फिक्की ने एल्युमीनियम, इसके उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की
नयी दिल्ली। उद्योग मंडल फिक्की ने आगामी बजट 2023-24 में एल्युमीनियम और उसके उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर कम से कम 12.5 प्रतिशत करने की मांग की है। फिक्की ने एक बयान में कहा कि इससे एल्युमीनियम उत्पादों को फेंके जाने पर लगाम लगने के साथ-साथ घरेलू उत्पादकों की वृद्धि और पुनर्चक्रण को बढ़ावा मिलेगा। एल्युमीनियम और इसके उत्पादों पर मौजूदा आयात शुल्क 10 प्रतिशत है।
फिक्की ने एक बयान में कहा कि हालांकि, हालिया वर्षों में खराब गुणवत्ता के एल्युमीनियम उत्पादों के विशेष रूप से चीन से आयात में वृद्धि हुई है। इसके अलावा भारत में अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया और पश्चिम एशिया से भी एल्युमीनियम का आयात होता है। इनमें से कई देश अपने घरेलू उद्योगों को कम ब्याज दरों पर ऋण और सस्ती बिजली जैसी छूट और लाभ देकर फायदा पहुंचाते हैं। वर्तमान में भारत की लगभग 60 प्रतिशत एल्युमीनियम मांग की आपूर्ति आयात से हो रही है।
फिक्की ने घरेलू विनिर्माताओं को बढ़ावा देने और आयात में कमी लाने के लिए कई प्रमुख पदार्थों पर उल्टे शुल्क ढांचे को तर्कसंगत करने की भी मांग की है। उल्टा शुल्क अभी 7.5 प्रतिशत है, जिसे 2.5 प्रतिशत किए जाने की मांग की गई है। उल्टा शुल्क ढांचे में तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर शुल्क अधिक लगाया जाता है। फिक्की ने एल्युमीनियम जैसे उद्योगों की मदद के लिए कोयले से उपकर हटाने की भी मांग की है।
वित्त मंत्री एक फरवरी को संसद में 2023-24 का आम बजट पेश करेंगी।
Leave A Comment