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- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोरी के संकेतों के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 420 रुपये की गिरावट के साथ 63,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 63,970 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,900 रुपये की भारी गिरावट के साथ 76,900 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 78,800 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘गुरुवार को सोने में गिरावट आई, विदेशी बाजारों में मंदी के रुझान के बाद दिल्ली के बाजार में सोने की हाजिर कीमतें (24 कैरेट) 420 रुपये की गिरावट के साथ 63,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थीं।'' अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोना गिरावट के साथ 2,042 डॉलर प्रति औंस और चांदी नुकसान के साथ 23.05 डॉलर प्रति औंस रही। गांधी ने कहा कि कॉमेक्स में सोने की कीमतें दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गईं क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को कम करने की योजना के बारे में अनिश्चितता ने व्यापारियों के बीच जोखिम-मुक्त भावना को बढ़ावा दिया। पिछले महीने हुई फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरे जारी होने के बाद ब्याज दर में कटौती की समयसीमा पर अनिश्चितता है।
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नयी दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रूस से तेल खरीदने में भुगतान की कोई समस्या नहीं है और इस खरीद में हाल में आई गिरावट उसकी तरफ से दी जाने वाली कम छूट का नतीजा है। पुरी ने एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले फरवरी, 2022 में भारत ने जितने तेल का आयात किया था उसमें रूसी तेल की हिस्सेदारी सिर्फ 0.2 प्रतिशत थी। लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच रूस ने तेल खरीद पर छूट की पेशकश की जिसके बाद यह हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई और रूस अब भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता देश है। पुरी ने कहा कि भारत अपने आयात स्रोतों में विविधता लेकर आया है और देश सबसे सस्ती उपलब्ध दरों पर खरीदारी करेगा। उन्होंने कहा, "भारतीय उपभोक्ताओं को बिना किसी व्यवधान के सबसे किफायती मूल्य पर ईंधन मिलने की शर्त है। रूस से तेल आयात 40 प्रतिशत तक बढ़ गया था। अब अगर यह 33 प्रतिशत या 28-29 प्रतिशत पर आ गया है तो इसके लिए भुगतान की कोई समस्या नहीं है। यह विशुद्ध रूप से उस कीमत की वजह से है जिस पर हमारी रिफाइनिंग कंपनियों को तेल मिलेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कंपनी ने भुगतान संबंधी समस्याओं के कारण आपूर्ति रोके जाने की शिकायत नहीं की है। इसके बजाय आपूर्तिकर्ता पहले बेचने और बाद में भुगतान एकत्र करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, "हम रूस से प्रतिदिन 15 लाख बैरल तेल खरीद रहे हैं। देश में 50 लाख बैरल की दैनिक खपत में से 15 लाख बैरल प्रतिदिन खरीद रहे हैं। अगर वे छूट नहीं देंगे, तो हम इसे क्यों खरीदेंगे?" लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हूती विद्रोहियों के ड्रोन हमलों पर पुरी ने कहा कि कुछ आपूर्तिकर्ताओं ने अपना रास्ता बदल लिया है और अब केप ऑफ गुड होप से होकर गुजर रहे हैं। हालांकि लाल सागर और स्वेज नहर से बचने पर लंबी यात्रा होगी लेकिन जहाजों को स्वेज नहर पारगमन शुल्क भी नहीं देना होगा। स्वेज नहर का इस्तेमाल लगभग एक तिहाई वैश्विक कंटेनर जहाज करते हैं। इसके जरिये 82 लाख बैरल कच्चे तेल का परिवहन होता है।
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नयी दिल्ली. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने इसके लिए मजबूत अर्थव्यवस्था, निरंतर सरकारी पूंजीगत व्यय और एक नए निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय की संभावना का हवाला दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने वृद्धि अनुमान को प्रभावित करने वाले जोखिमों के रूप में वैश्विक स्तर पर अस्थिर स्थिति के अलावा, कमजोर वैश्विक वृद्धि और व्यापार को चिह्नित किया। इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, “ये सभी जोखिम चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि को 6.7 प्रतिशत तक सीमित रखेंगे। चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि सालाना 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही है। इसके चालू वित्त वर्ष की शेष दो तिमाहियों में धीमी होने की संभावना है।” भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी शेष दो तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि कुछ सुस्त पड़ने की आशंका है। केंद्रीय बैंक ने संभावना जताई है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रहेगी।
पिछले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। इंडिया रेटिंग्स ने बयान में कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष के लिए देश के जीडीपी वृद्धि अनुमान को पूर्ववर्ती 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। इसके पीछे भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, निरंतर सरकारी पूंजीगत व्यय, कॉरपोरेट्स/बैंकिंग क्षेत्र में घटता कर्ज, एक नए निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय चक्र की संभावना और शेष विश्व से धन प्रेषण के साथ व्यापार और सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में निरंतर गति बनी रहने जैसे कई कारक हैं। इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि उपभोक्ता मांग व्यापक आधार वाली नहीं है। उपभोग वृद्धि के लिए वेतन वृद्धि महत्वपूर्ण है। इंडिया रेटिंग्स की गणना से पता चलता है कि वास्तविक मजदूरी में एक प्रतिशत की वृद्धि से वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 1.12 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है और इसके गुणक प्रभाव से सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के ग्राहकों को दिया गया कर्ज दिसंबर तिमाही में 13.5 प्रतिशत बढ़कर 9.72 लाख करोड़ रुपये रहा। पीएनबी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में कुल कर्ज 8.56 लाख करोड़ रुपये था। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने अलग से दी सूचना में कहा कि उसका कर्ज दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में 20.28 प्रतिशत बढ़कर 1.88 लाख करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1.56 लाख करोड़ रुपये था। पुणे के बैंक में ग्राहकों की जमा राशि 17.90 प्रतिशत बढ़कर 2.45 लाख करोड़ रुपये रही जो दिसंबर, 2022 को समाप्त तिमाही में 2.08 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं पीएनबी बैंक की जमा आलोच्य तिमाही में 9.4 प्रतिशत बढ़कर 13.23 लाख करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2022-23 की दिसंबर तिमाही में 12.10 लाख करोड़ रुपये थी। -
नयी दिल्ली. देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री कैलेंडर साल 2023 में 8.3 प्रतिशत बढ़कर 41.08 लाख इकाई के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। इसमें स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) खंड ने आधी हिस्सेदारी के साथ सबसे अहम भूमिका निभाई। वाहन विनिर्माता कंपनियों की थोक बिक्री का यह रिकॉर्ड इस लिहाज से खासा अहम है कि बीते साल वाहनों का औसत मूल्य बढ़कर 11.5 लाख रुपये पर पहुंच गया, जबकि वर्ष 2022 में 10.58 लाख रुपये के औसत दाम पर बिक्री हुई थी। भारतीय वाहन बाजार की दिग्गज कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंदै मोटर, टाटा मोटर्स और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के लिए 2023 सबसे अच्छे बिक्री आंकड़े वाला साल साबित हुआ है। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि जनवरी-दिसंबर, 2023 में थोक बिक्री का आंकड़ा 41.08 लाख को पार कर गया। यह पहला मौका है जब वाहन बिक्री का सालाना आंकड़ा 40 लाख से अधिक रहा है। यह भारतीय यात्री वाहन बाजार के इतिहास में एक बड़ा मुकाम है। वर्ष 2022 के कैलेंडर साल में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 37.92 लाख इकाई रही थी जो इसका पिछला उच्चतम बिक्री रिकॉर्ड है। इस तरह सालाना आधार पर बिक्री में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। श्रीवास्तव ने 2023 में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री के 40.51 लाख इकाई रहने का अनुमान जताते हुए कहा कि यह 2022 के 37.30 लाख इकाई की तुलना में 8.6 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने इस रिकॉर्ड बिक्री का श्रेय स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) खंड को देते हुए कहा कि इस खंड की बिक्री में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। इसके अलावा कुल यात्री वाहनों में एसयूवी की हिस्सेदारी 2022 के 42 प्रतिशत से बढ़कर 48.7 प्रतिशत हो गई जबकि हैचबैक का हिस्सा 34.8 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत पर आ गया। देश में वाहनों का औसत बिक्री मूल्य 2023 में बढ़कर 11.5 लाख रुपये हो गया। इसके पीछे उत्पादन लागत में बढ़ोतरी और अधिक कीमत वाले एसयूवी की बिक्री में आई तेजी की अहम भूमिका रही। देश की सबसे बड़ी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी ने 2023 में 20 लाख इकाइयों की बिक्री के साथ अपना रिकॉर्ड बनाया, जिसमें 2.69 लाख वाहन निर्यात भी किए गए। इसमें 7.76 लाख इकाइयों के साथ ग्रामीण बाजार में सर्वाधिक बिक्री दर्ज की गई। हुंदै मोटर इंडिया ने सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2023 में कुल 7,65,786 इकाइयों की बिक्री की जबकि पिछले साल इसकी कुल बिक्री 7,00,811 इकाई थी। बीते साल कंपनी ने 6,02,111 इकाइयों के साथ सर्वाधिक घरेलू बिक्री का आंकड़ा भी हासिल किया। हुंदै मोटर के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी ने वाहन उद्योग की अनुमानित वृद्धि दर से अधिक रफ्तार हासिल की है। इस दौरान कंपनी ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में भी 50,000 इकाई की बढ़ोतरी की है। घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स ने भी 2023 में किसी कैलेंडर साल का सबसे अच्छा आंकड़ा हासिल किया है। साल के दौरान कंपनी ने कुल 5.53 लाख वाहन बेचे। यह लगातार तीसरा साल है जब कंपनी एक कैलेंडर वर्ष में अपना आंकड़ा बेहतर करती रही है। टाटा मोटर्स पैसेंजर वेहिकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि 2023 में कॉम्पैक्ट एसयूवी और हैचबैक खंड के प्रदर्शन के बूते कंपनी ने रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की है। इसमें लंबे त्योहारी मौसम के दौरान मांग में आई तेजी और सुधरी आपूर्ति का योगदान रहा। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भी बीते साल 2,33,346 इकाइयों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ बिक्री आंकड़ा हासिल किया है। यह एक साल पहले के 1,60,364 इकाइयों की तुलना में 46 प्रतिशत अधिक है। एमजी मोटर इंडिया की कुल खुदरा बिक्री इस अवधि में 18 प्रतिशत बढ़कर 56,902 इकाई हो गई। इसमें कंपनी के इलेक्ट्रिक मॉडलों की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा की यात्री वाहन बिक्री दिसंबर में सालाना आधार पर 24 प्रतिशत बढ़कर 35,174 इकाई हो गई, जबकि साल भर पहले यह 28,445 इकाई थी। कंपनी के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव खंड) विजय नाकरा ने कहा कि कुछ हिस्सों की आपूर्ति की समस्या होने से स्थिति चुनौतीपूर्ण रही। होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड की पिछले महीने घरेलू बिक्री 12 प्रतिशत वृद्धि के साथ 7,902 इकाई हो गई जबकि दिसंबर, 2022 में यह 7,062 इकाई थी। कंपनी के निदेशक (विपणन एवं बिक्री) युइची मुराता ने कहा कि कंपनी सकारात्मकता और आशावाद के साथ नए साल का इंतजार कर रही है। इस बीच, दोपहिया वाहन खंड में रॉयल एनफील्ड की बिक्री दिसंबर में सात प्रतिशत घटकर 63,387 इकाई रह गई जो साल भर पहले इसी महीने में 68,400 इकाई थी। घरेलू बिक्री चार प्रतिशत गिरकर 57,291 इकाई रही जबकि निर्यात 29 प्रतिशत घटकर 6,096 इकाई रह गया। टीवीएस मोटर कंपनी की दिसंबर 2023 में दोपहिया वाहन बिक्री 27 प्रतिशत बढ़कर 2,90,064 इकाई हो गई। इस दौरान मोटरसाइकिल की बिक्री 19 प्रतिशत बढ़कर 1,48,049 इकाई हो गई जबकि स्कूटर की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 1,03,167 इकाई हो गई।
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नयी दिल्ली,एयर इंडिया 22 जनवरी से घरेलू मार्गों पर अपने पहले ए350 विमान का परिचालन शुरू करेगी। इसमें पहली उड़ान बेंगलुरु से मुंबई के लिए होगी। ए350-900 विमान में 316 सीटें होंगी। इसमें 28 बिजनेस क्लास, 24 प्रीमियम इकनॉमी और 264 इकनॉमी श्रेणी की सीटें होंगी। एयरलाइन ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘भारत का पहला एयरबस ए350 इस महीने 22 तरीख को वाणिज्यिक परिचालन में आएगा।'' इसकी उड़ानें बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई से परिचालित होंगी।
बयान के अनुसार, ‘‘बाद में ए350 विमानों को लंबी दूरी की उड़ानों के लिये तैनात किया जाएगा। एयर इंडिया ने सोमवार को ए350 उड़ानों के लिए बुकिंग शुरू कर दी।
एयरलाइन के ए350-900 विमानों में से 20 विमानों की पहली खेप 23 दिसंबर को दिल्ली पहुंची। -
नयी दिल्ली. भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को कहा कि कर अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कथित तौर पर जीएसटी का कम भुगतान करने के लिए उसे लगभग 806 करोड़ रुपये की मांग का नोटिस भेजा है। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे महाराष्ट्र राज्य के लिए ब्याज और जुर्माने के साथ जीएसटी संग्रह के लिए सोमवार को एक आदेश मिला है। कंपनी ने कहा कि वह निर्धारित समयसीमा के भीतर इस आदेश के खिलाफ आयुक्त (अपील), मुंबई के समक्ष अपील दायर करेगी। नियामकीय सूचना के मुताबिक, इस नोटिस का एलआईसी की वित्तीय, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ा है।
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नयी दिल्ली. भारत ने 2023 में वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थतियों का ‘निर्णायक' तरीके से सामना किया और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘दर्जा' कायम रखा। बढ़ती मांग, घटती महंगाई, स्थिर ब्याज दर परिदृश्य और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से 2023 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी रही। दुनिया के विकसित देशों में व्यापक निराशावाद और बिगड़ती भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है। इस तरह भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यानी भारत इस मामले में चीन से आगे रहेगा। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के ताजा वृद्धि अनुमान के अनुसार, भारत 2023 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जो चीन और ब्राजील की वृद्धि दर क्रमशः 5.2 प्रतिशत और तीन प्रतिशत से कहीं अधिक है। ओईसीडी का अनुमान है कि 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, भारत के संदर्भ में ओईसीडी के वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को कुछ कम माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नए साल में आर्थिक वृद्धि दर में या तो गिरावट आ सकती है, या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत की वृद्धि ने ‘‘कई बाहरी झटकों के बावजूद काफी जुझारू क्षमता दिखाई है। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर कौशल और संपत्ति से ‘लैस' करने से 2024 और उससे आगे भारत अच्छी वृद्धि हासिल कर सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भूराजनीतिक घटनाक्रम फिर से भारत की घरेलू मांग की मजबूती का परीक्षण करेगा। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी, जो चालू वित्त वर्ष से कुछ कम है।'' अर्थव्यवस्था पर भारतीय रिजर्व बैंक के एक हालिया लेख में कहा गया है कि ‘‘वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा।'' एमपीसी के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा, ‘‘कुछ कठिन वर्षों के बाद आर्थिक माहौल बेहतर हो रहा है। महंगाई घट रही है और वृद्धि बढ़ रही है। ज्यादातर अनुमानों में कहा गया है कि 2024-25 में भारत की वृद्धि दर 2023-24 की तुलना में कुछ कम रहेगी। वृद्धि की राह में सबसे बड़ा जोखिम वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती और भूराजनीतिक दबाव है।''
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रविवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे अरविंद पानगड़िया को 16वें वित्त आयोग (एसएफसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महीने पहले16वें वित्त आयोग का काम करने का क्षेत्र (टर्म आफ रेफरेंस) निर्धारित किया था।
बहरहाल सरकार ने वित्त आयोग के सदस्यों की नियुक्ति नहीं की है, जिससे इस आयोग के कामकाज में और देरी हो सकती है। गजट अधिसूचना में कहा गया है, ‘सोलहवें वित्त आयोग के सदस्यों को अलग से अधिसूचित किया जाएगा।’बारहवें वित्त आयोग के सदस्य रहे डीके श्रीवास्तव ने कहा कि पानगड़िया इस काम के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं क्योंकि उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था की बहुत अच्छी समझ है और उन्होंने कई साल तक नीति आयोग का काम संभाला है।पानगड़िया ने जनवरी 2015 से लेकर अगस्त 2017 तक नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। यह पद कैबिनेट मंत्री के स्तर का होता है। इन वर्षों के दौरान उन्होंने भारत के जी20 के शेरपा के रूप में भी काम किया और जी20 की बातचीत में शामिल भारतीय दल का नेतृत्व किया।सदस्यों की नियुक्ति में देरी के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट पूरी करने में 2 से 2.5 साल का वक्त लेता है और ऐसे में यह जरूरी है कि नियुक्तियां समय से हों।श्रीवास्तव ने कहा कि 2024 में वैश्विक सुस्ती और गंभीर हो सकती है और विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश सुस्ती की गिरफ्त में आ सकते हैं, इससे एफएफसी के आकलन में चुनौतियां आ सकती हैं।पानगड़िया इस समय कोलंबिया विश्वविद्यालय में जगदीश भगवती प्रोफेसर आफ इंडियन पॉलिटिकल इकोनॉमी के रूप में काम कर रहे हैं। वह भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर लगातार टिप्पणी करते रहे हैं, जिनमें ऐसी टिप्पणियां भी शामिल हैं, जिनके बारे में उन्हें वित्त आयोग का कामकाज करते हुए मूर्त रूप देना है।पानगड़िया ने हाल में ओडिशा को एक उदाहरण के रूप में बताया था कि मतदाताओं ने नेता को किस तरह पुरस्कृत किया है, जिन्होंने लगातार उच्च आर्थिक वृद्धि दी है। वहीं उन्होंने राजस्थान सरकार के पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने और स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक लाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘मतदाताओं को आकर्षित करने के खतरनाक गैर-जिम्मेदाराना तरीकों’ का उदाहरण बताया था।वित्त आयोग संवैधानिक निकाय है। इसका गठन हर 5 साल पर किया जाता है। यह केंद्र व राज्यों के बीच कर विभाजन का फॉर्मूला तैयार करता है। साथ ही राज्यों और स्थानीय निकायों के बीच कर विभाजन का भी तौर तरीका तय करता है। इस समय भारत में केंद्र का 41 प्रतिशत कर राज्यों के साथ साझा किया जाता है, जिसकी सिफारिश 15वें वित्त आयोग ने की थी।अब तक की परंपरा से हटते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 नवंबर को अध्यक्ष व सदस्यों के नाम का खुलासा किए बगैर वित्त आयोग के काम करने के क्षेत्र को मंजूरी दे दी थी। वित्त आयोग को अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 को देनी होगी, जिसमें 1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी 5 साल की अवधि शामिल होगी।एनके सिंह की अध्यक्षता वाले पंद्रहवें वित्त आयोग की वैधता 31 मार्च, 2026 तक है। सरकारी अधिकारी ऋत्विक रंजनम पांडेय को आयोग का सचिव बनाया गया है।सरकार ने वित्त आयोग के काम करने का क्षेत्र सिर्फ संवैधानिक रूप से अनिवार्य प्रावधानों तक सीमित कर दिया है, जिसमें केंद्र और राज्यों और राज्यों के भीतर कर का वितरण, भारत की संचित निधि से राज्यों को राजस्व सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत और राज्यों में पंचायतों व नगर पालिकाओं के धन जुटाने के पूरक संसाधनों के बारे में कदम उठाने जैसी सिफारिशें शामिल है।अग्रणी व्यापार अर्थशास्त्री पानगड़िया अक्सर सरकार की संरक्षणवादी आयात छूट नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। हालांकि वह नरेंद्र मोदी सरकार की व्यापक आर्थिक नीतियों के समर्थक रहे हैं।पानगड़िया ने इसके पहले एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में काम किया है और उन्होंने विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अंकटाड में भी विभिन्न पदों पर काम किया है।उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि ली है। मार्च 2012 में भारत सरकार ने पानगड़िया को पद्म भूषण से सम्मानित किया था, जो किसी भी क्षेत्र में काम करने पर दिया जाने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। -
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की और उनके वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान साइबर सुरक्षा से संबंधित चिंताओं और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े जोखिमों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि इस दौरान धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों से जुड़े मुद्दे और राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) की प्रगति पर भी चर्चा हुई। आम बजट 2024-25 को पेश करने और अगले साल के अंत में होने वाले आम चुनाव से पहले यह संभवतः आखिरी पूर्ण समीक्षा बैठक है। पीएसयू बैंकों ने चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान लगभग 68,500 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इन बैंकों के नतीजों के मुताबिक 2022-23 के दौरान उनकी बैलेंस शीट स्वस्थ गति से बढ़ी, तथा जमा और ऋण वृद्धि दोनों में तेजी आई। इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने पीएसबी के प्रमुखों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी और उन्हें अपनी खराब संपत्तियों के प्रबंधन के तहत सभी मामलों, विशेष रूप से शीर्ष 20 दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) मामलों की निगरानी करने के लिए कहा। पीएसबी के प्रबंध निदेशकों और सीईओ के साथ एक बैठक के दौरान वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने उनसे शीर्ष 20 आईबीसी मामलों की मासिक समीक्षा करने को कहा।
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नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी से मुंबई जा रही इंडिगो की उड़ान में एक यात्री ने परोसे गए सैंडविच में कीड़ा मिलने की बात कही। यात्री ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। एयरलाइन ने इस संबंध में माफी मांगते हुए कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। यह घटना शुक्रवार को दिल्ली से मुंबई जाने वाली उड़ान 6ई 6107 में हुई। महिला यात्री खुशबू गुप्ता ने उड़ान के दौरान दिए गए सैंडविच में कीड़ा मिलने का एक छोटा वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया। वीडियो के संबंध में संपर्क किए जाने पर इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन दिल्ली से मुंबई की उड़ान 6ई 6107 में हुई घटना के संबंध में एक ग्राहक द्वारा उठाई गई चिंता से अवगत है। प्रवक्ता ने शनिवार को एक बयान में कहा, “जांच करने पर हमारे दल ने उस सैंडविच को परोसना तुरंत बंद कर दिया। मामले की फिलहाल जांच की जा रही है और उचित सुधारात्मक कदम उठाने के लिए हम अपने रसोईकर्मियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यात्री को हुई किसी भी असुविधा के लिए हम ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को बड़ी खुशखबरी दी है। आगामी तिमाही यानी जनवरी-मार्च के लिए इस छोटी बचत योजना पर ब्याज दर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दिया गया है।
वित्त मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक, सरकार ने तीन साल के पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट पर भी दरों में 0.1 फीसदी यानी 10 आधार अंको का इजाफा कर दिया है। अब इस योजना के तहत 7 फीसदी के बजाय 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा। जबकि, अन्य छोटी बचत योजनाओं (small savings schemes) के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार छोटी बचत योजनाओं पर हर तिमाही ब्याज दरों का निर्धारण करती है।सरकार की बोहद लोकप्रिय PPF योजना पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फिलहाल इस स्कीम पर सरकार 7.1 फीसदी ब्याज दे रही है। किसान विकास पत्र के तहत निवेशकों को 7.5 फीसदी ही ब्याज मिलेगा, जो 115 महीने यानी 9 साल 7 महीने में मैच्योर होगा। बता दें कि मैच्योरिटी पूरी होने के साथ इस स्कीम के तहत पैसा डबल हो जाता है।नैशनल सेविंग स्कीम (NSC) के तहत भी ब्याज दरें पहले से ही 7.7 फीसदी मिल रही हैं, और ये 1 जनवरी से 31 मार्च, 2024 तक के लिए समान बनी रहेंगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। मंथली इनकम स्कीम (MIS) पर भी निवेशकों को 7.4 फीसदी की ब्याज मिल रही है और आने वाली तिमाही में यह जस की तस बनी रहेगी। -
नई दिल्ली। निवेशकों के सतर्क रुख के बीच साल के अंतिम कारोबारी दिन देसी शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि पिछले पांच कारोबारी सत्रों में तेजी रहने के बाद शुक्रवार को ऊर्जा, बैंकिंग और आईटी शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा। हालांकि ग्लोबल मार्केट में पॉजिटिव रुझान देखे गए।
आज के कारोबार में BSE सेंसेक्स 170 अंक फिसला। वहीं, निफ्टी (Nifty) में भी 47 अंक की गिरावट दर्ज की गई। व्यापक बाजारों में, BSE मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों क्रमशः 0.85 प्रतिशत और 0.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ हरे निशान पर बंद हुए। बहरहाल, BSE सेंसेक्स 18.8 फीसदी और निफ्टी 20.1 फीसदी की ठोस बढ़त के साथ कैलेंडर वर्ष 2023 को समाप्त कर रहा है।BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 170.12 अंक यानी 0.23 फीसदी की गिरावट के साथ 72,240.26 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में आज 72,082.64 और 72,417.01 के रेंज में कारोबार हुआ। वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में भी 47.30 अंक यानी 0.22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी दिन के अंत में 21,731.40 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में आज 21,676.90 और 21,770.30 के रेंज में कारोबार हुआ।साल के अंतिम कारोबारी सत्र में सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से अधिकांश नुकसान में रहीं। भारतीय स्टेट बैंक, इंफोसिस, टाइटन, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक महिंद्रा बैंक गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।दूसरी ओर टाटा मोटर्स, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और अल्ट्राटेक सीमेंट में बढ़त हुई।एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की नुकसान में रहा, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। दक्षिण कोरिया में बाजार बंद रहे। यूरोपीय बाजार तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि गुरुवार को अमेरिकी बाजार मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए। एक दिन पहले गुरुवार को सेंसेक्स 371.95 अंक उछलकर 72,410.38 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 123.95 अंक चढ़कर 21,778.70 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.86 प्रतिशत चढ़कर 77.81 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने गुरुवार को शुद्ध रूप से 4,358.99 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को भुगतान अवसंरचना विकास कोष (PIDF) योजना को दो साल बढ़ाकर दिसंबर 2025 तक कर दिया। इसके साथ ही ‘साउंड बॉक्स’ उपकरण और ‘आधार’ से जुड़े बायोमेट्रिक उपकरणों को शामिल करके सब्सिडी देने की गुंजाइश को बढ़ा दिया गया है। PIDF का कोष 30 नवंबर, 2023 तक 1,026.37 करोड़ रुपये था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जनवरी 2021 में तीन वर्षों के लिए PIDF योजना शुरू की थी। इस योजना का मकसद टियर-3 शहरों से टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर के राज्यों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भुगतान अवसरंचना को बढ़ावा देना है।
इनमें प्वाइंट ऑफ सेल (POS) टर्मिनल और क्विक रिस्पॉन्स (QR) कोड शामिल हैं। योजना के तहत लाभार्थियों का दायरा बढ़ाने के लिए सभी केंद्रों में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के पात्र व्यक्तियों को PIDF योजना के दायरे में लाया गया है। - नई दिल्ली। दुनियाभर के स्मार्टफोन मार्केट में अपना दबदबा बनाने के बाद शाओमी की नजर अब कार सेगमेंट पर है। कंपनी बहुत जल्द अपनी पहली कार Xiaomi SU7 मार्केट में उतारेगी। स्मार्टफोन निर्माता दिग्गज ने 28 दिसंबर को बीजिंग में उद्घाटन स्ट्राइड लॉन्च इवेंट में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार से पर्दा उठाया। इस इवेंट में, Xiaomi ने दुनिया के टॉप पांच वाहन निर्माताओं में से एक बनने का अपना इरादा भी स्पष्ट कर दिया।Xiaomi ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर Xiaomi SU7 की पहली फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘’पेश है #XiaomiSU7 एक्वा ब्लू! इसके लिए कौन दीवाना बन रहा है? कंपनी SU7 सीरीज के तहत तीन मॉडल पेश करने जा रही है। इनके नाम SU7, SU7 Pro और SU7 Max होंगे।शाओमी का दावा है कि SU7 ग्लोबल मार्केट में सबसे तेज ईवी में से एक है, जिसका मोटर 21,000 rpm तक घूमता है। कंपनी ने अभी तक SU7 की कीमतों की घोषणा नहीं की है। कंपनी ने दिसंबर 2023 से Xiaomi SU7 का प्रोडक्शन बड़े स्तर पर करना शुरू किया है। ग्राहकों को फरवरी 2024 से इसकी डिलिवरी की जा सकती है।फीचर्समीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Xiaomi SU7 एक C क्लास की सिडान कार होगी। इस कार में सिंगल मोटर होगी, जो 220kW (295hp) की पावर जनरेट कर सकता है। SU7 Lidar-आधारित ऑटोनॉमस ड्राइविंग फीचर्स जैसे सेल्फ पार्किंग, एडाप्टिव क्रूज़ कंट्रोल आदि से लैस है। कार हाइपरओएस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलती है। बात करें Xiaomi SU7 कार के डाइमेंशन की तो मध्यम आकार की प्रीमियम इलेक्ट्रिक सेडान की लंबाई 4,997 मिमी, चौड़ाई 1,963 मिमी और ऊंचाई 1,440/1,455 मिमी है। इसका व्हीलबेस 3,000 मिमी है। चुने गए स्पेसिफिकेशन के आधार पर इसका वजन 1,980-2,205 किलोग्राम के बीच है।BYD की कार जैसी हो सकती है बैटरीXiaomi SU7 को दो बैटरी पैक विकल्पों के साथ पेश किया जा सकता है। पहली एंट्री-लेवल ट्रिम्स में BYD से 73.6kWh लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) बैटरी, और CATL से एक बड़ा 101kWh CTB (सेल टू बॉडी) बैटरी पैक। SU7 की अनुमानित रेंज एक बार चार्ज करने पर 800 किमी तक आंकी गई है।दुनिया की होगी सबसे तेजी ईवीकंपनी ने दावा किया है कि Xiaomi SU7 दुनिया की सबसे तेज ईवी होगी। इलेक्ट्रिक सेडान दो पावरट्रेन विकल्पों- सिंगल मोटर और डुअल मोटर में उपलब्ध होगी। पूर्व में 220kW (295 hp) के अधिकतम आउटपुट के साथ 210 किमी प्रति घंटे की अनुमानित टॉप स्पीड के साथ एक रियर-व्हील ड्राइव मोटर मिलती है। डुअल-मोटर सेटअप टॉप-स्पेक ट्रिम के लिए आरक्षित है जिसमें 495kW (664 hp) के ज्वाइंट आउटपुट के साथ एक ऑल-व्हील ड्राइव सिस्टम मिलता है। इस वेरिएंट में 265 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड का दावा किया गया है।
- नई दिल्ली। सॉफ्टबैंक, मेटा प्लेटफॉर्म्स और प्रोसस जैसे दिग्गजों के निवेश वाली कंपनी मीशो (Meesho) ने वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के रिजल्ट्स जारी कर दिए हैं। एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि वह चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज करने वाली पहली ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न बन गई है। कंपनी ने हालांकि जुलाई-सितंबर तिमाही में कितना मुनाफा हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी।ऑनलाइन सामान बेचने लाली ई-कॉमर्स कंपनी मीशो के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मीशो ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में पहली बार मुनाफा कमाया। दूसरी तिमाही के अंत और त्योहारी सीजन में सकारात्मक गति से मीशो भारत में प्रॉफिट में रहने वाली पहली ई-कॉमर्स कंपनी बन गई है।’ कंपनी ने भी अपने बयान में कहा कि उसने जुलाई तिमाही में पहली बार मुनाफा दर्ज किया।चालू वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू भी शानदार तेजी से आगे बढ़ा। इसने सालाना आधार पर 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,521 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। कंपनी का घाटा भी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कम होकर 141 करोड़ रुपये रह गया।मीशो की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की परिचालन आय सालाना आधार पर 37 प्रतिशत बढ़कर 3,521 करोड़ रुपये रही। इस अवधि में घाटा 141 करोड़ रुपये था।’मीशो (Meesho) का वित्त वर्ष 23 में ऑपरेशन से रेवेन्यू 77 फीसदी बढ़ गया है। कंपनी ने एक साल में तेज रफ्तार से ग्रोथ करते हुए रेवेन्यू को वित्त वर्ष 22 में 3,232 करोड़ रुपये के मुकाबले 5,735 करोड़ कर दिया। कंपनी ने कहा कि कस्टमर्स द्वारा ज्यादा खरीदारी और लेनदेन की वजह से यह इजाफा देखने को मिला।मीशो के रेवेन्यू बढ़ने के साथ ही साथ नेट घाटा में भी कमी देखने को मिली है। कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 22 में 3,251 करोड़ रुपये के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में इसका नेट घाटा कम होकर 1,675 करोड़ रुपये रह गया है।बेंगलूरु स्थित कंपनी मीशो नए ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए किए जाने वाले खर्चों यानी कस्टमर एक्वीजीशन कॉस्ट (CACs), इंफ्रास्ट्रक्चर में लगने वाली लागत में कटौती करके औऱ साथ ही साथ साल भर में दो बार कर्मचारियों की छंटनी कर घाटे को कम किया है।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बृहस्पतिवार को थोक जमा पर निर्भर रहने की बैंकों के बीच बढ़ती प्रवृत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि इसपर उच्च लागत आती है जो मार्जिन पर भी असर डालती है। स्वामीनाथन ने यहां भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि बैंकों को अपने ब्याज दर जोखिमों के प्रभावी प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके साथ ही डिप्टी गवर्नर ने कहा, ‘‘यदि बैंक ऊंची कीमत वाली थोक जमाओं पर बहुत अधिक निर्भर रहेंगे तो उनके लिए वक्त मुश्किल हो जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में गिरावट होने पर भी इन दीर्घकालिक बड़ी जमाओं का बैंकों को प्रबंधन करना होगा जिससे उनका मुनाफा और मार्जिन कम हो सकता है।'' स्वामीनाथन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति का सबसे बड़ा असर बैंकों के शुद्ध ब्याज मार्जिन पर पड़ेगा जिससे उनका मुनाफा कम हो जाएगा। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने इसे एक बड़ा जोखिम बताते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने पाया है कि कई बैंक सूचना प्रौद्योगिकी के लिए निर्धारित राशि भी खर्च नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही स्वामीनाथन ने बैंकों में खराब प्रशासन और प्रबंधन प्रथाओं का मुद्दा भी उठाया। -
नयी दिल्ली. मजबूत उपभोक्ता मांग के दम पर भारत 2024 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रह सकता है। इससे निर्माण, आतिथ्य, रेलवे तथा विमानन सहित बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में निवेश में बढ़ोतरी होगी। उद्योग मंडल एसोचैम ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा है। सरकारी खर्च तथा विनिर्माण से मिले प्रोत्साहन के दम पर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर उम्मीद से कहीं अधिक 7.6 प्रतिशत रही है। जीडीपी में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि ज्यादातर अनुमानों से कहीं अधिक है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी। भारत की जीडीपी वृद्धि ने जुलाई-सितंबर में चीन की 4.9 प्रतिशत की वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है। वहीं पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाएं उच्च ब्याज दर और ऊर्जा कीमतों का दबाव झेल रही हैं। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘ समग्र अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत की वृद्धि के रुझान के साथ भारत की वृहद तस्वीर काफी मजबूत दिखती है...'' उद्योग निकाय के अनुसार, वित्तीय, निर्माण, होटल, विमानन, मोटर वाहन और इलेक्ट्रॉनिक जैसे अन्य विनिर्माण क्षेत्रों का नेतृत्व करने वाला भारतीय उद्योग जगत आने वाले वर्ष में और बेहतर प्रदर्शन करने की स्थिति में हैं। कच्चे तेल की कम कीमतों, कच्चे माल की लागत पर बड़े सकारात्मक प्रभाव के साथ मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने से इसको मदद मिल रही है। एसोचैम ने कहा, ‘‘ निर्माण जैसे क्षेत्रों से संबंधित कई उद्योगों ने भी गति पकड़ी है। इनमें इस्पात, सीमेंट, खनन, बिजली उत्पादन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं शामिल हैं। -
मुंबई. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई ने चुनिंदा अवधियों पर सावधि जमा के लिए ब्याज दर में 0.5 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बुधवार से प्रभावी संशोधित दरों के तहत 180-210 दिनों के बीच की जमा राशि पर 5.75 प्रतिशत प्रति वर्ष का ब्याज मिलेगा, जो पहले 5.25 प्रतिशत था। इसी तरह, 7-45 दिनों के लिए जमा पर 3.50 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जो पहले तीन प्रतिशत था।
वेबसाइट के अनुसार, अन्य अवधियों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि गई है। इसमें 46-179 दिन की अवधि के लिए ब्याज 4.75 प्रतिशत, 211 दिन से एक वर्ष से कम के लिए छह प्रतिशत और तीन साल से पांच साल से कम की अवधि पर ब्याज अब 6.75 प्रतिशत मिलेगा। -
मुंबई. सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी अपनी हरित ऊर्जा इकाई को एक-दो साल में सूचीबद्ध करने की योजना बना रही है। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गुरदीप सिंह ने बुधवार को कहा कि कंपनी को भविष्य में इसमें अधिक मांग की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कंपनी देश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रही है। सिंह ने कंपनी की हरित ऊर्जा इकाई को सूचीबद्ध करने पर विचार करने से जुड़े एक सवाल पर कहा, “शायद मुझे लगता है कि (एक आईपीओ) अगले एक से दो साल में आने वाला है...।'' वे यहां 10वें ‘एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव' में एक परिचर्चा में यह बात कही।
उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से आगे देख रहे हैं ...और यह हमारी सोचने की प्रक्रिया है... मुझे लगता है कि लगभग एक या दो साल में हम आईपीओ के लिए जाएंगे। -
नयी दिल्ली. चावल की महंगाई पर लगाम लगाने लगाने के मकसद से सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चावल को भारत ब्रांड के तहत बेचने की योजना बना रही है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इसकी कीमत अभी तय नहीं हो पायी है।
उल्लेखनीय है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत ई-नीलामी के माध्यम से भारतीय खाद्य निगम के चावल की बिक्री के माध्यम से घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देकर खुदरा चावल की कीमतों पर अंकुश लगाने के मंत्रालय के प्रयासों को फीकी प्रतिक्रिया मिली है। अधिकारी ने कहा, भारत चावल' की खुदरा बिक्री का प्रस्ताव है लेकिन कीमत अभी तय नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ओएमएसएस के तहत, एफसीआई 29 रुपये प्रति किलोग्राम के आरक्षित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण चावल की पेशकश कर रहा है।
भारत चावल' को समान दर पर बेचा जाए या कम दर पर, इसका निर्णय मंत्री समूह को लेना है।” सरकार पहले से ही भारत ब्रांड के तहत गेहूं का आटा (आटा) और दालें भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और केंद्रीय भंडार के दुकानों के माध्यम से बेच रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एफसीआई इस साल अब तक ओएमएसएस के तहत केवल 3.04 लाख टन चावल ही बेच पाई है। गेहूं के मामले में, नोडल एजेंसी ने ओएमएसएस के तहत 82.89 लाख टन गेहूं बेचा है। चावल की महंगाई दर सालाना आधार पर 13 प्रतिशत पर है और सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले प्रमुख खाद्य कीमतों को लेकर चिंतित है। -
नयी दिल्ली. आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म एक और चार को अधिसूचित कर दिया है। इस फॉर्म को 50 लाख रुपये तक की कुल सालाना आय वाले व्यक्ति और इकाइयां भरते हैं। इससे व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के अलावा, 50 लाख रुपये तक की आय वाली कंपनियां और चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2023-मार्च 2024) में कारोबार और पेशे से आय अर्जित करने वाले वाले लोग इस वित्त वर्ष में अर्जित आय के लिए रिटर्न दाखिल करना शुरू कर सकते हैं। आमतौर पर, वित्त वर्ष के लिए आईटीआर फॉर्म मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में अधिसूचित किये जाते हैं। लेकिन पिछले साल, फॉर्म फरवरी में अधिसूचित किये गए थे। हालांकि, इस साल करदाताओं को जल्दी रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए आईटीआर फॉर्म दिसंबर में ही अधिसूचित कर दिये गये हैं। आईटीआर फॉर्म एक (सहज) और आईटीआर फॉर्म चार (सुगम) सरल फॉर्म हैं। आयकर विभाग ने शुक्रवार को फॉर्म अधिसूचित किये।
सहज को 50 लाख रुपये तक की आय वाले और वेतन, एक घर, अन्य स्रोतों (ब्याज) और 5,000 रुपये तक की कृषि से आय प्राप्त करने वाले निवासी व्यक्ति भर सकते हैं। सुगम फॉर्म वे व्यक्ति, हिंदु अविभाजित परिवार और सीमित देनदारी भागीदारी एलएलपी) वाली कंपनियां भर सकती हैं, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी कमाई कारोबार तथा पेशे से है। -
नयी दिल्ली. एयर इंडिया का पहला चौड़े आकार का ए350-900 विमान यूरोप की प्रमुख विमानन कंपनी एयरबस की फ्रांस स्थित टूलूज इकाई से शनिवार को यहां पहुंचा। बयान के अनुसार, वीटी-जेआरए के तौर पर पंजीकृत विमान राष्ट्रीय राजधानी स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर दोपहर 1.46 बजे उतरा। इसके साथ ही टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन अपने बेड़े में इस प्रकार का विमान रखने वाली भारत में पहली विमानन कंपनी बन गई है। इसमें कहा गया कि डिलिवरी उड़ान विशेष कॉल साइन एआई350 का उपयोग करके संचालित की जाती है।
एयरलाइन ने कहा कि यह विमान एयर इंडिया के 20 एयरबस ए350-900 के ऑर्डर में से पहला है। इसकी मार्च, 2024 तक पांच और विमानों की आपूर्ति निर्धारित है। एयरबस के साथ अपने अब संशोधित 250 विमान ऑर्डर में एयर इंडिया 40 ए350 विमान लेगी, जिनमें 20-20 विमान ए350-900 और ए350-1000 होंगे। साथ ही, 140 विमान अपेक्षाकृत पतले आकार के ए321नियो और 70 विमान ए320नियो विमान होंगे। एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) कैम्पबेल विल्सन ने कहा, “पहले एयरबस ए350-900 का आगमन कई मायनों में विश्व मंच पर भारतीय विमानन क्षेत्र के पुनरुत्थान की घोषणा है।” एयरलाइन पहले ही घोषणा कर चुकी है कि शुरुआत में इस विमान को छोटी दूरी के मार्गों पर संचालित किया जाएगा और बाद में इसे लंबी दूरी की उड़ानों के लिए तैनात किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि नया विमान अगले साल जनवरी में वाणिज्यिक सेवा देने लगेगा। शुरुआत में चालक दल के प्रशिक्षण के लिए घरेलू स्तर पर परिचालन किया जाएगा, इसके बाद अंतरमहाद्वीपीय गंतव्यों के लिए लंबी दूरी की उड़ान भरी जाएगी। - नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए खाद्य तेल (edible oil) के आयात पर लागू सीमा शुल्क में कटौती को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने इस साल जून में कच्चे पाम तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और कच्चे सोया तेल पर कस्टम मार्च 2024 तक 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया था। इनकी कीमतें नियंत्रण से बाहर हो रही थीं। अब इसे मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है।वित्त मंत्रालय की एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि घटी हुई ड्यूटी मार्च 2024 में समाप्त होने वाली थी, लेकिन अब मार्च 2025 तक जारी रहेगी। शुल्क में कटौती से खाद्य तेलों की आयात लागत कम होगी, जिससे घरेलू कीमतें कम होंगी और लोगों को राहत मिलेगी।नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति (Food inflation) बढ़कर 8.70 फीसदी हो गई, जबकि अक्टूबर में 6.61 फीसदी थी। कुल उपभोक्ता मूल्य बास्केट में खाद्य मुद्रास्फीति की हिस्सेदारी लगभग आधी है।अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया रखेगा, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातक भारत ने स्थानीय कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए यह कदम उठा रहा है। सरकार द्वारा यह फैसला चुनावी वर्ष होने के नाते लिया गया होने का प्रतीत हो रहा है।उन्होंने कहा, पिछले 8 से 10 महीनो में खाद्य तेलों के दाम मैं भारी गिरावट आई है लेकिन दूसरी तरफ शुष्क मौसम एवं कई क्षेत्र में बारिश अनियमित एवं कम होने से उत्पादन में कमी होने के आसार हैं और जमीन के अंदर पानी की कमी होने के नाते रवि फसल में भी पिछले वर्षों के मुकाबले कमी होने के आसार है इसलिए सरकार का यह फैसला लिया गया हो सकता है।कच्चे पाम तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और कच्चे सोया तेल पर कम आयात शुल्क संरचना मूल रूप से मार्च 2024 में समाप्त होने वाली थी।भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक देशआदेश के अनुसार, रिफाइनर अब मार्च 2025 तक कम शुल्क पर आयात करना जारी रख सकते हैं। हालांकि इनके अलावा आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है । HS CODE 15071000 क्रूड सोया तेल पर 5 फीसदी, 15111000 क्रूड पाम तेल पर 7.5 फीसदी, 15121110 क्रूड सोया तेल पर 5 फीसदी की ड्यूटी लगती है।भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है। यह अपनी 60 फीसदी आवश्यकता आयात से पूरी करता है। देश मुख्य रुप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल खरीदता है जबकि यह अर्जेंटीना और ब्राजील से सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है।
- नई दिल्ली।क्रिप्टो करेंसी प्लेटफॉर्म कॉइनस्विच की रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में क्रिप्टो निवेशकों की कुल संख्या 1.9 करोड़ से ज्यादा है और इनमें करीब 9 फीसदी महिला निवेशक हैं।रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले 75 फीसदी युवा हैं और इनकी उम्र 18 से 35 साल के बीच है। यह दर्शाता है कि युवाओं की क्रिप्टो में काफी दिलचस्पी है।इस बीच, सिर्फ दिल्ली, बेंगलूरु और मुंबई जैसे महानगरों में क्रिप्टो निवेश के कुल मूल्य का पांचवा हिस्सा है। मूल्य के हिसाब से क्रिप्टो में निवेश के मामले में दिल्ली देश भर में शीर्ष स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में डॉगकॉइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकॉइन था। कुल क्रिप्टो निवेश में इसकी 11 फीसदी हिस्सेदारी रही। इसके बाद बिटकॉइन (8.5 फीसदी) और एथेरियम (6.4 फीसदी) का स्थान रहा।