के साथ परिणय सूत्र में बंध गये। यहां सनातन परंपरा के अनुरूप विवाह की सभी रस्में निभायी गयीं और अपनी जड़ों से नवेन्दु मिश्रा का गहरा जुड़ाव दिखा। हल्दी-मेहंदी से लेकर हर रस्म को उन्होंने शिद्दत से निभाया और सबसे खास बात यह कि हर मौके पर वह अपने बड़े-बुजुर्गों और मेहमानों का पैर छूकर आशीर्वाद लेते देखे गये।ब्रिटेन की स्टॉकपोर्ट सीट से दूसरी बार सांसद चुने गए नवेन्दु मिश्रा का जन्म 1989 में कानपुर में हुआ था और गोरखपुर उनका ननिहाल है। नवेन्दु मिश्रा महज चार साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ ब्रिटेन चले गए थे और वहां पूरी तरह रचने-बसने के बाद भी वह अपनी मिट्टी से अलग नहीं हुए। जब भी मौका मिला, वह भारत आकर अपने परिजनों-रिश्तेदारों से मिलते रहे और शादी भी यहीं की। नवेन्दु मिश्रा के शादी समारोह में उनके पिता प्रभात मिश्रा और मां मीनू पांडेय मिश्रा के अलावा उनके मामा नीलेन्द्र पांडेय ने अहम भूमिका निभायी। वधू पक्ष से गरिमा के पिता हरेन्द्र तिवारी और माता विद्या तिवारी भी समारोह में सक्रिय रहीं। नवेन्दु मिश्रा ने कहा,‘‘हमें अपनी परंपरा पर गर्व है और उसी अनुरूप जीवन की यह पारी शुरू कर रहा हूं।'' उन्होंने कहा ,‘‘मेरे माता-पिता ने हमेशा मिट्टी से जुड़े होने का संस्कार दिया और यह जीवन भर मेरे साथ रहेगा।'' नवेन्दु के मामा नीलेन्द्र पांडेय ने बताया कि लखनऊ में शहीद पथ पर 20 अप्रैल को अंसल गोल्फ सिटी स्थित एक होटल से नवेन्दु-गरिमा का विवाह समारोह संपन्न हुआ। नीलेन्द्र पांडेय के मुताबिक दुल्हन गरिमा के पिता हरेन्द्र तिवारी मूल रूप से देवरिया जिले के निवासी हैं लेकिन बागवानी विभाग में मध्यप्रदेश के भोपाल में कार्यरत थे और सेवानिवृत्त होने के बाद वहीं बस गये। नवेन्दु की शादी उनके माता-पिता ने तय की। नीलेन्द्र पांडेय के अनुसार गरिमा ने ग्लासगो विश्वविद्यालय स्कॉटलैंड से आपदा प्रबंधन में मास्टर की डिग्री हासिल की है। नवेन्दु मिश्रा ने अपने माता पिता की इच्छा और पसंद के अनुरूप विवाह किया। नीलेन्द्र पांडेय का कहना है कि नवेंदु मिश्रा महज चार साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ ब्रिटेन चले गए थे। नवेंदु लंदन से पढ़ाई पूरी करने के बाद लेबर पार्टी से राजनीति में आए और दिसंबर 2019 के चुनाव में स्टॉकपोर्ट सीट से पहली बार सांसद चुने गए। जुलाई 2024 में नवेन्दु मिश्रा दोबारा उसी सीट से सांसद निर्वाचित हुए। नीलेन्द्र पांडेय ने बताया कि नवेंदु स्टॉकपोर्ट में ट्रेड यूनियन के जरिए राजनीति में आए।