- Home
- बिजनेस
- मुंबई. खाना पहुंचाने वाले ऑनलाइन मंचों पर नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर, 2023) पर रिकॉर्ड 65 लाख ऑर्डर हुए। बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि यह पिछले साल (31 दिसंबर, 2022) से 18 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल नए साल की पूर्व संध्या पर इन मंचों पर 55 लाख ऑर्डर आए थे।उपभोक्ता व्यवहार पर रेडसीर के ‘बिग डेटा' विश्लेषण में कहा गया है कि 2023 में नए साल की पूर्व संध्या पर ऑर्डर में बढ़ोतरी राष्ट्रव्यापी थी क्योंकि महानगरों, प्रथम श्रेणी और बाकी भारतीय शहरों में इस दिन ऑर्डर आकार में लगभग समान वृद्धि हुई है। उपभोक्ता इस बार नए साल की पूर्व संध्या पर दिनभर भारी मात्रा में ऑर्डर करते रहे। इस बीच, रात्रिभोज के लिए और देर रात को होने वाले ऑर्डर में भारी उछाल आया। रेडसीर के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि इस बार नए साल की पूर्व संध्या पर ग्राहकों ने न केवल अधिक मात्रा में ऑर्डर किया, बल्कि उन्होंने प्रति ऑर्डर अधिक खर्च भी किया। रेडसीर के अनुसार, औसत ऑर्डर मूल्य साल के अन्य दिनों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक था।
-
नयी दिल्ली| टाटा पावर की इकाई टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) गुजरात में 10,000 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी ने गांधीनगर में चल रहे वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) 2024 के 10वें संस्करण में प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी ने बयान में कहा कि इन परियोजनाओं से 3,000 नौकरियां पैदा होंगी।बयान के अनुसार, “10,000 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में सौर, पवन, हाइब्रिड, राउंड द क्लॉक (आरटीसी), पीक, और फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (एफडीआरई) शामिल हैं।''
-
गांधीनगर. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि भारत वित्त वर्ष 2027-28 तक पांच लाख करोड़ डॉलर से अधिक के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि रुढ़िवादी अनुमानों के हिसाब से भी भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। सीतारमण ने यहां आयोजित वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संभव है कि हम वित्त वर्ष 2027-28 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे और हमारी जीडीपी उस समय तक पांच लाख करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगी। एक रुढ़िवादी अनुमान है कि वर्ष 2047 तक हमारी अर्थव्यवस्था कम-से- कम 30 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।“ इस समय भारत लगभग 3.4 लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। अभी अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी उससे आगे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। इस मौके पर सीतारमण ने कहा कि भारत को वर्ष 2023 तक 23 वर्षों के दौरान 919 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है। इसमें से 65 प्रतिशत यानी 595 अरब डॉलर एफडीआई नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले आठ-नौ वर्षों के कार्यकाल में आया है। उन्होंने वित्तीय समावेशन का जिक्र करते हुए कहा कि बैंक खाता रखने वाले लोगों की संख्या 50 करोड़ हो गई है जबकि 2014 में 15 करोड़ लोगों के पास ही बैंक खाते थे।
-
नयी दिल्ली. ‘भारत' ब्रांड के तहत खुदरा बाजार में बेची जा रही चना दाल घरेलू उपभोक्ताओं के बीच सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड बनकर उभरी है। इसने बाजार में उतारे जाने के चार महीनों में ही एक-चौथाई बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि किफायती होने के कारण इस दाल को उपभोक्ता काफी पसंद कर रहे हैं। अक्टूबर में जारी की गई भारत-ब्रांड ‘चना दाल' की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि अन्य ब्रांड की दाल लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम है। सिंह ने कहा, ‘‘ग्राहकों की प्रतिक्रिया इतनी अच्छी रही है कि देश में परिवारों के बीच सभी ब्रांड वाली चना दाल की 1.8 लाख टन मासिक खपत में से एक-चौथाई ‘भारत' ब्रांड वाली चना दाल है।'' उन्होंने कहा कि बाजार में उतारे जाने के बाद से लगभग 2.28 लाख टन भारत ब्रांड चना दाल बेची जा चुकी है। शुरुआत में इसकी बिक्री 100 खुदरा केंद्रों के जरिये की गई और अब 21 राज्यों के 139 शहरों में मौजूद 13,000 केंद्रों से इसकी बिक्री की जा रही है। उपभोक्ता मामलों के सचिव ने इस कदम से दालों की मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलने का दावा करते हुए कहा, ‘‘दालों की कीमतें एक समूह के रूप में व्यवहार करती हैं। चने की कीमतों को नीचे लाने के लिए बफर स्टॉक का उपयोग करने से अन्य दालों की कीमतों पर भी इसका पार्श्व प्रभाव पड़ता है।'' सरकार घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों से चने सहित विभिन्न प्रकार की दालों का बफर स्टॉक बनाकर रख रही है। फिलहाल 15 लाख टन चना सरकारी बफर स्टॉक में है। सरकार नेफेड, एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार और पांच राज्य सहकारी समितियों के माध्यम से भारत ब्रांड के तहत चना दाल की खुदरा बिक्री कर रही है। सचिव ने बताया कि इन एजेंसियों को बफर स्टॉक से कच्चा चना 47.83 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर इस शर्त के साथ दिया जा रहा है कि उसकी खुदरा कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम से कम नहीं होनी चाहिए। एजेंसियां सरकार से कच्चा चना खरीदती हैं, उसकी मिलिंग करती हैं और भारत ब्रांड के तहत खुदरा बिक्री करने से पहले उसकी पॉलिश करती हैं। सरकार भारत ब्रांड के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का गेहूं का आटा भी बेच रही है। कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए वह भारत ब्रांड के तहत एफसीआई चावल की बिक्री पर भी विचार कर रही है।
- हैदराबाद। तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को कहा कि गोदरेज एग्रोवेट कंपनी लिमिटेड ने मलेशिया स्थित कंपनी सिमे डार्बी के साथ मिलकर खम्मम जिले में एक एकीकृत पाम तेल प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने में रुचि जताई है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि गोदरेज एग्रोवेट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक इरम सिंह यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की और इस संबंध में चर्चा की। रेड्डी ने राज्य में कंपनी के मौजूदा पाम तेल और डेयरी कारोबार के विस्तार के लिए हर तरह का समर्थन देने का वादा किया। मुख्यमंत्री ने कंपनी को अपने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के हिस्से के रूप में कौशल विकास को बढ़ावा देने की भी सलाह दी। बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि प्रतिनिधिमंडल रियल एस्टेट, फर्नीचर और उपभोक्ता वस्तुओं में राज्य की विशाल संभावनाओं का भी पता लगाए। बैठक के दौरान राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री डी श्रीधर बाबू, मुख्य सचिव ए शांति कुमारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
- मुंबई | दिसंबर महीने में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बीपीओ, शिक्षा, खुदरा एवं स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों में भर्तियों को लेकर सतर्कता का रुख रहने से साल भर पहले की तुलना में पेशेवरों की नियुक्ति में 16 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया। नौकरियों से संबंधित सूचनाएं देने वाली वेबसाइट नौकरी डॉट कॉम ने नौकरी जॉबस्पीक सूचकांक के विश्लेषण पर आधारित यह रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक, दिसंबर के महीने में कुछ क्षेत्रों मे भर्तियों को लेकर सतर्कता का रुख देखा गया। नौकरी डॉट कॉम के मुख्य कारोबार अधिकारी पवन गोयल ने कहा, ‘‘हमने नवंबर की तुलना में दिसंबर में नियुक्ति गतिविधियों में दो प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी जिसमें गैर-आईटी क्षेत्रों की अहम भूमिका रही। हालांकि, लगातार प्रभावित हो रहे आईटी क्षेत्र की वजह से पिछले साल के मुकाबले कुल भर्तियों में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह आईटी क्षेत्र में भर्ती गतिविधियों के पूरी तरह सामान्य होने में लगने वाले लंबे समय को दर्शाता है।'' रिपोर्ट कहती है कि आईटी क्षेत्र में दिसंबर, 2023 के दौरान नियुक्तियों में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 21 प्रतिशत की गिरावट देखी गई जबकि नवंबर, 2023 के पिछले महीने की तुलना में चार प्रतिशत की गिरावट रही। नौकरी जॉबस्पीक सूचकांक के मुताबिक, बीपीओ, शिक्षा, खुदरा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में बीते माह सतर्क नियुक्ति धारणा देखी गई। इन क्षेत्रों में सालाना आधार पर क्रमशः 17 प्रतिशत, 11 प्रतिशत, 11 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। नौकरी जॉबस्पीक एक मासिक सूचकांक है जो भारतीय नौकरी बाजार की स्थिति को दर्शाता है। यह नौकरी डॉट कॉम के बायोडाटा डेटाबेस पर भर्तीकर्ताओं द्वारा नई नौकरी की सूचना और नौकरी से संबंधित खोजों पर भर्ती गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, आतिथ्य क्षेत्र ने नई नौकरियों की पेशकश में अपनी वृद्धि की रफ्तार कायम रखी है और पिछले साल दिसंबर की तुलना में नियुक्तियां चार प्रतिशत बढ़ी हैं। इस क्षेत्र में नौकरी की वृद्धि मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट कहती है कि गैर-महानगरों ने नियुक्ति के मामले में महानगरों को पीछे छोड़ दिया। वडोदरा में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे एवं कोलकाता में क्रमशः 24 प्रतिशत, 23 प्रतिशत, 23 प्रतिशत, 17 प्रतिशत एवं 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
- नयी दिल्ली । टाटा समूह की कंपनी टाटा प्ले के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हरित नागपाल का कहना है कि जिस तरह विमान सेवाओं की शुरुआत के सौ साल बाद भी ट्रेनों का परिचालन बरकरार है, उसी तरह टेलीविजन भी ओटीटी के साथ सह-अस्तित्व में बना रहेगा। ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवा ओटीटी के आने से टेलीविजन के लिए खतरे की घंटी बजने के बारे में पूछे जाने पर नागपाल ने कहा कि भारत में हमेशा ही टीवी को पसंद करने वाले दर्शकों का एक वर्ग मौजूद होगा। नागपाल ने कहा, ‘‘कुछ लोगों के पास निजी विमान हैं, फिर क्या एयरलाइंस कारोबार से बाहर हो गई हैं? क्या ट्रेन और बस चलन से बाहर हो गई हैं? नहीं! इसी तरह 30 करोड़ भारतीय घरों में से 14 करोड़ ने अभी अपना पहला टीवी नहीं खरीदा है। अगर ओटीटी आया है तो इसका यह मतलब नहीं है कि टीवी चला जाएगा। उनका साथ-साथ वजूद बना रहेगा।'' हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि कुछ लोग अब टीवी से ओटीटी की तरफ चले गए हैं लेकिन अब भी ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है जो टीवी खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं बचा सके हैं। नागपाल के अनुसार, जब भी कोई नई तकनीक आती है और खुद को ग्राहकों के एक विशेष वर्ग के लिए उपलब्ध कराती है, तो एक ऐसा खंड होता है - जो हमेशा से रहा है - जो केवल पुरानी तकनीक का खर्च उठा सकता है। नागपाल की लिखी पहली पुस्तक ‘‘एडेप्टः टु थ्राइव, नॉट जस्ट सर्वाइव'' भी अनुकूलन के विचार का परीक्षण करती है। उन्होंने कहा कि अनुकूलन एक ऐसी चीज है जिसकी जरूरत आगे बढ़ने की मंशा रखने वाले हर व्यवसाय को होती है।
-
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 63,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर अपरिवर्तित बना रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। हालांकि, चांदी की कीमत 450 रुपये की मजबूती के साथ 76,750 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 76,300 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली के बाजारों में मंगलवार को सोने की कीमतें स्थिर रहीं और यह पिछले 63,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रुख के साथ बंद हुआ।'' एमसीएक्स के वायदा कारोबार में सोने के फरवरी अनुबंध का भाव 261 रुपये बढ़कर 62,356 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। साथ ही एक्सचेंज पर चांदी के मार्च अनुबंध का भाव 176 रुपये बढ़कर 72,603 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मजबूती के साथ 2,031 डॉलर प्रति औंस और चांदी तेजी के साथ 23.10 डॉलर प्रति औंस हो गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा कि पिछले सत्र में गिरावट के बाद सोना स्थिर कारोबार कर रहा था क्योंकि उम्मीद से अधिक मजबूत अमेरिकी श्रम बाजार के आंकड़ों से बाजार को ब्याज दर में जल्द कटौती की अपनी उम्मीदों पर नए सिरे से विचार करना पड़ रहा है।
- मुंबई. रिजर्व बैंक ने सोमवार को छोटे वित्त बैंकों (एसएफबी) के लिए न्यूनतम पूंजी जरूरत को बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये करने के साथ ही भुगतान बैंकों को एसएफबी के रूप में काम करने की मंजूरी दे दी। दिलचस्प बात यह है कि इस समय संचालित हो रहे सभी लघु वित्त बैंकों की कुल संपत्ति 200 करोड़ रुपये से अधिक है। रिजर्व बैंक ने संशोधित दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि स्वेच्छा से एसएफबी में स्थानांतरित होने के इच्छुक प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के पास 100 करोड़ रुपये पूंजी की जरूरत होगी, जिसे कारोबार शुरू होने की तारीख से पांच साल के भीतर 200 करोड़ रुपये होना होगा। इसके मुताबिक, भुगतान बैंक पांच साल के संचालन के बाद दिशानिर्देशों के तहत पात्र होने पर एसएफबी में परिवर्तित होने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिसूचना के अनुसार, "परिचालन शुरू होने पर एसएफबी को तुरंत अनुसूचित बैंक का दर्जा दिया जाएगा। बैंकों को परिचालन शुरू होने की तारीख से ‘बैंकिंग आउटलेट' खोलने की सामान्य अनुमति होगी।" इस बीच, फिनो पेमेंट्स बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने एसएफबी में बदलने पर नियामक दिशानिर्देशों के अनुरूप एसएफबी लाइसेंस के लिए पहले ही आवेदन कर दिया है। नियामक इस आवेदन की जांच कर रहा है और प्रक्रिया के अनुसार आरबीआई से आगे की टिप्पणियों का इंतजार है। रिजर्व बैंक ने इससे पहले 27 नवंबर, 2014 को निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों के लाइसेंस के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।
-
मुंबई. प्याज और टमाटर की कीमतों में गिरावट के बाद दिसंबर में शाकाहारी (वेज) भोजन की थाली की लागत में तीन प्रतिशत और मांसाहारी (नॉन-वेज) थाली की कीमत में पांच प्रतिशत की कमी आई है। एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (एमआईएंडए) रिसर्च की ‘राइस रोटी रेट' रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर में घर में बनी शाकाहारी और मांसाहारी (नॉन-वेज) थाली की दरें क्रमश: तीन प्रतिशत और पांच प्रतिशत घट गईं। इसमें कहा गया है कि शाकाहारी और मांसाहारी थाली का दाम घटने की वजह प्याज तथा टमाटर का सस्ता होना है। मासिक आधार पर दिसंबर में प्याज के दाम 14 प्रतिशत और टमाटर के तीन प्रतिशत घटे हैं। त्योहारी सीजन के समाप्त होने की वजह से घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाली इन सब्जियों के दाम घटे हैं। रिपोर्ट कहती है कि ब्रॉयलर की कीमत मासिक आधार पर पांच-सात प्रतिशत घटने की वजह से मांसाहारी थाली की लागत अधिक तेजी से घटी है। मांसाहारी थाली की लागत में ब्रॉयलर का हिस्सा 50 प्रतिशत बैठता है। घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में थाली तैयार करने की कीमतों के आधार पर की जाती है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव अनाज, दाल, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस की कीमतों के आधार पर आता है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि सालाना आधार पर शाकाहारी थाली की कीमत में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत में चार प्रतिशत की गिरावट आई है। इसमें कहा गया है कि शाकाहारी भोजन की लागत बढ़ने की प्रमख वजह प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमश: 82 और 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
- नयी दिल्ली। जर्मनी की लक्जरी कार विनिर्माता मर्सिडीज बेंज नए उत्पाद पेश करने, विनिर्माण परिचालन और डिजिटलीकरण पर इस साल 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पिछले साल भारत में उसने रिकॉर्ड 17,408 गाड़ियां बेची हैं। मर्सिडीज बेंज इंडिया 2024 में तीन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) समेत 12 से ज्यादा नए वाहन बाजार में उतारेगी। इनमें से आधे मॉडल शीर्ष वाहन खंड (टीईवी) होंगे, जिनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा, “यह साल विशेष है क्योंकि हम भारत में मर्सिडीज बेंज के 30 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हम पुणे में अपने कारखाने में 200 करोड़ रुपये और निवेश करने जा रहे हैं। इससे अब भारत में हमारा कुल निवेश 3,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि ये निवेश विनिर्माण कार्यों, नए उत्पाद स्टार्टअप और विनिर्माण प्रक्रिया के डिजिटलीकरण की दिशा में होंगे। अय्यर ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ भारत में अपनी अबतक की सर्वाधिक 17,408 गाड़ी बिक्री का रिकॉर्ड बनाया। मर्सिडीज बेंज की इससे पहले सर्वाधिक बिक्री 2022 में 15,822 इकाई रही थी।इस साल को लेकर अय्यर ने कहा कि कंपनी आपूर्ति और मांग में अस्थिरता के बावजूद दहाई अंक में वृद्धि की उम्मीद कर रही है। इस समय कंपनी के पास 3,000 गाड़ियों की बुकिंग है। नए उत्पादों पर अय्यर ने कहा, “हम 2024 में 12 से ज्यादा नई कार लाइन पेश करने पर विचार कर रहे हैं और उनमें से 50 प्रतिशत टीईवी होंगी। इनमें तीन नए इलेक्ट्रिक वाहन शामिल होंगे।”
- नयी दिल्ली। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाने की पहल करते हुए 75 करोड़ डॉलर के बॉन्ड का भुगतान परिपक्वता से आठ महीने पहले करने की योजना की सोमवार को घोषणा की। अडाणी समूह की कंपनी एजीईएल ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 75 करोड़ डॉलर जुटाए थे। ये बॉन्ड इस साल सितंबर में परिपक्व होने वाले हैं। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘एजीईएल ने नौ सितंबर, 2024 को परिपक्व होने वाले 75 करोड़ डॉलर के 4.375 नोट्स (होल्डको नोट्स) का भुगतान करने की योजना की आज घोषणा की।'' इसका ब्यारो देते हुए कंपनी ने कहा कि 16.9 करोड़ डॉलर आरक्षित खातों और आंतरिक राजस्व के जरिये लगाए गए हैं, जबकि 30 करोड़ डॉलर को हाल ही में टोटलएनर्जीज ने एक संयुक्त उद्यम के जरिये निवेश किया है। बाकी 28.1 करोड़ डॉलर प्रवर्तक को तरजीही आवंटन के जरिये जुटाए गए हैं।एजीईएल देश की सबसे बड़ी और दुनिया की अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा समाधान कंपनी है। यह ग्रिड से जुड़े सौर, पवन एवं हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों का विकास, स्वामित्व और संचालन करती है। फिलहाल यह 12 राज्यों में कुल 8.4 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं का परिचालन करती है।
- नयी दिल्ली। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के गुजरात में विट्ठलपुर स्थित विनिर्माण संयंत्र में तीसरी असेंबली लाइन शुरू हो गई है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। तीसरी लाइन शुरू होने से 6.5 लाख स्कूटर इकाइयों का अतिरिक्त उत्पादन होगा, जिससे इस कारखाने की कुल क्षमता 19.7 लाख इकाई सालाना हो जाएगी। एचएमएसआई के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुत्सुमु ओटानी ने बयान में कहा, “ग्राहकों को गति के साथ अधिक कुशलता से सेवा देने के लिए उत्पादन क्षमता विस्तार से एचएमएसआई की कुल वार्षिक मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा कि विट्ठलपुर संयंत्र घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए स्कूटर मॉडल का उत्पादन करता है।एचएमएसआई डियो, एक्टिवा 125 और डियो 125 जैसे स्कूटर मॉडल विट्ठलपुर संयंत्र में ही बनाती है। संयंत्र में एक समर्पित इंजन लाइन भी है जो थाइलैंड, अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे बाजारों के लिए वैश्विक इंजन (250 सीसी और उससे ऊपर की श्रेणी के दोपहिया वाहनों) के निर्माण के लिए आधार के तौर पर कम करती है। कंपनी ने बयान में कहा कि भारत होंडा की दोपहिया विनिर्माण क्षमता के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण आधार में से है। एचएमएसआई के भारत में इस समय चार विनिर्माण संयंत्र- हरियाणा के मानेसर, राजस्थान के टपूकड़ा, कर्नाटक के नरसापुरा और गुजरात के विट्ठलपुर में हैं।
- ग्रेटर नोएडा,। देश का 50 अरब डॉलर का मौजूदा कृषि निर्यात वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 100 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को वर्ष 2030 तक 2,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। बर्थवाल ने यहां ‘इंडसफूड मेला-2024' में कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि आज भारत का 50 अरब डॉलर का निर्यात वर्ष 2030 तक दोगुना होकर लगभग 100 अरब डॉलर हो जाएगा।'' यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी खाद्य और पेय प्रदर्शनी है।सचिव ने कहा कि ‘रेडी-टू-ईट' खाद्य खंड जैसे क्षेत्रों में बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं।उन्होंने उद्योग जगत से आयातक देशों की तकनीकी मानक जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।मेले का उद्घाटन करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चावल, गेहूं और चीनी सहित कुछ प्रमुख वस्तुओं की खेप पर लगाए गए अंकुशों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में देश का कृषि निर्यात पिछले साल के 53 अरब डॉलर के स्तर से अधिक रहेगा। इससे पहले एक अधिकारी ने कहा था कि निर्यात प्रतिबंध और अंकुशों की वजह से इस वित्त वर्ष में लगभग चार से पांच अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा। सरकार ने गेहूं और गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है और चीनी निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। कार्यक्रम में भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने कहा कि दुनिया भर से लगभग 90 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1,200 से अधिक प्रदर्शक और 7,500 से अधिक खरीदार तीन दिवसीय शो में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा, इसमें कैरेफोर, खिमजी रामदास, ग्रैंड हाइपरमार्केट, नेस्टो, मुस्तफा, एक्स5, लुलु, अल्माया ग्रुप और स्पार जैसी 80 से अधिक खुदरा श्रृंखलाएं भी भाग ले रही हैं। गोयल ने यह भी कहा कि किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने, रोजगार पैदा करने और देश की कमाई बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण, उत्पाद ब्रांडिंग और निर्यात पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 158 खाद्य और कृषि उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) के दर्जे दिए गए हैं, और उनके प्रचार के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल के तहत 708 खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है। गोयल ने उद्योग से फ्रोजन, डिब्बा बंद और खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करने, कौशल विकास, विश्वविद्यालय विनिमय कार्यक्रमों और क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि उद्योग को खाद्य पोषण को महत्व देते हुए गुणवत्ता, पोषण, जैविक सामग्री और पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
- नयी दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष में कंपनियों के निजी इस्तेमाल और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन 18.66 करोड़ टन होने की संभावना है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में इस उत्पादन को बढ़ाकर 22.56 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मंत्रालय की वर्तमान योजनाओं के तहत वित्त वर्ष 2029-30 तक ऐसी खदानों से उत्पादन 38.35 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा।" सरकार ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में ऐसी खदानों से कोयला उत्पादन बढ़कर 18.66 करोड़ टन हो जाने की उम्मीद है। दिसंबर 2023 में, निजी उपयोग (कैप्टिव) और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन 38 प्रतिशत बढ़कर 1.40 करोड़ टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.01 करोड़ टन था। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश भर में कुल 50 कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानें चालू हैं। बयान के मुताबिक, एक अप्रैल से 31 दिसंबर, 2023 की अवधि में कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन 9.8 करोड़ टन रहा है।
- नई दिल्ली। भारत में नई कार खरीदने वालों के बीच एसयूवी और एमपीवी की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है। पिछले महीने, यानी दिसंबर 2023 में तो एसयूवी और एमपीवी टॉप 10 में छाए रहे और उम्मीद से ज्यादा लोगों ने टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों की एसयूवी और एमपीवी, यानी 7 सीटर कारें खरीदीं।टाटा नेक्सॉन नंबर 1दिसंबर 2023 की सेल्स रिपोर्ट देखें तो पहली बार कोई एसयूवी पहले स्थान पर रही और खिताब टाटा नेक्सॉन के नाम गया। इससे पहले ज्यादातर हैचबैक सेगमेंट की गाड़ियां रहती थीं और इनमें मारुति सुजुकी की वैगनआर, स्विफ्ट और बलेनो जैसी गाड़ियों का पिछले साल जलवा देखने को मिला था। हालांकि, समय के साथ पूरा सीन ही बदल गया और अब एसयूवी भी नंबर 1 सेलिंग कार बन रही है। टाटा मोटर्स की सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट एसयूवी नेक्सॉन को पिछले महीने 15,284 ग्राहकों ने खरीदा।टाटा और मारुति की गाड़ियां टॉप 5 मेंटाटा पंच भी पिछले महीने लंबी छलांग लगाकर तीसरी बेस्ट सेलिंग कार बन गई। पंच को 13,787 ग्राहकों ने खरीदा। नेक्सॉन और पंच के बीच में दूसरे नंबर पर मारुति सुजुकी डिजायर सेडान रही और इसे 14,012 ग्राहकों ने खरीदा। मारुति सुजुकी अर्टिगा बीते दिसंबर 2023 में चौथी सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही। 7 सीटर किफायती एमपीवी सेगमेंट की मारुति अर्टिगा को 12,975 ग्राहकों ने खरीदा। टॉप 5 में मारुति सुजुकी ब्रेजा भी रही और इसे 12,844 ग्राहकों ने खरीदा। ब्रेजा की बिक्री में सालाना रूप से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।टॉप 10 में महिंद्रा स्कॉर्पियो और हुंडई वेन्यू भीमहिंद्रा एंड महिंद्रा की धांसू एसयूवी स्कॉर्पियो भी बीते कुछ महीनों से टॉप 10 बेस्ट सेलिंग कारों की लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रही है। बीते दिसंबर 2023 में 11,355 ग्राहकों ने महिंद्रा की स्कॉर्पियो-एन और स्कॉर्पियो क्लासिक एसयूवी खरीदी और यह लिस्ट में 7वें स्थान पर रही। इसके बाद टॉप 10 लिस्ट में 9वें स्थान पर हुंडई वेन्यू रही, जिसे 10,383 ग्राहकों ने खरीदा। इन 6 एसयूवी और एमपीवी की टॉप 10 कारों की लिस्ट में मौजूदगी से पता चलता है कि लोगों को अब एसयूवी ज्यादा पसंद आ रही है और वे इसे हैचबैक के मुकाबले ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
-
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इसी महीने होने वाले भगवन राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर की ‘थीम' पर बनी बनारसी साड़ियां फैशन की दुनिया में धूम मचाने के लिये तैयार है और बुनकर इन साड़ियों के पल्लुओं को सुंदर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। बुनकरों को साड़ियों पर विभिन्न डिजाइन के लिए ‘ऑर्डर' मिले हैं, जिनमें साड़ियों के पल्लुओं पर राम मंदिर की आकृति, भगवान राम के जीवन से जुड़ी जानकारी वाले डिजाइन शामिल हैं। मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे। उच्चतम न्यायालय ने 2019 में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक सदी से भी अधिक समय पुराने मंदिर-मस्जिद विवाद का निपटारा कर दिया था। अदालत ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया था और फैसला सुनाया था कि मस्जिद के निर्माण के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन दी जानी चाहिए। जैसे ही अयोध्या राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा' के लिए तैयार हो रही है, देशभर के बुनकर अनूठी कृतियों के माध्यम से मंदिर के उद्घाटन के लिए अपना उत्साह व्यक्त कर रहे हैं। मुबारकपुर क्षेत्र के बुनकर अनीसुर रहमान ने कहा कि इस भव्य आयोजन को लेकर वाराणसी के बुनकर समुदाय में भारी उत्साह है। रहमान ने कहा, ‘‘ऐतिहासिक विशेषताओं के साथ डिजाइन वाली साड़ियों की हमेशा से काफी मांग रही है, लेकिन राम मंदिर के प्रति भावना पूरी तरह से अलग है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम राम मंदिर ‘थीम' पर साड़ियां तैयार कर रहे हैं और ये जल्द ही फैशन की दुनिया में धूम मचाने को तैयार है। हमारे पास देश के विभिन्न हिस्सों से महिलाओं के ‘ऑर्डर' मिले हैं जो इन साड़ियों को पहनकर अपने-अपने स्थानों पर 22 जनवरी का जश्न मनाना चाहती हैं।'' राम मंदिर की ‘थीम' पर तैयार की जा रही साड़ियों के प्रकार के बारे में बताते हुए रहमान ने कहा, ‘‘एक प्रकार की साड़ियों के पल्लू पर राम मंदिर का शिलालेख होता है; ये साड़ियां लाल और पीले रंग में बनाई जा रही हैं और शिलालेख सुनहरे रंग में है। दूसरी तरह की साड़ियां कई रंगों में उपलब्ध हैं और उनके बॉर्डर पर ‘श्री राम' लिखा हुआ है।'' उन्होंने कहा, ‘‘तीसरे प्रकार की साड़ियों पर भगवान राम के बचपन से लेकर रावण वध तक उनके जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाया गया है।'' यहां पीली कोठी क्षेत्र के एक अन्य बुनकर मदन ने कहा कि पल्लू पर ‘राम दरबार' के चित्रण वाली साड़ियों की भी काफी मांग है। मदन ने कहा, ‘‘हमारे पास राम मंदिर-थीम वाली साड़ियों के लिए अमेरिका से भी दो ऑर्डर मिले हैं।'
उन्होंने कहा कि इन साड़ियों की कीमत सात हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख रुपये तक है। - नयी दिल्ली। पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले व्यवसाय एक मार्च से सभी कारोबारी लेनदेन के लिए ई-चालान दिए बगैर ई-वे बिल जारी नहीं कर पाएंगे। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 50,000 रुपये से अधिक कीमत के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए ई-वे बिल रखना जरूरी होता है। राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने विश्लेषण के आधार पर पाया है कि ई-चालान के लिए कुछ पात्र करदाता बी2बी (फर्म से फर्म को) और बी2ई (कंपनियों से निर्यातकों को) के लेनदेन के लिए ई-वे बिल ई-चालान से जोड़े बगैर ही बना दे रहे हैं। इनमें से कुछ मामलों में, ई-वे बिल और ई-चालान के तहत अलग-अलग दर्ज चालान विवरण कुछ मापदंडों में मेल नहीं खा रहे हैं। इससे ई-वे बिल और ई-चालान विवरण के बीच मिलान नहीं हो रहा है। एनआईसी ने जीएसटी करदाताओं से कहा, “ऐसी स्थितियों से बचने के लिए एक मार्च, 2024 से ई-चालान विवरण के बिना ई-वे बिल बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह ई-चालान सक्षम करदाताओं और कारोबारी व निर्यात के तहत आपूर्ति से संबंधित लेनदेन के लिए लागू है।” हालांकि एनआईसी ने यह साफ किया है कि ग्राहकों से या गैर-आपूर्ति वाले अन्य लेनदेन के लिए ई-वे बिल पहले की तरह चलेगा।
-
नई दिल्ली। सरकार ने घटिया वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने तथा इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘स्विच-सॉकेट-आउटलेट’ और ‘केबल ट्रंकिंग’ जैसे बिजली के सामान के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं।
इस संबंध में उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा इस एक जनवरी 2024 को विद्युत सहायक उपकरण (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023 जारी किया गया।आदेशानुसार, वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का चिह्न न हो। डीपीआईआईटी ने कहा कि यह आदेश अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने बाद लागू होगा।इसमें कहा गया, ‘‘ इस आदेश में कुछ भी, निर्यात के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित वस्तुओं लागू नहीं होगा।’’ लघु, कुटीर एवं मझौले (एमएसएमई) क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आदेश के अनुपालन में छूट दी गई है। छोटे उद्योगों को नौ महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है, जबकि सूक्ष्म उद्यमों को 12 महीने का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।डीपीआईआईटी बीआईएस और हितधारकों के परामर्श से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) को अधिसूचित करने के लिए प्रमुख उत्पादों की पहचान कर रहा है। बीआईएस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध करने पर दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। उपयोगकर्ताओं और निर्माताओं के बीच गुणवत्ता संवेदनशीलता विकसित करने के लिए विभाग द्वारा क्यूसीओ के विकास सहित विभिन्न पहल की जा रही हैं।गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं और उत्पाद नियमावली बनाने के साथ ये पहल देश में एक गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेगी। अनिवार्य क्यूसीओ घटिया उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने, अनुचित व्यापार प्रक्रियाओं को रोकने और उपभोक्ताओं के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा तथा कल्याण सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।इससे पहले स्मार्ट मीटर, वेल्डिंग रॉड और इलेक्ट्रोड, कुकवेयर तथा बर्तन, आग बुझाने वाले यंत्र, बिजली के छत पंखे और घरेलू गैस स्टोव सहित कई वस्तुओं के लिए ऐसे आदेश जारी किए गए हैं। -
नई दिल्ली। सरकार ने बताया है कि अब तक 91 खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। कोयला मंत्रालय के अनुसार, छह वाणिज्यिक खदानों ने पहले ही कोयला उत्पादन शुरू कर दिया है और अन्य तीन में आने वाले महीनों में उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई पारदर्शी ऑनलाइन नीलामी प्रणाली की मदद से मंत्रालय ने नीलामी के सात दौर सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। नीलाम की गई खदानों से कोयला खनन से उत्पादन के साथ 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। मंत्रालय ने कहा है कि नीलाम खदानों से तीन लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। -
नई दिल्ली। दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को पछाड़ते हुए गौतम अदाणी अब भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स ने यह जानकारी दी है।एक तरफ जहां अदाणी ने वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 12 में अपनी जगह बना ली है, वहीं अंबानी सिर्फ एक पायदान नीचे 13वें स्थान पर हैं। दोनों पिछले साल से एक पायदान ऊपर चढ़े हैं। इससे पहले दिसंबर 2023 में, गौतम अदाणी 15वें स्थान पर पहुंच गए थे और अंबानी उस समय 14वें स्थान पर थे।
गुरुवार तक अदाणी इस लिस्ट में 14वें स्थान पर थे। मगर 24 घंटे में जबरदस्त कमाई के कारण वह 14वें से 12वें स्थान पर आ गए। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक, 97.6 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ, अदाणी ग्रुप के फाउंडर गौतम अदाणी अब दुनिया के 12वें सबसे अमीर व्यक्ति और लिस्ट में सबसे अमीर भारतीय और एशियाई हैं। उन्होंने पिछली लिस्ट के मुकाबले 7.67 अरब डॉलर की बढ़त हासिल की है और सालाना आधार पर (YTD) 13.3 अरब डॉलर अर्जित किए हैं। पिछले साल की शुरुआत में, हिंडनबर्ग के आरोपों के बीच अदाणी की नेटवर्थ में काफी गिरावट देखी गई थी।टॉप 50 में शामिल अन्य भारतीयरिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी अब 97 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 13वें स्थान पर भारत और एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं। पिछले परिवर्तन के बाद से उन्हें 76.4 करोड़ डॉलर का लाभ हुआ है और उनकी संपत्ति में सालाना आधार पर (YTD) 66.5 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स में टॉप 50 में अन्य भारतीय शापूर मिस्त्री 34.6 अरब डॉलर के साथ 38वें और शिव नादर 33 अरब डॉलर के साथ 45वें स्थान पर हैं। -
नयी दिल्ली. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को तुअर दाल खरीद मंच पेश किया और कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे। इस मंच पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य या बाजार मूल्य पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को बेच सकते हैं। शाह ने कहा कि भविष्य में उड़द और मसूर दाल के किसानों के साथ-साथ मक्का किसानों के लिए भी इसी तरह की सुविधा शुरू की जाएगी। मंत्री ने मंच के माध्यम से तुअर की बिक्री के भुगतान के लिए 25 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए करीब 68 लाख रुपये हस्तांतरित भी किए। सहकारी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (एनएएफईईडी) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) ‘बफर' भंडार बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से दालों की खरीद का काम करते हैं। मंत्री ने कहा कि बुआई से पहले तुअर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को अपनी उपज बेचने के लिए मंच पर पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजीकृत तुअर किसानों के पास एनएएफईईडी/एनसीसीएफ या खुले बाजार में बेचने का विकल्प होगा। अगर तुअर दाल का खुले बाजार में मूल्य एमएसपी से अधिक रहता है, तो उस स्थिति में एक विधि के जरिए औसत दर निकाली जाएगी। शाह ने कहा कि अधिक किसान दालों की खेती नहीं कर रहे हैं क्योंकि कीमतें सुनिश्चित नहीं हैं। मंच के जरिए खरीद के साथ यह पहल कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाएगी और दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा,‘‘ तुअर की खरीद किसानों से की जाएगी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है।''
शाह ने कहा कि देश अब भी चना और मूंग को छोड़कर कई प्रकार की दालों के लिए आयात पर निर्भर है।मंत्री ने कहा, ‘‘ दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे।'' उन्होंने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस), किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) तथा प्रगतिशील किसानों से मंच के बारे में जागरूकता फैलाने और किसानों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में दो गुना से अधिक की वृद्धि के दम पर पिछले 10 वर्षों में दालों का उत्पादन 2013-14 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1.92 करोड़ टन से बढ़कर 2022-23 में 2.605 करोड़ टन हो गया है। हालांकि, दालों का घरेलू उत्पादन अब भी खपत से कम है और आयात पर निर्भर है।इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित रहे। -
नयी दिल्ली. एयरलाइन इंडिगो ने विमान ईंधन की कीमतों में कमी के बाद बृहस्पतिवार से ईंधन शुल्क वसूलना बंद करने की घोषणा की है। एयरलाइन ने एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) की कीमतों में उछाल के बाद अक्टूबर 2023 की शुरुआत से ईंधन शुल्क वसूलना शुरू किया था। बृहस्पतिवार से इसे हटा दिया गया। विमानन कंपनी के अनुसार, हाल ही में एटीएफ की कीमतों में कमी के कारण ईंधन शुल्क वापस ले लिया गया है।
इंडिगो की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘ एटीएफ की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहता है..इसलिए हम कीमतों या बाजार स्थितियों में किसी भी बदलाव से निपटने के लिए अपने किराए और उसके घटकों को समायोजित करना जारी रखेंगे।'' ईंधन शुल्क एयरलाइन की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लागू था। -
मुंबई। जाने-माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने गुरुवार को आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की अधिक भागीदारी की वकालत करते हुए कहा कि इसमें वृद्धि को उल्लेखनीय रूप से गति देने की क्षमता है। श्रमबल में महिलाओं की कम भागीदारी के बारे में चिंताओं के बीच आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कहा कि भारत वृद्धि के ‘डबल इंजन' का हकदार है, जहां महिलाएं अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पिछले साल अक्टूबर में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में महिला श्रमबल की भागीदार दर वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 37 प्रतिशत हो गयी। लेकिन अन्य देशों से तुलना करने पर यह दर कम है। बिड़ला ने बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी (बीसीएएस) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि महिलाओं को जोड़ने वाला विकास मॉडल रणनीतिक रूप से कुशल कदम होगा। इस प्रकार का रुख संभावनाओं के उपयोग का रास्ता खोलता है। अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी में तेज वृद्धि से हमारी आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय रूप से तेजी आएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत इस तरह से ‘डबल इंजन' वृद्धि का हकदार है। देश इस पहलू पर सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहा है।'' बिड़ला ने कहा कि उन्होंने भविष्य के भारत की जो कल्पना की है, उसमें महिलाओं को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण तत्व है। इसे साकार करने के लिए हमें ‘लीक से हटकर' काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत तीव्र वृद्धि के रास्ते पर है और यह इतिहास में देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने भरोसा जताया कि देश एक महाशक्ति बनेगा। बिड़ला ने कहा कि अगले दशक में वैश्विक कार्यबल में योगदान का लगभग एक चौथाई हिस्सा भारत से होगा। और 2040 तक, देश में कार्यबल में एक अरब लोग होंगे। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए प्रेरित किया और योग्यता ने उन्हें कारोबार में मदद की।
-
नयी दिल्ली। सरकार घटिया वस्तुओं के आयात को रोकने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 500 से अधिक उत्पादों को दायरे में लाते हुए 65 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी करेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि ये आदेश उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित उत्पादों को बढ़ावा दे रहे हैं। इन आदेशों के तहत वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का निशान न हो। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम लगभग 65 क्यूसीओ ला रहे हैं, जिनके दायरे में 500 से अधिक उत्पाद हैं। क्यूसीओ उपभोक्ताओं को लाभान्वित कर रहा है और घटिया आयात को कम कर रहा है।” ये ऑर्डर स्मार्ट मीटर, नट, बोल्ट और फास्टनर जैसे सामानों के लिए पहले ही जारी किए जा चुके हैं। कानून का उल्लंघन करने पर पहले अपराध के लिए दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है, जो दूसरे और उसके बाद के अपराध के लिए बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपये हो जाता है।