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नानजिंग (चीन). अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम विश्व कप फाइनल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला कंपाउंड तीरंदाज बन गई जिन्होंने यहां कांस्य पदक हासिल किया । एशियाई खेल चैम्पियन ज्योति ने दुनिया की दूसरे नंबर की तीरंदाज ब्रिटेन की एला गिब्सन को 150 . 145 से हराकर पहली बार इस टूर्नामेंट में पोडियम पर जगह बनाई । आठ तीरंदाजों के विश्व कप सत्र के फाइनल में भारत की 29 वर्ष की ज्योति ने क्वार्टर फाइनल में अमेरिका की एलेक्सिस रूइज को 143 . 140 से हराया था । वह सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर एक तीरंदाज मैक्सिको की आंद्रिया बेसेरा से 143 . 145 से हार गई ।
विश्व कप फाइनल में ज्योति तीसरी बार उतरी थी । इससे पहले वह 2022 और 2023 में पहले दौर में बाहर हो गई थी । भारत की मधुरा धमनगांवकर पहले दौर में मैक्सिको की मरियाना बेरनाल से 142 . 145 से हारकर बाहर हो गई । पुरूष वर्ग में ऋषभ यादव अकेले भारतीय हैं जो दक्षिण कोरिया के किम जोंघो से पहले दौर में खेलेंगे । रिकर्व वर्ग में किसी भारतीय ने क्वालीफाई नहीं किया है । -
नई दिल्ली। तन्वी शर्मा बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप में बीते 17 साल में पदक पक्का करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने शुक्रवार को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में एक गेम से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जापान की साकी मात्सुमोतो को हराकर लड़कियों के एकल सेमीफाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया।
16 वर्षीय तन्वी ने दबाव में भी अपना संयम बनाए रखा और अपने क्रॉस-कोर्ट स्लाइस हिट्स से विजयी अंक लेकर 47 मिनट तक चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मात्सुमोतो को 13-15, 15-9, 15-10 से हराया। इस मुकाबले ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।विश्व जूनियर चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली आखिरी भारतीय महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल थीं, जिन्होंने 2008 में पुणे में हुए संस्करण में स्वर्ण पदक जीता था। साइना ने 2006 में रजत पदक जीता था और उनके अलावा अपर्णा पोपट (1996 में रजत पदक) प्रतियोगिता के इतिहास में पोडियम पर पहुँचने वाली एकमात्र अन्य भारतीय महिला खिलाड़ी रही हैं।इस साल की शुरुआत में बैडमिंटन एशिया जूनियर चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीतने वाली शीर्ष वरीयता प्राप्त तन्वी ने आक्रामक शुरुआत की और ऐसा लग रहा था कि वह नियंत्रण में हैं।उन्होंने 10-6 की बढ़त बना ली। लेकिन कुछ गलतियों के कारण मात्सुमोतो ने वापसी की और फिर इस जापानी खिलाड़ी ने लगातार सात अंक जीतकर बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी ने बढ़त तो बना ली, लेकिन गेम हारने से नहीं बच सकीं।यूएस ओपन की फाइनलिस्ट दूसरे गेम में अपने शॉट चयन को लेकर ज़्यादा सहज दिखीं और 15-9 से जीत हासिल की। हालांकि, तीसरे गेम की शुरुआत में गलतियों ने एक बार फिर उसे पीछे धकेल दिया और यह स्पष्ट था कि शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी दबाव में थी क्योंकि खिलाड़ियों ने पाला बदल दिए थे और भारतीय खिलाड़ी 5-8 से पीछे थी।यह घबराहट निश्चित रूप से कम हुई क्योंकि उसने लगातार चार अंक हासिल करके 9-8 की बढ़त बना ली और फिर अपने फ्लैट टॉस और क्रॉस स्मैश का इस्तेमाल करके अपनी प्रतिद्वंद्वी को मात दी।तन्वी का सामना अब चीन की लियू सी या से होगा। उन्होंने कहा, “मात्सुमोतो के खिलाफ खेलना मुश्किल है क्योंकि वह खेल को धीमा कर देती हैं। इसलिए, मुझे पता था कि मुझे आक्रामक होना होगा। मुझे खुशी है कि मेरा पदक पक्का है।”चीनी खिलाड़ी ने दूसरे क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की रानीथमा लियानागे को 15-9, 15-6 से हराया। हालांकि, लड़कियों के एकल वर्ग में भारत की एक और पदक की उम्मीद तब टूट गई जब आठवीं वरीयता प्राप्त उन्नति हुड्डा थाईलैंड की दूसरी वरीयता प्राप्त अन्यापत फिचितप्रीचासाक से 15-12, 15-13 से हार गईं।उन्नति को अपने फ्रंट-कोर्ट मूवमेंट में स्पष्ट रूप से संघर्ष करना पड़ा और हालाँकि भारतीय खिलाड़ी ने 32 मिनट तक चले मुकाबले में हर अंक के लिए संघर्ष किया, लेकिन अन्यपत ने उन्हें अपने तेज क्रॉस ड्रॉप और स्मैश से बार-बार छकाया।लड़कों के एकल क्वार्टर फ़ाइनल में, ज्ञान दत्तू ने चीन के तीसरी वरीयता प्राप्त लियू यांग मिंग यू को कड़ी टक्कर दी, लेकिन उनका जोशीला प्रयास 15-11, 15-13 से हार से बचने के लिए पर्याप्त नहीं था।भव्य छाबड़ा और विशाखा टोप्पो की मिश्रित युगल जोड़ी भी क्वार्टर फ़ाइनल में चीनी ताइपे के हंग बिंग फू और चोउ युन एन से 15-9, 15-7 से हार गई।परिणाम (शाम 5.30 बजे तक):बॉयज़ सिंगल्स :1-मोहम्मद ज़की उबैदिल्लाह (इंडोनेशिया) ने ज़ी शेंग वू (चीन) को 15-6, 17-15 से हराया (2 जीपी बचाए); ली ज़ी हैंग (चीन) ने चुंग चिंग साइरस (हांगकांग) को 15-4, 15-7 से हराया ; 3-लियू यांग मिंग यू (चीन) ने ज्ञान दत्तू टीटी (भारत) को 15-11, 15-13 से हराया ; 2-रिची डुटा रिचर्डो (इंडोनेशिया) ने अयु फू शेंग (मलेशिया) को 15-9, 15-9 से हरायागर्ल्स सिंगल्स:1-तन्वी शर्मा (भारत) ने साकी मात्सुमोतो (जापान) को 13-15, 15-9, 15-10 से हराया ; लियू सी या (चीन) ने 4-रानिथमा लियानगे (श्रीलंका) को 15-9, 15-6 से हराया; 6-यातावीमिन केतक्लिएंग (थाईलैंड) ने युज़ुनो वतनबे (जापान) को 15-3, 15-12 से हराया ; 2-अन्यापत फिचितप्रीचासाक (थाईलैंड) ने 8-उन्नति हुडा (भारत) को 15-12, 15-13 से हरायामिक्स्ड डबल्स :1-लोह जिहेंग/नोराकिला मैसराह (मलेशिया) ने 9-इखसान प्रमुद्या/रिनजानी नास्टिन (इंडोनेशिया) को 15-10, 15-8 से हराया ; हंग बिंग फू/चाउ युन एन (चीनी ताइपे) ने 14-भाव्या छाबड़ा/विशाखा टोप्पो (भारत) को 15-9, 15-7 से हराया ; 4-चेन जून टिंग/काओ ज़ी हान (चीन) ने 8-शुजी सवादा/आओई बन्नो (जापान) को 15-3, 15-10 से हराया ; 2-ली ह्योंग वू/चेओन हये इन (कोरिया) ने 5-टैन ज़ी यांग/निकोल टैन (मलेशिया) को 17-15, 14-16, 15-6 से हराया -
नयी दिल्ली. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के हरे-भरे खेत इस महीने के अंत में देशभर से आने वाले करीब 600 विद्यार्थियों की हलचल से गुलजार होंगे, जब यहां मॉडल रॉकेट्री प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। ‘कैनसैट इंडिया स्टूडेंट प्रतियोगिता' में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र उपग्रह बनाने, उन्हें एक किलोमीटर ऊंचाई तक प्रक्षेपित करने, विभिन्न पेलोड के माध्यम से आंकड़े जुटाने और पैराशूट की मदद से रॉकेट तथा उपग्रह को सुरक्षित वापस लाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) में संवर्धन निदेशालय के निदेशक विनोद कुमार ने कहा, “यह प्रतियोगिता छात्रों को उपग्रह मिशनों का वास्तविक अनुभव प्रदान करेगी और भारत के तेजी से बढ़ते अंतरिक्ष क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए उन्हें तैयार करेगी।” इस प्रतियोगिता का आयोजन इन-स्पेस, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर कर रहा है। प्रतियोगिता का फाइनल राउंड 27 से 30 अक्टूबर तक कुशीनगर के तुमकुहीराज में नारायणी नदी के किनारे आयोजित किया जाएगा। इसके लिए नदी किनारे एक खेत में सात अस्थायी प्रक्षेपण स्थल बनाए गए हैं, जहां चार दिन में छात्र 70 से अधिक रॉकेट प्रक्षेपित करेंगे। देशभर के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से चुने गए लगभग 600 छात्र, शिक्षक और मेंटर की कुल 71 टीम राष्ट्रीय फाइनल में पहुंची हैं। इनमें 36 टीम ‘कैनसैट' श्रेणी में और 35 टीम ‘मॉडल रॉकेट्री' श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करेंगी। यह प्रतियोगिता देवरिया से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य शशांक मणि के सहयोग से आयोजित की जा रही है। मणि ने इस क्षेत्र की 10-वर्षीय योजना तैयार करने में योगदान दिया है। मणि ने कहा, “यह प्रतियोगिता इस क्षेत्र की कल्पनाशक्ति को प्रोत्साहित करेगी और अंतरिक्ष जागरूकता की संस्कृति को बढ़ावा देगी। यह ‘अमृत प्रयास' मिशन से जुड़ी है, जो मेरे संसदीय क्षेत्र की 10-वर्षीय विकास रणनीति है जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल दिया गया है।”
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पर्थ. सीनियर स्टार विराट कोहली और रोहित शर्मा ने यहां पहुंचते ही जमकर अभ्यास किया और रविवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही एकदिवसीय श्रृंखला से पहले भारतीय टीम के पहले ट्रेनिंग सत्र के दौरान नेट्स पर काफी पसीना बहाया। सभी की निगाहें रोहित और कोहली पर है जो पिछली बार भारत के लिए फरवरी-मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान खेले थे और अब केवल 50 ओवर के प्रारूप में ही उपलब्ध हैं। दोनों पूर्व भारतीय कप्तान ने नेट्स में करीब 30 मिनट तक बल्लेबाजी की। भारतीय टीम 29 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन एकदिवसीय और पांच टी20 मैच के सीमित ओवरों के दौरे के लिए बुधवार और बृहस्पतिवार को दो समूहों में यहां पहुंची। रोहित को नेट्स में समय बिताने के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ लंबी बातचीत करते भी देखा गया।
कोहली और रोहित दोनों ने इस साल की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और पिछले साल बारबडोस में विश्व कप जीतने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा था। यह आखिरी बार हो सकता है जब ये दोनों महान खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में खेलें।
विश्व कप 2027 में इन दोनों की भागीदारी अभी तय नहीं है क्योंकि उस समय उनकी फॉर्म और फिटनेस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। हालांकि नए कप्तान शुभमन गिल ने दोनों सुपरस्टार्स के अपार अनुभव को देखते हुए उनका समर्थन किया है।
नेट सत्र के बाद कोहली को गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल के साथ बातचीत करते देखा गया जिसके बाद उन्होंने तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के साथ भी बात की। टीम का शुक्रवार और शनिवार को एक ट्रेनिंग सत्र है। -
दुबई. भारत के स्टार सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा और स्मृति मंधाना को क्रमशः एशिया कप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला वनडे श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन के बाद बृहस्पतिवार को सितंबर के लिए आईसीसी के महीने का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। अभिषेक ने इस दौरान सात मैच में 44.85 के औसत और 200 के शानदार स्ट्राइक-रेट से 314 रन बनाए। एशिया कप में ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुने गए 25 वर्षीय इस खिलाड़ी ने टी20 अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाजी रैंकिंग में अब तक के अपने सर्वोधिक रेटिंग अंक भी हासिल किए। उन्होंने टीम के अपने साथी कुलदीप यादव और जिम्बाब्वे के ब्रायन बेनेट को पछाड़कर महीने के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का गौरव पाया। अभिषेक ने कहा, ‘‘आईसीसी का यह पुरस्कार जीतकर बहुत अच्छा लग रहा है और मुझे खुशी है कि यह मुझे कुछ महत्वपूर्ण मैचों के लिए मिला है जिनमें मेरी मदद से जीत संभव हो सकी। मुझे उस टीम का हिस्सा होने पर फक्र है जो सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीत दिला सकती है। टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में हमारा हालिया रिकॉर्ड हमारी बेहतरीन टीम संस्कृति और सकारात्मक सोच को दर्शाता है। '' वहीं मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू एकदिवसीय श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया और तीन मैचों में 58, 117 और 125 रन बनाए। भारतीय महिला टीम की उप-कप्तान ने इस दौरान चार एकदिवसीय मैचों में 77 के औसत और 135.68 के स्ट्राइक रेट से 308 रन बनाए। आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में भारत के अभियान की तैयारी में जुटी मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के दौरान किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज़ शतक लगाया, जब उन्होंने तीसरे मैच में सिर्फ़ 50 गेंदों पर शतक पूरा किया। दक्षिण अफ्रीका की तजमीन ब्रिट्स और पाकिस्तान की सिदरा अमीन भी इस पुरस्कार की दौड़ में शामिल थीं।
मंधाना ने कहा, ‘‘इस तरह का सम्मान एक खिलाड़ी के रूप में आपको आगे बढ़ने और अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है। मेरा लक्ष्य हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर टीम के लिए मैच जीतना रहा है। ' - नयी दिल्ली। बहरीन के मनामा में 22 से 31 अक्टूबर तक होने वाले तीसरे युवा एशियाई खेलों में 222 एथलीटों का एक बड़ा दल भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। भारतीय दल की संख्या 357 है जिसमें 100 से ज्यादा सहयोगी स्टाफ और अन्य अधिकारी शामिल हैं। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ‘दल प्रमुख' होंगे।एम3एम फाउंडेशन द्वारा क्रीड़ा भारती के सहयोग से रविवार को यहां आयोजित एक समारोह में भारतीय दल को गर्मजोशी से विदाई दी गई। एथलीटों को उनकी आधिकारिक किट सौंपी गईं। इस कार्यक्रम में हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा, एम3एम फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल कनोडिया, क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय महासचिव प्रसाद महांकर के अलावा दत्त और आईओए के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने व्यस्त आधिकारिक कार्यक्रम के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके तो उन्होंने एक वीडियो संदेश भेजा।
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विशाखापत्तनम . कप्तान एलिसा हीली की 142 रन की मैराथन पारी और अनाबेल सदरलैंड के पांच विकेट के दम पर आस्ट्रेलिया ने महिला विश्व कप के इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए रविवार को भारत को तीन विकेट से हराकर सेमीफाइनल की उसकी राह मुश्किल कर दी । जीत के लिये 331 के रिकॉर्ड लक्ष्य को हीली की पारी ने आसान बना दिया जिन्होंने 107 गेंद में 21 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 142 रन बनाये और एलिसे पैरी ने चोट के कारण मैदान छोड़ने के बाद वापसी करके स्नेह राणा को छक्का लगाकर एक ओवर बाकी रहते टीम को जीत तक पहुंचाया। इससे पहले महिला विश्व कप में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड भी आस्ट्रेलिया के नाम था जब उसने 2022 में भारत के ही खिलाफ आकलैंड में 278 रन का लक्ष्य हासिल किया था । सात बार की चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम ने वनडे क्रिकेट में पहली बार तीन सौ से अधिक के लक्ष्य का पीछा करके कामयाबी हासिल की है । इससे पहले फॉर्म में लौटी स्मृति मंधाना (80) और प्रतिका रावल (75) के बीच पहले विकेट की 155 रन की साझेदारी की मदद से भारत ने विश्व कप में अपना सर्वोच्च स्कोर 330 रन बनाया हालांकि सदरलैंड ने पांच विकेट चटकाकर मेजबान पारी को सात गेंद पहले ही समेट दिया । भारत ने आखिरी छह विकेट 36 रन के भीतर गंवा दिये जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। भारत को अब सेमीफाइनल में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखने के लिये इंग्लैंड , न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ अगले तीनों मैच जीतने के अलावा बाकी मैचों के परिणाम भी अनुकूल रहने की दुआ करनी होगी । पिछले तीन मैचों में नाकाम रहा भारत का शीर्षक्रम इस अहम मुकाबले में अपेक्षाओं पर खरा उतरा और लगभग खचाखच एसीए वीडीसीए स्टेडियम पर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया । दोनों सलामी बल्लेबाजों के अलावा हरलीन देयोल (38),जेमिमा रौड्रिग्स (33) और रिचा घोष (32) ने भी उपयोगी पारियां खेली । निचले क्रम से हालांकि इस बार कोई योगदान नहीं मिल सका और आखिरी छह विकेट 36 रन पर गिरने से भारतीय पारी 48 . 5 ओवर में खत्म हो गई । सदरलैंड ने 9.5 ओवर में 40 रन बनाकर पांच विकेट लिये जबकि दस ओवर में 75 रन देने वाली बायें हाथ की स्पिनर सोफी मोलिनू ने तीन विकेट चटकाये । एक कैलेंडर वर्ष में महिला क्रिकेट में 1000 या अधिक रन बनाने वाली पहली क्रिकेटर बनी स्मृति ने आठवें ओवर में मोलिनू को एक छक्का और दो चौके जड़ने के साथ इस आंकड़े को छुआ । उन्हें इस मैच से पहले एक हजार वनडे रन पूरे करने के लिये 18 रन की जरूरत थी । उन्होंने आस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क का 28 साल पुराना एक वर्ष में 970 रन का रिकॉर्ड तोड़ा था । अपनी पारी में 66 गेंदों का सामना करके नौ चौके और तीन छक्के जड़ने वाली स्मृति ने वनडे क्रिकेट में पांच हजार रन भी पूरे कर लिये और यह कमाल करने वाली वह दुनिया की पांचवीं और मिताली राज के बाद भारत की दूसरी बल्लेबाज बन गई । उनकी पारी को हालांकि हीली ने बेनूर कर दिया जिन्होंने बतौर कप्तान पहला और कैरियर का छठा वनडे शतक लगाया । वह 39वें ओवर में आउट हुई जब आस्ट्रेलिया को जीत के लिये 67 गेंद में 66 रन की जरूरत थी । इसके बाद एशले गार्डनर (46 गेंद में 45) और पैरी ने आस्ट्रेलिया को जीत तक पहुंचाया । पैरी को 32 के स्कोर पर फिटनेस कारणों से मैदान से जाना पड़ा था लेकिन वह आखिर में बल्लेबाजी के लिये उतरी और फिनिशर की भूमिका निभाई । भारत के लिये स्थानीय स्टार स्पिनर श्री चरणी सबसे कामयाब गेंदबाज रही जिन्होंने दस ओवर में 41 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि दीप्ति शर्मा को दो विकेट मिले । हीली और फीबी लिचफील्ड ने ठोस शुरूआत करते हुए भारतीय तेज गेंदबाजों की ढीली गेंदों को नसीहत देकर आसानी से रन बनाये । आस्ट्रेलिया के 50 रन 44 गेंद में ही बन गए थे और लिचफील्ड ने दसवें ओवर में अमनजोत कौर को चार चौके जड़कर दबाव बन दिया । वह जब 35 रन पर थी तब अमनजोत की गेंद पर विकेट के पीछे रिचा ने स्टम्पिंग का आसान मौका गंवाया । गेंदबाजों को सफलता नहीं मिलती देख कप्तान हरमनप्रीत ने 12वें ओवर में स्थानीय स्टार स्पिनर श्री चरणी को गेंद सौंपी जिसने भारत को पहली सफलता दिलाते हुए इस खतरनाक साझेदारी को तोड़ा । उन्हें रिवर्स स्वीप लगाने के प्रयास में लिचफील्ड ने बैकवर्ड प्वाइंट पर स्नेह राणा को कैच थमा दिया । आस्ट्रेलिया का पहला विकेट 85 के स्कोर पर गिरा । इसके बाद हीली ने अनुभवी एलिसे पैरी के साथ 69 रन की साझेदारी करके आस्ट्रेलिया का दबदबा बनाये रखा । पैरी को 24वें ओवर में मैदान छोड़ना पड़ा जब श्रीचरणी की गेंद का सामना करते हुए उन्हें अचानक फिजियो की मदद लेनी पड़ी और आगे वह खेल नहीं सकीं । पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में शतक जमाकर टीम को संकट से निकालने वाली बेथ मूनी चार रन बनाकर आउट हो गई । दीप्ति शर्मा की गेंद पर जेमिमा ने बायें ओर डाइव लगाकर उनका बेहतरीन कैच लपका । वहीं अनाबेल को श्रीचरणी ने खाता भी खोलने का मौका नही देकर बोल्ड कर दिया । आस्ट्रेलिया का स्कोर 28वें ओवर में तीन विकेट पर 170 रन था । हीली ने दूसरे छोर पर डटकर बल्लेबाजी करते हुए 32वें ओवर में राणा की धुनाई करके 16 रन निकाले । उन्होंने चौका जड़ने के बाद एक रन लेकर शतक (84 गेंद में 15 चौके और एक छक्का) पूरा किया और आखिरी गेंद पर स्लॉग स्वीप लगाकर डीप मिडविकेट में छक्का जड़कर आस्ट्रेलिया के 200 रन पूरे किये । भारत को स्मृति और प्रतिका ने दमदार शुरूआत दी । पहले तीन मैचों में 54 रन ही बना सकी स्मृति ने पहले ही ओवर में किम गार्थ को कवर ड्राइव पर चौका लगाकर अपने इरादे जाहिर कर दिये थे । वहीं दूसरे छोर पर प्रतिका ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए चौथे ओवर में मेगान शूट को मिड आन पर और अगले ओवर में गार्थ को मिडविकेट पर चौका लगाया । इस मैच में जॉर्जिया वेयरहेम की जगह खेल रही मोलिनू को आठवें ओवर में स्मृति ने लांग आन के ऊपर दर्शनीय छक्का जड़ने के अलावा दो चौके भी लगाये । भारत की दोनों बल्लेबाजों ने आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के साथ फील्डरों पर भी दबाव बनाये रखा । नौवें ओवर में प्रतिका ने गार्डनर की गेंद पर हवाई शॉट खेला लेकिन अपने दाहिनी ओर डाइव लगाकर भी ताहलिया मैकग्रा गेंद लपक नहीं सकी । अगली गेंद पर दिल्ली की इस बल्लेबाज ने लांग आन पर छक्का लगाया । गार्डनर को स्मृति ने भी 16वें ओवर में कवर और प्वाइंट के बीच में से दो चौके जड़े और टूर्नामेंट में अपना पहला अर्धशतक 46 गेंदों में पूरा किया । प्रतिका ने भी 22वें ओवर में शूट को लगातार दो चौके लगाकर आस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली की चिंता बढा दी । स्मृति ने 24वें ओवर में मैकग्रा को प्वाइंट के ऊपर से ऊंचा शॉट खेला और सीमारेखा पर खड़ी एलिसे पैरी ने गेंद को पकड़ भी लिया था लेकिन संतुलन नहीं बना सकी और सीमारेखा पार करके गेंद उनके हाथ से छूट गई । काफी महंगी साबित हो रही मोलिनू पर भरोसा बरकरार रखते हुए हीली ने उनसे गेंदबाजी कराना जारी रखा और आखिर स्म/ति को आउट करके उन्होंने इस साझेदारी को तोड़ा । भारत का पहला विकेट 25वें ओवर में गिरा जब मोलिनू ने स्लॉग स्वीप खेलने का प्रयास कर रही स्मृति को डीप मिडविकेट पर फीबी लिचफील्ड के हाथों लपकवाया । नयी बल्लेबाज हरलीन देयोल ने मोलिनू को लांग आफ पर छक्का लगाकर दबाव कम किया और अपने वनडे कैरियर के एक हजार रन भी पूरे किये । दूसरे छोर पर इत्मीनान से खेल रही प्रतिका का संयम टूटा और अनाबेल सदरलैंड की गेंद पर 31वें ओवर में उन्होंने खराब पूल शॉट खेला जिसे सीमारेखा पर खड़ी पैरी ने लपक लिया । आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 विश्व कप के सेमीफाइनल में 115 गेंद में 171 रन बनाकर भारत को यादगार जीत दिलाने वाली कप्तान हरमनप्रीत ने 35वें ओवर में शूट को दो चौके लगाकर फॉर्म में लौटने के संकेत दिये । लग रहा था कि पहले तीन मैचों में खामोश रहा हरमनप्रीत का बल्ला उनकी पसंदीदा प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ चलेगा लेकिन अच्छी शुरूआत को वह फिर बड़ी पारी में नहीं बदल सकी । वह 17 गेंद में 22 रन बनाकर शूट की गेंद पर मोलिनू को कैच देकर लौटी । अगले ही ओवर में मोलिनू ने देयोल (42 गेंद में 38 रन) को आउट करके भारत को लगातार दूसरा झटका दिया । इससे पहले टूर्नामेंट में तीन में से दो मैचों में खाता भी नहीं खोल सकी जेमिमा रौड्रिग्स ने आते ही शूट को चौका जड़ा । पिछले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आठवें नंबर पर 94 रन की यादगार पारी खेलने वाली रिचा घोष खुशकिस्मत रही कि शूट की गेंद पर लिचफील्ड दौड़ते हुए मिड आफ पर उनका कैच नहीं लपक सकी । रिचा ने अलाना किंग को डीप स्क्वेयर लेग पर और 41वें ओवर में मैकग्रा को लांग आफ पर जबर्दस्त छक्का लगाया । उन्होंने सदरलैंड को 43वें ओवर में चौका लगाकर रौड्रिग्स के साथ 30 गेंद में 50 रन की साझेदारी पूरी की । वह हालांकि एक और बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में लांग आन पर कैच दे बैठी । उन्होंने 22 गेंद में तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से उपयोगी 32 रन बनाये । अमनजोत कौर ने आते ही मोलिनू को चौका और फिर दो रन लेकर भारत के 300 रन पूरे किये ।
रौड्रिग्स 21 गेंद में 33 रन बनाकर सदरलैंड का तीसरा शिकार बनी और धीमी गेंद पर चकमा खाकर मिडआफ पर बेथ मूनी को कैच थमा दिया । -
नयी दिल्ली. कीनिया के लंबी दूरी के धावक एलेक्स मटाटा और लिलियन कासैट रेंगरुक ने रविवार को वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन में क्रमशः पुरुष और महिला वर्ग की एलीट दौड़ जीतीं। पिछले साल यहां दूसरे स्थान पर रहे मटाटा ने रविवार को 59 मिनट 50 सेकंड का समय निकालकर बोयेलिन टेशागर (एक घंटा 22 सेकंड) और जेम्स किपकोगी (एक घंटा 25 सेकंड) को पछाड़ा। दोनों विजेताओं को 27,000 डॉलर का पुरस्कार मिला। कीनिया के रेंगरुक ने एक घंटे सात मिनट 20 सेकंड का समय निकालकर महिला वर्ग का खिताब जीता। इथियोपिया की जोड़ी मेलाल सियूम बिरातु (एक घंटा सात मिनट 21 सेकंड) और मुलत टेकले (एक घंटा सात मिनट 29 सेकंड) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। इस प्रतियोगिता के दूत और नौ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता कार्ल लुईस ने समापन रेखा पर विजेताओं का स्वागत किया। हाफ मैराथन, ओपन 10के, ‘चैंपियंस विद डिसेबिलिटी रन', ‘सीनियर सिटीजन रन' और ‘ग्रेट दिल्ली रन' सहित विभिन्न श्रेणियों में 40,000 से अधिक धावकों ने दिल्ली की सड़कों पर दौड़ लगाई । मटाटा ने दौड़ की शुरुआत से अपना दबदबा कायम करते हुए इथोपिया के टेशागर और हमवतन किपकोगी को आसानी से पछाड़ा। इस 28 साल के धावक ने इस वर्ष की शुरुआत में चीन में आयोजित विश्व एथलेटिक्स प्लेटिनम स्तर की दौड़ मीशान रेनशो हाफ मैराथन को 59:28 सेकंड में पूरा करके जीता था। मटाटा ने खिताब जीतने के बाद कहा कि वह अपने बीमार भाई के चेहरे पर खुशी लाने के लिए दौड़ के दौरान खुद को प्रेरित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ यह जश्न... मैं अपने और अपने भाई के लिए मना रहा हूं। मुझे लग रहा था कि यहां मेरी जगह मेरा भाई दौड़ रहा है। वह बीमार है तो मैंने सोचा की उसकी चेहरे पर खुशी के लिए पूरी ताकत झोंक देनी चाहिये।'' उन्होंने पिछले साल के मुकाबले इस साल की परिस्थितियों को बेहतर करार देते हुए कहा, ‘‘यह एक शानदार अनुभव था, मुझे ट्रैक की अच्छी जानकारी थी, तो मैंने खुद से कहा, ‘दौड़ पूरी होने तक जोर लगाते हैं' और मैंने योजनाबद्ध तरीके से ऐसा किया और जीत दर्ज करने में सफल रहा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार का अनुभव बेहतर था क्योंकि पिछली बार की तुलना में गर्मी और उमस कम थी। इसके विपरीत महिलाओं की दौड़ बेहद रोमांचक रही। विश्व क्रॉस-कंट्री की कई पदक विजेता और खिताब की दावेदार रेंगरुक अंतिम चरण में बढ़त बनाते हुए इथियोपिया खिलाड़ियों को पीछे छोड़ने में सफल रही। इस दौरान पहली बार अपने देश से बाहर दौड़ रही बिरातु ने रेंगरुक को कड़ी टक्कर देते हुए प्रभावित किया। रेंगरुक ने खिताब जीतने के बाद कहा, ‘‘ यह दौड़ कठिन थी और सभी धावक शानदार थे। मैंने खुद से कहा कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं क्योंकि मुझमें दौड़ पूरी करने की ताकत थी। मैं आज अपने समय से खुश हूं क्योंकि मैं अभी-अभी चोट से वापस आयी हूं। यह साल की मेरी तीसरी रेस थी और मेरी रणनीति धैर्य के साथ बढ़त बनाए रख अंत तक संघर्ष करने की थी।'' अभिषेक पाल और सीमा भारतीय पुरुष और महिला वर्ग में सबसे तेज धावक रहे। उन्होंने क्रमशः एक घंटे चार मिनट 17 सेकंड और एक घंटे 11 मिनट 23 सेकंड का समय लिया। देश के शीर्ष मध्यम और लंबी दूरी के एथलीट गुलवीर सिंह बृहस्पतिवार को पीठ में लगी चोट के कारण दौड़ से हट गए। पाल 2023 में दिल्ली में बनाए गए 1:04:07 के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय को तोड़ने के करीब पहुंचे, लेकिन पीछे रह गए। उन्होंने हालांकि 2018 के बाद से अपना तीसरा वीडीएचएम खिताब हासिल किया। पाल और किरण मात्रे (1:04:57) अधिकांश समय तक एक-दूसरे के बराबर रहे, इस जोड़ी ने 10 किमी स्प्लिट में 33:16 मिनट का समय लिया। कार्तिक करकेरा (1:05.16) ने कांस्य पदक जीता। सीमा महिलाओं दौड़ की शुरुआत से अपनी बढ़त कायम रखते हुए आराम से पहला स्थान हासिल किया। उजाला ने 1:15:41 के समय के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। संजीवनी जाधव तीसरे (1:15:52) जबकि गत विजेता लिली दास (1:16:27) भारतीय महिलाओं में चौथे स्थान पर रही।
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विशाखापत्तनम. भारतीय टीम को महिला विश्व कप में कठिन चुनौती बताते हुए आस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली ने कहा कि मेजबान टीम ने वनडे प्रारूप में खेलने की एक शैली बना ली है और उस पर अडिग है जो काफी प्रभावी है । हीली ने भारत के खिलाफ रविवार को होने वाले मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा ,‘‘ भारत और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता लगातार बेहतर हो रही है । भारत महिला क्रिकेट के मामले में बरसों तक सोये हुए शेर की तरह था लेकिन डब्ल्यूपीएल के बाद उन्हें अपनी प्रतिभा की गहराई का पता चला ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ भारत ने वनडे प्रारूप में खेलने की एक शैली अपना ली है और उस पर टिके हुए हैं जो देखना काफी प्रभावशाली बात है । घरेलू हालात में भारत की चुनौती काफी कठिन होगी । लेकिन हमें हर टीम के खिलाफ अच्छा खेलकर जीतना होगा और विश्व कप में ऐसा ही होता है । सारी टीमें अच्छी हैं ।'' पाकिस्तान के खिलाफ कोलंबो में सात विकेट जल्दी गंवाने के बाद बेथ मूनी के शतक के दम पर जीतकर यहां आई आस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि अब नयी जगह, नये विकेट, नयी आउटफील्ड और शानदार टीम के खिलाफ जल्दी खुद को ढालना अहम होगा । टूर्नामेंट में टीमों के शीर्षक्रम के अक्सर दबाव में आने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ कई बार दबाव में ऐसा हो जाता है । कोलंबो में हालात पहले से अलग थे लेकिन अब नये मैदान पर खेलना है और हालात के अनुकूल जल्दी ढलना होगा ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ हम भी कई बार दबाव में आ जाते हैं और यह विश्व कप है । मुझे अपनी टीम की गहराई पर भरोसा है और हर मैच में कोई अलग खिलाड़ी मैच जिता रहा है तो मैं यही कहूंगी कि हम भाग्यशाली हैं ।
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नयी दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम में रविंद्र जडेजा को शामिल नहीं किये जाने पर कई लोगों को हैरानी हुई लेकिन यह अनुभवी ऑलराउंडर इस फैसले से आश्चर्यचकित नहीं है क्योंकि चयन समिति और टीम प्रबंधन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में चुनने में अपनी असमर्थता के बारे में बता दिया था। जडेजा ने कहा कि वह 2027 विश्व कप खेलने के इच्छुक हैं क्योंकि 2023 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली करारी हार के बाद 50 ओवर का विश्व कप उनके लिए किसी ‘अधूरे काम' की तरह है। जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन के खेल के बाद शनिवार को यहां कहा, ‘‘यह मेरे हाथ में नहीं है लेकिन मैं 2027 विश्व कप खेलना चाहता हूं। टीम प्रबंधन, चयनकर्ताओं ने कुछ सोच कर ही मुझे ऑस्ट्रेलिया दौरे की वनडे श्रृंखला के लिए नहीं चुना होगा।'' चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने कहा है कि उन्होंने जडेजा को इसलिए नहीं चुना क्योंकि उन्हें तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए बायें हाथ के दो स्पिनर (अक्षर पटेल टीम में हैं) को चुनने में कोई तर्क नजर नहीं आया। जडेजा ने हालांकि अपने, अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के बीच हुई बातचीत का खुलासा नहीं किया लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि कम से कम उन्हें टीम की योजना के बारे में तो बताया गया। उन्होंने कहा, ‘‘कोई कारण जरूर होगा और उन्होंने मुझसे बात भी की है। ऐसा नहीं है कि टीम की घोषणा के बाद मुझे कोई आश्चर्य हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा है कि कप्तान, (मुख्य) चयनकर्ता और कोच ने मुझसे बात की और अपनी सोच और कारणों को मुझसे साझा किया। इसलिए मैं खुश हूं लेकिन जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।'' जडेजा का मानना है कि अभी के बजाय बहुत कुछ 2027 में विश्व कप से पहले खेले जाने वाले वनडे मैचों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे विश्व कप में खेलने का मौका मिलता है, तो यह टूर्नामेंट से पहले के मैचों पर निर्भर करेगा और अगर मैं उनमें अच्छा प्रदर्शन करता हूं, तो यह अच्छा होगा। पिछली बार खिताब के करीब पहुंच कर लेकिन चूक गए थे, इसलिए यह एक अधूरा काम है।'' जडेजा को वेस्टइंडीज़ की मौजूदा श्रृंखला के लिए उप-कप्तान नियुक्त किया गया है क्योंकि टीम के नियमित उपकप्तान ऋषभ पंत के पैर में फ्रैक्चर है। जडेजा से जब पूछा गया कि क्या उनके मन में नेतृत्व के विचार आते है तो उनका जवाब ‘नहीं' था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कप्तानी के बारे में नहीं सोचता हूं। मुझे लगता है कि वह समय बहुत पहले बीत चुका है।'' जडेजा 36 साल के हो चुके है और वह इस भारतीय टेस्ट एकादश में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि वह युवा पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए पूरी तरह से सहज महसूस करते हैं। जडेजा ने कहा, ‘‘मैं टीम के लिए उपलब्ध हूं। जैसे कोई भी युवा मुझसे आकर बात करता है। कुलदीप आते हैं और गेंदबाजी के कुछ पहलुओं के बारे में पूछते हैं इसलिए मैं उन्हें बताता हूं कि मैं क्या महसूस करता हूं और मेरी क्या सोच है।'' उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी के मामले में जायसवाल आते हैं और पूछते हैं और मैं उन्हें पिच और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपनी सोच साझा करता हूं। कप्तानी के बारे में कभी नहीं सोचा था और मैं जो कर रहा हूं उससे खुश हूं ।'' जडेजा के नाम 86 टेस्ट में 334 विकेट और छह शतक तथा 15 अर्धशतक की मदद से 3990 रन है। उनसे किसी टेस्ट मैच में बल्लेबाजी और गेंदबाजी को प्राथमिकता देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुटिले अंदाज में कहा, ‘‘बल्लेबाजी के लिए आसान पिच पर मैं बल्लेबाज और गेंदबाजी के माकूल पिच पर गेदबाज बन जाता हूं। मुझे तो बस टीम में बने रहना है।'' -
दुबई।, मौजूदा महिला एकदिवसीय विश्व कप के दो मैच में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद भारत की स्टार क्रिकेटर स्मृति मंधाना आईसीसी महिला एकदिवसीय बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर बरकरार हैं लेकिन उनकी बढ़त कम हो गई है। स्मृति के 791 रेटिंग अंक हैं और वह इंग्लैंड की नेट स्किवर ब्रंट से 60 अंक आगे हैं। विश्व कप से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन महिला एकदिवसीय मैच की श्रृंखला में लगातार दो शतक जड़ने वाली स्मृति श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ आठ जबकि पाकिस्तान के खिलाफ 23 रन ही बना सकीं। ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी 713 अंक के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
दक्षिण अफ्रीका की ताजमिन ब्रिट्स (706) और ऑस्ट्रेलिया की एश्लेग गार्डनर (697) न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक जड़ने के बाद आईसीसी रैंकिंग में क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। ताजमिन को दो जबकि गार्डनर को सात स्थान का फायदा हुआ है और ये दोनों अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर पहुंच गई हैं। न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन भी सात स्थान के फायदे से आठवें पायदान पर हैं जबकि शनिवार को कोलंबो में भारत के खिलाफ 81 रन की पारी खेलने वाली पाकिस्तान की दायें हाथ की बल्लेबाज सिदरा अमीन ने भी अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 10वीं रैंकिंग की बराबरी कर ली है। इंग्लैंड की सोफी एकलेस्टोन गेंदबाजी रैंकिंग में 792 अंक के साथ शीर्ष पर हैं। स्पिनर दीप्ति शर्मा (640) शीर्ष 10 में एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। वह एक स्थान के नुकसान से छठे पायदान पर हैं। - कोलंबो. भारतीय बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स का कहना है कि टीम उन सभी के लिए आईसीसी विश्व कप जीतना चाहती है जिन्होंने देश में महिला खेल की प्रगति में योगदान दिया है और इसके लिए खिलाड़ी ‘बाहरी शोर' से दूर रहने की कोशिश कर रही हैं। सह मेजबान भारत दो बार उपविजेता रहने के बाद अपनी पहली विश्व कप ट्रॉफी की तलाश में है और उसने मौजूदा टूर्नामेंट में अपने दोनों लीग मैच जीते हैं जिसमें रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ जीत भी शामिल है। जेमिमा ने ‘जियोस्टार' से कहा, ‘‘हम एक बार में एक दिन के बारे में सोचते हैं और वर्तमान में रहते हैं। यहां तक कि टीम की आपसी बातचीत में भी हम अपना खुद का माहौल बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि विश्व कप के आसपास कितना शोर होता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हम अच्छा प्रदर्शन करें या चुनौतियों का सामना करें, हम इन सब बातों को बाहर रखना चाहते हैं और अपनी ऊर्जा खुद बनाना चाहते हैं। इस टीम में हर कोई एक-दूसरे का ध्यान रखता है और एक-दूसरे की सफलता का जश्न मनाता है। यह स्वाभाविक रूप से होता है और हमारे रिश्ते को मजबूत बनाता है।'' पाकिस्तान के खिलाफ 32 रन बनाने वाली जेमिमा ने कहा, ‘‘हम उन लोगों के लिए जीतना चाहते हैं जिन्होंने रास्ता बनाया, मिताली (राज) दी, झूलन (गोस्वामी) दी, नीतू मैम (नीतू डेविड) और उन सभी लोगों के लिए जिन्होंने महिला क्रिकेट को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की।'' जेमिमा ने कहा कि गुवाहाटी और कोलंबो दोनों पिचें बल्लेबाजों के लिए थोड़ी चुनौतीपूर्ण रही हैं, विशेषकर श्रीलंका की राजधानी में रविवार के मैच के लिए इस्तेमाल की गई पिच। उन्होंने कहा, ‘‘पिच कवर्स से ढकी थी और गेंद शुरुआत से ही थोड़ी रुककर आ रही थी। स्पिनरों ने काफी अच्छी गेंदबाजी की। हमें पता था कि हमें तालमेल बैठाना होगा, मैच को अंत तक ले जाना होगा और साझेदारियां बनानी होंगी।'' जेमिमा ने कहा, ‘‘सभी ने योगदान दिया और अंत में ऋचा की आतिशी पारी ने हमें विजयी स्कोर तक पहुंचने में मदद की।'' ऋचा घोष के 20 गेंद पर नाबाद 35 रन बनाए जिससे भारत ने 247 रन का स्कोर खड़ा किया।पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज ने युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ की सराहना की। बाइस वर्षीय तेज गेंदबाज क्रांति ने 20 रन देकर तीन विकेट चटकाकर पाकिस्तान को 88 रन से हराने में अहम भूमिका निभाई। मिताली ने कहा, ‘‘क्रांति गौड़ का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभव अभी सीमित है क्योंकि उन्होंने इसी साल पदार्पण किया है लेकिन सबसे प्रभावशाली बात यह है कि वह कितनी जल्दी सीखती हैं और खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढाल लेती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह कड़ी मेहनत कर रही है और अलग-अलग परिस्थितियों में अच्छी तरह से ढल रही है। चाहे वह इंग्लैंड हो या श्रीलंका हो, या गुवाहाटी हो। वह अपनी ताकत जानती है और तुरंत सही लाइन और लेंथ हासिल कर लेती है।''
- कोलंबो. पांच महीने से भी कम समय पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाली क्रांति गौड़ तेजी से भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआ बन गई हैं और यह युवा तेज गेंदबाज अब और अधिक तेज गति से गेंदबाजी करना चाहती है। रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ महिला विश्व कप के बेहद अहम मुकाबले में इस तेज गेंदबाज ने 10 ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट चटकाए। उन्होंने तीन मेडन ओवर भी फेंके जिससे 247 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम 88 रन से हार गई। क्रांति को उनके शनदार प्रदर्शन के लिए उसी मैदान पर पहली बार मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया जहां इस साल मई में उन्होंने राष्ट्रीय टीम की ओर से पदार्पण किया था। क्रांति ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा भारत के लिए पदार्पण भी श्रीलंका में हुआ था और आज मैं यहां मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनी हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है। मैं बहुत खुश हूं।'' भारत के गेंदबाजी कोच आविष्कार साल्वी के साथ बातचीत के बारे में पूछे जाने पर, क्रांति ने कहा, ‘‘अभी गेंदबाजी कोच ने मुझे मेरी गति के बारे में कुछ नहीं कहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान एक समान लाइन और लेंथ बनाए रखने पर है। काफी कुछ करने की कोशिश नहीं कर रही हूं। मैं इस समय अपनी गति से सहज हूं लेकिन मैं और तेज गति से गेंदबाजी करना चाहती हूं।'' सलामी बल्लेबाज सदफ शमस को अपनी ही गेंद पर लपकने के बाद क्रांति ने आलिया रियाज को भी पवेलियन भेजा जिससे पाकिस्तान का स्कोर 26 रन पर तीन विकेट हो गया। क्रांति ने कहा, ‘‘गेंद बहुत स्विंग कर रही थी। मुझे अंदर से लग रहा था कि इस ओवर में एक विकेट जरूर मिलेगा। हैरी दी (कप्तान हरमनप्रीत कौर) ने गति कम होने के कारण दूसरी स्लिप हटाने को कहा लेकिन मैंने कहा कि ‘कृपया दूसरी स्लिप रख लीजिए'।'' आलिया ने इसके बाद दूसरी स्लिप में ही कैच थमाया।क्रांति ने कहा, ‘‘कैच दूसरी स्लिप में गया इसलिए मुझे खुद पर बहुत भरोसा था।''क्रांति की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्वप्निल शुरुआत रही है। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के एक कस्बे घुवारा की रहने वाली क्रांति ने अपने दृढ़ संकल्प के साथ खेल जगत में प्रगति की है। पिछले साल वह महिला प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन्स की नेट गेंदबाज थीं। इसके बाद यूपी वॉरियर्स ने नीलामी में उन्हें 10 लाख रुपये के आधार मूल्य पर खरीद लिया।जब रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर की चोट ने उनके लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के दरवाजे खोल दिए तो क्रांति ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। क्रांति ने इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर शानदार प्रदर्शन किया जिसमें निर्णायक तीसरे एकदिवसीय मैच में छह विकेट लेना भी शामिल है। वह तब से लगातार बेहतर होती जा रही हैं और टीम में अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं।
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चेन्नई. विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता मुक्केबाज मंजू रानी (रेलवे) ने रविवार को यहां बीएफआई कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया जबकि एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघाल (सेना) ने पुरुषों के सेमीफाइनल में जगह बना ली। मंजू ने हरियाणा की माही सिवाच को 5-0 से हराया, जबकि पंघाल ने अपनी टीम के उस्मान अंसारी के खिलाफ 4-1 की शानदार जीत दर्ज की। पंघाल के साथ सेमीफाइनल में सेना के एस. विश्वनाथ और विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता मोहम्मद हुसामुद्दीन ने भी जगह बनाई। विश्वनाथ ने तमिलनाडु के सी. लुकास और हुसामुद्दीन ने सेना के एम. हेन्थोई सिंह को 5-0 से करारी शिकस्त दी। विश्व युवा चैम्पियन अंकुशिता बोरो (असम) ने भी हिमाचल प्रदेश की श्रेतीमा ठाकुर को 5-0 से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की। पूर्व युवा विश्व चैम्पियन अरुंधति चौधरी (सेना) ने दीपिका (साई) के खिलाफ 5-0 की एकतरफा जीत दर्ज कर दमदार प्रदर्शन किया। हरियाणा की प्रिया ने दिल्ली की ज्योति को 5-0 से मात दी, जबकि विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन हुड्डा (साई) ने मध्य प्रदेश की माही लामा को 5-0 के फैसले से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
- अल ऐन (यूएई). भारत की युवा शटलर श्रेयांशी वालीशेट्टी ने रविवार को यहां तीन गेम तक चले रोमांचक फाइनल में हमवतन तस्नीम मीर को हराकर 120,000 डॉलर इनामी राशि के अल ऐन मास्टर्स में महिला एकल वर्ग का अपना पहला बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 खिताब जीता। पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग लेने वाली तेलंगाना की 18 वर्षीय खिलाड़ी श्रेयांशी ने एक गेम से पिछड़ने के बाद शानदार संयम दिखाया और 49 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में 15-21, 22-20, 21-7 से जीत हासिल की।हरिहरन अम्साकरुनन और एम आर अर्जुन की जोड़ी ने 35 मिनट तक चले पुरुष युगल फाइनल में इंडोनेशिया के रेमंड इंद्र और निकोलस जोआक्विन को 21-17, 21-18 से हराकर खिताब अपने नाम किया। श्रेयांशी ने यूएई बैडमिंटन महासंघ से कहा, ‘‘आज का दिन मुश्किल था। मैंने धीमी शुरुआत की। मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती थी क्योंकि मैं इस साल फाइनल में कई मैच हार गई। मैं नर्वस नहीं थी, लेकिन मैच से पहले बहुत ज्यादा उत्साहित होने से गलतियां कर बैठती हूं। लेकिन मैंने आज मैच में शांत रहने की कोशिश की। '' उन्होंने कहा, ‘‘2013 से मैं गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हूं। हम पीवी सिंधु सहित सीनियर खिलाड़ियों को अकादमी में ट्रेनिंग लेते हुए देखते हैं। मुझे सीनियर अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए एक साल हो गया है। अब मेरा लक्ष्य अपनी रैंकिंग में सुधार करना है। '' शुरुआती गेम में श्रेयांशी ने चार अंक की बढ़त गंवा दी जबकि तस्नीम ने 14-9 की बढ़त हासिल करने के बाद पहला गेम अपने नाम कर लिया। दूसरा गेम कांटे की टक्कर में बदल गया। श्रेयांशी ने 1-4 से वापसी करते हुए 17-14 की बढ़त बना ली।तस्नीम ने मुकाबले में बने रहने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन श्रेयांशी ने अपना धैर्य बनाए रखा और मुकाबले को निर्णायक गेम तक ले गईं। इसी लय को जारी रखते हुए श्रेयांशी ने तीसरे गेम में बढ़त बना ली। तस्नीम ने कुछ देर के लिए 6-5 की बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद वह पिछड़ गईं और श्रेयांशी ने 15 अंक की बढ़त बनाकर शानदार अंदाज में खिताब अपने नाम कर लिया।
- कोलंबो. गेंदबाजी कोच आविष्कार साल्वी ने शनिवार को कहा कि भारतीय टीम आईसीसी महिला वनडे विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाएगी। साल्वी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद भारतीय टीम अपने पड़ोसी देश को हल्के में नहीं ले रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले हमेशा से चर्चा भरे रहते हैं लेकिन महिला क्रिकेट में अभी तक चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ मुकाबले एकतरफा ही रहे हैं और महिला वनडे में भारत का जीत का रिकॉर्ड 11-0 रहा है। भारतीय महिला टीम के पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले महिला विश्व कप मुकाबले की पूर्व संध्या पर साल्वी ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान क्रिकेट पर होगा। हम चाहते हैं कि हमारी लड़कियां मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाएं। हम चाहते हैं कि वे इसे एक अन्य मैच की तरह ही लें क्योंकि विश्व कप लंबा अभियान है। '' उन्होंने कहा, ‘‘हम टीम को अपनी रणनीतियों और योजनाओं पर काम करने के लिए कह रहे हैं कि बतौर ग्रुप या व्यक्तिगत तौर पर जो भी हासिल करना चाहते हो, उसे लेकर स्पष्ट रहें।'' साल्वी ने कहा कि तैयारी कभी कोई मुद्दा नहीं होती। उन्होंने कहा, ‘‘किसी टीम के खेलने के बारे में बहुत सारी जानकारी, फुटेज और पैटर्न उपलब्ध हो जाते हैं। आप इससे योजना बना सकते हैं। हम हर मैच के लिए सर्वश्रेष्ठ मानसिकता के साथ तैयारी करते हैं। '' भारत की गेंदबाजी में भी गहरी गहराई है जिसके कारण टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में मुख्य तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर को आराम दिया गया। साल्वी ने कहा कि कार्यभार प्रबंधन प्राथमिकता बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘टूर्नामेंट से पहले हमारे पास लगभग 10 गेंदबाजी विकल्प थे। यह लंबा टूर्नामेंट है और हमें इनमें से किसी की भी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए जब भी खिलाड़ी के आराम या उबरने की जरूरत होगी तो इसी के अनुसार प्रबंधन करेंगे। '' भारत की स्पिन इकाई टीम की सबसे बड़ी मजबूती है जिसमें अनुभवी दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और श्री चरणी शामिल हैं।
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अहमदाबाद. शुभमन गिल ने भारत के वनडे कप्तान के रूप में अपनी नियुक्ति को सबसे बड़ा सम्मान बताया और रोहित शर्मा की विरासत को आगे बढ़ाने पर गर्व व्यक्त किया। रोहित ऑस्ट्रेलिया में आगामी तीन मैचों की श्रृंखला में गिल के नेतृत्व में खेलेंगे।
भारतीय चयनकर्ताओं ने 2027 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए शनिवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रोहित को वनडे कप्तानी से हटाकर युवा टेस्ट कप्तान गिल को कमान सौंप दी। बीसीसीआई डॉट टीवी पर कप्तान नियुक्त किए जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया में गिल ने कहा, ‘‘अपने देश की वनडे टीम की कप्तानी करना और एक ऐसी टीम का नेतृत्व करना जिसने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है, मेरे लिए बहुत फक्र की बात है और मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर पाऊंगा। '' अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति के इस कदम ने पीढ़ीगत बदलाव का भी संकेत दिया है। रोहित और विराट कोहली, टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों से संन्यास ले चुके हैं। दोनों के दक्षिण अफ्रीका में होने वाले 2027 विश्व कप के लिए भारत की योजना में शामिल होने की संभावना कम है। यह फैसला गिल की कप्तानी में भारत की वेस्टइंडीज पर पारी और 140 रन की विशाल जीत के बाद आया है जिससे मेजबान टीम ने दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली। यह कप्तान के रूप में गिल की घरेलू सरजमीं पर पहली जीत है। गिल के लिए अहमदाबाद का विशेष महत्व है क्योंकि उन्होंने गुजरात टाइटन्स के कप्तान के रूप में पहली बार आईपीएल में कप्तानी की है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह राज्य मेरे लिए बेहद खास है। अपनी आईपीएल टीम की कप्तानी से लेकर, फिर यह जानना कि मैं टेस्ट कप्तान बनूंगा, मैं तब यहीं था। फिर घरेलू मैदान पर अपने पहले टेस्ट के लिए अहमदाबाद में टीम की कप्तानी, यह जगह मेरे लिए हमेशा से बेहद खास रही है। '' गिल ने 2027 के विश्व कप पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं और अपना रोडमैप तैयार कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विश्व कप खेलने से पहले हमारे पास लगभग 20 वनडे मैच हैं और निश्चित रूप से अंतिम लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप है इसलिए हम जो भी खेलेंगे और जिन खिलाड़ियों के साथ खेलेंगे, वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। हम विश्व कप से पहले एक शानदार सत्र की पूरी कोशिश करेंगे। '' उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम पूरी तैयार से दक्षिण अफ्रीका जाएंगे और विश्व कप जीतेंगे। -
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सीमित ओवरों की सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया है। शुभमन गिल को वनडे टीम की कमान सौंपी गई है। रोहित शर्मा-विराट कोहली वनडे टीम में बतौर खिलाड़ी शामिल किए गए हैं। सूर्यकुमार यादव टी20 टीम का जिम्मा संभालेंगे।
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 19-25 अक्टूबर के बीच तीन वनडे मुकाबलों की सीरीज खेलनी है, जबकि 29 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच दोनों देश पांच टी20 मुकाबलों की सीरीज खेलेंगे।इस दौरे के लिए वनडे फॉर्मेट में शुभमन गिल की कप्तानी में रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी खेलते नजर आने वाले हैं, जबकि श्रेयस अय्यर को उपकप्तान नियुक्त किया गया है। केएल राहुल के साथ ध्रुव जुरेल विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालेंगे। कुलदीप यादव, नितीश रेड्डी भी इस टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं। बुमराह को वनडे सीरीज में शामिल नहीं किया गया है।दूसरी ओर, टी20 टीम की कमान सूर्यकुमार यादव के हाथों में है, जिनकी कप्तानी में भारत ने एशिया कप 2025 का खिताब अपने नाम किया है। शुभमन गिल टीम के उपकप्तान हैं। इस टीम में संजू सैमसन के साथ जितेश शर्मा को बतौर विकेटकीपर शामिल किया गया है। हर्षित राणा और रिंकू सिंह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में जगह मिली है। इस टीम में जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज भी हैं। एशिया कप में अपनी स्पिन से जलवा बिखेरने वाले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव एक बार फिर टी20 टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं।भारत की वनडे टीम: शुभमन गिल (कप्तान), रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर (उपकप्तान), अक्षर पटेल, केएल राहुल (विकेटकीपर), नितीश कुमार रेड्डी, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, हर्षित राणा, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), यशस्वी जयसवाल।भारत की टी20 टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल (उपकप्तान), तिलक वर्मा, नितीश कुमार रेड्डी, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, हर्षित राणा, संजू सैमसन (विकेटकीपर), रिंकू सिंह, वाशिंगटन सुंदर। -
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में चल रही विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में आज शुक्रवार का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा। भारत के निषाद कुमार और सिमरन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते। निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद टी-47 स्पर्धा में और सिमरन ने महिलाओं की 100 मीटर टी-12 स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया। भारत ने इन दो स्वर्ण पदकों की बदौलत पदक तालिका में बड़ा उछाल लगाया और 11वें स्थान से सीधे चौथे स्थान पर पहुंच गया। मौजूदा पदक तालिका में ब्राजील 12 स्वर्ण, 18 रजत और 7 कांस्य के साथ पहले, चीन 9 स्वर्ण, 16 रजत और 13 कांस्य के साथ दूसरे और पोलैंड 8 स्वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्य के साथ तीसरे स्थान पर है। भारत अब तक कुल 15 पदक जीत चुका है, जिसमें 6 स्वर्ण, 5 रजत और 4 कांस्य शामिल हैं।
इससे पहले भारत की प्रीति पाल ने महिलाओं की 200 मीटर टी-36 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, जबकि प्रदीप कुमार ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ-46 स्पर्धा में एक और कांस्य पदक दिलाया। निषाद कुमार ने ऊंची कूद में शानदार प्रदर्शन करते हुए तुर्किये के अब्दुल्ला इल्गाज और अमेरिका के तीन बार के चैंपियन रोडरिक टाउनसेंड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने 2.18 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान उन्होंने एशियाई रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। इल्गाज ने 2.08 मीटर की कूद लगाकर यूरोपीय रिकॉर्ड हासिल किया, लेकिन निषाद ने उन्हें पछाड़ दिया। वहीं, टाउनसेंड केवल 2.03 मीटर तक ही कूद पाए और बाहर हो गए।महिलाओं की 100 मीटर टी-12 स्पर्धा में सिमरन ने गाइड उमर सैफी के साथ शानदार तालमेल दिखाया। उन्होंने पहले सेमीफाइनल में 12.08 सेकंड का समय निकाला और पहली बार फाइनल में 12 सेकंड की बाधा तोड़ते हुए 11.95 सेकंड में दौड़ पूरी की। यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। भारत के खिलाड़ियों ने घरेलू दर्शकों के सामने दबाव में भी संयम बनाए रखा और देश का नाम रोशन किया। इन जीतों के साथ भारत के पदक जीतने का सिलसिला और तेज हो गया है।-( - गुंटूर (आंध्र प्रदेश). तमिलनाडु के ग्रैंडमास्टर पी इनियान ने बुधवार को यहां 62वीं राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप जीत ली। इनियान को 11 दौर तक चले इस टूर्नामेंट में एक भी हार का सामना नहीं करना पड़ा । शीर्ष वरीयता प्राप्त इस खिलाड़ी ने सात जीत और चार ड्रॉ के बाद 11 में से नौ अंक हासिल किए। इनियान ने अपने राज्य के साथी और अंतरराष्ट्रीय मास्टर हर्ष सुरेश, रेलवे के जीएम दीपन चक्रवर्ती और पेट्रोलियम खेल संवर्धन बोर्ड के जीएम शशिकिरण कृष्णन को हराया। दस दिन तक चले इस टूर्नामेंट में देश भर के 394 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया जिनमें 14 जीएम, 30 आईएम और 15 फिडे मास्टर्स शामिल थे। इनियान अंतिम दौर से पहले एकल बढ़त पर थे लेकिन अभिजीत गुप्ता के साथ मैच ड्रॉ होने से वह और केरल के आईएम गौतम कृष्णा नौ अंक से बराबरी पर आ गए। लेकिन बेहतर टाई ब्रेक नतीजों के आधार पर इनियान को विजेता घोषित किया गया और गौतम उपविजेता रहे। इस जीत से इनियान क्लासिकल और रैपिड दोनों वर्गों में राष्ट्रीय चैंपियन बन गए। इनियान ने इस साल मार्च में राष्ट्रीय रैपिड खिताब जीता था।
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अहमदाबाद. भारत ने बुधवार को यहां अंतिम दिन चार कांस्य पदक जीतकर एशियाई एक्वाटिक्स चैंपियनशिप में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का समापन 13 पदकों के साथ किया जबकि चीन ने 38 स्वर्ण सहित 49 पदक जीतकर अपना दबदबा कायम रखा। भारत चार रजत और नौ कांस्य पदकों के साथ नौवें स्थान पर रहा जिसमें भव्या सचदेवा, साजन प्रकाश, श्रीहरि नटराज और पुरुष रिले टीम ने पदकों में इजाफा किया। महिलाओं की 400 मीटर फ्रीस्टाइल में भव्या ने 4:26.89 सेकेंड का समय लेकर तीसरा स्थान हासिल किया और महिला वर्ग में भारत के लिए पहला पदक जीता। पुरुषों की 200 मीटर बटरफ्लाई में साजन प्रकाश चीनी ताइपे के कुआन हंग वांग (1:56.63) और जापान के रियो कुरात्सुका से आगे निकल गए लेकिन दोनों ने आखिरी लैप में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय को तीसरे स्थान (1:57.90 सेकेंड) पर पहुंचा दिया। पुरुषों की 100 मीटर बैकस्ट्रोक में श्रीहरि नटराज तीसरे स्थान पर रहे। चीन के गुकैलाई वांग (54.27) और चीनी ताइपे के लू लुन चुआंग (54.45) ने अंत तक मामूली बढ़त बनाए रखी जिससे श्रीहरि को 55.23 सेकेंड में कांस्य पदक मिला जबकि ऋषभ दास चौथे स्थान पर रहे। पुरुषों की चार गुणा 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले में भारत ने रोमांचक मुकाबले में 3:21.49 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता। चीन का दबदबा पूरी तरह से कायम रहा जिसने 38 स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य पदक जीते।
जापान ने 18 पदक (पांच स्वर्ण, नौ रजत और चार कांस्य) के साथ दूसरा स्थान हासिल किया जबकि हांगकांग 14 पदक (तीन स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य) के साथ शीर्ष तीन में रहा। एशियाई एक्वाटिक्स चैंपियनशिप में चार अक्टूबर से कलात्मक तैराकी और वाटर पोलो स्पर्धाएं शुरू होंगी। -
नई दिल्ली। भारत के युवा स्टार बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने आईसीसी टी20 रैंकिंग में इतिहास रचा है। अभिषेक सबसे ज्यादा रेटिंग प्वाइंट्स हासिल करने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। वहीं, पाकिस्तान के सईम अयूब ने हार्दिक पांड्या की टी20 ऑलराउंडर की ‘बादशाहत’ खत्म कर दी है।
25 वर्षीय अभिषेक शर्मा ने अब तक की सर्वोच्च रेटिंग (931) हासिल करते हुए लगभग पांच साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।अभिषेक ने एशिया कप 2025 के 7 मुकाबलों में 44.86 की औसत के साथ 314 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने सुपर-4 मुकाबलों में पाकिस्तान के खिलाफ 74 रन, जबकि बांग्लादेश के विरुद्ध 75 रन की पारी खेली। श्रीलंका के खिलाफ अभिषेक ने 61 रन बनाए थे। अभिषेक ने पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्हें एशिया कप 2025 में ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया है।एशिया कप में शानदार प्रदर्शन के साथ अभिषेक शर्मा 931 अंकों की रेटिंग पर पहुंच गए। इसी के साथ उन्होंने 919 अंकों की पिछली सर्वश्रेष्ठ रेटिंग को पीछे छोड़ दिया, जो इंग्लैंड के दाएं हाथ के बल्लेबाज डेविड मलान ने 2020 में हासिल की थी। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने साथी सूर्यकुमार यादव और विराट कोहली की पिछली सर्वश्रेष्ठ रेटिंग को भी पीछे छोड़ दिया।टी20 ऑलराउंडर की रैंकिंग में हार्दिक पांड्या एक स्थान फिसलकर दूसरे पायदान पर पहुंच गए हैं, जबकि सईम अयूब चार स्थान की छलांग लगाते हुए शीर्ष स्थान हासिल कर चुके हैं।हार्दिक पांड्या इस एशिया कप में छह मुकाबले खेले, जिसमें सिर्फ 4 ही विकेट हासिल कर सके। उन्होंने अपने बल्ले से महज 48 रन टीम के खाते में जोड़े। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान के सईम अयूब ने इस एशिया कप भले ही बल्ले से निराश किया, लेकिन गेंदबाजी में अपना जलवा दिखाया। उन्होंने ओमान के खिलाफ महज 8 रन देकर 2 शिकार किए, जिसके बाद भारत के विरुद्ध 35 रन देकर 3 विकेट झटके। सईम अयूब ने इस एशिया कप में 7 मैच खेलते हुए कुल 8 विकेट हासिल किए। - पणजी. एशिया कप जीतने के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव मंगलवार को गोवा में सबकी नजरों का केंद्र रहे जब वह दक्षिण गोवा जिले में एक निजी क्रिकेट स्टेडियम के उद्घाटन के लिए पहुंचे। हजारों क्रिकेट प्रशंसक वर्ना गांव स्थित ‘1919 स्पोर्ट्ज क्रिकेट स्टेडियम' में उमड़े।उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो भी मौजूद थे। बाद में सावंत सूर्यकुमार को टेनिस गेंद से गेंदबाजी करते दिखे जिन्होंने दर्शकों के ऊपर से शॉट खेला। लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भारतीय कप्तान को गोवा में एक मैच खेलने के लिए आमंत्रित किया। सावंत ने भारतीय टीम को एशिया कप जीतने पर बधाई दी और सूर्यकुमार को जीत की राशि भारतीय सेना को देने के लिए भी बधाई दी। पत्रकारों से बात करते हुए सूर्यकुमार ने कहा कि ऐसे स्टेडियमों की जरूरत है।भारतीय कप्तान ने उस समय को याद किया जब उन्होंने गोवा के खिलाफ रणजी मैच खेले थे। उन्होंने कहा, ‘‘गोवा की टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है।''
- नयी दिल्ली. सुमित अंतिल विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के इतिहास के सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी बने जब उन्होंने मंगलवार को यहां अपना लगातार तीसरा भाला फेंक खिताब जीता जिससे भारत दो स्वर्ण और इतने ही रजत पदक जीतने में सफल रहा। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा की स्टैंड में मौजूदगी से उत्साहित 27 वर्षीय सुमित ने अपने पांचवें प्रयास में 71.37 मीटर के चैंपियनशिप रिकॉर्ड प्रयास के साथ पुरुषों की भाला फेंक एफ 64 स्पर्धा का खिताब जीता। उन्होंने 2023 सत्र में बनाए 70.83 मीटर के अपने ही चैंपियनशिप रिकॉर्ड को बेहतर किया लेकिन 73.29 मीटर के अपने विश्व रिकॉर्ड से लगभग दो मीटर दूर रहे जो उन्होंने 2023 एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान बनाया था। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उनके अलावा किसी भी भारतीय ने तीन स्वर्ण नहीं जीते हैं। सुमित ने कहा कि वह अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें अपने कंधे में ‘सजून' महसूस हुई। भारत ने पुरुषों की भाला फेंक एफ44 स्पर्धा में संदीप सरगर के 62.82 मीटर के थ्रो के साथ एक आश्चर्यजनक स्वर्ण पदक भी जीता। इस स्पर्धा में मेजबान देश पहले दो स्थान पर रहा क्योंकि संदीप ने भी 62.67 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक जीता। ब्राजील के एडेनिलसन रॉबर्टो 62.36 मीटर के प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे। भारत के योगेश कथुनिया ने भी सुबह के सत्र में पुरुषों की एफ 56 चक्का फेंक स्पर्धा में एक और रजत पदक जीता जिससे वैश्विक स्तर पर अपने पहले स्वर्ण पदक की उनकी तलाश जारी रही। मंगलवार को चार पदक के साथ भारत चार स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक के साथ चौथे स्थान पर पहुंच गया है। ब्राजील (7-14-6), पोलैंड (6-1-5) और चीन (5-7-4) भारत से आगे हैं। सुमित ने 2023 और 2024 में भी स्वर्ण पदक जीता था। इस 27 वर्षीय इस खिलाड़ी ने 2021 में तोक्यो और 2024 में पेरिस पैरालंपिक में भी दो स्वर्ण पदक जीते। वह एशियाई पैरा खेलों के मौजूदा चैंपियन भी हैं। कोलंबिया के टॉमस फेलिप सोटो मीना 48.38 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर रहे जबकि कजाखस्तान के रुफत खाबीबुलिन ने 47.14 मीटर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। सुमित ने पांच मार्च 2021 को पटियाला में इंडियन ग्रां प्री सीरीज तीन में चोपड़ा के खिलाफ भी मुकाबला किया। सुमित ने खिताब जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ना चाहता था। मैं कोशिश कर रहा था लेकिन मुझे नहीं पता परसों जब मैं उठा तो मेरा हाथ काम नहीं कर रहा था। मुझे नहीं पता क्या हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘शायद मैं गलत मुद्रा में सो गया था। मुझे नहीं पता। लेकिन अंत में मुझे खुशी है कि मैंने चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया। मैंने थोड़े समय के लिए अपने फिजियो से इलाज करवाया। मुझे थोड़ी परेशानी हो रही थी लेकिन अंत में सब ठीक रहा।'' उन्होंने कहा कि वार्म अप थ्रो के दौरान जब उन्होंने पूरी ताकत लगाई तो उन्हें गर्दन में दर्द महसूस हुआ। कथुनिया (28 वर्ष) ने दूसरे प्रयास में चक्के को 42.49 मीटर की दूरी तक फेंककर रजत पदक जीता। वह 2019 से सभी चार विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत रहे हैं। कथुनिया ने पैरालंपिक खेलों (2021 और 2024) में दो रजत पदक के अलावा विश्व चैंपियनशिप में अपना लगातार तीसरा रजत पदक जीता। उन्होंने 2023 और 2024 में भी दो रजत पदक जीते थे। उन्होंने 2019 सत्र में कांस्य पदक भी जीता था। कथुनिया ने 2023 हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में भी रजत पदक जीता था। विश्व रिकॉर्ड धारक ब्राजील के स्टार क्लॉडनी बतिस्ता ने 45.67 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता। उनके सभी छह थ्रो कथुनिया के दिन के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर थे। 2019 सत्र से शुरू हुई विश्व चैंपियनशिप में बतिस्ता का यह लगातार चौथा स्वर्ण पदक है। उन्होंने पिछले तीन पैरालंपिक खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता है। कथुनिया चार विश्व चैंपियनशिप और दो पैरालंपिक खेलों में ब्राजील के खिलाड़ी को नहीं हरा पाए हैं।एफ56 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है जो फील्ड स्पर्धाओं में बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। इस वर्ग में विभिन्न एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हैं जिनमें अंग विच्छेदन और रीढ़ की हड्डी की चोट वाले एथलीट भी शामिल हैं। कथुनिया ने कहा, ‘‘यह अलग एहसास है क्योंकि मैंने अपने घरेलू मैदान पर रजत पदक जीता है। मेरे परिवार के सदस्य यहां हैं और अपने परिवार के सामने प्रदर्शन करके बहुत खुश हूं। उन्होंने हमेशा मेरा बहुत साथ दिया है इसलिए यह मेरे लिए खास है।'' पहले भी उन्होंने वैश्विक स्तर पर हर बार दूसरे स्थान पर रहने पर निराशा व्यक्त की थी।उन्होंने कहा, ‘‘पिछले छह-सात वर्षों से रजत पदक मेरे साथ जुड़ा हुआ है लेकिन पदक के रंग में कोई गिरावट नहीं आई है लेकिन कोई बात नहीं, मेरा समय (स्वर्ण पदक जीतने का) आएगा।'' नौ साल की छोटी सी उम्र में कथुनिया को गिलियन-बैरे सिंड्रोम होने का पता चला था जो एक दुर्लभ स्व-प्रतिरक्षा विकार है। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह फिर कभी नहीं चल पाएंगे और जल्द ही वह व्हीलचेयर पर आ गए। लेकिन तीन साल के भीतर वह फिर से चलने लगे इसका श्रेय उनकी मां मीना देवी को जाता है जिन्होंने अपने बेटे के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी सीखी। कथुनिया हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं। उनके पिता भारतीय सेना में सिपाही थे इसलिए उन्होंने चंडीगढ़ के इंडियन आर्मी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की और नयी दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री हासिल की। कथुनिया ने कहा कि अगर बेल्ट को सख्ती से नहीं कसा जाता तो वह और बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी थोड़े सख्त थे। बेल्ट थोड़ी अधिक कसी हुई थी जिससे मूवमेंट में बाधा आती है और दूरी हमेशा कम से कम तीन से चार मीटर कम हो जाती है।'' बैठकर थ्रो करने की स्पर्धाओं में एथलीटों को विशेष रूप से बनाए गए थ्रोइंग फ्रेम पर बैठकर छह मिनट में छह थ्रो करने होते हैं जो पट्टियों से जमीन से बंधे होते हैं। एथलीट खुद को फ्रेम पर सुरक्षित रखने के लिए पट्टियों का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि नाभि के नीचे कोई भी हरकत जजों से कई तरह के फाउल का कारण बन सकती है।
- नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में चल रही विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कोलंबिया की 16 वर्षीय एंजी निकोल मेजिया मोरालेस ने अपने पहले ही मैच में सभी को चौंका दिया। उन्होंने महिलाओं की टी38 100 मीटर स्पर्धा में 12.34 सेकंड का समय निकालकर नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।एंजी की यह पहली विश्व चैंपियनशिप रेस थी, लेकिन उनकी दौड़ देखने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे वह वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रही हों। उनके प्रदर्शन को देखकर न केवल दर्शक बल्कि प्रतियोगी भी हैरान रह गए।स्वर्ण पदक जीतने के बाद एंजी ने कहा, “सच कहूं तो, मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है। मुझे इसकी कभी उम्मीद नहीं थी। यह जीत किसी संयोग का परिणाम नहीं है, बल्कि वर्षों की मेहनत, लगन और मार्गदर्शन का नतीजा है।” उन्होंने अपने प्रशिक्षक प्रोफेसर केंड्रिक सैन मिगुएल का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने हमेशा उनका समर्थन किया और एथलेटिक्स में हाथ आजमाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा उन्होंने अपने माता-पिता और भाई का भी आभार जताया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया और उन पर विश्वास किया। एंजी ने युवा एथलीटों के लिए कहा, “काम कठिन है, रास्ता लंबा है, लेकिन कभी हार मत मानो और कड़ी मेहनत करते रहो।” 16 साल की यह धावक, जो कभी एथलेटिक्स में नहीं आना चाहती थीं, अपने पहले ही वैश्विक मैच में विश्व स्तर पर मिसाल बनकर उभरी हैं।



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