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- बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को बेंगलुरु मेट्रो रेल की बहुप्रतीक्षित ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन किया। इससे बेंगलुरु के आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) केंद्र को जोड़ने वाले कई भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात सुगम होने की उम्मीद है।प्रधानमंत्री ने आरवी रोड (रागीगुड्डा) से इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो की सवारी भी की और यात्रा के दौरान छात्रों से बातचीत की।अधिकारियों ने बताया कि लगभग 7,160 करोड़ रुपये की लागत वाली बेंगलुरु मेट्रो की द्वितीय चरण की परियोजना के तहत आरवी रोड से बोम्मासंद्रा तक 19 किलोमीटर से अधिक लंबे मार्ग में 16 स्टेशन हैं।‘येलो लाइन’ के शुरू होने से बेंगलुरु में मेट्रो रेल का परिचालन नेटवर्क 96 किलोमीटर से अधिक हो जाएगा, जो क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को सेवा प्रदान करेगा।अधिकारियों के अनुसार, इस नयी सुविधा से होसुर रोड, सिल्क बोर्ड जंक्शन और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी जंक्शन जैसे कई भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात की भीड़ कम होने की उम्मीद है।उपमुख्यमंत्री और बेंगलुरु विकास मामलों के प्रभारी मंत्री डी. के. शिवकुमार ने हाल में कहा था कि ‘येलो लाइन’ के लिए ‘‘तीन ट्रेन’’ आ चुकी हैं और चौथी इसी महीने आएगी। उन्होंने कहा था कि अभी तीन ट्रेन 25 मिनट के अंतराल पर चलेंगी और बाद में यह आवृत्ति बढ़ाकर 10 मिनट कर दी जाएगी।प्रधानमंत्री का काफिला जब केएसआर (क्रांतिवीर संगोल्लि रायाण्ण) बेंगलुरु (सिटी) रेलवे स्टेशन से रागीगुड्डा स्टेशन की ओर बढ़ रहा था तब बारिश के बावजूद सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में एकत्र लोगों ने प्रधानमंत्री का ‘‘मोदी, मोदी’’ के नारे लगाकर स्वागत किया और उन पर पुष्पवर्षा की।मोदी ने भी अपनी कार के अंदर से हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।अधिकारियों के अनुसार, येलो लाइन के कारण बेंगलुरु मेट्रो में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 8.5 लाख से बढ़कर 12.5 लाख हो जाने की संभावना है तथा इससे प्रतिदिन यात्रा समय में 2 घंटे की कमी होने का भी अनुमान है।इस दौरान कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।इस बीच, बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने एक बयान में कहा कि येलो लाइन पर ट्रेन सेवाएं सोमवार(11 अगस्त) से शुरू होंगी।इसमें कहा गया कि सभी कार्यदिवसों सोमवार से शनिवार तक दोनों स्टेशन आर.वी. रोड और डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स बोम्मासंद्रा मेट्रो स्टेशन से ट्रेनें सुबह 6:30 बजे चलेंगी। इस खंड पर प्रत्येक दिशा में चलने का समय 35 मिनट है और ट्रेन हर स्टेशन पर रुकेगी।मेट्रो की येलो लाइन पर कुल 16 स्टेशन हैं। डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स बोम्मासंद्रा स्टेशन से आखिरी ट्रेन सेवा रात 10.42 बजे होगी जबकि आरवी रोड इंटरचेंज स्टेशन से आखिरी सेवा रात 11.55 बजे होगी। बीएमआरसीएल ने बताया कि येलो लाइन के स्टेशनों पर किराया 60 रुपये है।
- नासिक। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन -सीबीआई ने महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के इगतपुरी स्थित रेनफॉरेस्ट रिसॉर्ट में चल रहे अवैध कॉल सेंटर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह कॉल सेंटर अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों के नागरिकों को ठगने में लिप्त था।सीबीआईने 8 अगस्त 2025 को मुंबई निवासी छह निजी आरोपियों और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि आरोपी मिलकर अमेज़न सपोर्ट सर्विसेज कॉल सेंटर के नाम पर फर्जी कॉल कर विदेशी नागरिकों को गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ठगते थे।छापेमारी के दौरान सीबीआई को कॉल सेंटर में काम कर रहे लगभग 60 ऑपरेटर मिले, जिनमें डायलर, वेरिफायर और क्लोज़र शामिल थे। उस समय विदेशी नागरिकों से ठगी की प्रक्रिया लाइव चल रही थी।कार्रवाई में 44 लैपटॉप, 71 मोबाइल फोन, ₹1.20 करोड़ नकद, 500 ग्राम सोना और ₹1 करोड़ की सात लग्जरी कारें बरामद हुईं। डिजिटल साक्ष्यों के साथ लगभग 5000 USDT (₹5 लाख) की क्रिप्टोकरेंसी और 2000 कनाडाई डॉलर (₹1.26 लाख) के गिफ्ट वाउचर भी पकड़े गए।अब तक सीबीआईने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है — विशाल यादव, शेबाज़, दुर्गेश, अभय राज उर्फ राजा और समीर उर्फ कालिया उर्फ सोहैल। मामले में अन्य आरोपियों और धन के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा है, जो भारत से संचालित होकर विदेशी नागरिकों को निशाना बना रहा था।
- रायसेन (मध्यप्रदेश)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से होने वाले आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने को लेकर जारी विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे ‘दबंग और गतिशील' अर्थव्यवस्था करार दिया और कहा कि ‘सबके बॉस तो हम हैं' का भाव रखने वाले कुछ देशों को यह रास नहीं आ रहा है। यहां रायसेन में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) की रेल कोच इकाई का भूमिपूजन करने के बाद राजनाथ ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत जितनी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, दुनिया की कोई ताकत उसे विश्व की एक बड़ी शक्ति बनने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘साल 2014 में धन दौलत के आकार (अर्थव्यवस्था) के मामले में भारत 11वें स्थान पर था। आज हमारा भारत दुनिया के शीर्ष चार देशों की कतार में आ गया है। तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था अगर किसी देश की है तो वह हमारे भारत की है।''उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है देश आगे बढ़ रहा है और देशवासी भी आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि देशवासी आगे नहीं बढ़ेंगे तो भारत आगे नहीं बढ़ सकता है।'' रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘डेशिंग यानी दबंग और डायनामिक यानी गतिशील अर्थव्यवस्था किसी देश की है तो वह भारत की है।'' उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि लेकिन ‘‘कुछ लोगों'' को भारत का तेजी से विकास रास नहीं आ रहा है, उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वे सोचते हैं कि सबके बॉस तो हम हैं और भारत कैसे इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है? बहुतों द्वारा ऐसा करने की कोशिश की जा रही है कि भारत में भारतवासियों के हाथों से जो चीज तैयार होती है, वह दुनिया के देशों में जाएं तो उन देशों में बनने वाली चीजों से महंगी हो जाए और वह महंगी हो जाएगी तो दुनिया के लोग उसे खरीद नहीं पाएंगे।'' राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले रक्षा उत्पादन से जुड़ी चीजें विदेशों में बनाई जाती थी और भारत उनसे खरीदता था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज इनमें से बहुत सारी चीजें न केवल भारत की धरती पर बल्कि भारतवासियों के हाथों बन रही हैं, हम न केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं बल्कि हम दुनिया के दूसरे देशों को भी निर्यात करने का काम कर रहे हैं। दुनिया के देश हमारे सामान को खरीद रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने थे उस समय केवल 600 करोड़ रुपये के भारत के रक्षा उत्पाद दुनिया के दूसरे देशों में निर्यात होते थे। उन्होंने कहा, ‘‘अब हम 24,000 करोड़ से ज्यादा का रक्षा उत्पाद दुनिया के देशों को निर्यात कर रहे हैं। यह भारत की ताकत है। यह नए भारत का नया रक्षा क्षेत्र है।'' रेल कोच इकाई का उल्लेख करते राजनाथ सिंह ने कहा कि यह रायसेन और विदिशा क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी सौगात है और इससे 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग धंधों के मामले में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि राज्य को हाल में 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘नेतृत्व शानदार हो तो विकास तेजी से होता है। मुझे लगता है कि कुछ वर्षों के बाद इस मध्यप्रदेश को लोग मॉडर्न प्रदेश कहना शुरू कर देंगे।'' उन्होंने कहा कि जब यह इकाई तैयार हो जाएगी तो आसपास के क्षेत्र का भी तेजी से विकास होगा।उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘धर्म पूछकर लोगों को मारा गया। हम लोग धर्म पूछकर नहीं मार सकते। हम तो हत्या में विश्वास नहीं करते। हम तो चींटियों तक को नहीं मारते। हमने ठान लिया कि धर्म देखकर नहीं, उनका कर्म देखकर मारेंगे।'' उन्होंने कहा कि भारत का स्पष्ट रुख है कि ‘जो हमें छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं'।सिंह ने इससे पहले, रायसेन जिले के उमरिया गांव में 1,800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) की रेल कोच इकाई का भूमिपूजन किया। इस परियोजना का नाम ‘ब्रह्मा' (बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग) रखा गया है और इसकी प्रारंभिक उत्पादन क्षमता 125 से 200 कोच प्रतिवर्ष होगी, जिसे पांच वर्षों में बढ़ाकर 1,100 कोच प्रतिवर्ष किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में आयोजित इस भूमि-पूजन समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, रक्षा उत्पाद सचिव संजीव कुमार, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार, बीईएमएल के अध्यक्ष शांतनु राय शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का एक वीडियो संदेश प्रसारित किया गया।----
- मुंबई।, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर और यूनिसेफ महाराष्ट्र बच्चों में गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण 2019 के अनुसार, भारत में पांच से नौ वर्ष की आयु के बच्चों और 10 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों में एनसीडी का खतरा बढ़ रहा है। सबसे सामान्य एनसीडी बीमारियां जैसे मोटापा, अस्थमा, मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग अक्सर जीवन में होने वाले जोखिमों से उत्पन्न होते हैं, जिनमें खराब पोषण, सुस्त जीवन शैली और पर्यावरणीय प्रभाव शामिल हैं। एम्स-नागपुर में शिशु रोग विभाग की प्रमुख डॉ. मीनाक्षी गिरीश ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य प्रणाली में अक्सर बचपन में होने वाले एनसीडी रोग को कम ही पहचाना जाता है, जिससे निदान और प्रबंधन में देरी होती है। कई मामलों में इन बीमारियों का तब तक पता नहीं लगता जब तक कि ये गंभीर जटिलताओं में न बदल जाएं, जिससे फिर लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं और स्वास्थ्य देखभाल का बोझ बढ़ सकता है।'' यूनिसेफ, एम्स-नागपुर और महाराष्ट्र सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग बच्चों में बढ़ती एनसीडी बीमारियों की चुनौती से निपटने के लिए एक साथ आगे आए हैं। यूनिसेफ महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मंगेश गढ़ारी ने बताया, ‘‘इस कार्यक्रम का ‘पायलट प्रोजेक्ट' सितंबर में विदर्भ क्षेत्र के भंडारा और वर्धा में शुरू होने की उम्मीद है। हम प्रोटोकॉल और प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने पर काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्क्रीनिंग शुरू होने से पहले स्वास्थ्य कर्मियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाए।'' इस कार्यक्रम के तीन वर्ष के अंत तक महाराष्ट्र के 11 जिलों में शुरू होने की उम्मीद है।उन्होंने बताया कि प्रत्येक एनसीडी के लिए कार्य बल का गठन फरवरी में किया गया था और इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सचिव से अप्रैल में अनुमोदन प्राप्त हुआ। इस एनसीडी कार्य बल में भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी के विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेजों के सरकारी विशेषज्ञ, शिक्षा जगत और अन्य पेशेवर संघ शामिल हैं। एम्स-नागपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत पी. जोशी ने कहा, ‘‘यह साझेदारी राज्य सरकार की अद्वितीय पहुंच, यूनिसेफ के समर्थन, एम्स-नागपुर की नैदानिक विशेषज्ञता और अनुसंधान क्षमताओं को एक साथ जोड़ती है...।''
- रायसेन (मध्यप्रदेश), । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के उमरिया गांव में 1,800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ‘भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड' (बीईएमएल) की रेल कोच इकाई का भूमिपूजन किया। इस परियोजना का नाम ‘ब्रह्मा' (बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग) रखा गया है और इसकी प्रारंभिक उत्पादन क्षमता 125 से 200 कोच प्रतिवर्ष होगी, जिसे पांच वर्षों में बढ़ाकर 1,100 कोच प्रतिवर्ष किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार, बीईएमएल के अध्यक्ष शांतनु राय सहित कई नेता और अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का एक वीडियो संदेश प्रसारित किया गया।इस अवसर पर ‘ब्रह्मा' परियोजना पर केन्द्रित लघु फिल्म, प्रस्तावित संयंत्र का 3डी चित्रण (वॉक थ्रू) और नए संयंत्रों के मॉडल प्रदर्शित किए गए। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ‘ब्रह्मा' परियोजना पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया' और ‘आत्मनिर्भर भारत' के उद्देश्यों के अनुरूप कार्य करेगा। संयंत्र में उपयोग होने वाली अधिकांश तकनीक और सामग्री देश में विकसित व निर्मित की जाएगी, जिससे विदेशी निर्भरता कम होगी। बयान के मुताबिक यह परियोजना प्रदेश को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। बयान में कहा गया कि इस संयंत्र के निर्माण में पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा और यहां शून्य तरल अपशिष्ट प्रणाली, सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वर्षा जल संचयन आदि को अपनाया जाएगा।
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नई दिल्ली। देश में चुनाव प्रणाली को साफ और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग (ECI) ने शनिवार को 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को सूची से हटा दिया। इन दलों ने पिछले छह वर्षों, यानी 2019 से अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा और इनके दफ्तर पंजीकृत पते पर भी नहीं पाए गए। आयोग ने बताया कि अब कुल 2,854 RUPPs में से 2,520 शेष रह गए हैं।
आयोग ने कहा कि इन 334 RUPPs को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29B और 29C, आयकर अधिनियम, 1961 और चुनाव प्रतीक (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत मिलने वाले किसी भी लाभ का अधिकार नहीं रहेगा। अगर कोई पार्टी इस फैसले से असंतुष्ट है तो वह आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर आयोग में अपील कर सकती है।RUPPs की सूची से नाम हटाने की यह कार्रवाई ECI की उस व्यापक और लगातार चल रही रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत केवल कागजों पर मौजूद और निष्क्रिय हो चुकी पार्टियों को हटाया जा रहा है। जून 2025 में आयोग ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को 345 RUPPs की जांच करने का निर्देश दिया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि 335 में से 334 दल तय मानकों का पालन नहीं कर रहे थे।मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने इन दलों की फील्ड जांच की, नोटिस जारी किए और व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया, लेकिन अधिकांश ने आवश्यक मानकों को पूरा नहीं किया। वर्तमान में देश में 6 राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल और 2,854 RUPPs पंजीकृत हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार, कोई भी पार्टी यदि लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ती, तो उसका नाम पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाता है।चुनाव आयोग 2022 से अब तक 284 निष्क्रिय और गैर-अनुपालन करने वाले RUPPs को सूची से हटा चुका है और 253 RUPPs को निष्क्रिय घोषित कर चुका है, ताकि राजनीतिक क्षेत्र से गैर-कार्यक्षम पार्टियों को हटाया जा सके। - बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शहरी परिवहन से जुड़े बड़ी परियोजनाओं की सौगात सौगात दी। उन्होंने बेंगलुरु मेट्रो फेज-2 की येलो लाइन का उद्घाटन किया, जिसकी लंबाई 19 किलोमीटर से अधिक है और इसमें 16 स्टेशन हैं। यह परियोजना लगभग 7,160 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई है। येलो लाइन आरवी रोड (रगिगुड्डा) से बोम्मसंद्रा तक जाएगी और इसके शुरू होने से बेंगलुरु मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई 96 किलोमीटर से अधिक हो गई है।इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु मेट्रो फेज-3 परियोजना का शिलान्यास भी किया, जिसकी लागत 15,610 करोड़ रुपये से अधिक है। यह फेज-3 (ऑरेंज लाइन) 44 किलोमीटर से अधिक लंबा होगा और इसमें 31 एलिवेटेड स्टेशन होंगे, जो शहर के आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक और शैक्षणिक क्षेत्रों को जोड़ेगा। पीएम मोदी ने कहा कि येलो लाइन और ऑरेंज लाइन मिलकर रोजाना 25 लाख यात्रियों की यात्रा को आसान बनाएंगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में कॉरपोरेट सेक्टर का भी योगदान है, जैसे इंफोसिस फाउंडेशन, बायोकॉन और डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स ने कुछ स्टेशनों के लिए CSR फंडिंग दी है।वहीं प्रधानमंत्री ने केएसआर रेलवे स्टेशन से तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। इनमें बेंगलुरु से बेलगावी, अमृतसर से श्री माता वैष्णो देवी कटरा, और नागपुर (अजनी) से पुणे के बीच चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये ट्रेनें व्यापार, पर्यटन और यात्रियों की सुविधा को बढ़ावा देंगी।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बेंगलुरु की संस्कृति, लोगों के स्नेह और कन्नड़ भाषा की मिठास की सराहना की। उन्होंने नादप्रभु केम्पेगौड़ा के विजन को याद करते हुए कहा कि बेंगलुरु आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है और न्यू इंडिया का प्रतीक बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बेंगलुरु यात्रा है, जिसमें भारतीय सेना ने सीमापार आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया और पाकिस्तान को कुछ ही घंटों में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने इस सफलता का श्रेय तकनीक और मेक इन इंडिया की ताकत को दिया।पीएम मोदी ने गिनाई केंद्र सरकार की उपलब्धियांप्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में देश में केवल 5 शहरों में मेट्रो थी, जबकि आज 24 शहरों में 1,000 किमी से ज्यादा नेटवर्क है, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है। 2014 से पहले लगभग 20,000 किमी रेलवे रूट का विद्युतीकरण हुआ था, जबकि पिछले 11 वर्षों में 40,000 किमी से ज्यादा रेलवे रूट का विद्युतीकरण हो चुका है। 2014 में देश में केवल 74 हवाई अड्डे थे, जो अब बढ़कर 160 से अधिक हो गए हैं। जलमार्गों की संख्या भी 3 से बढ़कर 30 हो गई है। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला। 2014 में देश में 7 एम्स और 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब 22 एम्स और 704 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। मेडिकल सीटें एक लाख से ज्यादा बढ़ाई गई हैं। IIT की संख्या 16 से बढ़कर 23, IIIT की संख्या 9 से बढ़कर 25 और IIM की संख्या 13 से बढ़कर 21 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों और मध्यम वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा में अब ज्यादा अवसर मिल रहे हैं।पीएम मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ पक्के मकान दिए गए हैं और अब 3 करोड़ और बनाए जाएंगे। 11 साल में 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए हैं। निर्यात के आंकड़े 468 अरब डॉलर से बढ़कर 824 अरब डॉलर हो गए हैं। वहीं मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है और भारत अब चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल निर्यातक बन गया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत (Viksit Bharat) का सफर डिजिटल इंडिया के साथ चलेगा। भारत AI मिशन, सेमीकंडक्टर मिशन और अंतरिक्ष तकनीक में आगे बढ़ रहा है। UPI के जरिए भारत दुनिया के 50% से अधिक रियल टाइम ट्रांजैक्शन करता है। 2,200 से ज्यादा सरकारी सेवाएं मोबाइल पर उपलब्ध हैं और डिजिलॉकर व UMANG ऐप से नागरिकों को बड़ी सुविधा मिली है।प्रधानमंत्री ने कहा कि अगली बड़ी प्राथमिकता तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है। उन्होंने राज्य सरकारों को अनावश्यक आपराधिक प्रावधान हटाने और सुधारों को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने मिशन कर्मयोगी और आकांक्षी जिले व ब्लॉक कार्यक्रमों पर जोर दिया और विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य मिलकर कर्नाटक को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।वहीं कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, एच.डी. कुमारस्वामी, अश्विनी वैष्णव, वी. सोमन, शोभा करंदलाजे सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि भारत अपनी स्वदेशी ताकत और तकनीक के दम पर दुश्मनों को परास्त कर सकता है। उन्होंने यह बात आज रविवार को मध्य प्रदेश के उमरिया में बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग (BRAHMA) की आधारशिला रखते हुए कही। यह ग्रीनफील्ड रेल मैन्युफैक्चरिंग सुविधा देश में आधुनिक रोलिंग स्टॉक (वे सभी वाहन जो रेलवे ट्रैक पर चलते हैं) के निर्माण के लिए स्थापित की जाएगी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले का करारा जवाब बताया और कहा कि भारत किसी को उकसाता नहीं, लेकिन जो उकसाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसमें सशस्त्र बलों ने स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया, जिससे सफलता हासिल हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत न केवल अपने यहां रक्षा उपकरण बना रहा है, बल्कि मित्र देशों को भी निर्यात कर रहा है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया और रक्षा निर्यात भी अब तक का सर्वाधिक 23,622 करोड़ रुपये रहा। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 6.5% की दर से बढ़ रही है और देश जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार के प्रयासों से भारत 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करेगा।बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग (BRAHMA) को 148 एकड़ में विकसित किया जाएगा। इस पर अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 1,800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। शुरुआत में यहां 125 से 200 कोच प्रतिवर्ष बनाए जाएंगे, जिसे पांच वर्षों में बढ़ाकर 1,100 कोच प्रतिवर्ष किया जाएगा। यह इकाई वंदे भारत ट्रेनसेट, मेट्रो कार, इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट, हाई-स्पीड रेल कोच और अन्य उन्नत रोलिंग स्टॉक का निर्माण करेगी। इससे 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे और सिंगरौली, सतना, रीवा और कटनी के औद्योगिक क्षेत्रों में एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा। BRAHMA को हरित मैन्युफैक्चरिंग के सिद्धांतों के तहत बनाया जाएगा, जिसमें जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम, सौर और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वर्षा जल संचयन, हरित लैंडस्केपिंग और पुनर्नवीनीकरण निर्माण सामग्री का उपयोग शामिल होगा। यह इकाई उच्च पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों का पालन करेगी।राजनाथ सिंह ने कहा कि BRAHMA जैसे प्रोजेक्ट राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास, दोनों के लिए अहम हैं। उन्होंने बीईएमएल को रक्षा और नागरिक क्षेत्रों की जरूरतें पूरी करने के लिए सराहा और अनुसंधान एवं विकास को और मजबूत करने पर जोर दिया। इस अवसर पर कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (वर्चुअली), मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, रक्षा उत्पादन सचिव संजय कुमार, बीईएमएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शांतनु रॉय सहित वरिष्ठ राज्य और केंद्रीय अधिकारी उपस्थित रहे।-( -
नयी दिल्ली. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' तीनों सेनाओं के बीच शानदार तालमेल का प्रमाण है और उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार सुधार, समन्वय एवं अनुकूलनशीलता जारी रखने की जरूरत है। सिकंदराबाद में रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय में अपने संबोधन में जनरल चौहान ने बिना विस्तार से बताए संयुक्त क्षमता बढ़ाने के लिए थिएटर कमान के वास्ते एक रोडमैप के बारे में भी बात की। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि संयुक्त आपूर्ति शृंखला और एकीकरण को मजबूत करने के वास्ते जारी प्रयासों के तहत सीडीएस ने “एकीकृत आपूर्ति शृंखला के लिए संयुक्त पुस्तिका” जारी की। बयान के मुताबिक, यह पुस्तिका आपूर्ति शृंखला प्रणालियों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सशस्त्र बल हमेशा संसाधनों से लैस रहें और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें। बयान के अनुसार, इस पुस्तिका में आपूर्ति शृंखला के एकीकरण, डिजिटलीकरण, सामान्य वितरण और खरीद एवं राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला ढांचे के साथ एकीकरण जैसे मुख्य क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है। बयान में कहा गया है कि उक्त दस्तावेज का मकसद तीनों सेनाओं के बीच रसद समन्वय को बढ़ावा देना, दक्षता में सुधार लाना और सशस्त्र बलों में अधिक संगठनात्मक प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है। जनरल चौहान में अपने संबोधन में प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक युद्ध क्षेत्र में बदलावों से निपटने के लिए सेना में किए जा रहे परिवर्तनकारी बदलावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सशस्त्र बलों में तालमेल और एकीकरण पर रणनीतिक दृष्टिकोण साझा किया तथा एकीकृत संचालन के भविष्य के रोडमैप को आकार देने के लिए प्रमुख बिंदुओं को भी रेखांकित किया। ‘थियेटराइजेशन मॉडल' के तहत सरकार सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करना तथा युद्ध एवं अभियानों के लिए उनके संसाधनों का इष्टतम इस्तेमाल करना चाहती है। ‘थिएटरीकरण योजना' के तहत प्रत्येक थिएटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए संयुक्त इकाई के रूप में काम करेंगी। मौजूदा समय में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग कमान हैं।
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भुवनेश्वर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत 13 अगस्त से ओडिशा के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से मुलाकात करेंगे और कटक में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुमंत कुमार पांडा ने बताया कि भागवत 13 अगस्त की शाम भुवनेश्वर पहुंचेंगे और मंचेश्वर क्षेत्र में उत्कल बिपन्ना सहायता समिति कार्यालय में ठहरेंगे। पांडा ने एक बयान में कहा कि भागवत 14 अगस्त को कटक के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में गौड़ीय वैष्णववाद सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके बाद वह शाम के समय पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर जाएंगे और बाद में गोबर्धन पीठ में पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से मुलाकात करेंगे। भागवत का 15 अगस्त को ओडिशा से लौटने का कार्यक्रम है। पांडा के अनुसार, आरएसएस प्रमुख ने पिछली बार मई में ओडिशा का दौरा किया था और संघ के चुनिंदा स्वयंसेवकों के साथ बैठक की थी।
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चेन्नई. थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' किसी भी पारंपरिक मिशन से अलग था और यह शतरंज की बाजी जैसा था क्योंकि ‘‘हमें नहीं पता था'' कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मद्रास में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर मई में की गई भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई की जटिलताओं को याद किया। जनरल द्विवेदी ने इसे शतरंज की बाजी बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर में हमने शतरंज की बाजी खेली। इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले हैं। इसे हम ‘ग्रे जोन' कहते हैं। ‘ग्रे जोन' का मतलब है कि हम पारंपरिक ‘ऑपरेशन' नहीं कर रहे, लेकिन हम कुछ ऐसा कर रहे हैं जो पारंपरिक ‘ऑपरेशन' से थोड़ा हटकर हो।'' उन्होंने कहा, ‘‘पारंपरिक ‘ऑपरेशन' का मतलब है, सबकुछ लेकर जाओ, जो कुछ आपके पास है उसे ले जाएं और अगर आप वापस आ सकते हैं तो वापस आ जाएं, नहीं तो वहीं रहें। इसे पारंपरिक तरीका कहा जाता है। यहां, ‘ग्रे जोन' का मतलब है कि हर क्षेत्र में होने वाली कोई भी गतिविधि, हम इसी के बारे में बात कर रहे हैं और ‘ऑपरेशन सिंदूर' ने हमें सिखाया कि यही ‘ग्रे जोन' है।'' सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम शतरंज की बाजी खेल रहे थे और वह (दुश्मन) भी शतरंज की चालें चल रहा था। कहीं हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, तो कहीं हम अपनी जान गंवाने के जोखिम पर भी उसे मात देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जिंदगी का यही मतलब है।'' मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी समूहों से जुड़े कई ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस अभियान का उद्देश्य पहलगाम हमले के बाद आतंकी ढांचे को नष्ट करना और प्रमुख आतंकवादियों को मार गिराना था।
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मथुरा . मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर व वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) इस वर्ष 16 अगस्त की मध्य रात्रि को तथा नन्दगांव में 17 अगस्त की रात्रि में मनाया जाएगा। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इसके लिए सभी मंदिरों सहित जिला प्रशासन स्तर पर भी व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जिलाधिकारी (डीएम) चंद्रप्रकाश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर 42 लाख श्रद्धालु मथुरा पहुंचे थे, लेकिन इस वर्ष अनुमान है कि यह आंकड़ा 50 लाख के भी पार जा सकता है। उन्होंने बताया कि मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, गोकुल, नन्दगांव, गोवर्धन, महावन आदि सभी तीर्थस्थलों पर इसी हिसाब से तैयारियां की जा रही हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं संरक्षा के इंतजाम भी व्यापक स्तर पर किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में ही निगरानी के लिए 150 सीसीटीवी कैमरों का इंतजाम किया गया है और बाहरी क्षेत्र में भी सौ से अधिक कैमरे निगरानी कार्य में प्रयोग किए जाएंगे। इनके अलावा, इस बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र की निगरानी में कृत्रिम मेधा (एआई) तकनीक युक्त ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित सभी प्रमुख मंदिरों, संवेदनशील स्थानों आदि सहित शहर में सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि इन दिनों शहर में साफ-सफाई, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत, मार्गों का सौंदर्यीकरण, चौराहों की सजावट आदि का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पदेन मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि इस वर्ष श्री कृष्णोत्सव पर्व तीन दिन (15 से 17 अगस्त तक) मनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत 15 अगस्त की सुबह 10 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार से शोभायात्रा के साथ होगी। यह यात्रा परम्परागत रूप से पोतरा कुण्ड, गोविंद नगर, डीग गेट से होते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर ही सम्पन्न हो जाएगी। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा में धर्म-आध्यात्म के साथ स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीयता का भी समावेश किया जाएगा। शोभायात्रा में ब्रज के साथ बुंदेलखंड, राजस्थान और हरियाणा के लगभग 250 लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। सिंह ने बताया कि ये कलाकार बुंदेलखंड का राई नृत्य, राजस्थान का कच्ची घोड़ी नृत्य, हरियाणा का गूजरी नृत्य आदि का प्रदर्शन करते हुए निकलेंगे। ब्रज के कलाकर बम्ब नगाड़े, ढोल, बीन, शहनाई, डमरू-मजीरा पर अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही शोभायात्रा में मान मंदिर बरसाना, इस्कान वृन्दावन सहित विभिन्न मंदिरों की भजन मंडलियां भी भक्ति रस बिखेरेंगी। इस मौके पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन की ओर से अपील की गई है चूंकि जन्माष्टमी के अवसर पर वृन्दावन में आने वाले श्रद्धालुओं का अत्यधिक दबाव रहेगा, इसलिए ऐसे में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना अथवा विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, रक्तचाप व शर्करा के मरीजों को साथ न लाएं।
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इंदौर (मध्यप्रदेश). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने देश में चिकित्सा और शिक्षा के व्यावसायीकरण पर चिंता जताते हुए रविवार को कहा कि दोनों महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आम लोगों को 'सहज, सुलभ, सस्ती और सहृदय' सुविधाएं मुहैया कराया जाना वक्त की मांग है। भागवत ने इंदौर में कैंसर के मरीजों के किफायती इलाज के लिए 'माधव सृष्टि आरोग्य केंद्र' का उद्घाटन किया। यह केंद्र ‘गुरुजी सेवा न्यास' नाम के परमार्थ संगठन ने शुरू किया है। संघ प्रमुख ने इस मौके पर एक समारोह में कहा, "(अच्छी) चिकित्सा और शिक्षा की सारी योजनाएं आज समाज के हर व्यक्ति की बहुत बड़ी आवश्यकता बन गई है, लेकिन दुर्भाग्य ऐसा है कि दोनों क्षेत्रों की (अच्छी) सुविधाएं आम आदमी की पहुंच और आर्थिक सामर्थ्य के दायरे से बाहर हैं।" उन्होंने कहा, "पहले चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्रों में सेवा की भावना से काम किए जाते थे, लेकिन अब इन्हें भी ‘कमर्शियल' (वाणिज्यिक) बना दिया गया है।" संघ प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि जनता को चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्रों में 'सहज, सुलभ, सस्ती और सहृदय' सुविधाएं मुहैया कराया जाना वक्त की मांग है और ये सुविधाएं अधिक से अधिक स्थानों पर होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि ‘व्यावसायीकरण' के कारण इन सुविधाओं का ‘केन्द्रीकरण' भी हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कॉर्पोरेट का जमाना है, तो शिक्षा (सुविधाओं) का हब (केंद्र) बन जाता है।'' संघ प्रमुख ने देश में कैंसर के महंगे इलाज पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज की बहुत अच्छी सुविधाएं केवल आठ-दस शहरों में मौजूद हैं, जहां देश भर के मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी धनराशि खर्च करके जाना पड़ता है। भागवत ने आम लोगों के लिए चिकित्सा और शिक्षा की अच्छी सुविधाएं पेश करने के वास्ते समाज के सक्षम और समर्थ लोगों से आगे आने का आह्वान किया। संघ प्रमुख भागवत ने कहा, "कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) जैसे शब्द बेहद टेक्निकल (तकनीकी) और फॉर्मल (औपचारिक) हैं। सेवा के संदर्भ में हमारे यहां एक शब्द है-धर्म। धर्म यानी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाना। धर्म समाज को जोड़ता है और समाज को उन्नत करता है।" भागवत ने यह भी कहा कि पश्चिमी मुल्क विविधता पर विचार किए बगैर चिकित्सा क्षेत्र के अपने मानक पूरी दुनिया पर लागू करने की सोच रखते हैं, लेकिन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में मरीजों का उनकी अलग-अलग प्रकृति के आधार पर विशिष्ट तौर पर इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनमें एलोपैथी के जानकार भी आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज की सलाह देते हैं और इसी तरह कुछ रोगों के मामले में होम्योपैथी और नेचुरोपैथी ज्यादा कारगर मानी जाती हैं। संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘मेरा यह दावा बिल्कुल नहीं है कि कोई चिकित्सा पद्धति श्रेष्ठ या कमतर है, लेकिन मनुष्यों की विविधता को ध्यान में रखते हुए मरीजों को इलाज के सभी विकल्प उपलब्ध कराए जाने चाहिए।'' भागवत ने जिस 'माधव सृष्टि आरोग्य केंद्र' का उद्घाटन किया, उसमें मरीजों के लिए एलोपैथी के साथ ही आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, एक्यूपंक्चर और न्यूरोपैथी की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही अपने छात्रों, शिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए विशेष रूप से एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन शुरू करेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस प्रस्ताव को बोर्ड की हाल ही में हुई शासी निकाय की बैठक में मंजूरी दी गई और बैठक में लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किए जाने का निर्णय लिया गया। सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने के प्रस्ताव को बोर्ड की शासी निकाय ने मंजूरी दे दी है। यह निर्णय लिया गया है कि सामुदायिक रेडियो लाइसेंस के लिए आवेदन तैयार करने और उस पर कार्रवाई करने के लिए हितधारकों तथा विशेषज्ञों के साथ अगले छह महीनों में परामर्श बैठकें आयोजित की जाएंगी।'' सीबीएसई पहले से ही शिक्षा वाणी नाम के एक पॉडकास्ट का संचालन कर रहा है जो कक्षा 9 से कक्षा 12 के विभिन्न विषयों के लिए समय पर ऑडियो सामग्री को सुस्पष्ट और सहज तरीके से प्रसारित करता है। सीबीएसई-शिक्षा वाणी ‘एंड्रॉइड' फोन उपयोगकर्ताओं के लिए ‘प्ले स्टोर' पर उपलब्ध है। शिक्षा वाणी ने अब तक एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार लगभग 400 सामग्री अपलोड की हैं। अधिकारी ने कहा, लाइसेंस प्राप्त होने के बाद सामुदायिक रेडियो स्टेशन पर प्रसारित की जाने वाली सामग्री की रूपरेखा तय की जाएगी।
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देहरादून. संस्कृत को जनभाषा बनाने तथा उसका गौरव वापस दिलाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में चयनित 13 आदर्श संस्कृत ग्रामों की विधिवत शुरुआत की । इस मौके पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने देहरादून में भोगपुर गांव, टिहरी के मुखेम गांव, उत्तरकाशी के कोटगांव, रुद्रप्रयाग के बैंजी गांव, चमोली के डिम्मर गांव, पौड़ी के गोदा गांव, पिथौरागढ़ के उर्ग गांव, अल्मोड़ा के जैंती पाण्डेकोटा गांव, बागेश्वर के शेरी गांव, चंपावत के खर्ककार्की गांव, हरिद्वार के नूरपुर पंजनहेडी गांव , नैनीताल के पाण्डे गांव एवं ऊधमसिंहनगर के नगला तराई गांव की आदर्श संस्कृत ग्राम के रूप में शुरुआत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न संस्कृत ग्रामों के लोगों से डिजिटल माध्यम से संवाद भी किया।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले में आदर्श संस्कृत ग्राम की स्थापना कर देववाणी संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है । धामी ने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड सदियों से देववाणी संस्कृत के अध्ययन और शोध का केंद्र रहा है । राज्य सरकार का प्रयास है कि देववाणी संस्कृत की पवित्र ज्योति को उत्तराखंड में प्रज्ज्वलित रखा जाए।” मुख्यमंत्री ने कहा “आदर्श संस्कृत ग्रामों में लोग अपने दैनिक जीवन में संस्कृत का प्रयोग करेंगे जिससे देववाणी पुनः हमारे जीवन में बोलचाल, व्यवहार और संवाद का हिस्सा बन सकेगी।” धामी ने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य है जो इस तरह की पहल से संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा, “संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति, परंपरा, ज्ञान और विज्ञान का मूल आधार है जिसके आधार पर ही प्राचीन मानव सभ्यताओं का विकास संभव हो सका है ।” धामी ने कहा कि वैदिक संस्कृति में वेदों, ग्रंथों, पुराणों और उपनिषदों की रचना संस्कृत में ही की गई है तथा संस्कृत भाषा अनादि और अनंत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में संस्कृत को आधुनिक और व्यावहारिक भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विद्यालयों में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है और संस्कृत भाषा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान योजना से सम्मानित किया जा रहा है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने संस्कृत को अपनी दूसरी आधिकारिक भाषा घोषित किया है । उन्होंने संस्कृत विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 75 करोड़ रुपये दिए जाने पर भी आभार जताया। - उत्तरकाशी. उत्तरकाशी में आपदा प्रभावित धराली के आसपास के इलाकों से लोगों को निकालने के लिए शनिवार को भी कई हेलीकॉप्टर उड़ान भरते नजर आए। बचाव अभियान पांचवें दिन भी जारी रहा और पांचवें दिन तक कुल 1000 से अधिक लोगों को हवाई मार्ग के जरिये निकाला गया है। फिलहाल सड़क संपर्क में सुधार और प्रभावित लोगों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। एसडीआरएफ का श्वान दस्ता मंगलवार को खीर गंगा में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद लापता लोगों की तलाश में मलबे से भरी जर्जर इमारतों में भटकता दिखा। भूस्खलन ने धराली बाजार को तहस-नहस कर दिया और होटल और होमस्टे समेत अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा ले गया जिससे कई लोगों की मौत हो गई। एसडीआरएफ श्वान दस्ते और पीड़ितों का पता लगाने वाले ‘थर्मल इमेजिंग' कैमरों जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से क्षतिग्रस्त इमारतों में गहन खोज करके धराली में मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रहा है। उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने प्रभावित इलाकों का मौके पर निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘फंसे हुए लोगों को तेजी से निकालने के अलावा, हमें लापता लोगों की खोज और बचाव पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।'' जिला प्रशासन ने इस त्रासदी में चार लोगों की मौत, दो शव बरामद होने और आपदा के बाद से 49 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। भारतीय वायुसेना के चिनूक और एआई-17 हेलीकॉप्टर के अलावा उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के कई हेलीकॉप्टर ने जिले के विभिन्न स्थानों पर शरण लिए हुए लोगों को बचाने के लिए सुबह से ही उड़ानें भरनी शुरू कर दीं। लोगों को निकालने का काम बुधवार को शुरू होने के बाद से शनिवार शाम तक धराली और हर्षिल के आसपास से 1,000 से अधिक लोगों को हवाई मार्ग से निकाला गया है। हर्षिल स्थित एक सैन्य शिविर भी अचानक आई बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था और उसके नौ जवान लापता हो गए थे। हर्षिल के एक निवासी ने बताया कि पांच अगस्त की शाम को मंदाकिनी घाट पर भारी मात्रा में मलबा जमा होने के कारण नदी का प्रवाह प्रभावित हुआ था। गोविंद राम भंडारी ने कहा, ‘‘यहां सेना का आधार शिविर है। हम भगोरी से हैं और वहां स्थिति सामान्य है, लेकिन हर्षिल के आगे कुछ ‘होमस्टे' बाढ़ में बह गए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं था। कल ही कनेक्टिविटी बहाल हुई है। अभी भी बिजली नहीं है और पीने के पानी को लेकर कुछ दिक्कतें हैं - बाढ़ के कारण गंदा पानी आ रहा है।'' गंगनानी के पास लिंचीगाड में बेली सेतु का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है ताकि प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क बेहतर बनाया जा सके। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि इसके रविवार शाम तक बनकर तैयार होने की संभावना है। बेली सेतु एक तरह का मॉड्यूलर सेतु होता है जिसे पहले से बने पुर्जों को जोड़कर जल्दी से तैयार किया जा सकता है। गंगोत्री राजमार्ग कई जगहों पर अवरुद्ध है या टूटा हुआ है, जिससे बाढ़ से तबाह हुए इलाके में पड़े टनों मलबे के बीच लापता लोगों की तलाश के लिए आवश्यक उन्नत उपकरणों को पहुंचाने के प्रयासों में बाधा आ रही है। उत्तरकाशी में तीन दिनों तक बचाव कार्यों की बारीकी से निगरानी करने के बाद देहरादून लौटे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को धराली आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों और अपने घर गंवाने वालों को पांच-पांच लाख रुपये की तत्काल सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने आपदा से प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास, समग्र पुनरुद्धार और स्थायी आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए एक तीन-सदस्यीय समिति के गठन की भी घोषणा की। सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता वाली यह समिति एक सप्ताह के भीतर सरकार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यह समिति धराली गांव के भविष्य के लिए एक दीर्घकालिक और प्रभावी नीति का खाका तैयार करेगी, ताकि स्थानीय समुदाय की सुरक्षा और आजीविका सुनिश्चित की जा सके। धामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आपदा प्रभावित क्षेत्र धराली (उत्तरकाशी) में फंसे बड़ी संख्या में लोगों को राहत एवं बचाव दल द्वारा सुरक्षित निकाला गया है जिनमें स्थानीय निवासियों के साथ-साथ अन्य राज्यों के श्रद्धालु शामिल हैं।'' उन्होंने बचाव कार्यों में केंद्र का पूर्ण सहयोग और समर्थन मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। धामी ने कहा कि मकान, जमीन, खेती और अन्य नुकसान के लिए मुआवजे का आकलन शुरू हो गया है और अगले दो-तीन दिनों में मुआवजा वितरण शुरू किया जाएगा। धामी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता घाटी में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालना है, जो लगभग पूरा हो चुका है। इसके साथ ही मकान, खेत, कृषि और अन्य तरह की चीजों से जुड़े नुकसान का विस्तृत सर्वेक्षण चल रहा है ताकि शेष मुआवजा जल्द ही दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक रसोई के माध्यम से प्रभावित परिवारों तक भोजन, राशन, आपातकालीन लाइट, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं लगातार पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गांव में बिजली और नेटवर्क व्यवस्था बहाल कर दी गई है और जल्द ही सड़क मार्ग भी यातायात के लिए सुचारू कर दिया जाएगा। धामी ने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विश्व संस्कृत दिवस पर अपने संदेश में कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक दशक में इस प्राचीन भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत है तथा इसका प्रभाव हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। मोदी ने कहा कि यह इस भाषा को सीखने और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयासरत सभी लोगों के प्रयासों की सराहना करने का अवसर है। यह दिवस प्रतिवर्ष ‘श्रावण पूर्णिमा' के अवसर पर मनाया जाता है।प्रधानमंत्री ने इस संबंध में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सामने रखते हुए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना, संस्कृत शिक्षण केंद्रों की स्थापना, इस भाषा के विद्वानों को अनुदान देने और प्राचीन संस्कृत पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए एक मिशन की शुरुआत जैसे विभिन्न उपायों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इससे अनगिनत विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को लाभ हुआ है।हिंदू महाकाव्यों समेत कई प्रभावशाली प्राचीन पुस्तकें संस्कृत में लिखी गई हैं। लेकिन संस्कृत अब ऐसी भाषा बनकर रह गई है जो बड़े पैमाने पर धार्मिक कार्यों में ही सीमित हो गई है।
- बेंगलुरु. एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराने की पुष्टि की है। उन्होंने इसे भारत द्वारा सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बताया। तीन महीने पहले किए गए भारतीय हवाई हमलों के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान पर यह पहली आधिकारिक टिप्पणी है। कई विपक्षी नेता ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों को हुए नुकसान का खुलासा करने में देरी को लेकर सरकार पर हमला कर रहे हैं। यह अभियान अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद सात मई से चलाया गया था। सिंह ने यहां एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे स्मृति व्याख्यान के 16वें संस्करण के दौरान सीमा के निकट और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी मुख्यालयों और अन्य आतंकी ठिकानों पर सात मई को किए गए हमलों का विस्तृत ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की पुष्ट जानकारी है और एक बड़ा विमान है, जो या तो विमान हो सकता है या फिर एडब्ल्यूसी (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया।” सिंह ने कहा, “ यह वास्तव में सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, जो हमने हासिल किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि उस एडब्ल्यूसी हैंगर में कम से कम एक एडब्ल्यूसी के होने के संकेत मिले हैं, तथा कुछ एफ-16 को भी नुकसान पहुंचा जो वहां रखरखाव के लिए थे। सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन और उनकी कुछ मिसाइलें भी भारतीय क्षेत्र में गिरीं, लेकिन इनसे भारतीय प्रतिष्ठानों को कोई नुकसान नहीं हुआ। ‘ऑपरेशन' की सफलता के पीछे एक प्रमुख कारण "राजनीतिक इच्छाशक्ति" को बताते हुए सिंह ने कहा, "मैं यहां बहुत-बहुत स्पष्ट...बहुत खुलापन दिखा रहा हूं, क्योंकि मैंने इसके बारे में विभिन्न बातें सुनी हैं।" वायुसेना प्रमुख ने कहा, "यदि मैं आपसे कुछ कहूंगा तो लोगों को उस पर विश्वास करना होगा, क्योंकि मैं वहां था, सबकी बात सुन रहा था, और इसमें शामिल था... बहुत स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति थी, हमें बहुत स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, और हम पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।" उन्होंने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि क्या कोई प्रतिबंध थे या हमें विवश करके रखा गया था। उन्होंने कहा, "अगर कोई प्रतिबंध थे, तो वे स्वनिर्मित थे। हम बलों ने तय किया कि लड़ाई के नियम क्या होंगे। हम किस हद तक जाना चाहते हैं, और हम कैसे हालात को काबू में रखना चाहते हैं।” सिंह ने कहा, “ इसलिए मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम पर कोई प्रतिबंध नहीं था, दोहराता हूं कि कोई भी पाबंदी नहीं थी। हमें योजना बनाने और उसे लागू करने की पूरी आज़ादी दी गई थी। मैं कहना चाहता हूं कि हमारे हमले सटीक और सोच-समझकर किए गए थे क्योंकि, हम इस मामले में परिपक्वता दिखाना चाहते थे।” सिंह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री और सरकार पर इस बात के लिए हमला बोला है कि जब हमारी सेनाएं पाकिस्तान पर भारी पड़ रही थीं, तब उन्होंने संघर्ष विराम पर सहमति जताई। भारतीय वायुसेना प्रमुख ने "युद्ध को समाप्त करने" के महत्व पर भी जोर दिया।उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट था। हमारा उद्देश्य आतंकवादियों को ऐसा सबक सिखाना था कि वे कुछ भी करने से पहले दो बार सोचेंगे; अब उन्हें पता है कि उन्हें इसकी कितनी कीमत चुकानी पड़ सकती है। और एक बार जब हम ये उद्देश्य हासिल कर लें, तो हमें इसे जारी रखने के बजाय, इसे रोकने के सभी अवसर तलाशने चाहिए। उन्होंने कहा, "उस रात हमारा मनोबल बेहद ऊंचा था। मैंने कई लोगों से सुना...मेरे कुछ करीबी लोगों ने भी कहा 'और मरना था'।" एयर चीफ मार्शल के अनुसार, एस-400 वायु रक्षा प्रणाली पासा पलटने वाली साबित हुई है। भारत ने इसे हाल में खरीदा है। वायुसेना प्रमुख ने कहा, "इस प्रणाली की रेंज ने पाकिस्तान के विमानों और यूएवी को भारतीय रक्षा प्रणाली से दूर रखा था। एस-400 प्रणाली की वजह से पाकिस्तान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को भेद नहीं सका।" पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट हवाई हमले के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोई तस्वीरें उपलब्ध नहीं थीं और यह एक बड़ा मुद्दा बन गया। उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यवश, हम अपने लोगों को यह नहीं बता सके कि हमने क्या हासिल कर लिया है। हमारे पास खुफिया जानकारी थी कि भारी क्षति हुई है; बहुत सारे आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन हम अपने लोगों को आश्वस्त नहीं कर सके। लेकिन (इस बार) हम भाग्यशाली रहे और ये वीडियो सार्वजनिक कर पाए।" सिंह ने कहा, "मुझे खुशी है कि हम बालाकोट की उस छाया से बाहर निकल सके।"उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना ने हवाई क्षेत्र पर हमला करने का निर्णय लिया। वायुसेना प्रमुख ने कहा, "हवाई अड्डे पर हमला किया गया और मुख्य भवन पर भी हमला किया गया, जहां योजनाएं बनती हैं, और इसका इस्तेमाल कभी-कभी सिविल टर्मिनल भवन के रूप में भी किया जाता था। जहां तक सुकूर एयरबेस का सवाल है, हमने यूएबी हैंगर और रडार स्थल पर हमला किया।" ‘स्लाइड शो' (प्रस्तुति देने) के दौरान उन्होंने एडब्ल्यूसी हैंगर के दृश्य दिखाए, जो भारतीय हमले के बाद ध्वस्त हो गया था। पाकिस्तान के सरगोधा के बारे में वायुसेना प्रमुख ने कहा, "हम अपनी वायुसेना में ऐसे ही दिनों का सपना देखते हुए बड़े हुए हैं। किसी दिन हमें मौका मिलेगा। संयोग से मुझे अपनी सेवानिवृत्ति से पहले यह मौका मिल गया। हमने उस हवाई क्षेत्र पर हमला किया, जहां हमें एफ-16 विमानों के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी मिली थी।" सिंह ने यह भी कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सैन्य अभियानों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है। उन्होंने कहा, “सीडीएस हमेशा हमारे बीच एकता बनाए रखने और समस्याओं को सुलझाने के लिए मौजूद रहते थे। जब भी हमें जरूरत होती थी, हम वरिष्ठ नेतृत्व के पास जाकर मुद्दों पर चर्चा किया करते थे।” एयर चीफ मार्शल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे अन्य एजेंसियों और सुरक्षा बलों को एक साथ लाने में मदद मिली। उन्होंने बताया कि जब अभियान शुरू हुआ, तो सैन्य प्रमुखों ने इसके संभावित परिणामों और भारत को कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा की। ‘ऑपरेशन सिंदूर' से मिली सीख के बारे में सिंह ने कहा, "इस अभियान की सबसे बड़ी सीख यह रही है कि हवाई युद्ध की प्रधानता एक बार फिर सामने आई है। लोगों को यह एहसास हो गया है कि हवाई युद्ध किसी भी देश की पहली प्रतिक्रिया है और हवाई युद्ध वास्तव में त्वरित प्रतिक्रिया दे सकता है, सटीकता के साथ अंदर तक हमला कर सकता है और बिना अनावश्यक नुकसान के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है।" पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था।
- नयी दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर में 29 वर्षीय एक व्यक्ति ने शनिवार को अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की कथित तौर पर हत्या कर दी। यह जानकारी पुलिस ने दी। करावल नगर पुलिस थाने को घटना की सूचना सुबह 7.15 बजे मिली।एक अधिकारी ने बताया, "एक टीम मौके पर पहुंची और 28 वर्षीय महिला और उसकी लगभग सात और पांच साल की दो बेटियों को कमरे में मृत पाया।'' पुलिस ने महिला के पति आरोपी प्रदीप कश्यप को गिरफ्तार कर लिया और उस पर हत्या का एक मामला दर्ज किया। अधिकारी ने बताया, ‘‘आरोपी को मुकुंद विहार से गिरफ्तार कर लिया गया।'' पुलिस के अनुसार, आरोपी कश्यप ने हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया है और जांचकर्ताओं को बताया है कि दोनों (पति-पत्नी) के बीच अक्सर झगड़ा होता था। पुलिस परिवार की पृष्ठभूमि और उनके झगड़ों की प्रकृति को समझने के लिए पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी बात कर रही है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम आरोपी के दावों की पुष्टि कर रहे हैं और सटीक मकसद का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
- नयी दिल्ली. भारत 18वें अंतरराष्ट्रीय खगोल एवं खगोल भौतिकी ओलंपियाड (आईओएए) की मेजबानी करेगा जिसमें 64 देशों के 300 से अधिक स्कूली छात्र हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम 11 से 21 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। आयोजकों के अनुसार, मुंबई में होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (एचबीसीएसई) द्वारा यह आयोजन किया जाएगा जो टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च का एक प्रभाग है। आयोजकों द्वारा जारी बयान के अनुसार, उद्घाटन समारोह 12 अगस्त को जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में होगा जिसमें मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार अजय सूद तथा इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष अजीत केमभावी मौजूद रहेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन और होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के कुलाधिपति अनिल काकोडकर 21 अगस्त को नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित समापन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। आईओएए की परिकल्पना 2006 में स्कूल स्तर पर खगोल विज्ञान में बढ़ती रुचि और इस क्षेत्र के लिए वैश्विक मंच की आवश्यकता को देखते हुए की गई थी। पहला ओलंपियाड 2007 में थाईलैंड के चियांग माई में आयोजित हुआ था। इसके बाद यह प्रतियोगिता एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के विभिन्न देशों में हर साल आयोजित होती रही है। प्रतियोगिता का पाठ्यक्रम सैद्धांतिक, प्रेक्षणीय और आंकड़ा विश्लेषण से जुड़े उच्च स्तरीय प्रश्नों और गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को चुनौती देने के लिए तैयार किया गया है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश, भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में रक्षाबंधन के अवसर पर पेड़ पर राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की महिलाओं का आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण ही जीवन का मिशन है। इसके लिए सरकार द्वारा कई अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने "नारी तू नारायणी" का उद्घोष करते हुए कहा कि आज बहनें इतनी सशक्त हो गई है कि अब वह भाइयों की भी रक्षा कर सकती हैं।श्री शिवराज सिंह चौहान ने बहनों से राखी बंधवाने के साथ पर्यावरण की रक्षा का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि मैं भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में कई वर्षों से पेड़ लगा रहा हूं। यहां आज अपने लगाए पेड़ों को राखी बांधकर प्रसन्नता हुई है। पेड़ बचाने का अर्थ है पर्यावरण बचाना। पूरे विश्व के लिए यह अहम है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तो दुनिया सुरक्षित रहेगी।केंद्रीय मंत्री ने सभी से आह्वान किया कि रक्षाबंधन के अवसर पर संकल्प लें कि आने वाली पीढियां के लिए धरती सुरक्षित रखने के लिए पेड़ बचाएंगे भी और पेड़ लगाएंगे भी!आगे, केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रहित सर्वोपरि के दृढ़ संकल्प को दोहराते हुए एक बार फिर से देशवासियों से अपील की कि वह स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दें और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। -
नई दिल्ली। रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले सरकारी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की।
इस समारोह में भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता की भावना पर प्रकाश डाला गया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने ज़ोर देकर कहा कि रक्षाबंधन प्रेम के बंधन का प्रतीक है जिसे बड़ों, साथियों और यहां तक कि पर्यावरण सहित किसी के भी साथ साझा किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पेड़ पृथ्वी की रक्षा करते हैं, संरक्षक की तरह कार्य करते हैं, इसलिए इन्हें सावधानीपूर्वक लगाया और पोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने छात्रों से लोगों और पर्यावरण, दोनों के प्रति प्रेम, सुरक्षा और ज़िम्मेदारी के इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी भी उपस्थित थे। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री संजय कुमार और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।इस कार्यक्रम में छात्रों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा धारण कर जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और अपने-अपने क्षेत्रों की समृद्ध परंपराओं का प्रदर्शन किया। समारोह के एक भाग के रूप में, छात्रों ने राष्ट्रपति को पर्यावरण-अनुकूल राखियां और हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड भेंट किए, जो पर्यावरण जागरूकता, रचनात्मकता और समावेशिता का प्रतीक थे।इस यादगार कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को भारत के राष्ट्रपति के साथ रक्षाबंधन मनाने का जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर प्रदान किया, जिससे भारत की सांस्कृतिक और संवैधानिक विरासत के बारे में उनकी समझ गहरी हुई। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने "हर घर तिरंगा" अभियान में लोगों की व्यापक भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की है। यह देशभक्ति की उस गहरी भावना का प्रतीक है जो भारत के लोगों को एकजुट करती है और तिरंगे के प्रति उनके अटूट गौरव को दर्शाती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी तस्वीरें और सेल्फी harghartiranga.com पर साझा करते रहें।
हर घर तिरंगा अभियान में व्यापक भागीदारी के बारे में संस्कृति मंत्रालय की एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया: "पूरे भारत में #HarGharTiranga अभियान में लोगों की व्यापक भागीदारी देखकर खुशी हुई। यह उस गहरी देशभक्ति की भावना का प्रमाण है जो हमारे लोगों को एकजुट करती है और तिरंगे के प्रति उनके अटूट गौरव को दर्शाती है। harghartiranga.com पर फ़ोटो और सेल्फ़ी साझा करते रहें।" -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर घाटी में पहली मालगाड़ी के आगमन की सराहना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को राष्ट्रीय माल नेटवर्क से जोड़ने में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव की एक पोस्ट पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विकास से जम्मू-कश्मीर में प्रगति और समृद्धि दोनों बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने X पर पोस्ट किया; "जम्मू-कश्मीर में वाणिज्य और कनेक्टिविटी के लिए शानदार दिन! इससे प्रगति और समृद्धि दोनों बढ़ेगी।" - नयी दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नया आयकर विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करेंगी जिसमें प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल किया गया है । रीजीजू का यह बयान शुक्रवार को लोकसभा से आयकर विधेयक को वापस लिए जाने पर मीडिया के एक वर्ग में जताई गई आशंकाओं के मद्देनजर आया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा माना जा रहा है कि पहले वाले विधेयक को नजरअंदाज करते हुए एक बिल्कुल नया विधेयक लाया जायेगा, जिसके लिए काफी काम किया गया था।'' मंत्री ने स्पष्ट किया कि आशंकाएं निराधार हैं, क्योंकि प्रस्तुत किए जाने वाले नए विधेयक में वे सभी बदलाव शामिल किए जाएंगे, जो प्रवर समिति द्वारा सुझाए गए हैं और जिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया है। रीजीजू ने कहा कि यह सामान्य संसदीय प्रक्रिया है और यह तब अपनायी जाती है जब लोकसभा में पहले से पेश विधेयक में संशोधन बहुत अधिक हो। भाजपा सदस्य बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली लोकसभा की प्रवर समिति ने आयकर विधेयक पर 285 सुझाव दिए, जिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया। मंत्री ने कहा कि इस बात को लेकर कोई आशंका नहीं होनी चाहिए कि सोमवार को पेश होने वाला नया आयकर विधेयक अलग होगा।


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