बैंकों का बढ़ता ऋण बैंकिंग उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती
मुंबई। भारतीय रिवर्ज बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि बैंकों का बढ़ता ऋण बैंकिंग उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ऋण वृद्धि दर कुछ कम होकर सात और साढ़े सात के बीच हो गई है। शक्तिकांत दास ने बैंको द्वारा सावधानीपूर्वक ऋण देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुम्बई में वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन-मिन्ट को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि अधिक ऋण देने की सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई उपाय किये गये हैं। इनमें रेपो दर कम करना, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराना और दीर्घावधि रेपो गतिविधियां शामिल हैं। शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली का सुदृढ़ होना इसके कॉरपोरेट गवर्नेंस की मजबूती पर निर्भर है, इससे नीतिपरक अनुपालन संस्कृति की स्थितियां बनती हैं।
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