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- नई दिल्ली। भाजपा ने शनिवार को कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा घोषित संरचनात्मक सुधार निवेश को आकर्षित करेंगे और इससे भारत को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने उद्देश्य को साकार करने में मदद मिलेगी।भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी अधिसूचित हथियारों / प्लेटफार्मों की खरीद पर जोर देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के विचार को साकार करने के लिए बधाई देता हूं। नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि आयातित पुर्जों को के स्वदेश में निर्माण से मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। श्री नड्डा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से संबंधित घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, नीतियों में सुधार से जुड़ी ये घोषणाएं रक्षा, कोयला, खनन, बिजली, सामाजिक बुनियादी ढांचे, विमानन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों में भारी निवेश को आकर्षित करेंगी। साथ ही इससे भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के उद्देश्य को साकार करने में मदद मिलेगी। संरचनात्मक सुधारों से देश विकास की नयी ऊंचाइयों को छूएगा। श्री नड्डा ने कहा कि सीतारमण द्वारा की गई घोषणाएं प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रमुख आर्थिक सुधारों का संकेत हैं। उन्होंने कहा कि इन घोषणाओं का अर्थव्यवस्था के 10 प्रमुख क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और ये एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
- नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया कि बंगाल की खाड़ी में जो दबाव बना है, उसके एक चक्रवाती तूफान में बदल जाने और 20 मई तक ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है। बेहद तेज गति की हवाओं और ज्वारीय लहरों के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।स्थिति को देखते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक आज नई दिल्ली में हुई , जिसमें बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवाती तूफान की तैयारी की समीक्षा की गई।बैठक के दौरान, संबंधित राज्य सरकारों ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न किसी भी उभरती स्थिति से निपटने की उनकी तैयारियों की पुष्टि की। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारों ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की पर्याप्त चेतावनी दे दी है। तूफान आश्रय स्थलों को तैयार कर लिया गया है और जिन क्षेत्रों से लोगों की निकासी की जानी है, उनकी पहचान कर ली गई है।एनडीआरएफ, सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक को सावधान कर दिया गया है और वे राज्य सरकार के प्राधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे है। उन्होंने खुद को समुचित रूप से मुस्तैद कर रखा है। गृह मंत्रालय भी राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय एजेन्सियों के साथ सतत संपर्क में है।कैबनेट सचिव ने वर्तमान स्थिति और बचाव और राहत कार्यों की तैयारियों का जायजा लिया और निर्देश दिया कि जैसी भी आवश्यकता हो, तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय तथा आईएमडी, एनडीएमए एवं एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में भाग लिया।----
- नई दिल्ली। केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि रेलवे देश के किसी भी जिले से श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने के लिये तैयार है। उन्होंने जिलाधिकारियों को कोविड-19 लॉकडाउन के चलते उनके जिलों में फंसे प्रवासी कामगारों की सूची तैयार करने के लिये कहा है।श्री गोयल ने कहा कि जिलाधिकारियों को राज्य के नोडल अधिकारियों के साथ-साथ रेलवे द्वारा निर्धारित नोडल अधिकारियों के साथ तालमेल बनाना होगा। रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा, प्रवासी कामगारों को राहत मुहैया कराने के लिये भारतीय रेल देश के किसी भी जिले से श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने के लिये तैयार है। जिलाधिकारियों को फंसे हुए श्रमिकों और उनके गंतव्यों की सूची बनाकर राज्य के नोडल अधिकारी के जरिये आवेदन करना होगा।उन्होंने लिखा, इसके अलावा जिलाधिकारियों को रेलवे के राज्य नोडल अधिकारियों को श्रमिकों और गंतव्यों की सूची देनी होगी। श्री गोयल बीते कुछ दिनों से राज्य सरकारों से प्रवासियों को उनके घर ले जाने वाली ट्रेनों को मंजूरी देने की अपील कर रहे हैं। यह अपील विशेषकर झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से की गई है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि शनिवार को मंत्री द्वारा बताये गये उस वर्तमान प्रोटोकॉल से कैसे भिन्न हैं, जिनके तहत ऐसे कामगारों की जिला स्तर पर भी सूची तैयार की जा रही है।शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मंत्रालय ने संकेत दिया कि इस प्रक्रिया से रेलवे को ट्रेनों की जोडिय़ों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होने की उम्मीद है। इसमें कहा गया, अपने गृह राज्य जाने के इच्छुक प्रवासियों के बारे में प्रत्येक जिले से सूचनाएं उपलब्ध कराये जाने के बाद भारतीय रेल ट्रेनों के परिचालन के लिए आगे की कार्रवाई कर सकेगा। विज्ञप्ति में कहा गया, भारतीय रेल वर्तमान में अपनी क्षमता से आधी (ट्रेनों) का परिचालन कर रही है। वह बहुत अधिक प्रवासियों का शीघ्र और सुरक्षित ढंग से परिवहन कर सकती है। रेलवे ने कहा कि वह एक दिन में करीब 300 श्रमिक विशेष ट्रेन चला सकती है। इसमें कहा गया है कि रेलवे की पूरी क्षमता के साथ परिचालन करने से देश भर के प्रवासियों को खासी राहत मिलेगी, जो अपने गृह राज्यों में लौटना चाहते हैं। भारतीय रेल जिलों की वास्तविक जरूरतों के अनुसार श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने की जिम्मेदारी निभाने को तैयार है।---
- नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में करीब 20 प्रवासी श्रमिकों से मुलाकात करके उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली और बाद में उन्हें घर भेजने का प्रबंध कराया।कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गांधी ने शाम के समय सुखेदव विहार इलाके में फ्लाईआवेर के निकट मजदूरों से मुलाकात कर करीब एक घंटे तक बातचीत की। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी की श्रमिकों के साथ बातचीत के दौरान सामाजिक दूरी का खयाल रखा गया था। राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस की दिल्ली इकाई की तरफ से इन श्रमिकों को उनके घर भेजने के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया। ये श्रमिक झांसी के निवासी हैं और अंबाला से लौट रहे थे। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने बताया कि इन लोगों को भेजने के लिए 8-10 वाहनों का प्रबंध किया गया।----
- - तटीय ओडिशा में 18 मई की शाम से भारी से मध्यम बारिश होने का अनुमान-पश्चिम बंगाल के गंगा के तटीय जिलों में भी बारिश के आसार-मछुवारों की किया गया अलर्टनई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी विभाग ने शनिवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में बना कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-पूर्व में केन्द्रित हो गया है। इसके और तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदलने और उसके बाद 24 घंटों में दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि इसके प्रारंभ में, उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे और उसके बाद मुड़कर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढऩे की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में आज ज्यादातर जगहों पर हल्की और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। तटीय ओडिशा में 18 मई की शाम से अलग-अलग स्थानों पर भारी से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। 19 मई को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। 20 मई को उत्तरी ओडिशा तट पर भारी वर्षा की संभावना है। पश्चिम बंगाल के गंगा के तटीय जिलों में 19 मई को कुछ स्थानों पर भारी और हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने 20 मई को पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की है।मछुआरों को 16 से 17 मई तक बंगाल की दक्षिण खाड़ी में, 17 से 18 मई तक बंगाल की केंद्रीय खाड़ी और 19 से 20 मई के दौरान बंगाल की उत्तरी खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है। मछुआरों को यह भी सलाह दी गयी है कि वे 18 से 20 मई तक उत्तर ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तट से सटे बंगाल की उत्तरी खाड़ी में न जाएं।---
- नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया है कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और लोगों के खातों में सीधे पैसे डालें ।वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि लोगों को इस वक्त उन्हें कर्ज की नहीं, बल्कि सीधे आर्थिक मदद की जरूरत है।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था। इसको लेकर मेरी निराशा है। आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है।Óराहुल गांधी ने कहा- सरकार कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसे देना चाहिए। इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है। मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए। किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचिए।उन्होंने कहा, मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है। कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी। हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं। इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए।
- नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त खोजी अभियान के तहत जिले के खानसैब थाना क्षेत्र में आने वाले इलाके से कल लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष उग्रवादी जहूर वानी को गिरफ्तार किया।इस उग्रवादी की निशानदेही पर इसके छुपने के स्थान से कई हथियार, गोलीबारूद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। बडगाम के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आमोद अशोक नागपुरी ने बताया कि जांच पड़ताल के बाद चार और उग्रवादियों को भी गिरफ्तार किया गया जो सभी खानसैब के निवासी हैं। यह लोग पिछले कुछ महीनों से इस इलाके में सक्रिय थे।---
- नई दिल्ली। वंदे भारत मिशन के अंतर्गत विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है। यह चरण 22 मई तक चलेगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार इस चरण में खाड़ी देशों से कम से कम 39 उड़ानों से भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जाना है। इनमें से 8 उड़ानें संयुक्त अरब अमारात से निर्धारित हैं।वंदे भारत मिशन भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए अब तक का सबसे बड़ा और सबसे जटिल मिशन है। इस मिशन के पहले चरण में खाड़ी देशों से 29 विमानों से लगभग पांच हजार भारतीयों को वापस लाया गया था।वंदे भारत मिशन का दूसरा सप्ताह अधिक व्यापक होगा। इसमें उन भारतीय नागरिकों को विदेशों से लाया जाएगा़, जो संकट में हैं और अपनी नौकरियां खो चुके हैं। ऐसे लोगों में प्रवासी कामगार भी शामिल हैं। इसके अलावा अल्पावधि वीजा की समाप्ति के कारण फंसे लोगों, आपातकालीन चिकित्सा का सामना कर रहे भारतीयों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी। यात्रा का खर्च यात्रियों को ही वहन करना होगा।इस महीने की 7 तारीख को वंदे भारत मिशन का पहला चरण शुरू हुआ। इसके तहत, 12 देशों से 15 हजार भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई थी, जो कि कोरोना वायरस फैलने के कारण फंसे हुए थे। वंदे भारत अभियान के दूसरे चरण में प्रवासियों को लेकर संयुक्त अरब अमारात से आज तीन उड़ान केरल पहुंच रही हैं। दुबई से एक और आबू धाबी से दो उड़ान आज केरल पहुंचेंगी। दुबई से पहली उड़ान लगभग 177 यात्रियों को लेकर आज शाम कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगी। अबू धाबी से लगभग 187 यात्रियों को लेकर दूसरी उड़ान आज रात 11 बजकर तीस मिनट पर कोझीकोड पहुंच जाएगी। अबू धाबी से तीसरी उड़ान आज रात दस बजकर चालीस मिनट पर तिरुवनंतपुरम पहुंचेगी। सभी तीनों हवाई अड्डों पर मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद यात्रियों को संगरोध केंद्रों में भेजने की पूरी व्यवस्था की गई है।
- -इससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन में मदद मिलेगीनई दिल्ली। घरेलू रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस क्षेत्र में अत्याधुनिक परीक्षण अवसंरचना का निर्माण करने के लिए 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (डीटीआईएस) को शुरू करने की मंजूरी प्रदान की है।यह योजना पांच वर्षों की अवधि के लिए होगी और इसमें निजी उद्योगोंकी साझेदारी के साथ छह से आठ नई परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। इससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन में मदद मिलेगी, जिसके फलस्वरूप सैन्य उपकरणों का आयात कम होगा और देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।इस योजना के अंतर्गत, परियोजनाओं को अनुदान-सहायता के रूप में 75 प्रतिशत तक धन सरकार के द्वाराउपलब्ध कराया जाएगा।परियोजना की लागत का शेष 25 प्रतिशत विशेष प्रयोजन इकाई (एसपीवी) द्वारा वहन किया जाएगा, जिसकी घटक भारतीय निजी संस्थाएं और राज्य सरकारें होंगी।इस योजना के अंतर्गत, एसपीवी को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत किया जाएगा और वह उपयोगकर्ता शुल्क एकत्रित करके इस योजना के अंतर्गत सभी परिसंपत्तियों का स्व-धारणीय तरीके से संचालन और रखरखाव भी करेगा।परीक्षण किए गए उपकरणों/प्रणालियों को उपयुक्त मान्यता के अनुसार प्रमाणित किया जाएगा।हालांकि, अधिकांश परीक्षण सुविधाओं को दो रक्षा औद्योगिक गलियारों (डीआईसी) में ही समाहित होने की उम्मीद है, लेकिन इस योजना को केवल डीआईसी में टेस्ट सुविधाएं स्थापित करने तक ही सीमित नहीं रखा गया है।----
- -कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए एक लाख 63 हजार करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा- किसानों के लिए एक लाख करोड़ रूपये का कृषि ढांचागत कोष बनाने की भी घोषणानई दिल्ली। केंद्र सरकार ने, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए एक लाख 63 हजार करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की है। इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक्स और क्षमता निर्माण को मजबूत करना है।वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने किसानों के लिए एक लाख करोड़ रूपये का कृषि ढांचागत कोष बनाने की भी घोषणा की है। 20 लाख करोड रूपये के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त के बारे में नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने यह घोषणा की।इसके अलावा माइक्रो खाद्य उपक्रम, मवेशी टीकाकरण, डेयरी क्षेत्र, हर्बल खेती, मधुमक्खी पालन और फल तथा सब्जियों के लिए भी योजनाओं की घोषणा की गई है।श्रीमती सीतारामन ने बताया कि सरकार, किसानों, कृषि उपज संगठनों, प्राथमिक सहकारी संगठनों, कृषि उद्यमियों और कृषि ढांचागत कोष के तहत स्टार्टअप के लिए एक लाख करोड़ रूपये देगी। यह कोष जल्द बनाया जाएगा। वित्तमंत्री ने माइक्रो खाद्य उपक्रमों के लिए 10 हजार करोड रूपये की योजना की घोषणा की। इस योजना से दो लाख माइक्रो खाद्य उपक्रमों को लाभ होगा।---
- नई दिल्ली। 2019-20 में देश में कुल खाद्यान्न की पैदावार 29 करोड़ छप्पन लाख सत्तर हजार टन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष से एक करोड़ चार लाख साठ हजार टन अधिक है। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2019-20 की प्रमुख फसलों की पैदावार का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह जानकारी दी।वर्ष 2019-20 के दौरान चावल की पैदावार लगभग ग्यारह करोड़ अस्सी लाख टन होने का अनुमान है। यह पिछले पांच साल की औसत पैदावार से अस्सी लाख टन अधिक है। इसके अलावा इस अवधि में गेहूं की पैदावार रिकार्ड दस करोड़ सत्तर लाख टन से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले साल से 35 लाख अस्सी हजार टन अधिक है। वर्ष 2019-20 में दालों की कुल पैदावार दो करोड़ तीस लाख टन से ज्यादा होने की संभावना है। यह पिछले पांच वर्ष की औसत पैदावार से इक्कीस लाख नब्बे हजार टन अधिक है।मंत्रालय ने कहा है कि जून से सितम्बर 2019 की अवधि में मॉनसून में कुल वर्षा दीर्घकाल के औसत से दस प्रतिशत से ज्यादा रही है। वर्ष 2019-20 के दौरान ज्यादातर फसलों की पैदावार अनुमानित पैदावार से अधिक रही है।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू करेगी इसके लिए 20 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 11 हजार करोड़ रूपये समुद्री और अंतरदेशीय गतिविधियों के लिए और नौ हजार करोड रूपये फिशिंग हारबर, कोल्ड चेन और विपणन जैसे बुनियादी ढांचे के लिए दिया जाएगा। इससे 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।20 लाख करोड रूपये के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त के बारे में नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने यह घोषणा की।श्रीमती सीतारामन ने बताया कि मवेशियों के टीकाकरण के लिए 13 हजार 343 करोड़ रूपये का कोष बनाया गया है। डेयरी प्रसंस्करण के लिए 15 हजार करोड़ रूपये के पशुपालन बुनियादी ढांचा कोष की घोषणा की गई है। हर्बल खेती को बढावा देने के लिए चार हजार करोड़ रूपये के कोष की घोषणा की गई है। अगले दो वर्ष में इसके तहत दस लाख हेक्टेयर भूमि पर हर्बल खेती की जाएगी।मधुमक्खी पालन के लिए पांच सौ करोड रूपये का आवंटन किया गया है। इससे दो लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा। सरकार ने सभी फलों और सब्जियों को आपरेशन ग्रीन के अंतर्गत लाने की घोषणा की है। पहले इसमें, टमाटर, प्याज और आलू शामिल थे। इसके लिए पांच सौ करोड रूपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमन ने आज आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खेती और किसानों से जुड़े क्षेत्रों पर वित्तीय पैकेज का एलान किया। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को बधाई देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री, अमित शाह, ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, मोदी सरकार का विश्वास है कि किसानों के कल्याण में भारत का कल्याण निहित है। आज किसानों को दी गई यह अभूतपूर्व सहायता मोदी जी की किसानों को सशक्त बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदर्शिता को दर्शाता है।लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सहायता के लिए उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदमों के विषय में गृहमंत्री ने कहा, मोदी सरकार ने लॉकडाउन में किसानों को राहत देते हुए, 74,300 करोड़ रुपये की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा; पीएम किसान के अंतर्गत 18,700 करोड़ रुपये उनके खाते में पहुंचाए; फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6,400 करोड़ रुपये दिए। श्री शाह के अनुसार विषम परिस्थितियों में भी किसानों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की यह संवेदनशीलता सम्पूर्ण विश्व के लिए अनुकरणीय है।पशुपालन क्षेत्र से सम्बन्धित पैकेज पर गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश में दूध की खपत 20-25 प्रतिशत तक कम हो गई, लेकिन मोदी सरकार ने 111 करोड़ लीटर अधिक दूध खरीद कर किसानों को 4,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया। आज पशुपालन क्षेत्र के 2 करोड़ किसान को दी गयी 5,000 करोड़ रुपये की सहायता के लिए श्री शाह ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की घोषणा पर गृहमंत्री ने कहा, मुझे पूर्ण विश्वास है की आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनने का निर्णय भारत के कृषि क्षेत्र और किसानों के कल्याण को एक नई दिशा देगा ।श्री शाह ने कहा माइक्रो फूड एंटरप्राइज़ेज़ के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रदान करने के निर्णय के साथ क्लस्टर बेस्ड अप्रोच अपना कर विभिन्न क्षेत्रों में आम, केसर, मिर्च व बांस जैसे छोटे-छोटे उद्यमों से जुड़े लोगों को एक अभूतपूर्व बल प्रदान करेगा। इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी बल्कि उन्हें बेहतर बाज़ार भी उपलब्ध होगा ।मत्स्य पालन क्षेत्र से सम्बंधित पैकेज पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए गृहमंत्री ने कहा, मोदी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र को 20 हजार करोड़ रुपये प्रदान करने के निर्णय से इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, आधुनिकीकरण, उत्पादकता व गुणवत्ता को नई शक्ति मिलेगी और नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे।श्री शाह ने कहा कि पशुपालन क्षेत्र के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का एनिमल हस्बंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलप्मेंट फंड, औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रुपये और मधुमक्खी पालन को 500 करोड़ रुपये देने के निर्णयों से इन क्षेत्रों का अभूतपूर्व विकास होगा व इससे इन क्षेत्रों में आय और रोजग़ार भी बढ़ेंगे।कृषि विपणन सुधार के ऐतिहासिक निर्णय पर गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार एक केन्द्रीय कानून लाएगी जिससे किसानों को बेहतर कीमत पर अपनी उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प मिलेंगे। इसके बाद वे बैरियर-मुक्त अंतर-राज्य व्यापार कर पाएंगे और ई-ट्रेडिंग से उनकी उपज देश के कोने-कोने तक पहुँच पाएगी।
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने पूर्णबंदी के दौरान सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रतिबंधों को देखते हुए यात्रियों को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को विशेष बसें अनुबंधित करने की अनुमति दे दी है।गृह मंत्रालय ने कहा है कि मानक संचालन प्रक्रिया के अंतर्गत ई-टिकट की पुष्टि के आधार पर रेलवे स्टेशन से निवास तक यात्रियों को लाने की अनुमति दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे रेलवे स्टेशनों से विशेष बसें चलाने की अनुमति दी गई है जहां सार्वजनिक या निजी परिवहन उपलब्ध नहीं है।---
- नई दिल्ली। इस वर्ष केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत 1 जून की सामान्य तारीख की तुलना में थोड़ी देर से होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मानसून दक्षिणी राज्य में पांच जून तक आएगा।भारत मौसम विज्ञान विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने केरल के ऊपर 2020 के दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आरंभ का पूर्वानुमान प्रस्तुत किया है।वैसे तो केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बरसात के मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। पिछले साल मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि केरल में मानसून 6 जून तक आएगा। मानसून 2 दिनों बाद 8 जून को केरल पहुंच गया था। वहीं, 2018 में तो मौसम विभाग ने जिस तारीख 29 मई को मानसून के केरल पहुंचने का अनुमान लगाया था, उसी दिन पहुंचा। इसलिए इस बार भी मानसून के 5 जून के आसपास पहुंचने की पूरी संभावना है।पिछले 15 वर्षों (2005-2019) के दौरान केरल के ऊपर मॉनसून के आरंभ होने की तिथि का आईएमडी का पूर्वानुमान 2015 को छोड़कर सही साबित होता रहा है। पिछले पांच वर्षों (2015-2019) के लिए पूर्वानुमान सत्यापन नीचे की सारिणी में दिया गया है-वर्ष 2015- पूर्वानुमान 30 मई -आरंभ तिथि 5 जूनवर्ष 2016 -पूर्वानुमान 7 जून -आरंभ तिथि- 8 जूनवर्ष 2017 -पूर्वानुमान 30 मई -आरंभ तिथि- 30 मईवर्ष 2018 -पूर्वानुमान 29 मई -आरंभ तिथि- 29 मईवर्ष 2019 -पूर्वानुमान 6 जून- आरंभ तिथि- 8 जूनभारतीय मॉनसून क्षेत्र में, आरंभिक मॉनसून वर्षा दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर होती है तथा इसके बाद मॉनसून की हवायें पूरे बंगाल की खाड़ी में उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ती हैं। मॉनसून आरंभ/प्रगति की नई सामान्य तिथियों के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर के ऊपर बढ़ता हैं। वर्तमान में, दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में एक सुचिन्हित निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 12 घंटों के दौरान इसी क्षेत्र में एक दबाव के रूप में संकेंद्रित होने का अनुमान है और फिर तीव्र होकर 16 मई की शाम तक दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों मेंएक चक्रवाती तूफान में सघन हो जाने की संभावना है। इस घटना से जुडऩे के कारण, अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अंडमान सागर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह एवं दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों की ओर बढऩे का अनुमान है।
- नई दिल्ली। केंद्र ने राज्यों को स्टेशनों से ट्रेन यात्रियों को उनके गंतव्यों तक ले जाने के लिए उन स्थानों पर विशेष बसों का इंतजाम करने की अनुमति दी जहां सरकारी या निजी वाहन नहीं हैं ।सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि विभिन्न जोनों में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन पर लगी पाबंदियों को ध्यान में रखकर कुछ राज्य सरकारों ने ट्रेनों से पहुंच रहे यात्रियों को स्टेशनों से घर पहुंचाने के लिए विशेष बसों की अनुमति देने का अनुरोध किया था। श्री भल्ला ने कहा, जहां निजी एवं सरकारी परिवहन उपलब्ध नहीं है, वहां की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को एक दूसरे के बीच दूरी कायम करते हुए यात्रियों को स्टेशन से ले जाने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था करने की अनुमति दी गयी है। गृह सचिव ने बताया कि गृह मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया के तहत यात्रियों को रेलवे स्टेशन से घर तक आने जाने की कंफर्म्ड टिकट के आधार पर इजाजत दी गयी थी। केंद्र सरकार ने मंगलवार से दिल्ली और देश के विभिन्न हिस्सों के 15 स्थानों के बीच ट्रेन सेवाएं बहाल की थी। वैसे भारतीय रेलवे प्रवासी श्रमिकों को पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश पहुंचाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से सैंकड़ों ट्रेनें चला रही हैं।----
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि मछुआरों और पशुपालन के काम से जुड़े किसानों सहित 2.5 करोड़ किसानों को सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये का रियायती ऋण मिल सकेगा।कोविड-19 संकट की मार झेल रहे लघु और सीमांत किसानों के लिए राहत उपायों की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने गुरुवार को कहा कि नाबार्ड द्वारा अतिरिक्त 30 हजार करोड़ रुपये की आपातकालीन कार्यशील पूंजी का वित्तपोषण किया जायेगा, जिससे लगभग तीन करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। इस वर्ष के दौरान सामान्य पुनर्वित्तपोषण के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रदान की जाने वाली 90 हजार करोड़ रुपये की राशि से आगे बढ़कर 30 हजार करोड़ रुपये की यह धनराशि दी जायेगी।वित्त मंत्री ने कहा, नाबार्ड, सहकारी ग्रामीण बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की, फसल ऋण आवश्यकताओं के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त पुनर्वित्तपोरण समर्थन प्रदान करेगा। यह मई - जून में रबी फसल की कटाई बाद तथा मौजूदा खरीफ फसलों की जरुरतों को पूरा करने में मदद करेगा। किसानों को दो लाख करोड़ रुपये रियायती ऋण देने के संबंध में, मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पीएम-किसन लाभार्थियों को ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। सीतारमण ने कहा, इस तरह के किसान, रियायती ब्याज दर पर संस्थागत ऋण प्राप्त कर सकेंगे। मछुआरों और पशुपालन किसानों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के कोविड-19 आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के तहत प्रोत्साहन उपायों के दूसरे दौर की घोषणा करते हुए, सीतारमण ने कहा कि आने वाले दिनों में किसानों के लिए और भी कदमों की घोषणा की जाएगी। सीतारमन ने कहा, प्रत्येक पैकेज के वक्त हम प्रवासी श्रमिकों, गरीबों, जरूरतमंदों और संबंधित लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखकर उसे प्राथमिकता देंगे और यह जारी रहेगा। अगर मैंने आज कुछ चीजों के बारे में नहीं बोला है तो ऐसा नहीं है कि सरकार भूल गयी है। ऐसा बिल्कुल नहीं है।उन्होंने 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद सरकार द्वारा किए गए उपायों का स्मरण कराते हुए कहा कि 4.22 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण लेने वाले तीन करोड़ किसानों ने तीन महीने तक कर्ज किस्त का भुगतान करने पर लगी रोक का लाभ उठाया है। इसके साथ ही, एक मार्च से फसली ऋणों पर ब्याज सहायता और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन 31 मई, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, 25 हजार करोड़ रुपये की ऋण सीमा के साथ 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक मार्च, 2020 से 30 अप्रैल, 2020 के बीच कृषि क्षेत्र में 86 हजार 600 करोड़ रुपये के 63 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं। नाबार्ड ने मार्च 2020 में सहकारी बैंकों और आरआरबी को 29 हजार 500 करोड़ रुपये का पुनर्वित्तपोषण प्रदान किया है। ग्रामीण अवसंरचना के लिए मार्च के दौरान ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के तहत 4,200 करोड़ रुपये का समर्थन प्रदान किया गया है। इसके अलावा, मार्च 2020 से राज्य सरकार की संस्थाओं को कृषि उपज की खरीद के लिए 6,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी सीमा को मंजूरी दी गई है।--
- नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में आज फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नैशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार आज एक कम तीव्रता का भूकंप दिल्ली के पीतमपुरा में आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.2 थी। यह भूकंप 11 बजकर 28 मिनट पर आया था।तीव्रता कम होने की वजह से बहुत से लोगों को भूकंप के झटकों का अहसास भी नहीं हुआ। दिल्ली में अप्रैल-मई में अब तक पांच भूकंप आ चुके हैं।गौरतलब है कि इस महीने की 10 तारीख नई दिल्ली के वजीरपुर में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसी साल 12 और 13 अप्रैल को भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।दरअसल भूकंप के मामले में दिल्ली बेहद संवेदनशील है। भूवैज्ञानिकों ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को जोन-4 में रखा है। यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। दिल्ली में भूकंप की आशंका वाले इलाकों में यमुना तट के करीबी इलाके, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर और गुडग़ांव, रेवाड़ी तथा नोएडा के आस-पास का क्षेत्र शामिल है।----
- नई दिल्ली। उत्तरी सिक्किम के पर्वतीय लुग्नक ला क्षेत्र में बृहस्पतिवार को हिमस्खलन की चपेट में आने से एक सैनिक की मौत हो गई और एक अन्य लापता हो गया।अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये दोनों सैनिक उस 18 सदस्यीय समूह का हिस्सा थे जो हिमस्खलन की चपेट में आ गया। सूत्रों ने बताया कि घटना में गंभीर रूप से घायल हुए एक सैनिक की बाद में मौत हो गई। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व में कहा था, टीम बर्फ हटाने वाली पार्टी का हिस्सा थी और यह उत्तरी सिक्किम में अचानक से हिमस्खलन की चपेट में आ गई।--
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से संबंधित संबोधन को 19.3 करोड़ लोगों ने देखा। कोविड-19 महामारी के बाद से प्रधानमंत्री ने पांच बार टीवी पर देश को संबोधित किया है। इस सप्ताह के उनके संबोधन को दर्शकों ने सबसे अधिक समय तक देखा।प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बार्क) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बार्क के अनुसार कुल मिलाकर आठ मई को समाप्त हुये सप्ताह के दौरान टीवी दर्शकों की संख्या में गिरावट जारी रही। कोरोना वायरस की वजह से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से शुरू हुआ। इसे अब 17 मई तक बढ़ाया जा चुका है। बंद की वजह से लोग अपने घरों में बंद हैं जिसके चलते टीवी देखने वाले दर्शको की संख्या में लॉकडाउन के दौरान भारी इजाफा हुआ है। विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए तो समाचार और फिल्म देखने वाले दर्शकों की संख्या काफी बढ़ी है। लेकिन पौराणिक कथाओं पर आधारित रामायण के प्रसारण से मनोरंजन चैनलों की दर्शक संख्या में काफी बढ़ोतरी की है, जो अभी तक नए कार्यक्रम नहीं आने की वजह से संघर्ष कर रहे थे।श्री मोदी के 33 मिनट का संबोधन आत्म-निर्भर भारत पर केंद्रित था। इसे 19.3 करोड़ लोगों ने देखा। हालांकि, उनके इससे पिछले संबोधन को 20.3 करोड़ लोगों ने देखा था। हालांकि, दर्शक मिनट के हिसाब से बात की जाए, तो इसे 4.3 अरब प्रदर्शन मिनट तक देखा गया। यह प्रधानमंत्री के पांचों संबोधनों में सबसे अधिक है। बार्क ने कहा कि उनके इस संबोधन का प्रसारण 197 चैनलों ने किया। इससे पिछले संबोधन का प्रसारण 199 चैनलों द्वारा किया गया था।
- - विशेष ट्रेनों में यात्रा के लिए गंतव्य स्थलों का पता बताना अनिवार्य- 30 जून तक नियमित ट्रेनों में की गई सभी पुरानी बुकिंग रद्द , टिकट के पूरे पैसे वापस करेगा रेलवेनई दिल्ली। रेलवे ने अपने सभी यात्रियों के लिए गंतव्य स्थलों का पता बताना अनिवार्य कर दिया है ताकि जरूरत पडऩे पर उनके संपर्कों की जानकारी ली जा सके। इसके साथ ही रेलवे ने संकेत दिया कि 30 जून तक सिर्फ विशेष ट्रेनें ही चलेंगी, लेकिन रद्द की गयी नियमित ट्रेनों के टिकट की पूरी राशि वापस की जाएगी। रेलवे ने कहा कि 12 मई से शुरू की गयी राजधानी जैसी विशेष ट्रेनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को अब अपना पता देना होगा जहां वे जा रहे हैं। आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर इसके लिए 13 मई से ही शुरूआत कर दी गयी है।रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह यात्रियों के संपर्कों का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी यात्री के बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी मिलती है तो इसकी जरूरत हो सकती है। रेलवे के प्रवक्ता आरडी बाजपेई ने कहा, 13 मई से आईआरसीटीसी टिकट बुक करा रहे सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों का पता ले रहा है। यदि बाद में आवश्यकता पड़ी, तो यात्रियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में इससे मदद मिलेगी।30 जून तक नियमित ट्रेनों में की गई सभी पुरानी बुकिंग रद्द , टिकट के पूरे पैसे वापस करेगा रेलवेइस बीच रेलवे ने एक अलग आदेश में 30 जून तक की यात्रा के लिए नियमित ट्रेनों में की गई सभी पुरानी बुकिंग को रद्द करने और टिकट के पूरे पैसे वापस किए जाने की घोषणा की। रेलवे ने कहा कि उस तारीख तक की सभी बुकिंग स्वत: रद्द हो जाएंगी और उस तारीख तक नियमित यात्री सेवाओं के शुरू होने की संभावना नहीं है। हालांकि रेलवे ने कहा कि एक मई से आरंभ की गई श्रमिक विशेष ट्रेन सेवाएं और 12 मई से शुरू की गई विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा। इससे पहले के आदेश में आगामी सलाह तक नियमित यात्री सेवाओं के रद्द करने की घोषणा की गयी थी। लेकिन रेलवे की गुरुवार की घोषणा ने संकेत दे दिया कि कम से कम जून के अंत तक नियमित सेवाएं शुरू होने की उम्मीद नहीं है।आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि रद्द किए जाने वाले टिकट लॉकडाउन के पहले और लॉकडाउन के दौरान 14 अप्रैल तक बुक कराए गए थे, जब रेलवे ने बुकिंग की अनुमति दी थी। इंटरनेट के माध्यम से बुक किए गए सभी टिकटों का पैसा अपने-आप वापस आ जाएगा और जिन लोगों ने 21 मार्च के बाद यात्रा के लिए टिकट खिड़की से टिकट खरीदे थे, वे यात्रा की तारीख से छह महीने के भीतर टिकट जमा कराके पैसा वापस ले सकते हैं। आदेश में कहा गया है, यात्री टिकट का पैसा वापस लेने के लिए तीन दिन के बजाए यात्रा की तारीख से छह महीने के भीतर स्टेशन पर टीडीआर (टिकट जमा रसीद) दाखिल कर सकते हैं और मुख्य दावा अधिकारी (सीसीओ) के कार्यालय में (10 दिन के बजाए) अगले 60 दिन में विस्तृत टीडीआर दाखिल कर सकते हैं।--
- नई दिल्ली। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने घोषणा की है कि नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के जो छात्र इस साल परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाए, उन्हें कोविड-19 संकट के मद्देनजर स्कूल में होने वाली परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा।सीबीएसई के नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, स्कूल नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के अनुत्तीर्ण छात्रों के लिये ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षाएं ले सकते हैं। कोविड-19 की अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए यह एक बार का मौका केवल इस वर्ष दिया जा रहा है।सभी सीबीएससी स्कूलों को निर्देशित किया जा रहा है कि 9वीं एवं 11वीं में जो बच्चे अनुत्तीर्ण हो गए हैं, ऐसे सभी बच्चों को ऑनलाइन/ऑफलाइन/इनोवेटिव तरीके से टेस्ट लेने का एक अवसर प्रदान करें। सीबीएसई द्वारा जारी किए गए नोटिस को खुद मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने अपने ट्विटर हैंडर पर शेयर किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, सभी सीबीएसई स्कूलों को निर्देशित किया जा रहा है कि 9वीं एवं 11वीं में जो बच्चे अनुत्तीर्ण हो गए हैं, ऐसे सभी बच्चों को ऑनलाइन/ऑफलाइन/इनोवेटिव तरीके से टेस्ट लेने का एक अवसर प्रदान करें।नोटिस में कहा गया है, इन अभूतपूर्व हालातों में छात्रों और अभिभावकों के निवेदन के मद्देनजर सीबीएसई ने फैसला किया है कि 9वीं और 11वीं कक्षाओं में फेल होने वाले छात्रों को एक बार फिर स्कूल आधारित टेस्ट में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। यह सुविधा उन सभी छात्रों के लिए होंगी जिनकी परीक्षाएं हो चुकी हैं और रिजल्ट जारी हो गए हैं या उनकी परीक्षाएं पूरी नहीं हुईं है। यह सुविधा विषयों और प्रयासों के इतर दी जाएगी।परीक्षा किस तरह आयोजित की जाएगी इस बारे में बताते हुए नोटिस में कहा गया है, स्कूल ऐसे छात्रों के लिए ऑनलाइन/ऑफलाइन परीक्षा का आयोजन कर सकते हैं और इसके आधार पर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर सकते हैं। यह टेस्ट उन सभी विषयों के लिए आयोजित किया जाएगा जिसमें स्टूडेंट फेल हुए हैं। टेस्ट आयोजित करने से पहले स्कूल स्टूडेंट को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देंगे।---
- नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत ने, पाकिस्तान सीमा के निकटर्ती कुछ इलाकों में फसलों पर टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए ब्रिटेन से नयी मशीनों का आर्डर किया है।उन्होंने एक बयान में कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद राजस्थान, गुजरात और पंजाब सरकार के अधिकारी टिड्डियों के हमले को काबू करने में लगे हैं। इसके लिए ट्रैक्टर पर लगायी गयी दावा छिड़काव की मशीनें तथा दमकलें लगायी गयी हैं। इसके लिए अतिरिक्त उपकरणों की भी खरीद की जा रही है। खेतों में टिड्डियों के हमले को रोकने की रणनीति दुरुस्त करने के लिए कीटनाशक विनिर्माताओं के साथ हुए वीडियो कांफ्रेंस के बाद श्री तोमर ने कहा, केन्द्र और राज्य सरकारें टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और इसके प्रसार को रोकने में सफल भी हुए हैं। ब्रिटेन से नयी मशीनों के लिए आर्डर जारी किये जा रहे हैं और ये जल्द पहुंच जायेंगी।इस वीडियों कांफ्रेंस के दौरान कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे। कृषि मंत्री ने कहा कि सामान्यत: जून-जुलाई के दौरान प्रजनन के लिए पाकिस्तान के रास्ते टिड्डियों का दल भारत के रेगिस्तानी इलाकों में घुसता है लेकिन इस बार टिड्डियों के झुंड अप्रैल में ही राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में घुस आये थे। एक बयान में मंत्रालय ने कहा, अभी तक (यानी 11 मई 2020 तक) राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर और नागौर जिलों तथा पंजाब के फाजिल्का जिले में 14,299 हेक्टेयर क्षेत्र में हापर्स और पिंक स्वार्म को नियंत्रित किया गया है। राजस्थान के बाड़मेर, फलौदी (जोधपुर), नागौर, श्रीगंगानगर और अजमेर जिलों में टिड्डों (अपरिपक्व पिंक लोकस्ट्स) के दल सक्रिय हैं और उनके नियंत्रण काम शुरु हुआ है। उन्होंने कहा कि नुकसान उठाने वाले किसानों को केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से मुआवजा दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय ने भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना की है।--
- नई दिल्ली। रेलवे ने एक मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के चलते फंसे आठ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया गया।यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें (301) उत्तर प्रदेश और उसके बाद बिहार (169) पहुंचीं। अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश में 53, झारखंड में 40 ट्रेनें, ओडिशा में 38, राजस्थान में आठ, पश्चिम बंगाल में सात, छत्तीसगढ़ में छह और उत्तराखंड में चार ट्रेनें पहुंचीं। आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र में तीन-तीन ट्रेनें पहुंचीं, जबकि एक-एक ट्रेन हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा पहुंचीं।रेलवे ने कहा है कि ट्रेनों में सवार होने से पहले यात्रियों की उचित स्क्रीनिंग की जाती है। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है। सोमवार से, प्रत्येक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1,700 यात्रियों को ले जाना शुरू कर दिया गया था, उससे पहले ऐसी ट्रेनों में 1,200 लोगों को ले जाया जा रहा था। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को उनके घर ले जाया जा सके। शुरूआत में इन ट्रेनों का बीच में कोई ठहराव नहीं था लेकिन रेलवे ने सोमवार को घोषणा की कि गंतव्य राज्य के रास्ते में इन ट्रेनों को तीन स्थानों तक रुकने की इजाजत होगी। अधिकारियों ने कहा कि ये निर्णय कई राज्य सरकारों द्वारा इस बारे में अनुरोध करने के बाद किया गया। रेलवे ने इन विशेष सेवाओं पर हुए खर्च की घोषणा अभी नहीं की है लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि प्रति सेवा करीब 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है। केंद्र ने पहले कहा था कि ट्रेन सेवा की लागत केंद्र और राज्यों के बीच 85:15 अनुपात में साझा किया गया। श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद से सबसे अधिक ट्रेनें गुजरात से शुरू हुईं, इसके बाद केरल का नम्बर है। बिहार और उत्तर प्रदेश इन ट्रेनों के शीर्ष गंतव्य राज्य हैं। इससे पहले रेलवे इन सेवाओं के लिए शुल्क वसूलने को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आया था। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रेलवे फंसे हुए मजदूरों को तेजी से पहुंचाने के लिए अब प्रतिदिन 100 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाएगा।
- नई दिल्ली। . खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थानीय उत्पादों के लिए मुखर बनने और इसे वैश्विक बनाने के लिए किए गए आह्वान के प्रति कमर कस लिया है। स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की गई अपील के एक दिन बाद, केवीआईसी ने प्रमुख कार्यक्रम पीएमईजीपी के अंतर्गत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए दिशा-निर्देशों को जारी किया है।केवीआईसी के अध्यक्ष, विनय कुमार सक्सेना ने बुधवार को संबंधित एजेंसियों को पीएमईजीपी के अंतर्गत आने वाले आवेदनों की जांच करने और 26 दिनों के अंदर धन का वितरण करने के लिए उन्हें बैंकों को भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने इसकी समय-सीमा को घटाकर 15 दिन करने का भी निर्देश दिया है। एजेंसियों के लिए, प्रस्ताव तैयार करने में आवेदकों का मार्गदर्शन करना और ऋण की स्वीकृति होने तक उनकी सहायता करना अनिवार्य होगा। सभी एजेंसियां ऋण की जल्द से जल्द मंजूरी प्राप्ति के लिए बैंकों के साथ आगे की कार्यवाही करेंगी।संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, मुंबई में केवीआईसी का मॉनिटरिंग सेल दैनिक आधार पर आवेदन के प्रक्रिया की निगरानी करेगा जबकि वह प्रत्येक पखवाड़े में क्रियान्वयन एजेंसियों को फीडबैक प्रदान करेगा। इसके बाद, प्रगति रिपोर्ट को केवीआईसी के सीईओ और चेयरमैन के सामने अवलोकन के लिए रखा जाएगा।श्री सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्थानीय उत्पादनों को प्रोत्साहित करने की अपील के मद्देनजर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, आत्म-निर्भरता ही मंत्र है। पीएमईजीपी के अंतर्गत प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने से स्थानीय विनिर्माण के विकास में और तेजी आएगी। इसके माध्यम से कम से कम समय-सीमा के अंदर, अधिक से अधिक रोजगार का सृजन सुनिश्चित किया जा सकेगा। श्री सक्सेना ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग का स्थानीय रूप से वैश्विक रूप में परिवर्तन, अन्य स्थानीय उद्योगों और उद्यमों के लिए एक गहन अध्यन का विषय होगा। उन्होंने कहा कि, केवीआईसी एक नोडल एजेंसी के रूप में, पीएमईजीपी के अंतर्गत आने वाली आगामी परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक जिले में एन95 मास्क, वेंटिलेटर या उनका सामान, चिकित्सा कर्मचारियों के लिए पीपीई किट, सैनिटाइजर/ लिक्विड हैंड वॉश, थर्मल स्कैनर और अगरबत्ती और साबुन के निर्माण से संबंधित कम से एक इकाई स्थापित की जाएगी। यह देश में मौजूदा कोविड-19 के संकट के कारण बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए है।संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, जांच के दौरान कार्यान्वयन एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक ने 100 अंकों की तालिका में कम से कम 60 अंक प्राप्त किया है। इसी प्रकार, कच्चे माल की उपलब्धता, जनशक्ति, परिवहन और बिजली तक पहुंच जैसी तकनीकी व्यवहार्यता की भी जांच की जानी चाहिए, जिससे कि बैंक के स्तर पर अस्वीकृति को कम किया जा सके।इसी प्रकार, कार्यान्वयन एजेंसियों को बाजार का अध्ययन, प्रस्तावित उत्पाद की मांग का आंकलन, आसपास के इलाकों में इसी प्रकार के उत्पादों से संबंधित परियोजनाएं और बाजार की रणनीति की भी जांच करनी होगी। एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि यह प्रस्ताव चयनित बैंक के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिससे कि क्षेत्राधिकार को आधार बनाकर इसकी अस्वीकृति नहीं की जा सके।----