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- नई दिल्ली। केंद्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न नई आर्थिक स्थिति के बाद एक आयात प्रतिस्थापन नीति पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न हितधारकों से नवोन्मेषणों एवं लागत में कमी लाने के माध्यम से गुणवत्ता में सुधार लाने के जरिये ज्ञान को संपदा में रूपांतरित करने की अपील की।उन्होंने एक नागपुर स्थित एमएसएमई आरेंज क्लस्टर का उदाहरण दिया जिसने स्क्रैच से पीपीई का निर्माण किया। इन पीपीई का मूल्य 550 रुपये से 650 रुपये है जबकि इनका बाजार मूल्य लगभग 1200 रुपये है और देश इसके लिए आयात पर काफी हद तक निर्भर है। यह क्लस्टर बड़ी मात्रा में पीपीई की आपूर्ति करने की स्थिति में है।श्री गडकरी स्टार्टअप इको सिस्टम एवं एमएसएमई तथा तकनीकी सेवा प्रदाताओं और मनोरंजन उद्योग के कलाकारों पर कोविड-19 के प्रभाव पर भारतीय महिला उद्यमी संगठन (एएलईएपी) के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकों को संबोधित कर रहे थे। इसमें भाग लेने वाले अन्य लोगों में प्रसिद्ध गायक सोनू निगम, नितिन मुकेश , तलत अजीज शामिल थे।केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि निर्यात बढ़ाने पर विशेष फोकस आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है और बिजली की लागत, संभार तंत्र की लागत और उत्पादन लागत को कम करने के लिए आवश्यक प्रचलनों का अनुपालन किया जाना चाहिए जिससे कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि घरेलू उत्पादन द्वारा विदेशी आयातों को प्रतिस्थापित करने के लिए आयात प्रतिस्थापन पर फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उद्योग को नवोन्मेषण, उद्यमशीलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अनुसंधान कौशल तथा अनुभवों पर अधिक फोकस करना चाहिए जिससे कि ज्ञान को संपदा में रूपांतरित किया जा सके।श्री गडकरी ने मनोरंजन उद्योग में असंगठित क्षेत्र के वृहद औपचारिकीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई के रूप में पंजीकरण कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि संकट से उबरने के लिए सभी हितधारकों को लोगों की आजीविका सुनिश्चित करते हुए अनिवार्य रूप से समेकित दृष्टिकोण का अनुसरण करना चाहिए। श्री गडकरी ने उद्योग से इस संकट से उबरने के लिए इस अवधि के दौरान एक सकारात्मक मनोवृति रखने का भी आग्रह किया।इस परस्पर बातचीत के दौरान जिन कुछ मुद्दों को रेखांकित किया गया और जो सुझाव दिए गए, उनमें शामिल हैं एसएमई को प्रौद्योगिकियों के अंतरण के लिए कोई लाईसेंसिंग शुल्क नहीं, जनजातीय क्षेत्रों के लिए आजीविका को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का प्रसार, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में फार्मा सेक्टर एसएमई को सहायता और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए 3 महीने के ऋण स्थगन को और बढ़ाना, सुलभ ऋण विस्तार, जीएसटी का स्थगन/कमी आदि।---
- नई दिल्ली। ईपीएफओ के पास अपनी पेंशन योजना के तहत 65 लाख पेंशनधारक हैं। ईपीएफओं के सभी 135 प्रक्षेत्र अधिकारियों ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के कारण पेंशनधारकों को असुविधा से बचाने के लिए अग्रिम रूप से अप्रैल, 2020 के पेंशन भुगतान को प्रोसेस किया।ईपीएफओं के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरे भारत में पेंशन संवितरण बैंकों की सभी नोडल शाखाओं को 764 करोड़ रुपये भेजने के लिए सभी प्रकार की कठिनाइयों का सामना किया। सभी बैंक शाखाओं को समय पर पेंशनधारकों के खातों में पेंशन के क्रेडिट को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं।कोविड-19 संकट के दौरान पेंशनधारकों को राहत प्रदान करने के लिए ईपीएफओ द्वारा आवश्यकता की इस घड़ी में पेंशन के सही समय पर क्रेडिट किए जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।---
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- 26 जुलाई, 2020 को होगी एनईईटी की परीक्षा
- 18, 20, 21, 22 और 23 जुलाई, 2020 को होगी जेईई मुख्य परीक्षा
- यूजीसी नेट- 2020 और जेईई (एडवांस्ड) की तारीखों की जल्द होगी घोषणा
- सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा की तारीखें दो दिन में होंगी घोषित
नई दिल्ली। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक वेबिनार के माध्यम से देश भर के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। एक घंटे के संवाद के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों की स्कूली परीक्षाओं, प्रवेश परीक्षाओं, शैक्षणिक कैलेंडर, ऑनलाइन शिक्षा, शुल्क, विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य, अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों, फेलोशिप आदि से जुड़ी चिंताओं और सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर काफी चिंतित हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उनका मंत्रालय विद्यार्थियों की चिंताओं के शीघ्र और तत्काल समाधान करने के लिए सभी कदम उठा रहा है।
संवाद के दौरान केन्द्रीय एचआरडी मंत्री ने लंबित प्रवेश परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि एनईईटी का आयोजन 26 जुलाई, 2020 को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेईई मुख्य परीक्षा 18, 20, 21, 22 और 23 जुलाई, 2020 को आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि जेईई (एडवांस) परीक्षा अगस्त में हो सकती है। उन्होंने कहा कि यूजीसी नेट 2020 और सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तारीखें भी जल्द ही घोषित की जाएंगी।
श्री पोखरियाल ने विद्यार्थियों से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट के पर जाकर भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान से जुड़े पर व्याख्यान देखकर प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए कहा।
नेटवर्क में दिक्कतों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों से संबंधित एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एमएचआरडी ने टाटा स्काई और एयरटेल डीटीएच परिचालकों, डीडी-डीटीएच, डिश टीवी के डीटीएच प्लेटफॉर्मों और जियो टीवी ऐप पर स्वयं प्रभा चैनलों के प्रसारण के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ समझौता किया है। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए एनआईटी, आईआईटी और आईआईटीके शुल्क में बढ़ोतरी से जुड़े एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए आईआईटी, आईआईआईटी और एनआईटी के शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों के संबंधित राज्यों और घर को पलायन के संबंध में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सभी विद्यालयों के लिए पलायन की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है और एमएचआरडी से राज्यों के मुख्य सचिवों को डीओ पत्र जारी किए जाने के बाद से इस काम में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि 173 विद्यालयों में से 62 से ज्यादा विद्यालयों ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी विद्यालयों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है, जहां पर प्रवासी विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। अपने-अपने घरों को भेजे जा रहे विद्यार्थियों को सैनिटाइजर्स, मास्क, छोटे साबुन और जेएनवी की मेस से बने स्नैक जैसे भोजन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि रास्ते में पडऩे वाले सभी जेएनवी द्वारा इन विद्यार्थियों के लिए भोजन, विश्राम, स्नैक और स्वास्थ्य देखभाल आदि सुविधाएं दी जा रही हैं।
- - सभी वैज्ञानिक विभागों से त्वरित और बेहतर परिणामों की प्राप्ति के लिए उन्नत तालमेल विकसित करने का आह्वान कियानई दिल्ली। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वैज्ञानिकों से इस बात का ध्यान रखने की सलाह दी कि विभिन्न दवाओं, टीकों और चिकित्सा उपकरणों किफायती हों।एक सरकारी बयान के अनुसार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कोविड-19 को खत्म करने की दिशा में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा की गई विभिन्न पहल की समीक्षा की। बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया, विभिन्न दवा, टीके, नैदानिक और चिकित्सीय उपकरणों के वहनीय मूल्यों पर भी ध्यान रखा जाना चाहिए।बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने वैज्ञानिक विभागों से आह्वान करते हुए कहा, त्वरित और बेहतर परिणाम की प्राप्ति के लिए उन्नत तालमेल और अच्छी गुणवत्ता वाले समन्वय को विकसित करें। सभी वैज्ञानिकों और संस्थानों को समय के अनुसार आवश्यकताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए और त्वरित और परिनियोजन योग्य समाधान ढूंढने में भी योगदान करना चाहिए। मुझे सीएसआईआर के वैज्ञानिकों का उत्साह देखकर खुशी हो रही है और सीएसआईआर ने पिछली समीक्षा के बाद से अच्छी प्रगति की है । उन्होंने कहा कि विभिन्न दवाओं, टीकों और अन्य नैदानिक और चिकित्सीय उपकरणों के वहन योग्य कारक पर भी विचार किया जाना चाहिए।मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में कोविड-19 से मरने वालों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्य में नए संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे उपायों के सख्ती से लागू करने जोर दिया। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, केंद्र और राज्य दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कोविड-19 के कारण हो रही मृत्यु दर को कम करने के लिए सख्त निगरानी, उचित उपाय और शीघ्र उपचार राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।--
- नई दिल्ली। भारत सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से वापिस भारत लाने के लिए सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी है। यात्रा की व्यवस्था हवाई जहाज़ व नौ-सेना के जहाज़ों द्वारा की जाएगी। इस संबंध में मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार की गई है।विदेश मंत्रालय के दूतावास और उच्चायोग ऐसे व्यथित भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं। इस सुविधा के लिए यात्रियों को भुगतान देना होगा। हवाई यात्रा के लिए गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों का इंतज़ाम होगा। यह यात्राएं 7 मई से चरण-बद्ध तरीके से प्रारम्भ होंगी।उड़ान भरने से पहले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। केवल असिम्प्टोमैटिक यात्रियों को ही यात्रा की अनुमति होगी। यात्रा के दौरान इन सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किये गए सभी प्रोटोकॉलों का पालन करना होगा।गंतव्य पर पहुंच कर सभी को आरोग्य सेतु एप पर रजिस्टर करना होगा। सभी की मेडिकल जांच की जाएगी। जांच के पश्चात् सम्बंधित राज्य सरकार द्वारा उन्हें अस्पताल में या संस्थागत क्वारंटाइन में 14 दिन के लिए भुगतान के आधार पर रखा जाएगा। 14 दिन के बाद दोबारा कोविड टेस्ट किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। विदेश मंत्रालयऔर नागरिक उड्डयन मंत्रालय शीघ्र ही इसके बारे में विस्तृत जानकारी वेबसाइट द्वारा साझा करेंगे।राज्य सरकारों को वापसी करने वाले भारतीयों के परीक्षण, क्वारंटाइन और अपने राज्यों में आवाजाही की व्यवस्था बनाने के लिए सलाह दी जा रही है।---
- - नई तारीखों के बारे में उचित समय पर यूपीएससी की वेबसाइट पर सूचित किया जाएगानई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग ने कोविड-19 के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक विशेष बैठक बुलाई। प्रतिबंधों के विस्तार पर विचार करते हुए आयोग ने फैसला किया कि वर्तमान हालात में परीक्षाएं और साक्षात्कार फिर से शुरू करना संभव नहीं है।इसलिए 31 मई, 2020 को प्रस्तावित सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2020 को स्थगित कर दिया गया है। चूंकि यह परीक्षा भारतीय वन सेवा परीक्षा की स्क्रीनिंग परीक्षा के रूप में भी कार्य करती है, इसलिए भारतीय वन सेवा परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है। 20 मई, 2020 को फिर से परिस्थितियों की समीक्षा की जाएगी और इन परीक्षाओं के लिए नई तारीखों के बारे में उचित समय पर यूपीएससी की वेबसाइट पर सूचित किया जाएगा।आयोग पहले ही आगे उल्लिखित को टाल चुका है - (क) सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के लिए शेष अभ्यर्थियों के लिए व्यक्तित्व परीक्षण; (ख) भारतीय आर्थिक सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2020 के लिए अधिसूचना; (ग) संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा, 2020 के लिए अधिसूचना; (घ) केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल परीक्षा, 2020 के लिए अधिसूचना और (ङ) एनडीए और नौसेना अकादमी परीक्षा, 2020स्थगित परीक्षाओं के लिए जैसे ही और जब भी फैसला किया जाता है, सुनिश्चित किया जाएगा कि अभ्यर्थियों को कम से कम 30 दिन पहले सूचना दे दी जाए।---
- नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देश भर में लगे लॉकडाउन के कारण खरीद व लॉजिस्टिक्स संबंधी दिक्कतों के बाद भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों ने अप्रैल में 52 करोड़ रुपये की बिक्री की है। एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गयी।रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा कि इन केंद्रों ने पिछले साल अप्रैल में 17 करोड़ रुपये और मार्च 2020 में 42 करोड़ रुपये की बिक्री की थी। बयान के अनुसार, इससे लोगों को लगभग 300 करोड़ रुपये की कुल बचत हुई है। जनऔषधि केंद्रों पर दवाएं औसत बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत सस्ती मिलती हैं।बयान में कहा गया है कि मंत्रालय प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के माध्यम से देश के लोगों को सस्ती दवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी देश भर में 726 जिलों में 6,300 से अधिक जनऔषधि केंद्र हैं।--
- नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को राहत देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने कहा कि पांच मई को जेईई और नीट परीक्षाओं की नयी तारीख घोषित की जाएगी।ये परीक्षाएं कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से स्थगित कर दी गई थी। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, नयी तारीखों की घोषणा पांच मई को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक करेंगे। इससे उम्मीदवारों की अनिश्चितता खत्म होगी। उसी दिन मंत्री छात्रों से ऑनलाइन संवाद करेंगे।उल्लेखनीय है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा- मुख्य (जेईई-मेंस) का आयोजन देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होता है जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के जरिये देशभर के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश लिया जाता है। देश भर में 15 लाख से अधिक छात्रों ने नीट परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। यह परीक्षा भारत के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश पाने का रास्ता है। वहीं नौ लाख से अधिक छात्रों ने जेईई-मेंस परीक्षा के लिए आवेदन किया है जिसके जरिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी)को छोड़कर देश के अन्य सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश होता है। जेईई-मेंस को जेईई-एडवांस परीक्षा के लिए अर्हता माना जाता है जिसके जरिये आईआईटी की परीक्षा होती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने छात्रों को दोनों परीक्षाओं के लिए पहले चुने गए परीक्षा केंद्रों में बदलाव करने का भी विकल्प दिया है क्योंकि लॉकडाउन के बाद से छात्र विभिन्न स्थानों पर गए हैं।
- नई दिल्ली। भारत सरकार ने भारत की एकता एवं अखंडता को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के रूप में सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार की शुरुआत की है।इस पुरस्कार के जरिए इस क्षेत्र में विभिन्न व्यक्तियों या संस्थानों या संगठनों द्वारा किए गए उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान को सराहा जाता है। इसके साथ ही यह पुरस्कार मजबूत और संयुक्त भारत के मूल्य पर विशेष बल देता है।इस संबंध में एक अधिसूचना 20 सितंबर, 2019 को जारी की गई थी, जिसके तहत पुरस्कार के लिए नामांकन/सिफारिशों को आमंत्रित किया गया। इस पुरस्कार से संबंधित विवरणwww.nationalunityawards.mha.gov.in पर उपलब्ध है।उपर्युक्त पोर्टल के माध्यम से नामांकन ऑनलाइन आमंत्रित करने की अंतिम तिथि को 30 जून, 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।----
- नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कर्मचारी भी कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुए राष्ट्रीय संकट से निपटने में सरकार की पहल का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं और उन्होंने स्वेच्छा से पीएम केयर्स फंड में अपने एक दिन का वेतन यानि लगभग ढाई करोड़ रुपये की राशि का योगदान दिया है।ईपीएफओ, दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठनों में से एक है, जो कि हर संभव तरीके से राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया है, जिसने लाखों भारतीयों के स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या संकट से निपटना है।ईपीएफओ के अधिकारी और कर्मचारी पीएमजीकेवाई पैकेज आदि के अंतर्गत राहत प्रदान करने के लिए, कोविड दावों सहित ईपीएफ निकासी दावों का शीघ्रतापूर्वक निपटारा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं और अपना योगदान दे रहे हैं।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नौंवी और दसवीं कक्षा के लिए वैकल्पित शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया। कैलेंडर में शिक्षा देने के लिए सोशल मीडिया और विभिन्न तकनीक के इस्तेमाल के लिए अध्यापकों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। ये रूचिपूर्ण हैं जिनका इस्तेमाल बच्चे, अभिभावक और अध्यापक घर पर रह कर भी कर सकते हैं। इन तक मोबाइल फोन, रेडियों, टेलिविजन, एसएमएस और विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई दिल्ली में कहा कि बहुत सारे छात्रों के मोबाइल फोन में इंटरनेट नहीं हो सकता है या उनका मोबाइल फोन सोशल मीडिया इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं हो सकता है। ऐसी स्थिति में अध्यापक, अभिभावकों और छात्रों को एसएमएस या फोन के जरिये सलाह देंगे। उन्होंने बताया कि 11वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों के लिए वैकल्पित शैक्षिक कैलेंडर जल्द जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कैलेंडर में दिव्यांगों समेत सभी बच्चों की आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा।श्री पोखरियाल ने कहा कि शैक्षिक कैलेंडर में पाठ्य पुस्तकों के संदर्भ में सप्ताहवार रूचिपरक और चुनौतिपूर्ण गतिविधियों का ब्यौरा दिया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों की सीखने के स्तर को मापना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शैक्षिक कैलेंडर में कला शिक्षा, शारीरिक व्यायाम और योग को भी शामिल किया गया है।श्री पोखरियाल ने कहा कि इस कैलेंडर में सप्ताहवार योजना दी गई है और इसमें पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तक के अध्याय या विषय से संबंधित रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियां सम्मिलित हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है। सीखने के प्रतिफलों की सहायता से न केवल अभिभावक और शिक्षक बच्चों के सीखने की प्रगति देख सकेंगे बल्कि वे पाठ्य पुस्तकों के परे जाकर बच्चों को सीखने के लिए अभिप्रेरित कर सकेंगे।इस कैलेंडर में चार भाषा विषयों को शामिल किया गया है- संस्कृत, उर्दू, हिन्दी एवं इंग्लिश। उन्होंने बताया कि इसमें ई-पाठशाला, एन.आर.ओ.ई.आर. और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार दी गई ई-सामग्री के लिंक्स को भी शामिल किया गया है।
- - अन्य सभी यात्री और उपनगरीय रेलगाडिय़ां स्थगित रहेंगी-किसी भी स्टेशन पर कोई टिकट नहीं बेचा जा रहा है।नई दिल्ली। रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कुछ विशेष ट्रेनें, जो प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों के लिए चलाई जा रही हैं, केवल राज्य सरकार के अनुरोध पर संचालित की जा रही हैं। अन्य सभी यात्री रेल सेवाएं निलंबित रहेंगी।रेलवे केवल राज्य सरकारों द्वारा लाये गये एवं निर्धारित किये गये यात्रियों को ही स्वीकार कर रहा है। अन्य किसी यात्री समूह या व्यक्ति को स्टेशन पर नहीं आना है। किसी भी स्टेशन पर कोई टिकट नहीं बेचा जा रहा है। रेलवे केवल राज्य सरकारों द्वारा मांगी गयी रेलगाड़ी के अलावा और कोई गाड़ी नहीं चला रहा है। अन्य सभी यात्री और उपनगरीय रेलगाडिय़ां स्थगित रहेंगी। इसलिए, किसी को भी रेलवे स्टेशन पर नहीं आना है।रेलवे ने स्पष्ट किया कि- सभी को तदनुसार सलाह दी जाती है। किसी को भी इसके बारे में कोई झूठी खबर नहीं फैलानी चाहिए।---
- नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में तीन से छह मई के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं जबकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हो सकती है।मौसम विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में रविवार से हल्की से मध्यम बारिश होगी। श्रीवास्तव ने कहा, पश्चिमी विक्षोभ का असर छह-सात मई तक जारी रहेगा। इस समयावधि में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश होगी। उन्होंने कहा कि कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हो सकती है। इन चार दिन के दौरान तापमान में भी कर्मी दर्ज की जा सकती है।---
- नई दिल्ल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अस्पताल के आपात विभाग और अन्य मरीज देखभाल क्षेत्रों में आने वाले मरीजों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य बना दिया है तथा एम्स उन लोगों को मास्क उपलब्ध कराएगा जिनके पास यह नहीं है। एम्स ने शुक्रवार को बताया कि निदेशक की अध्यक्षता में एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।एम्स प्रशासन ने सभी केंद्रों के प्रमुखों, विभागों के अध्यक्षों एवं अन्य अधिकारियों को भेजे परिपत्र में कहा है, यह सुनिश्चित करना तय किया गया है कि एम्स के ओपीडी, आपात, अंतरंग रोगी वार्ड एवं अन्य सभी मरीज देखभाल क्षेत्रों में आ रहे सभी मरीजों को अस्पताल में रहने तक मास्क लगा हो। उसने कहा, यदि मरीज के पास अपना मास्क है और उसने उसे लगा रखा है तो ठीक है। लेकिन मरीज देखभाल क्षेत्र में आने वाले मरीजों ने अपना मास्क नहीं लगा रखा हो तो उसे प्रथम संपर्क केंद्र पर एएनएन/निर्धारित नर्सिंग अधिकारी उसे तीन स्तर वाले मास्क उपलब्ध करायेंगे और वे उन्हें हरसमय पहने रखने की सलाह भी देंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने परामर्श जारी कर लोगों को खासकर घर से बाहर जाने पर मास्क लगाने को कहा था।---
- नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए लोकपाल सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजय कुमार त्रिपाठी का आज एम्स में दिल का दौरा पडऩे के बाद निधन हो गया। अधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। श्री त्रिपाठी (62) का निधन रात करीब नौ बजे हुआ।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी अप्रैल के पहले हफ्ते से ही एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे, जिसे समर्पित कोविड-19 अस्पताल में बदल दिया गया है। एक सूत्र ने बताया, वह बेहद बीमार थे। वह आईसीयू में थे और बीते तीन दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। श्री त्रिपाठी लोकपाल के चार न्यायिक सदस्यों में से एक थे।मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त कियामुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री ए. के. त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति स्वर्गीय श्री त्रिपाठी के परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए, दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि क्षेत्र के मुद्दों और आवश्यक सुधारों के बारे में विचार विमर्श करने के लिए आज एक बैठक की। कृषि विपणन, विपणन योग्य अधिशेष के प्रबंधन, संस्थागत ऋण तक किसानों की पहुंच में सुधार लाने और कानून के उचित समर्थन सहित कृषि क्षेत्र को विभिन्न प्रतिबंधों से मुक्त किए जाने पर विशेष बल दिया गया।कृषि विकास में तेजी लाने के संदर्भ में मौजूदा विपणन व्यवस्था में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करने तथा उचित सुधार लाने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक के दौरान कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए रियायती ऋण प्रवाह, पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए विशेष किसान क्रेडिट कार्ड सेचुरेशन ड्राइव तथा किसानों को उचित आमदनी सुनिश्चित कराने के लिए कृषि उपज के अंतर-राज्य और अंतर राज्य व्यापार को सुगम बनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की गई। बैठक में ई-कॉमर्स को सक्षम बनाने के लिए ई-नाम को प्लेटफॉम्र्स के प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित करने जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भी चर्चा हुई।देश में एकसमान वैधानिक ढांचे की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई ताकि खेती के लिए नए तौर-तरीके सुगम बनाए जा सकें, जो कृषि अर्थव्यवस्था में पूंजी और प्रौद्योगिकी का समावेशन कर सकें। फसलों में जैव-प्रौद्योगिकीय विकास के पक्ष और विपक्ष अथवा उत्पादकता में वृद्धि और इनपुट लागत में कमी पर भी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान आदर्श भूमि पट्टेदारी अधिनियम की चुनौतियों तथा छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा कैसे की जाए, इस के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श किया गया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम को वर्तमान समय के अनुरूप बनाना कितना उचित है, ताकि उत्पादन पश्चात की कृषि अवसंरचना में बड़े पैमाने पर निजी निवेश को प्रोत्साहन मिल सके तथा जिंस डेरिवेटिव बाजारों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सके।कृषि जिंस निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड इंडिया के विकास, विशिष्ट कमोडिटी से संबंधित बोर्डों/ परिषदों के गठन और कृषि-समूहों/अनुबंध खेती को बढ़ावा देने जैसे कुछ हस्तक्षेपों पर चर्चा की गई।कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें हमारे किसानों के लाभ के लिए संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को खोलने की क्षमता मौजूद है। प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी का प्रसार अंतिम व्यक्ति तक करने और हमारे किसानों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने पर जोर दिया।कृषि अर्थव्यवस्था में जीवंतता लाने, कृषि व्यापार में पारदर्शिता लाने और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए बैठक में एफपीओ की भूमिका को और मजबूत बनाने का फैसला किया गया। कुल मिलाकर किसानों को बेहतर दाम दिलाने और चयन की आजादी देने के लिए बाजारों को नियंत्रित करने वाले मौजूदा कानूनों पर पुनर्विचार करने पर बल दिया गया।
- - किसानों को आपूर्ति श्रृंखला और माल परिवहन प्रबंधन प्रणाली से जोड़ेगानई दिल्ली। देश के दूरदराज के इलाकों में आपूर्ति श्रृंखला और माल परिवहन प्रबंधन प्रणाली से किसानों को जोडऩे के लिए नई दिल्ली स्थित केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान, (सीएसआईआर-सीआरआरआई) ने किसान सभा ऐप विकसित किया है। जिसका शुभारंभ सीएसआईआर के प्रबंध निदेशक और डीएआरई के सचिव डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने किया।किसान सभा ऐप्प का लक्ष्य किसानों को सबसे किफायती और समय पर लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करना और बिचौलियों के हस्तक्षेप को कम करके और सीधे संस्थागत खरीदारों के साथ जुड़कर उनके लाभ को बढ़ाना है। यह निकटतम मंडियों की उपज मूल्यों की तुलना करके, सस्ती कीमत पर मालवाहक वाहन की बुकिंग करके फसलों का सर्वोत्तम बाजार दर प्रदान करने में मदद करेगा, जिससे किसानों को अधिकतम लाभ मिलेगा। (जैसे बड़े खुदरा दुकानों, ऑनलाइन स्टोर, संस्थागत खरीदारों) और अन्य संबंधित संस्थाओं को समय पर और प्रभावी समाधान के लिए जोड़ता है।1. पोर्टल किसानों, ट्रांसपोर्टरों, सेवा प्रदाताओं (जैसे कीटनाशकों / उर्वरक / डीलरों, कोल्ड स्टोर और गोदाम मालिक), मंडी डीलरों, ग्राहकों (जैसे बड़े खुदरा दुकानों, ऑनलाइन स्टोर, संस्थागत खरीदारों) और अन्य संबंधित संस्थाओं को समय पर और प्रभावी समाधान के लिए जोड़ता है।2. यह पोर्टल कृषि से संबंधित प्रत्येक इकाई के लिए एकल स्टॉप के रूप में कार्य करता है, क्योंकि वे किसान हैं जिन्हें फसलों की बेहतर कीमत की आवश्यकता है, मंडी डीलर से जो अधिक किसानों या ट्रक ड्राइवरों से जुडऩा चाहते हैं, उन सबके लिए मददगार साबित होगा।3. कृषि सेवा क्षेत्र से जुड़े लोग मसलन उर्वरक/कीटनाशक के डीलर, जो अपनी सेवाओं के लिए अधिक किसानों तक पहुंचना चाहते हैं उनके लिए किसान सभा ऐप मददगार साबित होगा।4. यह ऐप कोल्ड स्टोर या गोदाम कारोबार से जुड़े लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होगा। किसान सभा उन लोगों के लिए एक मंच भी प्रदान करता है जो सीधे किसानों से खरीदना चाहते हैं।5. किसान सभा में किसानों / मंडी डीलरों / ट्रांसपोर्टरों / मंडी बोर्ड के सदस्यों / सेवा प्रदाताओं / उपभोक्ताओं के लिए 6 प्रमुख मॉड्यूल हैं।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) सहित शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुधारों और समस्याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए शुक्रवार को एक बैठक की। बैठक के दौरान शिक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग और समर्पित शैक्षणिक चैनलों पर ऑनलाइन कक्षाएं, शिक्षा पोर्टल और कक्षा वार प्रसारण जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने और अधिगम में सुधार लाने पर जोर दिया गया।बैठक में गुणवत्तायुक्त शिक्षा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा में एकरूपता लाने और एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बहु-भाषाई शिक्षा, 21वीं सदी के कौशल, खेल एवं कला के एकीकरण, पर्यावरण संबंधी मुद्दों आदि पर जोर दिया गया है। स्कूल एवं उच्च स्तरों पर शिक्षा की विभिन्न विधाओं में प्रौद्योगिकी के उपयोग और प्रचार पर विस्तार से चर्चा की गई - यानी ऑनलाइन माध्यम, टीवी चैनल, रेडियो, पॉडकास्ट आदि। भारतीय शिक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उच्च शिक्षा परिदृश्य में सुधार लाने से शिक्षा को प्रभावी, समावेशी, भारतीय संस्कृति एवं लोकाचार के लिहाज से समकालीन बनाने पर जोर दिया गया। कुल मिलाकर बैठक में प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल एवं शिक्षा, बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, समकालीन शिक्षाशास्त्र को अपनाने, भारत की सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधता को संरक्षित करने, शिक्षा के शुरुआती व्यावसायिककरण पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया।सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करते हुए एक जीवंत ज्ञानवान समाज के निर्माण के लिए शिक्षा में सुधार करने का निर्णय लिया गया ताकि भारत को ग्लोबल नॉलेज सुपर पावर बनाया जा सके। इन सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और कुशल शैक्षिक प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बौद्धिकता सहित प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।----
- - ये विशेष रेलगाडिय़ां संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगीनई दिल्ली। गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों पर ले जाने के लिए आज श्रमिक दिवस से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।मानक प्रोटोकॉल्स के अनुसार इन फंसे हुए लोगों को भेजने वाली और उनकी अगवानी करने वाली संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष रेलगाडिय़ां एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी। रेलवे और राज्य सरकारों की ओर से सम?वयन और श्रमिक स्पेशल्स के सुचारु परिचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।यात्रियों को भेजने वाले राज्यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा। भेजने वाली राज्य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्टेशन तक सैनिटाइज्ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्य सावधानियों का पालन करते हुए जत्थों में लाना होगा। प्रत्येक व्यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा। भेजने वाले राज्यों द्वारा शुरुआती स्टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाएगा।रेलवे यात्रियों के सहयोग से सामाजिक दूरी के मानदंडों और स्वच्छता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। लंबे मार्गों पर यात्रा के दौरान रास्ते में रेलवे एक भोजन प्रदान करेगा।गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी। वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी। राष्ट्र के सामने मौजूद संकट की इस घड़ी में भारतीय रेल के सभी अधिकारी और कर्मचारी साथी भारतवासियों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी का समर्थन और सहयोग चाहते हैं।**
- - रायपुर के कलेक्टर भी रह चुके हैंनई दिल्ली। आईएएस अजय तिर्की ने आज नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) में सचिव के रूप में पदभार संभाल लिया। वह मध्य प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने रविंद्र पंवार का स्थान लिया है, जो कल सेवानिवृत्त हो गए।अजय तिर्की सचिव का पदभार संभालने से पहले इसी मंत्रालय में विशेष सचिव का पद संभाल रहे थे। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अपर सचिव के रूप में पदभार संभालने से पहले उन्होंने वर्ष 2017 में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया था। वह वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक रक्षा मंत्रालय में निदेशक और संयुक्त सचिव के रूप में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे हैं।अजय तिर्की वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के प्रधान सचिव थे और उन्हें होम कैडर में अपनी नियुक्तियों में चिकित्सा शिक्षा, श्रम एवं रोजगार तथा ग्रामीण विकास के विभागों (पोर्टफोलियो) को संभालने का व्यापक अनुभव है। वह राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड), मध्यप्रदेश के प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। इससे पहले वह सीधी, होशंगाबाद और रायपुर के जिला कलेक्टर थे। इसके अलावा, उन्होंने मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के रूप में विभिन्न पदों पर काम किया है।----
- नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग इस महीने की 21 तारीख को महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव कराएगा। चुनाव की अधिसूचना सोमवार को जारी की जाएगी और नामांकन 11 मई तक भरे जा सकेंगे। वोटों की गिनती मतदान के दिन ही होगी। इससे पहले, कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कल निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर महाराष्ट्र विधान परिषद की रिक्त नौ सीटों के लिए चुनाव कराने का अनुरोध किया था।मुख्यमंत्री ऊद्धव ठाकरे को पिछले वर्ष 28 नवम्बर को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। वे राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। उन्हें 27 मई यानी सदन में छह महीने की अवधि पूरी करने तक सदन के लिए निर्वाचित होना है। अन्यथा उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना होगा।----
- नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ड़ॉक्टर हर्षवर्र्धन ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के रैपिड परीक्षण किट का निर्माण मई महीने के अंत तक शुरू हो जाएगा। डॉक्टर हर्षवद्र्धन ने वैज्ञानिकों से इस महामारी की रोकथाम के उपाय तलाशने में तेजी लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि छह वैक्सीन पर परीक्षण चल रहा है, जिनमें चार का परीक्षण अंतिम चरण में है।जैव प्रोद्यौगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने स्वास्थ्य मंत्री को अनुसंधान रणनीति की जानकारी दी तथा इस महामारी से निपटने की तात्कालिक और दीर्घावधि तैयारियों की कार्ययोजना से अवगत कराया। इन प्रयासों में वैक्सीन संबंधी अनुसंधान और देश में नैदानिक सुविधा का विकास शामिल है।---
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से कोरोना के संक्रमण से पीडि़त मरीजों के अलावा कैंसर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों के मरीजो की अनिवार्य चिकित्सा सेवाओं को बहाल रखने के सभी इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा है।केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कहा कि लॉकडाउन के दौरान गैर कोरोना मरीजों को डायलसिस या कीमो थैरेपी सहित अन्य अनिवार्य चिकित्सा सेवायें बाधित न हों। उन्होंने कहा कि इसके लिये खासतौर पर निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करना अनिवार्य है। उन्होंने निजी अस्पतालों में गैर कोरोना मरीजों से कोरोना संक्रमण मुक्त होने का प्रमाण पत्र मांगे जाने की शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकारों से कहा कि कोरोना संक्रमण का परीक्षण कराने के लिये कोई अस्पताल तभी कह सकता है जबकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के तहत ऐसा किया जाना जरूरी हो।उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में कोविड-19 मरीजों की चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने की तात्कालिक जरूरत के बीच गैर कोरोना मरीजों की चिकित्सा सेवाओं को भी सुचारू रखना जरूरी है। इसके मद्देनजर सूदन ने राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं को, खासकर निजी चिकित्सा संस्थाओं में बहाल रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि कोरोना से इतर अन्य बीमारियों के मरीजों को डायलसिस और कीमोथेरेपी सहित अन्य जरूरी चिकित्सा सुविधायें देने से अस्पतालों में कोरोना संकट के कारण इंकार नहीं किया जाए।----
- नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड के मसूरी स्थित प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी ऑनलाइन कक्षाओं से पढ़ाई कर रहे हैं और सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए साफ-सफाई सहित अन्य काम खुद कर रहे हैं।लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह को संस्थान ने यह जानकारी दी। मंत्री के साथ संस्थान के निदेशक और अन्य शिक्षकों की वीडियो कांफ्रेंस में यह भी बताया गया कि कोविड-19 के मुद्दे पर नौकरशाहों को प्रशिक्षण के लिए क्या गतिविधियां की जा रही हैं। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, श्री सिंह को बताया गया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण के पहले चरण सहित अकादमी के विभिन्न पहुलओं के लिए कैसे मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई गई है।विज्ञप्ति के मुताबिक अकादमी में ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं और प्रशिक्षु अधिकारी अपने-अपने कमरे से ही इसमें शामिल हो रहे हैं। इसी प्रकार हॉस्टल में खाने की आपूर्ति की जा रही है और बर्तन और कमरे की सफाई प्रशिक्षु अधिकारी स्वयं कर रहे हैं। बयान के मुताबिक विभिन्न माध्यमों से उन्हें कोविड-19 से जुड़ी जानकारी दी जा रही है, जिनमें फिल्म दिखाना, ऑनलाइन चर्चा, कार्य देना आदि शामिल है। मंत्रालय ने बताया कि आकादमी के सभी वर्गों ने सामाजिक दूरी और साफ-सफाई आदि के लिए अपनी-अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है। विज्ञप्ति में कहा गया, अकादमी में कार्यरत बाहरी कामगारों सहित सभी कर्मचारियों को अकादमी के शिक्षकों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी प्रोटोकॉल के साथ-साथ जिला प्रशासन के निर्देशों का भी अनुपालन किया जा रहा है। एलबीएसएनएए के निदेशक संजीव चोपड़ा ने महामारी के मद्देनजर संस्थान में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
- वाराणसी। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए वाराणसी नगर के चुने हुए क्षेत्रों में सैनिटाइजर के छिड़काव हेतु ड्रोन की मदद ली गई ।ड्रोन मानव रहित वाहन हैं जो हेलिकॉप्टर की तरह उड़ सकते हैं और विशेष रूप से डिजाइन किए गए रिमोट कंट्रोल का उपयोग करते हुए प्रशिक्षित कार्मिकों द्वारा उन्हें प्रचालित किया जा सकता है। ड्रोन, जिन्हें विशेष रूप से कृषि उपयोग के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के लिए डिजाइन किया गया था, का उपयोग अब कोविड-19 महामारी की स्थिति के दौरान क्वारांटाइन किए गए क्षेत्रों एवं आइसोलेशन वार्डों के आसपास डिस्इंफेक्टैंट तरल छिड़कने के लिए किया जा रहा है।वाराणसी स्मार्ट सिटी ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत वाराणसी नगर के चुने हुए क्षेत्रों में सैनिटाइजर के छिड़काव के लिए चेन्नई स्थित एक कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं ली हैं। लॉकडाउन अवधि के दौरान परिवहन के सीमित विकल्पों को देखते हुए, ये ड्रोन नागरिक उड्डयन मंत्रालय की विशेष अनुमति से एयर इंडिया कार्गो उड़ानों के जरिये चेन्नई से विशेष रूप से एयरलिफ्ट किए गए।ड्रोनों के जरिये सैनिटाइजर के छिड़काव को जिला प्रशासन/मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा चिन्हित हॉटस्पॉटों एवं नियंत्रण क्षेत्रों के लिए प्राथमिकता दी जाती है। इसके बाद आइसोलेशन क्षेत्रों, क्वारांटाइन किए गए क्षेत्रों, आश्रय स्थलों एवं अन्य स्थान, जहां शारीरिक रूप से छिड़काव करना मुश्किल है, की बारी आती है। ड्रोन किस जगह तैनात किए जाएंगे, उसका फैसला वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किया जाता है।ड्रोन टीम पहले उस क्षेत्र का दौरा करती है जिसे सैनिटाइज करने के लिए चुना गया है और उस भूभाग, भवनों एवं आसपास के क्षेत्रों का त्वरित विजुअल सर्वे करती है तथा ड्रोन द्वारा अनुसरण की जाने वाली उड़ान मार्ग की रूपरेखा बनाती है। फिर ड्रोन को 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोरइट (एनएओसीएल) से निर्मित कैमिकल सॉल्यूशन से भरा जाता है, फिर ड्रोन को कैलिब्रेट किया जाता है और तब वह उड़ान के लिए तैयार हो जाता है। इसके बाद सुनियोजित उड़ान पथ में अनुभवी ड्रोन पायलटों द्वारा एक रिमोट कंट्रोल उपकरण का उपयोग करते हुए ड्रोन को उड़ाया जाता है, साथ ही साथ इसके चार नोजलों के जरिये सैनिटाइजर का छिड़काव भी किया जाता है। प्रत्येक उड़ान (लगभग 15 से 20 मिनट तक चलने वाली) के बाद ड्रोन को कैमिकल भरने एवं बैट्री पैक को रिप्लेस करने के लिए वापस बुला लिया जाता है। इसके बाद ड्रोन को उड़ान/छिड़काव फिर से आरंभ करने के लिए दूसरे स्थान पर भेज दिया जाता है।ड्रोन का उड़ान मार्ग और कवर किया गया क्षेत्र बैकएंड पर जीआईएस मैप के साथ हाथ में रखे जाने वाले एक उपकरण से नियंत्रित एवं रिकॉर्डेड रहता है जो रिमोट कंट्रोलर से प्लग्ड रहता है। ड्रोन प्रचालनों के लिए प्रयुक्त वेहिकल में जीपीएस और जीएसएम आधारित वायरलेस कैमरा फिट किया गया होता है जिसका उपयोग कर ड्रोन की पूरी आवाजाही और उनके प्रचालनों को काशी इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से केंद्रीय तरीके से मोनिटर किया जाता है जिसे अब कोविड-19 वॉर रूम में तबदील कर दिया गया है। प्रत्येक नामित स्थान पर ड्रोन प्रचालनों से पहले एवं बाद में सैनिटरी इंस्पेक्टर एवं टीम के अन्य सदस्य नोडल अधिकारी को रिपोर्ट करते हैं।