नई आयकर विधेयक 2025 पर संसदीय समिति की रिपोर्ट लोकसभा में सोमवार को होगी पेश
नई दिल्ली। छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने वाले “Income Tax Bill, 2025” पर गठित संसद की चयन समिति की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की जाएगी। यह समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा गठित की गई थी और इसकी अध्यक्षता भाजपा नेता बैजयंत पांडा कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी को लोकसभा में यह नया आयकर विधेयक पेश किया था, जिसके बाद इसे 31 सदस्यीय चयन समिति को सौंपा गया था। समिति ने विधेयक में 285 सुझाव दिए हैं और 16 जुलाई को हुई बैठक में रिपोर्ट को मंजूरी दी।
सरलीकृत ढांचा: नया आयकर विधेयक पुराने अधिनियम की तुलना में काफी सरल और संक्षिप्त है। इसका उद्देश्य कर निर्धारण में पारदर्शिता और निश्चितता लाना है, जिससे मुकदमेबाजी और अस्पष्ट व्याख्याओं की गुंजाइश कम हो।
-आकार में आधा: नए बिल में शब्दों की संख्या 2.6 लाख है, जबकि पुराने अधिनियम में 5.12 लाख शब्द थे।
-अनुभागों में कटौती: पुराने कानून में जहां 819 प्रभावी अनुभाग थे, वहीं नए बिल में केवल 536 अनुभाग हैं।
-अध्यायों की संख्या घटाकर 23: पहले 47 अध्याय थे, अब केवल 23 होंगे।
-सरल भाषा का उपयोग: गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए अध्याय को आम समझ वाली भाषा में विस्तृत किया गया है।
-1,200 उपवाक्यों (provisos) और 900 स्पष्टीकरणों को हटाया गया है जिससे शब्द संख्या में 34,547 की कमी आई है।
नया कर वर्ष:
नए विधेयक में “पिछला वर्ष” (Previous Year) और “मूल्यांकन वर्ष” (Assessment Year) की जगह केवल “कर वर्ष” (Tax Year) की अवधारणा लागू की गई है। अब आयकर उसी वर्ष के लिए देय होगा जिसमें आय अर्जित की गई हो, जिससे करदाताओं के लिए प्रक्रिया और अधिक सहज हो जाएगी।
टैक्स दर, छूट और टीडीएस/टीसीएस:
छूट और TDS/TCS से जुड़े प्रावधानों को सारणीबद्ध (tabular format) कर अधिक स्पष्ट और संक्षिप्त बनाया गया है।
तालिकाओं की संख्या बढ़ाकर 57 कर दी गई है, जो कि वर्तमान कानून में मात्र 18 थी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने विधेयक पेश करते समय कहा था कि यह एक “सारगर्भित और ऐतिहासिक परिवर्तन” है। समिति की रिपोर्ट अब मानसून सत्र के पहले दिन, 21 जुलाई 2025 को लोकसभा में पेश की जाएगी। मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा।
नया आयकर विधेयक न केवल कर प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह करदाताओं की सुविधा और पारदर्शिता को भी प्राथमिकता देता है। अब नजर लोकसभा की कार्यवाही पर टिकी है, जहां विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित किए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
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