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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय बैंक घरेलू ऋणदाताओं के ‘कारोबार के मॉडल' पर नजदीकी नजर रखे हुए है क्योंकि खराब रणनीतियों से एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। दास ने अमेरिका में हाल की घटनाओं के लिए खराब कारोबारी मॉडल को भी एक वजह बताते हुए कहा कि भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत बनी हुई है और वैश्विक घटनाक्रमों का इसपर खास प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है। उनका यह बयान सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के कुछ सप्ताह बाद आया है। इस घटनाक्रम से अमेरिका और यूरोप के वित्तीय क्षेत्र में संकट की स्थिति पैदा हो गई है। दास ने कहा कि अमेरिका के हाल के घटनाक्रमों से यह सवाल खड़ा हुआ है कि क्या व्यक्तिगत बैंकों का कारोबारी मॉडल सही था। रिजर्व बैंक प्रवर्तित ‘कॉलेज ऑफ सुपरवाइजर्स' द्वारा वित्तीय क्षेत्र की मजबूती पर एक वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने कहा, ‘‘भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई और कुछ आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय अस्थिरता का इसपर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने अब बैंकों के कारोबारी मॉडल पर नजदीकी निगाह रखनी शुरू की है। इनमें किसी तरह की खामी से संकट पैदा हो सकता है।'' दास ने कहा कि कारोबारी मॉडल कई बार बैंक के बही-खाते के कुछ हिस्सों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है, जो बाद में एक बड़ा संकट बन सकता है। दास ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के दबाव परीक्षणों से पता चलता है कि अत्यंत संकट वाली स्थिति में भी भारतीय बैंक पूंजी पर्याप्तता अनुपात को न्यूनतम जरूरत से ऊपर रखने में सफल रहेंगे।'' उन्होंने बैंकों के प्रबंधन और निदेशक मंडल से नियमित रूप से वित्तीय जोखिम का आकलन करें और पर्याप्त पूंजी और तरलता ‘बफर' बनाने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि बैंकों की लगातार मजबूती और सतत वृद्धि के लिए यह न्यूनतम नियामकीय जरूरत से अधिक होना चाहिए। गवर्नर ने अंशधारकों को सतर्क करते हुए कहा कि दुनियाभर में परंपरा से हटकर नीतियां अपनाई जा रही हैं। ऐसे में वित्तीय क्षेत्र में किसी तरह का ‘आश्चर्य' कहीं से भी देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक भविष्य के लिए भारतीय वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने और इसकी सतत वृद्धि को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। गवर्नर ने कहा कि भारतीय बैकों ने हाल के समय में दबाव और पूंजी बफर के मोर्चे पर सुधार दर्ज किया है। बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां अनुपात दिसंबर, 2022 में घटकर 4.41 प्रतिशत रह गया है, जो मार्च, 2022 में 5.8 प्रतिशत और 31 मार्च, 2021 को 7.3 प्रतिशत था।
- मुंबई।. विदेशी कोषों के प्रवाह तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एवं दूरसंचार कंपनियों के शेयरों में लिवाली बढ़ने से बृहस्पतिवार को घरेलू शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक लगातार चौथे कारोबारी दिन बढ़त के साथ बंद हुए। विश्लेषकों के मुताबिक, इन्फोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख कंपनियों में जमकर लिवाली होने से कारोबारी धारणा को समर्थन मिला। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 348.80 अंक यानी 0.58 प्रतिशत चढ़कर 60,649.38 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 397.73 अंक तक उछल गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 101.45 अंक यानी 0.57 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,915.05 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, भारती एयरटेल, कोटक महिंद्रा बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईटीसी, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और नेस्ले के शेयर लाभ में रहे। दूसरी तरफ हिंदुस्तान यूनिलीवर, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, भारतीय स्टेट बैंक, एशियन पेंट्स और विप्रो के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप 0.62 प्रतिशत चढ़ गया, जबकि मिडकैप में 0.52 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं। विदेशी निवेशकों का पूंजी प्रवाह बढ़ने और सकारात्मक तिमाही नतीजों से उसे बल मिल रहा है। हालांकि, अगले सप्ताह आने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति पर करीबी नजर रहेगी।'' रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘वायदा अनुबंधों का मासिक निपटान होने के दिन बाजार में मजबूती बनी रही। चौतरफा तेजी के दौर में रियल्टी, आईटी और वाहन क्षेत्रों को सर्वाधिक लाभ हुआ।'' एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में बढ़त दर्ज की गई। यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में सकारात्मक दिशा में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बुधवार को काफी हद तक गिरावट के साथ बंद हुए थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.40 प्रतिशत चढ़कर 78.07 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशक एक बार फिर से खरीदार साबित हुए हैं। एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बुधवार को 1,257.48 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की।
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नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में मजबूती के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव 520 रुपये के उछाल के साथ 61,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 440 रुपये की तेजी के साथ 75,340 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 520 रुपये की तेजी के साथ 61,120 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,999 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी भी तेजी के साथ 25.05 डॉलर प्रति औंस हो गई। -
नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने बुधवार को कहा कि वह 10 लाख वाहनों की उत्पादन क्षमता वाले एक नए संयंत्र की स्थापना पर विचार कर रही है। घरेलू बाजार के साथ निर्यात की बढ़ती मांग पूरा करने के लिए यह संयंत्र लगाने की योजना है। एमएसआई के चेयरमैन आर सी भार्गव ने मार्च तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में इस नए संयंत्र की स्थापना से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संयंत्र इस समय हरियाणा के सोनीपत में निर्माणाधीन संयंत्र से अलग स्थापित किया जाएगा। हालांकि, अभी नए संयंत्र पर किए जाने वाले निवेश और उसकी जगह के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन कंपनी के निदेशक मंडल ने 10 लाख वाहन उत्पादन की वार्षिक क्षमता वाला नया संयंत्र लगाने के प्रस्ताव को सिद्धांत रूप से स्वीकार कर लिया है। एमएसआई के मुताबिक, नया संयंत्र चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया जाएगा। इसे बाजार की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए क्रमशः विकसित किया जाएगा। दिग्गज वाहन कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में करीब 8,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करने का लक्ष्य रखा है। समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 में इसने 6,300 करोड़ रुपये चिह्नित किए थे। कंपनी के पास मार्च, 2023 के अंत में करीब 45,000 करोड़ रुपये की नकदी थी। मारुति फिलहाल करीब 11,000 करोड़ रुपये की लागत से सोनीपत के खरखोदा में अपना नया संयंत्र लगा रही है। करीब 2.5 लाख वाहन प्रति वर्ष की शुरुआती क्षमता वाले इस संयंत्र के 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है। सोनीपत संयंत्र की कुल क्षमता 10 लाख वाहन की होगी। भार्गव ने कहा, ‘‘हमने सुजुकी के साथ मिलकर अगले आठ साल में आने वाली अनुमानित मांग का जायजा लिया। ऐसी उम्मीद है कि खरखोदा संयंत्र की पूरी क्षमता का इस्तेमाल हो जाएगा। ऐसे में हमने 10 लाख वाहनों की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता खड़ी करने का फैसला किया है।'' उन्होंने कहा कि नए संयंत्र के वित्तपोषण के लिए कंपनी आंतरिक स्रोतों का सहारा लेगी। हालांकि, उन्होंने नए संयंत्र पर किए जाने वाले निवेश का आंकड़ा नहीं बताया लेकिन इसके सोनीपत संयंत्र पर हो रहे निवेश से थोड़ा अधिक होने के संकेत जरूर दिए। मारुति के फिलहाल दो संयंत्र मानेसर और गुरुग्राम में हैं जिनकी सालाना क्षमता करीब 15 लाख वाहनों की है। इसके अलावा कंपनी 7.5 लाख इकाइयों की क्षमता वाली सुजुकी मोटर गुजरात (एसएमजी) के साथ अनुबंधित उत्पादन भी करती है। कंपनी ने कहा कि टोयोटा के साथ साझेदारी के तहत उसे एक तीन कतार वाला एक बड़ा हाइब्रिड मॉडल मिलने वाला है। भार्गव के मुताबिक, कंपनी वर्ष 2030 तक अपने पोर्टफोलियो में छह इलेक्ट्रिक मॉडल जोड़ने का लक्ष्य रखती है। इनमें से अधिकांश मॉडल एसयूवी खंड में होंगे।
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मुंबई. वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को चुनिंदा शेयरों में जोरदार लिवाली होने से मानक सूचकांक लगातार तीसरे दिन बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 169.87 अंक यानी 0.28 प्रतिशत चढ़कर 60,300.58 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 232.08 अंक तक उछल गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 44.35 अंक यानी 0.25 प्रतिशत बढ़त के साथ 17,813.60 अंक पर पहुंच गया। विश्लेषकों के मुताबिक, इंडसइंड बैंक, नेस्ले इंडिया और एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी बड़ी कंपनियों में मांग आने से कारोबारी गतिविधियां तेज रहीं। हालांकि, विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने और कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से तेजी की रफ्तार पर असर पड़ा। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में पावरग्रिड में सर्वाधिक 2.59 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके साथ इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, नेस्ले, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी के शेयरों में भी तेजी रही। दूसरी तरफ बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में 0.84 प्रतिशत तक की गिरावट रही। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.97 प्रतिशत चढ़ गया जबकि स्मॉलकैप में 1.29 प्रतिशत की बढ़त रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजारों में काफी हद तक अमेरिकी बाजारों की छाया हावी रही। हालांकि, अमेरिकी वायदा में सुधार से बाजार की स्थिति कुछ बेहतर हुई। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड में इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार को वायदा एवं विकल्प सौदों का मासिक निपटान होने वाला है लिहाजा निवेशक अपनी स्थिति को बरकरार रखना चाह रहे हैं। लेकिन वैश्विक कमजोरी के बीच बाजार का टिके रहना अपने बुनियादी पहलुओं के मजबूत रहने का संकेत है।" एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग चढ़कर बंद हुआ, जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे। यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे। एक दिन पहले अमेरिकी बाजारों में बड़ी गिरावट आई थी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.17 प्रतिशत चढ़कर 80.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों से पूंजी की निकासी जारी रखी है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने मंगलवार को 407.35 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। -
नयी दिल्ली. देश की प्रमुख वाहन कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के सभी वाहन अब कड़े उत्सर्जन मानकों के अनुरूप होंगे। कंपनी ने भारत चरण-छह (बीएस-छह) व्यवस्था के तहत उत्सर्जन नियमों का कड़ाई से पालन करने के उद्देश्य से अपने सभी श्रेणी के वाहनों को उन्नत किया है। कंपनी ने मंगलवार को बयान में कहा कि सभी हैचबैक, सेडान, एमपीवी (बहु-उद्देश्यीय वाहन), एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल) और वाणिज्यिक वाहन अब नये बीएस-छह के दूसरे चरण के वास्तविक ड्राइविंग उत्सर्जन नियमन के अनुरूप होंगे। साथ ही यह ई-20 ईंधन यानी 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण वाले ईंधन के भी अनुकूल हैं। बीएस-छह मानकों के दूसरे चरण का मुख्य आधार वास्तविक ड्राइविंग उत्सर्जन नियमन है।
इसमें कहा गया है कि नया वास्तविक ड्राइविंग उत्सर्जन अनुपालन व्यवस्था के तहत मारुति सुजुकी की कारों में उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली की वास्तविक समय पर निगरानी के लिये एक अत्याधुनिक प्रणाली होगी। यह किसी भी गड़बड़ी के मामले में चालकों को सूचित करेगी। मारुति की कार इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण (ईएससी) प्रणाली से लैस होगी। इस प्रणाली से गाड़ी चलाते समय चालकों का प्रतिकूल परिस्थिति में भी कार पर पूरी तरह से नियंत्रण बना रहता है। कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने कहा, ‘‘मारुति सुजुकी में हम अपने वाहनों से उत्सर्जन को कम करने के लिये हमेशा नये उपाय कर रहे हैं। सरकार का नए बीएस-छह दूसरे चरण के मानदंडों को शामिल करने का कदम वाहनों से उनके पूरे जीवनकाल में उत्सर्जन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मारुति सुजुकी फिलहाल देश में 15 मॉडल बेचती है। -
मुंबई. इलेक्ट्रिक मोइलेबिलिटी स्टार्टअप जिप इलेक्ट्रिक ने कहा कि वर्ष 2024 तक अंतिम छोर तक डिलिवरी की सुविधा देने के लिए उसकी योजना जोमैटो के साथ मिलकर एक लाख इलेक्ट्रिक स्कूटर तैनात करने की है। जिप इलेक्ट्रिक ने बयान में कहा कि समझौते के तहत, कंपनी देश भर के विभिन्न शहरों में अंतिम छोर तक डिलिवरी सुविधा के लिए जोमैटो को डिलिवरी भागीदारी भी प्रदान करेगी। कंपनी ने कहा कि टिकाऊ परिवहन योजना के हिस्से के रूप में इस समय उसके 13,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेवा में हैं। कंपनी का लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन में 3.5 करोड़ किलोग्राम तक की कमी लाना है। बयान में कहा गया है कि कंपनी का 2024 तक ईवी के जरिये से एक करोड़ से अधिक हरित डिलिवरी प्राप्त करने का लक्ष्य है।
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मुंबई. देश में शारीरिक श्रम की प्रधानता वाले रोजगार की कुल संख्या मार्च में सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 57,11,154 हो गई। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च के महीने में सुरक्षा सेवाओं में कार्यरत कामगारों की जरूरत बढ़ने से कुल श्रम-बहुल रोजगार में बढ़ोतरी दर्ज की गई। एक साल पहले मार्च, 2022 में श्रम-बहुल रोजगार की संख्या 53,38,456 रही थी। डिजिटल रोजगार मंच ‘बिलियन करियर्स' की तरफ से तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल की तुलना में देश में सुरक्षा सेवाओं से जुड़े रोजगारों की संख्या तिगुनी हो गई है। मार्च के महीने में इस श्रेणी के रोजगार सालाना आधार पर 219 प्रतिशत बढ़ गए। क्वेस कॉर्प की अनुषंगी इकाई बिलियन करियर्स की यह रिपोर्ट कहती है कि कंपनियां अब मिलनसार, दोस्ताना और कार्यस्थल पर विवाद निपटाने की क्षमता रखने वाले सुरक्षा गार्ड को रखना पसंद कर रही हैं। इनकी बढ़ती संख्या सुरक्षित कामकाजी माहौल को अहमियत देने का सबूत है। मार्च, 2022 से मार्च, 2023 तक के आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल भर पहले की तुलना में प्रशासनिक एवं मानव संसाधन कार्यों से जुड़े रोजगार में भी 61.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। बिलियन करियर्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमित निगम ने कहा, ‘‘बदलते आर्थिक परिवेश के बावजूद श्रम-बहुल कार्यों की मांग सुरक्षा और प्रशासनिक गतिविधियों में बढ़ी है। यह कार्यस्थल पर विभिन्न पक्षों को संभाल सकने वाले पेशेवरों की बढ़ती जरूरत को दर्शाता है।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में मंगलवार को कहा कि भारत को कृषि उत्पादन में कमी, दामों में वृद्धि और भूराजनीतिक परिवर्तन जैसे संभावित जोखिमों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। मंत्रालय ने मासिक आर्थिक समीक्षा के मार्च संस्करण में कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अनुमानों के अनुरूप है लेकिन कुछ कारक ऐसे भी हैं जो वर्तमान की अनुमानित वृद्धि और मुद्रास्फीति के परिणामों के अनुकूल संयोजन को प्रभावित कर सकते हैं। समीक्षा में कहा गया, ‘‘अल नीनो जिससे सूखे जैसे हालात बन सकते हैं, कृषि उपज में कमी और दामों में वृद्धि, भूराजनीतिक परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक स्थिरता जैसे संभावित जोखिमों को देखते हुए सतर्क रहना होगा, यह आवश्यक है।'' इसमें कहा गया कि ये तीनों कारक वर्तमान की अनुमानित वृद्धि और मुद्रास्फीति के परिणामों के अनुकूल संयोजन को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें कहा गया कि महामारी और भूराजनीतिक संघर्ष के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 में मजबूत रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘अर्थव्यवस्था में मजबूती देखी जा रही है, इसके सात प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है जो अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि की तुलना में अधिक है। चालू खाता घाटे में सुधार, मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और नीतिगत दरों में वृद्धि का सामना करने के लिए पर्याप्त मजबूती वाली बैंकिंग प्रणाली से वृहद आर्थिक स्थिरता बढ़ती दिख रही है और इससे वृद्धि दर और भी टिकाऊ बनी है।'' वित्तीय क्षेत्र के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकिंग क्षेत्र पर निगरानी बढ़ाई है और इसके दायरे में आने वाले संस्थान बढ़े हैं। बैंकों पर दबाव का परीक्षण भी समय-समय पर किया जाता है। समीक्षा के मुताबिक जमा की तेजी से निकासी होने की आशंका नहीं है क्योंकि 63 प्रतिशत जमा परिवारों द्वारा किए जाते हैं जो निकासी जल्द नहीं करते। इन सब कारकों की वजह से भारत के बैंक अमेरिका और यूरोप के बैंकों से अलग हैं। हालांकि 2021-22 में पूरे वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 5.5 प्रतिशत था जो 2022-23 में बढ़कर 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गया लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यह 2022-23 की दूसरी छमाही में 6.1 प्रतिशत पर ही रहा जो पहली छमाही में 7.2 प्रतिशत था। इसमें कहा गया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय जिसों के दामों में नरमी, सरकार के त्वरित कदमों और आरबीआई की मौद्रिक सख्ती ने घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति को काबू करने में मदद दी। परिवारों और व्यवसायों के लिए विभिन्न सर्वेक्षणों में भी ऐसा देखा गया है कि मुद्रास्फीति संबंधी अपेक्षाएं भी स्थिर प्रतीत हो रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि चालू खाता घाटे के कम होने, विदेशी पूंजी की आवक से विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हो रही है।
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नयी दिल्ली. वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बोलेरो मैक्स पिक-अप की नई श्रृंखला पेश की है। कंपनी ने मंगलवार नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलेरो पिक-अप की नई श्रृंखला के तहत आठ नए वाहन पेश किए। इस श्रृंखला में वाहनों की शुरुआती कीमत 7.85 लाख रुपये है। इस श्रृंखला में वाहन दो खंडों- एचडी और सिटी में पेश किए गए हैं। एचडी में एचडी 2.0 एल, 1.7 एल और 1.7, 1.3 वाहन हैं जबकि सिटी खंड में सिटी 1.3, 1.4, 1.5 और सिटी सीएनजी वाहन हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव खंड के अध्यक्ष विजय नाकरा ने कहा, “भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया' पहल के प्रति समर्पित कंपनी के तौर पर हम न सिर्फ ग्राहक केंद्रित बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि के लिए उत्पाद बनाते हैं।” उन्होंने बताया कि नई श्रृंखला में वीएक्सआई खंड अत्याधुनिक आईमैक्स तकनीक से लैस है, जिसमें 50 से ज्यादा ‘फीचर्स' हैं, जिन्हें मोबाइल ऐप से संचालित किया जा सकता है। छह भाषाओं में संचालित आईमैक्स से वाहन की निगरानी करने, रास्ता पता करने, खर्च प्रबंधन आदि में मदद मिलेगी।
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नयी दिल्ली. टाटा स्टील ने सोमवार को कहा कि उसने जमशेदपुर स्थित अपने संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस में हाइड्रोजन गैस का परीक्षण शुरू कर दिया है। कंपनी के जमशेदपुर स्थित संयंत्र में छह ब्लास्ट फर्नेस हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, ''टाटा स्टील ने जमशेदपुर में 'ई' ब्लास्ट फर्नेस में 40 प्रतिशत अंतक्षेपण (इंजेक्शन) प्रणाली का उपयोग करके हाइड्रोजन गैस के अंतक्षेपण का परीक्षण शुरू किया है। यह दुनिया में पहली बार है कि ब्लास्ट फर्नेस में इतनी बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन गैस को लगातार अंतक्षेपित किया जा रहा है।'' यह परीक्षण 23 अप्रैल को शुरू हुआ और इसके लगातार 4-5 दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है।
बयान में कहा गया कि हरित ईंधन से ब्लास्ट फर्नेस को चलाने से जीवाश्म ईंधन की खपत घटेगी और कार्बन उत्सर्जन कम होगा। -
नयी दिल्ली. देश की प्रमुख कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने सोमवार को घरेलू बाजार में अपनी नयी कॉम्पैक्ट एसयूवी ‘फ्रोंक्स' को पेश किया। इसकी दिल्ली में शोरूम कीमत 7.46 लाख रुपये से 13.13 लाख रुपये के बीच है। फोंक्स को 1.2-लीटर पेट्रोल और एक लीटर टर्बो बूस्टरजेट इंजन विकल्पों के साथ पेश किया गया है। इस मॉडल के 1.2 लीटर संस्करण की कीमत 7.46 लाख रुपये से 9.27 लाख रुपये के बीच है।
एक लीटर टर्बो बूस्टरजेट इंजन संस्करण की दिल्ली में शोरूम कीमत 9.72 लाख रुपये से 13.13 लाख रुपये के बीच है। एमएसआई ने इस साल की शुरुआत में ‘वाहन प्रदर्शनी-2023' में फ्रोंक्स का वैश्विक स्तर पर अनावरण किया था। एमएसआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेउची ने बयान में कहा कि कंपनी को ग्राहकों और उद्योग के रुझानों की विविध जरूरतों को समझने में सबसे आगे रहने पर गर्व है। उन्होंने कहा, ‘‘ब्रेजा के साथ हमारी सफलता इस प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। एसयूवी के प्रति ग्राहकों की प्राथमिकताओं में तेजी से बदलाव के साथ हमने उद्योग में एक नए उप-खंड की शुरुआत को पहचाना है।'' ताकेउची ने कहा, ‘‘फ्रोंक्स की पेशकश इस श्रेणी के विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में हमारे नए दृष्टिकोण का हिस्सा है।'' -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विभिन्न मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए चार सहकारी बैंकों पर 44 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें चेन्नई स्थित तमिलनाडु स्टेट एपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक पर 16 लाख रुपये जुर्माना लगा है। आरबीआई ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा, बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है क्योंकि यह निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष (डीईएएफ) में पात्र राशि को स्थानांतरित करने में विफल रहा और उसे देरी से स्थानांतरित किया गया। बैंक ने एक अन्य विज्ञप्ति में कहा, पुणे स्थित जनता सहकारी बैंक पर ‘जमा पर ब्याज दर' के निर्देशों का पालन नहीं करने पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तमिलनाडु स्टेट एपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया गया है क्योंकि यह निर्धारित अवधि के भीतर पात्र राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में स्थानांतरित करने में विफल रहा। यह निर्धारित समयसीमा के भीतर धोखाधड़ी की सूचना नाबार्ड को देने में भी विफल रहा और देरी से इसकी सूचना दी। कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए राजस्थान के बारां स्थित बारां नागरिक सहकारी बैंक पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कुल प्रीमियम 17 प्रतिशत बढ़कर 2.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2021-22 में एलआईसी का कुल प्रीमियम संग्रह 1.99 लाख करोड़ रुपये रहा था। बीमा प्रीमियम के संग्रह के मामले में एलआईसी मार्च 2023 के अंत में 62.58 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की अव्वल बीमा कंपनी रही। जीवन बीमा परिषद के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च में निजी बीमा कंपनियों के प्रीमियम संग्रह में भी खासा उछाल दर्ज किया गया है। सूचीबद्ध बीमा कंपनियों में से एलआईसी की समाप्त वित्त वर्ष में प्रीमियम वृद्धि दर एचडीएफसी लाइफ (18.83 प्रतिशत) के बाद दूसरे स्थान पर रही। एसबीआई लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की प्रीमियम वृद्धि दर क्रमशः 16.22 प्रतिशत और 12.55 प्रतिशत रही। मार्च, 2023 में एलआईसी का व्यक्तिगत खंड में प्रीमियम संग्रह 10,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा जो सभी जीवन बीमा कंपनियों में सर्वाधिक है।
- मुंबई. भारत में इस वर्ष 90 प्रतिशत कर्मियों को अपने वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। सोमवार को जारी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट की ‘पीपल एट वर्क 2023: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू' रिपोर्ट में बताया गया, “भारत में, 90 प्रतिशत कर्मचारियों ने इस साल वेतनवृद्धि की उम्मीद जताई है। इस सर्वे में शामिल लगभग 20 प्रतिशत कर्मचारी चार-छह प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं 19 प्रतिशत कर्मी 10-12 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।” रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 78 प्रतिशत कर्मियों की पिछले वर्ष औसतन चार-छह प्रतिशत वेतन वृद्धि हुई थी। यह रिपोर्ट 17 देशों के 32,000 कर्मियों के सर्वे पर आधारित है। इनमें भारत के 2,000 कर्मी शामिल हैं।
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नयी दिल्ली. सरकार की गेहूं खरीद चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अबतक 12 प्रतिशत बढ़कर 111 लाख टन हो गई है। साल भर पहले की समान अवधि में यह 99 लाख टन रही थी। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘गेहूं की खरीद का काम सुचारू ढंग से चल रहा है।'
अधिकारी ने कहा कि खरीद प्रक्रिया से अबतक लगभग 11,89,237 किसान लाभान्वित हुए हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मद पर 23,663.63 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हाल ही में बेमौसम बारिश के कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी और केंद्र ने पांच राज्यों - मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है जो राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करती है। खरीद न केवल किसानों के हितों की रक्षा के लिए की जाती है बल्कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए भी की जाती है। सरकार ने विपणन वर्ष 2023-24 के लिए 3.42 करोड़ टन का खरीद लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि वर्ष 2022-23 में 1.9 करोड़ टन की वास्तविक खरीद की गई थी। पिछले साल गर्मी की लू के कारण घरेलू गेहूं उत्पादन में गिरावट के कारण गेहूं की खरीद में कमी आई थी।
हालांकि, इस साल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन रहने का अनुमान है और सरकार को हाल की बेमौसम बारिश के प्रभाव के बावजूद इस लक्ष्य को हासिल करने का भरोसा है।
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नयी दिल्ली. वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 345 रुपये के नुकसान के साथ 60,065 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,410 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत भी 675 रुपये की गिरावट के साथ 74,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 345 रुपये की गिरावट के साथ 60,065 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,982 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी भी घटकर 24.95 डॉलर प्रति औंस पर रही। सोमवार को एशियाई कारोबार के घंटों में सोने की कीमतों में गिरावट रही। -
नई दिल्ली। प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे अच्छे रहने और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने से निवेशकों की धारणा सुधरने के कारण सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार गुलजार रहे। आज के कारोबार में सेंसेक्स 401 अंकों की उछाल के साथ फिर से 60 हजारी हो गया। वहीं, निफ्टी (Nifty) में 119.35 अंकों की जबरदस्त तेजी दर्ज की गई और कारोबार के अंत में निफ्टी 17,743.40 पर बंद हुआ।
BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 401.04 अंक यानी 0.67 फीसदी मजबूत होकर 60,056.10 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 60,101.64 की ऊंचाई तक गया और नीचे में 59,620.11 तक आया। वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी में 119.35 अंकों की जबरदस्त तेजी देखी गई। निफ्टी कारोबार के अंत में 17,743.40 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 17,754.50 की उंचाई तक गया और नीचे में 17,612.50 तक आया।आज के कारोबार में सेंसेक्स के शेयरों में 23 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। विप्रो, ICICI, एक्सिस बैंक, टाइटन और SBI सेंसेक्स के टॉप 5 गेनर्स रहे। सबसे ज्यादा मुनाफा विप्रो के शेयरों को हुआ। इसके शेयर करीब 2.69 फीसदी तक चढ़े।वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के शेयरों में 7 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, मारुति, भारती एयरटेल और महिंद्रा एंड महिंद्रा सेंसेक्स के टॉप 5 लूजर्स रहे। सबसे ज्यादा नुकसान इंडसइंड बैंक के शेयरों को हुआ। इसके शेयर करीब 1.24 फीसदी तक गिर गए। एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही। यूरोपीय बाजार भी दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। पिछले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में मिला-जुला रुख देखा गया था। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.21 फीसदी की गिरावट के साथ 81.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का बिकवाली का रुख जारी रहा। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 2,116.76 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। -
नई दिल्ली। देश की प्रमुख कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने सोमवार को घरेलू बाजार में अपनी नयी कॉम्पैक्ट एसयूवी ‘फ्रोंक्स’ को पेश किया। इसकी दिल्ली में शोरूम कीमत 7.46 लाख रुपये से 13.13 लाख रुपये के बीच है।‘फ्रोंक्स’ को 1.2-लीटर पेट्रोल और एक लीटर टर्बो बूस्टरजेट इंजन विकल्पों के साथ पेश किया गया है। इस मॉडल के 1.2 लीटर संस्करण की कीमत 7.46 लाख रुपये से 9.27 लाख रुपये के बीच है। एक लीटर टर्बो बूस्टरजेट इंजन संस्करण की दिल्ली में शोरूम कीमत 9.72 लाख रुपये से 13.13 लाख रुपये के बीच है। एमएसआई ने इस साल की शुरुआत में ‘वाहन प्रदर्शनी-2023’ में फ्रोंक्स का वैश्विक स्तर पर अनावरण किया था।
एमएसआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेउची ने बयान में कहा कि कंपनी को ग्राहकों और उद्योग के रुझानों की विविध जरूरतों को समझने में सबसे आगे रहने पर गर्व है।उन्होंने कहा, ‘‘ब्रेजा के साथ हमारी सफलता इस प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। एसयूवी के प्रति ग्राहकों की प्राथमिकताओं में तेजी से बदलाव के साथ हमने उद्योग में एक नए उप-खंड की शुरुआत को पहचाना है।’’ताकेउची ने कहा, ‘‘फ्रोंक्स की पेशकश इस श्रेणी के विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में हमारे नए दृष्टिकोण का हिस्सा है।’’ -
नई दिल्ली। विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफोर्मेन्स इन्डेक्स में भारत 38वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2014 में भारत इस सूची में 54-वें स्थान पर था। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे उत्साहजनक बताया है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार द्वारा किये जा रहे सुधारों और माल भंडारण तथा परिवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार से लागत कम होगी और देश का कारोबार अधिक प्रतिस्पर्धी होगा।
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नई दिल्ली। भारतीय-अमेरिकी कारोबारी दिग्गज अजय बंगा असाधारण उम्मीदवार हैं और वह बेहद नाजुक दौर में विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अमेरिका ने बंगा के बारे में यह राय देते हुए कहा कि विश्व बैंक औपचारिक रूप से अपने अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति की घोषणा करने की योजना बना रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फरवरी में कहा था कि उनका देश बंगा को विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए नामित करेगा। विश्व बैंक ने 31 मार्च को अपने अगले अध्यक्ष पद के लिए नामांकन बंद कर दिया था।वैश्विक वित्तीय संस्थान ने कहा कि बंगा इस पद के लिए एकमात्र आवेदक हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ”वह (बंगा) ऐसे नाजुक दौर में विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और वह एक असाधारण उम्मीदवार हैं।”पटेल ने कहा, ”उनके नेतृत्व कौशल, प्रबंधन के अनुभव और वित्तीय क्षेत्र में उनके अनुभव से अत्यधिक गरीबी को दूर करने और खुशहाली लाने के विश्व बैंक के उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।”बंगा मास्टरकार्ड के प्रमुख रह चुके हैं और इस समय जनरल अटलांटिक में वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं। विश्व बैंक के नए प्रमुख को मई की शुरुआत तक चुने जाने की उम्मीद है। -
मुंबई. विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस वर्ष नीतिगत दरों में कोई बदलाव न करने का रुख कायम रख सकता है और वर्ष 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती भी की जा सकती है। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला कर तमाम विश्लेषकों को चौंका दिया था। इस नीतिगत समीक्षा बैठक के हाल में जारी ब्योरे को देखते हुए विशेषज्ञों को लगता है कि मुद्रास्फीति में नरमी आने के साथ दरों में कटौती भी शुरू हो जाएगी। केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। इससे पहले, आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि आरबीआई 2023 में भी दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगा और मार्च 2024 में खत्म होने वाली तिमाही में दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।'' इस बयान में कहा गया कि चार प्रतिशत मुद्रास्फीति का लक्ष्य तो निकट भविष्य के लिए रखा ही नहीं गया है और आरबीआई इसे कमजोर वृद्धि की कीमत पर प्राप्त भी नहीं करना चाहेगा। घरेलू ब्रोकरेज कंपनी कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि एमपीसी की अप्रैल बैठक के ब्योरे से मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर सदस्यों की चिंता झलकती है। इसके अलावा 2023-24 में दरों में लंबे समय तक कोई बदलाव नहीं किए जाने का अनुमान है क्योंकि मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से ऊपर ही बनी रहने वाली है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अनुमान जताया है कि अक्टूबर से दरों में कटौती हो सकती है।
- नयी दिल्ली ।मारुति सुजुकी इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि वह बलेनो आरएस मॉडल की 7,213 इकाइयों को वापस मंगा रही है। कंपनी को आशंका है कि इस कार के वैक्यूम पंप (ब्रेक फंक्शन में मदद देने वाला पुर्जा) में खामी है। कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि 27 अक्टूबर 2016 से एक नवंबर 2019 के बीच विनिर्मित इस मॉडल के वाहनों को वापस लिया जाएगा।मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि ब्रेक फंक्शन में मदद करने वाला वैक्यूम पंप में संभवत: खराबी है। प्रभावित वाहन में ब्रेक पैडल को दबाने में मुश्किल भी आ सकती है।’’ कंपनी ने कहा कि प्रभावित वाहनों के मालिकों को मारुति सुजुकी की अधिकृत डीलर कार्यशालाओं से खराब कलपुर्जों को बदलने के बारे में जानकारी मिलेगी। इन्हें नि:शुल्क बदला जाएगा।कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट में यह भी कहा कि वह 24 जून 2022 से सात जुलाई 2022 के बीच विनिर्मित अर्टिगा और एक्सएल6 मॉडल के 676 वाहनों के लिए सर्विस अभियान भी चलाएगी, उसमें भी आगे के ड्राइवशाफ्ट में खामी होने की आशंका है। इस वर्ष जनवरी में कंपनी ने आल्टो के10, एस-प्रेसो, इको, ब्रेजा, बलेनो और ग्रांड विटारा में एयरबैग कंट्रोलर में खामी की वजह से 17,362 इकाइयां वापस ली थीं।
- मुंबई। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 1.65 अरब डॉलर बढ़कर 586.41 अरब डॉलर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशीमुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही है। इससे पिछले सप्ताह, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.30 अरब डॉलर बढ़कर 584.75 अरब डॉलर हो गया था। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 14 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में, मुद्राभंडार का अहम हिस्सा, विदेशीमुद्रा आस्तियां 4.20 अरब डॉलर बढ़कर 516.63 अरब डॉलर हो गयी।डॉलर में अभिव्यक्त किये की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है।रिजर्व बैंक ने कहा कि स्वर्ण भंडार का मूल्य आलोच्य सप्ताह में 52.1 करोड़ डॉलर घटकर 46.125 अरब डॉलर रह गया।आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 3.8 करोड़ डॉलर घटकर 18.412 अरब डॉलर रह गया। समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.19 अरब डॉलर रहा।
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नई दिल्ली। देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का पिछले वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 19 फीसदी बढ़कर 19,299 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का यह अब तक का सर्वाधिक तिमाही लाभ है।
रिलायंस ने शुक्रवार शाम को जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के वित्तीय नतीजों की सूचना शेयर बाजारों को भेजी। इसके मुताबिक, एक साल पहले की समान तिमाही में उसने 16,203 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। रिलायंस इंडस्ट्रीज का वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी एवं अंतिम तिमाही में परिचालन राजस्व भी एक साल पहले के 2.11 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.16 लाख करोड़ रुपये हो गया। समूचे वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का शुद्ध लाभ 66,702 करोड़ रुपये जबकि कुल राजस्व लगभग नौ लाख करोड़ रुपये रहा।